प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के इंदौर में ईएसआईसी अस्पताल का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया और देश भर में छह अतिरिक्त ईएसआई अस्पतालों की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं कुल 1,641 करोड़ रुपये की हैं और इनसे लगभग 55 लाख ईएसआई लाभार्थियों और उनके परिवारों को लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पिछले एक दशक में भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति पर प्रकाश डाला और इसकी तुलना पिछले छह-सात दशकों की सीमित उपलब्धियों से की। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में हमने रिकॉर्ड संख्या में नए एम्स और मेडिकल कॉलेज स्थापित होते देखे हैं।” आज के अवसर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में अस्पतालों का उद्घाटन किया गया।
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के नरसापुर और बोम्मासंद्रा, मध्य प्रदेश के पीथमपुर, आंध्र प्रदेश के अचितपुरम और हरियाणा के फरीदाबाद में नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के मेरठ में नए ईएसआईसी अस्पताल पर काम शुरू हो गया है और इंदौर में एक नए अस्पताल का उद्घाटन किया गया है।”
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला, जिसने स्वास्थ्य सेवा को भारत की विकास रणनीति की आधारशिला के रूप में एकीकृत किया है।
डॉ. मांडविया ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य को विकास से जोड़ा है और ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ स्वास्थ्य मॉडल तैयार किया है जो सुनिश्चित करता है कि स्वास्थ्य सेवा सुलभ, सस्ती और हर नागरिक के लिए उपलब्ध हो।”
पिछले दशक के दौरान ईएसआईसी की सेवाओं में पर्याप्त वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. मंडाविया ने कहा, “ईएसआईसी नेटवर्क 2014 में 393 जिलों से बढ़कर अब देश भर में 674 जिलों तक पहुंच गया है। जहां 2014 से पहले 2 करोड़ से कम परिवार स्वास्थ्य सुरक्षा से लाभान्वित होते थे, वहीं आज यह संख्या लगभग दोगुनी होकर लगभग 4 करोड़ परिवार हो गई है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इसी तरह, पिछले 10 वर्षों में ईएसआईसी लाभार्थियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है, जो 2014 में 8 करोड़ से बढ़कर अब 2024 में लगभग 15 करोड़ हो गई है। यह श्रमिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा में सुधार के सरकार के प्रयासों की सफलता को दर्शाता है।”
डॉ. मंडाविया ने बताया कि आने वाले दिनों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के साथ मिला दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह एकीकरण ईएसआईसी लाभार्थियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल पहुंच का विस्तार करेगा, जिससे वे देश भर में एबी-पीएमजेएवाई पैनल वाले अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे।
आज जिन छह नए ईएसआई अस्पतालों की आधारशिला रखी गई, उनमें आधुनिक सुविधाएं और आवश्यक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी:
- बोम्मासंद्रा, कर्नाटक – 200 बिस्तरों वाला ईएसआई अस्पताल
- नरसापुर, कर्नाटक – 100 बिस्तरों वाला ईएसआई अस्पताल
- पीथमपुर, मध्य प्रदेश – 100 बिस्तरों वाला ईएसआई अस्पताल
- मेरठ, उत्तर प्रदेश – 100 बिस्तरों वाला ईएसआई अस्पताल
- अचुतापुरम, आंध्र प्रदेश – 30 बिस्तरों वाला ईएसआईएस अस्पताल
- फरीदाबाद, हरियाणा – 500 अतिरिक्त बिस्तरों के साथ उन्नत ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, इसकी क्षमता 650 से बढ़कर 1150 बिस्तरों तक हो जाएगी
इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश के इंदौर में 300 बिस्तरों वाले जिस ईएसआईसी अस्पताल का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया है, उसे भविष्य में 500 बिस्तरों तक विस्तारित किया जा सकेगा। इसका फायदा लगभग 14 लाख बीमित लोगों और लाभार्थियों को मिलेगा।
इन ईएसआईसी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर कॉम्प्लेक्स, गहन चिकित्सा इकाइयां, लेबर रूम कॉम्प्लेक्स, एनआईसीयू, पीआईसीयू और उन्नत इमेजिंग सेवाओं जैसी आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। प्रत्येक सुविधा केंद्र अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक से लैस होगा, जिसमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट, सीएसएसडी/टीएसएसयू इकाइयां और नर्स कॉल सिस्टम शामिल हैं, जो आउटपेशेंट (ओपीडी) और इनपेशेंट (आईपीडी) दोनों तरह की सेवाएं प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जे पी नड्डा, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री सुश्री शोभा करंदलाजे सहित अन्य लोग उपस्थित थे।