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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे सड़क के किनारे सुविधाओं के लिए ऑनबोर्डिंग सेवा प्रदाताओं के लिए ‘हमसफर नीति’ का अनावरण किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने श्री अजय टम्टा, राज्य मंत्री की उपस्थिति में राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा की सुविधा बढ़ाने और सड़क के किनारे सुविधाओं के विकास में तेजी लाने के लिए आज नई दिल्ली में ‘हमसफर नीति’ का शुभारंभ किया।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने अनावरण के अवसर पर कहा कि इस पहल से समाज के स्थानीय सीमांत वर्ग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि यह योजना उपयोगकर्ताओं के लिए सुगम, सुरक्षित और सुखद यात्रा की सुविधा प्रदान करने में मदद करेगी। यह पर्यावरण के अनुकूल और पारिस्थितिकी तथा स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस नीति को तैयार करते समय जल संरक्षण, मृदा संरक्षण, अपशिष्ट पुनर्चक्रण,  सौर ऊर्जा आदि को ध्यान में रखा गया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि वे इस नीति के माध्यम से यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एनएचएआई के कई हरित राजमार्गों की योजना बनाई गई है,  जिसमें कई सुविधाओं को ध्यान में रखा गया है।

उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थापित पेट्रोल पंप मालिकों से कहा कि वे मानकों के अनुसार पेट्रोल पंप पर बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि इस नीति के तहत फूड कोर्ट, कैफेटेरिया, फ्यूल स्टेशन, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, पार्किंग,  शौचालय सुविधा,  बेबी केयर रूम, एटीएम, वाहन मरम्मत की दुकान,  फार्मेसी सेवाएं राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित करेंगी।

इस अवसर पर सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने कहा कि श्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में 1.5 लाख किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के मार्गदर्शन ने कई बाधाओं के बावजूद देश में बुनियादी ढांचे को बदल दिया है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी और राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा ने प्रदर्शित प्रदर्शनी को भी देखा।

इस नीति का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर मौजूदा और आने वाले सेवा प्रदाताओं को शामिल करके यात्रियों को मानकीकृत, सुव्यवस्थित और स्वच्छ सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक ढांचा प्रदान करना है। भोजनालयों, ईंधन स्टेशन और ट्रॉमा सेंटर की श्रेणियों के तहत मौजूदा और आने वाले सेवा प्रदाता हमसफ़र नीति के तहत पंजीकरण के लिए पात्र होंगे। नीति का उद्देश्य सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाना है। पंजीकृत सेवा प्रदाताओं को मौजूदा पहुंच अनुमति के नवीनीकरण के लिए शुल्क में छूट का लाभ मिलेगा और उन्हें दृश्यता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर अपने प्रतिष्ठान के साइनेज लगाने के लिए स्थान प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, सेवा प्रदाताओं को उनकी ऑनलाइन दृश्यता बढ़ाने के लिए एनएचएआई के ‘राजमार्ग यात्रा’ मोबाइल ऐप पर दिखाया जाएगा।

‘हमसफर नीति’ से यात्रियों को मानकीकृत, सुव्यवस्थित और स्वच्छ सुविधाएं मिलने में मदद मिलेगी। यात्री ‘राजमार्ग यात्रा’ ऐप पर तुरंत अपने स्थान के पास संबंधित सेवा प्रदाताओं का विवरण प्राप्त कर सकेंगे। ऐप यात्रियों को मुद्दों की रिपोर्ट करने और प्रदान की गई सेवा और सुविधाओं को रेटिंग देने के लिए भी सशक्त करेगा। पंजीकृत सेवा प्रदाता एक्सेस अनुमतियों के लिए नवीकरण शुल्क की छूट का लाभ उठाने में सक्षम होंगे, यदि वे 3 या उससे अधिक की औसत रेटिंग बनाए रखते हैं।

नीति सुविधाओं के मानक को बनाए रखने और यात्रियों को गुणवत्ता सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए पंजीकृत सेवा प्रदाताओं की ‘निगरानी और निरीक्षण’ के लिए कड़े प्रावधानों की रूपरेखा भी तैयार करती है। प्राधिकरण द्वारा नियुक्त तृतीय पक्ष एजेंसी द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा। सेवा प्रदाताओं को उनकी रेटिंग 3-स्टार के औसत से कम होने पर ईमेल/एसएमएस अलर्ट भेजे जाएंगे और कम स्कोर वाली ऐसी सुविधाओं पर अधिक बार निरीक्षण किया जाएगा।

‘हमसफर नीति’ यात्रियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं का मानकीकरण करके और राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के समग्र यात्रा अनुभव को बढ़ाकर राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ विश्वस्तरीय सेवाएं स्थापित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।

इस कार्यक्रम में मंत्रालय में महानिदेशक और विशेष सचिव श्री डी. सारंगी,  एनएचएआई के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव और मंत्रालय तथा एनएचएआई, एनएचएलएमएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ वेसाइड फैसिलिटीज डेवलपर्स,  हॉस्पिटैलिटी कंपनियों, तेल विपणन कंपनियों, ईवी चार्जिंग कंपनियों, सलाहकारों और शिक्षाविदों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में आज कई योजनाओं का शुभारंभ व  500 किमी नयी पक्की सड़कों का शिलान्यास किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के भैरूंदा में ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण स्वरोजगार कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास सखी मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। 18 राज्यों के 100 समुदाय प्रबंधित प्रशिक्षण केंद्रों – सीएमटीसी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 500 किमी नयी पक्की सड़कों का शिलान्यास तथा ग्राम सड़क सर्वेक्षण एवं प्लानिंग टूल का शुभारंभ किया। साथ ही, मध्य प्रदेश के 5 नए आरसेती प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के लिए स्वीकृति भी दी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान, पंचायती राज मंत्री प्रहलाद पटेल , ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सहित मंत्रालय के कई अधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए। 

शिवराज सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अनेकों काम शुरू हुए हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण काम – पूरे देश में आज से कच्चे घर का सर्वे शुरू हो रहा है। जिनके नाम 2018 की पक्के घर की सूची में छूट गये थे अब उनके नाम शामिल किये जायेंगे। यह सर्वे 6 महीने के अन्दर पूरा कर लिया जायेगा ताकि कोई बहन और भाई वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि फोन, मोटर साइकिल या स्कूटर होने पर भी प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम जोड़ा जायेगा। लाडली बहना के साथ -साथ लखपति दीदी बनाने का अभियान भी पूरे देश में चलेगा। भारत सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में निरंतर काम कर रही है। लखपति दीदी का मतलब है हर एक बहन को प्रत्येक माह 10 हजार रूपये से ज़्यादा की आमदनी हो। पहले 10 हजार रूपये की आमदनी वाले को ही आवास योजना का लाभ मिलता था लेकिन अब 15 हजार प्रति मास आय होने पर भी नाम आवास योजना में जोड़ा जायेगा। लखपति दीदी अभियान के लिए 100 करोड़ रूपये दिये गये हैं। जिनकी ढ़ाई एकड़ तक सिंचित जमीन है और 5 एकड़ तक असिंचित जमीन होने पर भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा। किसानों के हित में कैबिनेट रोज़ फैसले कर रही है। सोयाबीन के दाम विदेशों से तेल आयात होने के कारण कम हो रहे थे। भारत सरकार ने विदेशों से आने वाले तेल पर साढ़े 27 प्रतिशत टैक्स लगा दिया जायेगा ताकि देश में सोयाबीन के दाम बढ़ें। केंद्र सरकार ने अनुमोदन दे दिया है अब मध्य प्रदेश में सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जायेगी। इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिये हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने इससे पहले मूंग की पूरी खरीद की है। बासमती धान पर मिनिमम एक्पोर्ट दर भी खत्म कर दी है। अब चावल विदेशों में जायेगा जिससे धान के दाम बढ़ेंगे। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों का भला करने वाली सरकार होती है तो किसान हितैषी फैसले किये जाते हैं। इस बार मसूर, उड़द, तुअर जितना पैदा होगा उतना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरा खरीदेंगे ताकि किसानों को उसके ठीक दाम मिलें। 109 बीजों की नई किस्में जारी की गई हैं जोकि कम समय में ज्यादा उपज देगी। रबी की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा होने वाली है। मेरे लिए आपकी सेवा ही भगवान की पूजा है। सिहोर ज़िला भी पीछे नहीं रहेगा। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पैसा देगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 3 लाख 68 हजार मकान ग़रीबों को मिले हैं जो कि राज्य सरकार देगी। आपकी सेवा ही मेरी जिन्दगी का मिशन है। केंद्र सरकार मध्य प्रदेश के लिए कोई भी कमी नहीं छोड़ेगी। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ग़रीब की सेवा होती रहेगी और खेती भी लगातार आगे बढ़ती रहेगी। हम आपकी आय दोगुनी करके दिखायेंगे। सीएम राज्य स्कूल और खुलेंगे। तेंदु पत्ते को बोनस देने के लिए भी मैं सरकार का अभिनंदन करता हूं। श्री शिवराज सिंह ने सभी उपस्थित लोगों को नवरात्र की शुभकामनाएं दीं।

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पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की 100 दिन की उपलब्धियां

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) ने 9 जून, 2024 से 17 सितंबर, 2024 की अवधि के दौरान महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल किए हैं। केन्द्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया और केंद्रीय शिक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार के मार्गदर्शन में मंत्रालय ने विकसित पूर्वोत्तर के निर्माण को पूरा करने के लिए अपनी 100 दिवसीय योजना बनाने में एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। उक्त अवधि के दौरान मंत्रालय की उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि नीतिगत सुधारोंप्रेरित पहलों के प्रभाव और नवीन विचारों पर मंत्रालय का ध्यान एक सशक्त पूर्वोत्तर भारत के निर्माण में दीर्घकालिक परिणाम देगा।

2. उपलब्धियां नीचे सूचीबद्ध हैं:

  • पीएम-डिवाइन के तहत परियोजनाओं की मंजूरी : इस अवधि के दौरान, 419.13 करोड़ रुपये की लागत वाली 6 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में राज्य कैंसर संस्थान की स्थापना भी शामिल है। इन परियोजनाओं से पूर्वोत्तर के लोगों को कैंसर देखभाल सुविधाएं, धनमंजुरी विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे का विकास, सीआईएचएसआर में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी सेंटर का उन्नयन आदि सुविधाएं प्राप्त होंगी।
  • एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई) के तहत परियोजनाओं की मंजूरी : इस अवधि के दौरान, अरुणाचल प्रदेश में नामसाई टाउनशिप में जल आपूर्ति प्रणाली के संवर्धन सहित 152.6 करोड़ रुपये की लागत वाली 3 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएं अरुणाचल प्रदेश में बसर टाउनशिप, नामसाई टाउनशिप और तेजू को एकीकृत स्मार्ट पेयजल आपूर्ति प्रदान करेंगी और 103018 लोगों को लाभान्वित करेंगी।
  • एनईएसआईडीएस (सड़क) के तहत परियोजनाओं की मंजूरी : इस अवधि के दौरान, 370.16 करोड़ रुपये की लागत वाली 5 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें असम के चौकीहोला से तारापुंग तक नई सड़क का निर्माण शामिल है। ये परियोजनाएं असम, सिक्किम और मणिपुर में आवागमन की कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण होंगी, जिससे क्रमशः 29000 लोगों की आबादी वाले 56 गांवों, 5871 लोगों की आबादी वाले 8 गांवों और 2,50,000 लोगों की आबादी वाले 64 गांवों को लाभ होगा।
  • डोनर मंत्रालय/एनईसी की योजनाओं के तहत परियोजनाओं का पूरा होना: इस अवधि के दौरान, 30 परियोजनाएं भौतिक रूप से पूरी हो चुकी हैं, जिनमें पीएम-डिवाइन की 1 परियोजना (63.39 करोड़ रुपये की लागत), एनईएसआईडीएस (सड़क) की 6 परियोजनाएं (219.41 करोड़ रुपये की लागत), एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई) की 3 परियोजनाएं (48.71 करोड़ रुपये की लागत), एनईसी की योजनाओं की 11 परियोजनाएं (107.25 करोड़ रुपये की लागत) और बीटीसी एवं एचएडीपी की 8 परियोजनाएं (19.63 करोड़ रुपये की लागत) शामिल हैं। इन 29 परियोजनाओं की कुल लागत 458.36 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से बुनियादी ढांचा क्षेत्र, विशेषकर सड़क, रोपवे प्रणाली, जिला केंद्रों का निर्माण, बांस प्रसंस्करण केंद्र, पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में स्वास्थ्य आदि को बढ़ावा मिलेगा और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • योजना दिशानिर्देशों के सरलीकरण और निधियों के जारी करने को सुचारू बनाने के लिए नीतिगत सुधार:
  • इस अवधि के दौरान, पीएम-डिवाइन, एनईएसआईडीएस (ओटीआरआई), एनईएसआईडीएस (रोड) की योजनाओं के दिशा-निर्देशों को सरल बनाया गया है ताकि परियोजना प्रस्तावों के कॉन्सेप्ट नोट और डीपीआर पर एक साथ विचार किया जा सके। इससे परियोजनाओं की अवधारणा और मंजूरी में लगने वाला समय कम हो जाएगा।
  • 21 अगस्त, 2024 को, डोनर मंत्रालय की योजनाओं के बीच वित्तीय और क्षेत्रीय सीमांकन को युक्तिसंगत बनाया गया है और जारी किया गया है। इससे डोनर की कई योजनाओं में समान क्षेत्रों से संबंधित परियोजनाओं की मंजूरी के दोहराव को रोका जा सकेगा।
  • 29 जुलाई, 2024 को, डोनर मंत्रालय/एनईसी की योजनाओं के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के लिए धन प्रवाह की प्रक्रिया को सरल बनाया गया ताकि परियोजनाओं के लिए केवल 4 किस्तों में धन जारी किया जा सके। इससे धन जारी करने की प्रक्रिया मानकीकृत हो गई है और इससे धन जारी करने के मामलों में देरी और लंबित मामलों में कमी आएगी।
  • इस अवधि के दौरान, पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय ने चल रही परियोजनाओं के निरीक्षण के लिए एनईडीएफआई के माध्यम से थर्ड पार्टी तकनीकी निरीक्षण (टीपीटीआई) एजेंसियों और परियोजना गुणवत्ता मॉनिटर (पीक्यूएम) को पैनल में शामिल किया है। इससे डोनर मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत स्वीकृत, चल रही परियोजनाओं की निगरानी और निरीक्षण तंत्र को मजबूती मिलेगी। जून, 2024 से लागू किया गया।
  • मणिपुर स्टार्ट अप वेंचर फंड का शुभारंभ : यह एनईआर में नए स्टार्ट-अप को समर्थन देने के लिए राज्य-विशिष्ट उद्यम निधि का एक हिस्सा है। प्रारंभिक कोष 30 करोड़ रुपये (एनईडीएफआईआरएस 15 करोड़ + मणिपुर सरकार 15 करोड़ रुपये) का है। इससे स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा और एनईआर में बेहतर और अधिक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने में मदद मिलेगी। 27 अगस्त, 2024 को आयोजित अपनी पहली निवेश समिति की बैठक में दो स्टार्टअप को मणिपुर स्टार्टअप वेंचर फंड से सैद्धांतिक निवेश प्रतिबद्धताएँ प्राप्त हुईं ।
  • अष्टलक्ष्मी महोत्सव-2024 – 6 से दिसंबर, 2024 तक भारत मंडपमनई दिल्ली में अष्टलक्ष्मी महोत्सव-2024 आयोजित करने के लिए डोनर मंत्रालय द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। 13 सितंबर, 2024 को माननीय डोनर मंत्री द्वारा एक समर्पित पोर्टल लॉन्च किया गया। इससे पूर्वोत्तर राज्यों की समृद्ध विरासतहस्तशिल्पहथकरघाकृषि-उत्पाद और शिल्प पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए उत्तर पूर्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एनईएसटी) क्लस्टर :

पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने 13.8.2024 को प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय के एस एंड टी क्लस्टर के समान पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विशेष रूप से पूर्वोत्तर विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्लस्टर (एनईएसटी क्लस्टर) पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एनईएसटी को मंजूरी दी। 4 वर्टिकल को मंजूरी दी गई है अर्थात (i) जमीनी स्तर की प्रौद्योगिकियों पर नवाचार हब, (ii) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर के लिए प्रौद्योगिकी हब (iii) बांस आधारित प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता संवर्धन और कौशल विकास और कौशल विकास में नवाचार के लिए सीओई और (iv) बायोडिग्रेडेबल, पर्यावरण के अनुकूल प्लास्टिक और ठोस-अपशिष्ट प्रबंधन पर नवाचार केंद्र। एनईएसटी क्लस्टर का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से पूर्वोत्तर के लोगों की समस्याओं और चुनौतियों की पहचान कर उनका समाधान करना है।

  • पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि-वस्तु ई-कनेक्ट (एनई-आरएसीएपोर्टल का शुभारंभ –

यह पूर्वोत्तर में कृषि क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम है, जो माननीय प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है और हमारे किसानों के लिए वैश्विक बाजार को खोलता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) ने पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड (एनईडीएफआई) के सहयोग से 12 जुलाई 2024 को पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि-वस्तु ई-कनेक्ट (एनई-आरएसीए) नामक एक डिजिटल पहल शुरू की, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) से कृषि और बागवानी उत्पादों को ताजा और प्रसंस्कृत दोनों रूपों में बाजार से जोड़ना है। एनई-आरएसीए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को एनईसी द्वारा वित्त पोषित किया जाता है और इसे एनईडीएफआई द्वारा विकसित और प्रबंधित किया जाता है।

  • आदिवासी कल्याण एवं विकास परिषद (एडब्ल्यूडीसी) के विकास के लिए विशेष विकास पैकेज – इस समझौता ज्ञापन (एमओएस) पर भारत सरकार, असम सरकार और असम के विभिन्न आदिवासी सशस्त्र समूहों द्वारा हस्ताक्षर किए गए। एमओएस के अनुसार, भारत सरकार वित्त वर्ष 2024-25 से पांच वर्षों की अवधि तक प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित करेगी। आदिवासी कल्याण एवं विकास परिषद (एडब्ल्यूडीसी) के विकास के लिए विशेष विकास पैकेज को डोनर मंत्रालय को कार्यान्वयन के लिए आवंटित किया गया था। इसके बाद, एमओडीएनईआर ने एमओएस को लागू करने के लिए दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दिया है। एडब्ल्यूडीसी के तहत बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का प्राथमिक ध्यान बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और सामाजिक सुविधाओं में सुधार और समुदायों का सतत विकास करने पर होगा ।
  • विभिन्न पोर्टलों का विकास – 22 जुलाई, 2024 को भारत सरकार के 54 मंत्रालयों/विभागों (10% जीबीएस के अंतर्गत गैर-छूट प्राप्त) की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं की मजबूत निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक पोर्टल लॉन्च किया गया। उक्त पोर्टल विकसित किया गया । सभी मंत्रालयों को 6 सितंबर, 2024 को एक लाइव डेमो के माध्यम से जागरूक किया गया है। यह पोर्टल भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं की मजबूत निगरानी और मूल्यांकन में मदद करेगा। इसी तरह, 54 गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों/विभागों के 10% जीबीएस के तहत किए जा रहे व्यय को कैप्चर करने के लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है। संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा निगरानी किए जाने वाले व्यय का विवरण राज्यवार और योजनावार होगा। पोर्टल राज्यवार और योजनावार व्यय विवरण कैप्चर करेगा, जिससे प्रभावी मूल्यांकन और निगरानी सुनिश्चित होगी।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र में राज्य निवेश संवर्धन एजेंसियों (आईपीए) को मजबूत करना – अगस्त 2024 में, परियोजना के कार्यान्वयन के लिए डोनर मंत्रालय और इन्वेस्ट इंडिया के बीच द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन को डोनर मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है। प्रस्ताव का उद्देश्य राज्यों को अच्छी निवेश नीतियों और गुणात्मक क्षेत्रीय निवेश नीतियों को डिजाइन करने में विशेषज्ञ मानव संसाधन प्रदान करके राज्य आईपीए को मजबूत करना है।

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प्रधानमंत्री तीन वंदे भारत रेलगाड़ियों को रवाना करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त, 2024 को दोपहर साढ़े 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन वंदे भारत रेलगाड़ियों को रवाना करेंगे। प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करते हुए, अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस तीन मार्गों: मेरठ-लखनऊ; मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल पर कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी।

ये वंदे भारत रेलगाड़ियां वर्तमान में तीव्र गति से चल रही गाड़ियों की तुलना में यात्रा समय को कम करेंगी। मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत से लगभग 1 घंटा, चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत से 2 घंटे और मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत से यात्रा समय में डेढ़ घंटे की बचत होगी।

ये नई वंदे भारत रेलगाड़ियां क्षेत्र के लोगों को तीव्रगति और सुविधा के साथ यात्रा करने के लिए विश्व स्तरीय सेवा प्रदान करेंगी और तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के लोगों की लंबी समय से चल रही मांग को पूरा करेंगी। इन वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की शुरुआत नियमित यात्रियों, पेशेवरों, व्यापारियों और छात्र समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेल सेवा के एक नए मानक का शुभारंभ करेगी।

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कैबिनेट ने भारतीय रेलवे में कनेक्टिविटी बढ़ाने, यात्रा को आसान बनाने, लॉजिस्टिक्स लागत कम करने, तेल आयात कम करने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम करने के उद्देश्य से दो नई लाइनों और एक मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय की लगभग 6,456 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

इन परियोजनाओं से दूर-दराज़ के इलाकों को आपस में जोड़कर लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार लाने, मौजूदा लाइन क्षमता बढ़ाने और परिवहन नेटवर्क का विस्तार करने के साथ-साथ आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित किया जा सकेगा जिससे तेजी से आर्थिक विकास होगा।

नई लाइन के प्रस्तावों से सीधी कनेक्टिविटी बनेगी और आवागमन में सुधार होगा, तथा भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा संबंधी विश्वसनीयता बढ़ेगी। मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर बेहद जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास होगा। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की नए भारत की परिकल्पना के अनुरूप हैं, जिनसे विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक विकास होगा और लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाया जा सकेगा और उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना तैयार किए जाने से संभव हुआ है और यह लोगों, वस्तुओं एवं सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे 4 राज्यों के 7 जिलों में लागू की जाने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।

इन परियोजनाओं के साथ 14 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों (नुआपाड़ा और पूर्वी सिंहभूम) को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। नई लाइन परियोजनाओं से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 11 लाख लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 19 लाख लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी।

ये मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, चूना पत्थर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 45 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण के अनुकूल एवं ऊर्जा कुशल परिवहन साधन है और इससे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने, तेल आयात (10 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन (240 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद मिलेगी, जो 9.7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

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मंत्रिमंडल ने बागडोगरा और बिहटा हवाई अड्डों पर प्रमुख नागरिक उड्डयन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने आज बागडोगरा और बिहटा हवाई अड्डों पर नए सिविल एन्क्लेव के विकास को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट के फैसले पर खुशी जताते हुए केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री राममोहन नायडू ने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जो बागडोगरा और बिहटा हवाई अड्डों की क्षमता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगी। 2962.00 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश वाली ये परियोजनाएं क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार और पूरे भारत में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने की हमारी व्यापक रणनीति का एक अभिन्न अंग हैं।”

बागडोगरा में नए सिविल एन्क्लेव, 1549.00 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, 3,000 पीक ऑवर पैसेंजर्स (पीएचपी) के लिए डिज़ाइन किया गया 70,390 वर्ग मीटर का टर्मिनल और 10 मिलियन यात्रियों की वार्षिक क्षमता प्रदान करेगा। इस परियोजना में ए-321 प्रकार के विमानों के लिए 10 पार्किंग बे, दो लिंक टैक्सीवे और एक बहु-स्तरीय कार पार्किंग सुविधा के साथ एक एप्रन का निर्माण शामिल है। टर्मिनल एक ग्रीन बिल्डिंग होगी, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को शामिल किया जाएगा और स्थिरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्राकृतिक प्रकाश को अधिकतम किया जाएगा।

पटना हवाई अड्डे पर बढ़ते यातायात को ध्यान में रखते हुए, बिहटा हवाई अड्डे पर एक नई नागरिक उड्डयन सुविधा का रणनीतिक निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत बनने वाला नया टर्मिनल 1413 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा और यह 66,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगा। इसे एक समय में 3,000 (पीक ऑवर) यात्रियों की क्षमता और 5 मिलियन की वार्षिक यात्री प्रबंधन क्षमता के साथ लॉन्च किया जाएगा। वार्षिक क्षमता को 10 मिलियन तक विस्तारित किया जाएगा। इस परियोजना में A-321/B-737-800/A-320 प्रकार के विमानों के लिए 10 पार्किंग बे और दो टैक्सीवे शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “ये परियोजनाएं सिर्फ बुनियादी ढांचे के विस्तार के बारे में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये लोगों की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने और आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में योगदान देने की दूरदर्शिता का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम इन परियोजनाओं को समय पर और उच्चतम मानकों के साथ पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इन्हें वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए डिजाइन कर रहे हैं।”

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पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क योजना समूह की 77वीं बैठक में छह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया

पीएम गतिशक्ति पहल के तहत नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की 77वीं बैठक का कल नई दिल्ली में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अपर सचिव श्री राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। इस बैठक में रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की छह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) में उल्लिखित एकीकृत योजना के सिद्धांतों के साथ उनकी अनुरूपता के लिए किया गया। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन और उनके अनुमानित प्रभाव नीचे विस्तार से दिए गए हैं।

गुजरात में हजीरा-गोथंगम नई रेल लाइन

गुजरात में यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है, जिसमें गोथांगम को हजीरा से जोड़ने वाली 36.35 किलोमीटर लम्‍बी ब्रॉड गेज (बीजी) डबल लाइन का निर्माण शामिल है। इस परियोजना का उद्देश्य सेक्शन क्षमता को बढ़ाना और प्रमुख उद्योगों तथा एक प्रमुख कार्गो हब हजीरा बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर करना है। थोक और कंटेनरयुक्त कार्गो की कुशल आवाजाही में सहायता मिलने से यह परियोजना क्षेत्रीय आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करेगी। इससे सड़क यातायात में कमी आने और रेल परिवहन के लिए कार्गो के मॉडल में बदलाव के माध्यम से पर्यावरणीय प्रभाव भी कम होने की उम्मीद है।

असम में बिलासीपारा – गुवाहाटी रोड

असम में 4-लेन राष्‍ट्रीय राजमार्ग-17 में एक रणनीतिक सड़क के उन्नयन में चिरकुटा (बिलासीपारा) और तुलुंगिया के बीच 44.56 किलोमीटर लम्‍बा हिस्सा शामिल है। यह परियोजना असम को पश्चिम बंगाल, मेघालय और जोगीघोपा और रूपसी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और गुवाहाटी हवाई अड्डों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को जोड़ते हुए क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाएगी। इससे आर्थिक गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलेगा और यात्रा में कम समय लगेगा जिससे इस क्षेत्र में भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है।

नासिकमहाराष्ट्र में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी)

इस परियोजना में महाराष्ट्र के नासिक में 109.97 एकड़ में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) का विकास शामिल है। इस ग्रीनफील्ड परियोजना को सड़क और रेल परिवहन को एकीकृत करने, लॉजिस्टिक्स दक्षता को बेहतर बनाने, लागत कम करने और कार्गो समेकन, भंडारण तथा सीमा शुल्क मंजूरी जैसी सुविधाएं प्रदान करके क्षेत्रीय उद्योगों की सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस परियोजना से वर्ष 2029 से प्रति वर्ष 3.11 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो का रख-रखाव होने का अनुमान है।

बिहटा हवाई अड्डेपटना बिहार में नए सिविल एन्क्लेव का विकास

इस परियोजना के तहत बिहार में एक ब्राउनफील्ड परियोजना में पटना के जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 28 किलोमीटर दूर बिहटा एयरफील्ड में एक नए सिविल एन्क्लेव का विकास शामिल है। यह परियोजना पटना हवाई अड्डे पर क्षमता की कमी को पूरा करेगी। परियेाजना के तहत प्रति वर्ष 5 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए एक नए टर्मिनल भवन का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना में ए-321 विमानों के लिए 10-बे एप्रन का निर्माण भी शामिल है, जिसका उद्देश्य बढ़ते हुए यात्री यातायात को समायोजित करना और क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार करना है।

बागडोगरा हवाई अड्डेसिलीगुड़ी, (पश्चिम बंगाल) में नए सिविल एन्क्लेव का विकास

इस परियोजना में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के बागडोगरा हवाई अड्डे पर एक नए सिविल एन्क्लेव के विकास से जुड़ी एक ब्राउनफील्ड परियोजना शामिल है। इसके विस्तार में प्रति वर्ष 10 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता के साथ एक नए टर्मिनल भवन और 10 विमानों के लिए एक एप्रन का निर्माण भी शामिल है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण “चिकन नेक” क्षेत्र में स्थित, बागडोगरा हवाई अड्डा देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। इसका विस्तार क्षेत्र की बढ़ती कनेक्टिविटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहुत आवश्यक है।

अंडमान एवं निकोबार की गैलेथिया खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट का विकास

यह अंडमान एवं निकोबार केन्द्र शासित प्रदेश में ग्रेट निकोबार द्वीप पर गैलेथिया खाड़ी में एक अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट (आईसीटीपी) विकसित करने वाली एक परिवर्तनकारी परियोजना है। 44,313 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना का उद्देश्य ग्रीनफील्ड पहल के साथ खाड़ी की रणनीतिक स्थिति और गहरे पानी का लाभ उठाना है। उम्मीद है कि यह बंदरगाह भारतीय बंदरगाहों और क्षेत्र के पड़ोसी देशों से ट्रांसशिपमेंट कार्गो को संभालेगा, जिससे भारत की समुद्री व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।

 

एनपीजी ने पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य से सभी छह परियोजनाओं का मूल्यांकन किया जिनमें मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर का एकीकृत विकास, आर्थिक और सामाजिक बदलाव के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी और परियोजनाओं का समन्वित कार्यान्वयन शामिल है। इन परियोजनाओं से राष्ट्र निर्माण, परिवहन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करने और पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ एवं जीवन को आसान बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।

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गृह मंत्री अमित शाह ने श्री अमरनाथ जी यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर सभी सुरक्षाकर्मियों, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई दी

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने श्री अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर सभी सुरक्षा कर्मियों, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई दी।

X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में श्री अमित शाह ने कहा कि “श्री अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हुई। 52 दिनों तक चली इस पवित्र यात्रा में इस बार रिकॉर्ड 5.12 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा के दर्शन किये, जो कि बीते 12 वर्षों की सर्वाधिक संख्या है। इस यात्रा को सफल बनाने के लिए हमारे सभी सुरक्षा कर्मियों, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई देता हूँ। श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित व सुगम बनाने में आप सभी का अद्वितीय योगदान रहा है। बाबा सभी पर अपनी कृपा बनाये रखें। जय बाबा बर्फानी!”

 

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केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सामाजिक-धार्मिक संगठनों से मादक पदार्थों की लत, अवैध खनन और गोवंश की तस्करी के विरुद्ध अभियान में सम्मिलित होने की अपील की

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-धार्मिक संगठनों से मादक पदार्थों की लत, अवैध खनन और गोवंश की तस्करी जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ चल रहे अभियान में सम्मिलित होने की जोरदार अपील की।

डॉ. जितेंद्र सिंह नई दिल्ली में रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर श्री अमरनाथ जी यात्रा कल्याण समिति द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया, “सरकार ने युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए उन्हें मादक पदार्थों की लत से दूर करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है तथा कठुआ और इसके आसपास के इलाकों में अवैध खनन करने वालों, क्रशरों और पशु तस्करों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है।” उन्होंने आग्रह किया, “अब, सामाजिक-धार्मिक संगठनों को इस दिशा में सरकार के प्रयासों को पूरा करने और समाज को इन बुराइयों से छुटकारा दिलाने के लिए समाज में अपने प्रभाव का उपयोग करना चाहिए।” डॉ. जितेंद्र सिंह ने सामाजिक-धार्मिक संगठनों से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने को भी कहा ताकि अधिक से अधिक लोग इन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा, “पीएम-आवास योजना और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी योजनाएं समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गई हैं, भले ही उनका राजनीतिक झुकाव, धार्मिक विश्वास, जाति और क्षेत्र कुछ भी हो।” डॉ. जितेंद्र सिंह ने इन संगठनों से कार्यशालाएं आयोजित करने और कृषि-स्टार्टअप के बारे में जागरूकता पैदा करने की भी अपील की ताकि बेरोजगार युवा पर्पल रिवोल्यूशन की सफलता से प्रेरणा लेकर अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के कृषि उद्यमी इस क्रांति के अग्रदूत हैं।” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने शेष भारत को अनुकरण के लिए एक नई शैली प्रदान की है।

केंद्रीय मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को संस्थागत बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की। डॉ. जितेंद्र सिंह ने रेखांकित करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 70 वर्षों के बाद सफल पंचायत चुनाव कराकर जम्मू-कश्मीर को वास्तविक स्वशासन और स्वायत्तता प्रदान की है।”

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के सशक्तिकरण की प्रक्रिया जारी है। डॉ. सिंह ने कहा, “पहले, केवल स्व-शासन के नारे थे, लेकिन मोदी सरकार ने संविधान में 74वें संशोधन को लागू करके एक उदाहरण पेश किया है, जो पंचायतों और नगर पालिकाओं सहित स्थानीय निकायों को सत्ता के विकेंद्रीकरण का एक बुनियादी ढांचा प्रदान करता है।”

इससे पहले कार्यक्रम में रक्षा बंधन समारोह के हिस्से के रूप में, वेद मंदिर की लड़कियों के एक समूह ने आगे आकर डॉ. जितेंद्र सिंह की कलाई पर राखी बांधी। इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री ने दान एवं प्रसाद के माध्यम से सामुदायिक रसोई में योगदान देने के लिए कई संगठनों और व्यवसायों के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उनके योगदान की प्रशंसा की और उनके काम की सराहना की। डॉ. सिंह ने कहा, “इन महान संगठनों से जुड़े लोग समाज के नैतिक संरक्षक हैं।” केंद्रीय मंत्री ने श्री अमरनाथ जी यात्रा के पिछले संस्करणों पर तस्वीरों का एक संकलन भी जारी किया।

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समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई पहल शुरू की हैं।

समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं। वे इस प्रकार हैं:-
  1. 19 अक्टूबर 2023 की अधिसूचना संख्या 60/2023-सीमा शुल्क के अनुसार, सरकार द्वारा विदेशी ध्वज वाले विदेशी जहाज़ों के लिए एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) छूट प्रदान की गई है, जब वे कोस्टल रन में परिवर्तित हो जाते हैं, बशर्ते छह महीने के भीतर उन्हें विदेश जाने वाले जहाज़ में पुन: परिवर्तित कर दिया जाए।
  1. लंगरगाह के लिए, क्रूज़ जहाज़ को मालवाहक जहाज पर प्राथमिकता दी जाती है।
  1. युक्तिसंगत क्रूज़ टैरिफ़ को शुरू किया गया है।
  1. बंदरगाह शुल्क 0.085 डॉलर/जीआरटी (निश्चित दर) पर वसूला जाता है और लंगरगाह  पर रहने के पहले 12 घंटों के लिए 6 डॉलर का नाममात्र यात्री हेड टैक्स लिया जाता है।
  2. क्रूज़ जहाजों को उनकी कॉल के परिमाण के आधार पर 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है।
  1. क्रूज जहाजों को आकर्षित करने के लिए ऑस्टिंग शुल्क हटा दिए गए हैं।
  2. ई-वीजा और आगमन पर वीजा सुविधाओं का विस्तार किया गया है।
  3. एकल ई-लैंडिंग कार्ड शुरू किया गया है, जो समुद्री पर्यटन कार्यक्रम में सभी बंदरगाहों के लिए मान्य है।
  1. विदेशी क्रूज जहाजों के लिए कॉबोटेज माफ कर दिया गया है। यह छूट विदेशी क्रूज जहाज को अपने घरेलू चरण के दौरान भारतीय नागरिकों को एक भारतीय बंदरगाह से दूसरे भारतीय बंदरगाह तक ले जाने की अनुमति देती है।
  1. वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 का आयोजन मुंबई में किया गया और इसे भारत के समुद्री उद्योग जगत में एक महत्वपूर्ण क्षण माना गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की। इस आयोजन के दौरान, “2047 तक भारत में 50 मिलियन क्रूज यात्रियों को आकर्षित करने के लिए समुद्री यात्रा पर निकलें” पर एक समर्पित सत्र आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर के प्रतिष्ठित क्रूज लाइनों के अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने भाग लिया।

यह जानकारी केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज (9 अगस्त 2024) लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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