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राजनीति

केंद्रीय मंत्री मनोहर ब्राजील में ब्रिक्स ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे

केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, 19 मई को होने वाली ब्रिक्स ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए ब्राजील की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

“एम्पावरिंग ग्लोबल साउथ कोऑपरेशन फॉर इंक्लूसिव एंड सस्टेनेबल ग्लोबल गवर्नेंस” विषय के अंतर्गत, माननीय मंत्री ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, पहुंच, सामर्थ्य और स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

भारत इस बैठक में पिछले दशक की अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा, जिसमें विद्युत क्षमता में 90 प्रतिशत की वृद्धि, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन में नेतृत्व के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और सतत विकास शामिल हैं। देश ऊर्जा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने और ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करेगा।

यह यात्रा भारत के इस दृढ़ संकल्प को रेखांकित करती है कि वह ब्रिक्स देशों के साथ एक मजबूत, भविष्योन्मुखी और टिकाऊ ऊर्जा क्षेत्र के निर्माण में सक्रिय रूप से सहयोग करेगा।

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सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता का भारत का सख्त संदेश देंगे

ऑपरेशन सिंदूर और भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने जा रहे हैं।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और मजबूत दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेंगे। वे दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णु बनाने के देश के मजबूत संदेश को आगे बढ़ाएंगे।

विभिन्न दलों के संसद सदस्य, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।

निम्नलिखित संसद सदस्य सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे:

1)  शशि थरूर, कांग्रेस

2)  रविशंकर प्रसाद, भाजपा

3)  संजय कुमार झा, जदयू

4)  बैजयंत पांडा, भाजपा

5)  कनिमोझी करुणानिधि, डीएमके

6)  सुप्रिया सुले, एनसीपी

7)  श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिव सेना

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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने असम के नागांव में लखपति दीदियों से संवाद किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने पूर्वोत्तर दौरे के तीसरे और अंतिम दिन असम, नागांव जिले के भेलुगुड़ी में स्वयं सहायता समूहों की लखपति दीदियों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने लखपति दीदियों से संवाद किया, अनुभव साझा किए और सशक्तिकरण की प्रेरक कहानियाँ सुनीं।

चौहान ने कहा कि नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिला है। मैं प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद दूंगा, असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत जी को भी धन्यवाद दूंगा कि उनके मार्गदर्शन में असम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का काम बहुत अच्छा चल रहा।

चौहान ने कहा कि आगे हमारा संकल्प है कि हर गरीब परिवार की बहन स्वयं सहायता समूह से जुड़े। अलग-अलग व्यवसाय के जरिए जीविकोपार्जन करें। असम में तो असीम क्षमता है। यहां के लोकल उत्पाद, हल्दी से लेकर मिर्ची तक हर उत्पाद को प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के जरिए बढ़ाकर स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की जा सकती है। यहां कि महिलाएं इस दिशा में तेजी से बढ़ भी रही हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ‘लोकल फॉल वोकल’ विजन सार्थक हो रहा है।

चौहान ने कहा कि कल मैं काजीरंगा में था। वहाँ अदरक की प्रोसेसिंग का काम देखा, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी देखी। मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि प्रसन्नता कि बात है कि कई लखपति दीदियों की आमदनी यहां 10 लाख रुपये सालाना तक पहुंच गई है। मैं आपको हृदय से धन्यवाद देना चाहता हूँ। यहां मिलियन दीदी मिल गई जो एक साल में 10 लाख रुपए कमा रही हैं।

अंत में श्री चौहान ने कहा कि उचित प्रशिक्षण और बैंक लिंकेज के कारण 8 लाख 50 हजार दीदियाँ असम में लखपति दीदी बन गई हैं और जो अन्य 33 लाख बहनें, स्वयं सहायता समूहों में काम कर रही हैं, उन्हें भी जल्द ही लखपति दीदी बनाने की दिशा में युद्धस्तर पर प्रयास

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पीएम-जनमन सम्पूर्णता अभियान

 
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव विभु नायर ने आवश्यक सेवाओं के संचालन और प्रभावी वितरण पर विशेष ध्यान देने के साथ पीएम-जनमन के तहत विभिन्न पहलों को फिजिकल रूप से पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया। नायर ने कहा कि राज्य अपनी-अपनी योजनाओं का उपयोग जहां भी संभव हो, इन पहलों को समर्थन देने और उन्हें प्राप्त करने के लिए करें तथा सभी पहलों के लिए विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित किये जाने चाहिए। आज नई दिल्ली में पीएम-जनमन की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी कार्यक्रम पीएम-जनमन के कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रत्येक माह के अंतराल पर ऐसी समीक्षा आयोजित की जाएगी।

एक दिवसीय समीक्षा बैठक के दौरान, अभियान के अंतर्गत बुनियादी ढांचे (व्यक्तिगत और सामुदायिक परिसंपत्तियों) के तेजी से और मिशन मोड में पूरा होने से संबंधित प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें सेवा सम्पूर्णता को प्राप्त करने के लिए सभी प्रयासों में सामंजस्य स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रतिभागियों ने संभावित कार्यान्वयन बाधाओं की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए विचार-मंथन सत्रों में भाग लिया। यह भी देखा गया कि समय पर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के भीतर कई स्तरों पर एक व्यवस्थित और नियमित समीक्षा तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए और विभागों के बीच समन्वय को गांव स्तर तक दोहराया जाना चाहिए।

चर्चा के मुख्य बिन्दु इस बात पर केंद्रित थे कि सभी गांवों में अभियान के तहत रेखांकित पहलों का पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

  • स्वास्थ्य, आंगनवाड़ी और कौशल विकास की आवश्यक सेवाओं के साथ बहुउद्देश्यीय केंद्रों (एमपीसी) का निर्माण पूरा करना और उनका संचालन शुरू करना।
  • सभी वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) में व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत
  • पक्के मकानों की स्वीकृति और निर्माण का फिजिकल कार्य पूरा करना तथा आधार जैसे आवश्यक दस्तावेजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • बस्तियों के स्थान के अनुसार सड़कों की सफाई और चल रही सड़क परियोजनाओं को समय पर पूरा करना
  • सभी आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) का संचालन और निगरानी
  • जीपीएस जैसे तकनीकी उपकरणों के उपयोग से मोबाइल मेडिकल यूनिटों (एमएमयू) के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी को मजबूत करना।
  • लक्षित संख्या में पीवीटीजी छात्रावासों की स्वीकृति और निर्माण
  • ऑन-ग्रिड या ऑफ-ग्रिड समाधानों के माध्यम से पीवीटीजी घरों का विद्युतीकरण
  • नल जल आपूर्ति द्वारा गांवों का सम्पूर्ण कवरेज
  • दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए मोबाइल टावरों की स्थापना

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) योजना के सम्पूर्णता स्तरों का आकलन करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में इस समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इसमें पीएम-जनमन मिशन में भाग लेने वाले 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव/सचिव स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में भाग लेने वाले मंत्रालयों के अधिकारी भी शामिल हुए।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के व्यापक विकास और कल्याण को सुनिश्चित करना है। 2023 में जनजातीय गौरव दिवस पर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित यह अभियान देश में सबसे अधिक वंचित समुदायों के लिए समावेशी विकास और सामाजिक न्याय के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है जो विकसित गांवविकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करेगा।

अभियान को राज्य सरकारों के सहयोग से 9 मंत्रालयों और विभागों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। इससे संबंधित फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरा करने और समयबद्ध तरीके से सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रित, मिशन-मोड दृष्टिकोण अपनाया गया है।

 

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जनपद के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के मध्य कानपुर के समग्र विकास की रणनीति पर चर्चा एवं संवाद

दैनिक भारतीय स्वरूप जिला सूचना कार्यालय कानपुर नगर, सर्किट हाउस में जनपद के जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के मध्य शासन की मंशानुसार कानपुर के समग्र विकास की रणनीति पर चर्चा एवं संवाद हुआ। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों से संवाद स्थापित करते हुए अपने-अपने स्तर से जनपद के विकास हेतु सुझाव भी दिए तथा इन सुझावों को अमल में लाने के लिए जिलाधिकारी महोदय ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को यह भी निर्देश दिए कि वे अपनी परियोजनाओं की विस्तृत सूचना ससमय जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराएं, जिससे शासन की नीतियों को जमीनी स्तर पर लागू करने में तेज गति मिल सके। उन्होंने अधिकारियों से मा. जनप्रतिनिधियों के साथ सौहार्दपूर्ण व सामंजस्य स्थापित करते हुए काम करने पर जोर दिया। बैठक के दौरान जनपद के विकास एवं निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा हेतु प्रत्येक माह बैठक आयोजित कराए जाने पर सहमति व्यक्त किया गया। बैठक में सांसद रमेश अवस्थी, माननीय सांसद देवेंद्र सिंह भोले, महापौर प्रमिला पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, विधायक सुरेंद्र मैथानी, विधायक राहुल बच्चा सोनकर, राज्यसभा अध्यक्ष प्रतिनिधि, एमएलसी सलिल बिश्नोई के प्रतिनिधि सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक के उपरांत जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा सर्किट हाउस स्थित नवनिर्मित प्रेसीडेंशियल हाउस का निरीक्षण कर स्थितियों को परखते हुए आवश्यक दिशा -निर्देश दिए गए बैठक में जनप्रतिनिधियों व जिलाधिकारी महोदय के अलावा ज्वाइंट सीपी, एमडी केस्को, नगर आयुक्त, मुख्य विकास अधिकारी, एडीएम नगर एवं वित्त,पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहें ।

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लेबर कॉलोनी का मालिकाना हक- जो जहां है, उसी को उसका मालिक बना दिया जाए-मैथानी*

भारतीय स्वरूप संवाददाता आज लखनऊ बापू भवन में उत्तर प्रदेश परामर्श दात्री समिति श्रम मंत्रालय की बैठक प्रमुख सचिव श्रम की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें विधायक सुरेंद्र मैथानी द्वारा,पूर्व में उत्तर प्रदेश सदन में लगाई गई याचिका एवं लंबे समय से किये जा रहे संघर्ष के, उन सारे बिंदुओं को शामिल किया गया, जिन पर लेबर कॉलोनी के निवासियों के मालिकाना पर फैसला काफी कुछ उनके पक्ष में आए।

विधायक ने बैठक मे कहा कि मैं जीवन के 42 वर्ष लेबर कॉलोनी में रहा हूं मुझसे बेहतर पूरे उत्तर प्रदेश में वहां का दर्द और वहां का निवारण दूसरा कोई नहीं बता सकता। उन्होंने उक्त बैठक में कहा की कॉलोनीयों के स्वामित्व के मामले में, जो जहां है,जितना है, जिसके पास है और जैसा है,उसी हालत में, उसी को उसका मालिकाना हक, मात्र टोकन मनी ले करके, दे दिया जाए।यह इसका व्यावहारिक पक्ष है। यदि हम कानूनी दांव पेज और दशकों पुराने, अव्यावहारिक नियमों के हिसाब से, कोई नियमावली बनाएंगे, तो वह सफल नहीं होगी। इसलिए हमें व्यावहारिक पक्ष के आधार पर ही, जनहित में अपनी संस्तुति करके, कैबिनेट को प्रस्ताव भेजना चाहिए।

*विशेष सचिव द्वारा कहा गया कि पहले खाली पड़ी हुई जगह पर कमर्शियल स्पेस बना लिया जाए और फिर मूल आवंटी और उसके बाद सिग्मी लोगों और उसके बाद बड़े लोगों के काबिज मकान को,अलग-अलग दर पर,उन्हें आवंटन करने की पॉलिसी बनाई जाए।या पहले खाली पड़े हुए पार्क में, स्थलों पर, अपार्टमेंट की तर्ज पर फ्लैट बनाया जाए और उनका आवंटन करके, तब इस कॉलोनी को डिमोलिश करके, दोबारा इसका निर्माण कर,जो जिस श्रेणी में आता हो,उनको उनकी पात्रता के आधार पर,निर्माण कंप्लीट उपरांत आवंटन किया जाए। जिस पर क्रोधित होकर, विधायक सुरेंद्र मैथानी जी ने उक्त प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह मैं किसी कीमत पर नहीं होने दूंगा।आपने पिछले 60 साल में ₹ 1 का भी मेंटेनेंस नहीं कराया, आप किस आधार पर उसको अपनी संपत्ति मान रहे हो।और हम लोगों ने, हमारी सरकार ने और हमने अपने मुख्यमंत्री जी ने वहाँ की सड़क,नाली,सीवर, बिजली, विकास कार्यों और पार्कों का विकास कराकर, उसे रहने योग्य बनाया है।और अब आप,अपना मालिकाना हक समझकर,आधार हीन,कोई भी ऐसा निर्णय नहीं कर सकते, जो वहां की जनता की मूल भावनाओं के खिलाफ हो। मैं इसका विरोध करता हूं और उसको सड़कों पर उत्तर के भी,किसी भी कीमत पर नहीं होने दूंगा। यह पूरी तरह जन विरोधी है।मुझे समझाने का प्रयास न करें।क्योंकि मैं वहां के कष्ट को जानता हूं और मैं वहां का 42 साल निवासी रहा हूं। पहले मुझसे बात करो,तब कोई कदम,आप आगे बड़ा पाओगे। बैठक के अंत में प्रमुख सचिव सभापति ने कहा की विधायक जी का पक्ष व्यावहारिक है इस पर शास्त्री नगर कॉलोनी और कानपुर की श्रम कॉलोनी से ही इसका सर्वे अध्ययन प्रारंभ करें जिसको 6 महीने के अंदर पूर्ण कर लिया जाए।जिसमें लोकल अथार्टी, नगर निगम अथवा के डी ए अथवा आवास विकास को सम्मिलित करके, उसमें टेक्निकल दृष्टि से जे ई तथा पीडब्ल्यूडी के लोगों को भी शामिल करके और परामर्शदात्री के सदस्य के नाते विधायक जी को भी शामिल करके, इसकी एक अध्ययन रिपोर्ट अभिलंब तैयार की जाए। जिस पर कोई सकारात्मक रिपोर्ट तैयार करके शासन ,कैबिनेट को प्रेषित की जाए। जिससे जल्द से जल्द इस पर सकारात्मक निर्णय आ सके।

 इस पर विधायक जी ने प्रमुख सचिव को इस सकारात्मक दृष्टि में आगे कार्यवाही हेतु बड़ी, बैठक के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

उक्त बैठक में प्रमुख रूप से प्रमुख सचिव श्रम एम के शानमुगा सुंदरम जी, विधायक सुरेंद्र मैथानी जी एवं विधायक मंजू शिवाज जी एवं श्रम आयुक्त मारकंडे शाही जी तथा विशेष सचिव कुणाल सिल्कू, विशेष सचिव निलेश कुमार सिंह,उपश्रमायुक्त पंकज सिंह राणा, उपश्रमायुक्त श्रीमती रचना केसरवानी,उप श्रमायुक्त जय प्रताप जी, उपश्रमायुक्त अनुराग मिश्रा गाजियाबाद एवं विधायक सुरेंद्र मैथानी, विधायक मंजू सिवाच एवं अनिल उपाध्याय आदि लोग प्रमुख रूप से थे।

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गाजियाबाद नगर निगम ने देश के पहले प्रमाणित ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए स्थायी जल प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाई

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत गाजियाबाद ने देश के पहले प्रमाणित ‘ग्रीन म्युनिसिपल बांड’ को सफलतापूर्वक जारी कर स्थायी अवसंरचना और शहरी रेज़िलियंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस बांड के माध्यम से 150 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित की गई है, जो एक अत्याधुनिक तृतीयक मल-जल शोधन संयंत्र (टीएसटीपी) के विकास में निवेश की जा रही है।

यह सिर्फ़ एक और बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं है, बल्कि एक परिवर्तनकारी पहल है, जो गाजियाबाद की अपने नागरिकों के लिए स्थायी भविष्य के निर्माण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। एकत्र की गई निधियों को एक उन्नत टीएसटीपी के विकास के लिए निर्देशित किया जा रहा है, जो अभूतपूर्व पैमाने पर अपशिष्ट जल के उपचार और पुनः उपयोग करने के लिए डिज़ाइन की गयी एक अत्याधुनिक सुविधा है।

ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड ने भारत के वित्तीय परिदृश्य में एक नया अध्याय जोड़ा है, जो शहरी बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए एक स्थायी मॉडल प्रदान करता है। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से यह परियोजना केवल जल उपचार सुविधा ही नहीं है, बल्कि इससे कहीं अधिक है; यह पूरे देश के भविष्य के शहरों के लिए वित्तीय अनुशासन को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ जोड़ने का एक खाका है।

इस पहल के केंद्र में तृतीयक मल-जल शोधन संयंत्र (टीएसटीपी) है, जो एक तकनीकी चमत्कार है जो माइक्रोफिल्ट्रेशन, अल्ट्राफिल्ट्रेशन, नैनोफिल्ट्रेशन और रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) सहित उन्नत मेम्ब्रेन फिल्ट्रेशन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करता है। ये अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करती हैं कि उपचारित पानी उच्चतम मानकों को पूरा करे, जिससे यह औद्योगिक प्रक्रियाओं में पुन: उपयोग के लिए उपयुक्त हो जाए।

40 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) की उपचार क्षमता के साथ टीएसटीपी एक विशाल 95 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ा है, जो गाजियाबाद की 1,400 से अधिक औद्योगिक इकाइयों को उपचारित पानी पहुंचाता है। यह संयंत्र सुनिश्चित करता है कि अपशिष्ट जल अब बर्बाद न हो, बल्कि इसे एक मूल्यवान संसाधन में बदल दिया जाए जो शहर के औद्योगिक क्षेत्र का समर्थन करता है, जिससे ताजे पानी के स्रोतों पर निर्भरता कम हो जाती है।

इस परियोजना की सफलता न केवल इसकी तकनीकी और पर्यावरणीय उपलब्धियों में निहित है, बल्कि इसके नवाचारी वित्तीय ढांचे में भी निहित है। टीएसटीपी  को सार्वजनिक-निजी हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (पीपीपी-एचएएम) के तहत विकसित किया गया था, जिसमें 40 प्रतिशत निवेश नगर निगम द्वारा किया गया। इस सार्वजनिक-निजी भागीदारी दृष्टिकोण ने इस परियोजना को वित्तीय अनुशासन के साथ समयबद्ध रूप से लागू करने में सहायता की। ग्रीन बॉन्ड जारी करके जीएनएन की 150 करोड़ रुपये जुटाने की सफलता ने शहर के सतत दृष्टिकोण में निवेशकों के विश्वास को प्रदर्शित किया और शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) में वित्तीय पारदर्शिता और अनुशासन का एक नया स्तर लाया है।

जीएनएन ने 9.5 एमएलडी तृतीयक उपचारित जल की आपूर्ति के लिए 800 से अधिक फर्मों के साथ अनुबंध किया, जिससे शहरी जल प्रबंधन में शहर की अग्रणी स्थिति स्थापित हुई। गाजियाबाद के इस अभिनव दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर भी सराहा गया। शहर को वाटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वाटर अवार्ड्स 2024-25 में सर्वश्रेष्ठ म्यूनिसपल ट्रीटेड वाटर अवार्ड से सम्मानित किया गया, जो जल संरक्षण, पुनर्चक्रण और स्थायी जल प्रबंधन में शहर की उत्कृष्टता को मान्यता देता है।

वेस्ट सफ़ोक कॉलेज, इंग्लैंड के 22 छात्रों और 4 संकाय सदस्यों की एक टीम ने एक एक्सपोज़र विजिट के तहत गाजियाबाद नगर निगम का दौरा किया। इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान इस टीम ने टीएसटीपी संयंत्र और अन्य परियोजनाओं का निरीक्षण किया तथा स्मार्ट शहरों और सतत विकास के प्रति गाजियाबाद की प्रतिबद्धता को निकट से देखा।

उन्नत जल उपचार प्रौद्योगिकियों, नवाचारी वित्तीय मॉडलों और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ गाजियाबाद स्वच्छ, स्मार्ट और अधिक रेज़िलियंट शहरों के लिए भारत की खोज में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

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पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप की 92वीं बैठक में प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया

सड़क और रेलवे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं का मूल्यांकन करने के लिए आज नई दिल्ली में नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 92वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में विचार-विमर्श के दौरान पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस एनएमपी) के अनुसार, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी बढ़ाने और लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

एनपीजी ने चार प्रमुख प्रस्तावों का मूल्यांकन किया – एक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) से और तीन रेल मंत्रालय (एमओआर) से। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन पीएम गतिशक्ति के मूल सिद्धांतों के साथ उनके तालमेल के लिए किया गया, जिसमें एकीकृत मल्टीमॉडल बुनियादी ढांचा, अंतिम-छोर तक संपर्क और संपूर्ण-सरकार और संपूर्ण-क्षेत्र विकास का दृष्टिकोण शामिल है। इन पहलों की मदद से यात्रा का समय कम होने, माल ढुलाई में वृद्धि होने और क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच)

  1. छह/चार लेन वाला एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे – ऋषिकेश बाईपास

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने एनएचएआई के ज़रिए ऋषिकेश के आसपास एक बाईपास का प्रस्ताव रखा है, ताकि शहर में भीड़भाड़ कम हो और एनएच-34 पर यातायात की आवाजाही में सुधार हो – जो दिल्ली, मेरठ, रुड़की, हरिद्वार और बद्रीनाथ को जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग है। यह राजमार्ग हरिद्वार, देहरादून, बीएचईएल, एसआईडीसीयूएल और माना, नेलांग और नीति जैसे रणनीतिक सीमा बिंदुओं सहित प्रमुख धार्मिक और औद्योगिक नोड्स को जोड़ता है। इस परियोजना में 6/4-लेन का एलिवेटेड कॉरिडोर और एक अतिरिक्त 4-लेन की सड़क शामिल है, जो आने वाले समय में यातायात को प्रबंधित करने और समग्र क्षमता में सुधार करने के लिए वैकल्पिक मार्ग प्रदान करती है।

रेल मंत्रालय (एमओआर)

  1. बीना-इटारसी चौथी रेलवे लाइन (236.97 किमी)

एमओआर ने बीना और इटारसी के बीच चौथी रेलवे लाइन प्रस्तावित की है, जो नर्मदापुरम, रानी कमलापति, भोपाल, निशातपुरा और विदिशा जैसे प्रमुख स्टेशनों से होकर गुज़रेगी। इस लाइन में 32 स्टेशन शामिल हैं और इसका मकसद माल ढुलाई के संचालन में सुधार करना है। इस परियोजना से पारगमन समय में करीब 46 मिनट की कमी आने और सेक्शनल गति में 10 किमी/घंटा की बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है, जिससे तेज़ और अधिक कुशल रेल रसद में मदद मिलेगी।

  1. कसारा-मनमाड मल्टी-ट्रैकिंग लाइन (तीसरी और चौथी लाइन, 2×130.817 किमी)

इस परियोजना में दो खंडों में तीसरी और चौथी रेलवे लाइन का निर्माण शामिल है: पूर्वोत्तर घाट में कसारा-इगतपुरी और दक्कन पठार में इगतपुरी-मनमाड। इसका खास मकसद 100 में 1 का रूलिंग ग्रेडिएंट बनाए रखना है, जिससे बैंकिंग इंजन की ज़रुरत खत्म हो जाएगी और ऊर्जा दक्षता में भी सुधार होगा। यह लाइन कई स्टेशनों को बायपास करती है और लाहवित स्टेशन पर मौजूदा लाइन के साथ मिल जाती है, जिससे माल ढुलाई में आसानी होती है।

  1. भुसावल-वर्धा तीसरी और चौथी रेलवे लाइन (314 किमी)

भुसावल और वर्धा के बीच प्रस्तावित 314 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन, महाराष्ट्र के पांच जिलों – जलगांव, बुलढाणा, अकोला, अमरावती और वर्धा से होकर गुजरती है। इस परियोजना में नए रेलवे ट्रैक, स्टेशन अपग्रेड, यार्ड रीकॉन्फ़िगरेशन और सिग्नलिंग सुधार शामिल हैं। मुंबई-हावड़ा हाई डेंसिटी कारिडोर (एचडीएन-2) के एक हिस्से के रूप में, यह मार्ग माल ढुलाई के यातायात को कम करने और मध्य रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है।

बैठक की अध्यक्षता उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव श्री पंकज कुमार ने की।

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हिमांशु पाल नगर अध्यक्ष एवं अमित कालरा महामंत्री घोषित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर*आदर्श उद्योग व्यापार मंडल द्वारा प्रदेश की कार्यकारिणी गठन में हिमांशु पाल को नगर अध्यक्ष
एवं अमित कालरा को महामंत्री पद दिया गयाआदर्श उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश की प्रदेश कार्यकारणी की एक विशेष बैठक आज सोमवार को यशोदा नगर बाई पास स्थित लौर्ड गार्डन गेस्ट हाउस में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता कैट के राष्ट्रीय सचिव एवं आदर्श उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश चेयरमैन पंकज अरोरा ने की,
बैठक की जानकारी देते हुए व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष मणीद्र सोनी ने बताया कि प्रदेश कार्यकारणी की इस महत्वपूर्ण बैठक में कानपुर महानगर के अध्यक्ष और महामंत्री पद के लिए कई प्रमुख व्यापारी नेताओं के नामों पर विचार किया गया,
जिसमें अंत में सर्व सम्मति से हिमांशु पाल को महानगर अध्यक्ष और अमित कालरा को महानगर महामंत्री का पद भार दिया गया,
बैठक में महानगर कार्यकारणी के नामों पर भी विस्तृत चर्चा की गई,
नव नियुक्त नगर अध्यक्ष हिमांशु पाल ने कहा व्यापारियों की शहर के अंदर प्रशासन द्वारा और बोहोत अनदेखी की जा रही है इस अनदेखी को व्यापारी भाई बर्दाश्त नहीं करेंगे आने वाले समय में प्रशासनिक अधिकारियों को इससे अवगत कराया जाएगा और पूरी तरह छुटकारा दिलाने का प्रयास किया जाएगा
बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी के सभी सदस्यों सहित व्यापारी नेता शामिल हुए, जिसमें मुख्य रूप से मौजूद रहे, मणीन्द्र सोनी प्रदेश अध्यक्ष,ओ,पी,निगम प्रदेश महामंत्री,आदर्श उद्योग व्यापार मंडल उत्तर प्रदेश शिव सोनी,डी के गुप्ता रिटायर्ड PCS ,डॉक्टर VK साहू डॉक्टर हिमांशु शाह,सुनील निगम ,अरुणेश निगम,सूरज निगम,अमित बाजपेयी,बाबू सिंह यादव,संजय सचान,विनीत निगम,अरुण जौहरी,राजेश सिंघानिया,धर्मेन्द्र गुप्ता,संजय कपूर,नितिन केषर वानी,कृष्ण कुमार मुप्ता, इन्दर गुप्ता, ओमकार, राजकुमार गुट्टा आदि मौजूद रहे

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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में जनपद कानपुर के समग्र विकास के कार्यों की समीक्षा बैठक संपन्न

विधानसभा अध्यक्ष उ प्र सतीश महाना की अध्यक्षता में जनपद कानपुर के समग्र विकास के कार्यों की समीक्षा बैठक नवीन सभागार सरसैया घाट में सम्पन्न हुई।
कानपुर रिंग रोड के निर्माण की समीक्षा में एन0एच0ए0आई0 के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया की कानपुर रिंग रोड का कार्य 04 पैकेज में होना है, जिसके अन्तर्गत 03 पैकेज में कार्य प्रारम्भ हो गया है एक पैकेज के टेण्डर का कार्य प्रक्रियाधीन है और अधिग्रहण का कार्य किया जा रहा है।
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की समीक्षा में एन0एच0ए0आई0 द्वारा अवगत कराया गया कि 02 पैकेज में कार्य पूर्ण होना है। परियोजना का निर्माण कार्य मैसर्स पी0एन0सी0 इन्फ्राटेक लि0 द्वारा कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है कार्य तेजी से चल रहा है, परियोजना का निर्माण छः लेन में शहीद पथ जंक्शन से प्रारम्भ होकर बनी पर समाप्त होगा। पैकेज 02 ऊपरगामी बनाया जाएगा तथा आउटर रिंग रोड के निकट नीचे उतरेगा। आउटर रिंग रोड पर जंक्शन का निर्माण किया जाएगा, उक्त परियोजना का निर्माण कार्य मैसर्स पी0एन0सी0 द्वारा प्रारम्भ कर दिया गया है जो कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। उक्त परियोजना जल्द ही पूर्ण होगी।
माननीय विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कानपुर नगर दक्षिण वासियों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुये बैठक में विचार-विमर्श किया गया विभागीय समंजन स्थापित करते हुए कार्य कराए जाने के निर्देश दिए गए। सैबसी झील के निर्माण की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए गए की इसका स्वरूप बेहतर सुरक्षित बनाया जाए इसके लिए कार्य करना सुनिश्चित करें । जाजमऊ से चकेरी एयरपोर्ट को जाने वाले मार्ग के निर्माण में आ रही बढ़ाओ को दूर करते हुए युद्ध स्तर पर कार्य करना सुनिश्चित किया जाए।
पनकी पड़ाव पुल में चार लेन मार्ग बनाये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि सेतु निगम द्वारा प्रस्ताव बनाकर कार्य योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। मेगा लेदर क्लस्टर के संबंध में 31 मई तक जो भी कार्य किया जाना है, उसे पूर्ण करें अन्यथा वैकल्पिक रास्ता तलाशते हुए निस्तारण कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए,कानपुर विकास प्राधिकरण अपनी भूमि को संरक्षित करते हुए पर को एवं तालाबों को जल संचयन हेतु विकसित करने हेतु कार्य करना सुनिश्चित करें।
एमडी केस्को को निर्देशित किया गया कि लाल बंगला बाजार में अंडरग्राउंड विद्युत केबल का कार्य यथाशीघ्र आरंभ कराया जाए इस हेतु जो भी प्रक्रियाएं हैं या जो भी कार्य किए जाने हो, उन्हें युद्ध स्तर पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
पुलिस कमिश्नर यह सुनिश्चित कराए कि शहर में जो भी बरात निकले, वह सड़क के एक साइड से ही निकाला जाए एवं सुगम यातायात व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए ही बरात निकले।डिफेंस कॉरिडोर की समीक्षा के दौरान निर्देशित करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण कराते हुए आ रही बधाओं को शीघ्र दूर कराया जाए।
नगर आयुक्त को निर्देशित करते हुए कहा कि जीके फर्स्ट में सड़क पर लगने वाली सब्जी मंडी को पुल के नीचे से अन्य स्थान पर व्यवस्थित कराना सुनिश्चित करें। बनियापुरवा एसपी की समीक्षा के दौरान निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक स्थिति में जुलाई में एसपी प्रारंभ करना सुनिश्चित करें। नगर आयोग को निर्देश दिए, नाला सफाई का जो भी कार्य कराया जाए, उसमें से प्रत्येक स्थिति में सिल्ट उठाई जाए , साथ ही प्रत्येक गली, मोहल्लों,सड़को की सफाई हो यह भी सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सफाई कर्मचारी नियमित रूप से उपस्थित होकर सफाई करें। वहीं, एमडी केस्को को निर्देशित करते हुए कहा कि संवाद की स्थिति रहे और फाल्ट होने पर उसका निराकरण युद्ध स्तर पर कराया जाए।
बैठक में महापौर प्रमिला पाण्डेय, विधायक नीलिमा कटियार, सरोज कुरील, सुरेन्द्र मैथानी, महेश त्रिवेदी, मण्डलायुक्त विजयेंद्र पांडियन, पुलिस आयुक्त अखिल कुमार, जिलाधिकारी श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरिश्चंद्र, एम0डी0 केस्को सैमुअल पॉल, नगर आयुक्त सुधीर कुमार, मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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