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सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर एस . एन. सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत पोस्टर प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने मां सरस्वती पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया ।विजय छात्राओं को पुरस्कृत किया गया ।प्राचार्य प्रो. सुमन ने छात्राओं को शासन द्वारा चलाए गए इस प्रकार के कार्यक्रमों की उपयोगिता एवं सड़क पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए संदर्भ में सभी को जागरूक किया, कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रवक्ता प्रो. निशि प्रकाश एवं कैप्टन ममता अग्रवाल कुलानुशास्तिका ने मंच साझा करते हुए छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार पाने वाली छात्रों के नाम निम्नवत है भाषाण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रेरणा शर्मा , द्वितीय स्थान शताक्षी द्विवेदी ,तृतीय स्थान दीप्ति पांडे एवं सांत्वना पुरस्कार प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मुस्कान राठौर द्वितीय स्थान प्रगति तृतीय स्थान मुस्कान को प्राप्त हुआ पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा मनुष्य का सिंह द्वितीय स्थान कामाक्षी पंडित तृतीय स्थान शुभेच्छा वर्मा रहीम पुरस्कार वैष्णवी गुप्ता एवं अफरोज बानो को प्राप्त हुआ। प कार्यक्रम की संयोजक एवं सड़क सुरक्षा अभियान की प्रभारी प्रोफेसर प्रीति पांडे ने पूरे कार्यक्रम का आयोजन किया एवं सभी भी सभी उपस्थित महाविद्यालय की प्रवक्ताओं एवं छात्रों का धन्यवाद क्या कर कार्यक्रम को सड़क सुरक्षा शपथ लेते हुए समाप्त किया गया। कार्यक्रम में प्रोफेसर रेखा प्रोफेसर मीनाक्षी प्रोफेसर किरण डॉक्टर कमल डॉ रचना निगम डॉ रश्मि उपस्थित रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में अल्टुडो कंपनी द्वारा प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में अल्टुडो कंपनी द्वारा प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया गया। कॉलेज प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देशन में कार्यक्रम का संचालन कैरियर काउंसलिंग सेल की संयोजिका डॉ मीतकमल द्वारा किया गया, अल्टुडो प्लेसमेंट ड्राइव में सीनियर एजेंसी निदेशक विशाल गौर ने और ब्रांच सदस्य सुष्मिता पात्ररा ने 50 से ज्यादा छात्र-छात्राओं का सेल्स मैनेजर के पद के लिए इंटरव्यू लिया और 20 छात्रों को उन्होंने द्वितीय राउन्ड के लिए चयनित किया और बताया कि मेहनत ही सफलता की कुंजी है हार्डवर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क करना चाहिए। उन्होंने साथ ही साथ पर्सनल इंटरव्यू लिया और ग्रुप डिस्कशन के द्वारा उनकी प्रतिभा का आंकलन किया। उन्होंने कहा कि भारत में नौकरियों की कमी नहीं है, छात्रों को सिर्फ सही अवसर की तलाश करनी चाहिए और कौशल का विकास करना चाहिए। इस अवसर पर कॉलेज के डॉ अर्चना, डॉ अंकिता, आदि उपस्थित रहे।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में “भारतीय संविधान के 75 वर्षों की यात्रा” विषय पर व्याख्यान और पोस्टर प्रदर्शनी आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता भारत 26 नवंबर 2024 को भारतीय संविधान लागू होने के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है। इस अवसर पर क्राइस्ट चर्च कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग ने “भारतीय संविधान के 75 वर्षों की यात्रा” विषय पर एक व्याख्यान और पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल और सचिव प्रोफेसर जोसेफ डैनियल; मुख्य वक्ता श्री प्रकल्प शर्मा, कानूनी विशेषज्ञ और डिप्टी रजिस्ट्रार आईआईटी कानपुर; और राजनीति विज्ञान विभाग पूर्व प्रमुख प्रो. आशुतोष सक्सेना ने अध्यक्षता की.कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और ज्ञान की देवी मां सरस्वती के आह्वान के साथ हुई। संयोजिका प्रो. विभा दीक्षित ने विशिष्ट अतिथियों, सहकर्मियों और छात्रों का स्वागत किया और कार्यक्रम की विषयवस्तु से परिचय कराया। उन्होंने संविधान में निहित सिद्धांतों की रक्षा और प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया।

मुख्य वक्ता और संवैधानिक कानून विशेषज्ञ, श्री प्रकल्प शर्मा ने संवैधानिक साक्षरता के महत्व पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया. उन्होंने बताया कि कैसे प्रत्येक नागरिक की अपने अधिकारों के बारे में चैतन्यता लोकतंत्र की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। “संविधान हमारे अतीत का एक दस्तावेज मात्र नहीं है; यह हमारे भविष्य का मार्ग दर्शक है।” उनके व्याख्यान में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे भारतीय संविधान ने विभिन्न चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया है और समावेशी और जीवंत लोकतंत्र को बढ़ावा देते हुए शासन में संवैधानिक मूल्यों, आदर्शों और दृष्टिकोण को अक्षुण्ण रखा है।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि प्रोफेसर जोसेफ डेनियल ने छात्रों को भारतीय संविधान में निहित आदर्शों और उद्देश्यों का पालन करते हुए राष्ट्र निर्माण के लिए खुद को समर्पित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। सत्र के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष सक्सेना ने पैनलिस्टों के दृष्टिकोण में निहित सार को बताते हुए विषय पर अपनी मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की. उन्होंने संवैधानिक व्याख्या, कानूनी मिसालों के महत्व और युवा नागरिक जीवन में संविधान का महत्व पर प्रकाश डाला। सभी पैनलिस्टों ने इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सक्रिय, ज्ञानपूर्ण नागरिक भागीदारी आवश्यक है। इसके उपरान्त इंटरैक्टिव सत्र में छात्रों एवं शिक्षकों ने संविधान में डिजिटल गोपनीयता, सामाजिक न्याय और पर्यावरण नीति पर सवाल किये. सभी पनेलिस्ट ने छात्रों और शिक्षकों को समान रूप से संवैधानिक मूल्यों के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिकाओं के बारे में गंभीरता से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया।
राजनीति विज्ञान के बी. ए. प्रथम सेमेस्टर के छात्रों ने इस विषय पर एक “पोस्टर प्रदर्शनी” लगाई और सभी उपस्थित लोगों से इस प्रयास की सराहना की। सर्वश्रेष्ठ पोस्टरों को पुरस्कार के लिए चुना गया। कार्यक्रम का समापन डॉ. अर्चना पांडे द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। डॉ. अर्चना वर्मा और उनकी आयोजन टीम, जिसमें परमा मिश्रा, पूजा कमल और छात्र शामिल थे, के प्रभावी समन्वय के कारण यह कार्यक्रम बेहद सफल रहा। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों और शिक्षकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही जिनमे डॉ. जुनेजा, डॉ. अनिंदिता, डॉ. नवीन अम्बष्ट, डॉ. सत्यप्रकाश डॉ. हिमांशु आदि मौजूद थे.

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दयानंद गर्ल्स कॉलेज में हुआ माई भारत आउटरीच प्रोग्राम

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर राष्ट्रीय सेवा योजना, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में 9 नवंबर 2024 को कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में एक दिवसीय “माई भारत आउटरीच प्रोग्राम” वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय की नॉलेज इंस्टीट्यूशन प्रभारी डॉ ज्योत्सना पांडे ने सभी छात्राओं को माय भारत पोर्टल के महत्व एवं उस पर रजिस्ट्रेशन करने के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी। महाविद्यालय की माई भारत कैंपस एंबेसडर श्रद्धा त्रिवेदी ने एनएसएस की छात्राओं के साथ-साथ महाविद्यालय की अन्य छात्राओं को भी माई भारत पोर्टल पर रजिस्टर करवाया। साथ में वॉलिंटियर सिमरन वर्मा व आदिती का योगदान सराहनीय रहा। कार्यक्रम में 75 छात्राएं उपस्थित रही

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में जैव विविधता एवं पारिस्थितिकी तंत्र पर पोस्टर प्रेजेंटेशन आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में भूगोल विभाग के द्वारा स्नातक एवं स्नातककोत्तर कक्षाओं में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए बायोडायवर्सिटी एंड इकोसिस्टम (जैव विविधता एवं पारिस्थितिकी तंत्र) पर पोस्टर प्रेजेंटेशन का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने चार्ट एवं मॉडल आदि के माध्यम से जैव विविधता तथा पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया। महाविद्यालय प्राचार्या प्रो वंदना निगम ने छात्राओं के द्वारा किए गए इन प्रयासों की सराहना करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन से लड़ने एवम् विलुप्त होती जीवों तथा वनस्पतियों की प्रजातियों के संरक्षण आदि हेतु पारिस्थितिकी तंत्र तथा जैव विविधता के संरक्षण से संबंधित कार्यशालाएं आयोजित करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है ताकि इस संबंध में युवाओं को अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सके तथा भविष्य में इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाए जा सके। महाविद्यालय की सेल्फ फाइनेंस डायरेक्टर प्रो अर्चना वर्मा जी ने वर्तमान दौर में छात्राओं के लिए इस प्रकार की रुचिकर एवं क्रिएटिव गतिविधियों के आयोजन को अति प्रासंगिक, महत्वपूर्ण एवं लाभदायक बताया। इस अवसर पर कुल 15 छात्राओं के द्वारा अपने प्रेजेंटेशन दिए गए तथा लगभग 100 छात्राएं उपस्थिति रही। संपूर्ण आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में आई क्यू ए सी इंचार्ज प्रो सुगंधा तिवारी एवं प्रो अलका श्रीवास्तव, भूगोल विभाग प्रभारी डॉ संगीता सिरोही, डॉ शशि बाला सिंह, डॉ अंजना श्रीवास्तव तथा श्रीमती श्वेता गोंड, कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव, भूगोल विभाग की लैब असिस्टेंट श्रीमती आकांक्षा अस्थाना आदि का सक्रिय सहयोग सराहनीय रहा।

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चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में बड़ी जब्ती की

चुनाव आयोग के अधीन एजेंसियों ने महाराष्ट्र, झारखंड और उप-चुनावों में चल रहे चुनावों में मतदाताओं को किसी भी तरह के प्रलोभन से बचाने के लिए 558 करोड़ रुपये की नकदी, मुफ्त सामान, शराब, ड्रग्स और कीमती धातुएं जब्त की हैं। चुनावों की घोषणा के बाद से अकेले महाराष्ट्र में ही करीब 280 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है। झारखंड से अब तक 158 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है।

दोनों चुनावी राज्यों में संयुक्त जब्ती 2019 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 3.5 गुना अधिक है, जब महाराष्ट्र में 103.61 करोड़ रुपये की जब्ती दर्ज की गई थी, जबकि झारखंड में यह 18.76 करोड़ रुपये थी। नीचे दी गई तालिका में जब्ती का विवरण दिया गया है, जिसमें मुफ़्त सामान 40% से अधिक है।

राज्य नकद (रु.

करोड़)

शराब (रु.

करोड़)

दवाइयां (रु.

करोड़)

बहुमूल्य धातुएं (रु.

करोड़)

मुफ्त उपहार (करोड़ रु. में) कुल (रु.

करोड़)

महाराष्ट्र 73.11 37.98 37.76 90.53 42.55 281.93
झारखंड 10.46 7.15 8.99 4.22 127.88 158.7
उपचुनाव- 14 राज्य 8.9 7.63 21.47 9.43 70.59 118.01
कुल 92.47 52.76 68.22 104.18 241.02 558.64

*06.11.2024 तक की जब्ती

सीईसी राजीव कुमार ने पहले सभी अधिकारियों को चुनाव में किसी भी तरह के प्रलोभन के प्रति आयोग की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के बारे में निर्देश दिए थे। उन्होंने अवैध शराब, ड्रग्स, मुफ्त सामान और नकदी के वितरण और आवाजाही पर लगाम लगाने के लिए कई एजेंसियों से संयुक्त टीमें बनाने को भी कहा। हाल ही में, 2 चुनावी राज्यों और उनके पड़ोसी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीएस, डीजीपी, आबकारी आयुक्तों और प्रवर्तन एजेंसियों के साथ एक बैठक के दौरान, श्री राजीव कुमार ने अंतर-राज्यीय सीमाओं पर आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने पर जोर दिया, साथ ही एजेंसियों को व्यापक रोकथाम के लिए जब्ती के बैकवर्ड लिंकेज स्थापित करने का भी निर्देश दिया।

झारखंड के गढ़वा जिले में शराब जब्त की गई और 1.32 करोड़ रुपये मूल्य की नशीली दवा इफेड्रिन जब्त की गई, जिसका मूल्य अकोला जिला पुलिस की अपराध शाखा ने बताया।

पृष्ठभूमि

प्रत्येक जिले के साथ नियमित अनुवर्ती कार्रवाई और समीक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और सटीक डेटा व्याख्या का उपयोग और प्रवर्तन एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी के कारण अब जब्ती में यह महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। ईसीआई के चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ईएसएमएस) के साथ अवरोधों और जब्ती की वास्तविक समय रिपोर्टिंग ने आयोग और एजेंसियों द्वारा व्यय निगरानी पर नियमित और सटीक समीक्षा की है। दोनों राज्यों (महाराष्ट्र -91 और झारखंड -19) के 110 विधानसभा क्षेत्रों में भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है, जिन्हें अधिक केंद्रित निगरानी के लिए व्यय संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया गया है।

आयोग का cVIGIL ऐप भी चुनाव आचार संहिता उल्लंघनों को चिन्हित करने के लिए नागरिकों के हाथों में एक प्रभावी उपकरण रहा है। विधानसभा चुनाव और उपचुनावों की घोषणा के बाद से, आज तक cVigil ऐप के माध्यम से 9681 शिकायतों का समाधान किया गया है। शिकायतों के निपटान की दर 98% से अधिक रही है, जिसमें से 83% से अधिक शिकायतों का समाधान 100 मिनट से कम समय में किया गया। cVigil उपयोगकर्ता के अनुकूल और उपयोग में आसान एप्लीकेशन है, जो सतर्क नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फ्लाइंग स्क्वॉड टीमों से जोड़ता है। इस ऐप का उपयोग करके, नागरिक तुरंत किसी भी चुनाव संबंधी उल्लंघन की घटना की रिपोर्ट कर सकते हैं और 100 मिनट की समयसीमा के भीतर कार्रवाई की जाती है।

मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रलोभनों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि राजनीतिक दलों के वैध अनुरोधों का पारदर्शी तरीके से जवाब दिया जाए ताकि समान अवसर मिल सके। इस संबंध में, SUVIDHA ऐप ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की काफी मदद की है। चल रहे चुनावों में महाराष्ट्र से 8546 और झारखंड से 6317 सहित 18,045 अभियान संबंधी अनुरोधों को मंजूरी दी गई। आयोग ने अपने SUVIDHA ऐप को भी अपग्रेड किया है, जिससे दलों और उम्मीदवारों को SUVIDHA मोबाइल ऐप के माध्यम से भी अभियान संबंधी अनुमतियों के लिए आवेदन करने का अधिकार मिला है, जो पहले केवल वेब पोर्टल के माध्यम से ही संभव था।

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भारत सरकार और एडीबी ने उत्तराखंड में जलापूर्ति, स्वच्छता, शहरी गतिशीलता और अन्य सेवाओं में सुधार के लिए 200 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने आज उत्तराखंड राज्य में जलापूर्ति, स्वच्छता, शहरी गतिशीलता और अन्य सेवाओं के स्तर को बेहतर बनाने के लिए 200 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

उत्तराखंड जीवन-यापन सुधार परियोजना के लिए ऋण समझौते पर सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री जूही मुखर्जी और एडीबी की ओर से भारत में इंडिया रेजिडेंट मिशन की निदेशक सुश्री मियो ओका ने हस्ताक्षर किए।

सुश्री मुखर्जी ने कहा कि यह परियोजना भारत सरकार के शहरी विकास एजेंडे के साथ-साथ शहरी सेवाओं में विस्तार के लिए उत्तराखंड सरकार की पहल के अनुरूप है। इसका उद्देश्य शहरों में रहने की स्थितियों को बेहतर बनाना और स्थिरता को बढ़ावा देना है।

सुश्री मियो ने कहा, “इस परियोजना का उद्देश्य ऐसे शहरी बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है जो बाढ़ और जलवायु और पर्यावरणीय में हो रहे परिवर्तन के कारण भूस्खलन जैसे जोखिमों से निपटने में सक्षम हो और उत्तराखंड की आबादी की सुरक्षा और स्वास्थ्य दोनों सुनिश्चित हो सके। यह परियोजना प्रबंधन, जलवायु और आपदा-रोधी योजना, अपने स्रोत से राजस्व सृजन और लैंगिक भेदभाव खत्म करने के लिए राज्य एजेंसियों में क्षमता निर्माण भी करेगी।”

उत्तराखण्ड के आर्थिक केंद्र हल्द्वानी में यह परियोजना परिवहन, शहरी गतिशीलता, जल निकासी, बाढ़ प्रबंधन और सभी सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाएगी। इसके अतिरिक्त, इससे कुशल और जलवायु-अनुकूल जल आपूर्ति प्रणालियों को विकसित करके चार शहरों- चंपावत, किच्छा, कोटद्वार और विकासनगर में जल आपूर्ति व्यवस्था में सुधार होगा।

परियोजना के तहत हल्द्वानी में, 16 किलोमीटर लंबी जलवायु-अनुकूल सड़कों का निर्माण किया जाएगा, आधुनिक यातायात प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी, साथ ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएगी। आपदा के समय शहर में बचाव के लिए बाढ़ प्रबंधन में सुधार के लिए 36 किलोमीटर लंबी वर्षा जल निकासी तथा सड़क किनारे नालियों का निर्माण किया जाएगा और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित की जाएगी। लोगों को सार्वजनिक सेवाएं और बेहतर ढंग से मुहैया कराने के लिए हरित-प्रमाणित प्रशासनिक परिसर तथा बस टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा।

अन्य चार शहरों में, इस परियोजना का लक्ष्य स्मार्ट वाटर मीटर, 26 ट्यूबवेल, नए जलाशयों और 3.5 मिलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले जल शोधन संयंत्र के निर्माण के साथ 1,024 किलोमीटर लंबी जलवायु-अनुकूल पाइपलाइनें बिछाकर प्रत्येक घर तक जल पहुंचाना है। विकासनगर में सीवेज शोधन सुविधाओं द्वारा स्वच्छता के दायरे को बढ़ाया जाएगा, जिससे लगभग 2,000 घरों को लाभ होगा।

इस परियोजना के माध्यम से बस चालान, टिकटिंग और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों के रख-रखाव से आजीविका चलाने के कौशल के प्रशिक्षण जैसी पहल महिलाओं के लिए की जाएगी। जल आपूर्ति प्रणालियों की निगरानी में महिलाओं की भूमिका के महत्व को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना के तहत जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाओं के संचालन और प्रबंधन में कमजोर परिवारों को शामिल करते हुए महिलाओं में क्षमता निर्माण किया जाएगा।

यूरोपीय निवेश बैंक 191 मिलियन डॉलर की राशि से इस परियोजना को समानांतर आधार पर सह-वित्तपोषित कर रहा है।

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कैबिनेट ने 2024-25 में वेज एंड मीन्स एडवांस को इक्विटी में परिवर्तित करके भारतीय खाद्य निगम में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कार्यशील पूंजी के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना और देश भर के किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है। यह रणनीतिक कदम किसानों को समर्थन देने और भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एफसीआई ने 1964 में 100 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी और 4 करोड़ रुपये की इक्विटी के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी। एफसीआई के संचालन में कई गुना वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप फरवरी, 2023 में अधिकृत पूंजी 11,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गई। वित्तीय वर्ष 2019-20 में एफसीआई की इक्विटी 4,496 करोड़ रुपये थी, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में बढ़कर 10,157 करोड़ रुपये हो गई। अब, भारत सरकार ने एफसीआई के लिए 10,700 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण इक्विटी को मंजूरी दी है, जो इसे वित्तीय रूप से मजबूत करेगी और इसके परिवर्तन के लिए की गई पहलों को एक बड़ा बढ़ावा देगी।

एफसीआई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्नों की खरीद, रणनीतिक खाद्यान्न भंडार के रखरखाव, कल्याणकारी उपायों के लिए खाद्यान्नों के वितरण और बाजार में खाद्यान्नों की कीमतों के स्थिरीकरण के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इक्विटी का निवेश एफसीआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, ताकि वह अपने अधिदेश को प्रभावी ढंग से पूरा कर सके। एफसीआई फंड की आवश्यकता से जुड़ी कमी को पूरा करने के लिए अल्पकालिक उधार का सहारा लेता है। इस निवेश से ब्याज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी और अंततः भारत सरकार की सब्सिडी कम होगी।

एमएसपी आधारित खरीद और एफसीआई की परिचालन क्षमताओं में निवेश के प्रति सरकार की दोहरी प्रतिबद्धता, किसानों को सशक्त बनाने, कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने और राष्ट्र के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है।

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भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) 2024 में फिल्म बाजार के व्यूइंग रूम में 208 फिल्में दिखाई जाएंगी

गोवा में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित किए जा रहे 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में राज्य के सांस्कृतिक परिदृश्य पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, 18वां फिल्म बाजार भी 20 से 24 नवंबर तक चलेगा, जो फिल्म निर्माताओं और फिल्म उद्योग के पेशेवरों को आपस में जुड़ने, सहयोग करने और अपनी कला प्रदर्शित करने के लिए व्यापक मंच प्रदान करेगा।

इस साल, व्यूइंग रूम मैरियट रिज़ॉर्ट में आ गया है, जिसमें भारत और दक्षिण एशिया की बेहतरीन गुणवत्ता वाली फ़िल्मों की एक समृद्ध श्रृंखला है। फिल्मों के वितरण और उन्हें फाइनेंस करने की तलाश कर रहे फ़िल्म निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में डिज़ाइन किया गया, व्यूइंग रूम उन फ़िल्मों को प्रदर्शित करेगा, जो पूरी हो चुकी हैं या बनने के अंतिम चरण में हैं। इससे वैश्विक स्तर पर फ़िल्म प्रोग्रामर, वितरक, बिक्री एजेंट और निवेशकों को आपस में जुड़ने का मौक़ा मिलेगा। व्यूइंग रूम 21 से 24 नवंबर तक उपलब्ध रहेगा।

इस साल की व्यूइंग रूम लाइब्रेरी में 208 फिल्में देखने के लिए उपलब्ध होंगी , जिनमें से 145 फ़ीचर फ़िल्में, 23 मध्यम अवधि की फ़िल्में और 30 लघु फ़िल्में हैं। फ़ीचर और मध्यम लंबाई की फिल्मों की कुल सूची में एनएफडीसी द्वारा निर्मित और सह-निर्मित बारह फ़िल्में भी शामिल हैं, और एनएफडीसी-एनएफएआई के सहयोग से बनी 10 पुनः निर्मित (रिस्टॉर्ड) क्लासिक फ़िल्में भी शामिल हैं। व्यूइंग रूम में जमा की गई 30-70 मिनट अवधि वाली फिल्मों को मध्यम लंबाई वाली फ़िल्म श्रेणी में दिखाया जाता है और 30 मिनट से कम अवधि वाली फ़िल्में लघु फ़िल्म श्रेणी में होंगी।

फिल्म बाज़ार की अनुशंसाएं (एफबीआर)

फिल्म बाजार अनुशंसा (एफबीआर) सूची में 27 फिल्म प्रोजेक्ट्स को शामिल किया गया है, जिनमें 19 फीचर फिल्में, मध्यम अवधि की 3 फिल्में, 2 लघु फिल्में और 3 पुनः निर्मित क्लासिक फिल्में शामिल हैं।

एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार का कहना है, “हम एफबीआर के लिए चयन की घोषणा करते हुए रोमांचित हैं, जो फिल्म निर्माताओं की रचनात्मकता और जुनून को दर्शाता है। यह पहल केवल फिल्मों को मान्यता देने के बारे में नहीं है, बल्कि कहानीकारों को उनके दृष्टिकोण से दुनिया को जानकारी साझा करने के लिए सशक्त बनाने के बारे में है। हम फिल्म की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास करते हैं और अगली पीढ़ी के कलाकारों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि वे अपने अभिनय और शैली से दर्शकों को प्रेरित और उनका मनोरंजन करते हैं।”

एफबीआर से चयनित फिल्म प्रोजेक्ट्स को फिल्म बाज़ार में एक खुले सत्र के दौरान निर्माताओं, बिक्री एजेंटों, वितरकों,  फिल्म महोत्सव से जुड़े लोगों और संभावित निवेशकों सहित फिल्म उद्योग के पेशेवरों के समक्ष अपनी फिल्में पेश करने का मौका मिलेगा। व्यूइंग रूम से फ़ीचर, मध्यम और लघु अवधि की फिल्में बनाने वाले निर्माता, फ़िल्म बाज़ार के दौरान एक खुले सत्र में बिक्री एजेंटों, वितरकों और संभावित निवेशकों के सामने अपनी फ़िल्मों का प्रदर्शन  करेंगे । फ़िल्मों की पूरी सूची यहां देखें-

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एफबीआर सूची या व्यूइंग रूम में शामिल फिल्मों को उनके अपने लिए या प्रचार सामग्री में फिल्म बाजार के लोगों (प्रतीक चिन्ह) का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।

फिल्म बाज़ार के बारे में

फिल्म बाज़ार एक खुला मंच है, जिसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देना है। फिल्म बाज़ार में व्यूइंग रूम एक सशुल्क मंच (पेड प्लेटफॉर्म) है, जहां फिल्म निर्माता एक निश्चित धनराशि का भुगतान कर व्यक्तिगत रूप से अपनी फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों, विश्व बिक्री एजेंटों और खरीदारों के सामने प्रचार करते हैं।

व्यूइंग रूम एक ऐसा सीमित प्रतिबंधित क्षेत्र है, जो विक्रेताओं (फिल्म निर्माताओं) को दुनिया भर के खरीदारों (फिल्म प्रोग्रामर, वितरक, विश्व बिक्री एजेंट और निवेशक) से जोड़ता है। ‘खरीदारों’ की क्षमता का निर्धारण फिल्म बाज़ार की टीम उनकी प्रोफाइल के आधार पर करती है। ये खरीदार विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए व्यूइंग रूम सॉफ़्टवेयर के माध्यम से फिल्मों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ फिल्म निर्माताओं से संपर्क करने में सक्षम होंगे।

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भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व अपर महानिदेशक (सेवानिवृत्त) वीडी चाफेकर को 01 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2028 तक रीकाप आईएससी, सिंगापुर का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया

भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व अपर महानिदेशक (सेवानिवृत्त) वीडी चाफेकर को एशियाई जल क्षेत्र में जहाजों के खिलाफ होने वाली समुद्री डकैती और सशस्त्र। लूट का मुकाबला करने पर सिंगापुर में सूचना साझाकरण केंद्र (रीसीएएपी आईएससी) में क्षेत्रीय सहयोग समझौते के सातवें कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्हें रीकाप आईएससी की शासी परिषद द्वारा  01 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2028 तक की अवधि के लिए कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। उनका चयन क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा एवं सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो अधिक सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

वर्ष 2006 में स्थापित रीकाप आईएससी एशिया के समुद्री इलाकों में समुद्री डकैती और सशस्त्र लूट के खिलाफ सहयोग को बढ़ावा देने तथा गतिविधियों को विस्तार देने के लिए पहला क्षेत्रीय सरकार-से-सरकार का समझौता है। यह पूरे समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सूचना साझा करने, रक्षा क्षमताओं की बढ़ोतरी और सहयोगात्मक प्रयासों को सुविधाजनक बनाने में सहायक रहा है। रीकाॅप आईएससी के एक प्रमुख अनुबंध पक्ष के रूप में, भारत ने एशियाई समुद्र में सुरक्षा व संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए अपने समुद्री अनुभव तथा संसाधनों का लाभ उठाते हुए संगठन के मिशन में निरंतर सहयोग और योगदान दिया है

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