20 सितंबर 2020, डीएवी पीजी कॉलेज लखनऊ में एक राष्ट्रीय वेबिनार ” परहित सरिस धर्म नहिं भाई। पर पीड़ा सम नहिं अधमाई ।।” वर्तमान सामाजिक परिप्रेक्ष्य में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया
आयोजन में संपूर्ण भारत के लगभग 200 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की कार्यक्रम का संचालन वेबीनार के संयोजक डॉ संजय तिवारी ने किया सभी वक्ताओं ने विषय की सार्थकता के परिप्रेक्ष्य में अपने अपने उत्कृष्ट, अतुलनीय विचार प्रकट किए इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रबंधक श्री मनमोहन तिवारी तथा प्राचार्य डॉक्टर अंजनी कुमार मिश्रा के साथ-साथ
डॉ0 राधाकृष्ण दीक्षित, एसोसिएट प्रोफेसर, के.ए.पीजी कालेज, कासगंज
डॉ0 अमिता दूबे, संपादक, उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, लखनऊ
डॉ0 डी0एस0 राजपूत, प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, समाजशास्त्र, समाजकार्य विभाग, डॉ0 एच0एस0 गौर वि0वि0, सागर (म0प्र0)
डॉ0 पी0के0 गुप्ता, समाजशास्त्र विभाग, लखनऊ वि0वि0, लखनऊ
डॉ0 शिव कुमार त्रिपाठी, सहा0 आयुक्त स्टाम्प/ सहा0 महानिरीक्षक निबन्धन, गौतमबुघ्द नगर
डॉ0 कुमुद श्रीवास्तव, मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता, लखनऊ
डॉ0 राजीव मिश्र, (उ0प्र0 रत्न), संपादक, अनेक पत्र/ पत्रिकायें, कानपुर
डॉ0 हरिओम त्रिपाठी, एसोसिएट प्रोफेसर पीजी एण्ड रिसर्च डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी, टी.डी. पी.जी. कॉलेज, जौनपुर
डॉ0 गजानन मिश्र, रानी दुर्गावती वि0वि0 जबलपुर
डॉ रानू शर्म, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, के ऐ (पी जी) कॉलेज, कासगंज
श्री राजेश जयसवाल, चलचित्र एवं धारावाहिक निर्माता एवं समाजसेवी
डॉ0 प्रेमलता, एसो0प्रो0 हिन्दी, बुन्देलखण्ड वि0वि0, झांसी।
डॉ0 श्वेता तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर, ए0पी0 सेन पीजी कालेज, लखनऊ
डॉ0 मणीन्द्र तिवारी, डी0ए0वी0 पीजी कालेज, लखनऊ (लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ)
मैं अपने अपने विचारों से कार्यक्रम को अभिसिंचित किया।