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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में उर्सला अस्पताल के सहयोग से, कॉलेज हॉल में  कॉलेज के छात्रों और अध्यापको के लिए एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोज।

कानपुर 12 , क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में उर्सला अस्पताल के सहयोग से, कॉलेज हॉल में  कॉलेज के छात्रों और अध्यापको के लिए एक दिवसीय मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोज।
कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस कॉलेज इकाई की स्वास्थ्य शिविर संयोजिका डॉ सुनीता वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग ने डॉक्टरों और मेडिकल टीम का स्वागत किया और पूरे सत्र का संचालन किया।
शिविर की शुरुआत रसायन विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉश्वेता चंद ने बोदरा, अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख ने आम लोगों की भलाई और सुरक्षा के लिए ईश्वर् से प्रार्थना की ।
प्राचार्य डॉ जोसेफ डैनियल ने कहा कि सभी को नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए क्योंकि इस तनावपूर्ण दुनिया का यह एक अनिवार्य हिस्सा है। उन्होंने जोर दिया कि “स्वच्छता भगवान की भक्ति के समान है” और इस प्रकार हर एक को अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की उचित देखभाल करनी चाहिए ।
डॉ एस के निगम इस बात पर जोर दिया कि हर व्यक्ति को धूम्रपान, मद्यपान और तंबाकू चबाने आदि के प्रति मोह से बचना चाहिए । इससे व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।

डॉ संदीप कुमार सिंह , डॉ सुनील पाठक , डॉ अरुण यादव , डॉ आवदेश जी प्रोग्राम में उपस्थित हुए
सभी ने मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपनी परेशानी का हल निकालने के लिए उर्स ला अस्पताल के मन कक्ष में आने की सलाह दी, अर्थशास्त्र विभाग की प्रमुख,  एसोसिएट प्रोफेसर सबीना बोधरा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर के भाैतिक विज्ञान विभाग, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन

भौतिक विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर व्याख्यान कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। इसका उदघाटन आज गूगल मीट प्लेटफार्म पर डाo सबीना बोदरा, विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग द्वारा ईश वंदना से प्रारंभ हुआ।

कार्यशाला का विषय प्रवर्तन करते हुए भौतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवम समन्वयक डाo राजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि क्वांटम भौतिकी का उद्गम कैसे हुआ तथा विगत 100 वर्षों में आज उसके विभिन्न अनुप्रयोग जैसे Quantum computing, Quantum cryptography आदि कितने महत्वपूर्ण है कि उसके विकास के लिए प्रकाश तरंगों तथा उनकी मूलभूत क्वान्टम विशेषतायो का प्रयोग किया जाता है ।मुख्य अतिथि प्रोo एच० एस० मनि, सेवानिवृत्त IIT, Kanpur + निदेशक, HRI, Allahabad तथा वर्तमान में Adjunct Professor, CMI ने आज के युग को क्वांटम भौतिकी का युग बताया तथा इस प्रकार की कार्यशालाओ के संपादन के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि बदलते परिवेश में हमें भी सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्वान्टम कंप्यूटिंग असीमित संभावनाओं वाली टेक्नोलॉजी है। क्वांटम संचार प्रणाली बैंकिंग, रक्षा व सामरिक एजेंसियों के लिए सुरक्षित संचार स्थापित करने में अत्यंत कारगर साबित होगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोo अनिर्बान पाठक, FNA, जेपी यूनिवर्सिटी नोएडा और प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA, मुंबई विश्वविद्यालय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि क्वान्टम तकनीकियों में क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम प्रकाशिकी, क्वांटम सूचना प्रसंस्करण, क्वांटम इंटरनेट और क्वांटम कृत्रिम बुद्धिमत्ता शामिल है। कालेज के प्राचार्य डाo जोसेफ डेनियल ने कहा कि क्वान्टम कार्यशाला केवल भौतिक विज्ञान के छात्रों और शिक्षकोंके लिए ही नहीं बल्कि रसायन, जीव विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के लिए भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने इस विशेष विषय पर कार्यशाला के कालेज में आयोजन के लिए तीनों विज्ञान अकादमी का आभार व्यक्त किया। अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कालेज प्रबंधन समिति के सचिव रेवo सैमुएल पाल लाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बयाया कि आज का क्वांटम कंप्यूटर किसी भी ऐसी गणना को कर सकता है जिसमे आधुनिक सुपर कंप्यूटर करने में सक्षम नहीं है। इसीलिए पिछले वित्त वर्ष में हमारी सरकार ने 8000 करोड़ खर्च का एलान क्वान्टम टेक्नालॉजी के लिए किया था। कार्यशाला का धन्यवाद प्रस्ताव एवम कुशल संचालन उप समन्वयक डाo सत्य प्रकाश सिंह ने किया।

पहले तकनीकी सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA ने दो व्याख्यानों में क्वांटम भौतिकी के मूल सिद्धांतों को विस्तार में पढ़ाया।

दूसरे तकनीकी सत्र के प्रथम व्याख्यान में प्रोo अनिर्बान पाठक, FNA, जेपी यूनिवर्सिटी नोएडा ने क्वांटम प्रयोगशाला के मूल अंग क्वान्टम गेट, क्वान्टम परिपथ द्वारा क्वांटम कंप्यूटर की संकल्पना को परिलक्षित किया।

दूसरे व्याख्यान में हरीश चंद्र अनुसंधान संस्थान, प्रयागराज की शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार विजेता प्रोo अदिति सेन डे ने क्वांटम संचार विषय को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार क्वांटम संचार अधिक सुरक्षित है ।क्वांटम संचार एप्लाइड क्वांटम भौतिकी का एक क्षेत्र है, जो क्वांटम सूचना प्रसंस्करण और क्वांटम टेलीपोर्टेशन से सम्बंधित है। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोग क्वांटम क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग कर सूचना चैनलों की होने वाली जासूसी को रोकना है। क्वांटम क्रिप्टोग्राफी का सबसे विकसित अनुप्रयोग क्वांटम कुंजी वितरण (QAD) है। इस प्रणाली के संचालन में दो पक्ष एकल फोटॉन (एक क्वांटम कण) का उपयोग करते हैं, विभिन्न QAD इस तरह से डिज़ाइन किये जाते है कि संचार में उपयोग होने वाले फोटॉन में किसी प्रकार की हेराफेरी होने पर सम्पूर्ण संचार प्रणाली को रोका जा सके। इस कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों के 200 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उदघाटन समारोह में कालेज परिवार के वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रोo नलिन कुमार, डाo शिप्रा श्रीवास्तव, राजनीति विभाग के अध्यक्ष डाo आशुतोष सक्सेना, दर्शन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष

डाo दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, गणित विभाग के अध्यक्ष डाo आरo केo जुनेजा, रसायन विज्ञान की डाo मीतकमल, भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोo आरo पीo महलवाल तथा डाo मनीष कपूर आदि उपस्थित रहे। कार्यशाला का तकनीकी संचालन श्री अतहर रशीद द्वारा किया जा रहा है।

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रजतश्री फाउंडेशन 51 महिलाओं एवं बालिकाओं को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट करके सम्मानित किया

कानपुर नगर मोती झील स्थित लाजपत भवन  में महिला दिवस के अवसर पर रजत श्री फाउंडेशन के द्वारा समाज ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया! रजतश्री फाउंडेशन ने 51 महिलाओं एवं बालिकाओं को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट करके सम्मानित किया,  अतिथि के रुप में एमएलसी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सलिल विश्नोई जी ने भी महिलाओं को सम्मानित किया! रजत श्री फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अरविंद सिंह एवं श्रीमती दीप्ति सिंह ने आए हुए सभी अतिथि विशिष्ट अतिथियों का मंच पर स्वागत किया!

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क्षेत्रीय कृषि मेला, महिला दिवस समारोह व विभिन्न भवनों का शुभारंभ

केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल द्वारा आयोजित क्षेत्रीय कृषि मेला, महिला दिवस समारोह एवं वि.वि. के 9 भवनों व शोध प्रक्षेत्र का शुभारंभ सोमवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सहित पूरी सरकार दिन-रात काम कर रही हैं। श्री तोमर ने कहा कि नए कृषि सुधार कानूनों से खेती-किसानी के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन व किसानों को व्यापक लाभ होगा और बिचौलियों का भी सफाया होगा।

इस केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का यह चौदहवां मेला है, जो “कृषि जीवंतता एवं आत्मनिर्भर पूर्वोत्तर पर्वतीय क्षेत्र” जैसे विषय को केंद्र में रखकर आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बिरेन सिंह, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य सभा व लोक सभा सदस्य, अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, वैज्ञानिक, पद्मश्री से विभूषित क्षेत्र की महिलाएं, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा के अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं तथा किसान उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए बोले- कहा गया है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः, अर्थात जहां नारी या महिला को सम्मान दिया जाता है, वहां ईश्वर का वास होता है। इस लिहाज से समस्त पूर्वोत्तर भारत एक मिसाल है, जहां कोई लिंग भेद नहीं दिखता। यहां की महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विकास कार्यों में योगदान देती हैं। परिवार में कोई भी निर्णय लेने में भी परिजन महिलाओं की बात बराबरी से सुनी जाती है। यहां महिलाएं खेती, व्यापार व अन्य सभी कार्य बड़ी तल्लीनता से करती हैं। संपूर्ण पूर्वोत्तर भारत, देश ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने वाली महिलाओं से परिपूर्ण है, जिन पर गर्व है। श्री तोमर ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ को मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में और भी आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

श्री तोमर ने कहा कि पूर्वोत्तर में लाभकारी कृषि व जैविक एवं प्राकृतिक खेती की काफी संभावनाएं है। इस दिशा में वि.वि., राज्य व केंद्र सरकार पूरे प्रयास कर रहे हैं। बेहतर कृषि उत्पादन व निर्यात बढ़ सकें, इसके लिए प्रयत्नों को और आगे बढ़ाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के रूप में बड़ा सुरक्षा कवच दिया है, फरवरी-2021 तक किसानों ने लगभग 21 हजार करोड़ रू. प्रीमियम भरी, जिसके बदले उन्हें करीब 91 हजार करोड़ रू. का भुगतान दावों के रूप में किया जा चुका है। स्वाइल हेल्थ कार्ड की योजना भी प्रधानमंत्री जी के दृढ़ संकल्प के कारण प्रारंभ हुई है, जिसके अंतर्गत अभी तक 11.93 करोड़ किसानों को कार्ड दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में शुरू हुई थी, जिसका बजट मोदी जी ने केंद्र सरकार में आने के बाद बढ़ाकर अब साढ़े 16 लाख करोड़ रूपए कर दिया है। इसके माध्यम से करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है व फसल ऋण बिना किसी गारंटी के 4% ब्याज दर पर दिया जा रहा है। हमारे देश में लगभग 86 प्रतिशत छोटे व सीमांत किसान हैं, जिन्हें संगठित करके लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने 10 हजार किसान उत्पादक संगठन बनाने की महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ की है। इस पर 5 साल में 6,865 करोड़ रू खर्च किए जाएंगे। उन्होंने किसानों से इसमें सहभागिता की अपील की। इसी तरह, पीएम किसान सम्मान निधि, मोदी जी की सरकार की ऐतिहासिक योजना है, जिसमें पौने 11 करोड़ किसानों को 1.15 लाख करोड़ रू. से ज्यादा राशि उनके बैंक खातों में दी जा चुकी हैं।

श्री तोमर ने कहा कि नए कृषि सुधार कानून किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने वाले है, खेती-किसानी में आमूलचूल परिवर्तन करने वाले है। इनके माध्यम से मंडियों के बाहर कृषि उपज की खरीद-बिक्री पर कोई टैक्स नहीं होगा, कोई रोक-टोक नहीं होगी, बिचौलियों का सफाया होगा, फसल के पहले ही औसत मूल्य की गारंटी मिल जाएगी। कांट्रेक्ट फार्मिंग की ठोस-पारदर्शी व्यवस्था की गई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान में, कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में 1 लाख करोड़ रू. दिए गए है, वहीं सम्बद्ध क्षेत्रों को भी 50 हजार करोड़ रू. से ज्यादा दिए हैं। श्री तोमर ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले पूर्वोत्तर राज्यों का इतना ध्यान नहीं रखा जाता था, लेकिन मोदी जी के आने के बाद उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि इन राज्यों में भी केंद्र की योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत पहुंचे व सुशासन हो। विकास व संस्थाओं की दृष्टि से असंतुलन पाटने की कोशिश की गई है। हमारी सरकार पूर्वोत्तर के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। आवागमन व खेलों का विकास, युवा क्षमता विकास, कौशल आधारित उद्योगों का विकास, व्यापार एवं पर्यटन विकास आदि प्राथमिकताओं पर है।

कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार समूचे पूर्वोत्तर भारत में रेल लाइन का विस्तार कर रही हैं, जिसमें इम्फाल को भी जोड़ना प्राथमिकता है। हमारी सरकार एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत इम्फाल– मोरे–म्यांमार–थाईलैंड तक हाइवे का निर्माण शुरू कर चुकी है, जिसके लिए 7,707 करोड़ रू. का आवंटन किया है। सरकार की UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत यहां के हरेक प्रदेश को हवाई यात्रा की सुविधा सस्ते दर पर देने का कार्य किया जा रहा है, इस प्रकार मोदी जी की सरकार समूचे क्षेत्र को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बिरेन सिंह ने कहा कि कृषि मेला इस क्षेत्र के किसानों के लिए काफी लाभकारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी किसान भाई-बहन यहां प्रदर्शित तकनीक, कृषि की मशीनें, औजार एवं कृषि निवेशों के साथ साथ यहां के अनुसंधान क्षेत्र पर किए गए सजीव प्रदर्शन का भी अवलोकन करेंगे और इसका लाभ उठाएंगे। उन्होंने मेले के सफल आयोजन की कामना की। समारोह में वि.वि. की 9 इमारतों व शोध प्रक्षेत्र का अनावरण किया गया। ये हैं– मत्स्य आधारित समेकित मॉडल प्रक्षेत्र (लमफेलपट, इम्फाल), पुस्तकालय-सह-औषधालय, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (तुरा, मेघालय), नर्सरी विद्यालय, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (तुरा), खाद्य प्रसंस्करण इकाई, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (तुरा), एम.टी.टी.सी. सह वी.टी.सी. भवन, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय (तुरा), बालक छात्रावास, उद्यानिकी महाविद्यालय (थेनजाल, मिजोरम), बालिका छात्रावास, उद्यानिकी महाविद्यालय (थेनजा), एम.टी.टी.सी. सह वी.टी.सी. भवन, मात्स्यिकी महाविद्यालय (अगरतला, त्रिपुरा) तथा के.वी.के. प्रशासनिक भवन, मात्स्यिकी महाविद्यालय (सिपाहीजला, त्रिपुरा)।

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प्रधानमंत्री ने ‘’आजादी का अमृत महोत्सव’’ मनाने के लिए राष्ट्रीय समिति को संबोधित किया

स्वतंत्रता के 75 वर्ष का समारोह, आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय समिति की आज पहली बैठक आयोजित हुई। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पैनल को संबोधित किया। राज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, वैज्ञानिकों, अधिकारियों, मीडिया शख्सियतों, आध्यात्मिक नेताओं, कलाकारों तथा फिल्म से जुड़े व्यक्तियों, खिलाड़ियों तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों के विख्यात व्यक्तियों सहित राष्ट्रीय समिति के विभिन्न सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।

राष्ट्रीय समिति के जिन सदस्यों ने बैठक में इनपुट तथा सुझाव दिये, उनमें पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री श्री एच डी देवेगौड़ा, श्री नवीन पटनायक, श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, श्रीमती मीरा कुमार, श्रीमती सुमित्रा महाजन, श्री जे.पी. नड्डा, मौलाना वहीदुद्दीन खान शामिल थे। समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को “आजादी का अमृत महोत्सव” की योजना बनाने तथा इसके आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने महोत्सव के दायरे के और विस्तारित करने के लिए अपने सुझाव तथा इनपुट दिए। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसी और अधिक बैठकें होंगी तथा आज प्राप्त हुए सुझावों एवं इनपुटों पर विचार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश धूमधाम और उत्साह के साथ आजादी के 75 वर्ष का समारोह मनाएगा, जो ऐतिहासिक प्रकृति, गौरव और इस अवसर के महत्व के अनुकूल होगा। उन्होंने समिति के सदस्यों से प्राप्त होने वाले नए विचारों तथा विविध सोचों की सराहना की। उन्होंने आजादी के 75 वर्ष के महोत्सव को भारत के लोगों को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष का समारोह एक ऐसा समारोह होना चाहिए, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम की भावना, शहीदों को श्रद्धांजलि तथा भारत के निर्माण के उनके संकल्प का अनुभव किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस समारोह को सनातन भारत के गौरव की झलकियों तथा आधुनिक भारत की चमक को भी साकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समारोह को संतों की आध्यात्मिकता की रोशनी तथा हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा और ताकत को भी परिलक्षित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम विश्व के सामने इन 75 वर्षों की उपलब्धियों को भी प्रदर्शित करेगा तथा अगले 25 वर्षों के लिए हमारे लिए संकल्प करने की एक रूपरेखा भी प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी संकल्प बिना समारोह के सफल नहीं है। उन्होंने कहा कि जब कोई संकल्प समारोह का रूप ले लेता है तो लाखों लोगों की प्रतिज्ञा और ऊर्जा उसमें जुड़ जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 75 वर्षों का समारोह 130 करोड़ भारतीयों की भागीदारी के साथ किया जाना है तथा लोगों की यह भागीदारी इस समारोह के मूल में है। इस समारोह में 130 करोड़ देशवासियों की अनुभूतियां, सुझाव तथा सपने शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि 75 वर्षों के समारोह के लिए पांच स्तंभों का निर्णय किया गया है। ये हैं- स्वतंत्रता संग्राम, 75 पर विचार, 75 पर उपलब्धियां, 75 पर कदम तथा 75 पर संकल्प। इन सभी को 130 करोड़ भारतीयों के विचारों तथा भावनाओं में शामिल किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कम ज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने तथा लोगों को उनकी कहानियों के बारे में भी बताने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश का हर कोना देश के बेटों और बेटियों की शहादत से भरा हुआ है और उनकी कहानियां देश के लिए प्रेरणा का शाश्वत स्रोत होंगी। उन्होंने कहा कि हमें प्रत्येक वर्ग के योगदान को सामने लाना है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो पीढ़ियों से देश के लिए बहुत महान कार्य कर रहे हैं, उनके योगदान, विचार तथा सोच को राष्ट्रीय प्रयासों के साथ समेकित किये जाने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक समारोह स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरे करने, ऐसी ऊंचाई पर भारत को पहुंचाने, जिसकी उन्होंने कल्पना की थी, को लेकर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश ऐसी चीजें अर्जित कर रहा है, जिसके बारे में कुछ वर्ष पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह समारोह भारत के ऐतिहासिक गौरव के अनुरूप होगा।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर ने महिला सप्ताह का आयोजन किया

कानपुर 8 मार्च क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के महिला प्रकोष्ठ ने   महिला सप्ताह का आयोजन किया – जिसमें मानसिक क्षमता से लेकर आत्मरक्षा के साथ-साथ लैंगिक समानता पर सामान्य जागरूकता कार्यक्रम: 2 – 8 मार्च, 2021 तक “मिशन शक्ति” – महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की एक पहल, के तत्वावधान में विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया गया।
महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका, डॉo शिप्रा श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, एवं समन्वयक डॉo मीतकमल, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग ने 2 जून 2021 को पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन करके सप्ताह भर चलने वाले उत्सव की शुरुआत की। विषय था – “महिलाएं, समाज का एक मजबूत स्तंभ”। निर्णायक डॉo सबीना बोदरा और डॉo मृदुला सैमसन थीं।

विजेता थे: प्रथम: ख़ुशी मल्होत्रा; द्वितीय: तरुण गर्ग; तृतीय: ज़ेबा
3 मार्च 2021 को, गूगल मीट प्लेटफ़ॉर्म पर “महिलाओं के भावनात्मक स्वास्थ्य” विषय पर एक वार्ता आयोजित की गई थी। यह वक्तव्य एच.एन.बी. गवर्नमेंट पी.जी. कॉलेज, नैनी, उत्तर प्रदेश कि एसोसिएट प्रोफेसर डॉo पूनम शुक्ला द्वारा दी गई थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अच्छा भावनात्मक स्वास्थ्य, चुनौतियों के बावजूद खुद को सर्वश्रेष्ठ देखने में मदद करता है। सकारात्मक दृष्टिकोण रखने से व्यक्ति अधिक ऊर्जावान महसूस करता है और ध्यान केंद्रित करने और अधिक स्पष्ट रूप से सोचने में मदद करता है, जबकि नकारात्मक भावनात्मक स्वास्थ्य, मानसिक संसाधनों को कम कर देता है और थकावट की ओर ले जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। आठ पुरुषों में से एक – (12%) की तुलना में लगभग पांच महिलाओं में एक – (19%) कॉमन मेंटल डिसऑर्डर (जैसे चिंता या अवसाद) से पीड़ित हैं। इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य हिंसा और दुर्व्यवहार के उनके अनुभवों से जुड़ा हुआ है।
4 मार्च 2021 को, महिला सशक्तिकरण से संबंधित विभिन्न विषयों पर एक आशु-भाषण (एक्सटेंपोर) का आयोजन किया गया था। छात्रों ने अपने शब्दों के माध्यम से अपनी धारणा प्रस्तुत की। इस कार्यक्रम का समन्वयन, डॉo विभा दीक्षित और डॉo अनिंदिता भट्टाचार्य ने किया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉo आशुतोष सक्सेना और डॉo सोफिया शहाब ने किया। विजेता थे: प्रथम: ख़ुशी मल्होत्रा; द्वितीय: राकेश; तृतीय: रैना
5 मार्च 2021 को एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का समन्वयन डॉo अनिंदिता भट्टाचार्य और डॉo श्वेता चंद ने किया। विजेता थे:
प्रथम: सुधाकर चौधरी; द्वितीय: अभिषेक पाल; तृतीय: अभिषेक गौतम और मानसी मिश्रा
अगला कार्यक्रम जूडो और ताइक्वांडो में राष्ट्रीय प्रशिक्षक श्री प्रयाग सिंह द्वारा आत्म-रक्षा प्रशिक्षण था। यह कार्यक्रम 6 मार्च 2021 को कॉलेज हॉल में आयोजित किया गया था।
सप्ताह भर चलने वाला कार्यक्रम 8 मार्च 2021 को एक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कॉलेज के छात्रों द्वारा दिए गए ज्ञानवर्धक संदेश के साथ समाप्त हुआ। डॉo मीतकमल के कुशल मार्गदर्शन में इस कार्यक्रम को शानदार ढंग से लिखा गया और प्रदर्शित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत कॉलेज के सेक्रेटरी गवर्निंग बॉडी, रेवo सैमुअल पॉल लाल द्वारा की गई प्रार्थना के बाद हुई, जिसके बाद प्रिंसिपल डॉo जोसेफ डैनियल द्वारा दिया गया संबोधन था। उन्होंने महिला प्रकोष्ठ और साहित्यिक क्लब को उनकी पहल के लिए बधाई दी। उन्होंने छात्रों को महिला दिवस के इतिहास के बारे में भी बताया और छात्राओं को समाज में व्याप्त कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, कॉलेज लिटरेरी क्लब ने “बोल के लब अज़ाद है तेरे” नामक एक महिला केंद्रित संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया। इसकी अवधारणा साहित्य क्लब के संयोजक, डॉo अवधेश मिश्रा और सुश्री शेरोन लाल ने की थी।
वनस्पति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉo जेड. एच. खान ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से  श्री नलिन श्रीवास्तव, डॉ विभा दीक्षित, डॉ अरवििंद सिंह, आर.के. जुनेजा, डॉo सुजाता चतुर्वेदी, डॉo संगीता गुप्ता और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।

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महिला दिवस * डॉक्टर मीनाक्षी निरंतर जरूरतमंदो की सेवा में तत्पर

डॉक्टर मीनाक्षी जी की संस्था मीनाक्षी अरविंद फाउंडेशन के माध्यम से विगत १० साल से समाज के उन बचपन को संवारने का कार्य करता आ रहा है जों कचरे के ढ़ेर से कुछ काम की वस्तु खोजने का या फिर मंदिर या लाल बत्ती पर भीख मांगते है,,,,उनकी शिक्षा, सेहत और पर्यावरण के साथ सेव अर्थ में सहयोग करने का आगे बढ़ रही है ,, मीनाक्षी मोहिनी मंजरी जी को उस समय बड़ी ही ख़ुशी होती है जब संघर्ष के दौर से गुज़र कर अपने आप ही ख़ुद को स्थापित करती है और मेहनत और ज्ञान के साथ साथ अपनी प्रतिभा से आपने काम को राष्ट्रिय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन और सराहना प्राप्त करती है,, मीनाक्षी अरविंद फाउण्डेशन के माध्यम से समाज के उस वर्ग को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है, और सभी संस्था और मीनाक्षी मोहिनी मंजरी जी का साथ भी दे रहे है ,,साथ ही उनके लेखन और साहित्य को विश्व हित की भावना से देखा जाता है और साथ ही बहुत से सम्मान और उपाधि से सम्मानित किया। संस्था और मीनाक्षी जी फेसबुक तथा अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया से जुड़ी हुई है,,, और दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली मानवीय संवेदना और मन को झकझोरने वाली घटना पर उनकी कलम ख़ुदबखुद उतारती रहती है। आप सभी ऐसी ही साथ रह कर आशीर्वाद देते रहिए,,,,,,,जो मित्र इस मुहिम से जुड कर साथ देना चाहते हो वह सम्पर्क करिए,,9997176673, पर,धर्मप्रचार एवं प्रसार के लिए विभिन्न उपाधियों से अलंकृत किए जा चुकी पूज्या ,ब्रज रतन,भागवत मणि dr,मीनाक्षी मोहिनी मंजरी जीअपने जीवन में देश और दुनिया में शिक्षा और धर्म के प्रचार और आध्यात्म के क्षेत्र में कार्य के लिए सम्मानित किया जाता रहा हे
समाज के अभिजात्य वर्ग के सभी लोग महाराज जी को सम्मनित करते रहे है,, महाराज श्री भक्तों को जेसे डॉक्टर का काम है रोगी को स्वस्थ करना। ठीक इसी तरह समाज के लिए यही काम कर रही है ठाकुर जी ने भी हमें मानव की समस्याओं का ईलाज करने का कार्य दिया है। अगर किसी के शरीर में रोग लग जाएं तो इसे डॉक्टर ठीक करते हैं और अगर किसी के मन में रोग लग जाएं तो उसे भगवान की कथा और भजन ठीक करती है। महाराज जी अपने सभी सम्मान अपने माता पिता और गुरु को समर्पित करती हे,, और,,आपको बात दें की पूज्य महाराज जी ने विश्व में शांति का प्रचार प्रसार करने हेतु बचपन की उम्र में ही ठाकुर जी की सेवा और भागवत कथा अध्ययन शुरू कर दिया था। उन्होने देश और विदेश में प्रेरणादायी कथाओं का प्रारम्भ किया जो आज तक अनवरत चल रहा है।
पूज्य श्री महाराज को दिए गई सम्मान और उपाधि की श्रृंखला यहीं नहीं रूकती बल्कि अन्य सामाजिक संगठनों के द्वारा भी महाराज श्री को सम्मानित किया जा चुका है। अब मीनाक्षी अरविंद फाउंडेशन के माध्यम से अनेकों सामाजिक सेवा करके ब्रज के गौरव को बढ़ा रही है और अनेकों सम्मान से अलंकृत किया गया, समाज सेवा के कार्यों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के द्वारा सम्मानित किया गया। कई संस्थाओं द्वारा अलग अलग समय पर विशिष्ट सेवा सम्मान और अन्य उपाधियों से भी अलंकृत किया गया। केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी महाराज श्री को सम्मानित किया जा चुका है। धार्मिक प्रवचनों के माध्यम से विदेश में रह रहे लोगों को धर्म का मार्ग दिखाने के लिए प्रतिबद्ध है मथुरा में एक आश्रम, गौ शाला का निर्माण हो रहा है,,जिसमे निर्धन कन्या विवाह,,गरीब असहाय बच्चों के पढ़ाई लिखाई के साथ पुनर्बस्थापन का पुनीत कार्य किए जाने की योजना हे,,,आप सभी के सहयोग की अपेक्षा हे सभी सहयोग करे और आश्रम को सहयोग प्रदान करते हुए जुड़े,,,

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महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, गुजरात और कर्नाटक में दैनिक नए मामलों में बढोतरी का रुझान लगातार जारी

महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, गुजरात और कर्नाटक में कोविड के दैनिक नए मामलों में बढोतरी का रुझान लगातार जारी है। पिछले 24 घंटों में दर्ज किए गए नए मामलों में इन राज्यों का योगदान 85.95 प्रतिशत है

पिछले 24 घंटों में 14,989 नए मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में कल सबसे अधिक 7,863 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद केरल में 2,938 और पंजाब में 729 नए मामले सामने आए हैं।

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महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और कर्नाटक ने सप्ताहिक आधार पर नए मामलों में सबसे अधिक वृद्धि दर्शाई है।

मामलों की संख्या के हिसाब से अकेले महाराष्ट्र में 16,012 मामलों की साप्ताहिक वृद्धि हुई है।

प्रतिशत के रूप में, पंजाब ने 71.5 प्रतिशत (1,783 मामले) साप्ताहिक वृद्धि दर्ज की है।

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केंद्र लगातार अधिक संख्या में सक्रिय मामलों की जानकारी देने वाले और कोविड के दैनिक नए ​​मामलों में बढोतरी दर्ज कराने वाले राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ लगातार परामर्श कर रही है।  राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगातार कड़ी निगरानी करने की सलाह दी गई है, ताकि सामूहिक प्रयासों के लाभ कम न हो जाएं। प्रभावी परीक्षण, व्यापक ट्रैकिंग और संक्रमित मामलों के तुरंत आइसोलेशन तथा उनके निकट संपर्कों को जल्द से जल्द क्वारंटीन करने की जरूरत पर जोर दिया गया। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, और जम्मू-कश्मीर में उच्च स्तरीय टीम भेजी हैं जो कोविड​​-19 के मामलों में हाल ही में हुई बढोतरी के लिखाफ लड़ाई में मदद करेंगी। तीन सदस्यों की टीमों का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। वे राज्य स्वास्थ्य विभागों के साथ समन्वय से कोविड के मामलों में वृद्धि के कारणों का पता लगाएंगे और कोविड-19 के नियंत्रण और रोकथाम के उपायों के बारे में विचार-विमर्श करेंगे।

भारत का कुल सक्रिय मामलों की संख्या आज 1,70,126 तक पहुंच गई है। भारत में वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या देश के कुल संक्रमित मामलों की केवल 1.53 प्रतिशत है।

नीचे दिया गया ग्राफ़ पिछले 24 घंटों में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के लिए सक्रिय मामलों में परिवर्तन को दर्शाता है। जबकि केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामलों में कमी दिखाई दी है। महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, कर्नाटक और गुजरात में इसी अवधि के दौरान सक्रिय मामलों में वृद्धि देखी गई है।

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जैसा कि नीचे दिए गए चार्ट में दर्शाया गया है कि आठ राज्यों में दैनिक नए मामलों में बढोतरी का रूख जारी है।

 

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कोविड-19 टीकाकरण की दूसरी खुराक 13 फरवरी, 2021 को उन लाभार्थियों के लिए शुरू हुई, जिन्हें पहली खुराक मिलने के बाद 28 दिन पूरे हो गए हैं। एफएलडब्ल्यू का टीकाकरण 2 फरवरी 2021 को शुरू हुआ।

कोविड -19 टीकाकरण का अगला चरण 1 मार्च, 2021 से शुरू हुआ। इस चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को और 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के उन लोगों को टीके लगाए जा रहै हैं जो गंभीर रूप से बीमार हैं।

आज सुबह 7 बजे तक अस्थायी रिपोर्ट के अनुसार 3,12,188 सत्रों के माध्यम से 1.56 करोड़ (1,56,20,749) से अधिक वैक्सीन की खुराक दी गईं। इनमें 67,42,187 एचसीडब्ल्यू (पहली खुराक), 27,13,144 एचसीडब्ल्यू (दूसरी खुराक), 55,70,230 एफएलडब्ल्यू (पहली खुराक) और 834 एफएलडब्ल्यू (दूसरी खुराक), 45 वर्ष से अधिक आयु के गंभीर रोगों से ग्रस्त 71,896 लाभार्थी (पहली खुराक) और 60 वर्ष से अधिक आयु वाले 5,22,458 लाभार्थियों को दी गई खुराक शामिल हैं।

एचसीडब्ल्यू एफएलडब्ल्यू 45 से 60 वर्ष के कम गंभीर बीमार लाभार्थी 60 वर्ष के अधिक आयु के लाभार्थी कुल
पहली खुराक दूसरी खुराक पहली खुराक दूसरी खुराक पहली खुराक पहली खुराक
67,42,187 27,13,144 55,70,230 834 71,896 5,22,458 1,56,20,749

टीकाकरण अभियान के 46वें दिन (2 मार्च, 2021) तक कुल 7,68,730 वैक्सीन की खुराक दी गईं। जिसमें से 6,52,501 लाभार्थियों को पहली खुराक (एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्ल्यू) के 10,527 सत्रों में टीके लगाए गए और 1,16,229 एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्ल्यू को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी गई।

दिनांक : 2 मार्च , 2021
एचसीडब्ल्यू एफएलडब्ल्यू 45 से 60 वर्ष से कम आयु के गंभीर रोगग्रस्त लाभार्थी 60 वर्ष से अधिक आयु के लाभार्थी कुल उपलब्धि
पहली खुराक दूसरी खुराक पहली खुराक दूसरी खुराक पहली खुराक पहली खुराक पहली खुराक दूसरी खुराक
37656 115395 227762 834 47617 339466 652501 116229

अभी तक कोविड के 1.08 करोड़ (1,08,12,044) से अधिक रोगी ठीक हो चुके हैं। पिछले 24 घंटों में 13,123 मरीज ठीक हुए हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी मिली है।

86.58 प्रतिशत ठीक हुए नए मामले 6 राज्यों से संबंधित हैं।

महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे अधिक 6,332 नए मरीज ठीक हुए हैं। केरल में 3,512 रोगी तथा तमिलनाडु में 473 रोगी ठीक हुए हैं।

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पिछले 24 घंटों में कोविड से 98 लोगों की मौत हुईं है।

88.78 प्रतिशत मौत के नए मामले चार राज्यों से संबंधित हैं। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 54 मरीजों की मौत हुईं। केरल में कल 16 और पंजाब में 10 लोगों की जान गई।

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चौबीस राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से किसी भी व्यक्ति की मौत होने की सूचना नहीं मिली है। ये राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हैं- मध्य प्रदेश, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, झारखंड, गोवा, बिहार, पुदुचेरी, हिमाचल प्रदेश, असम, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, त्रिपुरा, नागालैंड और अंडमान निकोबार द्वीप समूह।

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सरकार ने बीमा सेवा की खामियों के संबंध में पॉलिसीधारकों की शिकायतों के बेहतर समाधान के लिए बीमा लोकपाल नियमों में संशोधन किया

सरकार ने बीमा सेवाओं की खामियों के संबंध में शिकायतों के समय पर, लागत प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से समाधान की सुविधा के लिए बीमा लोकपाल तंत्र की कार्यविधि को बेहतर बनाने की दृष्टिकोण के साथ बीमा लोकपाल नियमावली 2017 में 2 मार्च 2021 को व्यापक संशोधनों को अधिसूचित किया है।

पहले सेवा में बीमा कर्मचारियों, एजेंटों, ब्रोकरों और अन्य बिचौलियों की सेवा में खामियों की ही लोकपाल को शिकायतें की जाती थी, लेकिन संशोधित नियमों ने लोकपाल के शिकायत के दायरे को बढ़ा दिया है। इसके अलावा बीमा ब्रोकरों को भी लोकपाल तंत्र के दायरे में लाया गया है और बीमा ब्रोकरों के खिलाफ अवार्ड पारित करने के लिए लोकपालों को सशक्त बनाया गया है।

संशोधित नियमों के तहत, अब यह तंत्र काफी सीमा तक समयबद्धता और लागत-प्रभावी रूप से मजबूत हुआ है। अब पॉलिसीधारक लोकपाल को अपनी शिकायतें इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सक्षम हो जाएंगे और शिकायत प्रबंधन प्रणाली का निर्माण किया जाएगा ताकि पॉलिसीधारक अपनी शिकायतों की स्थिति का ऑनलाइन पता लगा सके। इसके अलावा, लोकपाल सुनवाई के लिए वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग का भी उपयोग कर सकते हैं। अगर किसी विशेष लोकपाल का पद रिक्त है तो उस स्थिति में लोकपाल तंत्र के माध्यम से शिकायतकर्ता को राहत पाने में सक्षम बनाने के लिए उस रिक्त पद को भरने तक लंबित रखते हुए किसी अन्य लोकपाल को अतिरिक्त प्रभार सौंपने का भी प्रावधान किया गया है।

लोकपाल चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए कई संशोधन किए गए हैं। एक लोकपाल के रूप में सेवा करते हुए नियुक्त व्यक्तियों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों का भी सृजन किया गया है। इसके अलावा, चयन समिति में अब बीमा क्षेत्र में उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने या उपभोक्ता संरक्षण के मामलों को आगे बढ़ाने में ट्रैक रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। लोकपाल तंत्र को बीमा कंपनियों की कार्यकारी परिषद द्वारा प्रबंधित किया गया था, जिसका नाम बदलकर बीमा लोकपाल परिषद कर दिया गया है।

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उद्योग मंथन: भारतीय उद्योग में गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित मैराथन वेबिनार संपन्न (4 जनवरी-2 मार्च 2021)

प्रधानमंत्री मोदी ने गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने को लेकर स्पष्ट कहा था कि भारत के लिए ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ की सोच के साथ काम करने यह एक उचित अवसर समय है। उन्होंने भारतीय निर्माताओं और अन्य इंडस्ट्री लीडर्स से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि हमारे उत्पाद वैश्विक मानकों को पूरा करने में सक्षम हो।

प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरणा लेते हुए, उद्योग मंथन, जिसमें निर्माण और सेवाओं के सभी प्रमुख क्षेत्रों में गुणवत्ता और उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए 46 क्षेत्रों को कवर करने वाले मैराथन वेबिनार की शुरुआत 4 जनवरी 2021 से हुई। उद्योग और आंतरिक व्यापार के संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने डीओसी, क्यूसीआई, एनपीसी, बीआईएस, इंडस्ट्री चैम्बर और संभी संबंधित मंत्रालयों के साथ मिलकर एक कलेक्टिव एक्सरसाइज शुरू किया। 2 मार्च, 2021 को आयोजित वेबिनार श्रृंखला के बिदाई सत्र में, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश और केंद्रीय रेल, वाणिज्य तथा उद्योग, उपभोक्ता कार्य तथा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विशेष मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा किनोट एड्रेस को संबोधित किया गया।

पिछले आठ हफ्तों के दौरान, विभिन्न विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के 46 सत्रों में ऑटोमोबाइल, स्टील, फार्मा, रक्षा, सीमेंट, कपड़ा, रसायन, पर्यटन/आतिथ्य, वित्तीय सेवा, जैव प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा सहित जीडीपी को कवर करने वाले लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्रों को इस वेबमिनार में शामिल किया गया। 393 स्पीकर को विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर 17,000+ दर्शकों ने सुना और देखा और लगभग 65 लाख+ सोशल मीडिया इंप्रेशन मिले। इस मैराथन वेबिनार का रिस्पांस काफी शानदार रहा। उत्पादों की गुणवत्ता और इकाइयों की उत्पादकता से संबंधित मुद्दों पर सेक्टर विशेष वेबिनार में चर्चा की गई।

इन सत्रों का नेतृत्व संबंधित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया, क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा संचालित किया गया और अनुभवी और विशेषज्ञ पैनलिस्टों द्वारा विचार-विमर्श किया गया। सत्र को यूट्यूब, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम किया गया। कई हाई- प्रोफाइल अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं और विशेषज्ञों ने गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के लिए वैश्विक मानदंडों पर अपने मूल्यवान विचार साझा किए। सभी प्रमुख क्षेत्रों के लिए मिली सिफारिशों को जल्द प्रकाशित करने के लिए एक क्षेत्रवार संकलन में सम्मलित किया जा रहा है।

श्री पीयूष गोयल ने कहा, “गुणवत्ता कोई संयोग नहीं है, यह बहुत ही मेहनत से किए गए प्रयास का परिणाम है”। इसकी कभी कोई कीमत नहीं होती है और यह हमेशा एक जीत जैसा है। गुणवत्ता उत्पादकता को बढ़ाती है, लागत में कमी लाती है, दक्षता बढ़ाती है, पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को वितरित करती है, स्थिरता लाती है, खराब चीज को हटाती है और विकास को गति देती है। उन्होंने जोर दिया, “अगर हम मेक इन इंडिया चाहते हैं तो गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करना होगा।” उन्होंने राष्ट्र से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ‘ब्रांड इंडिया’ की पहचना गुणवत्ता और इसकी कम लागत से होनी चाहिए। भारतीय उत्पाद उच्च गुणवत्ता के आधार पर दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ कदमताल करें। उन्होंने डीपीसीआई के साथ-साथ डीओसी, क्यूसीआई, एनओसी, बीआईएस, अन्य मंत्रालयों और आयोजकों द्वारा इस भव्य पैमाने के ‘उद्योग मंथन’ के संचालन के प्रयासों की सराहना की।

मंत्री ने कहा कि यह पहल देश में एक गुणवत्ता और उत्पादकता क्रांति की शुरुआत है, जो भारत की नियति को बदल सकती है और आगे प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के सपने को सकार करेगा।

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