रश्मि चौधरी, सचिव, सीआईसी ने अपने स्वागत भाषण में साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया और प्रतिभागियों को सक्रिय रूप से चर्चा में शामिल होने तथा सूचनाप्रद संगोष्ठी में भाग लेने के लाभों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
सोमनाथ बनर्जी, सीआईएसओ और वरिष्ठ उपाध्यक्ष, ग्लोबल सर्विसेज ने अपने मुख्य भाषण के माध्यम से दर्शकों को साइबर सुरक्षा के खतरों और चुनौतियों से अवगत कराया। बाद में, उन्होंने ‘साइबर खतरे और इन खतरों के जवाबी उपाय’ विषय पर अपने सत्र में कई दिलचस्प तथ्यों और उपाख्यानों का भी उल्लेख किया। दर्शकों ने उनके साथ बातचीत की और इस विषय पर अपना ज्ञान बढ़ाया।
एनआईसी-सीईआरटी के संयुक्त निदेशक सैयद हसन महमूद ने ‘सरकारी कर्मचारियों के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश’ विषय पर श्रोताओं को जानकारी दी। उन्होंने साइबर जगत के क्या करें और क्या न करें तथा साइबर स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया। अंजना चौधरी और वधावन ने उस समाधान के बारे में बात की, जो खतरों और कमजोरियों के नाम पर अब तक चर्चा की गई समस्याओं के लिए प्रदान की जा सकती है। पवन कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कानूनी) और प्रमुख (मुकदमेबाजी) ने ‘साइबर अपराध मामलों, बैंक धोखाधड़ी आदि में साक्ष्य का वैज्ञानिक विश्लेषण’ विषय के माध्यम से वित्तीय मामलों में साइबर सुरक्षा के महत्व और इसकी अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया। शिव कुमार, वरिष्ठ निदेशक (आईटी) ने कार्यक्रम के मास्टर ऑफ सेरेमनी के रूप में भूमिका निभायी। सीआईसी की अपर सचिव रूप अवतार कौर ने सभी को धन्यवाद-ज्ञापन दिया। इस संगोष्ठी में सीआईसी के लगभग 170 अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।