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युवा जगत

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का दो-दिवसीय चिंतन शिविर संपन्न; देशभर के 34 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों और 19 मंत्रियों ने इसमें भाग लिया

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा देहरादून में आयोजित चिंतन शिविर 2025 के दूसरे दिन रचनात्मक संवाद, नीतिगत सुसंगतता और जमीनी स्तर पर बदलाव पर जोर दिया गया। शिविर के पहले दिन की गति को आगे बढ़ाते हुए, आज व्यावहारिक समस्याओं के समाधान खोजने, केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों तथा अन्य कार्यान्वयन संबंधी भागीदारों के बीच सहयोग पर चर्चा की गई। इसका शिविर उद्देश्य अधिक प्रभावी शासन की शुरुआत करना एवं प्रभाव को गहरा करना, समावेशिता सुनिश्चित करना और मंत्रालय के तहत विभिन्न योजनाओं एवं पहलों के वितरण तंत्र को मजबूत करना था।

इस कार्यक्रम में देशभर के 34 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों और 19 मंत्रियों ने भाग लिया। समापन सत्र में विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों के मंत्रियों ने अपने संबोधन में संघीय सहयोग की भावना को मजबूती दी। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता (एसजेएंडई) मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने समापन भाषण में चिंतन शिविर के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह शिविर रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देता है, सहयोगात्मक सोच को प्रेरित करता है और साक्ष्य-आधारित नीतिगत परिष्करण का मार्ग प्रशस्त करता है। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री बी.एल. वर्मा और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

दिन की शुरुआत सामाजिक सशक्तिकरण पर एक सत्र से हुई, जिसमें नशीली दवाओं की मांग में कमी (एनएपीडीडीआर) और नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) पर राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत राष्ट्रीय प्रयासों पर प्रकाश डाला गया। विभिन्न राज्यों ने मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने में क्षेत्र-स्तर की चुनौतियों एवं नवाचारों को प्रस्तुत किया, जिसमें सामुदायिक एकजुटता एवं जागरूकता अभियानों की भूमिका पर जोर दिया गया। इसके बाद भीख मांगने के कार्य में संलग्न व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास पर चर्चा हुई, जिसमें विभिन्न राज्यों ने जमीनी स्तर पर व्यावहारिक समस्याओं और मुख्यधारा के समाज में एकीकरण से संबंधित विभिन्न रणनीतियों पर बहुमूल्य इनपुट दिए।

दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) पर भी चर्चा की गई, जिसमें भाग लेने वाले राज्यों ने सर्वोत्तम कार्यप्रणाली प्रस्तुत किए और विस्तार के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में। इन सत्रों ने एक साथ काम करने के महत्व को दर्शाया, क्योंकि केन्द्र और राज्यों ने यह सुनिश्चित करने के प्रयासों को समन्वित किया कि कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे।

तकनीकी सत्र में एकल नोडल एजेंसी (एसएनए) प्रणाली, सामाजिक लेखा परीक्षा और एनआईएसडी के नेतृत्व में क्षमता निर्माण से संबंधित पहलों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इन चर्चाओं में सहयोग एवं समन्वय के प्रति सामूहिक दृष्टिकोण को दर्शाया गया, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता, निगरानी और योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन को बेहतर बनाना है।

मंत्रालय के चार राष्ट्रीय वित्त एवं विकास निगमों – एनएसएफडीसी, एनबीसीएफडीसी, एनडीएफडीसी और एनएसकेएफडीसी – की समीक्षा से अनुसूचित जाति (एससी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), दिव्यांगों और सफाई कर्मचारियों के बीच आय सृजन के प्रयासों और आजीविका संवर्धन के बारे में जानकारी मिली। विभिन्न हितधारकों ने वित्त की सुलभता को सरल बनाने और हाशिए पर पड़े समूहों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के बारे में विचार-विमर्श किया।

शिविर के पहले दिन राज्यों की ओर से 11 और दूसरे दिन 10 प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें से कुछ प्रस्तुतियां संबंधित राज्यों के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों के प्रभारी मंत्रियों द्वारा दी गईं। इन प्रस्तुतियों के अलावा, विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने मौजूदा योजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाया और भविष्य में सुधार के लिए सुझाव भी दिए।

विविध विषयों और सत्रों के दौरान विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों ने अपने अनुभव, चुनौतियों एवं उपलब्धियों को साझा किया, जिससे चिंतन शिविर के साझा ज्ञान और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के मूल्यवान पूल में योगदान मिला। इस सहभागी माहौल ने ज़मीनी स्तर पर व्यावहारिक मुद्दों – डिजिटल बुनियादी ढांचे की कमी से लेकर कौशल एवं जागरूकता अभियान की आवश्यकता तक – पर ठोस इनपुट को संभव बनाया जिससे कार्रवाई योग्य परिणाम सामने आए।

यह कार्यक्रम साझा दृष्टिकोण एवं जिम्मेदारी के भाव के साथ संपन्न हुआ, जिसमें सभी हितधारकों ने एक ऐसे विकसित भारत के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया, जो प्रत्येक नागरिक के लिए समावेशी, न्यायसंगत एवं सशक्त हो।

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कैबिनेट ने हाइब्रिड एन्युटी मोड पर पंजाब और हरियाणा में 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से 19.2 किलोमीटर लंबे 6 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने पंजाब और हरियाणा राज्य में एनएच (ओ) के तहत हाइब्रिड एन्युटी मोड पर एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के साथ जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के साथ जंक्शन पर समाप्त होने वाले 6 लेन जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर है। यह पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान सिद्धांत के तहत एकीकृत परिवहन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

परियोजना की कुल पूंजी लागत 1878.31 करोड़ रुपये है।

जीरकपुर बाईपास, जीरकपुर में एनएच-7 (चंडीगढ़-बठिंडा) के जंक्शन से शुरू होता है और पंजाब में पंजाब सरकार के मास्टर प्लान का अनुसरण करता है तथा हरियाणा के पंचकूला में एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होता है, जिससे पंजाब में जीरकपुर और हरियाणा में पंचकूला के अत्यधिक शहरीकृत और भीड़भाड़ वाले हिस्से से बचा जा सकेगा।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी से यातायात को हटाकर हिमाचल प्रदेश को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करके ज़ीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है। वर्तमान प्रस्ताव का उद्देश्य यात्रा के समय को कम करना और एनएच-7, एनएच -5 और एनएच -152 के भीड़भाड़ वाले शहरी खंड में निर्बाध यातायात सुनिश्चित करना है।

सरकार ने चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली शहरी क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के लिए सड़क नेटवर्क विकसित करने का काम शुरू किया है, जो मानचित्र में दर्शाए अनुसार रिंग रोड का रूप लेगा। जीरकपुर बाईपास इस योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है।

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद के शहरी क्षेत्रों में भूजल प्रबन्धन के दीर्घकालिक उपायों हेतु कार्य योजना बनाये जाने के सम्बन्ध में बैठक संपन्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता जिला सूचना कार्यालय कानपुर नगर 09 अप्रैल जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जनपद के शहरी क्षेत्रों में भूजल प्रबन्धन के दीर्घकालिक उपायों हेतु कार्य योजना बनाये जाने के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समन्वय समिति की प्रथम बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कड़े निर्देश देते हुए कहा, जिन औद्योगिक , अवसंरचनात्मक, वाणिज्यिक एवं सामूहिक भूजल उपयोक्ताओं को भूजल निष्कर्षण हेतु एन0ओ0सी0ली0 जारी की गई है और उनके द्वारा एनओसी की नियत- शर्तों के अनुसार जल का रिचार्ज नहीं किया जा रहा है। उनके विरुद्ध नोटिस जारी किया जाए।

*10 औद्योगिक इकाईयों को नोटिस जारी करने के दिए निर्देश*

जिलाधिकारी द्वारा नियम एवं शर्तों का पालन न करने वाले थ्रेड्स इंडिया लिमिटेड,लोहिया कॉर्प लिमिटेड, अनीसा कारपेट लिमिटेड,
शैम टेक्सटाइल, नमस्ते इंडिया फूड्स, (शिवराजपुर यूनिट)स्पाई पिक फूड एल एल पी,जॉन्सन मैथे केमिकल्स, कानपुर प्लास्टिपैक,
सुपर टैनरी, हरिओम इंडस्ट्री, औद्योगिक इकाइयों को नोटिस दिए जाने के निर्देश दिए गए ।
जिलाधिकारी ने अपर नगर आयुक्त नगर निगम को निर्देशित करते हुए कहा कि नगरीय क्षेत्रों में स्थित पार्कों एवं तालाबों को चिन्हित कर उनमें वर्षा जल संचयन के प्रभावी उपाय तथा उनके जीर्णोद्धार किये जाने के निर्देश दिये गये।साथ ही निर्देशित करते हुए कहा कि पार्कों के निर्माण कराते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि पार्कों में केवल 5 प्रतिशत ही निर्माण कराया जाए ।
जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में में 100 वर्ग मी०या उससे ऊपर सभी प्रकार के भूखण्डों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना करने हेतु सम्बन्धित विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, समस्त सरकारी भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना कराये जाने हेतु समस्त सम्बन्धित विभाग को निर्देशित किया गया ।
निर्देश दिए, भविष्य में नये शासकीय / अद्धशासकीय भवनों के निमार्ण में वर्षा जल के जल को ग्राउन्ड वाटर रिचार्जिंग हेतु आवश्यक व्यवस्था कार्यदायी संस्थाओं द्वारा सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी ने अपर नगर आयुक्त नगर निगम को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि म्युनिसिपल ग्राउन्ड वॉटर सिक्योरिटी प्लान बनाया जाए।
जिलाधिकारी ने समस्त निर्माणाधीन सरकारी ,गैर सरकारी कार्यालयों के निर्माण प्रपोजल तैयार करते समय अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेसिंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अपर नगर आयुक्त, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड, बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, अधिशासी अभियन्ता, जल निगम नगरीय, सहायक अभियन्ता, लघु सिंचाई विभाग, हाइडोलाजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग एवं शुभाषिनी शिवहरे फाउन्डेशन से डा० शुभाषिनी खन्ना द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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डीएम की दो- टूक, “विद्यालय प्रबंधन स्कूल चलाएं ना कि दुकान

  भारतीय स्वरूप जिला सूचना कार्यालय कानपुर 9 अप्रैल जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में आज जनपदीय शुल्क नियामक समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत की गयी, उक्त बैठक में समिति के सदस्यो के साथ-साथ समिति की विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन उपस्थिति रही। बैठक में उन विद्यालयों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए जिनकी अभिभावकों ने सबसे ज्यादा शिकायतें की।

इन विद्यालयों के प्रतिनिधियों की ली क्लास*    

जिलाधिकारी द्वारा जनपद के एक्मे पब्लिक स्कूल, गुजैनी, ऐन एल के इण्टर कालेज, अशोक नगर,ऐन एल के पब्लिक स्कूल, जवाहर नगर, एस०जे० विद्या निकेतन इण्टर कालेज, नौबस्ता, वेण्डी ऐकेडमी हाईस्कूल, साकेत नगर और चिन्टल्स स्कूल, 121 एच, आई०जी० रतनलाल विद्यालयों के प्रतिनिधियों को दो- टूक कहा कि वे स्कूल चलाएं ना कि दुकान। जिस पर विद्यालय के प्रतिनिधियों ने कहा, उन पर पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं।छात्रों से ना तो गलत फीस वसूली जा रही है और ना ही उन्हें किताब अथवा कॉपी किसी चुनिंदा दुकान से खरीदने को बाध्य किया जाता है। प्रतिनिधियों के उक्त जवाब से जिलाधिकारी व समिति के सदस्य संतुष्ट नहीं दिखे। इसलिए उन्होंने 11 अप्रैल शुक्रवार को समिति के समक्ष बुक सेलर्स को भी बुलाने के निर्देश दिए।और जिला विद्यालय निरीक्षक व अन्य सदस्यों को निर्देशित करते हुए कहा कि बुक सेलर्स और विद्यालय प्रबंधन के सांठ – गाँठ की जांच की जाए । राजस्व एवं शिक्षा विभाग की टीम अभिभावकों के घर-घर जाकर उनका फीडबैक लें ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके। बैठक में विद्यालय के प्रतिनिधियों द्वारा बच्चों संग किताबों की लिस्ट साझा करने की बात कही गई लेकिन जिलाधिकारी इससे संतुष्ट न हुए। उन्होंने उनसे पूछा कि उनके विद्यालय द्वारा बच्चों के पठन-पाठन हेतु लागू की गई किताबें क्या प्रत्येक दुकानों पर उपलब्ध रहती हैं, सिलेबस क्या होता है और कितने दिनों में बदल जाता है, कॉपी- किताबों पर प्रकाशक का नाम और मूल्य लिखा जाता है अथवा नहीं। जिलाधिकारी ने प्रतिनिधियों से किताबों के चयन का आधार के बारे में भी पूछा जिसका वे जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक, द्वितीय को नियमानुसार शैक्षिक सत्र शुरू होने से 60 दिन पहले विद्यालयों के द्वारा सरकारी वेबसाइट पर समस्त डाटा अपलोड करने या ना करने वाले विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बच्चों के यूनिफॉर्म बदलने के आधार को भी जानना चाहा जिसका प्रतिनिधियों द्वारा सही जवाब नहीं दिया गया। इस पर जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों से फीस, यूनिफार्म,आरटीई, कॉपी – किताबें इत्यादि समस्त मानकों की गहनता से जांच के निर्देश दिए, निर्देश दिए, 5 वर्षों में जितने स्कूलों ने बच्चों की यूनिफॉर्म बदलवायी है, उनकी लिस्ट बनाते हुए उन पर कार्रवाई किया जाए।इसके अलावा जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को मनमानी फीस वसूलने और बच्चों के आर्थिक शोषण करने वाले स्कूलों की सूची बनाकर पेश करते हुए दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

*ये है कानून* 

उ०प्र० स्ववित्तपोषित स्वतंत्र (शुल्क निर्धारण) अध्यादेश-2018 की बिन्दु संख्या 10 में उल्लिखित किसी छात्र को पुस्तकें, जूते, मोजे व यूनिफार्म आदि किसी विशेष दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य नही किये जाने का उल्लंधन माना जाता है अर्थ दंड के साथ-साथ अन्य आवश्यक कार्रवाई करना समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है।

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बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर “Awareness Talk on Intellectual Property Rights – Harnessing Research Potential” वार्ता आयोजित

कानपुर, 9 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता– क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के तत्वावधान में “Awareness Talk on Intellectual Property Rights – Harnessing Research Potential” विषय पर एक दिवसीय जागरूकता वार्ता का आयोजन

इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों, शोधार्थियों एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों में बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के प्रति जागरूकता बढ़ाना एवं शोध कार्यों को सुरक्षित और व्यावसायिक रूप से उपयोगी बनाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. सुजाता चतुर्वेदी (IQAC समन्वयक) के स्वागत भाषण से हुआ। इसके पश्चात प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में IPR की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे आधुनिक शोध की रीढ़ बताया।

मुख्य वक्ता के रूप में सीएसजेएम विश्वविद्यालय के सहायक डीन (Innovation), IPR एवं TT सेल के समन्वयक श्री दिव्यांश शुक्ला उपस्थित रहे। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़ी जटिल प्रक्रियाओं को सरल भाषा में समझाते हुए पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक शोधकर्ता अपने नवाचार को कानूनी सुरक्षा प्रदान कर सकता है तथा उसे उद्योग जगत में व्यावसायिक रूप से प्रस्तुत कर सकता है।

इस अवसर पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अपने प्रश्न भी रखे, जिनका वक्ता ने व्यावहारिक उदाहरणों के साथ उत्तर दिया।

कार्यक्रम का समापन प्रो. श्वेता चंद (उप-प्राचार्या) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। यह आयोजन प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभकारी एवं प्रेरणादायक सिद्ध हुआ, जिसने उन्हें अनुसंधान को एक रणनीतिक दृष्टिकोण से देखने की दिशा में प्रेरित किया।

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील सदर के सम्पूर्ण समाधान दिवस आयोजित

*सम्पूर्ण समाधान दिवस सदर में जिलाधिकारी ने 149 शिकायती प्रकरणों को सुना, जल्द निस्तारण के दिये निर्देश

*26 शिकायतों का मौके पर निस्तारण

कानपुर नगर 05 अप्रैल (सू0वि0)* जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील सदर के सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया।

प्रार्थी डा0 अमित कुमार निरंजन पिता अविष्का निरंजन कक्षा 6-बी स्कूल सेंट मैरी कानवेन्ट हाई स्कूल प्रारूप लगाते हुए शिकायत किया कि उक्त विद्यालय द्वारा फैशन डिजाइनिंग कोर्स की किताबें खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है।इस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा तुरंत संज्ञान लेते हुये जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय को तुरंत मौके पर भेजने के साथ ही विद्यालय द्वारा आख्या देने के निर्देश दिए गए। जिस पर विद्यालय द्वारा आख्या देकर उक्त आरोप का खंडन करते हुए कहा, छात्रों के लिए उक्त विषय को चुनना अनिवार्य नहीं है और वे कहीं से भी किताबें खरीद सकते हैं। विद्यालय प्रशासन ने भविष्य में ऐसी कोई भी शिकायत न मिलने का आश्वासन दिया।

वहीं,प्रार्थी रजनीश उर्फ नीरज लोहिया निवासी- 851 एल0आई0जी0 ए-गुजैनी के शिकायती प्रार्थना पत्र में प्राइवेट स्कूलों एवं पुस्तक विक्रेताओं द्वारा किये जा रहे सामाजिक, आर्थिक शोषण के आरोप लगाए। जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित को मौके पर भेजते हुए आज ही समस्या के निराकरण के निर्देश दिए।

प्रार्थिनी नसरीन पत्नी असलम निवासनी-93 आराजी संख्या 874 मंजला बिहार-2 कानपुर नगर के शिकायती पत्र में पाया गया कि विद्युत विभाग की गलती से विद्युत बिल रूपये 41,000/- आ गया जिसका संज्ञान लेते हुये जिलाधिकारी ने अधिषाशी अभियन्ता केस्को से जॉच करवाने को कहा तो बिल की सही राशि रूपये 17,000/- करके मौके पर निस्तारण कराया गया।

आज के सम्पूर्ण समाधान दिवस में कुल 149 प्रकरण आये, जिनको सम्बन्धित अधिकारियों को इस निर्देश के साथ उपलब्ध करायें गये कि प्रकरणों का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराना सुनिश्चित करायें। जिलाधिकारी ने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि जनसामान्य की शिकायतों का स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण समाधान कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है, इसलिये सभी अधिकारी तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुये समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराना सुनिश्चित कराये।

सरकार की जो भी जनकल्याणकारी योजनायें संचालित हैं, सम्बन्धित विभाग द्वारा उसकी समीक्षा कर शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को उसका लाभ दिलाया जाये, यदि कही कोई समस्या आ रहीं है, तो उसका निस्तारण कराते हुये, लाभ दिलाना सुनिश्चित कराए।

*दिव्यांगों के लिए लगाया गया कैंप*

बाल भवन में ही दिव्यांगों के लिए कैंप भी लगाया गया जिसमें दिव्यांगता सर्टिफिकेट हेतु 100 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 81दिव्यांगों को मौके पर ही दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाकर वितरित किए गए। 15 आवेदनों को जांच हेतु हस्तांतरित किए गए और चार आवेदन रिजेक्ट किए गए। वहीं, कैम्प में 36 दिव्यांगों को आय प्रमाण पत्र भी बनाकर वितरित किए गए।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 हरिदत्त, उप जिलाधिकारी सदर ऋतु प्रिया, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिल्पी सिंह, जिला पंचायती राज अधिकारी मनोज कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह सहित अन्य सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहें।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज की मिशन शक्ति यूनिट द्वारा नवरात्रि के सुअवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर क्राइस्ट चर्च कॉलेज की मिशन शक्ति यूनिट द्वारा नवरात्रि के सुअवसर पर एक विशेष सेवा कार्य का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में किया गया, जिसका उद्देश्य समाज के जरूरतमंद वर्ग की सहायता करना था। इस सेवा कार्य के अंतर्गत मिशन शक्ति यूनिट की टीम ने बेसिक शिक्षा निकेतन, कल्याणपुर के बच्चों को आवश्यक वस्तुएँ वितरित कीं। इनमें चटाई, खाद्य सामग्री एवं अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएँ शामिल थीं, जो उन बच्चों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगी।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मिशन शक्ति यूनिट की समन्वयक डॉ. मीत कमल एवं डॉ. अनंदिता भट्टाचार्य ने विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने पूरे आयोजन की रूपरेखा तैयार की और छात्रों को प्रेरित किया। इसके अलावा, इस अभियान में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के कई विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। अंजली सचान, अनंत सक्सेना, वैष्णवी दीक्षित, सिमरन, सलोनी, सुरभि एवं अन्य छात्रों ने अपनी सक्रिय भागीदारी से इस सेवा कार्य को सफल बनाया।

इस पुनीत कार्य से न केवल जरूरतमंद बच्चों को सहायता मिली, बल्कि छात्रों में सामाजिक सेवा और परोपकार की भावना भी जागृत हुई। यह कार्यक्रम मिशन शक्ति यूनिट के उद्देश्य, ‘समाज सेवा और सशक्तिकरण,’ को सार्थक करता है।

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नवरात्रि के पावन अवसर पर “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के तहत डफरिन में कन्या जन्म उत्सव आयोजित

कानपुर 4 अप्रैल नवरात्रि के पावन अवसर पर “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत कन्या जन्म उत्सव का आयोजन आज डफरिन हॉस्पिटल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बच्चियों की मां से केक कटवाकर 25 नवजात बच्चियों की मां को बेबी किट वितरित कर समाज में बेटियों के महत्व को उजागर किया।
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी की उपस्थिति यह दर्शा रही है कि आज बेटियां बेटों से बहुत आगे पहुंच चुकी है, और बेटियों में बहुत सारा टैलेंट भरा हुआ है तथा सरकार उसको उजागर करने में विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है । आज बहुत सारी लड़कियां फील्ड में बहुत अच्छा कार्य कर रही है ।उन्होंने कहा कि 2050 तक जब इन बच्चियों का विवाह होगा तब तक उन्हें दहेज देना नहीं बल्कि दहेज मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण दे रही है। आज बेटियां लड़कों से आगे बेहतर कार्य करते हुए अपना परचम फहरा रही है ।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित किया जाना है, जिससे समाज में जागरूकता बढ़े और कन्या जन्म का स्वागत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित कराने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना एक अहम योजना है, जिसके तहत अब तक 23.10 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा चुका है। महिला एवं बाल विकास विभाग की कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत -बालिका के जन्म पर 5,000 रुपये व एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण पर 2,000 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा कक्षा 1 और 6 में प्रवेश पर 3,000-3,000 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा कक्षा 9 में प्रवेश पर 5,000 रुपये और 10वीं या 12वीं पास करने के बाद स्नातक या डिप्लोमा में प्रवेश पर 7,000 रुपये दिए जा रहे हैं। इस तरह, एक लाभार्थी को कुल 25,000 रुपये की सहायता राशि दी जाती है, जिससे उसकी शिक्षा और भविष्य सुरक्षित हो सके।

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 हरि दत्त नेगी, जिला प्रोवेशन अधिकारी जयदीप,मुख्य अधीक्षका डफरिन हॉस्पिटल समेत अन्य डॉक्टर उपस्थित रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में प्रतिभा और सृजनात्मकता का भव्य उत्सव “अभिव्यक्ति ~2025” संपन्न

कानपुर 4 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता  *क्राइस्ट चर्च कॉलेज* ने अपने प्रतिष्ठित सांस्कृतिक उत्सव *अभिव्यक्ति-2025* का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें विविध प्रकार की प्रतियोगिताएँ और प्रस्तुतियाँ हुईं, जिसने प्रतिभागियों और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह भव्य आयोजन *25 मार्च 2025* को उद्घाटन समारोह के साथ आरंभ हुआ, जिसने एक बौद्धिक और कलात्मक रूप से समृद्ध यात्रा की नींव रखी।प्रतियोगिताओं की श्रृंखला में पहला आयोजन *क्रिएटिव राइटिंग* कंपटीशन था , जो *25 मार्च 2025* को हुई। इस प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों को अपनी साहित्यिक प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया। इसके बाद *27 मार्च 2025* को एक *क्विज कंपटीशन* आयोजित की गई, जिसमें छात्रों की सामान्य ज्ञान और त्वरित सोचने की क्षमता की परीक्षा ली गई। *29 मार्च 2025* को *ओपन माइक* कार्यक्रम हुआ, जिसने विद्यार्थियों को अपनी अभिव्यक्ति और विचार साझा करने का अवसर प्रदान किया। इसी दिन का दूसरा प्रमुख आयोजन *वेस्ट टू वेल्थ* था, जो नवाचार और पुनर्चक्रण के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित था।

*4 अप्रैल 2025* को हुआ ग्रैंड फिनाले इस उत्सव की सबसे भव्य और आकर्षक पक्ष था। इस दिन *मोनो एक्टिंग, सिंगिंग और डांस* जैसी प्रस्तुतियाँ हुईं, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी उत्कृष्ट कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। इनमें श्री *अश्विनी श्रीवास्तव*, वरिष्ठ रंगमंच कलाकार, लखनऊ; प्रोफेसर *संगीता श्रीवास्तव*, संगीत विभागाध्यक्ष, डी.जी. कॉलेज; और *माननीय वनिता मेहरोत्रा*, प्राचार्य, शीलिंग हाउस स्कूल शामिल थे। इसके अलावा, *प्रोफेसर जोसेफ डेनियल*, सचिव एवं प्राचार्य, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, तथा *प्रोफेसर श्वेता चंद्रा,* उप-प्राचार्य, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बने।

इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण नाटक *”वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर: धर्म और न्याय की देवी”* रहा, जिसका निर्देशन *प्रोफेसर मीत कमल* ने किया था। यह अद्भुत प्रस्तुति, जो अहिल्याबाई होल्कर की न्यायप्रियता और कर्तव्यपरायणता को प्रदर्शित करती है, ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीतने की उपलब्धि प्राप्त की और इसके बाद इसे उत्तर प्रदेश के *माननीय राज्यपाल की उपस्थिति में राजभवन, लखनऊ* में प्रस्तुत करने का गौरव प्राप्त हुआ।

अभिव्यक्ति-2025 की यह शानदार सफलता कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों और आयोजकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम थी। यह आयोजन न केवल छात्रों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच बना, बल्कि क्राइस्ट चर्च कॉलेज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी सुदृढ़ किया, जिसमें रचनात्मकता, बौद्धिकता और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित किया जाता है। संपूर्ण आयोजन को *डॉ. संजय सक्सेना*, को-करीकुलर प्रोग्राम कमेटी के समन्वयक, के मार्गदर्शन में संपन्न किया गया। छात्रों की अथक मेहनत और समर्पण ने इस आयोजन को और भी शानदार और यादगार बना दिया।

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दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘कानपुर थ्रू दि एजेज अनवेलिंग द लेयर्स ऑफ़ हिस्ट्री ‘(युग -युगीन कानपुर) का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस.एन सेन बी.वी.पी.जी. कॉलेज कानपुर के इतिहास विभाग के तत्वाधान में भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘कानपुर थ्रू दि एजेज अनवेलिंग द लेयर्स ऑफ़ हिस्ट्री ‘(युग -युगीन कानपुर) का उद्घाटन दिनाँक आज 28 मार्च 2025 को किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्रा, सचिव प्रोबीर कुमार सेन, प्राचार्य प्रोफेसर सुमन, संयुक्त सचिव शुभ्रो सेन तथा कोषाध्यक्ष दीपाश्री सेन, तथा संगोष्ठी की संयोजिका डाॅ. मनीषा दीवान ने सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन से किया। प्रोफेसर सुमन ने अपने स्वागत उद्बोधन के द्वारा सभागार में उपस्थित सभी बुद्धिजीवी अतिथियों का महाविद्यालय संगोष्ठी में स्वागत करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। डाॅ. मनीषा दीवान ने विषय प्रवर्तन के द्वारा कानपुर के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता बाल मुकुंद पांडेय (राष्ट्रीय संगठन सचिव, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली), चेयर पर्सन संजयश्री हर्ष, (राष्ट्रीय संगठन सह- सचिव, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली), गेस्ट ऑफ़ ऑनर प्रोफेसर अनिल कुमार मिश्रा (संयोजक इतिहास विषय, सी. एस. जे. एम. यू. कानपुर), स्पेशल स्पीकर प्रोफेसर विग्नेश त्यागी (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ), ने अपनी गरिमामय उपस्थिति तथा उद्बोधन से संगोष्ठी को गौरवान्वित किया।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम तथा द्वितीय तकनीकी सत्र में देश के विभिन्न भागों से आए हुए इतिहास के लगभग 80 अध्येताओं व शोधार्थियों द्वारा कानपुर के परंपरागत इतिहास की पुर्नव्याख्या करते हुए ऐतिहासिक कानपुर की विशिष्ट उपलब्धियों, चुनौतियों ,समस्याओं आदि विषयों का मंथन कर नई रोशनी डाली गई। शिक्षा शास्त्र विभागध्यक्षा प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने मंच संचालन की महती भूमिका का निर्वाह करते हुए संगोष्ठी को दिशा प्रदान की। प्रथम तकनीकी सत्र का संचालन डॉ. प्रीति सिंह, तथा द्वितीय तकनीकी सत्र का संचालन प्रो. मीनाक्षी व्यास ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रो. निशी प्रकाश के निर्देशन में महाविद्यालय की सभी शिक्षिकाओं ने अभूतपूर्व सहयोग प्रदान किया।

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