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शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री डॉ. अहमद अल फलासी से भेंट की  

शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. अहमद अल फलासी से भेंट की। इन दोनों ही मंत्रियों ने मौजूदा शैक्षणि‍क सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जिससे छात्रों और संकाय के आवागमन के साथ-साथ विभिन्न अन्य पहलों में भी काफी सुविधा होगी। इसके साथ ही मंत्री महोदय ने अभिनव और परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल ‘42 अबू धाबी’ का दौरा किया। मंत्री महोदय संयुक्त अरब अमीरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरे से शिक्षा और कौशल क्षेत्र में आपसी हित वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग, भागीदारी और सामंजस्‍य को काफी बढ़ावा मिलेगा।

यूएई के शिक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान, प्रधान ने कहा कि यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है, इस लिहाज से दोनों देशों को अपने सभ्यतागत जुड़ावों को मजबूत करने के लिए एक ज्ञान सेतु निर्मित करने हेतु साथ मिलकर काम करना चाहिए।

दोनों मंत्रियों ने शिक्षा और कौशल विकास में द्विपक्षीय गतिविधियों की समीक्षा की। विशेष रूप से जी-20 इंडिया के हिस्से के रूप में चौथी ईडीडब्ल्यूजी के दौरान अलग से हुई आपसी बैठक के दौरान जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई थी, उनकी प्रगति की समीक्षा हुई। उन्होंने शैक्षणिक और कौशल योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता, यूएई में भारतीय संस्थानों की मान्यता के लिहाज से हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इस क्षेत्र में निरंतर काम करने की ज़रूरत बताई। दोनों मंत्रियों ने संस्थागत तंत्रों को सुदृढ़ करने और छात्रों तथा कार्यबल की सुगम गतिशीलता के लिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। धर्मेंद्र प्रधान ने यूएई में भारतीय पाठ्यक्रम का पालन करने वाले स्कूलों को समर्थन देने के लिए डॉ. अहमद बेलहौल को धन्यवाद दिया। साथ ही, भारत और यूएई के बीच छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों को सुगम करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई

बैठक के दौरान, मंत्रियों ने एक महत्वपूर्ण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। सहमति पत्र का उद्देश्य, छात्र और संकाय के आवागमन; संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम; पाठ्यक्रम डिजाइन करना; सम्मेलनों, व्याख्यानों, संगोष्ठियों, पाठ्यक्रमों, दोनों देशों के आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिक और शैक्षिक प्रदर्शनियों का आयोजन और भागीदारी; आदि की सुविधा प्रदान करके दोनों देशों में शैक्षणिक संस्थानों के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को मजबूत करना है।

यह निम्नलिखित क्षेत्रों में सूचनाओं के आदान-प्रदान की भी सुविधा प्रदान करेगा:

• दोनों देशों के सामान्य और उच्च शिक्षा में विनियम, कानूनी संरचनाएं और सर्वोत्तम तौर-तरीके।

• दोनों देशों के बीच योग्यता की पारस्परिक मान्यता को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय योग्यता फ्रेमवर्क सहित सामान्य और उच्च शिक्षा के लिए फ्रेमवर्क और नीतियां।

• प्रतिभाशाली कौशल विकास, परामर्श और कल्याण के क्षेत्रों में फ्रेमवर्क व नीतियां।

• दोहरी व्यवस्था, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों की पेशकश के लिए दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग की सुविधा।

• इस सहमति पत्र के तहत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी) शिक्षण कर्मियों के क्षमता-विकास के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना की गई है।

• सहमति पत्र एक संयुक्त कार्यसमूह के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा, जिसकी अध्यक्षता भारत और संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि करेंगे। इस सहमति पत्र के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए संयुक्त कार्यसमूह (जेडब्लूजी) वर्ष में कम से कम एक बार बारी-बारी से बैठक आयोजित करेगा।

श्री प्रधान ने 42 अबू धाबी का भी दौरा किया, जोकि एक कोडिंग स्कूल है। यह स्कूल प्रोजेक्ट-आधारित और गेमिफाइड पाठ्यक्रम के माध्यम से नवाचार, रचनात्मकता एवं एक सहकर्मी-से-दूसरे सहकर्मी के सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने पर गहराई से ध्यान केन्द्रित करता है। श्री प्रधान ने कहा कि, 42 अबू धाबी जीसीसी में अपनी तरह का पहला स्कूल है और इसके द्वारा तकनीकी रूप से समर्थ भविष्य के दृष्टिकोण को साकार करने के क्रम में शिक्षा की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर दिया जाने वाला जोर बेहद प्रशंसनीय है। पूरे वर्ष 24/7 खुला रहने वाला, यह स्कूल शिक्षार्थियों को अपनी दिनचर्या के अनुसार सीखने और कमाने के प्रति पर्याप्त लचीलापन दर्शाता है। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि एनईपी 2020 में भी लचीलापन और कमाई के साथ सीखने को लेकर प्रमुख रूप से सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रगतिशील तरीकों का समावेश करके भारत के प्रतिभाशाली युवाओं और श्रमशक्ति को सशक्त बनाना ही आगे की राह है।

प्रधान ने अबू धाबी इंडियन स्कूल (एडीआईएस) में छात्रों और शिक्षकों के साथ सार्थक चर्चा की। प्रधान ने कहा कि अबू धाबी में भारतीय समुदाय के सबसे बड़े स्कूलों में से एक, एडीआईएस भारतीय छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन कर रहा है और उन्हें भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात, दोनों देशों की संस्कृति, मूल्यों एवं लोकाचार से ओतप्रोत कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये छात्र भविष्य के वैश्विक नागरिक और भारत एवं इसके सभ्यतागत लोकाचार के दूत हैं।

बाद में शाम को, केन्द्रीय मंत्री ने उड़िया समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत की। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

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भारतीय रेल 16 नवंबर को दिल्ली से पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भारत गौरव ट्रेन टूर का संचालन करेगी

रेल मंत्रालय, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) लिमिटेड के साथ एक सहयोगात्मक पहल में, पूर्वोत्तर राज्यों के संबंध में अनछुए स्थानों को बढ़ावा देने के लिए “नॉर्थ ईस्ट डिस्कवरी” टूर संचालित कर रहा है। भारत गौरव डीलक्स वातानुकूलित पर्यटक ट्रेन पर विशेष रूप से आयोजित किए जाने वाला यह टूर 16 नवंबर, 2023 को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से अपनी यात्रा शुरू करेगा। इस टूर में असम के गुवाहाटी, शिवसागर, जोरहाट और काजीरंगा, त्रिपुरा के उनाकोटि, अगरतला और उदयपुर, नागालैंड के कोहिमा और दीमापुर तथा मेघालय के शिलांग और चेरापूंजी शहर शामिल हैं, जिनका 15 दिनों के दौरे में भ्रमण किया जाएगा।

भारत गौरव डीलक्स वातानुकूलित पर्यटक ट्रेन में दो डाइनिंग कार/रेस्तरां, एक समकालीन रसोईघर (फ्लेमलेस), एसी I और एसी II कोचों में शॉवर क्यूबिकल, सेंसर-आधारित वॉशरूम फ़ंक्शन, फुट मसाजर और एक मिनी लाइब्रेरी सहित अनेक आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। पूरी तरह से वातानुकूलित इस ट्रेन में एसी I, एसी II और एसी III तीन प्रकार की आवास सुविधा उपलब्ध हैं। ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे, इलेक्ट्रॉनिक तिजोरियां और प्रत्येक कोच के लिए नियुक्त किए गए समर्पित सुरक्षा गार्ड जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

14 रातों और 15 दिनों के इस टूर के लिए चलने वाली इस ट्रेन का पहला पड़ाव गुवाहाटी है जहां पर्यटक कामाख्या मंदिर और उसके बाद उमानंद मंदिर तथा ब्रह्मपुत्र नदी में सूर्यास्त क्रूज का भ्रमण करेंगे। इसके बाद यह ट्रेन रात्रिकालीन यात्रा पर नाहरलागुन रेलवे स्टेशन के लिए रवाना होगी जो अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। यात्रा का अगला पड़ाव शहर शिवसागर है- जो असम के पूर्वी हिस्से स्थित है और अहोम साम्राज्य की पुरानी राजधानी है। यहां के प्रसिद्ध शिव मंदिर सिवाडोल के साथ-साथ तलातल घर और रंग घर (पूर्व का कोलोसियम) जैसे अन्य विरासत स्थलों की यात्रा भी इस कार्यक्रम का हिस्सा है। इसके अलावा पर्यटकों को जोरहाट में चाय के बागानों और काजीरंगा में रात भर रुकने के साथ-साथ काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सुबह की जंगल सफारी का अनुभव भी कराया जाएगा। इसके बाद यह ट्रेन त्रिपुरा राज्य के लिए प्रस्थान करेगी, जहां मेहमानों को सघन जम्पुई पहाड़ियों में प्रसिद्ध विरासत स्थल उनाकोटि के दर्शनीय स्थलों की यात्रा कराई जाएगी। इसके बाद वे राजधानी अगरतला के लिए आगे बढ़ेगें, जहां की यात्रा में उन्हें प्रसिद्ध उज्जयंता पैलेस, नीरमहल और उदयपुर में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर की यात्रा कराई जाएगी।

त्रिपुरा के बाद, यह ट्रेन नागालैंड राज्य को कवर करने के लिए दीमापुर के लिए प्रस्थान करेगी। बदरपुर स्टेशन से लुमडिंग जंक्शन के बीच की प्राकृति सौंदर्य से भरी इस सुंदर ट्रेन यात्रा का मेहमान सुबह के शुरुआती घंटों में अपनी सीटों से ही लुत्फ उठा सकते हैं। दीमापुर स्टेशन से पर्यटकों को बसों द्वारा कोहिमा ले जाया जाएगा जहां वे नागा जीवन शैली का अनुभव करने के लिए खोनोमा गांव का भ्रमण करने सहित अन्य स्थानीय स्थलों का भी अवलोकन करेंगे। इस पर्यटक ट्रेन का अगला पड़ाव गुवाहाटी होगा जहां से पर्यटकों को सड़क मार्ग से मेघालय की राजधानी शिलांग ले जाया जाएगा और उनका रास्ते में राजसी उमियम झील पर रुकने का कार्यक्रम है। अगले दिन की शुरुआत पूर्वी खासी पहाड़ियों में बसे चेरापूंजी की यात्रा से होगी। जहां पर्यटक शिलांग पीक, एलिफेंट फॉल्स, नवाखलिकाई फॉल्स और मावसमाई गुफाओं जैसे दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करेंगे। चेरापूंजी से पर्यटक वापसी यात्रा में दिल्ली वापस लौटने के लिए गुवाहाटी स्टेशन पर ट्रेन में सवार होंगे। इस यात्रा के दौरान यह ट्रेन लगभग 5800 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

यह उल्लेखनीय है कि भारत गौरव पर्यटक ट्रेन का शुभारंभ घरेलू पर्यटन को बढावा देने के लिए भारत सरकार की पहल “एक भारत श्रेष्ठ भारत” और “देखो अपना देश” के अनुरूप है। आईआरसीटीसी पर्यटक ट्रेन का यह 15 दिनों का सर्व-समावेशी टूर पैकेज होगा, जिसमें संबंधित श्रेणी में ट्रेन यात्रा, वातानुकूलित होटलों में रात्रि प्रवास, सभी भोजन (केवल शाकाहारी), बसों में सभी स्थानांतरण और दर्शनीय स्थलों की सैर, यात्रा बीमा, टूर एस्कॉर्ट की सेवाएं शामिल होंगी। इसके अलावा इसमें सभी आवश्यक स्वास्थ्य निवारक उपायों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और आईआरसीटीसी मेहमानों को एक सुरक्षित और यादगार अनुभव प्रदान करने का पूरा प्रयास करेगा।

अधिक जानकारी के लिए आप https://www.irctctourism.com/bharatgaurav पर जा सकते हैं, जहां बुकिंग ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर ऑनलाइन उपलब्ध है।

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भारतीय रेलवे ने अक्टूबर 2023 तक 887.24 मीट्रिक टन माल की ढुलाई की

अप्रैल-अक्टूबर 2023 से संचयी आधार पर, भारतीय रेलवे द्वारा 887.25 मीट्रिक टन की माल ढुलाई हासिल की गई, जबकि पिछले साल की माल ढुलाई 855.64 मीट्रिक टन थी। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 31.61 मीट्रिक टन का सुधार है। रेलवे ने पिछले वर्ष की तुलना में 92345.27 करोड़ रुपये की तुलना में 95929.30 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 3584.03 करोड़ रुपये अधिक हैं।

अक्टूबर 2023 के दौरान, अक्टूबर 2022 में 118.95 मीट्रिक टन के लदान की तुलना में, 129.03 मीट्रिक टन की प्रारंभिक माल ढुलाई की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.47 प्रतिशत का सुधार है। अक्टूबर 2022 में 13353.81 करोड़ रुपये की माल ढुलाई आय की तुलना में, अक्टूबर 2023 में 14231.05 करोड़ रुपये का माल ढुलाई राजस्व हासिल किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6.57 प्रतिशत का सुधार है।

भारतीय रेल ने, अक्टूबर 2023 के दौरान, कोयला 64.82 मिलियन टन, लौह अयस्क 14.81 मिलियन टन,  कच्‍चा लोहा और फिनिश्ड स्टील 5.74 मिलियन टन, सीमेंट (इएक्‍ससीएल़. क्लिंकर) 6.32 मिलियन टन , क्लिंकर 4.77 मिलियन टन , खाद्यान्न 3.62 मिलियन टन, उर्वरक 5.72 मिलियन टन, खनिज तेल 4.35 मिलियन टन, कंटेनर 7.15 मिलियन टन और शेष अन्य वस्तुओं में 8.55 मिलियन टन माल ढुलाई की।

“हंगरी फॉर कार्गो” मंत्र का पालन करते हुए, भारतीय रेलवे ने व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा देने में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किया है। ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और चुस्त नीति निर्माण द्वारा समर्थित व्यवसाय विकास इकाइयों के काम ने रेलवे को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर बढ़ने में मदद की।

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अक्टूबर 2023 में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये के साथ अप्रैल 2023 के बाद दूसरी बार सर्वाधिक रहा, वर्ष दर वर्ष 13 प्रतिशत की वद्धि दर्ज की गई

अक्टूबर, 2023 के महीने में एकत्रित सकल जीएसटी राजस्व  1,72,003 करोड़ रुपये है, जिसमें से सीजीएसटी 30,062 करोड़ रुपये है, एसजीएसटी 38,171 करोड़ रुपये है, आईजीएसटी  91,315 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र किए गए  42,127 करोड़ रुपये सहित) है और उपकर 12,456 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 1,294 करोड़ रुपये सहित) है।

सरकार ने आईजीएसटी से सीजीएसटी को 42,873 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 36,614 करोड़ रुपये का निपटान किया है। नियमित निपटान के बाद अक्टूबर, 2023 के महीने में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 72,934 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 74,785 करोड़ रुपये है।

अक्टूबर, 2023 महीने का राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने के जीएसटी राजस्व से 13 प्रतिशत अधिक है। महीने के दौरान, घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व भी पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व से 13 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में औसत सकल मासिक जीएसटी संग्रह अब 1.66 लाख करोड़ रुपये है और पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है।

नीचे दिया गया चार्ट चालू वर्ष के दौरान मासिक सकल जीएसटी राजस्व में रुझान दर्शाता है। नीचे दी गई तालिका में अक्टूबर 2023 तक प्रत्येक राज्य के निपटान के बाद के जीएसटी राजस्व के राज्य-वार आंकड़े दर्शाए गए हैं।

चार्टः जीएसटी संग्रह में रुझान

तालिका: आईजीएसटी का एसजीएसटी और एसजीएसटी हिस्सा राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को निपटान किया गया

अप्रैल-अक्टूबर (करोड़ रुपये में)

  निपटान पूर्व एसजीएसटी निपटान के बाद एसजीएसटी [1]
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश 2022-23 2023-24 वृद्धि 2022-23 2023-24 वृद्धि
जम्मू एवं कश्मीर 1,318 1,762 34% 4,299 4,817 12%
हिमाचल प्रदेश 1,341 1,546 15% 3,368 3,302 -2%
पंजाब 4,457 4,903 10% 11,378 13,115 15%
चंडीगढ़ 351 389 11% 1,227 1,342 9%
उत्तराखंड 2,805 3,139 12% 4,513 4,890 8%
हरियाणा 10,657 11,637 9% 18,291 20,358 11%
दिल्ली 8,000 9,064 13% 16,796 18,598 11%
राजस्थान 8,832 9,859 12% 19,922 22,571 13%
उत्तर प्रदेश 15,848 18,880 19% 38,731 42,482 10%
बिहार 4,110 4,731 15% 13,768 15,173 10%
सिक्किम 179 297 66% 489 629 29%
अरुणाचल प्रदेश 282 378 34% 932 1,155 24%
नागालैंड 125 177 42% 564 619 10%
मणिपुर 166 210 27% 812 659 -19%
मिजोरम 105 168 60% 488 573 18%
त्रिपुरा 242 299 23% 847 928 9%
मेघालय 265 353 33% 841 988 17%
असम 2,987 3,428 15% 7,237 8,470 17%
पश्चिम बंगाल 12,682 13,799 9% 22,998 24,607 7%
झारखंड 4,329 5,152 19% 6,466 7,128 10%
ओडिशा 8,265 9,374 13% 11,031 12,723 15%
छत्तीसगढ़ 4,285 4,773 11% 6,421 7,656 19%
मध्य प्रदेश 6,062 7,384 22% 15,418 18,100 17%
गुजरात 21,644 24,005 11% 32,943 36,322 10%
दादरा एवं नगर हवेली

और दमन एवं दीव

381 372 -3% 709 606 -15%
महाराष्ट्र 48,870 58,057 19% 74,612 84,712 14%
कर्नाटक 20,165 23,400 16% 37,924 42,657 12%
गोवा 1,111 1,307 18% 2,024 2,299 14%
लक्षद्वीप 6 16 162% 18 66 259%
केरल 7,016 8,082 15% 17,450 18,370 5%
तमिलनाडु 20,836 23,661 14% 34,334 37,476 9%
पुदुचेरी 271 288 6% 695 833 20%
अंडमान व निकोबार

द्वीप समूह

112 125 12% 287 311 8%
तेलंगाना 9,538 11,377 19% 21,301 23,478 10%
आंध्र प्रदेश 7,347 8,128 11% 16,441 18,488 12%
लद्दाख 81 121 49% 311 377 21%
अन्य केन्द्र शासित प्रदेश 97 140 44% 281 685 144%
कुल योग 2,35,167 2,70,777 15% 4,46,167 4,97,562 12%

[1] निपटान के बाद का जीएसटी राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के जीएसटी राजस्व और आईजीएसटी के एसजीएसटी हिस्से का संचयी हिस्सा है जो राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को दिया जाता है।

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भारतीय लाल बिच्छू के डंक के बेहतर उपचार के लिए विकसित किया गया नया रोगोपचारक फॉमूलेशन

भारतीय लाल बिच्छू के जहर से उत्‍पन्‍न विषाक्तता और संबंधित लक्षणों को रोकने के लिए वाणिज्यिक घोड़े के एंटी-बिच्छू एंटीवेनम (एएसए), अल्‍फा1-एड्रेनोसेप्टर एगोनिस्ट (एएए) और विटामिन सी की कम खुराक से युक्त एक नया चिकित्सीय दवा फॉर्मूलेशन (टीडीएफ) बिच्छू के डंक के रोगियों के नैदानिक प्रबंधन में सुधार करने में मदद कर सकता है।

बिच्छू का जहर दुनिया के कई देशों में एक गंभीर समस्या है। भारतीय लाल बिच्छू (मेसोबुथुस टैमुलस), अपने जानलेवा डंक के कारण, दुनिया के सबसे खतरनाक बिच्छुओं में से एक है। एम. टैमुलस विष (एमटीवी) के खिलाफ, नसों के अंदर से दी जाने वाली घोड़े के एंटी-बिच्छू एंटीवेनम (एएसए), बिच्छू के डंक के लिए एकमात्र उपलब्ध उपचार है। हालांकि, सबसे प्रचुर मात्रा में कम आणविक द्रव्यमान चैनल विष के खिलाफ जहर-विशिष्ट एंटीबॉडिज का कम अनुपात बिच्छू के डंक रोगियों के कुशल नैदानिक प्रबंधन के लिए एक बाधा है। इसलिए, आवश्यक उच्च एंटीवेनम से इलाज किए गए रोगियों में प्रतिकूल सीरम प्रभाव हो सकते हैं। बिच्छू के जहर और इसके उपचार के लिए बड़े पैमाने पर अनुसंधान और वैकल्पिक चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

परंपरागत रूप से, अल्‍फा 1- एड्रेनोसेप्टर एगोनिस्ट (एएए), जैसे कि प्राज़ोसिन, का उपयोग अकेले या वाणिज्यिक एएसए के साथ संयोजन में डंक रोगियों के उपचार के लिए भी किया जाता है; हालांकि, यह चिकित्सा कम प्रभावी है और इसकी कुछ सीमाएं हैं।

इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने के लिए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) के वैज्ञानिकों की एक टीम के साथ-साथ तेजपुर विश्वविद्यालय एनआईईएलआईटी, गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने वाणिज्यिक एएसए, एएए और विटामिन सी की कम खुराक वाले नए रोगेपचारक दवा फॉर्मूलेशन (टीडीएफ) का भारतीय लाल बिच्छू के जहर से उत्‍पन्‍न विषाक्तता और संबंधित लक्षणों को रोकने के लिए आविष्कार किया है।

दवा की प्रभावकारिता का परीक्षण पहली बार कैनोरहाब्डिस एलिगेंस पर किया गया थायह एक मुक्त-जीवित निमेटोड मॉडल है, जो कि एक इनविवो पशु मॉडल के विकल्प के रूप में है। यह शोध हाल ही में जर्नल टॉक्सिन्स में प्रकाशित हुआ है। इस नई दवा के फॉर्मूलेशन पर एक भारतीय पेटेंट भी दायर किया गया है।

इस अध्‍ययन में निदेशक प्रोफेसर आशीष मुखर्जी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ एमआर खान, आईएएसएसटी से आईपीडीएफ डॉ अपरूप पात्रा, तेजपुर विश्वविद्यालय से डॉ भबाना दास और उपासना पुजारी और एनआईईएलआईटी, गुवाहाटी से डॉ एस महंत शामिल थे जिन्‍होंने ने पहली बार प्रमाणित किया कि सीएलिगेंस, न्यूरोटॉक्सिक बिच्छू के जहर के खिलाफ, दवा के अणुओं की न्यूट्रलाइजेशन क्षमता की जांच के लिए एक अच्छा मॉडल जीव हो सकता है।

नोवेल टीडीएफ ने कुशलतापूर्वक भारतीय लाल बिच्छू के जहर को बेअसर कर दिया, रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि, अंग ऊतक क्षति, नेक्रोसिस और विस्टार चूहों में फुफ्फुसीय एडिमा को उत्‍प्रेरित किया, जो वाणिज्यिक एएसए, एएए और विटामिन सी की तुलना में बहुत बेहतर है। यह उपचार बिच्छू के डंक के खिलाफ प्रभावी उपचार की बहुत आशा जगाता है और इससे दुनिया भर में लाखों रोगियों की जान बचाई जा सकेगी।

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सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक 8.1 प्रतिशत (अंनतिम) बढ़ा

आठ प्रमुख उद्योगों (आईसीआई) के संयुक्त सूचकांक में सितंबर 2022 के सूचकांक की तुलना में सितंबर 2023 में 8.1 प्रतिशत (अनंतिम) की वृद्धि हुई। कोयला, इस्पात, बिजली, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट और उर्वरक के उत्पादन में सितंबर 2023 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। वार्षिक और मासिक सूचकांक तथा वृद्धि दर का विवरण नीचे दिया गया है।

आईसीआई आठ प्रमुख उद्योगों जैसे सीमेंट, कोयला, कच्चा तेल, बिजली, उर्वरक, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और  इस्पात के उत्पादन के संयुक्त और विशिष्ट निष्पादन को मापता है। आठ प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल वस्तुओं का 40.27 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।

जून 2023 के लिए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर को संशोधित कर 8.4 प्रतिशत कर दिया गया है। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान आईसीआई की संचयी वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.8 प्रतिशत (अनंतिम) दर्ज की गई।

आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक का सारांश नीचे दिया गया है:

सीमेंट– सीमेंट उत्पादन (भारांक: 5.37 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 4.7 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11.5 प्रतिशत बढ़ गया।

कोयला– कोयला उत्पादन (भारांकः10.33 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 16.1 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 12.2 प्रतिशत बढ़ गया।

कच्चा तेल- कच्चे तेल का उत्पादन (भारांक: 8.98 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 0.4 प्रतिशत कम हो गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.4 प्रतिशत कम हो गया।

बिजली– बिजली उत्पादन (भारांक:19.85 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 9.3 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.0 प्रतिशत बढ़ गया।

उर्वरक- उर्वरक उत्पादन (भारांक: 2.63 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 4.2 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.0 प्रतिशत बढ़ गया।

प्राकृतिक गैस– प्राकृतिक गैस का उत्पादन (भारांक: 6.88 प्रतिशत) सितंबर  2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 6.5 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.3 प्रतिशत बढ़ गया।

पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद– पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन (भारांक: 28.04 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 5.5 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.0 प्रतिशत बढ़ गया।

इस्पात- इस्पात उत्पादन (भारांक: 17.92 प्रतिशत) सितंबर, 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 9.6 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14.2 प्रतिशत बढ़ गया।

नोट 1: जुलाई 2023अगस्त 2023 और सितंबर2023 का डेटा अनंतिम हैं। स्रोत एजेंसियों के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार प्रमुख उद्योगों की सूचकांक संख्याओं को संशोधित/अंतिम रूप दिया जाता है।

नोट 2: अप्रैल 2014 सेनवीकरणीय स्रोतों से बिजली उत्पादन संबंधी डेटा भी शामिल है।

नोट 3: ऊपर बताए गए उद्योग-वार भार आईआईपी से प्राप्त विशिष्ट उद्योग भार हैं और आनुपातिक आधार पर 100 के बराबर आईसीआई के संयुक्त भार तक बढ़ाए गए हैं।

नोट 4: मार्च 2019 सेतैयार स्टील के उत्पादन में कोल्ड रोल्ड (सीआर) कॉइल्स‘ आइटम के तहत हॉट रोल्ड पिकल्ड एंड ऑयल्ड (एचआरपीओ) नामक एक नया स्टील उत्पाद भी शामिल किया गया है।

नोट 5: अक्टूबर 2023 के लिए सूचकांक गुरुवार 30 नवंबर 2023 को जारी किया जाएगा।

आठ प्रमुख उद्योगों का निष्पादन

वार्षिक सूचकांक एवं वृद्धि दर

आधार वर्ष: 2011-12=100

सूचकांक

सेक्टर कोयला कच्चा तेल प्राकृतिक गैस रिफाइनरी उत्पाद उर्वरक इस्पात सीमेंट बिजली समग्र सूचकांक
भार 10.33 8.98 6.88 28.04 2.63 17.92 5.37 19.85 100.00
2012-13 103.2 99.4 85.6 107.2 96.7 107.9 107.5 104.0 103.8
2013-14 104.2 99.2 74.5 108.6 98.1 115.8 111.5 110.3 106.5
2014-15 112.6 98.4 70.5 108.8 99.4 121.7 118.1 126.6 111.7
2015-16 118.0 97.0 67.2 114.1 106.4 120.2 123.5 133.8 115.1
2016-17 121.8 94.5 66.5 119.7 106.6 133.1 122.0 141.6 120.5
2017-18 124.9 93.7 68.4 125.2 106.6 140.5 129.7 149.2 125.7
2018-19 134.1 89.8 69.0 129.1 107.0 147.7 147.0 156.9 131.2
2019-20 133.6 84.5 65.1 129.4 109.8 152.6 145.7 158.4 131.6
2020-21 131.1 80.1 59.8 114.9 111.6 139.4 130.0 157.6 123.2
2021-22 142.3 77.9 71.3 125.1 112.4 163.0 156.9 170.1 136.1
2022-23 163.5 76.6 72.4 131.2 125.1 178.1 170.6 185.2 146.7
अप्रैल-सितंबर 22-23 140.0 77.4 72.2 129.3 122.3 167.4 163.3 193.2 143.0
अप्रैल-सितंबर 23-24* 157.0 77.1 75.3 134.4 130.8 191.2 182.0 204.7 154.1

*अनंतिम

वृद्धि दरें (वर्ष-दर-वर्ष आधार पर प्रतिशत में)

सेक्टर कोयला कच्चा तेल प्राकृतिक गैस रिफाइनरी उत्पाद उर्वरक इस्पात सीमेंट बिजली समग्र वृद्धि
भार 10.33 8.98 6.88 28.04 2.63 17.92 5.37 19.85 100.00
2012-13 3.2 -0.6 -14.4 7.2 -3.3 7.9 7.5 4.0 3.8
2013-14 1.0 -0.2 -12.9 1.4 1.5 7.3 3.7 6.1 2.6
2014-15 8.0 -0.9 -5.3 0.2 1.3 5.1 5.9 14.8 4.9
2015-16 4.8 -1.4 -4.7 4.9 7.0 -1.3 4.6 5.7 3.0
2016-17 3.2 -2.5 -1.0 4.9 0.2 10.7 -1.2 5.8 4.8
2017-18 2.6 -0.9 2.9 4.6 0.03 5.6 6.3 5.3 4.3
2018-19 7.4 -4.1 0.8 3.1 0.3 5.1 13.3 5.2 4.4
2019-20 -0.4 -5.9 -5.6 0.2 2.7 3.4 -0.9 0.9 0.4
2020-21 -1.9 -5.2 -8.2 -11.2 1.7 -8.7 -10.8 -0.5 -6.4
2021-22 8.5 -2.6 19.2 8.9 0.7 16.9 20.8 8.0 10.4
2022-23 14.8 -1.7 1.6 4.8 11.3 9.3 8.7 8.9 7.8
अप्रैल-सितंबर 22-23 21.0 -1.3 1.8 10.1 11.5 6.9 11.0 10.8 9.8
अप्रैल-सितंबर 23-24* 12.2 -0.4 4.3 4.0 7.0 14.2 11.5 6.0 7.8

*अनंतिम। वर्ष दर-वर्ष की गणना पिछले वर्ष के संबंधित वित्तीय वर्ष पर की जाती है

आठ प्रमुख उद्योगों का निष्पादन

मासिक सूचकांक एवं वृद्धि दर

आधार वर्ष: 2011-12=100

सूचकांक

सेक्टर कोयला कच्चा तेल प्राकृतिक गैस रिफाइनरी उत्पाद उर्वरक इस्पात सीमेंट बिजली समग्र सूचकांक
भार 10.33 8.98 6.88 28.04 2.63 17.92 5.37 19.85 100.00
सितंबर-22 127.5 75.2 72.1 120.2 127.0 172.8 158.7 187.4 138.6
अक्टूबर-22 145.8 77.4 73.0 123.5 129.5 177.3 155.2 169.3 138.8
नवंबर-22 167.5 75.8 71.8 119.7 129.2 175.5 164.3 166.7 139.4
दिसंबर-22 184.4 78.2 74.5 139.3 129.9 190.9 184.8 179.4 153.4
जनवरी-23 198.6 78.3 75.2 142.0 135.8 199.5 184.7 186.6 158.8
फरवरी-23 190.1 68.1 67.0 129.1 125.2 185.4 180.2 174.0 147.3
मार्च-23 235.5 77.3 74.6 144.7 118.1 204.4 198.4 188.0 164.7
अप्रैल-23 161.2 75.0 68.9 132.7 118.7 191.2 192.0 192.3 151.2
मई -23 167.6 78.8 73.2 141.1 138.2 192.5 191.8 201.6 157.4
जून-23 162.4 76.4 73.4 136.2 130.8 191.9 195.0 205.2 155.9
जुलाई-23* 152.6 78.9 79.0 134.4 131.8 190.5 166.1 204.0 153.0
अगस्त-23* 150.3 78.4 80.3 135.4 133.3 191.7 181.3 220.5 157.4
सितंबर-23* 148.1 74.9 76.8 126.8 132.3 189.5 166.1 204.8 149.9

*अनंतिम

 

वृद्धि दरें (वर्ष-दर-वर्ष आधार पर प्रतिशत में)

सेक्टर कोयला कच्चा तेल प्राकृतिक गैस रिफाइनरी उत्पाद उर्वरक इस्पात सीमेंट बिजली समग्र वृद्धि
भार 10.33 8.98 6.88 28.04 2.63 17.92 5.37 19.85 100.00
सितंबर-22 12.1 -2.3 -1.7 6.6 11.8 7.7 12.4 11.6 8.3
अक्टूबर-22 3.8 -2.2 -4.2 -3.1 5.4 5.8 -4.2 1.2 0.7
नवंबर-22 12.3 -1.1 -0.7 -9.3 6.4 11.5 29.1 12.7 5.7
दिसंबर-22 12.3 -1.2 2.6 3.7 7.3 12.3 9.5 10.4 8.3
जनवरी-23 13.6 -1.1 5.2 4.5 17.9 14.3 4.7 12.7 9.7
फरवरी-23 9.0 -4.9 3.1 3.3 22.2 12.4 7.4 8.2 7.4
मार्च-23 11.7 -2.8 2.7 1.5 9.7 12.1 -0.2 -1.6 4.2
अप्रैल-23 9.1 -3.5 -2.9 -1.5 23.5 16.6 12.4 -1.1 4.6
मई-23 7.2 -1.9 -0.3 2.8 9.7 12.0 15.9 0.8 5.2
जून-23 9.8 -0.6 3.5 4.6 3.4 21.3 9.9 4.2 8.4
जुलाई-23* 14.9 2.1 8.9 3.6 3.3 14.2 6.9 8.0 8.4
अगस्त-23* 17.9 2.1 10.0 9.5 1.8 12.4 19.3 15.3 12.5
सितंबर-23* 16.1 -0.4 6.5 5.5 4.2 9.6 4.7 9.3 8.1

*अनंतिम। वर्ष दर-वर्ष की गणना पिछले वर्ष के इसी महीने से की जाती है

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केंद्रीय सूचना आयोग ने साइबर सुरक्षा पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया

केन्द्रीय सूचना आयोग ने कल साइबर सुरक्षा पर एक दिन की संगोष्ठी का आयोजन किया। सूचना आयुक्त सुरेश चंद्र मुख्य अतिथि के रूप में उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर, सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया, सरोज पुन्हानी और उदय माहुरकर सम्मानित अतिथि थे। रश्मि चौधरी, सचिव, सीआईसी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। सोमनाथ बनर्जी, सीआईएसओ और वरिष्ठ उपाध्यक्ष, ग्लोबल सर्विसेज ने मुख्य भाषण दिया।

रश्मि चौधरी, सचिव, सीआईसी ने अपने स्वागत भाषण में साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और प्रतिभागियों को सक्रिय रूप से चर्चा में शामिल होने तथा सूचनाप्रद संगोष्ठी में भाग लेने के लाभों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

सोमनाथ बनर्जी, सीआईएसओ और वरिष्ठ उपाध्यक्ष, ग्लोबल सर्विसेज ने अपने मुख्य भाषण के माध्यम से दर्शकों को साइबर सुरक्षा के खतरों और चुनौतियों से अवगत कराया। बाद में, उन्होंने ‘साइबर खतरे और इन खतरों के जवाबी उपाय’ विषय पर अपने सत्र में कई दिलचस्प तथ्यों और उपाख्यानों का भी उल्‍लेख किया। दर्शकों ने उनके साथ बातचीत की और इस विषय पर अपना ज्ञान बढ़ाया।

एनआईसी-सीईआरटी के संयुक्त निदेशक सैयद हसन महमूद ने ‘सरकारी कर्मचारियों के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश’ विषय पर श्रोताओं को जानकारी दी। उन्होंने साइबर जगत के क्या करें और क्या न करें तथा साइबर स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया। अंजना चौधरी और वधावन ने उस समाधान के बारे में बात की, जो खतरों और कमजोरियों के नाम पर अब तक चर्चा की गई समस्याओं के लिए प्रदान की जा सकती है। पवन कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कानूनी) और प्रमुख (मुकदमेबाजी) ने ‘साइबर अपराध मामलों, बैंक धोखाधड़ी आदि में साक्ष्य का वैज्ञानिक विश्लेषण’ विषय के माध्यम से वित्तीय मामलों में साइबर सुरक्षा के महत्व और इसकी अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया। शिव कुमार, वरिष्ठ निदेशक (आईटी) ने कार्यक्रम के मास्टर ऑफ सेरेमनी के रूप में भूमिका निभायी। सीआईसी की अपर सचिव रूप अवतार कौर ने सभी को धन्यवाद-ज्ञापन दिया। इस संगोष्ठी में सीआईसी के लगभग 170 अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में मिशन शक्ति: नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी सशक्तिकरण पर सेमिनार आयोजित

कानपुर 31 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज महाविद्यालय के एनएसएस इकाई द्वारा एक दिवसीय सेमिनार का अयोजन किया गया , जिसकी थीम मिशन शक्ति: नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी सशक्तिकरण जिसके अंतर्गत विभिन्न कॉलेजों के एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर उपस्थित हुए, द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत हुई तत्पश्चात प्राचार्य जोसेफ डेनियल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया ,सेमिनार में ऑनलाइन माध्यम से प्रो. विनय कुमार पाठक छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने ओज पूर्ण विचारों से कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को जागरूक किया इसी श्रंखला में प्रो .रिपुदमन  , प्रो. मंजू सिंह , प्रो. राजेश कुमार द्विवेदी, डॉ श्याम मिश्रा ने अपने शब्दों से कार्यक्रम में उपस्थित लोगों का महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लिए सामाजिक बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया,कार्यक्रम में एनएसएस इकाई के स्वयं सेवकों ने नारी सशक्तिकरण पर छोटा सी नृत्य नाट्य प्रस्तुति की , तथा एनएसएस इकाई के स्वयं सेवकों ने लक्ष्य गीत की प्रस्तुति दी तथा डी जी कॉलेज की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ संगीता सिरोही ने कार्यक्रम में ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा एकता दिवस के उपलक्ष्य पर सभी को शपथ ग्रहण कराई गई क्राइस्ट चर्च की प्रोग्राम ऑफिसर डॉ सुनीता वर्मा व एनएसएस हेड रितेश यादव, मानवी शुक्ला तथा उनके साथ उनकी टीम जिसमे हर्षिता,आर्थर ,अहमद, तरंग, आयुष,अपेक्षा, नागेंद्र , इरम , आयुषी, सोनल , प्राची , शौर्य , विपिन , आर्यन , दिया , हर्ष, विक्रम, विवेक आदि के सहयोग से कार्यक्रम का समापन हुआ ।

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राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती

कानपुर 31 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर के द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में एकता रन, एकता की शपथ, भाषण प्रतियोगिता एवम व्याख्यान का आयोजन कर लौह पुरुष सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वल्लभभाई पटेल महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, हमारे देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री एवं प्रथम गृहमंत्री थे। भारतवर्ष की एकता एवम अक्षुण्णता को बनाए रखने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के द्वारा दिखाया गया रास्ता अतिमहत्वपूर्ण है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सेल्फ फाइनेंस की डायरेक्टर प्रो वंदना निगम, कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव,एन सी सी इंचार्ज डॉ मनीष पांडे, भूगोल विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव, बी एड विभाग इंचार्ज डॉ सबीहा अंजुम एवं समस्त प्राध्यापिकाओं , एनएसएस वॉलिंटियर्स तथा महाविद्यालय की समस्त छात्राओं का विशेष योगदान रहा।

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“प्रोटीन संशलेषण में न्यूक्लिक अम्लों की भूमिका व महत्त्व” विषय पर व्याख्यान आयोजित

कानपुर 29 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. जे. महाविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा एक विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया है जिसका शीर्षक “प्रोटीन संशलेषण में न्यूक्लिक अम्लों की भूमिका व महत्त्व” के मुख्य अतिथि प्रो०सुनीता आर्या डी.जी.पी.जी. महाविद्यालय, कानपुर द्वारा व्याख्यान दिया गया। न्यूक्लिक अम्लों को प्रोटीन संशलेषण में भूमिका व प्रोटीन निर्माण की प्रक्रिया को समझाया। इसके अतिरिक्त शरीर के विकास में प्रोटीन के महत्त्व को बतलाया। कार्यक्रम क संचालन डॉ अनुराग सिंह कुशवाह द्वारा किया गया तथा डॉ०रीता गुप्ता, डॉ० वंदना मिश्रा, डॉ० रामकेश परिहार, डॉ० रेखा शुक्ला एवं डॉ० सुनील उमराव ने सहयोग प्रदान किया कार्यक्रम क समापन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० संजीव कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि, शिक्षकगण तथा समस्त छात्र / छात्राओं ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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