केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्यों को भेजे पत्र में यह बात रेखांकित की है कि मुख्यत: कोविड-19 के संक्रमण के भय और आजीविका छिनने की आशंका की वजह से ही विभिन्न स्थानों पर फंसे श्रमिक अपने-अपने घरों की ओर अग्रसर होने के लिए व्याकुल हैं। प्रवासी श्रमिकों की कठिनाइयों को कम करने के लिए इस पत्र में उन उपायों या कदमों पर विशेष जोर दिया गया है जिन्हें राज्य सरकारों को केंद्र के साथ सक्रियतापूर्वक समन्वय कर उठाना चाहिए। ये कदम निम्नलिखित हैं:
राज्यों एवं रेल मंत्रालय के बीच सक्रिय समन्वय सुनिश्चित कर कई और स्पेशल ट्रेनें चलाएं;
प्रवासियों की आवाजाही के लिए अधिक बसें चलाएं; प्रवासियों को ले जाने वाली बसों को अंतर-राज्य सीमा पर प्रवेश की अनुमति दें;
ट्रेनों/बसों के प्रस्थान के बारे में और भी अधिक स्पष्टता सुनिश्चित करें, क्योंकि अफवाहों और अस्पष्टता के कारण श्रमिकों का मन अशांत हो जाता है;
स्वच्छता, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के पर्याप्त इंतजाम के साथ निर्दिष्ट विश्राम स्थलों की व्यवस्था उन मार्गों पर राज्यों द्वारा की जा सकती है जहां प्रवासियों के पैदल यात्रा करने की सूचना है;
जिला अधिकारी परिवहन की व्यवस्था करके पैदल चल रहे श्रमिकों का मार्गदर्शन कर उन्हें निर्दिष्ट स्थानों, पास के बस टर्मिनलों या रेलवे स्टेशनों पर ले जा सकते हैं;
प्रवासी श्रमिकों के बीच महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की विशिष्ट आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है;
विश्राम स्थलों पर दीर्घकालिक क्वारंटाइन की आशंका को दूर करने के लिए जिला प्राधिकरण विश्राम स्थलों, इत्यादि पर गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों की सेवाएं ले सकते हैं। श्रमिकों को उन्हीं स्थानों पर बने रहने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सकता है जहां अभी वे हैं;
प्रवासियों के पते और संपर्क नंबर एक सूची में नोट किए जा सकते हैं। यह उचित समय पर उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में सहायक हो सकता है।
इस पत्र में यह बात दोहराई गई है कि जिला अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी प्रवासी श्रमिक को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए विवश होकर सड़कों या रेलवे पटरियों पर चलने की जरूरत ही न पड़े। वे आवश्यकतानुसार रेलगाड़ियों को चलाने के लिए रेल मंत्रालय से अनुरोध कर सकते हैं।
सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और आसपास के मध्य क्षेत्रों में: पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा तटों के लिए तूफान की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग द्वारा जारी ताजा विज्ञप्ति (भारतीय मानक समय 2100 बजे) के अनुसार:
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की कुल 19 टीमें पश्चिम बंगाल में सहायता के लिए तैनात।
सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ (उच्चारण यूएम-पीयूएन) दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य और आसपास के मध्य क्षेत्र के ऊपर बीते 6 घंटे के दौरान करीब 11 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की तरफ बढ़ा है। यह आज 18 मई 2020 को 1730 बजे आईएसटी पर 14.0 डिग्री उत्तर अक्षांश और 86.3 डिग्री पूर्व देशांतर में पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर पारादीप (ओडिशा) के दक्षिण में करीब 700 किमी, दीघा (पश्चिम बंगाल) के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 860 किमी और खेपूपुरा (बांग्लादेश) के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 980 किमी दूर स्थित है।
इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ते हुए उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी की तरफ पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों दीघा (पश्चिम बंगाल) और हटिया द्वीप समूह (बांग्लादेश) के बीच सुंदरबन के करीब से 20 मई 2020 को दोपहर/शाम में गुजरने की संभावना है। यह भयानक चक्रवाती तूफान तटीय क्षेत्रों से 165-175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टकरा सकता है। हवाओं की अधिकतम रफ्तार 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
तूफान के रास्ते का पूर्वानुमान और तीव्रता निम्न तालिका में दी गई है:
तिथि/समय (भारतीय मानक समय)
स्थिति (अक्षांश डिग्री उत्तर/ देशांतर डिग्री पूर्व)
निरंतर सतह पर हवा की अधिकतम गति (किमी प्रति घंटे)
चक्रवातीय विक्षोभ का वर्ग
18.05.20/1730
14.0/86.3
230 से 240 किमी प्रति घंटे की गति से 265 तक
सुपर चक्रवाती तूफान
18.05.20/2330
15.2/86.5
240 से 250 किमी प्रति घंटे की गति से 275 तक
सुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/0530
15.9/86.7
240 से 250 किमी प्रति घंटे की गति से 275 तक
सुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/1130
17.1/87.0
230 से 240 किमी प्रति घंटे की गति से 265 तक
सुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/1730
17.7/87.2
200 से 210 किमी प्रति घंटे की गति से 230 तक
अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान
20.05.20/0530
19.6/87.7
180 से 190 किमी प्रति घंटे की गति से 210 तक
अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान
20.05.20/1730
21.8/88.5
135 से 145 किमी प्रति घंटे की गति से 160 तक
काफी गंभीर चक्रवाती तूफान
20.05.20/0530
23.8/89.1
80 से 90 किमी प्रति घंटे की गति से 100 तक
चक्रवाती तूफान
21.05.20/1730
25.9/89.8
40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से 60 तक
दबाव
(1) भारी बारिश की चेतावनी:
ओडिशा–
ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में आज 18 मई 2020 को रात से ही हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो सकती है। तटीय ओडिशा (गजपति, गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों में) में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं। बारिश ज्यादातर क्षेत्रों में लेकिन उत्तरी तटीय ओडिशा (जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, बालासोर, भद्रक और मयूरभंज जिलों में) में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। 19 मई को खोरधा और पुरी जिलों में भारी बारिश और उत्तरी ओडिशा (भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और क्योंझर जिलों) में 20 मई 2020 को भारी बारिश की संभावना है।
पश्चिमबंगाल–
पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय जिलों (पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना) में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी वर्षा का अनुमान है। 20 मई को अधिकांश स्थानों पर वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा तथा पश्चिम बंगाल में गंगा के आसपास (पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता एवं समीपवर्ती जिलों) में बहुत भारी वर्षा हो सकती है एवं 21 मई 2020 को अंदरूनी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
उप-हिमालयी पश्चिमबंगाल एवं सिक्किम
20 मई को ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा माल्दा एवं दिनाजपुर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है और 21 मई 2020 को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम के अधिकांश जिलों में भारी वर्षा का अनुमान है।
असम एवं मेघालय
21 मई को असम एवं मेघालय के पश्चिमी जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।
(2) वायु चेतावनी
पश्चिमबंगालऔरओडिशा
18 मई की शाम से दक्षिण ओडिशा के तट के साथ एवं आसपास के क्षेत्रों में हवा 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति (जो बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है) से चलने का अनुमान है, जो 19 मई की सुबह से उत्तर ओडिशा तट के साथ एवं आसपास और 19 मई की दोपहर से पश्चिम बंगाल तट के साथ एवं आसपास बढ़कर 55 से 65 किमी प्रति घंटे तथा आगे 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
उत्तरी ओडिशा (जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक एवं मयूरभंज जिलों) तथा पश्चिम बंगाल (पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता जिलों) के तटीय जिलों में हवाओं की गति 20 मई की सुबह से धीरे-धीरे बढ़कर आंधी के रूप में तब्दील हो जाएगी और 75 से 85 किमी प्रति घंटे तथा आगे 95 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। धीरे-धीरे यह बढ़कर उत्तर ओडिशा के उपरोक्त उल्लिखित जिलों में 110 से 120 किमी प्रति घंटे तथा आगे बढ़कर 135 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी।
जमीन पर वर्षा के पहुंचने के दौरान (20 मई की दोपहर से रात तक) 165 से 175 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने वाली आंधी वाली हवाओं के पूर्वी मेदिनीपुर एवं उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों तथा 100 से 110 किमी प्रति घंटे तथा आंधी वाली हवाओं के पश्चिमी बंगाल के कोलकाता, हुगली एवं पश्चिम मेदिनीपुर में बढ़कर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है।
20 मई 2020 को ओडिशा के पुरी, खोरधा, कटक, जाजपुर जिलों में 55 से 65 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 75 किमी प्रति घंटे तक चक्रवाती हवाओं के चलने की संभावना है।
गहरा समुद्री क्षेत्र
पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 230 से 240 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 265 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी वाली हवाओं के चलने का अनुमान है। आज रात से 19 मई की सुबह तक मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों तथा आसपास के उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 230 से 240 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 265 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
200 से 210 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 230 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने वाली आंधी के 19 मई की सुबह तक उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर चलने का अनुमान है और फिर धीरे-धीरे घटकर 20 मई की शाम तक 165 से 175 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है।
(3) समुद्र की स्थिति
पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति असाधारण हैं और अगले 24 घंटों तक ऐसे ही बनी रह सकती है। यह 19 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों तथा आसपास के उत्तरी बंगाल की खाड़ी में जबकि 20 मई 2020 को उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर असाधारण बन जाएगी।
(4) मछुआरों के लिए चेतावनी
मछुआरों को अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य एवं समीपवर्ती मध्य भागों, 19 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी एवं 19 से 20 मई 2020 के दौरान उत्तर बंगाल की खाड़ी में न जाने का सुझाव दिया गया है।
इसके साथ ही मछुआरों को 18 से 20 मई के दौरान उत्तर बंगाल की खाड़ी एवं उत्तर ओडिशा, पश्चिम बंगाल और समीपवर्ती बांग्लादेश के तटों एवं क्षेत्रों में भी न जाने का सुझाव दिया गया है।
(5) तूफान बढ़ने के आसार
तटीय क्षेत्रों में तूफान के टकराने के दौरान करीब 3-4 मीटर तक खगोलीय ज्वार के कारण पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के निचले इलाकों में पानी भरने और 4-6 मीटर खगोलीय ज्वार के कारण दक्षिण और उत्तर 24 परगना के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। (चित्र संलग्न है)
छप्पर वाले मकानों को पूरा नुकसान/कच्चा घरों को व्यापक नुकसान। उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा।
बिजली और संचार के खंभों का मुड़ना/उखड़ना।
कच्ची एवं पक्की सड़कों को भारी नुकसान। रेलवे, ओवरहेड पावर लाइनों एवं सिगनलिंग प्रणालियों में कुछ नुकसान।
खड़ी फसलों, बागों, उद्यानों को व्यापक नुकसान, हरे नारियल के पेड़ों के गिरने और ताड़ के पत्तों के फटने की आशंका, आम जैसे बड़ी झाड़ी वाले पेड़ों को नुकसान।
छोटी नौकाएं, कंट्री क्राफ्ट लंगर से अलग हो सकते हैं।
कानपुर के लिए अच्छी खबर, प्रदेश में मरीज ठीक होने के मामले में कानपुर अव्वल स्थान पर पंहुचा आज कोरोना संक्रमित 26 मरीज ठीक होकर हुए डिस्चार्ज । कानपुर में ठीक होने का आंकड़ा 85 .12 प्रतिशत पंहुचा । अब तक ठीक होकर डिस्चार्ज हुए मरीज 269 कानपुर में अब तक कुल केस 316 एक्टिव केस की संख्या पहुँची 39 अब तक 8 लोगो की हो चुकी है मौत।
🌹🌹🌹 कानपुर पुलिस का मानवीय चेहरा। विवादों में रहने वाली कानपुर पुलिस ने जीता जनता का दिल। मासूम बच्ची के जन्मदिन पर केक लेकर घर पहुंची पुलिस। अधिवक्ता रुद्र प्रताप सिंह की बेटी का केक पुलिस ने कटवाया। कोरोना महामारी संकट के समय पुलिस ने दिखाई दरियादिली। चकेरी थाना क्षेत्र के श्याम नगर का मामला
💐💐 प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी संभाला मोर्चा बारा टोल प्लाजा पर विधायक सुरेंद्र मैथानी ने प्रवासी मजदूरों की मदद की, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रवासी मजदूरों को वितरित किया भोजन व फल कल रात रामादेवी में महापौर प्रमिला पांडे ने भी अधिकारियों संग लिया था जायाजा । प्रवासी मजदूरों को दी जाने वाली सामग्री को भी देखा था , कानपुर के सभी इंट्री प्वाइंट पर प्रवासी मजदूरों की व्यवस्थाओं के लिए डटे है अधिकारी ।
नन्हें पांव राह पथरीली थामे है बस माँ की उंगली मुरझाए फूलों सा बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गांव है कितनी दूर।
पांवों के तलवे है जलते गर्म हवा के झोंके खलते कुम्हलाये होंठोँ से बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गाँव है कितनी दूर। कुछ छूटा कुछ साथ बटोरा, थाली चम्मच और कटोरा, घर की याद में खोया बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गाँव है कितनी दूर। कल से रोटी मिली नहीं है पानी की बोतल टूट गई है पेट की आग समेटे बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गाँव है कितनी दूर। बाप के काँधे बोझ है भारी बहन बिमारी से है हारी, मैं किस ओर निहारूं बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गाँव है कितनी दूर।
पहले दूरी इतनी ना थी गाँव की राहें मुश्किल ना थी, पोर पोर तक टूटा बचपन, पूँछ रहा है बार बार मां अभी गाँव है कितनी दूर।
गाँव में प्यारा घर है अपना देखा है ये सुन्दर सपना इसको सच मैं मानूँ?? बचपन पूँछ रहा है बारबार माँ अभी गांव है कितनी दूर?
आध्यात्मिक विदुषि के रूप में विख्यात, वेद, पुराण, भागवत की प्रखर वक्ता ब्रज भूमि में जन्मी डॉ.मीनाक्षी (मोहिनी मंजरी) एक आध्यात्मिक उत्कृष्ट शिक्षाविद, समाज सेविका के साथ साथ पर्यावरण की सजग प्रहरी भी है। इन्होंने पूरे देश में अब तक दस हजार से ज्यादा वृक्ष लगाए है। प्रथ्वी और जल का संरक्षण के साथ लोगो को जागरूक करने में भी इनका योगदान बना रहता है। भारतीय संस्कृति और गौ संवर्धन रक्षा के प्रति विशेष लगाव होने के कारण, अपने जीवन का अधिक से अधिक समय इनकी सेवा कार्य मे बिताती है। डॉ.मीनाक्षी आने वाले समय में एक गौशाला और गरीब निर्धन बेसहारा बच्चो के लिए आश्रम का भी निर्माण करने का प्रयास कर रही है। इन्होंने लगभग २५ वर्षों से विभिन्न स्कूल महाविद्यालय में अध्यापन का कार्य किया है। ये भारतीय गीत संगीत और कथक नत्य की पारंगत कलाकार होने के बाबजूद स्वयं को प्रचार-प्रसार और चमक दमक से हमेशा दूर रहने वाली एक उत्कृष्ट कवयित्री भी हैं । इन्होंने कई कविताएं,लेख और पुस्तक लिखी है। उन्होंने बताया कि अनंत विनायक’ पुस्तक जो देश विदेश में बहुत ही उपलब्ध है उसमे रोज नया दिन, एक नया साहस, संघर्ष और जिंदगी को जीने की उमंग दोनों ही इन रचनाओं में दिखता है। चाहे संबंधों की प्रगाढ़ता,संबंधों के पीछे छिपी मानसिकता, भावनाओं के द्वंद्वों की ही क्यों ना हो उनके शब्द-बिम्ब हॄदय की परतों को बेध देने के लिए काफी है। मीनाक्षी परंपरागत बिंबों का भी समयानुकूल उपयोग भी करती है जिसके कारण कवयित्री की कविताएं जीवन यात्रा जैसी लगती हैं।दूसरी ओर अपने छोटे एवं सरल शब्दों को जिस प्रकार से एक मारक हथियार के रूप में प्रयोग करती हैं, वह निश्चित रूप से सराहनीय है।
आज वैश्विक त्रासदी कोविड-19 से उभरी अनिश्चितता, हताशा और नैराश्य जीवन में सबसे सुरक्षित रूप में उभरता ‘परिवार’ इसलिये ‘स्टे होम–स्टे सेफ’ को अपनाया और प्रचारित प्रसारित किया गया। 24 मार्च से प्रारम्भ लॉकडाउन के दौरान समाज की प्राथमिक इकाई परिवार भी सर्वाधिक दबाव में रहा ऐसे में परिवादवाद की अवधारणा अपने स्वरूप में सहायक बनीसामाजिक संगठन का एक ऐसा स्वरूप जिसमें पारिवारिक मूल्यों को अत्यधिक महत्व दिया जाता है ‘परिवारवाद’ कहलाता है। परिवारवाद व्यक्ति में पारिवारिक लगाव की अतितीव्र भावना, निष्ठा पारिवारिक सदस्यों के मध्य पारस्परिक सहयोग तथा एक इकाई के रूप में परिवार को बनाये रखने की चेतना उत्पन्न करता है। संगठन का यह स्वरूप परिवार के सदस्यों को अपने व्यक्तिगत हितों तथा व्यक्ति को पारिवारिक समूह के हितों तथा उसके कल्याण की बलिवेदी पर उत्सर्ग करने की प्रेरणा देता है बाकी सब गौणअध्ययन–अध्यापन, रचनात्मक गतिविधियां की बढ़ती गतिविधयाँ, इनडोर गेम्स में पारिवारिक सदस्यों की सक्रियता मानसिक तनावों को दूर कर एक-दूसरे को सम्बल और साहस प्रदान कर रहें हैंउपलब्ध संसाधनों में ही खुशी की तलाश पुनः उपभोगवादी मॉल कल्चर से अपने क्षणिक सुख को नकार रहे हैंइसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण भी है। सभी प्राणियों में असुरक्षा का भाव होने पर छुपने की प्रवृत्ति पायी जाती है। मनुष्य के विकास के प्रथम चरण में सुरक्षा का भाव ही विकसित होता है जिसे वह माँ के आँचल तो दादा-दादी की गोद में महसूस करता है। इसी कारण शायद तमाम परिवर्तनों से गुजरती हुई यह पारिवारिक इकाई पश्चिमी समाजों की तुलना में भारतीय समाज में आज भी गहरी जड़े जमाये हैंआज इस संकट के दौर में भी लोग सुरक्षा का भाव लिये घर-परिवार में आने की जद्दोजहद में हैं।
डॉ नेहा जैन विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग प. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, लखनऊ
परिवार में एक ओर सभी सदस्यों की जीवनशैली में आये बदलाव जैसे बच्चों की ऑनलाइन एजुकेशन, वर्क फ्राम होम विशेषतः महिलाओं के सन्दर्भ में, घरेलू कार्यों में पारिवारिक सदस्यों की सहभागिता में एक दूसरे के सहायक के रूप में नजर आ रहे हैंकहीं-कहीं कठिनाई, तनाव व मनमुटाव है तो समाधान भी तुरन्त है। आखिर क्यों न हो? जाये तो जाये कहाँ, का भाव आपसी धैर्य व सामंजस्य को बढ़ा रहा हैजो नयी पीढ़ी बाह्य दुनिया की चकाचौंध से प्रभावित होने के कारण परिवार के महत्व को भूल रही थीउसे भी अहसास हो रहा है कि परिवार ही प्राथमिक है,