भारतीय स्वरूप संवाददाता लोककला, साहित्य और संस्कृति के संगम में निखरी प्रतिभाएं: लखनऊ में राज्य स्तरीय कार्यशाला का भव्य आयोजन हुआ जिसमें कानपुर की शिक्षिका और साहित्यकार एवं कवयित्री अंजनी अग्रवाल को माननीय उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया सम्मानित
अंजनी अग्रवाल शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में नित्य नये कार्य तो करती रहती हैँ, साथ ही अभी हाल में उनकी सम्पादित पुस्तक “प्रेरक द्वार ” (बाल कहानी संग्रह ) की काफ़ी प्रशंसा हो रही है l
आज अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ में एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक संगम का साक्षी बना, जहां कलार्पण भारत एवं बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राज्य स्तरीय काव्य, साहित्य, लोककला एवं सांस्कृतिक कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने अपनी कला, साहित्यिक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय लोक परंपरा की गहराई और समृद्धता को मंच पर सजीव कर दिया।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ, जिसके बाद पूरे वातावरण में साहित्य और संस्कृति की एक दिव्य लहर बहने लगी। इस गरिमामयी
कानपुर
जनपद के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के मध्य कानपुर के समग्र विकास की रणनीति पर चर्चा एवं संवाद
दैनिक भारतीय स्वरूप जिला सूचना कार्यालय कानपुर नगर, सर्किट हाउस में जनपद के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के मध्य शासन की मंशानुसार कानपुर के समग्र विकास की रणनीति पर चर्चा एवं संवाद हुआ। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों से संवाद स्थापित करते हुए अपने-अपने स्तर से जनपद के विकास हेतु सुझाव भी दिए तथा इन सुझावों को अमल में लाने के लिए जिलाधिकारी महोदय ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को यह भी निर्देश दिए कि वे अपनी परियोजनाओं की विस्तृत सूचना ससमय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराएं, जिससे शासन की नीतियों को जमीनी स्तर पर लागू करने में तेज गति मिल सके। उन्होंने अधिकारियों से मा. जनप्रतिनिधियों के साथ सौहार्दपूर्ण व सामंजस्य स्थापित करते हुए काम करने पर जोर दिया। बैठक के दौरान जनपद के विकास एवं निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु प्रत्येक माह बैठक आयोजित कराए जाने पर सहमति व्यक्त किया गया। बैठक में सांसद रमेश अवस्थी, माननीय सांसद देवेंद्र सिंह भोले, महापौर प्रमिला पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, विधायक सुरेंद्र मैथानी, विधायक राहुल बच्चा सोनकर, राज्यसभा अध्यक्ष प्रतिनिधि, एमएलसी सलिल बिश्नोई के प्रतिनिधि सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के उपरांत जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा सर्किट हाउस स्थित नवनिर्मित प्रेसीडेंशियल हाउस का निरीक्षण कर स्थितियों को परखते हुए आवश्यक दिशा -निर्देश दिए गए बैठक में जनप्रतिनिधियों व जिलाधिकारी महोदय के अलावा ज्वाइंट सीपी, एमडी केस्को, नगर आयुक्त, मुख्य विकास अधिकारी, एडीएम नगर एवं वित्त,पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहें ।
Read More »कानपुर दर्शन
दिलों में बसा कानपुर, आओ करें गुणगान।
अनेकों दर्शनीय स्थल,सभी रखें निज मान।।
बात करें बिठूर की, ऐतिहासिक सम्मान।
ग्रीन पार्क स्टेडियम, बहु उद्देशीय मैदान।।
पनकी मंदिर बाबा का, मनोकामना धाम।
जे के मंदिर में बसे , राधे संग श्याम।।
बात करें ऊंनं की, लाल इमली उद्यान।
चले जो चिड़िया घर,पक्षी जानवर प्राण।।
अब चले शिवालय, ले चूड़ी चलो चौक।
आगे आए मिस्टन रोड,मिले जहां सब थोक।।
करें अब तपेश्वरी की बात,मिले पुण्य सौगात।
वही पे बिरहाना रोड, ले लो गहने साथ।।
करें पवित्रता की बात, अनेकों गंगा घाट।
चलो जरा फूलबाग, पाएं संग्रहालय आप।।
माहेश्वरी मोहाल , कांच का मंदिर बसा।
भीतर गांव जो जाओ,प्राचीनता से सजा।।
जाजमऊ की टेंडरी,करे लेदर निर्माण ।
निर्यात हो विदेशों में, बने जिससे समान।।
कानपुर बड़ी धरोहर, ऐतिहासिक सम्मान।
गिनाने बैठे जो हम, नहीं सभी आसान!! — डॉ अंजनी अग्रवाल कानपुर नगर
दैनिक भारतीय स्वरूप
अतुल दीक्षित द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं महाराष्ट्र से प्रकाशित
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Read More »समाधान दिवस, दिव्यांग जानों हेतु आयोजित किया गया विशेष कैम्प*
दैनिक भारतीय स्वरूप जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता मे सम्पूर्ण समाधान दिवस , बिल्हौर का आयोजन बिल्हौर ब्लॉक सभागार मे किया गया, जिसमें जिलाधिकारी के निर्देश पर दिव्यांगजन हेतु विशेष कैम्प का आयोजन भी किया गया जिसमे चिकित्सा विभाग, पूर्ति विभाग, राजस्व विभाग, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग , भारतीय डाक विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहें। कैम्प मे 102 दिव्यांगजनों के ऑनलाइन आवेदन करा कर दिव्यांग बोर्ड के डॉक्टर द्वारा शारीरिक परीक्षण किया गया, जिसमें 75 दिव्यांगजनो के यू०डी०आई०डी० कार्ड/दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत कर जिलाधिकारी द्वारा वितरित किया गया। 5 दिव्यांगजनों के आवेदन रिजेक्ट और 22 रेफर किए गये। कैंप मे 03 दिव्यांगजन के दिव्यांग पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन कराया गया। 10 दिव्यांगजन के आय प्रमाण पत्र, 08 दिव्यांगजनों के राशन कार्ड, 10 दिव्यांगजनों के सहायक उपकरण योजना के अंतर्गत चिन्हांकन किया गया। 10 दिव्यांगजन के एन०पी०सी०आई० मैप इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के नवीन खाते खोले गये।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी उपजिलाधकारी, बिल्हौर, रश्मि सिंह लाम्बा, जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी व तहसीलदार बिल्हौर मौजूद रहें ।
Read More »सीजफायर पे इतनी किच किच क्यों
दैनिक भारतीय स्वरूप पाकिस्तान स्थित आतंकी अड्डो को निशाना बनाते हुए भारत द्वारा की गयी सैन्य कार्रवाई बन्द हो जाने के बाद पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है| विपक्षी दल जहाँ सरकार पर हमलावर हैं वहीँ सत्ता पक्ष के नेता ऑपरेशन सिन्दूर को सफल तथा सीजफायर को अस्थाई बता रहे हैं| प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने देश के नाम अपने सम्बोधन में बताया कि भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया जिसका उसे अन्दाजा भी नहीं था| भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा था| प्रधानमन्त्री ने यह भी बताया कि पाकिस्तान दुनियां भर में तनाव कम करने के लिए गुहार लगा रहा था और बुरी तरह पिटने के बाद पाकिस्तानी सेना ने 10 मई की दोपहर हमारे डीजीएमओ को सम्पर्क किया| तब तक हम आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे| पाकिस्तान की तरफ से जब यह कहा गया कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधी और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जायेगा तो भारत ने भी उस पर विचार किया| प्रधानमन्त्री ने अपने वक्तव्य में स्पष्ट कहा कि हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को सिर्फ स्थगित किया है| सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद ऑपरेशन सिन्दूर अब भारत की नीति बन चुकी है| पाकिस्तान को चेतवानी देते हुए उन्होंने कहा है कि हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे| रक्षामन्त्री राजनाथ सिंह ने भी प्रधानमन्त्री की बात दोहराते हुए पाकिस्तान को आगाह किया कि हिन्दुस्तान की धरती पर किया गया कोई भी आतंकी हमला एक्ट ऑफ़ वार माना जायेगा|
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत भारतीय वायु सेना ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान तथा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कुल 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी| जिसका उद्देश्य आतंकियों के लांचपैड तथा हथियारों के भण्डार को नेस्तानाबूद करना था| जो पूरी तरह सफल रहा| विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कार्रवाई में जैश-ए-मुहम्मद का सरगना अब्दुल रऊफ अजहर सहित 100 से अधिक आतंकी मारे गये| अब्दुल रऊफ दिसम्बर 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट – 814 के अपहरण तथा अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल बताया जाता था| आतंकी अड्डों पर अचानक हुई इस बड़ी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के कई सैन्य ठिकानों तथा रिहायशी इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की| परन्तु भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने माकूल जवाब देते हुए सभी हमलों को चुटकियों में विफल कर दिया| पाकिस्तान द्वारा छोड़े गये सभी ड्रोन जहाँ हवा में ही नष्ट कर दिये गये वहीं उसका एयर बेस सिस्टम भी ध्वस्त कर दिया गया| इस ऑपरेशन में जिन नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें चार पाकिस्तान में तथा पांच पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित थे| इन्हें लश्कर, जैश-ए-मुहम्मद तथा हिजबुल मुजाहिदीन जैसे भारत विरोधी आतंकी संगठनों के ठिकानों के रूप में चिन्हित किया गया था| अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 25 किलोमीटर दूर मुरीदके में स्थित लश्कर मुख्यालय का नाम ‘मरकज तैयबा’ था| 26/11 के आतंकी अजमल कसाब तथा डेविड हेडली आदि ने यहीं प्रशिक्षण लिया था| अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किमी दूर बहावलपुर में स्थित जैश-ए-मुहम्मद के मुख्यालय का नाम ‘मस्जिद/मरकज सुभान अल्लाह’ था| यह आतंकियों की भर्ती, प्रशिक्षण तथा उन्हें कट्टर बनाने का केन्द्र था| अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 12 किमी दूर सियालकोट में स्थित ‘मेहमूना जोया’ नाम का आतंकी अड्डा हिजबुल मुजाहिदीन का बड़ा शिविर तथा कठुआ जम्मू क्षेत्र का नियंत्रण केन्द्र बताया गया| जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले की योजना बनाने तथा उस पर निगरानी रखने का काम यहीं से हुआ था| सियालकोट में ही अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगभग 6 किमी दूर जैश-ए-मुहम्मद का सरजाल नामक केन्द्र था| मार्च 2025 में जम्मू कश्मीर के चार पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाले आतंकवादियों ने यहीं प्रशिक्षण लिया था| पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के पांच आतंकी अड्डों में ‘सवाई/शवाई नाला’ नामक लश्कर का प्रशिक्षण केन्द्र नियंत्रण रेखा से लगभग 30 किमी दूर मुजफ्फराबाद में स्थित था| मुजफ्फराबाद में ही ‘सैयदना बिलाल’ नाम से जैश-ए-मुहम्मद का प्रशिक्षण केन्द्र संचालित था| जहाँ हथियार, विस्फोटक तथा जंगल में जीवित रहने का प्रशिक्षण दिया जाता था| वहीँ नियंत्रण रेखा से लगभग 30 किमी दूर कोटली में राजौरी-पूंछ क्षेत्र में सक्रिय लश्कर आतंकियों का प्रशिक्षण केन्द्र था| जिसका नाम गुलपुर था| अप्रैल 2023 में पूंछ में तथा जून 2024 में हिन्दू तीर्थयात्रियों की बस पर हमला करने वाले आतंकियों ने यहीं प्रशिक्षण लिया था| कोटली में ही नियंत्रण रेखा से लगभग 13 किमी दूर लश्कर के अब्बास नामक अड्डे में फिदायीन अर्थात आत्मघाती हमले का प्रशिक्षण दिया जाता था| नियंत्रण रेखा से लगभग 9 किमी दूर भीम्बेर में बरनाला नाम से लश्कर का आतंकी अड्डा था| जिसमें हथियार, आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) तथा जंगल में जीवित रहने की ट्रेनिग दी जाती थी| इन सभी आतंकी अड्डों की तबाही ने निश्चित ही भारत विरोधी आतंकियों की कमर तोड़ने का काम किया है| इसे आतंक के खिलाफ भारत की लड़ाई को बहुत बड़ी सफलता के रूप में देखा जाना चाहिए| लेकिन भारत की एक बड़ी आबादी ऑपरेशन सिन्दूर के तहत पाकिस्तान के टुकड़े होते हुए देखना चाहती थी| लोगों का यह विचार था कि अब यह कार्रवाई पाक अधिकृत कश्मीर की भारत में वापसी तथा बलूचिस्तान की आजादी के बाद ही रुकनी चाहिए| परन्तु अचानक घोषित हुए सीजफायर ने सबकी आशाओं पर पानी फेर दिया| उसमें भी सीजफायर का ऐलान भारत और पाकिस्तान से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा किये जाने से आम जन का आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक है|
अब प्रश्न यह उठता है कि आतंकी अड्डों पर कार्रवाई शुरू करते ही जब भारत सरकार ने बड़ी प्रतिबद्धता पूर्वक स्पष्ट कर दिया था कि हम सिर्फ और सिर्फ आंतकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रहे हैं| इसमें न तो पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर हमला किया जायेगा और न ही वहां के रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया जायेगा| तब फिर भारत की एक बड़ी आबादी के मन में बलूचिस्तान की आजादी तथा पाक अधिकृत कश्मीर पर कब्जे की भ्रान्ति ने कैसे और क्यों जन्म लिया? इसके राजनीतिक निहितार्थ भले ही तलाशे जा रहे हों| परन्तु कारण यह हो सकता है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आलोचना झेल रही सरकार ने 6 मई तक सेना को पर्याप्त होमवर्क करने के बाद सैन्य कार्रवाई की इजाजत दी थी| जिसका परिणाम पूरी तरह सकारात्मक रहा और पाकिस्तान तथा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी अड्डों को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सका| तदोपरान्त पाकिस्तान की ओर से की गयी जवाबी कार्यवाही को भी भारतीय जवानो ने विफल कर दिया| ऐसे में भारत की एक बड़ी आबादी को यह आभास होना स्वाभाविक था कि हम पाकिस्तान पर भारी हैं| अतः लगे हाँथ पाक अधिकृत कश्मीर को मुक्त तथा बलूचिस्तान को आजाद करवाकार समस्या को हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहिए| जबकि सरकार तथा सेना का उद्देश्य 7 मई को ही पूरा हो गया था| अतः कार्रवाई को रोकना मुनासिब लगा और हुआ भी यही| ऐसे में आम जन में असन्तोष फ़ैल गया| बड़े पैमाने पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आयीं और अभी तक आ रही हैं| इसी अवसर का लाभ उठाते हुए विपक्षी दल भी हमलावर हो रहे हैं| कोई इन्दिरा गाँधी को याद कर रहा है तो कोई अटल विहारी वाजपेई की दुहाई दे रहा है| प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को अन्ततोगत्वा कहना ही पड़ा कि हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को सिर्फ स्थगित किया है|
निश्चित ही भारत सैन्य स्तर पर पाकिस्तान से कई गुना अधिक शक्तिशाली है| परन्तु उत्साह के अतिरेक में सीजफायर के विरोध में प्रतिक्रिया देने से पूर्व हमें इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि आज की परिस्थितियां 1971 से कहीं अधिक भिन्न हैं| बलूचिस्तान की आजादी और पाक अधिकृत कश्मीर की मुक्ति के लिए सैन्य कार्रवाई की बजाय कूटनीतिक तरीका अधिक उपयुक्त है| इस हेतु प्रयास भी जारी है| इसके अलावा पाक अधिकृत कश्मीर की मुक्ति से कहीं अधिक आवश्यक जम्मू कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त करवाना है| साढ़े तीन दशक से अपने ही देश में निर्वासित जीवन जी रहे कश्मीर के मूल निवासियों की घर वापसी भारत सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है| ऑपरेशन सिन्दूर को इस चुनौती से निपटने की दिशा में एक बड़े एवं प्रभावशाली प्रयास के रूप में देखा जाना चाहिए
डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)
Read More »लेबर कॉलोनी का मालिकाना हक- जो जहां है, उसी को उसका मालिक बना दिया जाए-मैथानी*
भारतीय स्वरूप संवाददाता आज लखनऊ बापू भवन में उत्तर प्रदेश परामर्श दात्री समिति श्रम मंत्रालय की बैठक प्रमुख सचिव श्रम की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें विधायक सुरेंद्र मैथानी द्वारा,पूर्व में उत्तर प्रदेश सदन में लगाई गई याचिका एवं लंबे समय से किये जा रहे संघर्ष के, उन सारे बिंदुओं को शामिल किया गया, जिन पर लेबर कॉलोनी के निवासियों के मालिकाना पर फैसला काफी कुछ उनके पक्ष में आए।
विधायक ने बैठक मे कहा कि मैं जीवन के 42 वर्ष लेबर कॉलोनी में रहा हूं मुझसे बेहतर पूरे उत्तर प्रदेश में वहां का दर्द और वहां का निवारण दूसरा कोई नहीं बता सकता। उन्होंने उक्त बैठक में कहा की कॉलोनीयों के स्वामित्व के मामले में, जो जहां है,जितना है, जिसके पास है और जैसा है,उसी हालत में, उसी को उसका मालिकाना हक, मात्र टोकन मनी ले करके, दे दिया जाए।यह इसका व्यावहारिक पक्ष है। यदि हम कानूनी दांव पेज और दशकों पुराने, अव्यावहारिक नियमों के हिसाब से, कोई नियमावली बनाएंगे, तो वह सफल नहीं होगी। इसलिए हमें व्यावहारिक पक्ष के आधार पर ही, जनहित में अपनी संस्तुति करके, कैबिनेट को प्रस्ताव भेजना चाहिए।
*विशेष सचिव द्वारा कहा गया कि पहले खाली पड़ी हुई जगह पर कमर्शियल स्पेस बना लिया जाए और फिर मूल आवंटी और उसके बाद सिग्मी लोगों और उसके बाद बड़े लोगों के काबिज मकान को,अलग-अलग दर पर,उन्हें आवंटन करने की पॉलिसी बनाई जाए।या पहले खाली पड़े हुए पार्क में, स्थलों पर, अपार्टमेंट की तर्ज पर फ्लैट बनाया जाए और उनका आवंटन करके, तब इस कॉलोनी को डिमोलिश करके, दोबारा इसका निर्माण कर,जो जिस श्रेणी में आता हो,उनको उनकी पात्रता के आधार पर,निर्माण कंप्लीट उपरांत आवंटन किया जाए। जिस पर क्रोधित होकर, विधायक सुरेंद्र मैथानी जी ने उक्त प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह मैं किसी कीमत पर नहीं होने दूंगा।आपने पिछले 60 साल में ₹ 1 का भी मेंटेनेंस नहीं कराया, आप किस आधार पर उसको अपनी संपत्ति मान रहे हो।और हम लोगों ने, हमारी सरकार ने और हमने अपने मुख्यमंत्री जी ने वहाँ की सड़क,नाली,सीवर, बिजली, विकास कार्यों और पार्कों का विकास कराकर, उसे रहने योग्य बनाया है।और अब आप,अपना मालिकाना हक समझकर,आधार हीन,कोई भी ऐसा निर्णय नहीं कर सकते, जो वहां की जनता की मूल भावनाओं के खिलाफ हो। मैं इसका विरोध करता हूं और उसको सड़कों पर उत्तर के भी,किसी भी कीमत पर नहीं होने दूंगा। यह पूरी तरह जन विरोधी है।मुझे समझाने का प्रयास न करें।क्योंकि मैं वहां के कष्ट को जानता हूं और मैं वहां का 42 साल निवासी रहा हूं। पहले मुझसे बात करो,तब कोई कदम,आप आगे बड़ा पाओगे। बैठक के अंत में प्रमुख सचिव सभापति ने कहा की विधायक जी का पक्ष व्यावहारिक है इस पर शास्त्री नगर कॉलोनी और कानपुर की श्रम कॉलोनी से ही इसका सर्वे अध्ययन प्रारंभ करें जिसको 6 महीने के अंदर पूर्ण कर लिया जाए।जिसमें लोकल अथार्टी, नगर निगम अथवा के डी ए अथवा आवास विकास को सम्मिलित करके, उसमें टेक्निकल दृष्टि से जे ई तथा पीडब्ल्यूडी के लोगों को भी शामिल करके और परामर्शदात्री के सदस्य के नाते विधायक जी को भी शामिल करके, इसकी एक अध्ययन रिपोर्ट अभिलंब तैयार की जाए। जिस पर कोई सकारात्मक रिपोर्ट तैयार करके शासन ,कैबिनेट को प्रेषित की जाए। जिससे जल्द से जल्द इस पर सकारात्मक निर्णय आ सके।
इस पर विधायक जी ने प्रमुख सचिव को इस सकारात्मक दृष्टि में आगे कार्यवाही हेतु बड़ी, बैठक के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
उक्त बैठक में प्रमुख रूप से प्रमुख सचिव श्रम एम के शानमुगा सुंदरम जी, विधायक सुरेंद्र मैथानी जी एवं विधायक मंजू शिवाज जी एवं श्रम आयुक्त मारकंडे शाही जी तथा विशेष सचिव कुणाल सिल्कू, विशेष सचिव निलेश कुमार सिंह,उपश्रमायुक्त पंकज सिंह राणा, उपश्रमायुक्त श्रीमती रचना केसरवानी,उप श्रमायुक्त जय प्रताप जी, उपश्रमायुक्त अनुराग मिश्रा गाजियाबाद एवं विधायक सुरेंद्र मैथानी, विधायक मंजू सिवाच एवं अनिल उपाध्याय आदि लोग प्रमुख रूप से थे।
Read More »हिमांशु पाल नगर अध्यक्ष एवं अमित कालरा महामंत्री घोषित
भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर*आदर्श उद्योग व्यापार मंडल द्वारा प्रदेश की कार्यकारिणी गठन में हिमांशु पाल को नगर अध्यक्ष
एवं अमित कालरा को महामंत्री पद दिया गयाआदर्श उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश की प्रदेश कार्यकारणी की एक विशेष बैठक आज सोमवार को यशोदा नगर बाई पास स्थित लौर्ड गार्डन गेस्ट हाउस में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता कैट के राष्ट्रीय सचिव एवं आदर्श उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश चेयरमैन पंकज अरोरा ने की,
बैठक की जानकारी देते हुए व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष मणीद्र सोनी ने बताया कि प्रदेश कार्यकारणी की इस महत्वपूर्ण बैठक में कानपुर महानगर के अध्यक्ष और महामंत्री पद के लिए कई प्रमुख व्यापारी नेताओं के नामों पर विचार किया गया,
जिसमें अंत में सर्व सम्मति से हिमांशु पाल को महानगर अध्यक्ष और अमित कालरा को महानगर महामंत्री का पद भार दिया गया,
बैठक में महानगर कार्यकारणी के नामों पर भी विस्तृत चर्चा की गई,
नव नियुक्त नगर अध्यक्ष हिमांशु पाल ने कहा व्यापारियों की शहर के अंदर प्रशासन द्वारा और बोहोत अनदेखी की जा रही है इस अनदेखी को व्यापारी भाई बर्दाश्त नहीं करेंगे आने वाले समय में प्रशासनिक अधिकारियों को इससे अवगत कराया जाएगा और पूरी तरह छुटकारा दिलाने का प्रयास किया जाएगा
बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी के सभी सदस्यों सहित व्यापारी नेता शामिल हुए, जिसमें मुख्य रूप से मौजूद रहे, मणीन्द्र सोनी प्रदेश अध्यक्ष,ओ,पी,निगम प्रदेश महामंत्री,आदर्श उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश शिव सोनी,डी के गुप्ता रिटायर्ड PCS ,डॉक्टर VK साहू डॉक्टर हिमांशु शाह,सुनील निगम ,अरुणेश निगम,सूरज निगम,अमित बाजपेयी,बाबू सिंह यादव,संजय सचान,विनीत निगम,अरुण जौहरी,राजेश सिंघानिया,धर्मेन्द्र गुप्ता,संजय कपूर,नितिन केषर वानी,कृष्ण कुमार मुप्ता, इन्दर गुप्ता, ओमकार, राजकुमार गुट्टा आदि मौजूद रहे
डी एम ने जनसुनवाई के दौरान कई मामलों का किया तुरंत निस्तारण
दैनिक भारतीय स्वरूप (जिला सूचना)”मेरी बहू दोनों कानों से नहीं सुन सकती है इसलिए मैं और मेरा परिवार इस बात के लिए कई महीनो से चिंतित और प्रयासरत थे और आज जिलाधिकारी को समस्या बताते ही उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर हमारी मदद की, जिसके लिए हम उन्हें आभार व्यक्त करते हैं ।”
– बृजेश कुमार, रमिता कुमारी के ससुर
कानपुर नगर, 28 अप्रैल, 2025 जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा आज कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई की गई।
जनसुनवाई के दौरान हरदेव नगर, बर्रा निवासी बृजेश कुमार ने अपनी बहू रमिता कुमारी के इलाज़ के संबंध में जिलाधिकारी के समक्ष गुहार लगाई। प्रार्थी का कहना है कि मूलतः बिहार की रहने वाली उनकी बहू को दोनों कानों से सुनाई नहीं देता है तथा उन्होंने 8 महीने से कई सरकारी अस्पतालों की दौड़ लगाई परंतु उनके बहू की समस्या का हल नहीं निकाला जा सका। उन्होंने प्रार्थी ने यह भी कहा कि सरकारी अस्पताल वाले प्रार्थी को इलाज करने के बजाय किसी प्राइवेट संस्थान में इलाज कराने की बात कही। इस पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए दूरभाष पर एक निजी चिकित्सालय के डायरेक्टर से बात करके रमिता की समस्या का निवारण करने की गुजारिश की। इस पर डायरेक्टर ने सहमति व्यक्त करते हुए प्रार्थी को अपने हॉस्पिटल में बुलाया और उसका इलाज निशुल्क करना प्रारम्भ कर दिया।।
वहीं, जनसुनवाई के दौरान जनपद के कुली बाजार निवासिनी स्नेहा ने अपनी माता अनीता देवी की मृत्यु के पश्चात जुलाई 2024 से मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनाए जाने की शिकायत की। जिस पर जिलाधिकारी ने तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित को मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए तत्पश्चात 1 घंटे में मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया।
शिक्षा व्यवस्था रोजगार के अवसरों से भरपूर होनी चाहिए ~ श्रीलेखा मिश्रा
भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर किदवई नगर स्थित सोशल रिसर्च फाउंडेशन कानपुर में आज दिनांक 27 अप्रैल, 2025 को बहुत ही समसामयिक विषय “रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था : आवश्यकता एवं चुनौतियाँ” पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने विशिष्ट योगदान के लिए दिल्ली, पंजाब राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, उन्नाव, प्रयागराज, कानपुर आदि से आए लगभग 15 विद्वतजनों को सम्मानित भी किया गया।
संगोष्ठी का उद्घाटन अमेरिका से आई “Ohio University, USA की रिसर्च साइन्टिस्ट डॉ श्रीलेखा मिश्रा, हमीरपुर जिला कारागार के अधीक्षक मँजीव विश्वकर्मा, कानपुर परिक्षेत्र के उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो मुरलीधर राम गुप्ता, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित के. ए. दुबे “पद्दमेश” के कर कमलों से हुआ। मुख्य अतिथि श्रीलेखा मिश्रा ने रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ओर जहा शिक्षा व्यवस्था रोजगार के अवसरों से भरपूर होनी चाहिए वही रोजगार पाने वाले मे भी कार्य करने की ईमानदार चाहत होनी चाहिए। उच्च शिक्षा के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं– नई शिक्षा नीति ऐसे प्रयासों का प्रमाण है। हमारे प्रयासों से शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम आने लगेंगे।
सोशल रिसर्च फाउंडेशन की उपाध्यक्ष, महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ० आशा त्रिपाठी ने सभी सम्मानित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उच्च शिक्षा में व्याप्त प्रदूषण की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह एक चिंतनीय यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर हमें खोजना होगा।
संस्था के संस्थापक सचिव राजीव मिश्रा ने संस्था की 15 वर्षों की गौरवमयी यात्रा का विस्तृत परिचय दिया और बताया कि संस्थान के साथ जुड़कर इस देश के लाखों शिक्षक गण लाभान्वित हो रहे हैं। संस्थान के 6 रिसर्च जर्नल विश्व के 25000 जनरल्स के मध्य स्थान रखते हैं जो कानपुर के लिए भी एक गौरवपूर्ण बात है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो0 मुरलीधर राम गुप्ता जी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर गहन प्रकाश डालते हुए कहा कि इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को और ज्यादा समावेशी, प्रभावी, रोजगारपरक और बेहतर बनाना है। यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। इस नीति का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। उन्होंने शिक्षकों से सकारात्मक सहयोग का आवाहन भी किया।
हमीरपुर जिला कारागार के अधीक्षक मँजीव विश्वकर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी शिक्षा प्रणाली की आधारशिला है जो विज्ञान के साथ-साथ ज्ञान से भी परिपूर्ण है, परंतु सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रभाव और नैतिकता के ह्रास के चलते अब व्यक्ति कड़े परिश्रम के बजाय शॉर्टकट अपनाता है और कभी भी बेईमानी करके कोई अच्छे रोजगार का अवसर नहीं प्राप्त कर सकता है । अतः इस शैक्षिक व्यवस्था मे कही न कही नैतिक शिक्षा का भी प्राविधान होना चाहिए।
जाने माने ज्योतिषाचार्य पंडित के ए दुबे ‘पद्मेश’ जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में नई शिक्षा नीति का भविष्य उज्जवल बताते हुए सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर भी काम करने की आवश्यकता पर बल दिया .
तकनीकी सभा में शोध पत्र प्रस्तुत किए गए जिनमें उच्च शिक्षा की दशा और संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। यह संगोष्ठी “रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था : आवश्यकता एवं चुनौतियाँ” के संदर्भ में एक मील का पत्थर साबित हुई।
सोशल रिसर्च फाउंडेशन के संरक्षक और डीबीएस कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ० शिव कुमार दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।
गोष्ठी का कुशल संचालन संस्था के संस्थापक सचिव राजीव मिश्रा द्वारा किया गया। इस सेमिनार का संयोजन संस्थान की जनरल मैनेजर और जर्नल्स की उपसंपादक कुमारी भावना निगम द्वारा किया गया।
संगोष्ठी में संस्थान की कोषाध्यक्ष दीप्ति मिश्रा, यशस्वी मिश्रा, तेजस्वी मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना दीक्षित, दिलीप कुमार मिश्रा, डॉ प्रदीप अवस्थी, अमन निगम, रचना गुप्ता, डॉ पी एन शर्मा, कार्तिकेय अवस्थी, शुभम तिवारी, कृष्ण गोपाल तिवारी, प्रकाश शुक्ला, राम द्विवेदी सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहें।
सम्पादक, मुद्रक, प्रकाशक
अतुल दीक्षित
द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं महाराष्ट्र से प्रकाशित
Read More »पोषण पखवाड़ा” के अंतर्गत जनमानस में स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूक किया गया
भारतीय स्वरूप संवाददाता राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर द्वारा “पोषण पखवाड़ा” 8 अप्रैल से 22 अप्रैल के मध्य चलाये जाने वाले कार्यक्रम के अंतर्गत जनमानस में स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने तथा संतुलित आहार और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 21 अप्रैल 2025 को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पोषण पर चर्चा, पोषण थाली , और कुपोषण पर जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी का प्रसार करना इसका मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण पखवाड़ा हमें यह याद दिलाता है कि एक स्वस्थ राष्ट्र की नींव एक स्वस्थ समाज से ही रखी जा सकती है। एनएसएस वॉलिंटियर्स ने स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखें तथा परिचर्चा में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में भूगोल विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव तथा समस्त छात्राओं का विशेष योगदान रहा।
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