इस पोर्टल को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने विकसित किया है। इसका औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन की उपस्थिति में किया गया।
इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए श्री रिजिजू ने जोर देकर कहा कि उमीद सेंट्रल पोर्टल महज एक तकनीकी उन्नयन से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने और समुदाय के स्वामित्व वाली वक्फ संपत्तियों का उन गरीब मुसलमानों के लिए प्रभावी और निष्पक्ष उपयोग सुनिश्चित करने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिनके लिए वक्फ संपत्ति को मूल रूप से बनाया गया था।
उमीद सेंट्रल पोर्टल यूनिफाईड वक्फ़ मैनेजमेंट, एंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट, 1995 यानी एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 का संक्षिप्त रूप है। यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों की वास्तविक समय पर अपलोडिंग, सत्यापन और निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। इस पोर्टल से देश भर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और जनभागीदारी से व्यापक बदलाव आने की उमीद है।
पोर्टल की मुख्य विशेषताएं हैं:
- सभी वक्फ संपत्तियों की जियो-टैगिंग के साथ डिजिटल सूची का निर्माण
- बेहतर समाधान के लिए ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली
- पट्टे पर देने और उसके उपयोग की पारदर्शी ट्रैकिंग
- जीआईएस मैपिंग और अन्य ई-गवर्नेंस उपकरणों के साथ एकीकरण
- सत्यापित अभिलेखों और रिपोर्टों तक सार्वजनिक पहुंच
जॉर्ज कुरियन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह पोर्टल एक लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार है जो वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और उसके प्रबंधन को आम लोगों के करीब लाएगा। उन्होंने कहा, “यह प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक संपत्ति का हिसाब रखा जाए और उसका उपयोग उस उद्देश्य के अनुसार किया जाए जिसके लिए उसे दान किया गया था।”
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार ने कहा कि उन्हें उमीद है कि उमीद पोर्टल डिजिटल वक्फ प्रबंधन की रीढ़ बनेगा , जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वक्फ संपत्तियां विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के वंचित वर्गों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका सृजन और सामाजिक कल्याण में सार्थक योगदान देंगी।