आरंभ में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2024 तक निर्धारित यह नीलामी अब 31 अक्टूबर 2024 तक भागीदारी के लिए खुली रहेगी। इच्छुक व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट: https://pmmementos.gov.in/ के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं और नीलामी में भाग ले सकते हैं।
इस नीलामी में प्रस्तुत की जाने वाली वस्तुओं में पारंपरिक कला रूपों की एक श्रृंखला है, जिसमें जीवंत चित्रकारी, भव्य मूर्तियां, स्वदेशी हस्तशिल्प, आकर्षक लोक और आदिवासी कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गई हैं। इन खजानों में पारंपरिक अंगवस्त्र, दुशाला, शिरोवस्ट्र और औपचारिक तलवारें सहित सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में पारंपरिक रूप से दी जाने वाली वस्तुएँ शामिल हैं।
खादी का दुशाला, चांदी की जरदोज़ी के वस्त्र, माता नी पचेड़ी कला, गोंड कला और मधुबनी कला जैसी उल्लेखनीय वस्तुएं भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करते हुए, इनमें चार चांद लगाती हैं । नीलामी की एक प्रमुख विशेषता पैरा ओलंपिक, 2024 से खेल स्मृति चिन्ह हैं। प्रत्येक खेल स्मृति चिन्ह एथलीटों के असाधारण एथलेटिकता और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, जो उनकी कड़ी मेहनत और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता का प्रमाण है। यह स्मृति चिन्ह न केवल उनकी उपलब्धियों का सम्मान है बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा है।
वर्तमान ई-नीलामी सफल नीलामियों की श्रृंखला में छठा संस्करण है, जिसे शुरू में जनवरी 2019 में प्रारंभ किया गया था। पिछले संस्करणों की तरह, नीलामी के इस संस्करण से प्राप्त आय भी नमामि गंगे परियोजना में योगदान देगी। यह परियोजना केंद्र सरकार की प्रमुख पहल है जो हमारी राष्ट्रीय नदी, गंगा के संरक्षण और पुनरुद्धार और इसके कमजोर पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए समर्पित है। इस नीलामी के माध्यम से प्राप्त धन का उपयोग इस श्रेष्ठ कार्य में किया जाएगा जो पर्यावरण के संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।