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रेलवे सुरक्षा बल ने 2021 से अवैध प्रवास की रोकथाम के क्रम में 586 बांग्लादेशी और 318 रोहिंग्या को पकड़ा

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 2021 से अब तक 586 बांग्लादेशी नागरिकों और 318 रोहिंग्या सहित 916 व्यक्तियों को सफलतापूर्वक पकड़ा है, जो देश की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जून और जुलाई 2024 में, आरपीएफ ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में 88 बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को पकड़ा। इनमें से कुछ व्यक्तियों ने अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की बात कबूल की और उन्हें कोलकाता जैसे गंतव्यों के लिए ट्रेन से यात्रा करते समय रोका गया।

अक्टूबर 2024 में, रिपोर्ट में बताया गया कि बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा से जुड़े उपायों को बढ़ाने के बावजूद, अवैध प्रवासी भारत में घुसपैठ करना जारी रखते हैं, असम को पारगमन मार्ग के रूप में और रेलवे को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचने के लिए अपनी पसंदीदा यात्रा के रूप में उपयोग करते हैं। ये घटनाएं अवैध घुसपैठ के खिलाफ रेलवे नेटवर्क की निगरानी और सुरक्षा में भारतीय अधिकारियों के सामने आने वाली चुनौतियों को चिन्हित करती हैं। घुसपैठियों द्वारा रेलवे का उपयोग न केवल राज्यों में उनकी आवाजाही को सुविधाजनक बनाता है, बल्कि देश में अनधिकृत प्रवेश का पता लगाने और रोकने के प्रयासों को भी जटिल बनाता है।

उपरोक्त मुद्दे पर विचार करने के लिए, आरपीएफ ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयों जैसी प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करके अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। विभिन्‍न एजेंसियों के बीच आंतरिक सहयोग के इस दृष्टिकोण ने परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे अवैध प्रवास में शामिल व्यक्तियों की शीघ्र पहचान करना और हिरासत में लेना संभव हो पाया है।

अपने महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद, आरपीएफ को पकड़े गए व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने का सीधा अधिकार नहीं है। इसके बजाय, हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस और अन्य अधिकृत एजेंसियों को सौंप दिया जाता है।

बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों में चल रही हाल के राजनीतिक उथल-पुथल और इन क्षेत्रों में भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और सामाजिक-धार्मिक कारकों के कारण भारत के सुदूर इलाकों में शरण, रोजगार और आश्रय की तलाश करने वाले लोगों की आमद हुई है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बना हुआ है। जबकि रेलवे का उपयोग करने वाले घुसपैठियों की संख्या के सटीक आंकड़े सीमित हैं, हाल की रिपोर्टें बताती हैं कि अवैध प्रवासी अक्सर भारत के अन्य हिस्सों में जाने के लिए असम और त्रिपुरा जैसे क्षेत्रों से गुजरने के लिए रेलवे नेटवर्क का उपयोग करते हैं।

रेलवे सुरक्षा बल ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने की चुनौती को स्वीकार किया है, तथा भारत की सीमाओं में घुसने का प्रयास करने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये व्यक्ति न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता का विषय हैं, बल्कि बंधुआ मजदूरी, घरेलू नौकरानी, ​​वेश्यावृत्ति और यहां तक ​​कि अंग निकालने के लिए मानव तस्करी सहित शोषण के लिए भी अत्यधिक संवेदनशील हैं।

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खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने महाकुंभ 2025 में राष्ट्रीय स्तर की खादी प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के अवसर पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने शहर उत्तरी से विधायक श्री हर्ष वर्धन वाजपेयी, महापौर श्री गणेश केशरवानी और केवीआईसी उत्तर क्षेत्र के सदस्य श्री नागेंद्र रघुवंशी की उपस्थिति में शुक्रवार को कुंभनगरी के महात्मा गांधी मार्ग स्थित सेक्टर-1 में राष्ट्रीय स्तर की खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी 26 फरवरी तक संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित की जाएगी। प्रदर्शनी में कुल 152 स्टॉल लगाये गये हैं, जिसमें से 98 स्टॉल खादी और 54 स्टॉल ग्रामोद्योग से जुड़े उत्पादों के हैं।

प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने कहा, “महाकुंभ न केवल आस्था का महोत्सव है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा, और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है। खादी, जो महात्मा गांधी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी का प्रतीक बनी, आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही ‘चरखा क्रांति’ के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की पहचान बन चुकी है।” उन्होंने आगे कहा कि खादी और ग्रामोद्योग प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान “खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन, खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन” के तहत नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

प्रदर्शनी में देश के 20 से अधिक राज्यों से आए खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के 152 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 98 खादी और 54 ग्रामोद्योग उत्पादों के हैं। यहां पर कश्मीर से लेकर तमिलनाडु और महाराष्ट्र से नागालैंड तक के उत्पाद उपलब्ध हैं। अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं और आगंतुकों से अपील की कि वे खादी प्रदर्शनी में आकर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं और ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहित करें।

श्री मनोज कुमार ने खादी और ग्रामोद्योग के पिछले 10 वर्षों की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि

उत्पादन में वृद्धि: खादी और ग्रामोद्योग का उत्पादन रुपये 26,000 करोड़ से बढ़कर रुपये 1 लाख करोड़ हो गया है।

बिक्री में उछाल: खादी और ग्रामोद्योग की बिक्री रुपये 31 हजार करोड़ से बढ़कर रुपये 1 लाख 55 हजार करोड़ हो गई है।

रोजगार सृजन: रोजगार के अवसर 43.65% बढ़े हैं, जिससे 1.87 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं। पिछले वित्तवर्ष में 10.17 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ है।

कारीगरों की आय में वृद्धि: खादी कारीगरों की आय में 213% की बढ़ोतरी हुई है, जो 4 रुपये बढ़कर 12.50 रुपये प्रति लच्छा हो गयी है।

अध्यक्ष केवीआईसी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 450 से अधिक खादी संस्थाओं के माध्यम से 1.4 लाख से अधिक कारीगरों को रोजगार दिया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में राज्य में 15 करोड़ रुपये से अधिक MMDA और 4 करोड़ रुपये से अधिक ISEC वितरित किया गया। उन्होंने आगे कहा कि पिछले वित्त वर्ष में उत्तर प्रदेश में ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत 1550 लाभार्थियों को उपकरण और टूलकिट प्रदान किया गया था, जबकि इस वर्ष 1850 लाभार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत इस वर्ष दिसंबर तक उत्तर प्रदेश में 137 करोड़ रुपये की सब्सिडी बांटी गयी। नयी इकाइयों के माध्यम से 38588 नये लोगों को रोजगार दिया गया है।

अध्यक्ष केवीआईसी श्री मनोज कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि ‘खादी क्रांति’ ने भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कुंभ आयोजन की भव्यता और प्रयागराज को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनाने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे खादी उत्पादों को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में योगदान दें। उन्होंने खादी प्रदर्शनी को भारतीय आत्मनिर्भरता और संस्कृति का जीवंत उदाहरण बताया।

उद्घाटन कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, पीएमईजीपी यूनिट के लाभार्थी, खादी कार्यकर्ता समेत उत्तर प्रदेश सरकार और केवीआईसी के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्नाटक में राज्य के कृषि, ग्रामीण विकास और राजस्व मंत्री के साथ की समीक्षा बैठक

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं। इस दौरान श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बैंगलुरू में राज्य के कृषि, ग्रामीण विकास और राजस्व मंत्री के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में श्री शिवराज सिंह ने राज्य में कृषि योजनाओं, ग्रामीण विकास के कार्यों, राजस्व से जुड़ी गतिविधियों और भारत सरकार की योजनाओं पर मंत्रियों व अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। बैठक में  उन्होंने कहा कि एक होती है आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति लेकिन हम लोग विकास की राजनीति करते है, जनकल्याण की राजनीति करते हैं। हमारे देश में संघीय लोकतंत्र है, हमारा मकसद है, राज्य सरकार को हम भारत सरकार की योजनाओं के तहत भरपूर सहयोग करें, ताकि किसी भी कीमत पर कर्नाटक का विकास बाधित ना हो।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारा लक्ष्य विकसित कर्नाटक है।  केंद्र सरकार ने पहले जो फंड रिलीज किये थे, कर्नाटक सरकार उसे पूरी तरह से जल्द ही यूटिलाइज करें। वहीं, श्री  चौहान ने कहा कि कर्नाटक के राजस्व मंत्री ने वाटरशेड स्कीम के तहत अतिरिक्त फंड का आग्रह किया है, इसलिए हम वाटरशेड स्कीम के लिए कर्नाटक को 97 करोड़ रूपए का अतिरिक्त फंड रिलीज कर रहे हैं। राज्य के कृषि मंत्री ने मैकेनाइजेशन की स्कीम के तहत अतिरिक्त फंड की मांग की है, उसे भी हमने स्वीकार किया है। साथ ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की आत्मा योजना के लिए अतिरिक्त स्टॉफ की भी मांग की गई है जिसे भी हम पूरा करेंगे। इसके अलावा समीक्षा बैठक में तीनों मंत्रियों ने योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर कुछ ज्ञापन सौंपे हैं, इस पर भी हम विचार-विमर्श करेंगे।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है और विकसित भारत के लिए विकसित कर्नाटक भी हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम कर्नाटक के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। राज्य सरकार से मेरा आग्रह है कि वो समय पर फंड ठीक ढंग से खर्च करें, यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजे तो भारत सरकार कर्नाटक की बेहतरी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर गरीब को पक्का मकान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है। तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद केंद्र सरकार ने गत सितंबर माह में कर्नाटक राज्य को 2 लाख 26 हजार 175 मकान बनाने की स्वीकृति दी थी, जिसके लिए राशि भी अलॉट कर दी गई थी। कर्नाटक में गरीबों के पक्के मकान के लिए हमने फिर से उस लक्ष्य को बढ़ाया है और कर्नाटक को अब तक गरीबों के लिए 4,76,556 मकान और आवंटित किए हैं। कुल मिलाकर, इस वित्तीय वर्ष में 7,02,731 आवासों का लक्ष्य कर्नाटक के लिए रखा गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीबों की सेवा ही हमारे लिए भगवान की पूजा है। हर गरीब का पक्का मकान बने, यही हमारा संकल्प है। मैंने कर्नाटक सरकार से भी आग्रह किया है कि वह तेजी से मकानों का निर्माण पूरा करें ताकि सभी गरीबों के पक्के मकान बनाए जा सके।

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने मुंबई में भारत के अपने तरह के पहले सीएसआईआर इनोवेशन कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज मुंबई में वर्चुअल माध्यम से भारत के अपनी तरह के पहले सीएसआईआर इनोवेशन कॉम्प्लेक्स का लोकार्पण किया। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन का श्रेय दिया, जिससे भारत स्टार्ट-अप और इनोवेशन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने में सक्षम हुआ। उन्होंने कहा कि इस कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन एक और ऐतिहासिक कदम है।

डॉ. सिंह ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि हमारे पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं जो भारत की उद्यमशीलता की भावना के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा, “यह उल्लेखनीय वृद्धि युवाओं को सशक्त बनाने और आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई परिवर्तनकारी पहलों और नीतियों का प्रतिबिंब है।”

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने सीएसआईआर की सराहना करते हुए कहा कि यह अपने नवीन अनुसंधान, औद्योगिक एवं सामाजिक भागीदारी, उद्यमिता, क्षमता निर्माण और नीति निर्माण के माध्यम से राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करके देश की वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नवाचार, उद्योग सहयोग और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए सीएसआईआर और आईआईटी बॉम्बे, आईक्रिएट, एनआरडीसी जैसे 6 प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच 6 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। स्टार्टअप्स को मजबूत करें सीएसआईआर संस्थानों से स्टार्टअप्स, एमएसएमई और संस्थानों को 50 प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हुए। डॉ. सिंह ने कहा कि सीएसआईआर-आईसी मुंबई एक अत्याधुनिक नवाचार-सह-इन्क्यूबेशन सुविधा है, जिसमें उच्च स्तरीय वैज्ञानिक अवसंरचना और विशेषज्ञता है, जिसे स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के लिए महत्वपूर्ण ट्रांसलेशनल संबंधी अपूर्ण आवश्यकताओं (प्रयोगशाला से नियामक और नियामक से उद्योग डोमेन) को बढ़ावा देने और तेजी से तकनीक हस्तांतरण को उत्प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नवोन्मेषी स्टार्ट-अप्स, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के साथ साझेदारी करने वाली कंपनियों, एमएसएमई, भारत और विदेश की डीप-टेक कंपनियों, सार्वजनिक-वित्तपोषित अनुसंधान संस्थानों और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं को तैयार विश्व स्तरीय इनक्यूबेशन प्रयोगशालाएं और आईपी/व्यवसाय विकास सहायता हमारी नवाचार क्षमता को और मजबूत करेगी।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आईसी-मुंबई का उपयोग सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के व्यवसाय विकास और तकनीक हस्तांतरण गतिविधियों को मजबूत करने के लिए किया जाएगा, जिससे मुंबई द्वारा प्रदान किए जाने वाले अद्वितीय अवसरों का लाभ उठाया जा सकेगा। यह सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के भीतर संचालित अन्य इनक्यूबेटरों के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा।

नौ मंजिलों में फैले आईसी मुंबई में 24 “रेडी टू मूव ” इनक्यूबेशन प्रयोगशालाएं और नवीन स्टार्ट-अप, एमएसएमई और उद्योग और सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के लिए सुसज्जित कार्यालय/ नेटवर्किंग स्थान है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की सुविधाएं सहयोग, नवाचार और समावेशिता की भावना को मूर्त रूप देती हैं जो राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारे दृष्टिकोण को परिभाषित करती हैं।

डॉ. एन कलैसेल्वी ने बताया कि न केवल भारत में बल्कि सीएसआईआर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 4 देशों जर्मनी, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड आदि के साथ सहयोग कर रहा है।

उन्होंने इसे दशक के सपने को हकीकत में बदलना बताया। अपने पूर्ववर्तियों को इसका श्रेय दिया। उन्होंने पर्पल क्रांति को स्वदेशी तकनीकों के प्रति समर्पण को दर्शाते हुए एक नई क्रांति बताया।

डॉ. कलईसेलवी ने बताया कि हर साल सीएसआईआर द्वारा 10-15 तकनीकें विकसित की जाती हैं, जिन्हें विश्व स्तर पर सराहा जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 5 राष्ट्रीय राजमार्ग सीएसआईआर द्वारा विकसित स्टील स्लैग तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।

भारत की स्वदेशीकरण प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने भारत के स्वदेशी पैरासिटामोल के विकास को याद किया। एक और विकास शून्य तरल निर्वहन संयंत्र है जो भारत में अपनी तरह का पहला है। उन्होंने भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए ‘आत्मनिर्भर’ और ‘आत्मनिर्भरता’ पर जोर दिया।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने महामारी के दौरान सीएसआईआर टीम के अथक प्रयासों को याद किया। उन्होंने उन्हें कोविड योद्धा बताया। उन्होंने सीएसआईआर का उल्लेख करते हुए कहा कि सीआरआईएसपीआर डायग्नोस्टिक टेस्ट विकसित करने में वह दुनिया में पहले स्थान पर है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का विकास कर उसे देश के हर कोने में भेजा गया है।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत ने उद्योग जगत को नवाचार के लिए बुलाने के बजाय नवाचार को उद्योग जगत तक ले जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम हर चीज को लागत प्रभावी तरीके से विकसित करते हैं और हमें इसका लाभ उठाना चाहिए।

इस परिसर को हकीकत में बदलने में अहम भूमिका निभाने वाले डॉ. राम विश्वकर्मा ने बताया कि परिसर में 500 वर्ग फीट की 24 प्रयोगशालाएं हैं। स्टार्टअप के लिए 24 कार्यालय-स्थान और 6 सम्मेलन कक्ष और लाउंज हैं।

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रक्षा सचिव ने एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर 2025 का दौरा किया

रक्षा सचिव  राजेश कुमार सिंह ने 17 जनवरी 2025 को दिल्ली कैंट में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर 2025 का दौरा किया। अपने संबोधन में, रक्षा सचिव ने शानदार प्रदर्शन करने में कैडेटों की कड़ी मेहनत की सराहना की, जो देश की रचनात्मक और युवा ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि महीने भर तक चलने वाले इस शिविर में कैडेटों का प्रदर्शन, उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और इस दौरान सीखे गए मूल्य कैडेटों को उनके जीवन के सभी क्षेत्रों में मदद करेंगे।

रक्षा सचिव ने एनसीसी की उपलब्धियों की भी सराहना की, जिनमें नामांकन प्रक्रिया को डिजिटल बनाना, इंटाइटिल्ड पोशाक भत्ते का इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण, विभिन्न सीमा और तटीय क्षेत्रों में शिविरों का आयोजन और विभिन्न खेलों, शूटिंग और साहसिक गतिविधियों में प्रदर्शन शामिल है। उन्होंने कठोर प्रशिक्षण व्यवस्था और कई सामाजिक सेवा गतिविधियों के प्रति कैडेटों के दृढ़ समर्पण की भी सराहना की।

रक्षा सचिव ने एनसीसी कैडेटों को उनके भविष्य के प्रयासों में निरंतर समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए रक्षा मंत्रालय की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करते हुए अपना संबोधन समाप्त किया। उन्होंने कैडेटों और नेतृत्व को उनके अटूट समर्पण और पूरे वर्ष शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी।

इससे पहले, डीजी एनसीसी लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह द्वारा स्वागत किए जाने के बाद, रक्षा सचिव ने ‘फ्लैग एरिया’ का दौरा किया, जिसे बेहद सावधानीपूर्वक रेत मॉडल का उपयोग करके तैयार किया गया था, और जिसके ज़रिए कैडेटों को अपनी रचनात्मकता और विभिन्न सामाजिक जागरूकता विषयों की गहरी समझ प्रदर्शित करने का मौका मिला।

रक्षा सचिव ने ‘हॉल ऑफ फेम’ का भी दौरा किया, जहां उन्हें एनसीसी के समृद्ध इतिहास और कैडेटों के प्रशिक्षण तथा उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने समूह नृत्य और गीतों का मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखा। यह यात्रा सभी राज्य निदेशालयों के प्रतिभाशाली कैडेटों द्वारा ‘आइडिया और इनोवेशन’ पर शुरू की गई विभिन्न परियोजनाओं की प्रदर्शनी के साथ खत्म हुई।

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उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड विधान मण्डल की (कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन/भारत क्षेत्र (जोन-1) उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड) मा. महिला सदस्यों का सम्मेलन सम्पन्न

*◆ “भारतीय लोकतंत्र में बढ़ रही है महिलाओं की भागीदारी”*

*◆ “समाज के प्रत्येक क्षेत्रों में बढ़ रही महिलाओं की उपयोगिता”*

*◆ “उ0प्र0 विधानसभा लगातार नवाचार का कर रहा प्रयोग”*
*- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ*

कानपुर नगर, दिनांक 08 जनवरी, 2024 (सू0/वि0)
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड विधान मण्डल की (कॉमनवेल्थ पार्लियामेंटरी एसोसिएशन/भारत क्षेत्र (जोन-1) उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड) मा0 महिला सदस्यों का सम्मेलन रोजिएट पैलेस हॉल, इटरनिटी होटल में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शिरकत की। मा0 मुख्यमंत्री जी के अलावा मा0 विधानसभा अध्यक्ष उ0प्र0 सतीश महाना, मा0 विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखण्ड़ ऋतु खंडूरी भूषण, मा0 मंत्री महिला कल्याण एवं बाल विकास उ0प्र0 बेबी रानी मौर्य, मा0 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माध्यमिक शिक्षा उ0प्र0 गुलाब देवी, मा0 राज्य मंत्री महिला कल्याण एवं बाल विकास उ0प्र0 प्रतिभा शुक्ला, मा0 राज्य मंत्री उच्च शिक्षा उ0प्र0 रजनी तिवारी सहित उ0प्र0 व उत्तराखण्ड़ राज्य की मा0 महिला विधायकगण शामिल हुई।
इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा व प्राचीन लोकतंत्र है, जो हमारे रग-रग में बसा हुआ है। भारत में गणतंत्र की शुरूआत छठी शताब्दी ईसा पूर्व में ही हो गयी थी जब वैशाली, मगध जैसे गणराज्य बनाये गये थे। यह भारतीय परम्परा रही है कि हमने कभी किसी पर अपनी बात थोपा नहीं है। यहां महिलाओं को भी बराबरी के दर्जे से स्वतंत्रता दी गयी है। उन्होंने कहा कि संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों में से 04 सदस्य कमला चौधरी, सुजेता कृपलानी, पूर्णिमा बनर्जी, बेगम एजाज रसूल शामिल रहीं। भारत ने 1952 के आम चुनाव में ही महिलाओं को मत देने का अधिकार प्रदान किया था।
मा0 मुख्यमंत्री ने कहा कि उ0प्र0 विधानसभा लगभग पिछले तीन वर्षो से नये-नये प्रयोग कर रहा है जिसमें ई-विधानसभा व पेपर लेस विधानसभा का संचालन किया जा रहा है। उ0प्र0 विधानसभा अलग-अलग क्षेत्रों से जुडे हुये विशेषज्ञों जैसे- कुशल अभियन्ता, वैज्ञानिक, समाज सेवक, अर्थशास्त्री आदि का योगदान लेकर प्रगति कर रहा है। उन्होंने सम्बोधन में यह भी कहा कि उ0प्र0 विधानसभा में आज लगभग 15 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। आज महिलायें किसी भी क्षेत्र में वंचित नही है। वो जहां पर कार्य कर रही है उनकी कार्यशैली उत्कृष्ट है। आज प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है। स्थानीय निकाय, विधानसभा या लोकसभा हर क्षेत्र में महिलायें अपने झण्डे बुलन्द कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 56 प्रतिशत ब्लाक प्रमुख व 70 प्रतिशत जिला पंचायत अध्यक्ष महिलायें है जो राजनीतिक क्षेत्र में उनकी प्रगति को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण का लगातार प्रयास कर रही है। महिलाओं के लिये सेंट्रल कन्वेंशन सेंटर और शौचालय भी बनाये गये है। लगभग 04 करोड़ गरीब परिवारों को आवास और 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिये गये। हाल ही में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया गया है। हमारी सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लगभग 01 करोड़ 91 लाख बच्चों को यूनीफार्म, जूते, मोजे और स्वेटर इत्यादि निःशुल्क प्रदान किये गये है।
इस अवसर पर मा0 विधानसभा अध्यक्ष उ0प्र0 सतीश महाना ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज आवश्यकता है कि विधायिका में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित हो, उनकी प्रभावी उपस्थिति हो, उनके द्वारा समाज में बेहतर संदेश दिया जाये और इसका विस्तार सुनिश्चित हो। महिला सशक्तिकरण के क्रम में ही आज उ0प्र0 और उत्तराखण्ड की महिला विधायकों का सम्मेलन बुलाया गया। उ0प्र0 का बदलता स्वरूप पूरी दुनिया देख रही है जिसकी चर्चा पूरे देश और दुनिया में हो रही है, उनमें महिला विधायकों का महत्वपूर्ण योगदान है। यह सम्मेलन पूरे देश में यह संदेश देगा कि अन्य राज्यों को भी ऐसे सम्मेलनों का आयोजन करना चाहिये।
वहीं, मा0 विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखण्ड ऋतु खंडूरी भूषण जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि विधायिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व एवं सदन की कार्यवाही में सहभागिता बढ़ाने तथा संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में महिला सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज महिलायें समाज के सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहीं हैं। आज की संगोष्ठी में उपस्थित मा0 सदस्य अपने क्षेत्रों की महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व कर रही है। ये महिलायें अपनी अवाज संसद से लेकर सड़क तक उठा रही है और देश की अन्य महिलाओं को भी विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को प्रेरित भी कर रहीं हैं।
सम्मेलन के अंत में मा0 मंत्री बेबी रानी मौर्य ने उपस्थित सभी गण्यमान्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मेलन में उक्त के अतिरिक्त प्रमुख सचिव, विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे, मुख्य सलाहकार, मुख्यमंत्री अवनीश अवस्थी, मण्डलायुक्त अमित गुप्ता, मण्डलायुक्त विजयेंद्र पांडियन, ए0डी0जी0 कानपुर आलोक सिंह, पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, नगर आयुक्त सुधीर कुमार और मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन समेत विधानसभा व जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहें।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास किया

पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौके पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के खजुराहो में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री मोदी ने भारत और विश्व के ईसाई समुदाय के लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं। यह याद करते हुए कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में सरकार ने अपने गठन के एक वर्ष पूरे कर लिए हैं, श्री मोदी ने इसके प्रदेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि पिछले एक वर्ष में हजारों करोड़ रुपये से अधिक की नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन के साथ-साथ विकास कार्यों ने गति पकड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ऐतिहासिक केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना, दौधन बांध और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना (मध्य प्रदेश का पहला सौर ऊर्जा संयंत्र) का शिलान्यास किया गया है।

प्रधानमंत्री ने आज भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के मौके पर आज के दिन को एक उल्लेखनीय प्रेरणादायी दिन बताते हुए कहा कि आज सुशासन और अच्छी सेवा का पर्व हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। श्री वाजपेयी की याद में डाक टिकट और सिक्का जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने उनको स्मरण करते हुए कहा कि श्री वाजपेयी ने वर्षों तक उनके जैसे सामान्य कार्यकर्ताओ का प्रोत्साहन और मार्गदर्शन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए अटल जी की सेवा हमेशा हमारी स्मृति में अमिट रहेगी। श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि आज से 1100 से अधिक अटल ग्राम सुशासन सदनों पर काम शुरू हो जाएगा और इसके लिए पहली किस्त जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि अटल ग्राम सेवा सदन गांवों के विकास को आगे बढ़ाएगा।

सुशासन दिवस को एक दिन का मामला न बताते हुए श्री मोदी ने कहा, “सुशासन हमारी सरकारों की पहचान है।” केंद्र में लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर देने और मध्य प्रदेश में लगातार सेवा करने का मौका देने के लिए लोगों का आभार जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पीछे सुशासन सबसे मजबूत कारक है। प्रधानमंत्री ने बुद्धिजीवियों, राजनीतिक विश्लेषकों और अन्य प्रख्यात शिक्षाविदों से विकास, लोक कल्याण और सुशासन के मानदंडों पर आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश का मूल्यांकन करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर रोशनी डाली कि जब भी लोगों की सेवा करने का अवसर मिला, उनकी सरकार ने लोगों के कल्याण और विकास कार्यों को सुनिश्चित करने में सफलता पाई है। श्री मोदी ने कहा, “अगर हमें कुछ मानदंडों पर आंका जाए, तो देश देखेगा कि हम आम लोगों के प्रति कितने समर्पित हैं।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए अथक प्रयास किया, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना खून बहाया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सुशासन के लिए न केवल अच्छी योजनाओं की जरूरत होती है, बल्कि उनके प्रभावी कार्यान्वयन की भी जरूरत होती है और इस बात पर बल दिया कि सुशासन का पैमाना यह है कि सरकारी योजनाओं से आम लोगों को कितना फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने घोषणाएं तो कीं, लेकिन कार्यान्वयन में गंभीरता और इरादे की कमी के कारण लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पाया। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के लाभों पर जोर दिया, जिसके तहत मध्य प्रदेश में किसानों को 12,000 रुपये मिलते हैं और कहा कि यह जन धन बैंक खाते खोलने से संभव हुआ। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना पर प्रकाश डाला और कहा कि बैंक खातों को आधार और मोबाइल नंबर से जोड़े बिना यह संभव नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि पहले सस्ते राशन की योजनाएं थीं, लेकिन गरीबों को राशन पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, जबकि आज गरीबों को पूरी पारदर्शिता के साथ मुफ्त राशन मिलता है, इसका श्रेय प्रोद्योगिकी को जाता है, जिसने धोखाधड़ी को खत्म कर दिया और वन नेशन, वन राशन कार्ड जैसी देशव्यापी सुविधाओं को बढ़ावा दिया।

श्री मोदी ने कहा कि सुशासन का अर्थ है कि नागरिक अपने अधिकारों के लिए सरकार से भीख न मांगे और न उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पडें। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनकी नीति 100 प्रतिशत लाभार्थियों को 100 प्रतिशत लाभ से जोड़ने की है, जो उनकी सरकारों को दूसरी सरकारो से अलग बनाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा देश इसका गवाह है और यही वजह है कि देश के लोगो ने बार-बार उन्हें सेवा का मौका दिया।

इस बात पर जोर देते हुए कि सुशासन वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को संबोधित करता है, प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से बुंदेलखंड के लोगों को पिछली सरकारों के कुशासन के कारण दशकों तक बहुत कष्ट सहना पड़ा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बुंदेलखंड में किसानों और महिलाओं की कई पीढ़ियों को प्रभावी शासन की कमी के कारण पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ा और पूर्ववर्ती सरकारों ने जल संकट के स्थायी समाधान के बारे में नही सोचा।

डॉ. बी.आर. अंबेडकर भारत के लिए नदी जल के महत्व को समझने वाले पहले लोगों में से एक थे, पर टिप्पणी करते हुए श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएँ डॉ. अंबेडकर के विज़न पर आधारित थीं और केंद्रीय जल आयोग की स्थापना भी उनके प्रयासों के कारण ही हुई थी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि पिछली सरकारों ने जल संरक्षण और बड़ी बांध परियोजनाओं में उनके योगदान के लिए डॉ. अंबेडकर को कभी उचित श्रेय नहीं दिया और वे इन प्रयासों के प्रति कभी गंभीर नहीं रहीं। इस बात पर जोर देते हुए कि सात दशक बाद भी भारत के कई राज्यों में अभी भी जल विवाद हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों मे मंशा की कमी और उनके कुशासन ने इस दिशा मे किसी भी ठोस प्रयास को रोक दिया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि श्री वाजपेयी की सरकार ने जल-संबंधी चुनौतियों को संबोधित करने के लिए गंभीरता से काम करना शुरू किया था, लेकिन 2004 के बाद इसे दरकिनार कर दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार अब देश भर में नदियों को जोड़ने के अभियान को गति दे रही है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा जोड़ो परियोजना एक वास्तविकता बनने वाली है, जो बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खोलेगी। केन-बेतवा जोड़ो परियोजना के लाभों पर जोर देते हुए, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह और सागर सहित 10 जिलों को सिंचाई सुविधाएं प्रदान करेगी, श्री मोदी ने कहा कि इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को भी लाभ होगा, जिसमें बांदा, महोबा, ललितपुर और झांसी जिले शामिल हैं।

श्री मोदी ने कहा, “नदियों को जोड़ने के विशाल अभियान के तहत दो परियोजनाओं की शुरुआत करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल ही में राजस्थान की अपनी यात्रा के दौरान, पार्वती-कालीसिंध-चंबल और केन-बेतवा जोड़ो परियोजनाओं के जरीये कई नदियों को जोड़ने की पुष्टि की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समझौते से मध्य प्रदेश को भी काफी लाभ होगा।

श्री मोदी ने कहा, “जल सुरक्षा 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल वे देश और क्षेत्र ही प्रगति करेंगे, जिनके पास पर्याप्त जल होगा तथा समृद्ध खेतों तथा संपन्न उद्योगों के लिए जल आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात से आने के कारण, जहां अधिकांश भाग वर्ष के अधिकांश समय सूखे की स्थिति में रहते हैं, वे जल के महत्व को समझते हैं और उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के आशीर्वाद ने गुजरात का भाग्य बदल दिया। उन्होंने बल देकर कहा कि मध्य प्रदेश के सूखा प्रभावित क्षेत्रों को जल संकट से मुक्त करना उनकी जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने बुंदेलखंड के लोगों, विशेषकर किसानों और महिलाओं से उनकी कठिनाइयों को कम करने के लिए ईमानदारी से काम करने का वादा किया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस विजन के तहत बुंदेलखंड के लिए 45,000 करोड़ रुपये की एक जल-संबंधी योजना बनाई गई थी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उनकी सरकारों को लगातार प्रोत्साहित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप केन-बेतवा जोड़ो परियोजना के तहत दौधन बांध की आधारशिला रखी गई। उन्होंने कहा कि इस बांध से सैकड़ों किलोमीटर लम्बी एक नहर बनेगी, जो लगभग 11 लाख हेक्टेयर ज़मीन को पानी उपलब्ध कराएगी।

श्री मोदी ने कहा, “बीता दशक भारत के इतिहास में जल सुरक्षा और जल संरक्षण के अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जल से जुड़ी जिम्मेदारियों को अलग-अलग विभागों में बांट दिया था, लेकिन उनकी सरकार ने इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय बनाया। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पहली बार हर घर में नल का पानी पहुंचाने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया गया। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि आजादी के बाद के सात दशकों में केवल 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों के पास नल कनेक्शन थे, श्री मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उन्होंने 12 करोड़ नए परिवारों को नल का पानी उपलब्ध कराया है और इस योजना पर 3.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। प्रधानमंत्री ने जल गुणवत्ता परीक्षण पर प्रकाश डाला, जो जल जीवन मिशन का एक और पहलू है और जिस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है तथा कहा कि देश भर में 2,100 जल गुणवत्ता प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं और 25 लाख महिलाओं को गाँवों में पीने के पानी की जाँच करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल ने हजारों गांवों को दूषित पानी पीने की मजबूरी से मुक्त किया है और बच्चों तथा लोगों को बीमारियों से बचाया है।

वर्ष 2014 से पहले देश में करीब 100 बड़ी सिंचाई परियोजनाएं थीं, जो दशकों से अधूरी थीं। इस बात पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने इन पुरानी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए और आधुनिक सिंचाई तकनीकों का उपयोग बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में करीब एक करोड़ हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई सुविधाओं से जोड़ा गया है, जिसमें मध्य प्रदेश में करीब पांच लाख हेक्टेयर भूमि शामिल है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि पानी की हर बूंद का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं और उन्होंने आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के अभियान पर प्रकाश डाला, जिसके फलस्वरूप देश भर में 60,000 से अधिक अमृत सरोवर बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने जल शक्ति अभियान और कैच द रेन अभियान की शुरुआत का उल्लेख किया, जिसके तहत देश भर में तीन लाख से अधिक रिचार्ज कुओं का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन अभियानों का नेतृत्व लोगों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अटल भूजल योजना मध्य प्रदेश सहित सबसे कम भूजल स्तर वाले राज्यों में लागू की जा रही है।

श्री मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश हमेशा से पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी रहा है और जोर देकर कहा कि पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो युवाओं को रोजगार प्रदान करता है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने के लिए तैयार है, का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के बारे में वैश्विक जिज्ञासा बढ़ रही है और दुनिया भारत को जानना और समझना चाहती है और इसका मध्य प्रदेश को बहुत लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने एक अमेरिकी अखबार में हाल ही में छपी एक रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें मध्य प्रदेश को दुनिया के शीर्ष दस सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक बताया गया है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान बनाने के लिए लगातार सुविधाएं बढ़ाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेशी पर्यटकों के लिए ई-वीजा योजना शुरू की है और साथ ही भारत में विरासत और वन्यजीव पर्यटन को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। मध्य प्रदेश में पर्यटन की असाधारण संभावनाओं पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि खजुराहो क्षेत्र ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत से समृद्ध है, जहां कंदरिया महादेव, लक्ष्मण मंदिर और चौसठ योगिनी मंदिर जैसे स्थल हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश भर में जी-20 बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें खजुराहो में एक बैठक भी शामिल है, जिसके लिए खजुराहो में एक अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र का निर्माण किया गया।

पर्यटन क्षेत्र पर आगे चर्चा करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत, मध्य प्रदेश को पर्यावरण अनुकूल पर्यटन सुविधाओं और पर्यटकों के लिए नई सुविधाओं को विकसित करने के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये आवंटित किए गए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सांची और अन्य बौद्ध स्थलों को बौद्ध सर्किट के जरीये जोड़ा जा रहा है, जबकि गांधी सागर, ओंकारेश्वर बांध, इंदिरा सागर बांध, भेड़ाघाट और बाणसागर बांध ईको सर्किट का हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा कि खजुराहो, ग्वालियर, ओरछा, चंदेरी और मांडू जैसे स्थलों को हेरिटेज सर्किट के हिस्से के रूप में जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पन्ना राष्ट्रीय उद्यान भी वन्यजीव सर्किट में शामिल है और पिछले वर्ष पन्ना टाइगर रिजर्व की लगभग 2.5 लाख पर्यटकों ने यात्रा की। उन्होंने खुशी जताई कि बनाई जा रही लिंक नहर पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को ध्यान में रखेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि पर्यटक स्थानीय सामान खरीदेंगे, ऑटो और टैक्सी सेवाओं, होटलों, ढाबों, होमस्टे और गेस्ट हाउस जैसी सुविधाओं का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को भी लाभ होगा, क्योंकि उन्हें दूध, दही, फल और सब्जी जैसे उत्पादों के बेहतर दाम मिलेंगे।

पिछले दो दशकों में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति करने के लिए मध्य प्रदेश की सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आने वाले दशकों में मध्य प्रदेश देश की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा, जिसमें बुंदेलखंड महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अपने भाषण को समाप्त करते हुए श्री मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य की सरकारें मध्य प्रदेश को एक विकसित भारत के लिए एक विकसित राज्य बनाने की दिशा में ईमानदारी से काम करना जारी रखेंगी।

इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई सी. पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की आधारशिला रखी। यह राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत देश की पहली नदियों को जोड़ने वाली परियोजना है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे लाखों किसान परिवारों को लाभ होगा। इस परियोजना से इस क्षेत्र के लोगों को पीने के पानी की सुविधा भी मिलेगी। इसके साथ ही, जलविद्युत परियोजनाएं हरित ऊर्जा में 100 मेगावाट से अधिक का योगदान देंगी। इस परियोजना से रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।

प्रधानमंत्री ने 1153 अटल ग्राम सुशासन भवनों की नीव भी रखी। ये भवन ग्राम पंचायतों के कामकाज और जिम्मेदारियों के व्यावहारिक संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और स्थानीय स्तर पर सुशासन को बढ़ावा देंगे।

ऊर्जा की आत्मनिर्भरता और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थापित ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का उद्घाटन किया। यह परियोजना कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी और 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के सरकार के मिशन में योगदान देगी। यह जल वाष्पीकरण को कम करके जल संरक्षण में भी मदद करेगी।

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रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सुशासन दिवस पर राष्ट्रपर्व ​​वेबसाइट और मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष में  ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर राष्ट्रपर्व ​​वेबसाइट और इसके मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया।

वेबसाइट गणतंत्र दिवस, बीटिंग रिट्रीट समारोह, स्वतंत्रता दिवस आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन से संबंधित जानकारी, सीधा प्रसारण, टिकटों की खरीद, बैठने की व्यवस्था और कार्यक्रमों के रूट-मैप आदि से संबंधित जानकारी प्रदान करेगी। इस अवसर पर बोलते हुए रक्षा सचिव ने कहा कि रक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित राष्ट्रपर्व ​​वेबसाइट और मोबाइल ऐप में झांकी के प्रस्तावों और कार्यक्रमों से संबंधित ऐतिहासिक डेटा के प्रबंधन की भी व्यवस्था है। इसमें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, मंत्रालयों और विभागों को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए अपनी झांकियों को डिजाइन करने और अंतिम रूप देने में सुविधा प्रदान करने के लिए एक झांकी प्रबंधन पोर्टल भी होगा।

रक्षा मंत्रालय ने इस वेबसाइट और मोबाइल एप्‍लीकेशन को परामर्श करके बनाया है। राज्यों ने झांकी के डिजाइन डेटा के प्रबंधन के लिए एक पोर्टल का सुझाव दिया था। इसी तरह, गणतंत्र दिवस समारोह के दर्शकों ने फीडबैक में सुझाव दिया था कि उनके पास कार्यक्रम, परेड, झांकी आदि की जानकारी हो। इन सभी को शामिल करके राष्ट्रपर्व ​​वेबसाइट विकसित की गई है।

वेबसाइट को https://rashtraparv.mod.gov.in पर देखा जा सकता है और मोबाइल ऐप को सरकारी ऐप स्टोर (एम-सेवा) से डाउनलोड किया जा सकता है।

यह पहल खुलेपन, पारदर्शिता और नागरिक केंद्रित शासन की दिशा में एक कदम आगे है और सुशासन दिवस पर स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक सच्ची श्रद्धांजलि है।

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प्रधानमंत्री नई दिल्ली में वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी 26 दिसंबर 2024 को दोपहर करीब 12 बजे को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में बच्चों को देश के भविष्य की नींव के रूप में सम्मानित करने वाले एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम, ‘वीर बाल दिवस’ में शामिल होंगे। इस मौके पर, वो उपस्थित लोगो को संबोधित भी करेंगे।

प्रधानमंत्री ‘सुपोषित पंचायत अभियान’ का शुभारंभ करेंगे। इस अभियान का उद्देश्य पोषण संबंधी सेवाओं के कार्यान्वयन को सुदृढ़ करके और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करके पोषण संबंधी परिणामों और कल्याण में सुधार करना है।

युवा लोगो को जोड़ने, इस दिन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और राष्ट्र के प्रति साहस और समर्पण की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देशभर में कई पहलें भी शुरू की जाएंगी। माईगव और माई भारत पोर्टल के जरीये इंटरैक्टिव क्विज़ सहित ऑनलाइन प्रतियोगिताओं की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। विद्यालयों, बाल देखभाल संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों में कहानी सुनाना, रचनात्मक लेखन, पोस्टर बनाना जैसी दिलचस्प गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) के पुरस्कार विजेता भी मौजूद रहेंगे।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) मुख्यालय का दौरा किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) मुख्यालय का दौरा किया। गृह मंत्री ने बल के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और CRPF के परिचालन और प्रशासनिक प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा की। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव सहित गृह मंत्रालय के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक श्री अनीश दयाल सिंह ने गृह मंत्री को CRPF में अनुकम्पा आधारित नियुक्तियों सहित बल के शहीद जवानों के परिवारों के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में आंतरिक सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने में CRPF की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। श्री शाह ने कहा कि नक्सलवाद से निपटने, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू एवं कश्मीर में शांति और स्थिरता बहाल करने में CRPF ने सराहनीय कार्य किया है।

शाह ने भाषाई एकता को मजबूत करने के लिए बल के दैनिक कामकाज में हिंदी को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। श्री अमित शाह ने जवानों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए श्री अन्न (मोटे अनाज) के अधिक से अधिक उपयोग पर बल देने के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य के लिये जवानों से प्रकृति परीक्षण अभियान के अर्न्तगत आयुर्वेद के अधिकाधिक उपयोग का भी आह्वान किया।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री का यह दौरा राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सीआरपीएफ की प्रतिबद्धता तथा राष्ट्र निर्माण में इसके बहुमुखी योगदान के प्रति सरकार की मान्यता को रेखांकित करता है।

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