रक्षा मंत्री ने बड़ाखाना के दौरान सैनिकों को संबोधित किया और उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ कुछ क्षेत्रों में बुनियादी स्थिति बहाल करने के लिए भारत तथा चीन के बीच बनी सहमति का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा के कुछ क्षेत्रों में अपने विवादों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य वार्ता कर रहे थे। श्री सिंह ने कहा कि हमारे निरंतर प्रयासों के बाद हम आम सहमति पर पहुंचे हैं और आपके अनुशासन एवं साहस के कारण हमें यह सफलता मिली है। इसके बाद हम आम सहमति के आधार पर शांति बहाली की इस प्रक्रिया को जारी रखेंगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस कथन का उल्लेख किया जिसमें वे कहा करते थे कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं और ऐसे में हम अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने में विश्वास करते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह भारत की स्पष्ट नीति है, लेकिन कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं, जब हमें सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित सर्वोपरि करनी होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार हमारी सेनाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए शांति बहाली की इस प्रक्रिया में सभी आवश्यक कदम उठाएगी।
राजनाथ सिंह ने कठिन परिस्थितियों में अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों की अटूट भावना, दृढ़ प्रतिबद्धता व उल्लेखनीय साहस की प्रशंसा की और उन्हें युवाओं के लिए प्रेरणा का सच्चा स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सदैव उन सैनिकों का ऋणी रहेगा, जो अद्वितीय वीरता एवं समर्पण के साथ मातृभूमि की सेवा करते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा का श्रेय मुख्य रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और सशस्त्र बलों के सामर्थ्य को जाता है। उन्होंने सैनिकों से आग्रह किया कि वे लगातार परिवर्तित होते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य से उत्पन्न होने वाले खतरों से निपटने के लिए सतर्क और तैयार रहें।
राजनाथ सिंह ने बड़ाखाना की अवधारणा की प्रशंसा की और रैंकों के बीच सौहार्द बढ़ाने में इसकी भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बड़ाखाना यह दर्शाता है कि हम सिर्फ आधिकारिक उपाधियों से कहीं अधिक हैं; हम राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता में एकजुट एक परिवार की तरह हैं।
इससे पहले रक्षा मंत्री ने सेना की सैन्य परिचालन तैयारियों की गहन समीक्षा की। उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बुनियादी ढांचे के विकास एवं कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कोर के सभी रैंकों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों एवं उत्कृष्ट सेवाओं की सराहना की और सीमावर्ती क्षेत्रों में राष्ट्र निर्माण के लिए कोर द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रयासों की सराहना की।