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प्रधानमंत्री ने श्री एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम के निधन पर शोक व्यक्त किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री ने कहा “श्री एस.पी. बालासुब्रह्मण्यम के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन से हमारे कला संसार को अपूरणीय क्षति हुई है। यह एक ऐसा नाम था जो भारत के हर घर में लोकप्रिय था, जिसके मीठे स्वर के गीतों ने दशकों तक संगीत प्रेमियों को आनंद विभोर किया। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और उनके प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति.”    

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भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेन का पहला लुक जारी

आवास एवं शहरी मामलों (एमओएचयूए) के सचिव एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अध्यक्ष श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री की “आत्मनिर्भर भारत” परिकल्पना के पांच स्तंभों में से एक है -अवसंरचना और यह बहुत गर्व की बात है कि आरआरटीएस के लिए तेज़गति और उच्च आवृत्ति वाली यात्री ट्रेनों का निर्माण पूरी तरह सरकार की “मेक इन इंडिया” नीति के अंतर्गत किया जाएगा। भारत की पहली आरआरटीएस ट्रेनों का पहला लुक जारी करते हुए एमओएचयूए के सचिव ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल, ऊर्जा सक्षम ट्रेनों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के भीतर और बाहर के इलाकों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे आर्थिक प्रगति की रफ्तार तेज़ होगी, आर्थिक गतिविधियों के अवसर बढ़ेंगे और साथ साथ वायु प्रदूषण, कार्बन फुटप्रिंट, भीड़भाड़ और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
इस अवसर पर एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह , एनसीआरटीसी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सभी सदस्य और एमओएचयूए, एनसीआरटीसी और बम्बार्डियर इंडिया के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

स्टेट ऑफ दि आर्ट आरआरटीएस ट्रेनें भारत की पहली ऐसी ट्रेनें होंगी जो 180 किलोमीटर प्रति घंटे की डिजाइन गति से चलेंगी। इनकी बाहरी बॉडी चमकदार स्टेनलैस स्टील की होगी ,ये एयरोडायनैमिक आरआरटीएस ट्रेनें वज़न में बहुत हल्की और पूरी तरह वातानुकूलित होंगी । हर डिब्बे में छह ऑटोमैटिक प्लग इन टाइप के चौड़े दरवाज़े होंगे जिनमें से तीन तीन दरवाज़े दोनों तरफ होंगे। (बिजनैस क्लास के डिब्बों में दोनों तरफ दो दो दरवाज़े यानी कुल चार दरवाज़े होंगे) इससे यात्रियों को चढ़ने उतरने में आसानी होगी। इन डिब्बों में आड़ी दो गुना दो सीटें होंगी और पांव फैलाने के लिए भी पर्याप्त जगह होगी, चौड़ा गलियारा होगा और उसमें खड़े होकर यात्रा करने वाले यात्रियों के पकड़ने के लिए हैंडल और खंभे होंगे ताकि वे आराम से अपनी यात्रा कर सकें। इसके अलावा ऊपर की तरफ सामान रखने के लिए रैक होगा, मोबाइल और लैपटाप चार्ज करने के लिए सॉकेट होंगे और अन्य सुविधाओं के साथ साथ वाई फाई की सुविधा भी होगी। नई दिल्ली स्थित लोटस टेंपल धारणीयता का एक अच्छा उदाहरण है जिसके डिज़ाइन के कारण उसमें हवा और रोशनी की प्राकृतिक रूप से आवाजाही बहुत अच्छे से होती है। इसी को आधार बनाकर आरआरटीएस ट्रेनों के डिब्बों में रोशनी और तापमान नियंत्रण प्रणाली लगाई जाएगी ताकि कम ऊर्जा की खपत कर यात्रियों को एक गुणवत्तापूर्ण यात्रा का अनुभव दिलाया जा सके। सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस आरआरटीएस ट्रेनों में नए युग की प्रौद्योगिकी और भारत की समृद्ध धरोहर का कुशल मिश्रण होगा।


इस परियोजना के लाभ बताते हुए एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक श्री विनय कुमार सिंह ने बताया, “भारत की इन पहली आरआरटीएस ट्रेनों का डिज़ाइन नए भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने की परिकल्पना के साथ किया गया है। ये आरआरटीएस ट्रेनें ऊर्जा की बचत करने वाली होंगी और खड़े रहने के समय 30 प्रतिशत ऊर्जा पैदा करेंगी। एनसीआरटीसी ने निर्माता को संपूर्ण दीर्घकालिक व्यापक रखरखाव का जिम्मा दिया है ताकि इसके जीवन काल की पूरी अवधि में इसका लाभ उठाया जा सके। मुझे विश्वास है कि आरआरटीएस एनसीआर के निवासियों के लिए परिवहन अवलंब और परिवहन क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा तथा क्षेत्र के समग्र विकास का पायदान बनेगा।”

इसके प्रोटोटाइप का 2022 तक उत्पादन शुरू हो जाएगा और व्यापक परीक्षणों से गुज़रने के बाद जनता के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा। एनटीआरटीसी छह छह डिब्बों वाली 30 जोड़ी ट्रेनों की खरीद करेगा और उन्हें इस समूचे कॉरिडोर पर चलाया जाएगा तथा 10 जोड़ी ट्रेनें मेरठ के भीतर स्थानीय आवागमन के लिए चलाई जाएंगी। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर आरआरटीएस के लिए डिब्बों का निर्माण बंबार्डियर के गुजरात के सेवली स्थित प्लांट में किया जाएगा ।
 

दिल्ली -गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पहले चरण में बनाए जाने वाले प्राथमिकता वाले तीन आऱआऱटीएस कॉरिडोरों में से एक है। 82 किलोमीटर लंबा यह दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर भारत में बनने वाला पहला आरआरटीएस कॉरिडोर होगा। इस कॉरिडोर के चालू होने से दिल्ली से मेरठ पहुंचने में लगने वाला समय घटकर एक तिहाई रह जाएगा। इससे दिल्ली से मेरठ जाने में मात्र एक घंटे का समय लगेगा जबकि अभी इसमें तीन-चार घंटे का समय लगता है। साहिबाबाद से मेरठ के शताब्दी नगर तक के 50 किलोमीटर लंबे सेक्शन का निर्माण कार्य पूरे ज़ोर शोर से चल रहा है। इसके साथ ही चार स्टेशनों-गाजियाबाद, साहिबाबाद, गुलधर और दुहाई का निर्माण कार्य भी जारी है। इस कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले सेक्शन को 2023 तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है और समूचा कॉरिडोर 2025 तक चालू हो जाएगा। पहले चरण के अन्य दो आरआरटीएस कॉरिडोर दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत हैं। दिल्ली-गुरूग्राम-एसएनबी कॉरिडोर पर निर्माणपूर्व गतिविधियां पूरे जोर शोर से चल रही हैं और इसकी डीपीआर को मंजूरी देने पर भारत सरकार पूरी सक्रियता से विचार कर रही है। दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर की डीपीआर को मंजूरी देने पर भी संबद्ध राज्य सरकारें पूरी सक्रियता से विचार कर रही हैं ।

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रक्षा उद्योग में वैश्विक पहुँच बनाने के लिए सहयोगपूर्ण साझेदारी हेतु कंबोडिया के साथ वेबिनार और प्रदर्शनी का आज आयोजन हुआ

भारत और कंबोडिया के बीच आज एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार का विषय “सहयोगपूर्ण साझेदारी के लिए भारतीय रक्षा उद्योग की वैश्विक पहुँच: वेबिनार और प्रदर्शनी” था। इसका आयोजन एसडीआईएम के माध्यम से रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा किया गया।

यह वेबिनार उन सभी वेबिनरों की श्रृंखला का भाग है जो आगामी पाँच वर्षों में रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने और 5 बिलियन डॉलर के रक्षा निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मित्र विदेशी राष्ट्रों के साथ आयोजित किए जा रहे हैं।

भारत की ओर से रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और कंबोडिया की तरफ से वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने इस वेबिनार में भागीदारी की और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर वार्तालाप किया गया।

वेबिनार के दौरान, अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, लार्सन एंड टूब्रो, टाटा एडवांस्ड सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड, अशोक लीलैंड लिमिटेड और महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी विभिन्न भारतीय कंपनियों ने प्रमुख आर्टिलरी सिस्टम, माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल, इलेक्ट्रॉनिक और दूरसंचार प्रणाली, डीमाइनिंग उपकरण जैसे प्लेटफार्मों/उपकरणों पर अपने उद्योग और उत्पाद संबंधित प्रस्तुतियाँ दीं।

वेबिनार में 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और इस प्रदर्शनी में 100 वर्चुअल प्रदर्शनी स्टाल लगाए गए।

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प्रधानमंत्री ने बिहार के सभी 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवा से जोड़ने के लिए परियोजना का शुभारम्भ किया

हाल में 15 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के साथ 1,000 दिन के भीतर सभी 6 लाख (वर्तमान जीपी स्तर से) से ज्यादा गांवों तक कनेक्टिविटी पहुंचाई जानी है। इस लक्ष्य की दिशा में पहले कदम के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने तेज गति वाली इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बिहार के सभी 45,945 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने को 21.09.2020 को “हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर द्वारा इंटरनेट सुविधा” योजना का शुभारम्भ किया है। इससे राज्य के दूरदराज के कोनों तक डिजिटल क्रांति सक्षम हो जाएगी।

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प्रधानमंत्री ने इस दिन को न सिर्फ बिहार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक बताया, क्योंकि सरकार अपने गांवों को आत्मनिर्भर भारत का मुख्य आधार बनाने की दिशा में प्रमुख कदम उठा रही है और इसकी शुरुआत आज बिहार से हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल लेनदेन के मामले में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। केवल अगस्त 2020 में यूपीआई के माध्यम से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। इंटरनेट की उपयोगिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ अब यह भी आवश्यक हो गया है कि देश के गांवों में अच्छी गुणवत्ता वाली और हाई स्पीड वाली इंटरनेट सुविधाएं उपलब्ध हो।

प्रधानमंत्री ने तीव्र कनेक्टिविटी के माध्यम से प्राप्त होने वाले लाभों के संदर्भ में बात करते हुए कहा कि यह छात्रों को सर्वोत्तम पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ टेली-मेडिसिन तक पहुंच और बीजों के बारे में जानकारी प्रदान करने के अलावा किसानों को मौसम की स्थिति से संबंधित वास्तविक समय का आंकड़ा प्रदान करने के अलावा नई तकनीक से युक्त राष्ट्रव्यापी बाजारों को भी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि किसान आसानी से अपने उत्पादों को पूरे देश और दुनिया में परिवहन कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध करना है।

इस परियोजना को सीएससी एसपीवी के माध्यम से 180 दिनों की अल्प अवधि में 1,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लागू किया जाएगा और 31.03.2021 तक पूरा कर लिया जाएगा, जिसमें चिन्हित किए गए सरकारी संस्थानों को एक वर्ष के लिए 1 वाई-फाई और 5 एफटीटीएच कनेक्शन मुफ्त प्रदान किए जाएंगे। बिहार के प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, आशा कार्यकर्ता और जीविका दीदी आदि और प्रत्येक गांव के सार्वजनिक स्थल पर एक वाई-फाई प्रदान किए जाएंगे। इसके 640 करोड़ रुपये की पूंजीगत खर्च का वहन भारत सरकार के दूरसंचार विभाग द्वारा किया जाएगा।

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री को बिहार के कई क्षेत्रों में विकास की विभिन्‍न योजनाएं समर्पित करने के लिए धन्यवाद दिया, जो राज्य के लिए अभूतपूर्व है। श्री प्रसाद ने इस बात पर भी जोर दिया कि सीएससी विशेष रूप से बिहार में डिजिटल सुविधाएं पहुंचाने की भूमिका निभा रहा है।

केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह मेरे लिए बेहद गर्व का विषय है कि बिहार भारत का पहला राज्य होगा जो सभी गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क इंटरनेट से जोड़ेगा।

इस परियोजना को दूरसंचार विभाग के संयुक्त प्रयासों से निष्पादित किया जाएगा, जो पहले हीइलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सार्वजनिक सेवा केन्‍द्रों के साथ पूरे भारत में 1.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवा से जोड़ चुका है।

सीएससी के पूरे बिहार राज्य में 34,821 केन्‍द्र हैं। वे श्रमिकों की संख्‍या को न केवल इस परियोजना को लागू करने के लिए उपयोग करेंगे, बल्कि बिहार के हर गांव में साधारण  नागरिकों को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए इसे व्‍यावसायिक तरीके से चलाएंगे।

बिहार के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तथा अन्य केन्द्रीय मंत्रियों के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा घोषित डिजिटल ग्राम के सपनों को प्राप्त करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर विलेज कनेक्टिविटी परियोजना दूरसंचार विभाग ने शुरू की है। इसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक विशेष कार्यक्रम, सामान्य सेवा केंद्र ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड द्वारा लागू किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य बिहार के प्रत्येक गाँव में एरियल ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इसके ज़रिये बिहार के प्रत्येक गाँव में कम से कम 5 फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन और 1 सार्वजनिक वाई-फाई केंद्र स्थापित किया जाएगा। इन कनेक्शनों को एक साल के लिए मुफ्त बैंडविड्थ भी दिया जाएगा।

ऑप्टिकल फाइबर विलेज कनेक्टिविटी परियोजना का उद्देश्य सभी गांवों को डिजिटल गांवों में बदलना, डिजिटल सशक्तीकरण, डिजिटल जागरूकता को बढ़ाना, डिजिटल खाई को पाटना और प्रत्येक ग्रामवासी के द्वार पर सभी डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध करना है। यह ग्रामीण जनता के लिए समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा भी देगा।

इस परियोजना की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:

रवैया: सेवा स्तर समझौते (एसएलए) की प्रतिबद्धता के साथ भारत नेट के उपयोग पर विशेष ध्यान देने के आधार पर परिणाम।

वित्तीय प्रभाव: भारत सरकार 640 करोड़ रुपये की वीजीएफ मदद को वित्त पोषित करेगी।

सामाजिक-आर्थिक प्रभाव आकलन: इस पायलट परियोजना के लाभों और सफलता को समझने के लिए राष्ट्रीय प्रमुख संस्थानों द्वारा एक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव मूल्यांकन किया जाएगा।

परियोजना की निगरानी: बिहार राज्य / डीओटी द्वारा

उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र: उपभोक्ता शिकायतों के निवारण के लिए सीएससी-एसपीवी द्वारा एक पूर्ण ग्राहक सेवा स्थापित की जाएगी।

यह परियोजना ई-एजुकेशन, ई-कृषि, टेली-मेडिसिन, टेली-लॉ और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसी डिजिटल सेवाओं का नेतृत्व करेगी, जो बटन के सिर्फ एक क्लिक से बिहार के सभी नागरिकों के लिए आसानी से उपलब्ध होंगी।

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भारत सरकार ने उड़ान के तहत छत्तीसगढ़ के 3 हवाई अड्डों के उन्नयन के लिए 108 करोड़ रूपए आवंटित किये: हरदीप सिंह पुरी

नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत सरकार ने उड़ान योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 3 हवाई अड्डों के उन्नयन एवं विकास के उद्देश्य से जगदलपुर के लिए 48 करोड़ रूपए (व्यय 45 करोड़ रुपए), अंबिकापुर के लिए 27 करोड़ रूपए (व्यय 27 करोड़ रुपए) और बिलासपुर के लिए 33 करोड़ रूपए (व्यय 20 करोड़ रूपए) आवंटित किये हैं। उड़ान योजना के तहत आज एलायंस एयर द्वारा जगदलपुर से रायपुर एवं हैदराबाद के लिए उड़ान सेवा के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, श्री पुरी ने कहा कि यह हवाई संपर्क इस क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। इस आभासी कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रेम साई सिंह, छत्तीसगढ़ के ग्रामीण विकास एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंह देव, बस्तर के सांसद श्री दीपक बैज तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इन गणमान्य नागरिकों ने पहली बार यात्रा कर रहे यात्रियों,जो उड़ान योजना के तहत नए हवाई मार्ग के उद्घाटन से बहुत खुश लग रहे थे, के साथ बातचीत भी की।

श्री पुरी ने आगे बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने रायपुर हवाई अड्डे के विकास एवं विस्तार, जिसमें टर्मिनल भवन का विस्तार भी शामिल है, के लिए लगभग 900 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। हाल ही में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान-4.0 के तहत बिलासपुर से भोपाल तक आरसीएस फ्लाइट के संचालन, जिसके जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है, के लिए एलायंस एयर की बोली को मंजूरी दी थी।

एयर इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एलायंस एयर को उड़ान-3 बोली प्रक्रिया के तहत इस मार्ग पर परिचालन की अनुमति दी गयी थी। यह एयरलाइन दैनिक उड़ानों का संचालन करेगी और इस मार्ग पर 72 सीटों वाले लक्जरी एटीआर 70 विमानों को तैनात करेगी। जगदलपुर-रायपुर-हैदराबाद मार्ग की शुरूआत होने के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने आरसीएस–उड़ान के तहत कुल 285 मार्गों पर परिचालन शुरू किया है।

जगदलपुर हवाई अड्डा, बस्तर में स्थित है, जो अपनी अनूठी आदिवासी संस्कृति एवं विरासत के कारण पर्यटन की अपार संभावना वाला एक जनजातीय जिला है। इसके अलावा,  इस क्षेत्र में कई फर्नीचर कारखानों एवं चावल मिलों के मौजूद होने के कारण जगदलपुर एक व्यावसायिक केंद्र भी है। नतीजतन, कई लोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए जगदलपुर और निकटतम महानगर हैदराबाद के बीच अक्सर यात्रा करते हैं। इन दोनों शहरों के बीच उड़ान शुरू होने से सड़क एवं ट्रेन यात्राओं में वर्तमान में लगने वाला 12 घंटे का समय घटकर 75 मिनट रह जायेगा। लोग अब जगदलपुर से राजधानी रायपुर सड़क मार्ग से 7 घंटे की यात्रा की तुलना में केवल 45 मिनट में पहुंच सकते हैं।

इन मार्गों पर उड़ानों की शुरुआत न केवल लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करेगी तथा नए गंतव्यों के बीच यात्रा के समय में भारी कमी लायेगी, बल्कि इस क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करेगी। जगदलपुर को स्वर्ग भूमि के रूप में जाना जाता है और इसे पलायनवादियों के सपनों की भूमि का नाम दिया जाता है क्योंकि यह शहर चित्रकोट जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है, जिसे ‘भारत का नियाग्रा जलप्रपात’ भी कहा जाता है। जगदलपुर अपने वन्यजीवों, मंदिरों, गुफाओं, झीलों, संग्रहालयों और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए भी जाना जाता है। इस शहर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एवं इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान जैसे राष्ट्रीय उद्यान स्थित हैं। कुछ समय पहले पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटकों की संख्या एवं भविष्य की पर्यटन क्षमता के आधार पर जगदलपुर-तीरथगढ़-चित्रकूट-बारसूर-दंतेवाड़ा-तीरथगढ़ सर्किट की पहचान भारत के 45 मेगा पर्यटन स्थलों / सर्किटों में से एक के रूप में की थी।

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संसद में कृषि संबंधित विधेयकों के पारित होने पर प्रधानमंत्री ने किसानों को बधाई दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में कृषि संबंधित विधेयकों के पारित होने को भारतीय कृषि के इतिहास का एक महत्वपूर्ण क्षण बताते हुए किसानों को बधाई दी है।

इस सबंध में कई ट्वीट करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा, “भारतीय कृषि के इतिहास का यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। संसद में कृषि संबंधित विधेयकों के पारित होने पर हमारे मेहनती किसानों को बधाई! इससे न केवल कृषि क्षेत्र का कायाकल्प होगा बल्कि करोड़ों किसानों का सशक्तिकरण भी सुनिश्चित होगा।”

 “दशकों से भारतीय किसान कई तरह की कठिनाइयों का सामना करने के लिए विवश रहे और बिचौलियों के हाथों परेशान होते रहे। संसद द्वारा पारित विधेयक किसानों को ऐसी विपत्तियों से मुक्त कराएंगे। ये विधेयक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों में तेजी लाएंगे और उनके लिए अधिक समृद्धि सुनिश्चित करेंगे।”

“हमारे कृषि क्षेत्र में ऐसे नवीनतम तकनीक की सख्त जरूरत है जो मेहनती किसानों की सहायता कर सके। इन विधेयकों के पारित होने के साथ ही हमारे किसानों के लिए भविष्य की आधुनिक तकनीक तक पहुंच आसान हो जाएगी। इससे उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा जिसके बेहतर परिणाम होंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।”

“मैं पहले भी कह चुका हूं और आज फिर से कह रहा हूं,“न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम उनकी मदद करने और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। ”

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भारत ने बड़ी संख्या में रोगियों के ठीक होने का रिकॉर्ड बनाया

भारत में लगातार दूसरे दिन भी 94,000 से अधिक रोगी ठीक हुए हैं।

देश में पिछले 24 घंटों के दौरान 94,612 रोगी ठीक हुए हैं। इसके साथ ही मरीजों के ठीक होने की कुल संख्या 43 लाख (43,03,043) को पार कर गई है। इसके परिणामस्वरूप रिकवरी रेट 79.68% पर पहुंच गया है।

ठीक होने वाले नए मामलों में से 60 फीसदी मामले पांच राज्यों से आए हैं जिनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु शामिल हैं। एक दिन में ठीक होने वाले नए रोगियों में 23,000 से अधिक रोगी महाराष्ट्र से हैं। वहीं कर्नाटक और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों से एक दिन में 10,000 रोगी ठीक हुए हैं।

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देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कुल 92,605 नए पुष्ट मामले सामने आए हैं।

नए मामलों में से 52% पांच राज्यों से आए हैं। नए ठीक होने वाले रोगियों में अधिकतम योगदान देने वाले भी यही राज्य हैं। महाराष्ट्र का नए मामलों में 20,000 (22.16%) से अधिक का योगदान है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक दोनों ने 8,000 से अधिक का योगदान दिया है।

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उल्टा चोर कोतवाल को डांटे

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे –
बात दिन शनिवार दिनाक १९ सितंबर की है। नवीन भाटिया निवासी शास्त्री नगर लगभग २५-३० बाहरी गुंडों के साथ जिनमें वकील की ड्रेस में आई ५ महिलाएं भी थी के ब्लॉक किदवई नगर स्थित अपार्टमेंट मै गया और उसने अवैध निर्माण करने लगा । इसी अपार्टमेंट में उसने पार्किंग स्थल पे पहले से भी KDA और स्थानीय प्रशासन की मदद से अवैध निर्माण कर चुका है। चूंकि अपार्टमेंट में उस समय कोई पुरुष नहीं था तो वहां की महिलाओं ने इसका विरोध किया । नवीन भाटिया ने अपने गुंडों के साथ महिलाओं से खूब अभ्रता की। जब मोहल्ले के लोग बीच बचाओ कराने आए तो नवीन भाटिया के साथ आए महिलाओं ने उन्हें मारा और गंदे गंदे आरोप लगवा के जेल में डलवाने की धमकी दिन। इसके बाद पार्किंग स्थल पे अवैध निर्माण की शुरुआत भी हो गई। जब नवीन भाटिया को पता चला कि सारी घटनाएं सीसीटीवी में कैद हो गई होंगी और पीड़ित पक्ष ने पुलिस भी बुला ली है तो अपने ही साथियों से अपने ऊपर छोटा सा हमला करवा के वीडियो बनवा के viral करने लगा। हुआ ना उलटा चोर कोतवाल को डांटे। पीड़ित पक्ष इतना डर गया है कि घर से बाहर नहीं निकल रहा क्यूंकि ये बिल्डर हर महीने इनको ऐसे ही प्रताड़ित कर रहा है जिससे ये लोग फ्लैट छोर कर भाग जाए। खास बात ये है कि नवीन भाटिया के द्वारा viral किए गए वीडियो को पत्रकार बंधु और लोकल चैनल भी बिना सत्यता जाने चलाए जा रहे हैं जबकि सारी सत्यता सीसीटीवी मै कैद है।
१- नवीन भाटिया अपार्टमेंट में क्यूं आया ?
२- अपने साथ ३०-४० लोग क्यूं लाया ?
३- अगर उसे मारा गया तो अवैध निर्माण उस दिन भी कैसे हो गया ?
४- पार्किंग में फ्लैट कैसे बना ?
५- तहरीर में दिया है पत्नी बेहोश हो गई पुलिस और कमरे सच बताएंगे ? t
६- तहरीर में दिया है पुलिस दो गाड़ी साथ ले गई ? क्या पुलिस इसकी तस्दीक करती है ?
७- संदीप त्रिपाठी पूरे मामले में घटनास्थल में थे ही नहीं फिर भी नामजद रिपोर्ट की गई है ?
८- वहां सभ्य लोग रहते हैं उनको महिलाओं से मरवाया और झूठे मुकदमे में फसाने का आरोप लगाया ?
ये सब पुलिस के सामने हुआ है देखना ये है कि पुलिस एक बाहुबली बिल्डर का साथ देती है या एक नौकरी पेशा माध्यम वर्गीय परिवार का ?

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डीएवी पीजी कॉलेज लखनऊ में राष्ट्रीय वेबिनार ” परहित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।”वर्तमान सामाजिक परिप्रेक्ष्य में एक परिचर्चा का आयोजन

20 सितंबर 2020, डीएवी पीजी कॉलेज लखनऊ में एक राष्ट्रीय वेबिनार ” परहित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।” वर्तमान सामाजिक परिप्रेक्ष्‍य में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया

आयोजन में संपूर्ण भारत के लगभग 200 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की कार्यक्रम का संचालन वेबीनार के संयोजक डॉ संजय तिवारी ने किया सभी वक्ताओं ने विषय की सार्थकता के परिप्रेक्ष्य में अपने अपने उत्कृष्ट, अतुलनीय विचार प्रकट किए इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रबंधक श्री मनमोहन तिवारी तथा प्राचार्य डॉक्टर अंजनी कुमार मिश्रा के साथ-साथ
डॉ0 राधाकृष्‍ण दीक्षित, एसोसिएट प्रोफेसर, के.ए.पीजी कालेज, कासगंज
डॉ0 अमिता दूबे, संपादक, उ0प्र0 हिन्‍दी संस्‍थान, लखनऊ
डॉ0 डी0एस0 राजपूत, प्रोफेसर एवं अध्‍यक्ष, समाजशास्‍त्र, समाजकार्य विभाग, डॉ0 एच0एस0 गौर वि0वि0, सागर (म0प्र0)
डॉ0 पी0के0 गुप्‍ता, समाजशास्‍त्र विभाग, लखनऊ वि0वि0, लखनऊ
डॉ0 शिव कुमार त्रिपाठी, सहा0 आयुक्‍त स्‍टाम्‍प/ सहा0 महानिरीक्षक निबन्‍धन, गौतमबुघ्‍द नगर
डॉ0 कुमुद श्रीवास्‍तव, मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता, लखनऊ
डॉ0 राजीव मिश्र, (उ0प्र0 रत्‍न), संपादक, अनेक पत्र/ पत्रिकायें, कानपुर
डॉ0 हरिओम त्रिपाठी, एसोसिएट प्रोफेसर पीजी एण्‍ड रिसर्च डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी, टी.डी. पी.जी. कॉलेज, जौनपुर
डॉ0 गजानन मिश्र, रानी दुर्गावती वि0वि0 जबलपुर
डॉ रानू शर्म, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, के ऐ (पी जी) कॉलेज, कासगंज
श्री राजेश जयसवाल, चलचित्र एवं धारावाहिक निर्माता एवं समाजसेवी
डॉ0 प्रेमलता, एसो0प्रो0 हिन्‍दी, बुन्‍देलखण्‍ड वि0वि0, झांसी।
डॉ0 श्‍वेता तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर, ए0पी0 सेन पीजी कालेज, लखनऊ
डॉ0 मणीन्‍द्र तिवारी, डी0ए0वी0 पीजी कालेज, लखनऊ (लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ)
मैं अपने अपने विचारों से कार्यक्रम को अभिसिंचित किया।

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महिला अधिकारियों को भारतीय सेना में स्थायी कमीशन प्रदान करने के लिए चयन बोर्ड की कार्यवाही शुरू

भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (पीसी) प्रदान करने की जांच के लिए गठित विशेष नंबर 5 चयन बोर्ड ने 14 सितंबर 2020 को सेना मुख्यालय में कार्यवाही शुरू की। बोर्ड का नेतृत्व एक वरिष्ठ जनरल अधिकारी करता है। बोर्ड में ब्रिगेडियर रैंक की एक महिला अधिकारी भी शामिल होती है। प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए महिला अधिकारियों को पर्यवेक्षकों के रूप में कार्यवाही को देखने की अनुमति दी गई है।

      स्क्रीनिंग प्रक्रिया में सफलता प्राप्त करने वाली महिला अधिकारियों को न्यूनतम स्वीकार्य चिकित्सा श्रेणी में पाये जाने के बाद स्थायी कमीशन प्रदान किया जाएगा।

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