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बलिदान स्थल की माटी से तिलक कर सकारात्मक पत्रकारिता का संकल्प

*बलिदान स्थल की माटी से तिलक कर सकारात्मक पत्रकारिता का संकल्प*
*शहीद शिरोमणि गणेश शंकर विधार्थी के शहादत दिवस पर कानपुर प्रेस क्लब ने इस तरह दी श्रद्धांजलि*
भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर 25 मार्च, कानपुर प्रेस क्लब की ओर से आज गणेश शंकर विधार्थी जी के बलिदान स्थल चाबेगोला में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वहां मौजूद पदाधिकारियों और पत्रकारों ने बलिदान स्थल की माटी से तिलक कर सकारात्मक पत्रकारिता का संकल्प किया। बलिदान स्थल पर मंदिर के गुम्मद के पास विधार्थी जी ऊकेरी गई प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पुष्प अर्पित किए गए। अध्यक्ष सरस वाजपेई ने विधार्थी जी के योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि उनसे सीख लेते हुए लोक कल्याण की मंशा से पत्रकारिता करें तो समाज और देश निर्माण में बड़ी भूमिका निभाई जा सकती है l इस मौके पर महामंत्री शैलेश अवस्थी, मंत्री शिवराज साहू, कोषाध्यक्ष सुनील साहू, कौस्तुभ मिश्र, मयूर, महेश सोनकर, अमित गुप्ता, संजीव शुक्ला, पिंटू चौरसिया, जकी अहमद सहित कई पत्रकार मौजूद रहे।

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डीपीआईआईटी और किंड्रिल ने भारत के विनिर्माण और आईटी स्टार्टअप इकोसिस्टम में नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए साझेदारी की

भारत सरकार के उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) और किंड्रिल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने नवाचार में तेजी लाने और भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी डिजिटल रूपांतर और जेनेरेटिव एआई समाधानों में किंड्रिल की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर विनिर्माण और आईटी क्षेत्रों में स्टार्टअप का सहयोग करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

इस अवसर पर बोलते हुए डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने कहा कि यह सहयोग भारत में नवाचार-संचालित स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किंड्रिल की वैश्विक विशेषज्ञता और उद्यम समाधानों का लाभ उठाकर, डीपीआईआईटी का लक्ष्य स्टार्टअप्स को उनके परिचालन को बेहतर करने और उद्योगों में तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में मदद करना है।

इस साझेदारी के अंतर्गत, स्टार्टअप को मेंटरशिप, इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोग और बाजार पहुंच के माध्यम से सशक्त बनाया जाएगा, जिससे वे ऑटोमोटिव, फार्मास्यूटिकल्स, बीएफएसआई, तेल व गैस और सरकारी सेवाओं जैसे उद्योगों में उद्यम इकोसिस्टम में अपने समाधानों को एकीकृत करने में सक्षम होंगे। डिजिटल उत्पाद, स्टार्टअप, एआई-संचालित इनोवेटर्स और उद्यमियों का सहयोग करने के लिए किंड्रिल समर्पित कार्यक्रमों को संस्थागत रूप देगा।

किंड्रिल स्टार्टअप के विकास में सहायता करेगा, उनके नवाचारों को उद्यम समाधानों में एकीकृत करेगा और उन्हें बड़े पैमाने के व्यावसायिक ग्राहकों से जोड़ेगा। स्टार्टअप को उत्पाद विकास, बाजार की तत्परता, साइबर सुरक्षा तन्यकशीलता और उद्यम परिनियोजन पर मार्गदर्शन मिलेगा। किंड्रील ग्राहक अनुभव और परिचालन दक्षता को बढ़ाने के लिए सलाहकार सत्र और उद्योग कार्यशालाएं आयोजित करेगा। स्टार्टअप इंडिया और डीपीआईआईटी के सहयोग से, किंड्रिल ज्ञान साझाकरण, नीतिगत अंतर्दृष्टि और सरकारी प्रोत्साहनों तक पहुंच प्रदान करेगा। स्टार्टअप को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने समाधानों को बढ़ाने और नए बाजारों का पता लगाने के बारे में भी मार्गदर्शन मिलेगा।

डीपीआईआईटी निदेशक डॉ. सुमीत कुमार जारंगल और किंड्रिल के प्रतिनिधि ने दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

यह साझेदारी भारत को वैश्विक नवाचार केंद्र के तौर पर स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। डीपीआईआईटी के स्टार्टअप सहायता ढांचे को किंड्रील की उद्यम क्षमताओं के साथ एकीकृत करके, सहयोग एक संरचित पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगा जहां स्टार्टअप फल-फूल सकते हैं, नवाचार कर सकते हैं और आर्थिक विकास में योगदान दे सकते हैं।

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भारत एक अग्रणी वैश्विक पर्यटन स्थल

पर्यटन मंत्रालय ने 2014-15 में स्वदेश दर्शन योजना शुरू की थी जिसका उद्देश्य चिन्हित विषयगत सर्किटों के अंतर्गत पर्यटन सुविधाओं का विकास करना था और देश में 5287.90 करोड़ रुपये की लागत से 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया रूप दिया और एसडी 2.0 के तहत 791.25 करोड़ रुपये की लागत से 34 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

पर्यटन मंत्रालय देश के प्रमुख और कम ज्ञात पर्यटन स्थलों तक सड़क और हवाई संपर्क सहित सुधार करने के लिए नियमित रूप से संबंधित मंत्रालयों और राज्य सरकारों के साथ समन्वय करता है।

मंत्रालय ने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता और विविध आकर्षणों की खोज में रुचि रखने वाले यात्रियों और हितधारकों के लिए एक व्यापक संसाधन के रूप में 27 सितंबर, 2024 को अतुल्य भारत डिजिटल प्लेटफॉर्म (आईआईडीपी) का नया संस्करण लॉन्च किया है। आईआईडीपी की नई विशेषताओं में से एक अतुल्य भारत सामग्री हब है – एक व्यापक डिजिटल भंडार, जिसमें भारत में पर्यटन से संबंधित उच्च गुणवत्ता वाली छवियों, फिल्मों, ब्रोशर और समाचार पत्रों का समृद्ध संग्रह है। यह भंडार विभिन्न प्रकार के हितधारकों के उपयोग के लिए है, जिसमें टूर ऑपरेटर, पत्रकार, छात्र, शोधकर्ता, फिल्म निर्माता, लेखक, प्रभावित करने वाले, सामग्री निर्माता आदि शामिल हैं। आईआईडीपी समकालीन मौसम अपडेट, शहर की खोज और आवश्यक यात्रा सेवाएं प्रदान करके व्यक्तिगत आगंतुक अनुभव प्रदान करेगा।

यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी

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अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल

अमृत ​​ज्ञान कोष केस स्टडी के रूप में शासन की अच्छी प्रथाओं का ज्ञान भंडार है। यह भारत-केंद्रित विचारों और स्केलेबल शासन मॉडल पर ध्यान केंद्रित करता है, जो केंद्र, राज्य, शहरी स्थानीय निकाय और पंचायतों में सरकारी अधिकारियों के लिए सुलभ सामग्री प्रदान करता है।

अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल निम्नलिखित तरीके से विभिन्न सरकारी विभागों में सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करने में योगदान देता है:

i.    शासन संबंधी चुनौतियों के प्रति वास्तविक जीवन, समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण के मूल्यवान उदाहरण के रूप में कार्य करना, जिससे अधिकारी समान मुद्दों को अधिक प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकें।

ii.    शासन संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि प्रदान करना, निरंतर नवाचार को बढ़ावा देना और व्यावहारिक ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा देना।

iii.   लोक सेवकों को प्रेरित करना, उन्हें अनुकरण करने के लिए सफल शासन मॉडल प्रदान करना तथा लोक सेवा वितरण में सुधार के लिए नवीन रणनीतियों को अपनाना।

iv.   आईजीओटी पोर्टल जैसे प्लेटफार्मों पर उनके योगदान को मान्यता देकर सरकारी अधिकारियों के उच्च प्रदर्शन को प्रोत्साहित करना, लोक सेवकों को उनकी भूमिकाओं में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करना।

अमृत ​​ज्ञान कोष पोर्टल को आईजीओटी (एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण) प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है, जो मिशन कर्मयोगी पहल के तहत एक प्रमुख डिजिटल शिक्षण उपकरण है जो सरकारी अधिकारियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सामग्री प्रदान करता है।

सभी सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अमृत ज्ञान कोष के केस स्टडीज को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे सरकारी अधिकारियों की समस्या-समाधान और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होगी।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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डी जी कॉलेज द्वारा चलाया गया सड़क सुरक्षा अभियान

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 3 मार्च दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के लल्लनपुरवा बस्ती में सात दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन *सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान* चलाया गया।
सर्वप्रथम स्वयंसेविकाओं के द्वारा आजाद पार्क स्थित शहीद स्थल जहां पर अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा लगी है, की साफ-सफाई की गई। तत्पश्चात दैनिक गतिविधियों में सरस्वती वंदना करने के पश्चात स्वयंसेविकाओं ने योगाभ्यास किया। स्वयंसेविकाओं के द्वारा बस्ती में जाकर कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने हेतु चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत सड़क सुरक्षा जागरूकता संबंधी गतिविधियों की गई। जिनमें छात्राओं ने रैली निकालकर स्लोगन के माध्यम से, नुक्कड़ नाटक कर एवं आपसी संवाद के माध्यम से यातायात के नियमों एवं सड़क सुरक्षा के नियमों से संबंधित जानकारियां बस्तीवासियों को दी। इस अवसर पर सड़क सुरक्षा की शपथ भी ली गई। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय सेवा योजना के इस अभियान तथा छात्राओं के द्वारा किए गए प्रयासों को बस्तीवासियों ने खूब सराहा तथा सड़क पर चलते समय स्वयं तथा दूसरों की सुरक्षा हेतु यातायात के नियमों का पालन करने का संकल्प भी लिया।
द्वितीय सत्र के दौरान भोजन ग्रहण करने के पश्चात छात्राओं ने बौद्धिक सत्र में *सड़क हादसे से मनुष्य के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव व उससे बचाव एवं इसमें महिलाओं की भूमिका* विषय पर एक सामूहिक परिचर्चा की गई। एन एस एस गीत तथा राष्ट्रगान के साथ द्वितीय दिवस का समापन हुआ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ शशिबाला सिंह, श्रीमती आकांक्षा अस्थाना, श्री बसंत कुमार का विशेष योगदान रहा। समस्त गतिविधियों को छात्राओं के द्वारा उमंग एवं उत्साह के साथ संपन्न किया गया

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विश्व का सबसे बड़ा राजयोग और ध्यान आउट रीच कार्यक्रम *”एकात्म अभियान”* 08 राज्यों के 125000 गांवों में संचालित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, 28 फरवरी ,2025 विश्व का सबसे बड़ा राजयोग और ध्यान आउट रीच कार्यक्रम *”एकात्म अभियान”* 08 राज्यों के 125000 गांवों में संचालित किया जा रहा है, यह जानकारी शालिनी श्रीवास्तव जोनल समन्वयक ,कानपुर ने एक विज्ञप्ति में बताया है । उन्होंने आगे बताया कि इसे सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार ,उत्तर प्रदेश सरकार एवं जनपदों/मंडलों के हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है। हार्टफुलनेस की कानपुर की शाखा ने कानपुर जनपद के समस्त 10 ब्लाकों को क्रमशः पूर्ण रूप से हार्टफुलनेस ध्यान पद्धति से परिचित कराने का अभियान चलाया है ।इस अभियान के माध्यम से हर दिल ध्यान,हर घर ध्यान की अवधारणा को पूरा किया जा रहा है ।

श्रीमती श्रीवास्तव ने आगे बताया कि इस अभियान के अंतर्गत कृषि की उन्नत तकनीक एवं मानसिक विकास के लिए मानसिक व्यायाम से परिचित कराया जा रहा है ।इसके अंतर्गत सरसौल ब्लॉक के समस्त 107 गांवों हार्टफुलनेस की 20 टीम बनकर आच्छादित किया गया ।इस कार्य में 100से अधिक स्वयं सेवकों ने सहयोग किया ।
01 मार्च तक एकात्म अभियान कल्याणपुर विकासखंड चलाया जा रहा है।यहां के 79 गांवों को एकात्म अभियान से कवर किया जाएगा ।
विदित हो कि हार्टफुलनेस के अंतर्गत हृदय में ध्यान का अभ्यास भी कराया जाता है । हार्टफुलनेस के अंतराष्ट्रीय गाइड श्री कमलेश डी पटेल (दाजी) चाहते हैं कि देश के कोने कोने में अध्यात्म पहुंचे ।संपूर्ण मानवता के लिए आध्यात्मिक *ध्यान* अत्यंत लाभदायक है । योग और ध्यान का नियमित अभ्यास हमारे सर्वांगीण विकास में मदद करता है । हार्टफुलनेस ध्यान को गहनता से समझने के लिए *heartfulness.org* वेबसाइट देखी जा सकती है ।हार्टफुलनेस ध्यान में हृदय में *ईश्वरीय प्रकाश /devine light/नूर* की उपस्थिति की परिकल्पना कर ध्यान किया जाता है। विश्व के 160 देशों में सभी धर्मों को मानने वाले लोग हार्टफुलनेस का ध्यान करते हैं। संपर्क अनुयाई /व्यक्ति :~ प्रदीप श्रीवास्तव 8853759572

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भारत को विश्व का आध्यात्मिक गुरु बनाने के लिए नशे के विरुद्ध एकजुट होना ही होगा…ज्योति बाबा

दिल्ली के राष्ट्रीय कार्यक्रम में ज्योति बाबा मोस्ट इंस्पायरिंग आइकॉन ऑफ़ द ईयर अवार्ड 25 से फिल्म एक्ट्रेस ईशा कोप्पिकर द्वारा सम्मानित

नशे में मातृशक्ति – स्वस्थ परिवार की संकल्पना कैसे पूरी होगी…. ज्योति बाबा

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर/दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक एवं इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड,एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी योग गुरू ज्योति बाबा को नशा मुक्ति के क्षेत्र में पिछले 35 वर्षों से निरंतर कार्य करने के लिए मोस्ट इंस्पायरिंग आइकॉन ऑफ़ द ईयर अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है आपको यह सम्मान दिल्ली के रेडिसन ब्लू होटल प्लाजा महिपालपुर दिल्ली में दिया गया। इस अवसर पर ज्योति बाबा ने पूरे देश के सम्मानित लोगों के साथ फिल्म एक्ट्रेस ईशा कोप्पिकर एवं फिल्म एक्टर डिनो मौरिया के सम्मुख यह जोर देकर कहा कि यदि भारत को 2047 में विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा होना है तो हमें भारत के बचपन को राष्ट्रीयता से ओतप्रोत करते हुए नशा,प्रदूषण,कुपोषण,हिंसा ,प्लास्टिक और बाल बंधुवा मजदूरी से बचाना ही होगा और इन सब के पीछे कहीं ना कहीं मुख्य कारण नशा है इसलिए नशे के विरुद्ध एकजुट हो,यही सनातन की सच्ची सेवा है तभी परिवार बचेगा,समाज बचेगा,राष्ट्र बचेगा।नेशनल लेवल पर चयनित होने की जैसे ही खबर देश के नशा मुक्ति सेनानियों को हुई थी उनमें खुशी की लहर जाग उठी थी,क्योंकि अब देश की जनता नशे के विरुद्ध लामबंद हो रही है क्योंकि दिल्ली में शराब पॉलिसी के विरुद्ध बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने वोट किया है बिहार के बाद मध्य प्रदेश में भी 18 जिलों में पूर्ण शराब पर प्रतिबंध लगने जा रहा है। इस अवसर पर बॉलीवुड एक्ट्रेस ईशा कोप्पिकर, एक्टर डिनों मौरिया विशेष रूप से अवार्ड सेरेमनी के चीफ गेस्ट थे,उन्होंने युवाओं से देश हित में काम करने का आवाहन किया। साथ ही इस मौके पर देश के प्रमुख इंडस्ट्रीज,एंटरप्रेन्योर्स, लीडरशिप,स्टार्टअप एवं सोशल एक्टिविस्ट विशेष रूप से भाग लेकर कार्यक्रम को उच्च गरिमा प्रदान की। इन सभी क्षेत्रों में पूरे देश से 100 लोगों का चयन किया गया है। समाज सेवा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख एशिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी योग गुरू ज्योति बाबा का मेरिट के आधार पर चयन कर सम्मानित किया गया। जैसे ही हाल में ज्योति बाबा का नाम पुरस्कार के लिए पुकारा गया पूरे शिवाजी हॉल के सभी लोगों ने खड़े होकर के तालियों के साथ स्टैंडिंग ओवेशन दी,ऐसा लगा मानो पूरा हॉल एक सुर में ज्योति बाबा के कामों को सराह रहा हो। योग ऋषि डॉक्टर ओमप्रकाश आनंद ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरा शिष्य श्री श्री ज्योति बाबा आज नशा मुक्ति के क्षेत्र में विशिष्ट कार्यों हेतु राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बना चुका है। नशा मुक्ति युवा भारत के लिए ज्योति बाबा का जोश जुनून और जज्बा नौजवानों के लिए प्रेरणा की बात है। पीयूष रंजन सनातनी ने जोर देकर कहा कि श्री श्री ज्योति बाबा को इससे पूर्व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड,एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड,प्रदेश रत्न,भारत सेवा श्री सम्मान समेत सैकड़ो पुरस्कार नशा मुक्ति युवा भारत अभियान के लिए प्राप्त हो चुके हैं राष्ट्रीय कार्यक्रम पंचतारा होटल रेडिसन ब्लू प्लाजा दिल्ली में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के बीच ज्योति बाबा को दिया गया, यह पुरस्कार मोस्ट इंस्पायरिंग आईकॉनिक इयर अवॉर्ड मिलना हम सभी के लिए गर्व की बात है। यह सम्मान ज्योति बाबा का नहीं,यह सम्मान देश के सभी नशा मुक्ति सेनानियों को समर्पित है।आपको राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान हेतु संस्था योग ज्योति इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह,प्रमुख संयोजक डॉक्टर प्रवीण,आनंद जी महाराज, हरेंद्र मूर्ति जी, डा.ओम प्रकाश आनंद जी,पीयूष रंजन मिश्रा,शैलेंद्र श्रीवास्तव एडवोकेट,नवीन गुप्ता, गिरधर गर्ग,श्रवण कुमार,प्रदीप बिश्नोई,राकेश गुप्ता,विकास गौड़ एडवोकेट,रोहित कुमार,स्वामी अमिताभ,किशोर भाई,पंकज सिंह एवं गीता पाल जी ने हर्ष व्यक्त किया है। एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फोर्स के नेशनल चीफ चंद्रशेखर आजाद एवं सनातन महासभा के डॉ प्रवीण एवं पूरे देश की टीम ने अपने नेशनल ब्रांड एंबेसडर ज्योति बाबा को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी है।

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डीपीआईआईटी सचिव ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, दिल्ली और झारखंड की मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की पीएमजी समीक्षा की अध्यक्षता की

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव श्री अमरदीप भाटिया ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, दिल्ली और झारखंड राज्यों में मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और परियोजना समर्थकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) द्वारा सुगम अंतर-मंत्रालयी और राज्य समन्वय के माध्यम से मुद्दे के समाधान में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक में 17 महत्वपूर्ण परियोजनाओं के 21 मुद्दों की समीक्षा की गई, जिनमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत 9 परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी कुल लागत 13,501 करोड़ रुपये से अधिक है। वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे परियोजना, जिसकी लागत 9,623.72 करोड़ रुपये है और जिसमें छह पैकेजों में सात मुद्दे शामिल हैं, की भी समीक्षा की गई।

बैठक में रणनीतिक स्थानों पर नए एनआईटी स्थापित करने की परियोजना पर महत्वपूर्ण जोर दिया गया, जिसके माध्यम से सरकार तकनीकी शिक्षा में क्षेत्रीय असमानताओं को पाटना चाहती है और कुशल इंजीनियरों और तकनीकी पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना चाहती है। ये संस्थान न केवल शैक्षणिक परिदृश्य को बढ़ाएंगे बल्कि नवाचार, अनुसंधान और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी योगदान देंगे।

बैठक में रणनीतिक स्थानों पर नए एनआईटी स्थापित करने की परियोजना पर महत्वपूर्ण जोर दिया गया, जिसके माध्यम से सरकार तकनीकी शिक्षा में क्षेत्रीय असमानताओं को पाटना चाहती है और कुशल इंजीनियरों और तकनीकी पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना चाहती है। ये संस्थान न केवल शैक्षणिक परिदृश्य को बढ़ाएंगे बल्कि नवाचार, अनुसंधान और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी योगदान देंगे।

भारत माला योजना के तहत एक प्रमुख परियोजना, वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे परियोजना, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाएगी, और इससे व्यापार और माल ढुलाई को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, विशेष रूप से समुद्री व्यापार के लिए कोलकाता और हल्दिया बंदरगाहों पर निर्भर उद्योगों को लाभ होगा – की भी समीक्षा की गई।

डीपीआईआईटी के सचिव ने परियोजना निगरानी के लिए संस्थागत ढांचे को बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और संबंधित अधिकारियों को लंबित मुद्दों के समाधान में सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने का निर्देश दिया। उन्होंने परियोजना कार्यान्वयन में तेजी लाने और केंद्र सरकार, राज्य प्राधिकरणों और निजी हितधारकों के बीच सहयोग के माध्यम से अपनी चिंताओं का कुशल और समय पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) (https://pmg.dpiit.gov.in/) के इस विशेष तंत्र का लाभ उठाने वाले निजी समर्थकों के महत्व पर जोर दिया।

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भारतीय रेल महाकुंभ मेले के अंतिम सप्ताह में यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए तैयार

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पिछले शनिवार को हुई दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ की घटना के बाद भारतीय रेलवे ने कई सख्त कदम उठाए हैं। अयोध्या, वाराणसी, गाजियाबाद, नई दिल्ली और आनंद विहार सहित प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए विशेष होल्डिंग एरिया और अतिरिक्त आरपीएफ की तैनाती की गई है। गाजियाबाद स्टेशन पर एक होल्डिंग एरिया बनाया गया है। प्लेटफॉर्म पर रेलगाड़ी आने के दौरान किसी को भी रस्सियों (सुरक्षा क्षेत्र) को पार करने से रोकने के लिए भी अन्य सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। इसके लिए प्लेटफॉर्म पर रस्सियों के साथ आरपीएफ कर्मियों की तैनाती की गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यात्री रेलगाड़ी के पूरी तरह से रुकने से पहले उसके पास न जाएं।

गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा उपाय

भारतीय रेल महाकुंभ मेले के अंतिम सप्ताह के दौरान यात्रियों की बढ़ती संख्या को संभालने के लिए उत्तरी रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बना रहा है। ये होल्डिंग एरिया प्लेटफॉर्म के बाहर स्थित हैं, ताकि यात्रियों आवाजाही को नियंत्रित करने और भीड़भाड़ को रोकने में मदद मिल सके। यात्रियों को उनकी रेलगाड़ी के निर्धारित प्रस्थान समय के आधार पर प्लेटफॉर्म में प्रवेश करने की अनुमति दी जाती है। इस पहल का उद्देश्य भीड़ प्रबंधन में सुधार करना और यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाना है खासकर व्यस्त समय और त्योहारी मौसम के दौरान।

नई दिल्ली स्टेशन पर होल्डिंग एरिया

उत्तर रेलवे ने गाजियाबाद में 4200 वर्ग फुट, आनंद विहार में 3800 वर्ग फुट, नई दिल्ली में 12710 वर्ग फुट, अयोध्या धाम में 3024 वर्ग मीटर तथा बनारस में 1280 वर्ग मीटर और 875 वर्ग मीटर के विशाल होल्डिंग क्षेत्र बनाए हैं ।

आनंद विहार टर्मिनल, दिल्ली में होल्डिंग एरिया

पूर्वोत्तर रेलवे ने बनारस में 2200 वर्ग फुट, सिवान में 5250 वर्ग फुट, बलिया में 8000 वर्ग फुट, देवरिया में 3600 वर्ग फुट, छपरा में 10000 वर्ग फुट, गोरखपुर में 2500 वर्ग फुट के होल्डिंग एरिया भी बनाए हैं।

अयोध्या धाम में होल्डिंग एरिया

पूर्व मध्य रेलवे ने राजेंद्र नगर टर्मिनल पर दो होल्डिंग एरिया बनाए हैं: 2700 वर्ग फीट और 800 वर्ग फीट, पटना जंक्शन 2700 वर्ग फीट और 2700 वर्ग फीट, दानापुर 2700 वर्ग फीट और 2400 वर्ग फीट। इसके अलावा, आरा 3375 वर्ग फीट, बक्सर: 900 वर्ग फीट, मुजफ्फरपुर: 2400 वर्ग फीट, हाजीपुर: 2400 वर्ग फीट, बरौनी: 2400 वर्ग फीट, समस्तीपुर 2400 वर्ग फीट, जयनगर: 2000 वर्ग फीट, मधुबनी: 2000 वर्ग फीट, रक्सौल: 2000 वर्ग फीट, सकरी: 2000 वर्ग फीट, दरभंगा: 2400 वर्ग फीट, सहरसा: 2400 वर्ग फीट, प. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन: 2400 वर्ग फुट, सासाराम: 2000 वर्ग फुट, गया: 2000 वर्ग फुट

उत्तर मध्य रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन पर 10,737 वर्ग मीटर, नैनी पर 10,637 वर्ग मीटर, प्रयागराज छिवकी पर 7500 वर्ग मीटर होल्डिंग एरिया भी बनाया है।

कुंभ क्षेत्र के एक भाग के रूप में, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे ने प्रयाग जंक्शन: 10,000 वर्ग मीटर, फाफामऊ जंक्शन: 8775 वर्ग मीटर, झूसी: 18,000 वर्ग मीटर और प्रयागराज रामबाग: 4000 वर्ग मीटर में स्थायी/अस्थायी होल्डिंग क्षेत्र भी बनाए हैं।

वाराणसी रेलवे स्टेशन पर होल्डिंग एरिया

प्रयागराज क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों पर ऐसे होल्डिंग एरिया और भीड़ प्रबंधन उपाय पहले से ही लागू हैं। ये उपाय यात्रियों को अपनी रेलगाड़ी में चढ़ने के दौरान अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए हैं जो छठ और दिवाली जैसे सबसे ज्यादा यात्रा करने के दिनों दौरान प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के समान हैं। भारतीय रेलव यात्रियों से सहयोग करने और सुचारू और सुरक्षित यात्रा संचालन सुनिश्चित करने के लिए आधिकारिक दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह करता है। आगे की अपडेट के लिए, यात्रियों को आधिकारिक चैनल के माध्यम से सूचित रहने की सलाह दी जाती है।

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केंद्र ने 31 मार्च 2025 तक गेहूं की स्टॉक सीमा में संशोधन किया

भारत सरकार गेहूं की कीमतों पर कड़ी नज़र रखती है और देश में उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उचित हस्तक्षेप करती है। रबी 2024 के दौरान कुल 1132 एलएमटी गेहूं का उत्पादन दर्ज किया गया और देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है।

समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए, भारत सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू गेहूं पर स्टॉक सीमाएँ लगाईं। निर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमाओं और आंदोलन प्रतिबंधों को हटाने (संशोधन) आदेश, 2024 को 24 जून 2024 को जारी किया गया और 09 सितंबर 2024 और 11 दिसंबर 2024 को संशोधित किया गया और यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लागू था।
गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के निरंतर प्रयासों के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2025 तक लागू गेहूं स्टॉक सीमा को निम्नानुसार संशोधित करने का निर्णय लिया है:
 

इकाइयां, मौजूदा गेहूं स्टॉक सीमा संशोधित गेहूं स्टॉक सीमा
व्यापारी/ थोक विक्रेता 1000 मीट्रिक टन 250 मीट्रिक टन
फुटकर विक्रेता प्रत्येक रिटेल आउटलेट के लिए 5 मीट्रिक टन। प्रत्येक रिटेल आउटलेट के लिए 4 मीट्रिक टन।
बड़ी श्रृंखला खुदरा विक्रेता प्रत्येक आउटलेट के लिए 5 मीट्रिक टन, बशर्ते कि उनके सभी आउटलेट और डिपो पर स्टॉक की अधिकतम मात्रा (5 गुणा कुल आउटलेट की संख्या) मीट्रिक टन हो। प्रत्येक आउटलेट के लिए 4 मीट्रिक टन, बशर्ते कि उनके सभी आउटलेट और डिपो पर स्टॉक की अधिकतम मात्रा (4 गुणा कुल आउटलेट की संख्या) मीट्रिक टन हो।
प्रोसेसर अप्रैल 2025 तक मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 50% शेष महीनों से गुणा किया जाएगा। अप्रैल 2025 तक मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) का 50% शेष महीनों से गुणा किया जाएगा।

सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर पंजीकरण कराना होगा तथा प्रत्येक शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करना होगा। कोई भी संस्था जो पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराती है या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, उसके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

यदि उपरोक्त संस्थाओं के पास स्टॉक उपरोक्त निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में कीमतों को नियंत्रित करने तथा आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।

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