एवीजीसी–एक्सआर क्षेत्र आज मीडिया और मनोरंजन के पूरे क्षेत्र में अपरिहार्य भूमिका निभाता है, जिसमें फिल्म निर्माण, ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म, गेमिंग, विज्ञापन तथा स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सामाजिक क्षेत्रों सहित कई अन्य क्षेत्र शामिल हैं, इस प्रकार देश की विकास गाथा की समग्र संरचना को समेटे हुए है। तेजी से विकसित हो रही तकनीक और पूरे देश में इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथ–साथ सबसे सस्ती डेटा दरों सहित, वैश्विक स्तर पर एवीजीसी–एक्सआर का उपयोग तेजी से बढ़ने को तैयार है।
एवीजीसी–एक्सआर क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देना
इस तेज गति को बनाए रखने के लिए, देश में एवीजीसी–एक्सआर इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने के शीर्ष संस्थान के रूप में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जा रही है। एनसीओई शौकिया और पेशेवर दोनों को अत्याधुनिक एवीजीसी–एक्सआर तकनीकों के नवीनतम कौशलों से लैस करने के लिए विशेष प्रशिक्षण–सह–शिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने के साथ–साथ,अनुसंधान एवं विकास को भी बढ़ावा देगा और कंप्यूटर विज्ञान, इंजीनियरिंग, डिजाइन और कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा जो एवीजीसी–एक्सआर क्षेत्र में बड़ी सफलताओं का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र घरेलू उपयोग और वैश्विक आउटरीच दोनों के लिए भारत के आईपी के निर्माण पर भी व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे कुल मिलाकर भारत की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित कॉन्टेंट का सृजन होगा। इसके अलावा, एनसीओई, एवीजीसी–एक्सआर क्षेत्र में स्टार्टअप और शुरुआती अवस्था वाली कंपनियों को प्रोत्साहन देने के लिए उन्हें संसाधन प्रदान करते हुए एक इनक्यूबेशन सेंटर के रूप में कार्य करेगा। साथ ही, एनसीओई केवल एक अकादमिक उत्प्रेरक के रूप में ही नहीं, बल्कि उत्पादन/उद्योग उत्प्रेरक के रूप में भी काम करेगा।
एनसीओई को एवीजीसी–एक्सआर उद्योग के विकास के लिए प्रेरक शक्ति के रूप में स्थापित किए जाने से यह देश के सभी हिस्सों के युवाओं के लिए रोजगार के सबसे बड़े स्रोतों में से एक के रूप में काम करेगा। इससे रचनात्मक कला और डिजाइन क्षेत्र को बहुत बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत पहल के लक्ष्यों को आगे बढ़ाते हुए भारत को एवीजीसी–एक्सआर गतिविधियों का केंद्र बनाया जा सकेगा।
एवीजीसी–एक्सआर के लिए एनसीओई भारत को अत्याधुनिक कॉन्टेंट उपलब्ध कराने वाले कॉन्टेंट हब के रूप में स्थापित करेगा, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ेगी और मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र के प्रति विदेशी निवेश आकर्षित होगा।