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मार्च 2024 में भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 4.9 प्रतिशत बढ़ गया

मार्च 2024 महीने के लिए, 2011-12 आधार के साथ औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का त्वरित अनुमान 159.2 है। मार्च 2024 माह के लिए खनन, विनिर्माण और बिजली क्षेत्रों के लिए औद्योगिक उत्पादन के सूचकांक क्रमशः 156.1, 155.1 और 204.2 हैं। इन त्वरित अनुमानों में आईआईपी की संशोधन नीति के अनुसार आगामी रिलीज में संशोधन किया जाएगा।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का त्वरित अनुमान छह सप्ताह के अंतराल के साथ हर महीने की 12 तारीख (या पिछले कार्य दिवस यदि 12 तारीख को छुट्टी हो) को जारी किया जाता है और स्रोत एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ों के साथ संकलित किया जाता है, जो बदले में उत्पादक कारखानों/प्रतिष्ठानों से डेटा प्राप्त करते हैं। ।

मार्च 2024 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में आईआईपी वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत है। मार्च 2023 की तुलना में मार्च 2024 माह के लिए तीन क्षेत्रों खनन, विनिर्माण और बिजली की वृद्धि दर क्रमशः 1.2 प्रतिशत, 5.2 प्रतिशत और 8.6 प्रतिशत है। विनिर्माण क्षेत्र के भीतर, मार्च 2024 माह के लिए आईआईपी की वृद्धि में शीर्ष तीन सकारात्मक योगदानकर्ताओं की वृद्धि दर – “बुनियादी धातुओं का निर्माण” (7.7 प्रतिशत), “फार्मास्यूटिकल्स, औषधीय रसायन और वनस्पति उत्पादों का निर्माण” ( 16.7 प्रतिशत), और “अन्य परिवहन उपकरणों का निर्माण” (25.4 प्रतिशत) है।

अप्रैल-मार्च 2023-24 की अवधि के लिए संचयी विकास दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5.8 प्रतिशत है। अप्रैल-मार्च 2023-24 की अवधि के लिए तीन क्षेत्रों, खनन, विनिर्माण और बिजली की संचयी वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में क्रमशः 7.5 प्रतिशत, 5.5 प्रतिशत और 7.1 प्रतिशत है।

उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार, मार्च 2024 माह के लिए प्राथमिक वस्तुओं के लिए सूचकांक 162.2, पूंजीगत वस्तुओं के लिए 130.5, मध्यवर्ती वस्तुओं के लिए 167.5 और बुनियादी ढांचे/निर्माण वस्तुओं के लिए 194.2 पर हैं। इसके अलावा, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के लिए सूचकांक मार्च 2024 के महीने में क्रमशः 129.9 और 154.7 पर रहीं।

मार्च 2024 में मार्च 2023 की तुलना में उपयोग-आधारित वर्गीकरण के अनुसार आईआईपी की वृद्धि दर प्राथमिक वस्तुओं में 2.5 प्रतिशत, पूंजीगत वस्तुओं में 6.1 प्रतिशत, मध्यवर्ती वस्तुओं में 5.1 प्रतिशत, बुनियादी ढांचे/निर्माण वस्तुओं में 6.9 प्रतिशत, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में 9.5 प्रतिशत और उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं में 4.9 प्रतिशत (विवरण III) है।

मार्च 2024 के महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के त्वरित अनुमानों का विवरण क्षेत्रीय, राष्ट्रीय औद्योगिक वर्गीकरण (एनआईसी-2008) के 2-अंकीय स्तर और उपयोग-आधारित वर्गीकरण द्वारा क्रमशः विवरण I, II और III में दिया गया है। इसके अलावा, उपयोगकर्ताओं को औद्योगिक क्षेत्र में बदलावों की सराहना करने के लिए, स्टेटमेंट IV उद्योग समूहों (एनआईसी-2008 के 2-अंकीय स्तर के अनुसार) और क्षेत्रों द्वारा पिछले 12 महीनों के लिए महीने-वार सूचकांक प्रदान करता है।

मार्च 2024 माह के लिए आईआईपी के त्वरित अनुमानों के साथ, फरवरी 2024 के सूचकांकों में स्रोत एजेंसियों से प्राप्त अद्यतन आंकड़ों के आलोक में पहला संशोधन किया गया है और दिसंबर 2023 के सूचकांकों में अंतिम संशोधन किया गया है। मार्च 2024 के लिए त्वरित अनुमान, फरवरी 2024 के लिए पहला संशोधन और दिसंबर 2023 के लिए अंतिम संशोधन क्रमशः 93 प्रतिशत, 95 प्रतिशत और 96 प्रतिशत की भारित प्रतिक्रिया दरों पर संकलित किया गया है।

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भारत 77वें कान फिल्म महोत्सव (14-25 मई) में भाग लेगा

कान फिल्म महोत्सव में यह भारत के लिए एक विशेष वर्ष है क्योंकि देश इस प्रतिष्ठित महोत्सव के 77वें संस्करण के लिए तैयार है। भारत सरकार, राज्य सरकारों, फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों वाला कॉर्पोरेट भारतीय प्रतिनिधिमंडल महत्वपूर्ण पहलों की एक श्रृंखला के माध्यम से दुनिया के अग्रणी फिल्म बाजार मार्चे डु फिल्म्स में भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन करेंगे।

ऐसा पहली बार होगा जब देश 77वें कान फिल्म महोत्सव में “भारत पर्व” की मेजबानी करेगा जिसमें इस महोत्सव में भाग लेने वाले दुनिया भर के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति और प्रतिनिधि फिल्मी हस्तियों, फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों, खरीदारों और बिक्री एजेंटों के साथ जुड़ सकेंगे। इसमें विभिन्न स्तरों पर रचनात्मक अवसरों के साथ ही रचनात्मक प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इस भारत पर्व में 20 से 28 नवंबर, 2024 तक गोवा में आयोजित होने वाले 55वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के आधिकारिक पोस्टर और ट्रेलर का अनावरण किया जाएगा। भारत पर्व में 55वें आईएफएफआई के साथ आयोजित होने वाले प्रथम विश्व ऑडियो-विजुअल एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) के लिए “सेव द डेट” का विमोचन भी होगा।

108 विलेज इंटरनेशनल रिवेरा में 77वें कान फिल्म महोत्सव में भारत मंडप का उद्घाटन 15 मई 2024 को प्रख्यात फिल्मी हस्तियों की मौजूदगी में किया जाएगा। कान में भारत मंडप भारतीय फिल्म समुदाय के लिए विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें उत्पादन कार्य में सहयोग को बढ़ावा देना, क्यूरेटेड ज्ञान सत्र, वितरण सौदे कराना, स्क्रिप्ट की सुविधा, बी2बी बैठकें और दुनिया भर के प्रमुख मनोरंजन व मीडिया कर्मियों के साथ नेटवर्किंग शामिल है। इस मंडप का आयोजन राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) उद्योग भागीदार के रूप में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से करेगा। भारतीय फिल्म उद्योग को अन्य फिल्मी हस्तियों से जुड़ने और सहयोग प्रदान करने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के माध्यम से मार्चे डु कान में एक ‘भारत स्टॉल’ लगाया जाएगा।

राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद द्वारा डिजाइन भारत मंडप को इस वर्ष की थीम “क्रिएट इन इंडिया” को दर्शाने के लिए इसे ‘द सूत्रधार’ नाम दिया गया है। इस वर्ष कान फिल्म महोत्सव में भारत की उपस्थिति खास है जो इसके समृद्ध इतिहास और रचनात्मकता के परिदृश्य को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक दिशा को दर्शाता है।

सुर्खियों में, पायल कपाड़िया की प्रसिद्ध कृति “ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट” दर्शकों को लुभाने और प्रतिष्ठित पाल्मे डी’ओर के लिए प्रतिस्पर्धा करने को तैयार है। यह विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि तीन दशकों के बाद एक भारतीय फिल्म कान फिल्म महोत्सव के आधिकारिक चयन के प्रतियोगिता खंड में शामिल हुई है। यह सिनेमाई परिदृश्य ब्रिटिश-भारतीय फिल्म निर्माता संध्या सूरी की “संतोष” में मार्मिक कथा, डायरेक्टर्स फोर्टनाइट में अन सर्टेन रिगार्ड के साथ-साथ करण कंधारी की विचारोत्तेजक “सिस्टर मिडनाइट” और एल’एसिड में मैसम अली की सम्मोहक “इन रिट्रीट” से समृद्ध हुआ है।

भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्र की फिल्म “सनफ्लॉवर्स वेयर फर्स्ट वन्स टू नो” को ला सिनेफ प्रतिस्पर्धा खंड में चुना गया है। कन्नड़ में बनी यह लघु फिल्म दुनिया भर से आई प्रविष्टियों के बीच चुनी गई और अब अंतिम चरण में पहुंची 17 अन्य अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।

इसके अलावा, इस महोत्सव में श्याम बेनेगल की ‘मंथन’, जो अमूल डेयरी सहकारी आंदोलन पर केंद्रित फिल्म है, को शास्त्रीय अनुभाग में प्रस्तुत किया जाएगा जो इस महोत्सव के भारतीय लाइनअप में ऐतिहासिक महत्व का स्पर्श जोड़ेगी। इस फिल्म के रीलों को मंत्रालय की एक इकाई एनएफडीसी-नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) के फिल्म वॉल्ट में कई दशकों तक संरक्षित किया गया था, और अब फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएम) द्वारा सुरक्षित किया गया है।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सिनेमैटोग्राफर संतोष सिवन को कान फिल्म महोत्सव में प्रतिष्ठित पियरे एंजनीक्स ट्रिब्यूट से सम्मानित किया जाएगा। वह कान प्रतिनिधियों के लिए एक मास्टरक्लास भी देंगे। इस गौरव से सम्मानित होने वाले सिनेमैटोग्राफर संतोष सिवन ऐसे पहले भारतीय बन जाएंगे।

भारत के विविध स्थानों और फिल्म प्रतिभा को प्रदर्शित करने में मदद के लिए गोवा, महाराष्ट्र, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड और दिल्ली सहित कई भारतीय राज्यों के भाग लेने की संभावना है।

भारत के सहयोग से फिल्म निर्माण के अवसरों की खोज पर “प्रचुर प्रोत्साहन और निर्बाध सुविधाएं- आओ, भारत में बनाएं” शीर्षक से 15 मई को दोपहर 12 बजे मुख्य मंच (रिवेरा) में एक सत्र आयोजित किया जा रहा है। पैनल चर्चा में फिल्म निर्माण, सह-निर्माण के अवसरों और शीर्ष स्तर की पोस्ट-प्रोडक्शन सुविधाओं के लिए भारत के विशाल प्रोत्साहनों पर प्रकाश डाला जाएगा। पैनल यह बताएगा कि फिल्म निर्माता इन पहलों का कैसे स्वागत कर रहे हैं, भारत में फिल्मांकन के लिए जमीनी स्तर पर वास्तविक अनुभव क्या हैं और कौन सी रोमांचक कहानियां साझा की जा रही हैं।

पूरे महोत्सव के दौरान आयोजित भारत मंडप में संवादात्मक सत्र में भारत में फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहन, फिल्म समारोहों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, फिल्मांकन स्थल के रूप में भारत, भारत और स्पेन, ब्रिटेन, और फ्रांस जैसे अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय फिल्म सह-निर्माण जैसे विषयों शामिल होंगे। इन सत्रों का उद्देश्य सशक्त भारतीय फिल्म उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ जुड़ने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं के लिए चर्चा, नेटवर्किंग और सहयोग के अवसरों को सुविधाजनक बनाना है।

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वाइस एडमिरल संजय भल्ला, अति विशिष्ट सेवा मेडल, एनएम ने भारतीय नौसेना के चीफ़ ऑफ पर्सनल का कार्यभार ग्रहण किया

वाइस एडमिरल संजय भल्ला, एवीएसएम, एनएम ने 10 मई, 2024 को भारतीय नौसेना के चीफ़ ऑफ पर्सनल का कार्यभार ग्रहण किया। उन्हें 01 जनवरी, 1989 को भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था। 35 वर्षों के करियर में, उन्होंने जल और तट दोनों पर कई विशेषज्ञ, कर्मचारी और परिचालन नियुक्तियों में कार्य किया है।

संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में अपनी विशेषज्ञता पूरा करने के बाद, उन्होंने कई सीमावर्ती युद्धपोतों पर एक विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया। बाद में उन्हें समुद्र में चुनौतीपूर्ण, पूर्णकालिक और घटनापूर्ण कमान संभालने का सौभाग्य मिला, जिसमें आईएनएस निशंक, आईएनएस तारागिरी, आईएनएस ब्यास और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट (एफओसीईएफ) की प्रतिष्ठित नियुक्ति शामिल है। एफओसीईएफ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, वह प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा (पीएफआर- 22) और भारतीय नौसेना के प्रमुख बहुराष्ट्रीय अभ्यास मिलन-22, जिसमें मित्र विदेशी देशों की अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई थी के समुद्री चरण के लिए सामरिक कमान में अधिकारी थे ।  तट पर, उन्होंने नौसेना मुख्यालय में सहायक कार्मिक प्रमुख (मानव संसाधन विकास) सहित महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर कार्य किया है। नौसेना अकादमी में अधिकारियों के प्रशिक्षण का नेतृत्व किया और विदेशों में राजनयिक कार्यभार भी संभाला। सीओपी के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, वह पश्चिमी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ थे और उन्होंने ऑपरेशन संकल्प जैसे ऑपरेशन और सिंधुदुर्ग में नेवी डे ऑपरेशन डेमो 2023 जैसे कार्यक्रमों का निरीक्षण किया था। रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज, लंदन, नेवल वॉर कॉलेज और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन; के पूर्व छात्र रहे, उनकी शैक्षिक उपलब्धियों में एम फिल (रक्षा और रणनीतिक अध्ययन), किंग्स कॉलेज, लंदन से अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक अध्ययन में स्नातकोत्तर, मद्रास विश्वविद्यालय से एम.एससी (रक्षा और रणनीतिक अध्ययन) और सीयूएसएटी से एम.एससी (दूरसंचार) शामिल है। उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें नौसेना स्टाफ के प्रमुख और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा अति विशिष्ट सेवा पदक, नाव सेना पदक और प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है।

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छोटे व मझोले वर्ग के अखबारों का गला कसने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रही सरकार!

केंद्र सरकार के इशारे पर भारत के समाचार पत्रों के महापंजीयक द्वारा इस वर्ष से प्रकाशकों को विषम परिस्थितियों में डाल दिया गया है । यह कटु सत्य है कि प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से प्रकाशकों को अपने-अपने समाचार पत्र व पत्रिकाओं को बंद करने का केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कुचक्र रचा गया है। वर्षों से समाचार पत्रों व पत्रिकाओं के पंजीयन प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए है । अनेकों मामले शीर्षक संबंधी मामले लम्बित है । पंजीयन प्रमाण पत्र में संशोधन के मामले लम्बित है । इन सब प्रकरणों को निस्तारित किए बिना प्रेस सेवा पोर्टल को लागू किया जाना न्याय संगत नहीं है । ज्ञातव्य हो कि प्रेस सेवा पोर्टल में अनेकों ऐसे प्राविधान रखे गए हैं जिन्हें छोटे व मझौले समाचार पत्रों व पत्रिकाओं के प्रकाशकों के द्वारा पूरा किया जाना असंभव है । इससे साफ जाहिर हो रहा है कि केंद्र सरकार ने सिर्फ बड़े अखबारों के लिए यह कार्य योजना बनाई है।
प्रेस सेवा पोर्टल शुरू किए जाने से पूर्व सभी समाचार पत्रों के संगठनों से विचार विमर्श किया जाना चाहिए था । इस वर्ष वार्षिक विवरणी ऑनलाइन दाखिल करने के लिए पहले पंजीकरण करना होगा । फिर मालिक, प्रकाशक, मुद्रक, प्रिंटिंग प्रेस, चार्टर्ड एकाउंटेंट की प्रोफाइल बनाकर अपलोड करनी पड़ेगी । प्रोफाइल के बिना वार्षिक विवरण को दाखिल नहीं कर पाएंगे। साथ ही प्रिंटिंग प्रेस को जीएसटी में पंजीकृत होना चाहिए अन्यथा प्रकाशक वार्षिक विवरण प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे । ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने छोटी व मझोले वर्ग की प्रिंट मीडिया को समाप्त करने की योजना को मूर्त रूप देने के लिए प्रेस सेवा पोर्टल की योजना को लागू किया है ।
हम आव्हान करते कि इस प्रेस सेवा पोर्टल का सभी प्रकाशकों को बहिष्कार करना चाहिए । जब तक प्रेस सेवा पोर्टल में वार्षिक विवरण को दाखिल करने में सरलीकरण न कर दिया जाए तब तक किसी हालत में वार्षिक विवरण प्रस्तुत नहीं किया जाएं । जो प्रपत्र आर एन आई के पास पहले से जमा हैं या आर एन आई द्वारा जारी किए गए हैं उन्हें स्वयं द्वारा सुरक्षित न रख कर फिर से मांग कर प्रकाशकों को परेशान किया जा रहा है। वर्तमान परिदृश्य में सभी प्रकाशकों को एकता के साथ इस सरकारी कुचक्र का कड़ा विरोध करने की जरूरत है अन्यथा छोटे व मझौले अखबारों को सरकार बंद करने की योजना में सफल हो जायेगी । यह प्रेस की आजादी पर अदृश्य हमला है।
इसमें कतई दो राय नहीं कि छोटे व मझोले वर्ग के अखबारों का गला कसने का काम बिगत 10 वर्षों से निरन्तर किया गया है और अभी भी जारी है।
-श्याम सिंह पंवार “सदस्य भारतीय प्रेस परिषद”

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डी जी कॉलेज, के इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब तथा एनएसएस द्वारा मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए मतदान हेतु शपथ दिलवा कर मतदान के लिए प्रेरित किया

कानपुर 10 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता डी जी कॉलेज, कानपुर में स्थापित इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब तथा एनएसएस द्वारा संयोजिका डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में कारगिल पार्क में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाते हुए वहां उपस्थित समस्त नागरिकों को मतदान करने हेतु शपथ दिलवाई तथा उन्हें प्रेरित किया कि मतदान करना हमारा अधिकार एवं कर्तव्य दोनों है। मतदान के द्वारा हम अपनी सरकार का चुनाव कर सकते हैं तथा समाज में जो बदलाव ला सकते हैं। देश हित में तथा एक मजबूत लोकतंत्र की स्थापना हेतु हर एक व्यक्ति को मतदान अवश्य करना चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से आकांक्षा यादव, पंखुड़ी, रिद्धि, सिद्धि, फसीहा एवं निकिता आदि छात्राओं का योगदान सराहनीय रहा।

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अतुल दीक्षित 

सम्पादक मुद्रक प्रकाशक 

दैनिक भारतीय स्वरूप (उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र से प्रकाशित)

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देहरादून में संपन्न हुआ ‘युनाइटेड वी प्ले’ का ट्रायल*

भारतीय स्वरूप संवाददाता देहरादून, फुटबॉल के प्रति प्रतिस्पर्धा और प्रोत्साहन बढ़ाने के उद्देश्य से अपोलो टायर्स द्वारा आयोजित ‘यूनाइटेड वी प्ले’ के चौथे सीज़न के ट्रायल का आयोजन देहरादून में हुआ। ट्रायल में 250 से अधिक युवा फुटबॉल खिलाड़ी ने भाग लिया, जिनमें से शीर्ष 40 का चयन अगले चरण के लिए किया गया। इस ट्रायल का आयोजन पवेलियन ग्राउंड में किया गया था, जहां देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के युवा उम्मीदवारों ने अपनी प्रतिभा दिखाई। इस पहल का मकसद देशभर में फुटबॉल के खेल की पहुंच को बढ़ाना और खिलाड़ियों के टैलेंट को विकसित करना है। चयनित फुटबॉल खिलाड़ियों को मैनचेस्टर यूनाइटेड के युवा टीम के साथ ट्रेनिंग, क्लब के दिग्गजों से मिलने और मैच डे का अनुभव मिलेगा।

‘यूनाइटेड वी प्ले’ प्रोग्राम का उद्देश्य युवा फुटबॉल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना है, जिसमें वे अपने कौशल का प्रदर्शन कर सकें और ग्लोबल ट्रेनिंग मेथडोलॉजी से परिचित हों। यह पहल एशिया पैसिफिक मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के 16 शहरों और प्रमुख देशों में चलने वाला जमीनी स्तर का ट्रेनिंग और टैलेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम है। इस प्रोग्राम में देशभर के 25,000 से अधिक युवा फुटबॉल खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। पिछले कुछ महीनों में, इस प्रोग्राम ने पूरे देश में 600 से अधिक कोचों को मैनचेस्टर यूनाइटेड सॉकर स्कूलों से जोड़ा है। साथ ही, एमयूएसएस 4 डिजिटल मास्टरक्लासेस चला रहा है, जिसमें पहले ही 2000 से अधिक खिलाड़ी शामिल हो चुके हैं।

यूनाइटेड वी प्ले प्रोग्राम के चौथे सीज़न के शुरुआती चरण में, स्थानीय कोच ही खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देंगे। बाद में युवा खिलाड़ियों को मैनचेस्टर यूनाइटेड सॉकर स्कूल के कोचों के सामने अपना हुनर दिखाने का मौका मिलेगा।

युनाइटेड वी प्ले प्रोग्राम के बारे में अधिक जानने और रजिस्टर करने के लिए, खिलाड़ी इस लिंक को विज़िट कर सकते हैं:  https://www.apollotyres.com/en-in/stories/campaigns/sports/united-we-play-2024/

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अतुल दीक्षित 

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केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के पहले अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को पद की शपथ दिलाई

केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को सत्यनिष्ठा और गोपनीयता की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मिश्रा की नियुक्ति जीएसटीएटी के संचालन की शुरुआत का प्रतीक है, जो जीएसटी से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण निकाय है।

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जीएसटीएटी केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत स्थापित एक अपीलीय प्राधिकरण है, जो प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के आदेशों के विरुद्ध उक्त अधिनियम और संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जीएसटी अधिनियमों के तहत विभिन्न अपीलों की सुनवाई करता है। इसमें एक प्रधान पीठ और विभिन्न राज्य पीठें शामिल हैं। जीएसटी परिषद की मंजूरी के अनुसार, सरकार ने नई दिल्ली में स्थित प्रधान पीठ और देश के विभिन्न स्थानों पर 31 राज्य पीठों को अधिसूचित किया है। न्यायिक सदस्यों और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है।

यह न्‍यायाधिकरण जीएसटी विवादों का त्वरित, निष्पक्ष, विवेकपूर्ण और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करेगा, इसके अलावा उच्च न्यायालयों पर बोझ को भी कम करेगा। जीएसटीएटी की स्थापना से भारत में जीएसटी प्रणाली की प्रभावशीलता में बढ़ोत्‍तरी होगी और देश में अधिक पारदर्शी और प्रभावी कर महौल को बढ़ावा मिलेगा।

जीएसटीएटी के पहले अध्यक्ष, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मिश्रा झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे और उनका चयन भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक खोज एवं चयन समिति द्वारा किया गया था।

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भारतीय तटरक्षक बल ने केरल तट के पास छह भारतीय नागरिकों के साथ ईरानी नौका को हिरासत में लिया

भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने 05 मई, 2024 की देर रात केरल के तट से दूर बेपोर के पश्चिम में छह भारतीयों वाले चालक दल के साथ एक ईरानी मछली पकड़ने की नौका को हिरासत में लिया। तेज समुद्री-हवाओं के बीच संचालित ऑपरेशन में भारतीय तटरक्षक के जहाज और विमान शामिल थे।

भारतीय तटरक्षक की एक टीम नौका को रोकने के बाद उस पर चढ़ गई और किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि की संलिप्तता का पता लगाने के लिए इसकी गहन जांच की।  इस नौका की से प्राप्त प्रारंभिक जानकारी में यह पता चला कि जहाज का मालिक एक ईरानी व्यापारी था, जिसने तमिलनाडु के रहने इन भारतीय मछुआरों को अनुबंधित किया था और उन्हें ईरान तट पर मछली पकड़ने के लिए ईरानी वीजा जारी किया गया था।

चालक दल ने ऐसी सूचना दी है कि उस ईरानी व्यापारी ने इन लोगों साथ दुर्व्यवहार किया और उनके पासपोर्ट जब्त करने के अलावा उन्हें बुनियादी जीवन सुविधाओं से भी वंचित कर दिया। चालक दल ने बताया है कि उन्होंने उसी नौका का उपयोग करके ईरान से भाग कर भारत आने का फैसला किया था।

हिरासत में लिए गए जहाज को 06 मई, 2024 को आगे की जांच के लिए सुरक्षित रूप से कोच्चि लाया गया।

 

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कर्मयोगी भारत के निदेशक मंडल की 12वीं बैठक का आयोजन मुंबई में किया गया

कर्मयोगी भारत के निदेशक मंडल की 12वीं बैठक का आयोजन श्री के. रामादोराई सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में 03 मई, 2024 को मुंबई में किया गया।

बोर्ड ने आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर एक करोड़ पाठ्यक्रम नामांकन और 1,000 से ज्यादा पाठ्यक्रमों के दोहरे मील के पत्थर को स्वीकार किया। बोर्ड ने महसूस किया कि ये मील के पत्थर सरकारी अधिकारियों के बीच योग्यता-आधारित शिक्षा के पोषण में मंच की भूमिका को रेखांकित करते हैं।

बैठक में आईजीओटी कर्मयोगी के साथ ई-एचआरएमएस मंच के एकीकरण की सराहना की गई, जो अधिकारियों की दक्षता एवं क्षमता के आधार पर उनकी तैनाती को सक्षम बनाते हुए भूमिका-आधारित शासन को सक्षम बनाएगा।

बोर्ड ने राज्यों के मंच के लिए नीति के साथ सहयोग की सराहना कीजिसमें ब्लॉक स्तर एवं जिला-स्तर पर क्षमता-निर्माण पहल का संचालन करने में समर्थ क्यूरेटेड कार्यक्रमों के महत्व पर बल दिया गया है।

संसद द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानूनों पर पाठ्यक्रमों का शुभारंभ- भारतीय न्याय संहिता, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023; और भारतीय साक्षी अधिनियम, 2023 और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम की सराहना सभी लोगों ने की, जो जन-सामना, नागरिक-केंद्रित शासन में शामिल अधिकारियों को सर्वाधिक समकालीन मुद्दों पर प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु कर्मयोगी भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इसके अलावा बोर्ड ने प्रमुख विकास कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित करने में क्षेत्रीय अधिकारियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से जन कर्मयोगी पहल की भी सराहना की। आईजीओटी पर ज्ञान कर्मयोगी, जो कि लोक सेवकों के लिए एक व्यापक ज्ञान कोष के रूप में कार्य कर रहा है, को इस मंच पर एक स्वागत योग्य संयोजन के रूप में उल्लिखित किया गया।

इस बोर्ड के सदस्यों में श्रीमती एस. राधा चौहान (सचिव, डीओपीटी), डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी (अध्यक्ष, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद), श्री गोविंद अय्यर (निदेशक और अध्यक्ष, एसवीपी फिलैन्थ्रपी फाउंडेशन), श्री पंकज बंसल (सह-संस्थापक, पीपलस्ट्रांग), श्रीमती देबजानी घोष (अध्यक्ष, नैसकॉम), श्री एस. कृष्णन (सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय), श्री अभिषेक सिंह (सीईओ, कर्मयोगी भारत) और श्री एस.पी. रॉय (सचिव, क्षमता निर्माण आयोग) सहित कर्मयोगी भारत के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल थे।

इसके आगे बोर्ड ने कंटेंट मार्केटप्लेस को सक्रिय करने और शिक्षण के परिणामों को संवर्द्धित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मूल्यांकन व सामग्री की सोर्सिंग के साथ-साथ प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में प्रभाव मूल्यांकन पर अपना ध्यान केंद्रित करने की पुष्टि की।

इसके अलावा कर्मयोगी भारत की टीम के प्रमुखों ने भविष्य के लिए व्यापक रणनीतिक लक्ष्यों पर अपनी व्यक्तिगत प्रस्तुतियां भी दीं और बोर्ड के सदस्यों ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी।

यह बैठक नियम-आधारित से भूमिका-आधारित शासन की ओर बढ़ने में रूपांतरणकारी भूमिका निभाने के प्रयासों को दोगुना करने के संकल्प के साथ समाप्त हुई।

 

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डी जी कॉलेज द्वारा किया गया कानपुर दर्शन यात्रा का आयोजन

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता,  डी जी कॉलेज, कानपुर के द्वारा उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन , कमिश्नर, कानपुर नगर तथा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, कानपुर मंडल, कानपुर नगर के निर्देशन में कानपुर नगर के ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, व्यावसायिक एवं शैक्षणिक पर्यटन को बढ़ावा देने एवं छात्र-छात्राओं के मध्य उसके व्यापक प्रचार प्रसार हेतु स्थापित किए गए युवा पर्यटन क्लब के सौजन्य से क्लब की कोऑर्डिनेटर डॉ संगीता सिरोही के कानपुर दर्शन यात्रा का आयोजन किया गया । जिसमें महाविद्यालय की 32 छात्राओं ने प्रतिभाग किया । इस यात्रा के दौरान छात्राओं ने अटल घाट पर स्वच्छता अभियान भी चलाया। कानपुर दर्शन यात्रा में मुख्य रूप से गंगा बैराज, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, इस्कॉन टेंपल, ब्रह्मव्रत घाट, ब्रह्मा जी की खूंटी, लव कुश जन्मस्थली, ध्रुव टीला, नाना राव पेशवा स्मारक पार्क, ग्रीन पार्क स्थित विजिटर्स गैलरी एवं म्यूजियम, मोतीझील स्थित कारगिल पार्क, ओपन जिम एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एरेना पार्क तथा कानपुर विश्वविद्यालय का भ्रमण कराया गया। साथ में उपस्थित गाइड कार्तिकेय सिंह ने समस्त स्थानो के बारे में छात्राओं को विस्तार पूर्वक जानकारियां दी। कानपुर दर्शन यात्रा को सफलतापूर्वक संचालित करने में नगर निगम अधिकारी श्री शशांक दीक्षित जी एवं महाविद्यालय प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा तथा कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव का सहयोग सराहनीय रहा।

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