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शिक्षा

लोककला, साहित्य और संस्कृति के संगम में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया कानपुर की अंजनी अग्रवाल को सम्मानित

भारतीय स्वरूप संवाददाता  लोककला, साहित्य और संस्कृति के संगम में निखरी प्रतिभाएं: लखनऊ में राज्य स्तरीय कार्यशाला का भव्य आयोजन हुआ जिसमें कानपुर की शिक्षिका और साहित्यकार एवं कवयित्री अंजनी अग्रवाल को माननीय उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया सम्मानित
अंजनी अग्रवाल शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में नित्य नये कार्य तो करती रहती हैँ, साथ ही अभी हाल में उनकी सम्पादित पुस्तक “प्रेरक द्वार ” (बाल कहानी संग्रह ) की काफ़ी प्रशंसा हो रही है l
आज अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ में एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक संगम का साक्षी बना, जहां कलार्पण भारत एवं बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राज्य स्तरीय काव्य, साहित्य, लोककला एवं सांस्कृतिक कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने अपनी कला, साहित्यिक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय लोक परंपरा की गहराई और समृद्धता को मंच पर सजीव कर दिया।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ, जिसके बाद पूरे वातावरण में साहित्य और संस्कृति की एक दिव्य लहर बहने लगी। इस गरिमामयी

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शिक्षा व्यवस्था रोजगार के अवसरों से भरपूर होनी चाहिए ~ श्रीलेखा मिश्रा

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर किदवई नगर स्थित सोशल रिसर्च फाउंडेशन कानपुर में आज दिनांक 27 अप्रैल, 2025 को बहुत ही समसामयिक विषय “रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था : आवश्यकता एवं चुनौतियाँ” पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने विशिष्ट योगदान के लिए दिल्ली, पंजाब राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, उन्नाव, प्रयागराज, कानपुर आदि से आए लगभग 15 विद्वतजनों को सम्मानित भी किया गया।    
संगोष्ठी का उद्घाटन अमेरिका से आई “Ohio University, USA की रिसर्च साइन्टिस्ट डॉ श्रीलेखा मिश्रा, हमीरपुर जिला कारागार के अधीक्षक मँजीव विश्वकर्मा, कानपुर परिक्षेत्र के उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो मुरलीधर राम गुप्ता, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित के. ए. दुबे “पद्दमेश” के कर कमलों से हुआ। मुख्य अतिथि श्रीलेखा मिश्रा ने रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ओर जहा शिक्षा व्यवस्था रोजगार के अवसरों से भरपूर होनी चाहिए वही रोजगार पाने वाले मे भी कार्य करने की ईमानदार चाहत होनी चाहिए। उच्च शिक्षा के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं– नई शिक्षा नीति ऐसे प्रयासों का प्रमाण है। हमारे प्रयासों से शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम आने लगेंगे।
सोशल रिसर्च फाउंडेशन की उपाध्यक्ष, महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ० आशा त्रिपाठी ने सभी सम्मानित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उच्च शिक्षा में व्याप्त प्रदूषण की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह एक चिंतनीय यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर हमें खोजना होगा।
संस्था के संस्थापक सचिव राजीव मिश्रा ने संस्था की 15 वर्षों की गौरवमयी यात्रा का विस्तृत परिचय दिया और बताया कि संस्थान के साथ जुड़कर इस देश के लाखों शिक्षक गण लाभान्वित हो रहे हैं। संस्थान के 6 रिसर्च जर्नल विश्व के 25000 जनरल्स के मध्य स्थान रखते हैं जो कानपुर के लिए भी एक गौरवपूर्ण बात है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो0 मुरलीधर राम गुप्ता जी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर गहन प्रकाश डालते हुए कहा कि इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को और ज्यादा समावेशी, प्रभावी, रोजगारपरक और बेहतर बनाना है। यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। इस नीति का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। उन्होंने शिक्षकों से सकारात्मक सहयोग का आवाहन भी किया।


हमीरपुर जिला कारागार के अधीक्षक मँजीव विश्वकर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी शिक्षा प्रणाली की आधारशिला है जो विज्ञान के साथ-साथ ज्ञान से भी परिपूर्ण है, परंतु सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रभाव और नैतिकता के ह्रास के चलते अब व्यक्ति कड़े परिश्रम के बजाय शॉर्टकट अपनाता है और कभी भी बेईमानी करके कोई अच्छे रोजगार का अवसर नहीं प्राप्त कर सकता है । अतः इस शैक्षिक व्यवस्था मे कही न कही नैतिक शिक्षा का भी प्राविधान होना चाहिए।

जाने माने ज्योतिषाचार्य पंडित के ए दुबे ‘पद्मेश’ जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में नई शिक्षा नीति का भविष्य उज्जवल बताते हुए सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर भी काम करने की आवश्यकता पर बल दिया .
तकनीकी सभा में शोध पत्र प्रस्तुत किए गए जिनमें उच्च शिक्षा की दशा और संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। यह संगोष्ठी “रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था : आवश्यकता एवं चुनौतियाँ” के संदर्भ में एक मील का पत्थर साबित हुई।
सोशल रिसर्च फाउंडेशन के संरक्षक और डीबीएस कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ० शिव कुमार दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।
गोष्ठी का कुशल संचालन संस्था के संस्थापक सचिव राजीव मिश्रा द्वारा किया गया। इस सेमिनार का संयोजन संस्थान की जनरल मैनेजर और जर्नल्स की उपसंपादक कुमारी भावना निगम द्वारा किया गया।
संगोष्ठी में संस्थान की कोषाध्यक्ष दीप्ति मिश्रा, यशस्वी मिश्रा, तेजस्वी मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना दीक्षित, दिलीप कुमार मिश्रा, डॉ प्रदीप अवस्थी, अमन निगम, रचना गुप्ता, डॉ पी एन शर्मा, कार्तिकेय अवस्थी, शुभम तिवारी, कृष्ण गोपाल तिवारी,  प्रकाश शुक्ला,  राम द्विवेदी सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहें।

सम्पादक, मुद्रक, प्रकाशक

अतुल दीक्षित

द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं महाराष्ट्र से प्रकाशित

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पोषण पखवाड़ा” के अंतर्गत जनमानस में स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूक किया गया

भारतीय स्वरूप संवाददाता राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर द्वारा “पोषण पखवाड़ा” 8 अप्रैल से 22 अप्रैल के मध्य चलाये जाने वाले कार्यक्रम के अंतर्गत जनमानस में स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने तथा संतुलित आहार और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 21 अप्रैल 2025 को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पोषण पर चर्चा, पोषण थाली , और कुपोषण पर जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी का प्रसार करना इसका मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण पखवाड़ा हमें यह याद दिलाता है कि एक स्वस्थ राष्ट्र की नींव एक स्वस्थ समाज से ही रखी जा सकती है। एनएसएस वॉलिंटियर्स ने स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखें तथा परिचर्चा में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में भूगोल विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव तथा समस्त छात्राओं का विशेष योगदान रहा।

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अंबेडकर जयंती पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत वार्षिक खेल कूद प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 17 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में स्वतंत्रता के अमृत काल में भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती के उपलक्ष्य में अंबेडकर जयंती पखवाड़ा (14/04/25-28/04/25) कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की वार्षिक खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ कार्यक्रम प्रभारी प्रोफेसर प्रीति पांडेय विभागाध्यक्ष शारीरिक शिक्षा विभाग एवं संचालिका प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर ने मुख्य अतिथि माननीय अमिताभ बाजपेई , वाइस प्रेसिडेंट श्री गोपाल शर्मा ,श्रीमती दीपा सेन, कोषाध्यक्ष महाविद्यालय के सचिव श्री पीके सेन ,अध्यक्ष श्री पीके मिश्रा एवं प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया ।मुख्य अतिथि का स्वागत प्राचार्य ने पुष्प गुच्छ देकर किया। कार्यक्रम संयोजिका प्रीति पांडे ने अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं बैज अलंकरण द्वारा किया। महाविद्यालय की वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीय अमिताभ बाजपेई जी ने गुब्बारे उड़ा कर किया ।मुख्य अतिथि ने छात्राओं को खेल के महत्व बताएं तथा आज के जीवन में इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए संयोजिका ने आज आयोजित होने वाले खेलो जैसे लेमन रेस ,क्रॉस कंट्री रेस ,होप
निशानेबाजी, कैरम, हॉपिंग चेस ,puzzle, डार्ट एंड एरो आदि के बारे में संक्षेप में बताया। पजल गेम की विजेता प्रथम महविश और द्वितीय स्थान पर मुस्कान रहीं । चेस प्रतियोगिता में अदिति ओझा को प्रथम स्थान दिव्यांशी शर्मा को द्वितीय स्थान और अदिति सिंह को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। कैरम प्रतियोगिता में निशि राठौड़ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया रिया ने द्वितीय तथा अदितिओझा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। क्रॉस कंट्री रेस में स्वाति नट ने प्रथम स्थान चांदनी ने द्वितीय स्थान तथा कुमकुम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। हॉपिंग में स्वाति नट प्रथम चांदनी द्वितीय स्थान पर तथा कुमकुम तृतीय स्थान पर रही। बैलून रेस में प्रिया नट प्रथम स्थान पर महविश परवीन द्वितीय स्थान पर तथा मुस्कान तृतीय स्थान पर रहीं ।माला बनाने की प्रतियोगिता में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन प्रथम स्थान पर विजेता घोषित की गई तथा द्वितीय स्थान पर महाविद्यालय की कोषाध्यक दीपा श्री मैम रही।बॉल इन द बास्केट प्रतियोगिता में बी बी ए विभाग अध्यक्ष सपना राय का प्रथम स्थान रहा प्रोफेसर निशा वर्मा अर्थशास्त्र विभाग की विभाग अध्यक्ष द्वितीय स्थान पर रही तथा इतिहास विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर श्वेता रानी का तृतीय स्थान रहा। बैलून रेस में प्रथम स्थान पर असिस्टेंट प्रोफेसर रोली मिश्रा,अर्थशास्त्र विभाग एवं श्वेता रानी असिस्टेंट प्रोफेसर इतिहास विभाग द्वितीय स्थान पर डॉक्टर कोमल एवं प्रीति यादव विजेता रही।आर्चरी प्रतियोगिता में असिस्टेंट प्रोफेसर श्वेता रानी प्रथम स्थान पर द्वितीय स्थान पर डॉक्टर पूजा यादव असिस्टेंट प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग तथा तृतीय स्थान पर डॉक्टर सपना राय रही। डार्ट एंड एरो प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर डॉक्टर पूजा गुप्ता ,द्वितीय स्थान पर डॉक्टर संगीता सिंह एवं तृतीय स्थान पर डॉक्टर कमल सरोज विजेता रही।लेमन स्पून रेस में प्रथम स्थान पर एसोसिएट प्रोफेसर किरण , द्वितीय स्थान पर प्रोफेसर अलका एवं तृतीय स्थान पर प्रोफेसर निशा वर्मा विजेता घोषित की गई कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य सुमन ने सभी अतिथियों ,शिक्षिकाओं, छात्राओं एवं तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके उपरांत विजेता छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के बाद किया गया।

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दयानंद गर्ल्स कॉलेज में मनाया गया अंबेडकर जयंती समारोह

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 14 अप्रैल, दयानंद गर्ल्स कॉलेज में अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में समारोह आयोजित किया गया। सर्वप्रथम प्राचार्या प्रोफेसर वंदना निगम एवं निदेशक प्रोफेसर अर्चना वर्मा के द्वारा माल्यार्पण किया गया। प्राचार्या जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादाई ह। उन्होंने अपनी मेहनत, लगन एवं शिक्षा के द्वारा विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई। राजनीति विज्ञान विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विशाखा के द्वारा छात्राओं को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के जीवन वृतांत तथा उनके अविस्मरणीय योगदान पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया। इस अवसर पर सभी ने संविधान की शपथ भी ली तथा छात्राओं *”डॉ भीमराव अंबेडकर तथा संविधान निर्माण”* विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर संगीता सिरोही, प्रोफेसर अर्चना श्रीवास्तव, समस्त विभाग प्रभारियों, प्राध्यापिकाओं, कर्मचारी तथा छात्राओं ने हर्षोल्लास के साथ हिस्सा लिया। सभी ने बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।

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शिक्षा का स्रोत अब शुद्ध नहीं रहा

‘शिक्षा’ पाना हो गया दूभर,
जब से यह व्यापार बनी।
ज्ञान की गंगा सूख रही है,
शातिरों की दुकान चली।।”

👉शिक्षा के व्यावसायीकरण और उससे उपजी समस्याओं पर गहरा कटाक्ष करती मेरी शायरी न केवल एक भावनात्मक अभिव्यक्ति है, बल्कि समाज में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे पतन को भी उजागर करती है।
👉 एक कड़वी हकीकत यह है कि
शिक्षा, जो कभी ज्ञान, नैतिकता और जीवन मूल्यों की आधारशिला मानी जाती थी, आज एक विशाल व्यवसाय बन चुकी है। प्राचीन भारत में गुरुकुलों की परंपरा थी, जहां गुरु अपने शिष्यों को बिना किसी भेदभाव के ज्ञान प्रदान करते थे। लेकिन आज के दौर में शिक्षा एक ऐसा बाजार बन गया है, जहां डिग्रियां, सर्टिफिकेट और रैंकिंग्स की कीमत तय होती है, न कि ज्ञान की।
👉 अच्छी शिक्षा अब गरीब और मध्यम वर्ग के लिए एक बोझ बन गई है। महंगी फीस, कोचिंग संस्थानों की लूट, और निजी स्कूलों-कॉलेजों की मनमानी ने इसे एक ऐसा सपना बना दिया है, जो हर किसी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है।
👉 शिक्षा का असली मकसद है व्यक्ति का सर्वांगीण विकास: बौद्धिक, नैतिक और सामाजिक। लेकिन आज शिक्षा केवल नौकरी पाने का जरिया बनकर रह गई है। स्कूलों और कॉलेजों में रट्टा मारने की संस्कृति, परीक्षा में नंबर लाने की होड़, और प्रतिस्पर्धा ने ज्ञान के प्रति जिज्ञासा को खत्म कर दिया है। बच्चे किताबों को बोझ की तरह ढोते हैं, लेकिन उनमें जीवन के लिए जरूरी समझ और संवेदनशीलता का विकास नहीं हो पाता।
इसके अलावा, शिक्षा का स्तर भी असमान है। सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी और शिक्षकों की उदासीनता है, तो निजी संस्थानों में मुनाफे की भूख। दोनों ही स्थितियों में असली हानि विद्यार्थियों की होती है। यह कटु सत्य है कि, “शिक्षा का स्रोत अब शुद्ध नहीं रहा, बल्कि प्रदूषित होकर केवल दिखावे का रह गया है।”
👉शिक्षा क्षेत्र में माफिया तंत्र की मौजूदगी को उजागर करता है। कोचिंग संस्थान, निजी विश्वविद्यालय, और डिग्री बेचने वाली दुकानें इस माफिया तंत्र का हिस्सा हैं। ये संस्थान मोटी फीस वसूलते हैं, लेकिन बदले में न गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देते हैं और न ही नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं। कई बार तो फर्जी डिग्रियां और पेपर लीक जैसे घोटाले भी सामने आते हैं, जो इस तंत्र की गहरी जड़ों को दिखाते हैं।
उदाहरण के लिए, भारत में इंजीनियरिंग, मेडिकल और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों का बोलबाला है। ये संस्थान लाखों रुपये की फीस लेते हैं, लेकिन हर छात्र को सफलता की गारंटी नहीं दे सकते। फिर भी, माता-पिता और छात्र सामाजिक दबाव और भविष्य की चिंता में शातिरों के चक्कर में पड़ जाते हैं। यह शातिरों की ऐसी दुकान है, जो सपनों को बेचती है, लेकिन हकीकत में केवल मुनाफा कमाती है।
👉शिक्षा के इस व्यावसायीकरण का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। सबसे बड़ा प्रभाव है। अमीर लोग अपने बच्चों को महंगे स्कूलों और विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ा सकते हैं, लेकिन गरीब और मध्यम वर्ग के लिए यह संभव नहीं। नतीजा यह है कि सामाजिक गतिशीलता रुक रही है, और गरीब हमेशा गरीब बना रहता है।
इसके अलावा, शिक्षा का यह रूप युवाओं में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ा रहा है। आत्मविश्वास की जगह असुरक्षा, और जिज्ञासा की जगह रटने की आदत ने नई पीढ़ी को खोखला कर दिया है।
👉 मेरी निजी राय है कि, “निजी संस्थानों पर सरकारी नियंत्रण की जरूरत है ! फीस व शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सख्त नियम बनाए जाएं, ताकि शिक्षा माफिया की मनमानी पर लगाम लगे।”
👉 शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर अनेक सवाल उठाती है और हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपनी भावी पीढ़ियों को क्या दे रहे हैं ?

✒️श्याम सिंह पंवार कानपुर।

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डीएम की दो- टूक, “विद्यालय प्रबंधन स्कूल चलाएं ना कि दुकान

  भारतीय स्वरूप जिला सूचना कार्यालय कानपुर 9 अप्रैल जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में आज जनपदीय शुल्क नियामक समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत की गयी, उक्त बैठक में समिति के सदस्यो के साथ-साथ समिति की विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन उपस्थिति रही। बैठक में उन विद्यालयों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए जिनकी अभिभावकों ने सबसे ज्यादा शिकायतें की।

इन विद्यालयों के प्रतिनिधियों की ली क्लास*    

जिलाधिकारी द्वारा जनपद के एक्मे पब्लिक स्कूल, गुजैनी, ऐन एल के इण्टर कालेज, अशोक नगर,ऐन एल के पब्लिक स्कूल, जवाहर नगर, एस०जे० विद्या निकेतन इण्टर कालेज, नौबस्ता, वेण्डी ऐकेडमी हाईस्कूल, साकेत नगर और चिन्टल्स स्कूल, 121 एच, आई०जी० रतनलाल विद्यालयों के प्रतिनिधियों को दो- टूक कहा कि वे स्कूल चलाएं ना कि दुकान। जिस पर विद्यालय के प्रतिनिधियों ने कहा, उन पर पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं।छात्रों से ना तो गलत फीस वसूली जा रही है और ना ही उन्हें किताब अथवा कॉपी किसी चुनिंदा दुकान से खरीदने को बाध्य किया जाता है। प्रतिनिधियों के उक्त जवाब से जिलाधिकारी व समिति के सदस्य संतुष्ट नहीं दिखे। इसलिए उन्होंने 11 अप्रैल शुक्रवार को समिति के समक्ष बुक सेलर्स को भी बुलाने के निर्देश दिए।और जिला विद्यालय निरीक्षक व अन्य सदस्यों को निर्देशित करते हुए कहा कि बुक सेलर्स और विद्यालय प्रबंधन के सांठ – गाँठ की जांच की जाए । राजस्व एवं शिक्षा विभाग की टीम अभिभावकों के घर-घर जाकर उनका फीडबैक लें ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके। बैठक में विद्यालय के प्रतिनिधियों द्वारा बच्चों संग किताबों की लिस्ट साझा करने की बात कही गई लेकिन जिलाधिकारी इससे संतुष्ट न हुए। उन्होंने उनसे पूछा कि उनके विद्यालय द्वारा बच्चों के पठन-पाठन हेतु लागू की गई किताबें क्या प्रत्येक दुकानों पर उपलब्ध रहती हैं, सिलेबस क्या होता है और कितने दिनों में बदल जाता है, कॉपी- किताबों पर प्रकाशक का नाम और मूल्य लिखा जाता है अथवा नहीं। जिलाधिकारी ने प्रतिनिधियों से किताबों के चयन का आधार के बारे में भी पूछा जिसका वे जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक, द्वितीय को नियमानुसार शैक्षिक सत्र शुरू होने से 60 दिन पहले विद्यालयों के द्वारा सरकारी वेबसाइट पर समस्त डाटा अपलोड करने या ना करने वाले विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बच्चों के यूनिफॉर्म बदलने के आधार को भी जानना चाहा जिसका प्रतिनिधियों द्वारा सही जवाब नहीं दिया गया। इस पर जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों से फीस, यूनिफार्म,आरटीई, कॉपी – किताबें इत्यादि समस्त मानकों की गहनता से जांच के निर्देश दिए, निर्देश दिए, 5 वर्षों में जितने स्कूलों ने बच्चों की यूनिफॉर्म बदलवायी है, उनकी लिस्ट बनाते हुए उन पर कार्रवाई किया जाए।इसके अलावा जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को मनमानी फीस वसूलने और बच्चों के आर्थिक शोषण करने वाले स्कूलों की सूची बनाकर पेश करते हुए दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

*ये है कानून* 

उ०प्र० स्ववित्तपोषित स्वतंत्र (शुल्क निर्धारण) अध्यादेश-2018 की बिन्दु संख्या 10 में उल्लिखित किसी छात्र को पुस्तकें, जूते, मोजे व यूनिफार्म आदि किसी विशेष दुकान से क्रय करने के लिए बाध्य नही किये जाने का उल्लंधन माना जाता है अर्थ दंड के साथ-साथ अन्य आवश्यक कार्रवाई करना समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है।

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बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर “Awareness Talk on Intellectual Property Rights – Harnessing Research Potential” वार्ता आयोजित

कानपुर, 9 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता– क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के तत्वावधान में “Awareness Talk on Intellectual Property Rights – Harnessing Research Potential” विषय पर एक दिवसीय जागरूकता वार्ता का आयोजन

इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों, शोधार्थियों एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों में बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के प्रति जागरूकता बढ़ाना एवं शोध कार्यों को सुरक्षित और व्यावसायिक रूप से उपयोगी बनाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. सुजाता चतुर्वेदी (IQAC समन्वयक) के स्वागत भाषण से हुआ। इसके पश्चात प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल ने अपने प्रेरणादायी संबोधन में IPR की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे आधुनिक शोध की रीढ़ बताया।

मुख्य वक्ता के रूप में सीएसजेएम विश्वविद्यालय के सहायक डीन (Innovation), IPR एवं TT सेल के समन्वयक श्री दिव्यांश शुक्ला उपस्थित रहे। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकारों से जुड़ी जटिल प्रक्रियाओं को सरल भाषा में समझाते हुए पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक शोधकर्ता अपने नवाचार को कानूनी सुरक्षा प्रदान कर सकता है तथा उसे उद्योग जगत में व्यावसायिक रूप से प्रस्तुत कर सकता है।

इस अवसर पर शिक्षकों और विद्यार्थियों ने अपने प्रश्न भी रखे, जिनका वक्ता ने व्यावहारिक उदाहरणों के साथ उत्तर दिया।

कार्यक्रम का समापन प्रो. श्वेता चंद (उप-प्राचार्या) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। यह आयोजन प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभकारी एवं प्रेरणादायक सिद्ध हुआ, जिसने उन्हें अनुसंधान को एक रणनीतिक दृष्टिकोण से देखने की दिशा में प्रेरित किया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज की मिशन शक्ति यूनिट द्वारा नवरात्रि के सुअवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर क्राइस्ट चर्च कॉलेज की मिशन शक्ति यूनिट द्वारा नवरात्रि के सुअवसर पर एक विशेष सेवा कार्य का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में किया गया, जिसका उद्देश्य समाज के जरूरतमंद वर्ग की सहायता करना था। इस सेवा कार्य के अंतर्गत मिशन शक्ति यूनिट की टीम ने बेसिक शिक्षा निकेतन, कल्याणपुर के बच्चों को आवश्यक वस्तुएँ वितरित कीं। इनमें चटाई, खाद्य सामग्री एवं अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएँ शामिल थीं, जो उन बच्चों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगी।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मिशन शक्ति यूनिट की समन्वयक डॉ. मीत कमल एवं डॉ. अनंदिता भट्टाचार्य ने विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने पूरे आयोजन की रूपरेखा तैयार की और छात्रों को प्रेरित किया। इसके अलावा, इस अभियान में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के कई विद्यार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। अंजली सचान, अनंत सक्सेना, वैष्णवी दीक्षित, सिमरन, सलोनी, सुरभि एवं अन्य छात्रों ने अपनी सक्रिय भागीदारी से इस सेवा कार्य को सफल बनाया।

इस पुनीत कार्य से न केवल जरूरतमंद बच्चों को सहायता मिली, बल्कि छात्रों में सामाजिक सेवा और परोपकार की भावना भी जागृत हुई। यह कार्यक्रम मिशन शक्ति यूनिट के उद्देश्य, ‘समाज सेवा और सशक्तिकरण,’ को सार्थक करता है।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में प्रतिभा और सृजनात्मकता का भव्य उत्सव “अभिव्यक्ति ~2025” संपन्न

कानपुर 4 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता  *क्राइस्ट चर्च कॉलेज* ने अपने प्रतिष्ठित सांस्कृतिक उत्सव *अभिव्यक्ति-2025* का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें विविध प्रकार की प्रतियोगिताएँ और प्रस्तुतियाँ हुईं, जिसने प्रतिभागियों और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह भव्य आयोजन *25 मार्च 2025* को उद्घाटन समारोह के साथ आरंभ हुआ, जिसने एक बौद्धिक और कलात्मक रूप से समृद्ध यात्रा की नींव रखी।प्रतियोगिताओं की श्रृंखला में पहला आयोजन *क्रिएटिव राइटिंग* कंपटीशन था , जो *25 मार्च 2025* को हुई। इस प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों को अपनी साहित्यिक प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया। इसके बाद *27 मार्च 2025* को एक *क्विज कंपटीशन* आयोजित की गई, जिसमें छात्रों की सामान्य ज्ञान और त्वरित सोचने की क्षमता की परीक्षा ली गई। *29 मार्च 2025* को *ओपन माइक* कार्यक्रम हुआ, जिसने विद्यार्थियों को अपनी अभिव्यक्ति और विचार साझा करने का अवसर प्रदान किया। इसी दिन का दूसरा प्रमुख आयोजन *वेस्ट टू वेल्थ* था, जो नवाचार और पुनर्चक्रण के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित था।

*4 अप्रैल 2025* को हुआ ग्रैंड फिनाले इस उत्सव की सबसे भव्य और आकर्षक पक्ष था। इस दिन *मोनो एक्टिंग, सिंगिंग और डांस* जैसी प्रस्तुतियाँ हुईं, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी उत्कृष्ट कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कई प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। इनमें श्री *अश्विनी श्रीवास्तव*, वरिष्ठ रंगमंच कलाकार, लखनऊ; प्रोफेसर *संगीता श्रीवास्तव*, संगीत विभागाध्यक्ष, डी.जी. कॉलेज; और *माननीय वनिता मेहरोत्रा*, प्राचार्य, शीलिंग हाउस स्कूल शामिल थे। इसके अलावा, *प्रोफेसर जोसेफ डेनियल*, सचिव एवं प्राचार्य, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, तथा *प्रोफेसर श्वेता चंद्रा,* उप-प्राचार्य, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बने।

इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण नाटक *”वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर: धर्म और न्याय की देवी”* रहा, जिसका निर्देशन *प्रोफेसर मीत कमल* ने किया था। यह अद्भुत प्रस्तुति, जो अहिल्याबाई होल्कर की न्यायप्रियता और कर्तव्यपरायणता को प्रदर्शित करती है, ने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीतने की उपलब्धि प्राप्त की और इसके बाद इसे उत्तर प्रदेश के *माननीय राज्यपाल की उपस्थिति में राजभवन, लखनऊ* में प्रस्तुत करने का गौरव प्राप्त हुआ।

अभिव्यक्ति-2025 की यह शानदार सफलता कॉलेज के छात्रों, शिक्षकों और आयोजकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम थी। यह आयोजन न केवल छात्रों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच बना, बल्कि क्राइस्ट चर्च कॉलेज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी सुदृढ़ किया, जिसमें रचनात्मकता, बौद्धिकता और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित किया जाता है। संपूर्ण आयोजन को *डॉ. संजय सक्सेना*, को-करीकुलर प्रोग्राम कमेटी के समन्वयक, के मार्गदर्शन में संपन्न किया गया। छात्रों की अथक मेहनत और समर्पण ने इस आयोजन को और भी शानदार और यादगार बना दिया।

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