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विश्वविख्यात रामलीला मंचन का प्रतीक बनेगा अन्तर्राष्ट्रीय राम महोत्सव-23

विश्वविख्यात रामलीला मंचन का प्रतीक बनेगा अन्तर्राष्ट्रीय राम महोत्सव-23, लोक संस्कृति के समागम में शामिल होंगे साधु-संतों समेत प्रसिद्द नेता-अभिनेता

अंतर्राष्ट्रीय राम महोत्सव में जुटेंगे नेता-अभिनेता समेत देशी-विदेशी कलाकार, 5 दिन तक आयोजित होंगी लोक गीत-नृत्य-व्यंजनों से जुड़ी विभिन्न प्रतियोगिताएं ओरछा में अंतर्राष्ट्रीय राम महोत्सव 23 के भव्य आयोजन की तैयारियां शुरू, आध्यात्म, सिनेमा और रंगमंच की प्रसिद्द हस्तियां होंगी शामिल

– _प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भेजा शुभकामना सन्देश, एकत्रित होंगे टीवी रामायण के प्रमुख पात्र
– 5 से 9 अप्रैल तक राजा राम की नगरी में जुटेंगे साधू-संत, विद्वानों समेत राजनीति सिनेमा से जुड़े कई सितारे
– फिल्में, चित्रकला, लोकनृत्य, यज्ञ, रामलीला आदि मार्मिक प्रदर्शित
– बुंदेली कलाकारों संग राम स्तुति करते नज़र आएंगे राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कलाकार

भोपाल 21 मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता, राजा राम की नगरी ओरछा में आयोजित होने जा रहे 5 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय राम महोत्सव की तैयारियां अपने चरम पर हैं। 5 से 9 अप्रैल तक ओरछा के रुद्राणी कलाग्राम एवं शोध संस्थान में आयोजित होने वाले इस भव्य समारोह में भगवान राम पर आधारित फिल्में, चित्रकला, लोकनृत्य, यज्ञ, रामलीला आदि की प्रदर्शनी व प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। कार्यक्रम में यूपी-एमपी के दर्जनों नेता मंत्रियों समेत कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय कलाकार शिरकत करेंगे। समारोह के अंतर्गत घुमन्तु सिनेमा का गांव गांव भ्रमण होगा। इसमें राम कथा आधारित फिल्म दिखाई जाएगी तथा राज्य एवं केंद्र की लोक कल्याणकारी योजना को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। रात्रि में सांस्कृतिक संध्या पर विश्वविख्यात रामलीला का मंचन होगा। जबकि प्रातः काल श्री राम यज्ञ व ध्यान योग होंगे। इस दौरान श्री राम भजन, छायाचित्र, चित्रकला आदि प्रतियोगिताएं अयोजित की जाएगी। इसके अतिरिक्त लोक व्यंजन, लोक वाद्ययंत्र, लोक गीत, नृत्य आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा। कार्यक्रम के संस्थापक निदेशक अभिनेता राजा बुंदेला ने एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी न्योता भेजा है। महोत्सव में कई केंद्रीय मंत्रियों व विदेशी कलाकारों, स्टेज परफॉर्मर्स को भी आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम से जुड़े ताजा अपडेट्स ऑनलाइन मीडिया सहयोगी ट्रूपल बुंदेलखंड चैनल पर देखे जा सकते हैं

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एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी. जी. कॉलेज कानपुर के ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा आयोजित रूबिकॉन स्किल डेवलपमेंट की लाइफ स्किल ट्रेनिंग की 8 दिवसीय कार्यशाला का दूसरा दिन

कानपुर 22मार्च एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी. जी. कॉलेज कानपुर के ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा आयोजित रूबिकॉन स्किल डेवलपमेंट की लाइफ स्किल ट्रेनिंग की 8 दिवसीय कार्यशाला का दूसरा दिन था। लाइफ स्किल ट्रेनिंग की ट्रेनर सुश्री सुश्रिता जी ने आज के कार्यक्रम में कम्युनिकेशन स्किल्स की महत्वता के बारे में बताया जिसमें वर्बल कम्युनिकेशन, नॉन वर्बल कम्युनिकेशन ,इंपैथी, कॉन्फिडेंस, रिस्पॉन्सिवनेस , टाईप्स ऑफ कम्युनिकेशन जैसे रिटेन कम्युनिकेशन , विजुअल कम्युनिकेशन ,ग्रुप डिस्कशन, इत्यादि की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। । उन्होंने इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के अन्तर्गत बताया की आज के प्रतियोगी वातावरण में कैसे अच्छे कम्युनिकेशन स्किल की मदद से किसी भी प्रोफेशन में सर्वाइव किया जा सकता है। छात्राओं ने आज के इस दूसरे दिन के ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम में उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में प्लेसमेंट सेल की अध्यक्षा प्रो गार्गी यादव , सदस्या प्रो. निशा वर्मा व डॉ. कोमल सरोज उपस्थित रहीं।

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कानपुर समाचार

 

नाराज़ बच्ची को पाकर खिल ऊठा मां का चेहरा, बगाही चौकी इंचार्ज ने रिकॉर्ड टाईम में खोई बच्ची को ढूंढ निकाला, परिवार जनों ने चौंकी इंचार्ज की करी प्रशंशा।

बगाही भट्ठा निवासनी ने अपनी 8 वर्षीय पुत्री की खो जाने की पुलिस को दी थी सूचना, मां की डांट से नाराज पुत्री घर छोड़ कर कहीं दूर जाने का कर रही थी प्रयास।

बाबूपुरवा थाने की बगाही चौंकी इंचार्ज दिनेश पांडे ने सूझ बूझ से महज़ आधे घंटे में घर वालो से नाराज़ 8 वर्षीय पुत्री की खोज निकाला।

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रामनवमी आयोजन के लिये हुई पीस कमेटी की बैठक

आगामी राम नवमी की शोभा यात्रा आयोजन के संबंध में मंगलवार दिनांक 21.03.2023 को रावतपुर के एवेल पैलेस में पीस कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से पुलिस आयुक्त बी.पी जोगदण्ड , जिलाधिकारी विशाख जी, ज्वाइंट कमिश्नर आनन्द प्रकाश तिवारी, नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन, पुलिस उपायुक्त यातायात रवीना त्यागी, अपर नगर आयुक्त सूर्य कान्त त्रिपाठी , केस्को , जल निगम आदि विभाग उपस्थित रहे।_

*_बैठक में निम्न निर्देश दिए दिए।_*

• _शोभायात्रा निर्धारित रूट पर ही निकले।_

• _शोभायात्रा के रूट में लटके बिजली के तारों को कसा जाए।_

• _नगर निगम समस्त शोभायात्रा रूट में मरम्मत करते हुए सड़को का पैच वर्क कराया जाए।_

• _पर्याप्त पुलिस बल लगाया जाएगा।_

_•रामनवमी शोभायात्रा रूट में सीसीटीवी कैमरे से चप्पे चप्पे पर कड़ी नजर रखी जाएगी।_

_•शोभायात्रा के साथ आगे आगे केस्को का एक गैंग साथ चलेगा।_

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दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज में जी-20 के विशेष संदर्भ में “सतत विकास में महिलाओं की अग्रणी भूमिका” विषय पर गोष्ठी आयोजित

कानपुर 17 मार्च, भारतीय स्वरूप संवाददाता, जी-20 के विशेष संदर्भ में “सतत विकास में महिलाओं की अग्रणी भूमिका” विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता पूर्व भारतीय वायु सेना अधिकारी, पर्वतारोही (एवरेस्ट पर्वतारोही), अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता (TEDx), लेखिका, शिक्षाविद, उत्तर प्रदेश की G–20 ब्रांड एंबेसडर, स्क्वाड्रन लीडर सुश्री तुलिका रानी रही। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि महिलाएं परिवार बनाती है, परिवार घर बनाता है, घर समाज बनाता है और समाज ही देश बनाता है। अतः महिलाओं की अनदेखी करके हम किसी विकसित राष्ट्र का सपना नहीं संजो सकते। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत के लिए जी-20 अध्यक्षता अमृत काल की शुरुआत है जो हमें “वसुधैव कुटुंबकम” के आधार पर समावेशी विकास की ओर उन्मुख करता है। संचालन डॉ मनीष पांडे ने किया। संयोजिका डॉक्टर संगीता सिरोही ने बताया कि गोष्ठी में पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता व समावेशी विकास आदि मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से चीफ प्रॉक्टर प्रो अर्चना श्रीवास्तव, महाविद्यालय जी–20 समिति के सभी सदस्य, समस्त विभागाध्यक्ष व प्राध्यापिकाएं, छात्राएं व शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।

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समाचार कानपुर से

 

*पनकी पुलिस का खेल निराला, ले देकर अपराधियों को छोड़ डाला*

*कुछ दिनों पहले वाहन चोरी में पकड़े गए थे छह अभियुक्त इसमें से 4 अभियुक्तों को सेटिंग गेटिंग के दम पर दिया थाने से छोड़*

*सूत्रों की माने तो मोटी रकम लेकर वाहन चोरों को थाने से ही दे दी गई क्लीनचिट*

*वहीं सूत्रों की माने तो तिलक नामक अभियुक्त के पास से उनकी पुलिस ने की थी चोरी की बाइक बरामद और लेकर आई थी थाने इसके बावजूद भी सेटिंग गेटिंग के दम पर तिलक को भी दिया गया छोड़*

*क्षेत्रीय वकील का भाई भी हुआ था वाहन चोरी में बंद जिसको सेटिंग गेटिंग के दम पर दिया गया छोड़*

*पकड़े गए वाहन चोरों का सरगना को भी दिया गया छोड़*

*संपूर्ण साक्ष्य के साथ जल्द होगा रतनपुर चौकी का बड़ा खुलासा*

*सूत्रों की माने तो मोटी रकम के चलते वाहन चोरों को बना दिया गया बेकसूर*

*मामला थाना पनकी के रतनपुर चौकी का*

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*पुलिस ने सब्जी व फल वालों को दौड़ाया, व दिव्यांग ठेले वाले को पीटने का लगाया आरोप*

कानपुर. कानपुर में बड़ा चौराहा पुलिस की संवेदनहीनता और मनमानी की वजह से गरीब सब्जी वाले व फल वालो को अपने परिवार को पालन पोषण करने में परेशान हो रहे हैं दरअसल, बड़े चौराहे पर सब्जी व फल का ठेला लगाकर अपने घर का पालन पोषण करते हैं लेकिन कुछ दिनों पहले ही डीएसपी सिटी ट्रैफिक का चार्ज रवीना त्यागी को मिला था उसके बाद से यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए जगह-जगह वनवे का प्रयोग भी किया जा रहा है दुकाने और ठेले वालों को किनारे करके लगाने के लिए कहा गया है दिव्यांग ओमप्रकाश ,राजेश, व सनी, विनय, का कहना है कि किनारे ठेला लगाये हुए था यातायात दरोगा और कुछ सिपाही लाठी-डंडे लेकर फल वाले दुकानदारों को भगाने लगते और लात घुसो से मारते हैं ठेला ना लगने के कारण हम सभी परिवारों को बच्चों की फीस व पालन पोषण करने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिसके शिकायत कई बार पुलिस के बड़े अधिकारियों से की जा चुकी है।सभी ठेला वालों की मांग है कि हम सभी फल वालों को एक जगह निश्चित कर दी जाए जिससे आए दिन ठेला लेकर भरना ना पड़े और यातायात भी सुचारू रूप से चलता रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में जी20: समावेशी और टिकाऊ की विकासकी पहल” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

कानपुर 17 मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता, राजनीति विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (मुख्यालय नई दिल्ली) कानपुर शाखा ने संयुक्त रूप से 17 और 18 मार्च 2023 को “जी20: समावेशी और टिकाऊ की विकासकी पहल” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया है।
यह संगोष्ठी कानपुर शहर में किसी भी शैक्षणिक संस्थान द्वारा आयोजित एक अहम् पहल है। आज भारत के लिए G20 अध्यक्षत्ता का एक गौरवशाली काल है.भारत सरकार “वसुधैव कुटुम्बकम” के मूल्यों के तहत के अपने G20 लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में शैक्षणिक संस्थानो की अहम् भूमिका एवं भागीदारी की अपेक्षा रखती है। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय जी20 अध्यक्षत्ता के तहत वैश्विक मुद्दों के एजेंडे में पहल और उपलब्धियों के विषय में जागरूकता पैदा करने की दिशा में उठाए गए कदमों में से एक है। इसमें भारत के विभिन्न प्रान्तों से लोगों ने भागीदारी की है.
इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथियों और दिग्गजों की सूची में मुख्य अतिथि डॉ. उमा शंकर(सीमा शुल्क और जीएसटी लखनऊ के प्रधान मुख्य आयुक्त), सम्मानित अतिथियों में श्री एस.के. सिंह, (प्रधान आयुक्त, सीमा शुल्क एवं जीएसटी कानपुर)और श्री आर. रमानी, (पूर्व मुख्य सचिव, यू.पी. और वर्तमान में अध्यक्ष, IIPA U.P. क्षेत्रीय शाखा), मुख्य वक्ता स्क्वाड्रन लीडर तूलिका रानी उत्तर प्रदेश G20 की ब्रांड एम्बेसडर और प्रो. एन.के.सक्सेना (अध्यक्ष आईआईपीए कानपुर शाखा) शामिल थे। क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल एवं कॉलेज गवर्निंग बॉडी के सचिव डॉ. जोसेफ डेनियल ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। डॉ. आशुतोष सक्सेना, (विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग और उपाध्यक्ष, आईआईपीए) ने संगोष्ठी के उद्देश्यों और संरचना के विषय में बताया, और डॉ. जी. एल. श्रीवास्तव, (आईआईपीए कानपुर शाखा के सचिव और संगोष्ठी संयोजक) ने सम्मानित अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
Sqnldr तूलिका रानी, ​​जी20 ब्रांड एंबेसडर, यूपी सरकार ने संगोष्ठी में मुख्य अभिभाषण दिया. उन्होंने अपने प्रेरक विचारों से जीवन में चुनौतियों का सामना करने और राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए युवाओं का आह्वान किया। उन्होंने भारत के जी20 एजेंडे को बढ़ावा देने और इसकी सफलता में योगदान देने के लिए उत्तर प्रदेश कैसे अग्रणी हो सकता है, इस बारे में अपने विचार साझा किये । विशिष्ट अतिथि श्री आर. रमानी ने सभी के बीच मानवतावाद और राष्ट्रवाद के मूल्यों को स्थापित करने के लिए इस तरह के और राष्ट्रीय सेमिनारों की आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने जी20 की अध्यक्षता के लिए भारतीय एजेंडे और उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में कुछ मूल्यवान जानकारियां साझा कीं। मुख्य अतिथि डॉ. उमा शंकर ने जी20 की भारतीय अध्यक्षता की भूमिका और महत्व के बारे में अपनी अंतर्दृष्टि साझा की, उनके अनुसार भारत को वैश्विक शासन में अपने वैचारिक और दार्शनिक आधार को आगे बढ़ाने का यह सुअवसर मिला है. उन्होंने कहा कि भारत समानता, समावेशिता और सामान्य भलाई के लक्ष्यों का अनुसरण करते हुए शासन व्यवस्था का विशव पटल पर एक अनूठा उदाहरण स्थापित करता है।
इस अवसर पर गणमान्य अतिथियों ने प्रो. आशुतोष सक्सेना एवं डॉ. विभा दीक्षित द्वारा लिखित द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर की राजनीति विज्ञान की स्नातक पाठ्यपुस्तकों का विधिवत विमोचन किया।
सत्र के अध्यक्ष के रूप में अपने संबोधन में, प्रो. जोसेफ डेनियल ने जी20 और भारतीय अध्यक्षता के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना की। प्रो. एन.के. सक्सेना (अध्यक्ष आईआईपीए कानपुर शाखा) ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। उद्घाटन सत्र का डॉ. विभा दीक्षित (सह प्रवक्ता राजनीतिक विज्ञान विभाग एवं संगोष्ठी आयोजन सचिव ) ने प्रभावी ढंग से संचालन किया।
पहले दिन संगोष्ठी में तीन तकनीकी सत्र थे जो G20 के चार महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित थे.
पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता विशिष्ट अतिथि श्री एस.के. सिंह ने की और संचालन प्रो. आशुतोष सक्सेना ने किया। G20: टिकाऊ और न्यायसंगत वैश्विक विकास के पहलु पर विचार-विमर्श केंद्रित था. श्री एस.के. सिंह ने वैश्विक शासन में समानता और टिकाऊ विकास के विषय में अपने विचार रखे. आमंत्रित वक्ता, प्रो. राजेश कुमार और प्रज्ञा त्रिपाठी ने अपनी महत्त्वपूर्ण प्रस्तुतियों से सभा को सोचने पर विवश किया। अभिनव शाक्य और ऋचा यादव ने इसी थीम पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
दूसरे तकनीकी सत्र में दो विषयों पर विमर्श को शामिल किया गया: ए) जी20: “वसुधैव कुटुम्बकम” दृष्टिकोण के तहत समावेशी वैश्विक विकास, और बी) जी20: पर्यावरण संकट, हरित ऊर्जा, हरित शासन और आपदा प्रबंधन। पीपीएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अनूप सिंह ने इस सत्र की अध्यक्षता की और अपने ज्ञानवर्धक अभिभाषण से सबको सोचने पर विवश किया. उन्होंने “वसुधैव कुटुमकम” के दर्शन पर विस्तार से अपने मत प्रस्तुत किये। डॉ अनुज मिश्रा ने वसुधैव कुटुमकम के भारतीय वैश्विक शासन के दर्शन की विशिष्टता के बारे में अपने दृष्टिकोण साझा किए। डॉ. कीर्ति मिश्रा ने खाद्य सुरक्षा और बाजरा परियोजनाओं में भारतीय पहल पर एक प्रस्तुति दी। सोनू त्रिवेदी और ऐश्वर्या अवस्थी ने मानवता और मानव अस्तित्व के लिए पर्यावरण की महत्वपूर्ण अन्योन्याश्रितता पर प्रस्तुतियां दीं।
दिन के अंतिम तकनीकी सत्र में “विकास, व्यापार और सुरक्षा के लिए ग्लोबल साउथ में G20 राष्ट्रों द्वारा संकट प्रबंधन” विषय पर विचार-विमर्श किया गया। डॉ. पद्मा अय्यर ने सत्र की अध्यक्षता की और सतत विकास के लिए जी20 देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों में किये गए कायों के बारे में चर्चा की। डॉ. रश्मि मिश्रा और प्रो. अनुराग रत्न ने अंतर्राष्ट्रीय संकट और उस पर भारतीय प्रतिक्रियाओं और पहल के बारे में मंत्रणा की। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में सुरक्षा संकट से संबंधित मुद्दों पर विचार प्रस्तुत किये। आमिर ने एक बहु-ध्रुवीय दुनिया में नई भारतीय विदेश नीति की पहल पर एक पेपर प्रस्तुत किया जहां एक बहु-संरेखित दृष्टिकोण सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है.
राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन G20 पर कुछ व्यावहारिक एवं महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया और उन पर वृहत विवेचना हुई. इस संगोष्ठी ने विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण दृष्टिकोण एवं उठे सवालों ने सबका ध्यान आकर्षित किया. सभी के लिए यह एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ है.इस संगोष्ठी के पहले दिन के सफल आयोजन में क्राइस्ट चर्च कॉलेज की आयोजन समिति ने कड़ी मेहनत की है जिसमे मुख्य रूप से डॉ. अर्चना हिना, साक्षी, इशिता, ऋचा, शैली, अभिनव, आमिर, उज्जवल अभिषेक, ईशान, मानवी, श्रजल शामिल हैं.।आईआईपीए की आयोजन टीम के सदस्य सीए विनय जैन और धीरेंद्र कुमार ने भूमिका निभाई।

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डॉ. मनसुख मांडविया ने क्षय रोग के उन्‍मूलन हेतु देशव्यापी जागरूकता अभियान के लिए 75 ट्रकों को झंडी दिखाकर रवाना किया

“समूचा राष्‍ट्र क्षय रोग के उन्मूलन की दिशा में कार्य करने के लिए जनभागीदारी की भावना से उत्साहित और सं‍गठित है। एसडीजी 2030 लक्ष्य से पांच साल पहले देश से क्षय रोग का उन्‍मूलन करने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के स्पष्ट आह्वान के साथ आज 71,000 से अधिक निक्षय मित्र आगे आए हैं तथा कॉरपोरेट्स, गैर-सरकारी संगठनों, जनप्रतिनिधियों, व्यक्तियों आदि सभी हितधारकों को संगठित कर टीबी का उन्मूलन करने संबंधी केंद्र सरकार की निक्षय योजना के तहत पोषण संबंधी सहायता और अन्य माध्यमों से 10 लाख से अधिक टीबी रोगियों की सहायता कर रहे हैं।” यह बात आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पार्टनरशिप एक्शन अगेन्‍स्‍ट ट्यूबरक्लोसिस (पीएसीटी) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। डॉ. मांडविया ने टीबी के संबंध में जागरूकता संदेशों वाले 75 ट्रकों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना गया। ये ट्रक निक्षय योजना में सक्रिय सहायता दे रहे अपोलो टायर्स फाउंडेशन ने प्रदान किए हैं। ये ट्रक टीबी मुक्त भारत के संदेश के साथ राज्यों की यात्रा करेंगे।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0026A4T.jpg

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image0034D4V.jpgकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस कार्यक्रम में कई टीबी रोगियों को पोषण टोकरियां भी वितरित कीं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने विस्तार से बताया कि “भारत का अपना स्वास्थ्य सेवा मॉडल साझा सामाजिक और राष्ट्रीय उत्‍तरदायित्‍वों से युक्‍त है। अन्य हितधारकों के सहयोग का लाभ उठा राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सहायता करने में बहु-क्षेत्रीय संपर्क एक प्रमुख स्तंभ है। केवल अपने साझा प्रयासों और सहयोग से ही हम 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। मैं सभी से जनभागीदारी की भावना से आगे आने का आग्रह करता हूं।” उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि निक्षय मित्र टीबी रोगियों को केवल वित्तीय और पोषण संबंधी सहायता ही प्रदान नहीं करते, बल्कि निक्षय मित्र पोर्टल पर उनके साथ निजी रूप से जुड़कर उनकी समग्र भलाई भी सुनिश्चित करते हैं।  डॉ. मांडविया ने क्षय रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपोलो टायर्स फाउंडेशन द्वारा देश के 19 राज्यों में 32 स्थानों पर हीरोज ऑन व्हील्स (ट्रक ड्राइवर्स) और अन्य कमजोर समूहों को जोड़कर टीबी मुक्त  भारत अभियान को तेज करने के अभिनव तरीके की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 75 टीबी रोगियों को भी गोद लिया है। इस बात पर गौर करते हुए कि ट्रक चालक टीबी रोगियों का एक महत्वपूर्ण समूह हैं, डॉ. मांडविया ने कहा कि समय पर परीक्षण, पूरा उपचार कराने आदि के माध्यम से टीबी की रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पांच स्थानों (दिल्ली, मुंद्रा पोर्ट- गुजरात, हैदराबाद, जालंधर और अगरतला) से टीबी संदेशों के साथ ब्रांडेड 75 ट्रकों की पहल ट्रक ड्राइवरों के समुदायों और समुदाय से जुड़े अन्य लोगों के बीच टीबी से निपटने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने अन्य कॉरपोरेट्स, संस्थानों, व्यापार निकायों, संघों और व्यक्तियों से भी आगे आने और क्षय रोग के खिलाफ भारत की लड़ाई में सक्रिय सहायता देने का आग्रह किया। सुश्री रोली सिंह, अपर सचिव और एमडी एनएचएम, स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में एक साथ आने और अपनी रणनीतियों के माध्यम से इसमें योगदान देने के लिए कॉरपोरेट्स और भागीदार एजेंसियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट क्षेत्र अंतिम व्‍यक्ति तक पहुंच कायम करने और समाज को सरकार की विभिन्न पहलों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि 300 कॉरपोरेट्स ने कॉरपोरेट टीबी प्रतिज्ञा ली है।इस अवसर पर डॉ. कुलदीप सिंह सचदेवा, दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय निदेशक, द इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट लंग डिजीज एंड ट्यूबरकुलोसिस, श्री गौरव कुमार, मुख्य वित्तीय अधिकारी, अपोलो  टायर्स लिमिटेड और सुश्री रिनिका ग्रोवर, प्रमुख, सस्टेनेबिलिटी एंड सीएसआर, अपोलो टायर्स भी उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम को यहां देखा जा सकता है:

https://youtube.com/live/SySolzPQFWI?feature=share

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उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए विकास पहल

केंद्रीय बजट 2022-23 में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल (पीएम-डिवाइन) स्कीम को एक नई केंद्रीय क्षेत्र स्कीम के रूप में घोषित किया गया था। मंत्रिमंडल ने 12 अक्टूबर, 2022 को पीएम-डिवाइन स्कीम को मंजूरी दी। 100% केंद्रीय वित्त पोषण वाली इस स्कीम में वर्ष 2022-23 से 2025-26 (15वें वित्त आयोग की अवधि के शेष वर्ष) तक 4 साल की अवधि के लिए 6,600 करोड़ रुपये का कुल परिव्यय होगा। पीएम-डिवाइन के उद्देश्य हैं: (i) पीएम गतिशक्ति की भावना के अनुरूप अवसंरचना को अभिसरण रूप से वित्त पोषित करना; (ii) पूर्वोत्तर क्षेत्र की महसूस की गई आवश्यकताओं के आधार पर सामाजिक विकास परियोजनाओं की सहायता करना; (iii) युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका कार्यकलापों को सक्षम बनाना; और (iv) विभिन्न क्षेत्रों में विकास अंतराल को भरना। पीएम-डिवाइन विद्यमान केंद्रीय और राज्य स्कीमों का एक विकल्प नहीं होगी। यह अवसंरचना का निर्माण करेगी, उद्योगों, सामाजिक विकास परियोजनाओं की सहायता करेगी और युवाओं तथा महिलाओं के लिए आजीविका गतिविधियों का निर्माण करने के साथ आय और रोजगार का सृजन करेगी। पीएम-डिवाइन स्कीम को उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर परिषद या केंद्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों या राज्य सरकार की एजेंसियों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा। सरकार पर पड़ने वाले समय और लागत वृद्धि के निर्माण जोखिम को सीमित करने के लिए परियोजनाओं को इंजीनियरिंग-प्रोक्योरमेंट-कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) आधार पर यथासंभव कार्यान्वित किया जाएगा। पीएम-डिवाइन परियोजनाओं की संवहनीयता सुनिश्चित करने के लिए परिसंपत्तियों के प्रचालन और अनुरक्षण (ओ एंड एम) के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय या किसी अन्य मंत्रालय/विभाग की किसी भी अन्य स्कीम के साथ परियोजना सहायता का दोहराव न हो। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट 2022-23 में घोषित सात परियोजनाओं सहित ग्यारह परियोजनाओं (अनुबंध-I में विवरण) को मंजूरी के लिए चुना गया है।

क्र.

सं.

परियोजना का नाम अनुमोदित लागत

(करोड़ रु. में)

1 पूर्वोत्तर भारत में बाल चिकित्सा और वयस्क हेमटोलिम्फोइड कैंसर के प्रबंधन के लिए समर्पित सेवाओं की स्थापना, डॉ. बी. बोरुआ कैंसर संस्थान (बीबीसीआई), गुवाहाटी 129.00
2 नैक्टर आजीविका सुधार परियोजना (बहु-राज्य): मूल्य वर्धित उत्पादों के लिए बनाना स्यूडो स्टेम के उपयोग पर मूल्य श्रृंखला 67.00
3 किसानों के क्षमता निर्माण और प्रमाणन की सुविधा के माध्यम से उन्नत कृषि तकनीक और डिजिटल डेटा प्रबंधन का उपयोग करके पूर्वोत्तर भारत में वैज्ञानिक जैविक कृषि को बढ़ावा देना (बहु-राज्य) 45.00
4 मिजोरम में पश्चिमी किनारे पर आइजोल बाईपास का निर्माण 500.00
5 मिजोरम में 33.58 करोड़ रुपये की लागत से तुइरियल एयरफील्ड से नॉर्थ चाल्टलांग (18 किमी) तक; और 66.42 करोड़ रुपये की लागत से लेंगपुई से साईफल बांस बागान (41 किमी) तक बांस लिंक सड़कों का निर्माण और उन्नयन 100.00
6 पश्चिम सिक्किम में पेलिंग से सांगा-चोएलिंग तक यात्री रोपवे प्रणाली के लिए गैप फंडिंग 64.00
7 दक्षिण सिक्किम में धापर से भालेडुंगा तक यात्री रोपवे के लिए गैप फंडिंग 58.00
8 लोक निर्माण विभाग, असम सरकार द्वारा असम के कामरूप जिले में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में 20 स्कूलों का रूपांतरण 132.86
9 मेघालय सरकार के शहरी कार्य निदेशालय द्वारा न्यू शिलांग टाउनशिप में नई चार लेन की सड़क का निर्माण और साइकिलिंग ट्रैक, यूटिलिटी डक्ट्स, फुटपाथों आदि के साथ मौजूदा दो-लेन सड़क को चार-लेन में परिवर्तित करना 146.79
10 नागालैंड सरकार के अल्प विकसित क्षेत्र विभाग (डीयूडीए) द्वारा पूर्वी नागालैंड के विशेष विकास से संबंधित आजीविका परियोजनाएं 180.00
11 विद्युत विभाग, त्रिपुरा सरकार द्वारा त्रिपुरा में दूरस्थ बस्तियों को विद्युत की सुनिश्चित आपूर्ति के लिए सौर माइक्रो ग्रिड की स्थापना 80.79
  कुल 1503.44

यह जानकारी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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दिल तोड़ने से पहले सोच लेना …इसमें तू ही रहता है

तोड दे तू चाहे ..मुझे हर तरह से … पर मेरा दिल तोड़ने से पहले ज़रा सोच लेना …इसमें मैं नही तू रहता है
आप का सारा पूजा पाठ का फल निष्फल हो जाता है जब कोई भगवान के भक्त को या किसी भोले इन्सान के मन को दुख पहुँचाता है बात पुरानी मगर सच है। मैं जानती थी पूरो बीजी को , सब उन्हें बीज़ी कहा करते थे। पूरो एक अच्छे घराने की लड़की ,मगर कम पढ़ी लिखी थी ।उसकी शादी एक सुन्दर पढे लिखे नौजवान से हो जाती है। पूरो सोचा करती, उसका पति इतना सुन्दर ,और उसका अपना रंग साँवला सा,क्या उस का पति उसको प्यार दे पायेगा। मगर कहती कुछ नहीं। ख़ुशी से अपनी गृहस्थी चला रही थी।वक़्त बीता ..पूरो के दो बेटियाँ और एक बेटा हुआ। पूरो के पति का राजाओं की तरह रहन सहन था।लखनऊ में होटल था।इक अपनी ड्रामा कंपनी थी और उनका बहुत अच्छा कपड़ों का कारोबार भी था। अक्सर पूरो से कहा करते कि मैं अपनी बेटियों को जयपुर के महाराजाओं के बच्चों के साथ पढ़ाई करवाऊँगा। अपने बच्चों को होटलों में ले ज़ाया करते और इंगलिश तौर तरीक़े सिखाते। बैडमिंटन क्रिकेट और पोलो खेलना तो शौक था उनका। उनका बेटा बढ़ा था ,बेटियाँ छोटी थी अभी।पूरो की छोटी बेटी रतना अभी तीन साल की थी तो पूरो के पति को हैज़ा हो गया। हैज़ा ही उनके गुज़रने की वजह बन गई।पूरो को पढ़ी लिखी न होने की वजह से अपने ससुर और देवर देवरानी के साथ रहना पढ़ा।देवरानी बहुत झगड़ालू क़िस्म की औरत थी।हर बात में पूरो को नीचा दिखाने की कोशिश में रहती।आप ऊपर मकान में रहती थी और नीचे मकान में छोटे से कमरे में पूरो के परिवार को रख दिया। जहां पूरो की रसोई हुआ करती थी वहाँ इक नाली निकला करती जो ऊपर के आया करती थी, जहां उसकी देवरानी का गुसलखाना था,जैसे पहले वक़्तों में हुआ करता था जब भी पूरो धूप बती करके अपने बच्चों को खाना खिला रही होती ,अक्सर उसी वकत उस नाली को शौच की तरह भी इस्तेमाल करती।रब को मानने वाली पूरो ,मुँह से तो कुछ नहीं कह पाती ,मगर अपने रब से शिकायत रोकर कर दिया करती। दिन बितने लगे ,पूरो की बेटियाँ बढ़ी हो गई। अच्छे घरों में शादी करके चली गई। पूरो के बेटे की भी शादी हो गई। फिर पूरो बेटे और बहू के साथ किसी दूसरे घर में चली गई। दोस्तों! जो जैसा करता है ,उसको फल वैसा ही मिलता है मगर इन्सान सोचता है।कर लो ,जो भी करना है आगे किस ने देखा है । मगर भूल जाता है कि चाहे अगर कोई भगवान के मंदिर मस्जिद को तोड़ दे ,भगवान उसे तो माफ़ कर देगा मगर जो कोई उसके भक्त को रूला दे,या उसका दिल दुखा दे या फिर उससे कोई बल छल करे तो रब उसे कभी माफ़ नहीं करता।
ये इक ऐसा सच है जो आज नहीं तो कल ..देखने को मिल ही जाता है। और यहाँ भी कुछ ऐसा ही हुआ। पूरो तो वहाँ से अपने बेटे के साथ चली गई,और उधर पूरो की देवरानी के घर ग़रीबी और दुखों का बसेरा हो गया। पूरो की छोटी बेटी रतना सब पुरानी बातें भुला कर अपनी चाचा चाची को मिलने ज़ाया करती। जो भी अपनी माँ पूरो को देती ,वही अपनी चाची को भी देती।चाचा चाची के घर ग़रीबी देख कर ,कभी पैसों से ,कभी दवाइयों से उनकी मदद कर दिया करती,क्यूँकि रतना का पति डाक्टर था। इक रोज़ चाची रतना के सामने रो पड़ी और माफ़ी माँगने लगी कि मैंने तुम्हारी माँ के साथ बहुत बुरा बर्ताव किया है और तुम मुझे अपनी सगी माँ तरह प्यार करती हो और इस पर रतना अपनी चाची और चाचा को गले लगा लेती। वक़्त का पहिया चल रहा था तो इक रोज़ पता चला कि देवरानी की एक बेटी को कैंसर हो गया और वो भरी जवानी में चल बसी और दूसरी बेटी कमला का पति इंग्लैंड चला गया और वहाँ उसने खुद को सैटल करने लिए दूसरी शादी कर ली।
इक रोज़ सास ससुर ने कमला को घर से निकाल दिया।किसी ने कहा कि कमला की भी दूसरी शादी कर दो।जल्दी ही एक 70 साल के आदमी से उसकी भी शादी इंग्लैंड में कर दी गई जो इक शराबी था। वहाँ इंग्लैंड में मेहनत करके कमला ने अपनी बेटियों की शादी कर दी ।दो साल बाद कमला का दूसरा पति भी गुज़र गया,फिर अकेली अपने दूसरे पति के बच्चों के पास रहने लगी।वहाँ उसे तिरस्कार मिलता ,बातें सुननी पड़ती। कभी कभी बैठे बैठे अपनी माँ को कोसती कि जैसे अब मैं तंग हो रही हूँ ठीक ऐसे ही उसकी माँ ने पूरो ताई को तंग किया था, मगर वक़्त निकल चुका है। दोस्तों बात यहाँ भी ख़त्म नहीं हुई इक रोज़ रतना अपनी चाची चाचा को मिलने गई तो देखा चाचा को स्ट्रोक हो गया था और चाची चल नहीं सकती थी रेंग रेंग कर ज़मीन पर चला करती। ये दुर्दशा देख कर रतना को बहुत दुख हुआ था। चाचा चाची का बेटा भी गुज़र गया था। सो सोचो दोस्तों ! क्या खटा चाचा चाची ने ? जितना बुरा किया था पूरो के साथ ,उससे कही अधिक बुरा उसे वापस मिला।
बात आज की हो, या पुरानी।भुगतना तो पड़ेगा ही सबको कभी न कभी।ये सोच ग़लत है कि शायद उनके साथ हुआ है हमारे साथ नहीं होगा। सब की बारी आती हैं ,जो बोया है वही काटने की। जब समझ में आयेगा ,तो वक़्त निकल चुका होता है। उधर पूरो ने अपनी सारी उम्र पूजा पाठ में लगा दी । मरते दम तक गुरू के घर में सेवा करती रही ….🙏स्मिता केंथ

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में सप्ताहभर की गतिविधियों के दौरान ईएसआईसी ने 9.3 करोड़ रुपये के 3724 मातृत्व लाभ दावों का निपटारा किया

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में इस साल की थीम ‘डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार एवं प्रौद्योगिकी’ के अनुरूप कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के कार्यालयों/अस्पतालों ने सप्ताहभर चलने वाली गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की। इसमें लैंगिक संवेदनशीलता पर सेमिनार, बीमित महिलाओं/मातृत्व लाभ दावों से संबंधित बकाया बिलों का निपटारा, महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच/स्वास्थ्य जांच शिविर शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए हफ्तेभर चली गतिविधियों की श्रृंखला के दौरान 9.3 करोड़ रुपये की धनराशि के 3724 मातृत्व लाभ दावों का निपटारा किया गया।

हाल ही में ईएसआईसी ने बीमित महिलाओं को ऑनलाइन मातृत्व लाभ का दावा करने की सुविधा शुरू कर ईएसआई योजना के तहत बीमित महिलाओं के लिए विशेष पहल की है। इसका मकसद प्रौद्योगिकी की मदद से लाभ उठाने के प्रयासों को आसान बनाकर उन्हें सशक्त करना है। टेलीमेडिसिन जैसी तकनीक आधारित सुविधाओं ने महिला लाभार्थियों को अपने घरों से ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में काफी मदद की है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सप्ताह भर चली गतिविधियों की श्रृंखला का आज समापन हो गया। इस अवसर पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मुख्यालय, नई दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार की अध्यक्षता ईएसआईसी के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र कुमार ने की। कार्यक्रम में वित्त आयुक्त, ईएसआईसी, टी. एल. यादेन; सीवीओ, ईएसआईसी, श्री मनोज कुमार सिंह; उप महानिदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) श्रीमती अनुजा बापट; और वरिष्ठ विशेषज्ञ एवं निदेशक, नीति आयोग, डॉ. साक्षी खुराना उपस्थित थे। इस साल की थीम ‘डिजिटऑल: इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फॉर जेंडर इक्वैलिटी’ का जिक्र करते हुए डॉ. राजेंद्र कुमार ने आईटी आधारित प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया, जिससे वे इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनेंगी। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों के माध्यम से महिलाएं अपने घरों से ही स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे समाज की महिलाओं को उच्च महत्व का एहसास कराने और उन्हें प्रदान करने का भी समय है। उन्होंने कहा कि कार्य क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में रैंकिंग कम होने के बावजूद समावेशी एवं एकीकृत प्रौद्योगिकी के जरिए लैंगिक समानता के दृष्टिकोण को जल्दी हासिल किया जा सकता है।

ईएसआईसी की वित्त आयुक्त सुश्री टी. एल. यादेन ने बीमित महिलाओं के मातृत्व लाभ के ऑनलाइन दावे की सुविधा के लिए ईएसआईसी के प्रयासों की प्रशंसा की। इससे तकनीक की मदद से महिला लाभार्थियों को लाभ पाना आसान बनाकर सशक्त किया जा सकेगा। उन्होंने प्रौद्योगिकी के महत्व को दोहराया, जो भेदभाव कम कर और समाज के सभी सदस्यों के  लिए समान अवसर उपलब्ध कराकर महिलाओं को सशक्त बनाने का माहौल तैयार करने में सक्षम है। ईएसआईसी के सीवीओ श्री मनोज कुमार सिंह ने जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी और योगदान की चर्चा की।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) की उप महानिदेशक श्रीमती अनुजा बापट ने जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं को समाज कल्याण योजनाओं की मुख्यधारा में लाने का भी आग्रह किया।

वरिष्ठ विशेषज्ञ और निदेशक, नीति आयोग, डॉ. साक्षी खुराना ने उन महिलाओं के साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए, जो समाज के हाशिये पर हैं। उन्होंने बताया कि कैसे ईएसआईसी और ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं उनके जीवन की मुश्किलों को कम करने में मदद कर रही हैं।

 

चिकित्सा आयुक्त, ईएसआईसी, डॉ. दीपिका गोविल ने स्वास्थ्य शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी के बारे में बताया। उन्होंने समाज में समानता हासिल करने के लिए समता की भावना को बढ़ावा देने पर जोर दिया। बीमा आयुक्त (पी एंड ए) श्री दीपक जोशी ने दुनियाभर की महिलाओं की उपलब्धियों और उन्हें सशक्त बनाने के तरीकों के बारे में बात की।

कार्यक्रम के दौरान हफ्तेभर की गतिविधियों  के दौरान आयोजित निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को गणमान्य व्यक्तियों ने नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। समारोह में ईएसआईसी मुख्यालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

 

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