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काश! शहरों की भांति ग्रामीण क्षेत्र के भू माफियाओं पर भी गरजता बाबा का बुलडोजर

काश! भ्रष्ट तंत्रियों की ओर भी एक बार हो जाता बाबा के बुलडोजर का निशाना

जिस प्रकार से योगी सरकार पार्ट वन ने भू माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर का अभियान चलाकर इनकी कमर तोड़ी है, जो निर्बाध रूप से बिना भेदभाव के पार्ट टु में भी तेजी से चल रहा है जिससे फर्जी ढंग से जनता में हुल थाप देने वाले गुरु घंटाल, भू माफिया बिलबिला गए हैं, काश अब इसी तरह से शहरों के स्वास्थ्य माफियाओं एवं प्रदेश के हर गांवों के भू माफियाओं व गांव- शहर मे तैनात भ्रष्ट तंत्रियों पर भी चल जाता योगी का बुलडोजर तो मानो राम राज्य आ गया, इन लोगों द्वारा जिस प्रकार से आज भी निरीह गरीब मजबूर लोगों का खून चूसा जा रहा है, जिससे भी भ्रष्टाचार बढ़ा है यदि इन लोगों पर लगाम लगा दिया जाए तो प्रदेश की आधी समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी।

जिस प्रकार से यूपी चुनाव 2022 मे भाजपा की मोदी योगी की डबल इंजन की सरकार ने अपने ईमानदार छवि एवं सूझबूझ के साथ कार्य करने की इच्छा शक्ति व भ्रष्टाचार विरोधी एवं माफिया विरोधी वाले चेहरे के बल पर भारी जीत दर्ज कर पुनः योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई है, जिससे अच्छा एवं सही कार्य करने के लिए योगी जी का उत्साह दूसरी पारी में और बढा है साथ ही जनता का आशा भी बढी है, जिसके क्रम में योगी अपने उसी सिद्धांत एवं नीति के तहत कार्य करना प्रारंभ भी कर दिए है, सबसे पहले उन्होंने बड़े-बड़े सूरमाओ, मंत्रियों के विभाग बदल दिए और कुछ को तो पैदल कर दिए, दूसरा नंबर विभागों के तनखइयां गुरु घंटालो पर है, कामचोर मलाई प्रेमियों को सूखे चारा वाले स्थान पर लाया जा रहा है और कर्मठ लोगों को उचित जगह बैठाया जा रहा है जिनके साथ भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का कार्य शुरू किया गया, लेकिन अभी भी मलाई खाने वाले गुरु घंटाल योगी के योजना में छेद कर रहे हैं, इसकी जानकारी योगी जी को है या नहीं लेकिन जिस प्रकार से योगी जी द्वारा गुंडों, लफंगो, माफियाओं के विरुद्ध बुलडोजर के साथ-साथ कानूनी चाबुक चलाकर इनको जेल की सलाखों के पीछे भेजने एवं इनके अवैध संपत्तियों को जप्त करवाने और इनके संपत्तियों का लेखा जोखा करवाने का अभियान चलाया जा रहा है, जिसका सीधा लाभ भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में होगा, योगी जी अपने मिशन को लेकर निरंतर सफलता के साथ आगे बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच में कुछ गुरुघंटाल मिल-मिलाकर पीछे से चूहे की तरह योगी के पारदर्शी योजनाओं को कुतर रहे हैं जिसकी वजह से जनता में अभी भी थोड़ा निराशा बनी हुई है इन पर भी योगी जी को विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है।

आलम यह है कि प्रदेश के मुखिया के निर्देशों के क्रम मे जिस प्रकार से भ्रष्ट तंत्रियों द्वारा लिपा पोती किया जा रहा है और योजनाबद्ध तरीके से चोरों की जांच डकैतो से कराई जा रही है, जिनको गुरु घंटाल माफियाओं के परोक्ष एवं अपरोक्ष अवैध संपत्तियों की निगरानी एवं उनके जांच की जिम्मेदारी दी गई हैं वे भ्रष्ट तंत्री परोक्ष रूप से जगजाहिर माफियाओ के सम्बन्ध में रिपोर्ट भेजी और उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है जो सबके सामने है, इन्हीं भ्रष्ट तंत्रियों ने अपरोक्ष माफियाओं से साठगांठ करके इनके नामों को दबा दिया, जिसकी वजह से योगी के ईमानदार छवि पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है, इससे जनता में थोड़ा निराशा की स्थिति बनी हुई है, दूसरी ओर सरकार के पारदर्शी योजना पर पट्टा लग रहा है, अब इस विकट समस्या को योगी जी को स्वयं देखना होगा, नहीं तो आने वाला 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

योगी के ईमानदार छवि भ्रष्टाचार एवं माफिया विरोधी दृढ़ इच्छाशक्ति के कार्य में यदि सही से भ्रष्ट तंत्रियों ने वास्तविक रुप सहयोग दे तो उन सभी परोक्ष अपरोक्ष माफियाओं के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही हो सकती है, जिससे योगी के साथ साथ इनकी भी छवि बन सकती है और प्रदेश में विकास की गंगा बह सकती है और महाराष्ट्र गुजरात जैसे विकसित प्रदेश भी योगी के नेतृत्व में बन सकता है।

इतना ही नहीं तनखइयां लोग मोदी योगी द्वारा चलाई गई योजना को इस कदर दीमक की भांति चाट रहे हैं कि जिसका आलम यह दिखाई पड रहा है कि वे अपने भ्रष्टाचारी नीति से उक्त जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन वर्गो को ज्यादातर दे रहे हैं जो वर्ग मोदी योगी को वोट देना तो दूर है इनकी बात सुनना भी पसंद नहीं करते, लेकिन इन भ्रष्ट तंत्रियों इन्हीं को सरकारी लाभ दिलवाना पसंद करते हैं, इतना ही नहीं इन्होंने नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपने निजी हित को साधते हुए जिस परिवार को आवास, राशन कार्ड, पेंशन आदि सरकारी योजनाओं की आवश्यकता है उसको न देकर उस परिवार को देते हैं जिसको आवश्यकता नहीं है, जिसको आवश्यकता है वो आज भी भटक रहा है क्योंकि ये इन भ्रष्ट तंत्रियों के सिस्टम में नहीं बैठ पाते, इस पर भी योगी जी को ध्यान देना होगा, नहीं तो ये भ्रष्टाचारी सरकार के मुखिया को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

भ्रष्टाचार का आलम यह है कि गांव का राजस्वकर्मी, सेक्रेटरी, स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों के बाबूओ ने शहरों में दो-तीन आलीशान कोठिया बनवा रखी है, गांव का हाल ही मत पूछो जिसका जिक्र देश के प्रधानमंत्री भी अपने भाषण में करते रहते हैं, इतना ही नहीं मोदी योगी की डबल इंजन सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति को जिस प्रकार से धता बताते हुए योगी के नाक के नीचे लखनऊ प्राधिकरण के कर्मचारियों, अधिकारियों की मिलीभगत से जिस प्रकार से गलत ढंग से अखिलेश के बंगले का नक्शा पास कर दिया गया, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है, इसी प्रकार से गांव और शहरों में ऐसे ऐसे राजस्व कर्मी और बाबू हैं जो खुलेआम घूम घूम कर यह कहते हैं की चाहे जो सीएम पीएम हो जाए हमारे लिए हम जो चाहते हैं वही नियम कानून होता है, यह उनके ऊपर चरितार्थ दिखाई भी पड़ता है, जिस प्रकार से मनमानी तरीके कुछ राजस्व कर्मियों ने बिना रजिस्ट्री, बिना बैनामा गांव के अन्य लोगों की जमीनो को एवं सरकारी जमीनों को अपने एवं अपने परिवारजनों के नाम दर्ज करवा लिया है और जमीनों पर अपने बाप की बपौती मानकर माफिया जनप्रतिनिधियों के भारी निधि से बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनवाकर स्कूल/कॉलेज चलवा कर भारी व्यापार किया जा रहा है एवं स्टेटस सिंबल बनाया गया है, यहां मजे की बात यह भी है कि जिस शिक्षा विभाग ने मान्यता देते वक्त यह जांच करता है कि इस स्कूल विद्यालय कॉलेज के नाम से रजिस्ट्री सुधा जमीन है कि नहीं लेकिन यहां यह भी बताते चलें की भारी तादात में सरकारी एवं प्राइवेट जमीन को चकबंदी विभाग के जमीर बेच घिनौने कृत्य के कर्मचारी, अधिकारी को मिलाकर विद्यालय के नाम करा लिया है जिस पर ही इन भ्रष्ट तंत्रियों ने मान्यता दे दिया है, इतना ही नहीं ये गुरु घंटाल भूमाफियां बाजारू वस्तु की भांति बिकने वाले चकबंदी विभाग के अधिकारियों को मिलाकर गांव में बीस-तीस वर्षों से ज्यादा चकबंदी प्रक्रिया बीत जाने के बाद भी जमीनों को इधर-उधर करवा देते हैं, इस बीभत्सवादी अव्यवस्था को सुधार करने के लिए, योगी को तत्काल आगे आना और उपरोक्त गुरु घंटालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही करना चाहिए जिससे जनता में योगी का जो हनक है वह बनी रहे, साथ ही पारदर्शी व्यवस्था एवं कठोर कार्यवाही के लिए योगी जी को चाहिए कि प्रदेश के हर जिलों में राष्ट्रवादी एवं भ्रष्टाचार विरोधी अफसरों, पत्रकारों, शिक्षकों, अधिवक्ताओं, डॉक्टरों, समाजसेवियों, राजनेताओं, व्यापारियों कि एक कोर कमेटी बनवाएं एवं उनके जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्यवाही की व्यवस्था बनाएं, जिससे योगी जी के राष्ट्रव्यापी व्यक्तित्व में और बल मिलेगा।

(लेखक, वरिष्ठ पत्रकार, आचार्य श्रीकांत शास्त्री, राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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एस.एन. सेन. पी. जी. बालिका विद्यालय में भारत रत्न भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९१वीं जयंती मनाई गई

कानपुर 15 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन. सेन बालिका विद्यालय पी.जी . महाविद्यालय में भारत रत्न भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की ९१वीं जयंती रसायन शास्त्र विभाग द्वारा मनाई गई। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता का उद्घाटन भी किया गया. दीप प्रज्वलन व डॉ कलाम के चित्र का माल्यार्पण प्राचार्या डॉ प्रोफेसर सुमन, निर्णायक मंडल के सदस्य डॉ प्रीती सिंह, विभागाध्यक्षा वनस्पति विज्ञान विभाग व डा. शिवांगी यादव , विभागाध्यक्षा , जंतु विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार रहा,

प्रथम पुरस्कार: गीतांजलि सिंह एवं शिवांगी झा
द्वितीय पुरस्कार: गरिमा साहू
तृतीय पुरस्कार: श्वेता सिंह
सांत्वना पुरस्कार: वैष्णवी सिंह

महाविद्यालय की शिक्षिकाओं एवं विभाग की छात्राओं ने श्री कलाम जी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को शब्दों द्वारा व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन रसायन शास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर कु. अमिता सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्षा डॉ गार्गी यादव ने किया। कार्यक्रम में कु वर्षा सिंह, कु तैयबा, डॉ निशा वर्मा, डॉ. मीना व्यास कीर्ति पांडे, कु. स्नेह आदि शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।

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निर्जल व्रत अहोई अष्टमी

करवा चौथ व्रत के बाद माता अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत में माताएं निर्जल व्रत रखते हुए उदय होते तारों को देखकर व्रत का समापन करती हैं। जिस तरह करवाचौथ के व्रत में चंद्रमा का महत्व है, उसी तरह अहोई अष्टमी व्रत में तारों का विशेष महत्व होता है। अहोई अष्टमी करवा चौथ के समान ही है। यह एक सख्त उपवास का दिन है। इस व्रत को रखने वाली महिलाएं पूरे दिन पानी पीने से भी परहेज करती हैं । वे केवल शाम को तारों को देखने और उनकी पूजा करने के बाद ही उपवास तोड़ सकतीं हैं।

यह व्रत माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु की कामना के लिए करती हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। सुबह उठकर स्नान के बाद साफ वस्त्र पहनें फिर दीवार पर अहोई माता की तस्वीर बनाएं या लगाएं। रोली, चावल और फूलों से माता अहोई की पूजा करें। इसके बाद कलश में जल भरकर माताएं अहोई अष्टमी कथा सुनें। माता अहोई को हलवा पूरी या फिर किसी मिठाई का भोग लगाएं।

अहोई अष्टमी व्रत से संबंधित दो कथाएं प्रचलित हैं:
पहली कथा:-
एक समय एक नगर में एक साहूकार रहता था। उसके सात-सात बेटे- बहुएं और एक बेटी थीं। दीपावाली से कुछ दिन पहले उसकी बेटी अपनी भाभियों संग घर की लिपाई के लिए जंगल से साफ मिट्टी लेने गई। जंगल में मिट्टी निकालते वक्त खुरपी से एक स्याहू का बच्चा मर गया। इस घटना से दुखी होकर स्याहू की माता ने साहूकार की बेटी को कभी भी मां न बनने का शाप दे दिया। उस शाप के प्रभाव से साहूकार की बेटी का कोख बंध गया। इस शाप से साहूकार की बेटी दुखी हो गई और उसने अपनी भाभियों से कहा कि उनमें से कोई भी ए​क भाभी अपनी कोख बांध ले। ननद की बात सुनकर सबसे छोटी भाभी तैयार हो गई। उस शाप के दुष्प्रभाव से उसकी संतान केवल सात दिन ही जिंदा रहती थी। जब भी वह कोई बच्चे को जन्म देती, वह सात दिन में ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता था। वह परेशान होकर एक पंडित से मिली और उपाय पूछा। जब पंडित ने उन्हें सलाह दी कि सुरही गाय की सेवा करें। पंडित की सलाह मानकर उसने सुरही गाय की सेवा करनी शुरू की। उसकी सेवा से प्रसन्न गाय उसे एक दिन स्याहू की माता के पास ले जाती है। रास्ते में गरुड़ पक्षी के बच्चे को सांप मारने वाला होता है, लेकिन साहूकार की छोटी बहू सांप को मारकर गरुड़ पक्षी के बच्चे को जीवनदान देती है। तब तक उस गरुड़ पक्षी की मां आ जाती है। वह पूरी घटना सुनने के बाद उससे प्रभावित होती है और उसे स्याहू की माता के पास ले जाती है। स्याहू की माता जब साहूकार की छोटी बहू की परोपकार और सेवाभाव की बातें सुनती है तो प्रसन्न होती है। फिर उसे सात संतान की माता होने का आशीर्वाद देती हैं। आशीर्वाद के प्रभाव से साहूकार की छोटी बहू को सात बेटे होते हैं, जिससे उसकी सात बहुएं होती हैं। उसका परिवार बड़ा और भरापूरा होता है। वह सुखी जीवन व्यतीत करती हैं।

दूसरी कथा:-
अहोई अष्टमी और राधाकुण्ड से जुड़ी कथा:
बहुत पहले झाँसी के निकट एक नगर में चन्द्रभान नामक साहूकार रहता था। उसकी पत्नी चन्द्रिका बहुत सुंदर, सर्वगुण सम्पन्न, सती साध्वी, शिलवन्त चरित्रवान तथा बुद्धिमान थी। उसके कई पुत्र-पुत्रियां थी परंतु वे सभी बाल्यावस्था में ही परलोक सिधार चुके थे। दोनों पति-पत्नी संतान न रह जाने से व्यथित रहते थे। वे दोनों प्रतिदिन मन में सोचते कि हमारे मर जाने के बाद इस अपार धन-संपदा को कौन संभालेगा!
एक बार उन दोनों ने निश्चय किया कि वनवास लेकर शेष जीवन प्रभु-भक्ति में व्यतीत करें। इस प्रकार वे दोनों अपना घर-बार त्यागकर वन की ओर चल दिए। रास्ते में जब थक जाते तो रुक कर थोड़ा विश्राम कर लेते और फिर चल पड़ते। इस प्रकार धीरे-धीरे वे बद्रिका आश्रम के निकट शीतल कुण्ड जा पहुंचे। वहाँ पहुँचकर दोनों ने निराहार रह कर प्राण त्यागने का निश्चय कर लिया।
इस प्रकार निराहार व निर्जल रहते हुए उन्हें सात दिन हो गए तो आकाशवाणी हुई कि तुम दोनों प्राणी अपने प्राण मत त्यागो। यह सब दुःख तुम्हें तुम्हारे पूर्व पापों के कारण भोगना पड़ा है। यदि तुम्हारी पत्नी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अहोई अष्टमी को अहोई माता का व्रत और पूजन करे तो अहोई देवी प्रसन्न होकर साक्षात दर्शन देगी। तुम उनसे दीर्घायु पुत्रों का वरदान मांग लेना। व्रत के दिन तुम राधाकुण्ड में स्नान करना। चन्द्रिका ने आकाशवाणी के बताए अनुसार विधि-विधान से अहोई अष्टमी को अहोई माता का व्रत और पूजा-अर्चना की और तत्पश्चात राधाकुण्ड में स्नान किया। जब वे स्नान इत्यादि के बाद घर पहुँचे तो उस दम्पत्ति को अहोई माता ने साक्षात दर्शन देकर वर मांगने को कहा। साहूकार दम्पत्ति ने हाथ जोड़कर कहा, हमारे बच्चे कम आयु में ही परलोक सिधार जाते है। आप हमें बच्चों की दीर्घायु का वरदान दें। तथास्तु! कहकर अहोई माता अंतर्ध्यान हो गई। कुछ समय के बाद साहूकार दम्पत्ति को दीर्घायु पुत्रों की प्राप्ति हुई और वे सुख पूर्वक अपना गृहस्थ जीवन व्यतीत करने लगे। करवा चौथ के समान ही इस व्रत का भी बहुत महत्व है।

~प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

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कानपुर समाचार

कानपुर 14 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता
*अंधेरगर्दी : केंद्र सरकार के रोक और मोटे नॉन प्रैक्टिस भत्ते पाने के बावजूद CGHS के डॉक्टर रितेश चौधरी खुलेआम कर रहे हैं प्राइवेट प्रैक्टिस।*

*प्राइवेट प्रैक्टिस से कमाया है करोड़ो रूपये नही देते है सरकार को इनकम टैक्स,न ही इनको विभाग का डर है ना ही कानून या सजा का खौफ।*

*फिर इनको सरकार के द्वारा NPA और NPP रूप में मिलने वाला भत्ता किस लिए????*

*स्टिंग ऑपरेशन कर इंडिया न्यूज की टीम ने किया खुलासा CGHS के डॉ रितेश चैधरी ने किदवई नगर K ब्लॉक में बना रखी है अपनी प्राइवेट क्लीनिक, अंदर ही खोल रखा है प्राइवेट मेडिकल स्टोर और पैथालॉजी भी*

*खुफिया कैमरे में कैद हुई तस्वीरें, 400 रुपये फीस लेकर प्राइवेट क्लीनिक में देख रहे हैं पेशेंट।*

*कानपुर के साकेत नगर स्थित केंद्रांचल कॉलोनी सीजीएचएस नौबस्ता में सीएमओ पद पर तैनात हैं *डॉ रितेश चौधरी*।

*इतना ही नहीं, *डॉ रितेश चौधरी प्राइवेट प्रैक्टिस में यूज करते हैं डॉ आर कुमार के नाम का लेटर पैड जो की पूरी तरह से है गैर कानूनी।*

*वही सीजीएचएस एचओडी डॉ किरन सिंह को भी नहीं अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारी का एहसास।*

*सीजीएचएस एचओडी डॉ किरन सिंह से जब संवादाता ने इस पूरे मामले पर बयान और जवाब चाहा तो पहले टरकाया फिर दिया गैर जिम्मेदाराना जवाब। बोलीं “मेरा समय खराब मत करो…प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए मैंने सारे डॉक्टरों को नोटिस भेज दी है कि कोई भी प्राइवेट प्रैक्टिस ना करें।”*

*HOD डॉ किरन सिंह ने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया बोली मैने खुद डॉ रितेश चौधरी को फ़ोन करके प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए मना किया है*

*सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पूर्व ही कानपुर में पोस्टिंग पाने वालीं सीजीएचएस एचओडी डॉ किरण सिंह खुद भी ढूंढ रहीं थीं प्राइवेट प्रैक्टिस की जगह..!!*
कल्याणपुर में एटीएम में चोरी करते वक्त चोरों की सारी करतूत सीसीटीवी कैमरे में घटना हुई कैद।

स्विफ्ट डिजायर कार से आए थे बाहर से करने चोरी।

2 लोग फरार 2 को पब्लिक के लोगों ने पकड़ा।

थाना रायपुरवा अंतर्गत रीवा हॉस्पिटल में महिला मरीज की मौत परिजनों का डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप

परिजन कर रहे हैं रीवा हॉस्पिटल के बाहर हंगामा पुलिस मौके पर.

संदिग्ध परिस्थितियों में बिजली के पोल से लटका मिला युवक का शव।

जूते के फीते से लटका मिला यावक का शव।
मृतक की नही हो पाई पहचान।
पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से पता करने में जुटी।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
घटना कैंट थाना अंतर्गत मरे कम्पनी पुल के नीचे की घटना।

निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों को गड्ढों ने बताया अपना दर्द

सड़कों पर गड्ढों का हाल देख जिलाधिकारी ने नगर निगम, नमामि गंगे व जल निगम के अधिकारियों की लगाई क्लास

शासन के आदेश के बाद जिलाधिकारी, नगरआयुक्त, एसडीएम सिटी समेत अधिकारियों ने सड़कों का किया निरीक्षण

एक क्षेत्रीय ने जिलाघिकारी को रोजाना का दर्द बताया लेकिन मौजूद अधिकारी जिलाधिकारी को किया गुमराह

बड़े-बड़े गड्ढों से होकर गुजरा अधिकारियों का काफिला

जाजमऊ के सरैया, सिद्धनाथघाट, असरफाबाद, नई चुंगी, दुर्गा मंदिर, गौशाला पर धंसा हाईवे समेत कई क्षेत्रों की सड़कों का किया निरीक्षण

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एस. एन. सेन बा. वि. पी.जी. कॉलेज में “कला का व्यवसायीकरण” विषय पर वार्ता एवम् “उमंग चित्र प्रदर्शनी” का उद्घाटन

कानपुर 14 अक्टूबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बा. वि. पी.जी. कॉलेज कानपुर के चित्रकला विभाग द्वारा “कला का व्यवसायीकरण” विषय पर वार्ता एवम् “उमंग चित्र प्रदर्शनी” का उद्घाटन प्रबंध समिति के सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन, मुख्य वक्ता व मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित महिला महाविद्यालय कानपुर की प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) अंजू चौधरी, सेन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.) सुमन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन व सदस्य श्रीमती दीपाश्री सेन द्वारा किया गया। आज के वर्तमान युग में प्रत्येक क्षेत्र में व्यावसायिक तकनीकी दृष्टि से विचार किया जा रहा है अतः कला शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यवसायिक दृष्टिकोण आवश्यक है । इसी विषय को महत्व देते हुए आज के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रचना निगम, विभागाध्यक्ष चित्रकला विभाग ने सभी सम्मानित सदस्यों का स्वागत व अभिनंदन स्मृति चिन्ह के रूप में कलाकृति प्रदान कर किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कला के व्यवसायीकरण के ऊपर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता प्रोफेसर अंजू चौधरी, प्राचार्य महिला महाविद्यालय कानपुर ने कला को व्यवसायीकरण से जोड़ते हुए कहा कि कलाकार को भी रोजगार की आवश्यकता होती है जिससे वह अपने लिए धन अर्जित करता है इसलिए कला का व्यवसायीकरण आवश्यक है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा लोक कला को आगे बढ़ाने हेतु “लोकल फॉर वोकल “से लोक कला को व्यवसाय से जोड़ने में सहायता मिलेगी। मुख्य अतिथि ने कला के विभिन्न मार्केटिंग प्लेटफार्म, आर्ट गैलरी आदि की विस्तृत व महत्त्वपूर्ण जानकारी अपने वक्तव्य में दी। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सुमन ने इस विषय पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि महाविद्यालय स्तर पर ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से स्वरोजगार एवं व्यवसायिक उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा जिससे कलाकार की कला को सम्मान मिलेगा और उसके लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे । संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन ने छात्राओं में कला के प्रोत्साहन हेतु आयोजित आज के कार्यक्रम के लिए प्राचार्य, कार्यक्रम संयोजिका तथा उनकी टीम को अपनी बधाई प्रेषित की। डॉ. रचना निगम ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज का समाज मनमाने दाम पर भौतिक सुविधाएं प्राप्त करने के लिए तत्पर है परंतु जब कला से संबंधित धन खर्च करने और एक कलाकार को उसकी उचित धनराशि देने की बात आती है तो वह पीछे हट जाता है क्योंकि उसको यह उचित नहीं लगता।इसलिए इस विषय पर इस वार्ता का होना आवश्यक था जिससे समाज में कला को लेकर नई जागरूकता आये। इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक चित्रकला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें चित्रकला विभाग के बी.ए. तथा एम.ए. की छात्राओं ने मनमोहक आकृतियों, लोक कला ,मधुबनी तथा सौंदर्य पूर्ण आकारों व रंगों से परिपूर्ण चित्रों की प्रस्तुति की। डॉ. रश्मि बाजपेई, शुभी शर्मा तथा पूजा वर्मा ने कार्यक्रम से संबंधित सभी जानकारियां प्रदान की। महाविद्यालय के समस्त शिक्षक वर्ग ने छात्राओं के कार्य को सराहा व प्रोत्साहित किया। लिपिक वर्ग तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने भी यथासंभव अपना सहयोग कार्यक्रम आयोजन में दिया।

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स्वच्छ भारत अभियान 2.0 के अंतर्गत डी जी महाविद्यालय में *वृहद स्वच्छता अभियान* चलाया गया

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, *स्वच्छ महाविद्यालय – स्वस्थ महाविद्यालय* स्वच्छ भारत अभियान 2.0 के अंतर्गत दिनांक 12 अक्टूबर को *डी.जी.(पी जी) कॉलेज, कानपुर* की *राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई* की एनएसएस वॉलिंटियर्स के द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के नेतृत्व में महाविद्यालय में *वृहद स्वच्छता अभियान* चलाया गया। जिसको *स्वच्छ महाविद्यालय-स्वस्थ महाविद्यालय* नाम दिया गया। इस अभियान में छात्राओं ने महाविद्यालय परिसर, कक्षा–कक्ष, प्रयोगशालाओ आदि की सफाई की। इस दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक–पानी की बोतल, पाउच, बिस्किट व चिप्स आदि के खाली रैपर्स, पॉलिथीन, पेपर्स, यूजड स्टेशनरी इत्यादि – कुल 50 किलो से ज्यादा कूड़ा एकत्रित कर उसका यथोचित निस्तारण किया गया। कार्यक्रम में एनएसएस की सभी वॉलिंटियर्स ने उत्साह पूर्वक योगदान किया। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ सुनंदा दुबे जी ने छात्राओं का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि हमें अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखना अनिवार्य है। स्वच्छता के द्वारा उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति की जा सकती है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। स्वच्छ, स्वस्थ व पॉलिथीन मुक्त भारत बनाने में छात्राओं का इस प्रकार का कदम मील का पत्थर साबित होगा।

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गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज विश्व की सबसे ऊंची लद्दाख की 19024 फीट ऊंचाई की साहसिक यात्रा कर लौटी शारीरिक शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. प्रीति पांडेय एस एन सेन महाविद्याल में सम्मानित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता,  एस.एन. सेन बालिका विद्यालय पी.जी. कॉलेज में 12 अक्टूबर को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज विश्व की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड उमलिंग ला जो कि लद्दाख के 19024 फीट ऊंचाई पर स्थित है, की साहसिक यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न कर वापस लौटी शारीरिक शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. प्रीति पांडेय जी का प्राचार्य प्रोफेसर सुमन एवं महाविद्यालय परिवार ने पुष्पगुच्छ तथा मिष्ठान द्वारा स्वागत और अभिनंदन किया। डॉ. प्रीति पांडेय ने यह सफर 12 दिनों में पूरा किया तथा वह उमलिंग ला तक बुलेट के द्वारा यात्रा का विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली चंद लोगों में से एक हैं। वहां पहुंचकर -3 डिग्री तापमान में डॉक्टर प्रीति पांडेय ने एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. महाविद्यालय का बैनर फहराया। यात्रा का उद्देश्य एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान था। 4200 किलोमीटर लंबी दुरूह यात्रा में लखनऊ, चंडीगढ़, मनाली, जिसपा, पांग, हनले से होते हुए उम लिंगला तक पहुंचना और वहां से डॉ. पांडे का सुरक्षित वापस आना यह महाविद्यालय के लिए अत्यंत गौरव का क्षण था। डॉ. प्रीति पांडेय पहले भी कई ऐसी साहसिक स्थानों जैसे खारदुंग ला पास, लाहौल स्फीति, लेह लद्दाख एवम विश्व के सबसे खतरनाक पास साच पास आदि की यात्रा बुलेट द्वारा कर चुकी हैं।

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हर लम्हा photo opportunity, यादें बन गयी टाइम लाइन पर सहेजे हुए इवेंट

वर्तमान में आधुनिकता हमारी सहजता पर इस कदर हावी हो चुकी है कि हम पहले से कहीं ज़्यादा कनेक्टेड हुए हैं ,और कहीं ज़्यादा अकेले भी ! स्क्रीनों में झांकती हुई हमारी पत्थर हो चुकी आँखें भूल गयी हैं किसी की आँखों में देख कर बात करने का तिलिस्म.हर समय गैजेट्स पर घूमने वाली उँगलियाँ भूल गयी हैं किसी का हाथ थाम कर सूर्यास्त देखना।
हर लम्हा एक photo opportunity बन गया है ,और यादें एक टाइम लाइन पर सहेजे हुए इवेंट।
आवाज़ों का शोर जितना ऊंचा है उतना ही गहरा हुआ है,अंदर का सन्नाटा !रिश्तों के मायने ही नहीं उनकी हक़ीक़तें भी बदल गयी हैं ,अब हम सब एक दूसरे के विश्लेषक और आलोचक बन गए है और एक्सपर्ट भी ,दोस्त दुनिया में बहुत कम हो गए हैं .
ऐसे में डिप्रेशन पहले से भी कहीं गहरा ब्लैक होल बन गया है। अचानक जब कोई कूद जाता है हॉस्पिटल की खिड़की से या इतनी नींद की गोलियां खा लेता है कि कभी न जागना पड़े तब हम थोड़ा सा pause करते हैं और अगली ही सुबह भूल जाते हैं ..साभार
श्रीमती पूर्णिमा तिवारी
ब्याख्याता

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नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने चौथे हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया

नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज कहा है कि जम्मू में 861 करोड़ रुपये की लागत से एक सिविल एन्क्लेव बनाया जाएगा और श्रीनगर के वर्तमान टर्मिनल का तीन गुना विस्तार 20,000 वर्ग मीटर से 60,000 वर्ग मीटर तक 1500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। श्री सिंधिया ने यह बात केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर, श्रीनगर में ‘हेलीकॉप्टर फॉर लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ विषय के साथ चौथे हेली-इंडिया समिट 2022 का उद्घाटन करते हुए कही।

शिखर सम्मेलन के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट 26.5 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में ईंधन भरने में 360 प्रतिशत की वृद्धि के साथ हवाई संपर्क के लिए एक नया अध्याय शुरू हो गया है, इस प्रकार जम्मू-कश्मीर के लिए हवाई संपर्क में वृद्धि हुई है। सिंधिया ने वर्ष 2014 के बाद से भारत में नागरिक विमानन क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्ष 1947 से 2014 तक, देश में केवल 74 हवाई अड्डे थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 141 हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में 67 नए हवाई अड्डे जोड़े गए हैं जो नागरिक उड्डयन क्षेत्र में प्रगति में तेज़ी को प्रदर्शित करता है। श्री सिंधिया ने कहा कि सरकार इनकी संख्या में और वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्ध है। सिंधिया ने कहा कि अगले कुछ वर्षों में देश में हवाई अड्डों के संख्या 200 से ऊपर हो जाएगी।सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन अब न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया भर में मानव जाति के लिए समय की आवश्यकता बन गया है क्योंकि यह हमेशा अपने साथ दो महत्वपूर्ण गुणक, आर्थिक गुणक और रोजगार गुणक लाता है। मंत्री महोदय ने बताया कि 3.1 के आर्थिक गुणक और 6 के रोजगार गुणक के साथ इस क्षेत्र का व्यापक प्रभाव है। मंत्री महोदय ने कहा कि इसलिए दुनिया भर में नागरिक उड्डयन आज आर्थिक विकास की दिशा में एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। शिखर सम्मेलन के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि हेलीकॉप्टरों की विभिन्न भूमिकाएं हैं, जो शहरी संपर्क प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर अब भारत में एक अभिजात वर्ग का विशेषाधिकार नहीं रह गया है, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना ‘सब उड़े, सब जुड़े’ पर आधारित है। मंत्री महोदय ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा की अन्य भूमिका बाढ़, बचाव कार्यों आदि के दौरान आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं और आपदा प्रबंधन की रही है। मंत्री महोदय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला पर हेली-क्रेन (स्काई क्रेन) का उपयोग करके ट्रांसमिशन लाइनों और टावरों को खड़ा करते हुए हेलीकॉप्टर सेवा के सर्वोत्तम उपयोग का एक उदाहरण स्थापित किया है। सिंधिया ने कहा कि नागरिक विमानन मंत्रालय न केवल शिखर सम्मेलन आयोजित करता है बल्कि एक शिखर से दूसरे शिखर सम्मेलन में लिए गए संकल्पों की प्रगति की निगरानी भी करता है। देहरादून में तीसरे हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन के दौरान, आठ संकल्प लिए गए जैसे हेली-सेवा पोर्टल, हेली-दिशा, हेलीकॉप्टर एक्सेलेरेटर सेल प्रदान करना, हेलीकॉप्टर सेवा के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क को समाप्त करना, विशिष्ट हेलीकॉप्टर कॉरिडोर और हेलीपैड का निर्माण। सभी नए हवाई मार्गों के लिए डीपीआर तैयार करते समय प्राथमिकता दी गई, रात के संचालन को समायोजित करने के लिए जुहू एयरबेस के उन्नयन आदि को उनके तार्किक समापन तक ले जाया गया। हेलीसेवा पोर्टल पूरी तरह से ऑनलाइन है और सभी ऑपरेटरों द्वारा हेलीपैड के लिए लैंडिंग अनुमति प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जा रहा है, और यह देश में हेलीपैड का डेटाबेस भी बना रहा है। राज्य प्रशासन के लिए हेलीकॉप्टर संचालन पर मार्गदर्शन सामग्री, हेलीदिशा 780 जिलों में वितरित की गई है। हेलीकॉप्टर एक्सेलेरेटर सेल हेलीकॉप्टर मुद्दों को हल करने में पूरी तरह से सक्रिय है और उद्योग प्रतिनिधियों का सलाहकार समूह समस्या क्षेत्रों की पहचान करने में मदद कर रहा है। श्री सिंधिया ने कहा, “हमने हवाई अड्डों पर हेलीकॉप्टरों के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क माफ कर दिया है और हमने हेलीकॉप्टर यातायात को तेज करने के लिए एटीसी अधिकारियों का हेलीकॉप्टर संवेदीकरण प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। मुंबई-पुणे, अहमदाबाद-गांधीनगर और शमशाबाद-बेगमपेट से तीन हेलीकॉप्टर कॉरिडोर बनाए गए हैं और नए आईएफआर कॉरिडोर की योजना बनाई जा रही है। सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ काम करते हुए, हम भविष्य के सभी एक्सप्रेसवे और प्रमुख राजमार्गों के लिए डिजाइन चरण से हेलीपैड के लिए रिक्त स्थान आवंटित करने में सक्षम हैं ताकि इसका उपयोग दुर्घटना पीड़ितों की निकासी के लिए किया जा सके। हमने पहले ही जुहूहेलीबेस के उन्नयन पर काम शुरू कर दिया है, जो कि गगन का उपयोग करते हुए रात के संचालन और हेलीकॉप्टर आईएफआर मार्गों को समायोजित करने के लिए देश में सबसे बड़ा है। मंत्री महोदय ने बताया कि आज आंशिक स्वामित्व मॉडल पर दिशा-निर्देश गैर-अनुसूचित कार्यों को बढ़ाने में मदद करने के लिए जारी किया गया है। सिंधिया ने कहा, “हमारे निर्धारित संचालन तेजी से चल रहे हैं और हमने वर्ष 2013 में 400 हवाई जहाजों से बेड़े का आकार बढ़ाकर वर्ष 2021-22 में इनकी संख्या 700 से अधिक कर दी है। इन दिशानिर्देशों के माध्यम से हमें गैर-अनुसूचित बेड़े में भी विकास को बढ़ावा देने में सक्षम होना चाहिए। आंशिक स्वामित्व कई मालिकों द्वारा एकत्रित पूंजी के माध्यम से हेलीकाप्टरों और हवाई जहाजों के अधिग्रहण की लागत में आने वाली रुकावट को कम करेगा। यह कंपनियों और व्यक्तियों को खरीद लागत साझा करके, जोखिमों के लिए अपने खतरे को कम करके और एनएसओपी व्यवसाय चलाने के लिए वित्तीय रूप से आसान बनाने से अपनी पूंजी के बहिर्गमन को कम करने में मदद करेगा। आंशिक स्वामित्व मॉडल में विमान के स्वामित्व को लोकतांत्रिक बनाकर एनएसओपी सेगमेंट को सक्रिय करने की क्षमता है और यह एनएसओपी उद्योग में मौजूद विमानों की संख्या को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख चालक हो सकता है। हेलीकॉप्टर उद्योग को उसकी समाज सेवा के लिए पहचाना जाना चाहिए। यह एक परिवहन वाहन नहीं है बल्कि एक परिवर्तन उपकरण है, इसका उपयोग न केवल आर्थिक विकास के लिए किया जा सकता है बल्कि जीवन को बदलने के लिए भी किया जा सकता है।”

सिंधिया ने कहा कि हमने ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए अगले कुछ सप्ताह में एक हेलीकॉप्टर तैनात करके प्रोजेक्ट संजीवनी नामक एक एचईएमएस प्रमुख परियोजना को इनक्यूबेट करने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि, हेलीकॉप्टर 20 मिनट के नोटिस पर अस्पताल में पहुंच जाएगा और इसमें 150 किलोमीटर के दायरे में सेवा प्रदान करेगा। श्री सिंधिया ने कहा कि सरकार का इरादा है कि हेलीकॉप्टरों की गति और गतिशीलता का उपयोग करके देश भर में व्यापक जनसंख्या आधार पर चिकित्सा पहुंच और आपात देखभाल सेवाओं तक पहुंच का विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि हम प्रोजेक्ट संजीवनी से मिली सीख का उपयोग इसकी अवधारणा की व्यवहार्यता, इसके लाभों और परिचर जोखिमों का पता लगाने के लिए करेंगे और बाद में बड़े संसाधन देने से पहले एचईएमएस पर एक राष्ट्रीय नीति तैयार करेंगे।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, और शिखर सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि श्री मनोज सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट को 26.5 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने के निर्णय से जम्मू-कश्मीर के लिए हवाई संपर्क में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस वजह से जम्मू-कश्मीर से अब 100 से अधिक उड़ानें संचालित की जा रही हैं। सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, जम्मू-कश्मीर में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम के साथ सड़क संपर्क, हवाई संपर्क और रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विकास की एक नई सुबह देखी है। सिन्हा ने जानकारी देते हुए कहा कि रेलवे संपर्क के मामले में, जम्मू-कश्मीर अगले वर्ष तक कन्याकुमारी से जुड़ जाएगा। शिखर सम्मेलन में अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अलावा, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, श्री राजीव बंसल, प्रमुख सचिव, नागरिक उड्डयन विभाग, जम्मू-कश्मीर, श्री आलोक कुमार, अतिरिक्त सचिव, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, सुश्री उषा पाधी और श्री रेमी माइलर्ड, अध्यक्ष फिक्की नागरिक उड्डयन समिति और अध्यक्ष और एमडी, एयरबस इंडिया ने भाग लिया।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप्‍स जल्द ही अंतरिक्ष उपग्रहों के साथ उपग्रह तारामंडल लॉन्च करेंगे और अपने नए रॉकेट का परीक्षण करेंगे

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, प्रधानमंत्री कार्यालय, अंतरिक्ष एवं परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप्‍स जल्द ही अंतरिक्ष उपग्रहों के साथ उपग्रह तारामंडल लॉन्च करेंगे और अपने नए रॉकेट का परीक्षण करेंगे। उन्‍होंने यह भी बताया कि एलएंडटी और एचएएल द्वारा घरेलू स्तर पर पांच पीएसएलवी का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि वनवेब इसरो और एनएसआईएल के माध्यम से अपने उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) की पहली वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली में इंडिया स्पेस सम्‍मेलन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जून, 2020 में निजी उद्योग के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के लिए प्रधानमंत्री के क्रांतिकारी और लीक से हटकर लिए गए निर्णय ने देश के अंतरिक्ष इको-सिस्‍टम के स्‍वरूप को बदल दिया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष सुधारों ने स्टार्ट-अप्‍स की नई संभावनाओं को रेखांकित किया है और थोड़े समय में ही आज हमारे पास अत्याधुनिक काम करने वाले 102 स्टार्ट-अप्‍स हो गए हैं, जबकि तीन-चार वर्ष पहले केवल दो स्टार्ट-अप्‍स ही थे। यह स्‍टार्ट-अप्‍स अंतरिक्ष मलबा प्रबंधन, नैनो-उपग्रह, प्रक्षेपण वाहन, जमीनी प्रणाली, अनुसंधान जैसे अत्‍याधुनिक क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि अनुसंधान एवं विकास, शिक्षा और उद्योग के एकीकरण के साथ समान भागीदारी में यह कहना उचित ही है कि निजी क्षेत्र और स्टार्ट-अप्‍स के साथ इसरो के नेतृत्व में एक अंतरिक्ष क्रांति क्षितिज पर है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, हमारे युवा और निजी औद्योगिक उद्यम की ताकत और नवीन क्षमता आने वाले समय में वैश्विक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विघटन में अग्रणी होगी। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि भारत के युवा प्रौद्योगिकी दिग्‍गज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई बाधाओं को पार करेंगे, जबकि वे अंतरिक्ष क्षेत्र द्वारा प्रदान किए गए असीमित अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्‍मरण किया कि 11 अक्टूबर, 2021 को अंतरिक्ष और उपग्रह कंपनियों के एक प्रमुख उद्योग संघ इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) को लॉन्च करते हुए, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा था कि अंतरिक्ष सुधारों के लिए हमारा दृष्टिकोण चार स्तंभों- नवाचार में निजी क्षेत्र को स्वतंत्रता, सक्षम के रूप में सरकार की भूमिका, युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और अंतरिक्ष क्षेत्र को आम आदमी की प्रगति के लिए एक संसाधन के रूप में देखने पर आधारित है।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने एक साल की छोटी सी अवधि में भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के विकास के लिए वैश्विक संपर्क विकसित और स्‍थापित करने में आश्चर्यजनक रूप से काम करने के लिए आईएसपीए की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, आईएसपीए के सदस्य भारत को स्पेस टेक डोमेन के क्षेत्र में एक मार्गदर्शक बनाने की नीति की वकालत करने और ज्ञान व विजन के आदान-प्रदान में शामिल होने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, आईएसपीए भारत को व्यावसायिक अंतरिक्ष-आधारित पर्यटन के क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान हासिल करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को पूरा करने की दिशा में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए, प्रमुख हितधारकों के बीच विचार-विमर्श करने के लिए एक कम्यून के रूप में आईएसपीए की भूमिका प्रमुख और महत्वपूर्ण हो जाती है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने यह आशा व्यक्त की कि आईएसपीए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आदर्श वाक्य को प्रशस्त करते हुए देश में महत्वपूर्ण तकनीकी प्रगति और निवेश की शुरूआत करेगा जो आवश्‍यक रूप से अंतरिक्ष सुधारों के लिए सरकार के दृष्टिकोण का पालन करते हुए उच्च-कौशल वाले रोजगार के अवसर पैदा करेगा। हाल के वैश्विक संघर्षों के मद्देनजर अंतरिक्ष की रणनीतिक प्रासंगिकता पर जोर देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष, एक दोहरे उपयोग वाला प्रौद्योगिकी क्षेत्र है जो एक महत्वपूर्ण बहुआयामी प्रवर्तक के रूप में उभर रहा है और अभूतपूर्व पहुंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि कई राष्ट्र आज अपनी सैन्य अंतरिक्ष क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर विरोधियों को नकारने के साथ-साथ इसके सुरक्षित, निश्चित और मैत्रीपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित किया जा सके। डॉ. जितेंद्र सिंह ने विस्तार से बताया कि भारत ने भी युद्ध के इस उभरते आयाम की ताकत का लाभ उठाने का संकल्प लिया है और वास्तव में, भारत सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता सुनिश्‍चित करने की दिशा में मजबूत और निर्णायक कदम उठा रही है ताकि हमारी निजी औद्योगिक क्षमता और सामर्थ्य को प्रभावी रूप से सक्रिय और चैनलाइज़ किया जा सके और अत्याधुनिक समाधान विकसित किए जा सकें जिनसे आने वाले समय में भारत को दूसरों के मुकाबले निर्णायक बढ़त मिलेगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, रक्षा मंत्रालय और तीन सेवाओं के साथ उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आईएसपीए द्वारा निभाई गई रचनात्मक भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि आईएसपीए क्षमता और क्षमता निर्माण पहल का समर्थन करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्‍होंने आने वाले समय में इस कार्यक्रम का आयोजन करके शानदार प्रदर्शन करने के लिए आईएसपीए के अध्यक्ष और महानिदेशक के साथ-साथ उनके सदस्यों को भी धन्यवाद दिया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईएसपीए के अध्यक्ष जयंत डी पाटिल, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ के साथ “भारत में अंतरिक्ष इको-सिस्‍टम का विकास: समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करना” शीर्षक से एक सेक्टर रिपोर्ट का भी अनावरण किया।

अंत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, इसरो की उपलब्धियों ने हमारे लिए वैश्विक पहचान और प्रशंसा दोनों अर्जित की हैं और यह किसी सम्मान से कम नहीं है जब इसरो खगोलीय अंतरिक्ष में दुनिया के सबसे बड़े रिमोट-सेंसिंग उपग्रहों के समूह के साथ एक विशेष स्थान बना रहा है। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि इसरो अपनी उपलब्धियों से भारत को गौरवान्वित करता रहेगा।

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