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महिला जगत

कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय (बहुविषयक) राष्ट्रीय संगोष्ठी Vibrant India@ 2047% Gateway to Social Economic Progress’ का आयोजन

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर (केवीएम) महिला महाविद्यालय स्वरूप नगर के समाजशास्त्र विभाग द्वारा दिनांक 27/04/2024 एवं 28/04/2024 को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय (बहुविषयक) राष्ट्रीय संगोष्ठी Vibrant India@ 2047% Gateway to Social Economic Progress’ का आयोजन किया जा रहा है. राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय श्री योगेन्द्र उपाध्याय उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश, विशिष्ट अतिथि श्री श्रीराम जी, प्रांत प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कानपुर, माननीय प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, कुलपति छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर हैं. गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में प्रिंसिपल प्रोफेसर पूनम विज ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य स्वतंत्र भारत के 2047 में सौ वर्ष पूर्ण होने पर भारत की सामाजिक और आर्थिक प्रगति और वैश्विक स्तर पर इसकी भूमिका पर चर्चा करना है. प्रोफेसर बिजली बताया कि अभी तक 300 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जिसमें 100 ज्यादा रजिस्ट्रेशन बाहर जिले और प्रदेश से आने वाले लोगों के हैं. 27 अप्रैल को सुबह 10:00 बजे इनॉग्रेशन सेशन के बाद सिंपोजियम होगा जिसमें सीएसजेएमयू के सीडीसी डायरेक्टर प्रोफेसर आर के द्विवेदी, डीएवी कॉलेज के प्रोफेसर विक्रमादित्य राय, मास्को से संजय कुमार तिवारी और बीएचयू से प्रोफेसर अरविंद कुमार द्विवेदी आदि रहेंगे. 27 और 28 दोनों दिन पेपर प्रेजेंटेशन होगा. दूसरे दिन के सेशन के चीफ गेस्ट क्रिस्प संस्था के अध्यक्ष प्रोफेसर बलराज चौहान होंगे. पार्टिसिपेट्स की बात करें तो बिहार, एमपी, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान आदि से लोग आ रहे हैं. इसके अलावा मैरीलैंड यूनिवर्सिटी से दो पार्टिसिपेट ऑनलाइन पेपर प्रजेंट करेंगे.
सेमिनार के संयोजिका डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला ने बताया कि संगोष्ठी में भारत के प्रमुख संस्थानों के समाजशास्त्र एवं अन्य विषय के प्रबुद्ध जन अधिक संख्या में प्रतिभाग कर रहे है, जिसमें एंटरप्रेन्योर, बैंकर, रिसर्च स्कॉलर और रेलवे बोर्ड के मेंबर आदि शामिल है. सेमिनार के बाद एक कंक्लुजन रिपोर्ट बनाकर यूनिवर्सिटी को दी जाएगी. सेमिनार वाले दिन ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की फैसिलिटी भी अवेलेबल रहेगी. कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर शोभा मिश्रा और नेहा सिंह मौजूद रही!

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एस एन सेन महाविद्यालय में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI )मशीन लर्निंग (ML )इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स अर्थात् (आई ओ टी) ,हार्डवेयर बोर्ड्स ,सेंसर , एप्लीकेशन प्रोटोकॉल पर व्याख्यान आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता एस एन सेन ब वि पी जी कॉलेज में चल रही आठ दिवसीय व्याख्यान माला के तीसरे दिन दलहन अनुसंधान संस्थान के डॉ मनमोहन देव का व्याख्यान हुआ ।
व्याख्यान का शुभारंभ माँ सरस्वती के वंदन और माल्यार्पण के साथ हुआ । डॉ देव , प्रो सुमन , प्रो गार्गी यादव ,डॉ प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित किया
डॉ मनमोहन देव का व्याख्यान मुख्यतः आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI )मशीन लर्निंग (ML )इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स अर्थात् (आई ओ टी) ,हार्डवेयर बोर्ड्स ,सेंसर , एप्लीकेशन प्रोटोकॉल ,पीथन, ज्यूपिटर नोटबुक, कूगर आदि के बारे में जानकारी दी ।आज ९ बिलियन आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस डिवाइस हैं पर ये इतनी तेज़ी से बढ़ रहा है कि २०२५ तक १९ बिलियन होने की संभावना है।सुपरवाइज्ड लर्निंग और अनसुपर्विज़्ड लर्निंग में क्या अंतर है। किस प्रकार डीआईएस फोरकास्ट और वेदर फोरकास्ट होता है ।कोई भी सेंसर अल्ट्रासोनिक वेव के सिद्धांत पर कैसे काम करता है।ड्रोन और कृषि में उसका उपयोग , प्रधानमंत्री जी की योजना महिला किसान ड्रोन निधि और डिजिटल स्काई की जानकारी दी साथ ही ड्रोन ख़रीदने के लिए सरकार की नियमावली भी बतायी।नयी नयी जानकारी पाकर छात्राओ की ख़ुशी देखते ही बनती थी। व्याख्यान में डा शैल बाजपेयी , डॉ शिवंगी यादव ,डॉ अमित सिंह ,डॉ रश्मि गुप्ता तथा श्री अवधेश मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।

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राष्ट्रपति ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I में 3 पद्म विभूषण, 8 पद्म भूषण और 55 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह सहित भारत सरकार के अनेक मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अलंकरण समारोह के बाद केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह और अन्य केन्द्रीय मंत्रियों ने पद्म पुरस्कार विजेताओं के साथ गृह मंत्री द्वारा उनके आवास पर दिए गए रात्रि भोज के दौरान संवाद किया।

पद्म पुरस्कार विजेता कल सुबह (23 अप्रैल, 2024) राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री संग्रहालय का भी भ्रमण करेंगे।

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विश्व पृथ्वी दिवस WORLD EARTH DAY के अवसर पर एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में 8 Days 8 Scientists “ नामक व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ

भारतीय स्वरूप संवाददाता विश्व पृथ्वी दिवस WORLD EARTH DAY 🌱 के अवसर पर कानपुर के एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज, कानपुर के वनस्पति विज्ञान विभाग ने 8 दिवसीय व्याख्यान शृंखला का शुभारंभ किया । “8 Days 8 Scientists “ नामक इस शृंखला में आठ दिवसों में आठ वैज्ञानिक विज्ञान के अलग अलग विषयों पर व्याख्यान देंगे । सभी वैज्ञानिक कानपुर के ICAR-IIPR अर्थात् दलहन अनुसंधान संस्थान से आते हैं।
आज प्रथम दिवस पर वैज्ञानिक डॉ साथिश नाइक का व्याख्यान रहा । शुभारंभ प्राचार्य प्रो सुमन ,रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्ष प्रो गार्गी यादव , वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डा प्रीति सिंह ,डॉ शैल वाजपेयी , डॉ अमिता सिंह ने दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण करके किया ।
डॉ सतीश नायक का विषय नैनोटेक्नोलॉजी था। उन्होंने बताया किस प्रकार १०० पेज का डेटा एक सेंटीमीटर में बायोटेक्नोलॉजी की मदद से कैसे स्टोर कर सकते है । उनके व्याख्यान में अनेक रोचक विषयों की चर्चा की जैसे बायो मिनिरलाइज़ेशन, नैनों मटेरियल ,नैनोपार्टिकल, नैनों फर्टिलाइजर,कार्बन नैनोट्यूब , नैनोरोबॉट्स, नैनरोड्स ,नैनोफ़ैब्रिक्स, फेब्रिकेशन चिप्स अंत में छात्राओ की समस्याओं का निराकरण किया । सभी ने व्याख्यान की प्रशंसा की ।विज्ञान संकाय के अतिरिक्त डॉ रचना निगम , प्रो मीनाक्षी व्यास, डॉ प्रीता अवस्थी , अवधेश ने भी व्याख्यान के आयोजन में सक्रिय योगदान दिया एवं लाभ उठाया ।

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महिला महाविद्यालय में महाकाव्य कालीन भारत इतिहास, राजनीति, कला एवं संस्कृति” पर परिचर्चा आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाद सूत्र डॉ डी सी शुक्ल, महिला महाविद्यालय के सभागार में इतिहास विभाग द्वारा दो दिवसीय संगोष्ठी(19,20 अप्रैल 2024)का आयोजन किया गया जिसमें महाकाव्य कालीन भारत इतिहास, राजनीति, कला एवं संस्कृति” पर परिचर्चा आयोजित किया गया* कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या एवं अतिथि गणों के कर कमलों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। अतिथियों का स्वागत करते हुए दयानंद शिक्षण संस्थान की संरक्षिका कुमकुम स्वरूप ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे महाकाव्य में महिला एवं पुरुष को समान अधिकार की बात की गई है परंतु आज स्त्रियां के अधिकारों का दमन किया जा रहा है और वो हाशिए खड़ी नजर आती है। अतः आज हमें पुनः महाकाव्य कालीन विचारों को आत्मसात करके समाज को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है। प्राचार्य प्रोफेसर अंजू चौधरी ने महाविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियां पर प्रकाश डालते हुए प्रगति आख्या प्रस्तुत की। संगोष्ठी की सयोजिका प्रोफेसर ममता गंगवार ने विषय परिवर्तन करते हुए महाकाव्य के इतिहास विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया साथ ही महाकाव्य कालीन संस्कृति, आर्थिक सामाजिक दशा तथा धार्मिक स्थिति पर भी प्रकाश डाला विशिष्ट अतिथि माननीय विवेक द्विवेदी (एआईफुक्टा) ने संगोष्ठी के विषय को वर्तमान समय में प्रासंगिक बताते हुए कहा कि महाकाव्य कालीन संस्कृति के आदर्शो को हमें अपनाने की आवश्यकता है। *प्रोफेसर ममता गंगवार, डॉ. मीरा त्रिपाठी, डॉक्टर अनामिका वर्मा प्रोफेसर पुष्पा यादव, डॉ रश्मि सिंह, द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया।

संजय मिश्रा (राष्ट्रीय सह संयोजक सचिव, इतिहास संकलन योजना नई दिल्ली) ने कहा कि हमारे महाकाव्य हमें एक संतुष्ट जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं। मुख्य वक्ता प्रोफेसर बी. के. श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग, डॉक्टर हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर, मध्य प्रदेश) ने कहा कि वर्तमान समय में समाज में राजनीति सत्ता लोलुप हो गई है रामायण जैसे महाकाव्य में इतिहास राजनीति और यथार्थवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है जिसमें निर्मल राजनीति के स्पष्ट दर्शन होते हैं। आज समाज को अपने महाकाव्य से सीख लेने की आवश्यकता है। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अनिल कुमार मिश्रा (संयोजक बोर्ड ऑफस्टडीज सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय कानपुर) ने कहा कि हमारे महाकाव्य में गीता अत्यंत सरल और सरस श्लोक के माध्यम से हमे तनाव रहित जीवन जीने की कला सिखाती है। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर राजेश कुमार नायक (विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग जे.पी. एन. विश्वविद्यालय छपरा बिहार) ने कहा कि मानव द्वारा अनुभव किए गए दो महानतम महाकाव्य रामायण और महाभारत है जिसमें भागवत गीता भी शामिल है यह हमें सामाजिक , पारिवारिक, नैतिक, प्रशासनिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर अपना मूल्यवान संदेश देते हैं। विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर अश्विन कुमार दुबे (अध्यक्ष राजनीति एवं लोक प्रशासन विभाग, डॉक्टर एस मिश्रा (पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ) ने अपने वक्तव्य कहा कि रामायण जैसे महाकाव्य जीवन के उत्तम आदर्श को प्रस्तुत करते हैं आज आवश्यकता है अपने जीवन में इस महाकाव्य के आदर्शो को अपनाया जाए। अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर कुमारत्नम (अपर निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग ग्वालियर) ने कहा कि वर्तमान में बढ़ रहे पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए हमें अपने महाकाव्यो से सीख लेनी चाहिए क्योंकि महाकाव्य में पर्यावरण को भी विशेष महत्व दिया गया है रामायण में राम राज्य के आदर्शो के साथ-साथ प्रकृति और पर्यावरण के समस्त तत्वों का समावेश है *प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्ष डॉक्टर नेहा कपूर (एसोसिए प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग हिंदू कॉलेज नई दिल्ली)* तथा विशिष्ट वक्ता डॉ रत्नाधू मिश्रा (असिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षा शास् विभाग सीएसजेएम विश्वविद्यालय कानपुर) रही। द्वितीय तकनीक सत्र में अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पा यादव (भूतपूर्व विभाग अध्यक संस्कृत विभाग महिला महाविद्यालय कानपुर) तथा विशिष्ट वक्त प्रोफेसर प्रीति वागवानी (संस्कृत विभाग तिलक महाविद्याल औरैया रही दोनों तकनीकी सत्र में लगभग 60 शोध पत्र विभिन शोधार्थियों द्वारा पढ़े गए।

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अतुल दीक्षित

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चुनावी राजनीति

जैसे-जैसे चुनाव करीब आते जा रहे हैं राजनीतिक दलों की हलचल भी बढ़ती जा रही है। छींटाकशी, आरोप प्रत्यारोप के दौर के साथ-साथ राजनीतिक दल अपना दमखम दिखाने की पुरजोर कोशिश में लगी हुई है। यह बात दीगर है की अपना दमखम दिखाने और दूसरे दल को नीचा दिखाने के लिए भाषाई मर्यादा का महत्व खत्म हो गया है और “येन केन प्रकारेण” की  सुविधा अपना ली गई है।

आज के राजनीतिक दौर की बड़ी बात यह है कि राजनीति के इस दौर में धर्म को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। मुद्दा कोई भी हो उसे किनारे करके धर्म की राजनीति पहले की जा रही है साथ ही पाखंड को बढ़ावा दिया जा रहा है। “भारत माता की जय”, “जय हिंद” से ज्यादा महत्वपूर्ण “जय श्री राम” हो गया है। उन सब में सबसे खास बात यह है कि बाबाओं को भी चुनावी मैदान रास आने लगा है। मोह माया से दूर रहने वाले भौतिक साधनों का त्याग करने वाले बाबाओं को सत्ता की चमक लुभाने लगी है।
धार्मिक राजनीति होने के कारण आज की राजनीति महत्वपूर्ण मुद्दों से भटक कर हिंदू –  मुसलमान, धर्म, राम के नाम पर ही टिकी हुई है, यदि इन्हें हटा दिया जाए तो शायद मुद्दों की बात की जाये? वोट मुद्दों के बजाय (क्योंकि मुद्दों का अस्तित्व ही नहीं है) धर्म के नाम पर मांगे जा रहे हैं? जिस महिला शक्ति का दावा किया जाता हैं उन्हें शर्मसार करने में जरा भी संकोच नहीं करते। मणिपुर की घटना ताजातरीन है। जनता मंहगाई से, युवा वर्ग बेरोजगारी से परेशान है जिसका कोई समाधान नहीं निकाला गया है। भाषण और बयानबाजी में कहीं भी रोजगार, मंहगाई का जिक्र नहीं होता।
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारत के मतदाताओं सबसे बड़ी चिंता बढ़ती कीमतें और बेरोजगारी है जैसा कि सेंटर फॉर स्टडी आफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) द्वारा किये गए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में सामने आया हैं। विशेष रूप से गांवों, कस्बों और शहरों सहित विभिन्न जनसांख्यिकी क्षेत्रों के 62% उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि रोजगार हासिल करना तेजी से चुनौतीपूर्ण हो गया है। सीएसडीएस की रिपोर्ट से पता चला है कि 65% पुरुषों ने इस भावना को साझा किया, जबकि महिलाओं में यह संख्या 59% कम थी। केवल 12% उत्तरदाताओं ने कहा कि रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
इसी तरह मुद्रास्फीति के मुद्दे पर, 26% केंद्र को 12%  ने राज्यों को और 56% ने दोनों को दोषी ठहराया यह सीएसडीएस सर्वेक्षण से पता चला है। अधिकांश मतदाताओंने अपने वित्त पर गंभीर प्रभाव व्यक्त किया, जिसमें 71% ने वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नोट किया। सर्वेक्षण में दावा किया गया कि बढ़ती लागतों ने मुख्य रूप से आर्थिक रूप से 76% लोगों को प्रभावित किया है।
एक मजबूत विपक्ष के बिना लोकतंत्र अधूरा है और चुनावी प्रक्रिया भी अधूरी रहती है। विपक्ष को मजबूती के साथ युवा वर्ग की परेशानियों को सामने रखना चाहिए और समस्याओं के निवारण का आश्वासन देना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा से विपक्ष जनमानस से जुड़ तो रहा है लेकिन फिर भी सत्ता की पहुंच से दूर नजर आता है। जिस तरह से विपक्ष के गठबंधन का सफाया किया जा रहा है उससे जरूरी हो जाता है कि विपक्ष एकजुट हो। विपक्ष का संगठन और गठबंधन डांवाडोल है और क्या यह गठबंधन सफल होगा इस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है। विपक्ष का मणिपुर प्रयास सार्थक रहा। विपक्ष का अपनी पार्टी की एकता को बनाए रखना जरूरी है “इंडिया” के अस्तित्व के लिए।
जिस तरह से ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स की कार्यप्रणाली नजर आ रही है उससे विपक्ष को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दलगत राजनीति, भ्रष्टाचार, इलेक्टोरल बांड जैसे मुद्दे सत्तारूढ़ सरकार के लिए गले की हड्डी साबित हो सकती है। “सबका साथ सबका विकास” का नारा अब खोखला महसूस होता है. देश में शिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई ने देश को पीछे धकेल कर सिर्फ “राम नाम” पर समेट दिया है। विकास की परिपाटी यही है कि लोगों को शिक्षा और रोजगार का अवसर ज्यादा से ज्यादा दिये जायें।

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में भारत रत्न, संविधान निर्माता, बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर एवं समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती मनाई गई

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में भारत रत्न, संविधान निर्माता, बाबा साहेब डाॅ. भीम राव अम्बेडकर जी की जयंती तथा समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती संयुक्त रूप से मनाई गई डाॅ. भीम राव अम्बेडकर जी बहुत बड़े अर्थशास्त्री, न्यायविद, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता थे. शिक्षा के प्रचार प्रसार पर बल देते हुए उन्होंने समाज में विद्यमान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक भेदभाव को दूर करने हेतु लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डाॅ. बी. पी. अशोक, सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (फूड सेल- लखनऊ) , प्रबंध समिति के सचिव श्री पी.के. सेन, प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, कोषाध्यक्ष श्रीमती दीपाश्री सेन के द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। भीम वंदन के उपरांत स्वागत परंपरा का निर्वहन करते हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह तथा पुष्प गुच्छ भेंट किए गए।

इस अवसर पर शिक्षा एवं सामाजिक समता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रोफेसर दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, (विभागाध्यक्ष, दर्शन शास्त्र, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर) तथा श्रीमती नीतू रॉय (प्रधानाध्यापिका डाॅ. सिद्धेश्वर सेन ग्लोबल पब्लिक स्कूल, माल रोड, कानपुर) को भीम स्मृति सम्मान देकर सम्मानित किया गया।लगभग 34 वर्षो से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय , अनेकों शोध पत्र तथा शैक्षणिक पुस्तकों के लेखक प्रोफेसर डी.सी. श्रीवास्तव ने महात्मा फुले व बाबा साहेब की शैक्षणिक विचारधारा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र मे इनका योगदान अमूल्य एवं अतुलनीय है। समाज के वंचित वर्गों में शिक्षा का दीप जलाकर उनके जीवन को प्रकाशित करने में बाबा साहब ने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया| बाबासाहेब अंबेडकर ने सामाजिक बहिष्कार, अपमान और भेदभाव के साथ ही जीवन में आयी सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया व दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई। अटल हिन्दू फाउंडेशन तथा रामकृष्ण मिशन में स्वैच्छिक सेवा प्रदान कर रही प्रसिद्ध समाजसेवी श्रीमती नीतू राय ने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है जो सफल तथा समृद्ध समाज की नींव रखने में सहायक है। कार्यक्रम का संयोजन डॉ किरन तथा उनके सहयोगियों डॉ रचना निगम,डॉ प्रीति सिंह,डॉ रोली मिश्रा, डॉ कोमल सरोज ,डॉ अनामिका ,डॉ रेशमा, डॉ शैल बाजपेई द्वारा किया गया| मंच संचालन डॉ कोमल सरोज एवं डॉक्टर रोली मिश्रा ने किया|स्वागत भाषण कार्यक्रम की संयोजिका डॉ किरन द्वारा एवं धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन के द्वारा किया गया।इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा। राष्ट्रगान के द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ।

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एस एन सेन बालिका महाविद्यालय पी जी कॉलेज में शिक्षक अभिभावक सम्मेलन आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका महाविद्यालय पी जी कॉलेज में महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र एवं प्राचार्या प्रोफ़ सुमन ने प्रगतिशील सकारात्मक सोच के तहत शिक्षक अभिभावक सम्मेलन का आयोजन दिनांक १६/४/२४ को किया गया । महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के शिक्षकों ने अपने विषय से संबंधित अभिभावकों को आमंत्रित किया। कला संकाय , विज्ञान संकाय एवं स्वावित्तपोषित विभागों में स्थान सुनिश्चित कर अभिभावक आए और शिक्षकों से अपनी समस्याएँ साझा की ।सभी विभागों के विभागाध्यक्ष तथा शिक्षिकाओं ने छात्राओ की समस्याओ का समाधान किया ।सम्मेलन में आये अभिभावकों से प्रतिभाग फॉर्म तथा फीडबैक फॉर्म भरवाए गए । सम्मेलन के पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्य ने स्वयं समस्याओं के निराकरण किया और कई समस्याओं के लिए नोटिंग की ।

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आप ही शक्ति स्वरूपा है जननी है स्वामिनी है

दिल से बधाई देना चाहूँगी अपनी सब देवी स्वरूप बहनों को ..जो आज अपने पैरों पर खड़ी है और सिर उठा कर चल रही है ।शक्ति बन कर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही है। मैं हमेशा यही कहती हूँ अपनी सभी बहनों से .. कि रानियों की तरह जीयें.. शासन करे समाज पर .. अपने आर परिवार पर .. सभी के दिलों पर शासन करने की अधिकारिणी हैं आप । आप को ज़रूरत नहीं कि आप सोसायटी के साथ साथ बदलती जाये.. किसी के बताने की ज़रूरत नहीं कि आप क्या करे या न करें  आप जैसी है वैसी ही रहें क्योंकि आप ही शक्ति स्वरूपा है जननी है स्वामिनी है आप ही तो है जो टूटे बटनो से लेकर ..टूटे हुए आत्मविश्वास को जोड़ने की क्षमता रखतीं हैं।
आप ही है ,जो सब के सकून का सबब ..और विनाश का कारण हो सकती है.. मगर अपने घर की और जिस देश मे आप का जनम हुआ है । वहाँ की ज़िम्मेवारी को उठाना हम सब का धर्म तो बनता ही है।
हर औरत पहले बेटी बन कर पिता के साथ दुख सुख में निभाती है तो कभी बहन बन कर भाई और पत्नी बन कर पति को मार्गदर्शन करवाती है और फिर माँ बन कर बच्चों में संस्कार डालने की ज़िम्मेदारी हम औरतों पर ही है। जो हम आज खुद को बहुत आत्मनिर्भर समझ रहे है और सोच लेते है कि हम ने ज़िन्दगी में जो भी हासिल किया है वो खुद किया है जबकि मैं समझती हूँ !!
हम जो भी बन पायें है ,उसमें कहीं न कहीं इक आदमी का भी हाथ होगा और होता भी है .. किसी के पापा ने ,पति ने ,भाई ने आगे बढ़ने की सीख दी होगी ,या फिर हो सकता है किसी दोस्त ने हमे आगे बढ़ने में हमारी मदद की होगी और इस बात को हम नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।सोसायटी में नाम कमाना अपने आप मे ही बहुत बडी उपलब्धि है ।ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना गौरव और शक्ति का प्रतीक है। आज हमारे भीतर की आवाज़ ..जो बरसों से सोई हुई थी .. वो जाग चुकी है ।
हर पीढ़ी अपने से बडी पीढ़ी से ही सीखती है इसलिए एक बात जो बहुत ज़रूरी है,जो हमे अपनी नई पीढ़ी को विरासत मे देनी है .. और वो है …संस्कार,कोमलता , दया भाव,श्रद्धा ..गरिमा ..और मर्यादा … हम कह तो रहे है कि हमें स्ट्रोंग बनना चाहिए मगर परिणाम क्या हुआ ,हमारी कोमलता लुप्त हो गई कहीं । मैं ये नहीं कह रही कि हम आने वाली पीढ़ी को सिर पर पल्लू रखना सिखाये ,बस यही कह रही हूँ ,अपने संस्कारों को साथ ले कर चले।आँधी नग्नता … लोगों को लुभा तो सकती है मगर इज़्ज़त नहीं दे सकती।
बात बहुतो को बुरी लग सकती है मगर सच यही है कि आज माडर्न ज़माना कह कर …आज की औरत
वाइन ,शराब यहाँ तक की ड्रैगस ले रही है।ये हमारे देश की सभ्यता तो न थी कभी।हमारे समाज में यह ख़ास वजह है जो नस्ल दर नस्ल को ख़राब कर रही है, शायद अभी हम इस बात को गंभीरता से नहीं ले रहे .. मगर आने वाले समय में हम सब को इस बात का अफ़सोस ज़रूर रहेगा । जब हमारे बच्चों के घर टूटने लगेंगे और टूटने बिखरने की इक ख़ास वजह ,नशा करना ही होगी।! और आज तलाक होने की वजह संयम और सहनशीलता या मर्यादा में कमी ही है।
ये कैसी सोच हो गई है हमारी .. जहां हमारा घर टूटता है तो टूट जाये मगर हम मे से कोई भी..कुछ भी सहने को तैयार नही ।
.बचाईये !! अपने घरों को अपने बच्चों की ख़ातिर। हम सब मिल कर ही तो बदलाव ला सकते है।कोई हमें ख़ुशी बाहर से ला कर नहीं देगा।हमें खुद में से ही अर्जित करनी होगी। सब कुछ तेज़ी से बदल रहा है .. हमारा देश अपने संस्कारों के लिए ही सारे संसार में ख़ास जाना जाता था। यहाँ का लिबास विश्व भर में चर्चे का विषय हुआ करता था। धीरे धीरे हमारे देश में अपने देश की वेशभूषा की जगह विदेशी पहनावे ने ले ली है। दोस्तों! मेरे हिसाब से जिसे हम सैकसी लुक कहते है वो साड़ी में ज़्यादा दिखती है।
बस यही पैग़ाम है मेरा …स्वीकार कीजिए खुद को जैसे रब ने आप को बनाया है । आज के दौर में सब अच्छा दिखने में लाखों खर्च कर रहे है महँगे कपड़े पार्लर वग़ैरह …और ऊपर से कासमैटिक सर्जरी । फिर भी हम सकून में नही। ऐसा जीवन हमें किस ओर ले कर जा रहा है । हर कोई शान्ति को बाहर तालाश कर रहा है। अपने दुख की वजह दूसरे को बता रहा है …
भीड़ का हिस्सा बन कर हम सब ही तो भीड़ मे भागते जा रहे है । कभी एकान्त में बैठ कर सोचियेगा इस बारे में।
हम सभी को अपने संस्कारों पर से धूल हटाने की ज़रूरत है।तभी हमे शान्ति मिल सकती है … क्योंकि जो वक़्त चल रहा है ,
वहाँ लोग दिशा से भ्रमित हो रहे है। अकेले हो रहे है ,अगर कोई साथ है भी ..तो भरोसा नही है कि ये साथ कब तक चलेगा।
अपने को पहचानें। खुद को सक्षम बनाये ताकिआप की ख़ुशी दूसरों पर निर्भर न हो। किसी को जवाब देना बहुत आसान होता है ।कोई एक कहता है तो आज हम दस सुना सकते है ,मगर बात को सह लेना …. पोलाइट होना जरा मुश्किल है ।वही सीखने और सीखाने की ज़रूरत भी है । हम सब पर ही समाज की ज़िम्मेवारी है और हम ज़िम्मेदारियों को निभा कर भी ज़िन्दगी को इंजाय कर सकते है। इसमें कोई शक नही है। आज हम आसमान की बुलंदियों को तो छू रहे है मगर हम छोटी छोटी बातों को नज़रअंदाज़ भी कर रहे है। नई पीढ़ी के लिए अपना घर ,पैसा ,सोना ,चाँदी ,हीरे जवाहरात अपना बैंक बैलेंस ही न छोड़ कर जाये..अपितु … कुछ ऐसा छोड़ कर जायें ..जो आने वाली “ पीढ़ियों दर पीढ़ियों “के लिए सुख का कारण बने।

लेखिका स्मिता ✍️

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एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज में महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के मतदान जागरूकता अभियान के अंतर्गत मतदान के महत्व पर परिचर्चा आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन. सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज में महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के मतदान जागरूकता अभियान के अंतर्गत मतदान के महत्व पर परिचर्चा का आयोजन कर चुनाव का पर्व मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री पी. के. मिश्रा, सचिव श्री पी. के. सेन, प्राचार्या प्रोफेसर सुमन तथा एन.एस.एस. प्रभारी प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर द्वारा परंपरागत रूप से किया गया |
इस कार्यक्रम में छात्राओं ने उत्साह से पूर्ण युवा मतदाता के रूप में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए कानपुर लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी श्री रमेश अवस्थी से क्षेत्र तथा शिक्षा के विकास पर सीधे सवाल किए| श्री रमेश अवस्थी ने सभी सवालों का सामना करते हुए उनके भलीभाँति जवाब दिए| उन्होंने अपने क्षेत्र मे शिक्षा के विकास हेतु अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया तथा छात्राओं की सभी शैक्षणिक समस्याओं के समाधान का आश्वासन भी दिया| छात्राओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के कारण उनकी पढ़ाई में आने वाली बाधाओं तथा चुनौतियों से संबंधित प्रश्न भी पूछे| इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा|

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