श्री पेम्मासानी ने कहा कि पीएमएवाई-ग्रामीण एक नीति से कहीं अधिक है, इस योजना के तहत उम्मीदें साकार हुई हैं, सपनों को मूर्त रूप दिया गया है और परिवारों को अनिश्चितता से सुरक्षा की ओर ले जाया गया है। उन्होंने कहा, “मार्च 2029 तक 4.95 करोड़ घरों के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, हमने पहले ही उल्लेखनीय प्रगति की है। आज तक, कुल 3.90 करोड़ लक्ष्य आवंटित किए गए हैं, 3.69 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और 2.76 करोड़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। योजना के तहत बने घरों की प्रत्येक संख्या एक परिवार को शांति से नींद लेते हुए, बच्चों को सुरक्षित रूप से पढ़ते हुए और बुजुर्गों को सम्मान के साथ जीवन गुजारते हुए दर्शाती है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बदलाव केवल घर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सरकार पीएमएवाई-जी को उज्ज्वला, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत जैसी प्रमुख योजनाओं के साथ जोड़ रही है, ताकि केवल घर ही नहीं, बल्कि समग्र आवास का निर्माण किया जा सके। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को स्वच्छ जल, स्वच्छता और खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन मिले।
श्री पेम्मासानी ने कहा कि सरकार की सोच ईंटों और गारे से कहीं आगे की है। राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से, हम ग्रामीण भारत में कुशल कारीगरों का एक समूह तैयार कर रहे हैं। यह अपने शुद्धतम रूप में आर्थिक सशक्तिकरण है। हमारा उद्देश्य नौकरियां पैदा करना, विशेषज्ञता का निर्माण करना और यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण युवा अपनी समृद्धि के लेखक स्वयं बनें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम ग्रीन हाउसिंग की ओर जा रहे हैं,