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क्राइस्टचर्च कॉलेज में व्याख्यान श्रृंखला दैनिक जीवन में रसायन कार्यक्रम आयोजित

रसायन शास्त्र व्याख्यान श्रृंखला-3
दैनिक जीवन में रसायन
क्राइस्ट चर्च कॉलेज में आज एक व्याख्यान श्रृंखला दैनिक जीवन में रसायन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी छात्रों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रार्थना द्वारा डॉ ए के नैथेनियल ने की। क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल ने छात्रों को रसायन विज्ञान की श्रंखला का व्याख्यान करते हुए उसकी अहमियत बताई। इस कार्यक्रम में हमारे अतिथि वक्ता रहे डॉ नरेंद्र कुमार अवस्थी, विभागाध्यक्ष बीएसएनवी पीजी कॉलेज, ने विद्यार्थियों को विभिन्न सांद्रता की परिभाषा देते हुए मात्रक की गणना करना सिखाया, इसी विषय में आगे मोलेरिटी,नॉर्मेलिटी, मोल अंश की परिभाषा देते हुए इसकी जानकारी दी।। इस श्रंखला में डॉ श्रद्धा सिंहा,ए सी टी वाइस प्रेसिडेंट नार्थ जोन ने व्याख्यान श्रृंखला को रसायन विज्ञान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बताया तथा क्राइस्ट चर्च कॉलेज के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ मीत कमल ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ आनंदिता भट्टाचार्या द्वारा किया गया|
इस कार्यक्रम में विज्ञान की शिक्षिका डॉ ज्योत्सना, डॉ श्वेता चंद्र, जैस्मिन व प्रदेश के अन्य शिक्षक उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में तरूना,एकता, रिनी, सुधाकर एवं 100 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग लिया।

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नितिन गडकरी कल भारत का पहला सीएनजी ट्रैक्टर लॉन्च करेंगे; किसानों को सालाना लगभग 1 लाख रुपये की होगी बचत

भारत में पहली बार डीजल ट्रैक्टर को सीएनजी में परिवर्तित किया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा इसे कल औपचारिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। रावमट टेक्नो सॉल्यूशंस और टॉमासेटो अचीले इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किए गए इस रूपांतरण से किसानों को उत्पादन लागत कम करने तथा ग्रामीण भारत में रोजगार के ज़्यादा से ज़्यादा अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, नरेंद्र सिंह तोमर, पुरुषोत्तम रूपाला और जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह भी उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे। इस प्रकार से किसानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण लाभ ईंधन की लागत पर सालाना एक लाख रुपये से अधिक की बचत करना सुलभ होगा। इसके अतिरिक्त उन्हें अपनी आजीविका में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।

 

सीएनजी में रूपांतरण के महत्वपूर्ण लाभ हैं:

 

  • यह एक स्वच्छ ईंधन है क्योंकि इसमें कार्बन और अन्य प्रदूषकों की मात्रा सबसे कम है।
  • यह बहुत किफायती है क्योंकि इसमें सीसा लगभग शून्य के बराबर है। यह गैर-संक्षारक, गाढ़ा और कम प्रदूषण फैलाने वाला है जो इंजन की जीवन क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और इसके लिए नियमित रखरखाव की कम आवश्यकता होती है।
  • यह बेहद सस्ता है क्योंकि सीएनजी की कीमतें पेट्रोल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की तुलना में कहीं अधिक सुसंगत हैं। डीजल तथा पेट्रोल चालित वाहनों की तुलना में सीएनजी वाहनों का औसत माइलेज भी बेहतर है।
  • यह बहुत सुरक्षित है क्योंकि सीएनजी वाहन सीलबंद टैंक के साथ आते हैं, जो ईंधन भरने या स्पिल की स्थिति में विस्फोट की संभावना को न्यूनतम करता है।
  • यह भविष्य को बेहतर बनाएगा क्योंकि पूरी दुनिया में लगभग 1 करोड़ 20 लाख वाहन वर्तमान में प्राकृतिक गैस द्वारा ही संचालित होते हैं। दिन प्रतिदिन अधिक से अधिक कंपनियां और नगर पालिकाएं सीएनजी को बढ़ावा देने के आंदोलन में शामिल हो रही हैं।
  • यह वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन) कार्यक्रम का ही एक हिस्सा है क्योंकि फ़सल की पराली का उपयोग बायो-सीएनजी के उत्पादन के लिए कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है जो किसानों को उनके अपने इलाके में बायो-सीएनजी उत्पादन इकाइयों को बेचकर पैसा कमाने में मदद करेगा।

किसानों के लिए ट्रैक्टर को सीएनजी में परिवर्तित करने के और अधिक विशिष्ट लाभ हैं:

  • परीक्षण रिपोर्ट यह बताती है कि डीजल से चलने वाले इंजन की तुलना में रेट्रोफिटेड ट्रैक्टर उससे अधिक / बराबर शक्ति का उत्पादन करता है।
  • इससे डीजल की तुलना में कुल कार्बन उत्सर्जन में 70% की कमी आई है।
  • यह किसानों को ईंधन की लागत पर 50% तक की बचत करने में मदद करेगा क्योंकि वर्तमान में डीजल की कीमत 77.43 रुपये प्रति लीटर हैं जबकि सीएनजी केवल 42 रुपये प्रति किलोग्राम हैं।

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प्रधानमंत्री ने विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2021 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2021 का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन की थीम ‘अपने साझा भविष्य को पुनर्परिभाषित करना: सभी के लिए संरक्षित और सुरक्षित वातावरण’ है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस गति को बनाए रखने के लिए टीईआरआई को बधाई दी और कहा कि ऐसे वैश्विक मंच हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि दो चीजें परिभाषित करेंगी कि आने वाले वक्त में मानवता की विकास यात्रा कैसे सामने आएगी। पहला अपने लोगों का स्वास्थ्य है। दूसरा हमारी पृथ्वी का स्वास्थ्य है, दोनों आपस में जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि हम सब यहां पृथ्वी के स्वास्थ्य के बारे में बात करने के लिए एकत्रित हुए हैं। हम जिस चुनौती के स्तर का सामना करते हैं, वे व्यापक रूप से चर्चित हैं। लेकिन, हम पारंपरिक दृष्टिकोण से अपने सामने आने वाली समस्याएं नहीं सुलझा सकते हैं। आधुनिक समय की जरूरत है कि हम तय खांचे से हटकर सोचे, अपने युवाओं में निवेश करें और सतत विकास की दिशा में काम करें।

प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष के लिए जलवायु न्याय पर जोर दिया। जलवायु न्याय, ट्रस्टीशिप के दृष्टिकोण से प्रेरित है, जिसमें विकास सबसे गरीब व्यक्ति के साथ सहानुभूति के साथ आता है। जलवायु न्याय का अर्थ विकासशील देशों को विकसित होने के लिए पर्याप्त जगह देना भी है। जब हम में से हर कोई अपने व्यक्तिगत और/ सामूहिक कर्तव्यों को समझे, जलवायु न्याय हासिल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारत के इरादे के पीछे ठोस पहल का समर्थन है। उत्साही सार्वजनिक प्रयासों से प्रेरित, हम पेरिस संबंधी अपनी प्रतिबद्धताओं और लक्ष्यों को पार करने के रास्ते पर हैं। हम 2005 के स्तर से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उत्सर्जन तीव्रता 33 से 35 प्रतिशत तक घटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत, भूमि क्षरण तटस्थता संबंधी अपनी प्रतिबद्धता को लेकर लगातार प्रगति कर रहा है। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा भी रफ्तार पकड़ रही है। हम 2030 तक 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करने के रास्ते पर अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यायसंगत पहुंच के बगैर सतत विकास अधूरा है। इस दिशा में भी भारत ने अच्छी प्रगति की है। मार्च 2019 में, भारत ने लगभग सौ प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लिया था। यह सतत तकनीक और नवाचार मॉडलों के जरिए हुआ। उन्होंने रेखांकित किया कि उजाला कार्यक्रम के माध्यम से 36.7 करोड़ एलईडी बल्ब लोगों के जीवन का हिस्सा बन गए हैं। इसने सालाना 80 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन घटाया है। जल जीवन मिशन ने लगभग 18 महीनों में ही 3.40 करोड़ से ज्यादा परिवारों को नल कनेक्शन से जोड़ा है। पीएम उज्ज्वला योजना के जरिए गरीबी रेखा से नीचे के 8 करोड़ से ज्यादा परिवारों की खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन तक पहुंच बनी है। उन्होंने कहा, हम भारत के एनर्जी बास्केट में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने के लिए काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने ध्यान दिलाया कि अक्सर निरंतरता (सस्टेनेबिलिटी) पर होने वाली बातचीत हरित ऊर्जा पर केंद्रित हो जाती है, लेकिन हरित ऊर्जा तो सिर्फ साधन है। हमें जिस लक्ष्य की तलाश है, वह हरी-भरी धरती है। वनों और हरियाली के प्रति हमारी संस्कृति का गहरा सम्मान उत्कृष्ट नतीजों में बदल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सतत विकास पाने के हमारे अभियान में पशु संरक्षण पर विशेष ध्यान देना शामिल है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच से सात वर्षों में, शेर, बाघ, तेंदुए और गंगा नदी की डॉल्फिन की आबादी बढ़ गई है।

प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों का ध्यान दो पहलुओं पर खींचा: एकजुटता और नवाचार। उन्होंने कहा कि सतत विकास केवल सामूहिक प्रयासों से ही हासिल हो पाएगा। जब सभी व्यक्ति राष्ट्र का भला सोचें, जब सभी देश वैश्विक कल्याण के बारे में सोचें, तभी सतत विकास एक वास्तविकता बन पाएगा। भारत ने इस दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के माध्यम से एक प्रयास किया है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अपने मस्तिष्क और राष्ट्र को दुनिया के सर्वोत्तम कार्यव्यवहार के लिए खुला रखने का अनुरोध किया।

नवाचार के बारे में, उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण अनुकूल तकनीक और अन्य मुद्दों पर कई स्टार्ट-अप्स काम कर रहे हैं। एक नीति निर्माताओं के रूप में, हमें इन विभिन्न प्रयासों का समर्थन करना चाहिए। हमारे युवाओं की ऊर्जा निश्चित रूप से उत्कृष्ट परिणामों की तरफ ले जाएगी।

प्रधानमंत्री ने आपदा प्रबंधन क्षमताओं का विशेष रूप से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए मानव संसाधन के विकास और तकनीक पर ध्यान देने की जरूरत है। कोलिएशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर के साझेदार के रूप में, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत आगे सतत विकास के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार है। हमारा मानव केंद्रित दृष्टिकोण वैश्विक कल्याण के लिए शक्ति को कई गुना बढ़ाने वाला बन सकता है।

इस अवसर पर महामहिम डॉ. मोहम्मद इरफान, गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति; माननीय जेम्स मारपे, पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री; श्री मोहम्मद नशीद, पीपुल्स मजलिस के स्पीकर, मालदीव गणराज्य; सुश्री अमीना जे मोहम्मद, उप-महासचिव, संयुक्त राष्ट्र, और श्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री उपस्थित रहे।

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रसायन शास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर और एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स (ए.सी.टी.) के सहयोग से इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड अप्लाइड केमिस्ट्री (IUPAC) ने ग्लोबल वूमेंस के तत्वावधान में “महिला और विज्ञान” राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया।

कानपुर 9 फरवरी रसायन शास्त्र विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर और एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स (ए.सी.टी.) के सहयोग से इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड अप्लाइड केमिस्ट्री (IUPAC) ने ग्लोबल वूमेंस के तत्वावधान में “महिला और विज्ञान” पर  जूम प्लेटफॉर्म पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया।
वेबिनार की शुरुआत रसायन विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉo ए.के. नथानियल द्वारा की गई प्रार्थना से हुई, इसके बाद रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉo सुधीर गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया।
कॉलेज के सचिव, रेवo सैमुअल पॉल लाल ने आयोजकों और प्रतिभागियों को आशीर्वाद दिया।
प्राचार्य, डॉo जोसेफ डैनियल ने कहा कि अठारहवीं शताब्दी में लिंग निर्धारण की भूमिका काफी हद तक प्रबल थी और महिलाओं ने विज्ञान में पर्याप्त प्रगति की। चालीस महिलाओं को 1901 से 2010 के बीच नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सत्रह महिलाओं को भौतिकी, रसायन विज्ञान, शरीर विज्ञान या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बाल प्रतिभागियों को विज्ञान के विकास के लिए आगे आने और केंद्रित शोधकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स (एसीटी) की उपाध्यक्ष प्रोo श्रद्धा सिन्हा ने भी महिला शोधकर्ताओं के लिए अपने प्रेरक शब्दों के साथ सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान लोगों को सच्चाई और निष्पक्षता के लिए नि:स्वार्थ रूप से पहुंचाता है; यह लोगों को आश्चर्य और प्रशंसा के साथ वास्तविकता को स्वीकार करना सिखाता है, यह भी उल्लेखनीय है कि चीजों का प्राकृतिक क्रम, सच्चे वैज्ञानिक, को गहरा विस्मय और खुशी की अनुभूति भी कराते हैं।
सम्मेलन की संयोजिका, डॉo मीतकमल, एसोसिएट प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग ने वर्तमान परिदृश्य में वेबिनार के विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा भविष्य वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति द्वारा चिह्नित किया जाएगा, जो केवल तभी प्राप्त किया जा सकता है जब महिलाएं और लड़कियां निर्माता, मालिक और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की नेत्री हों।
प्रथम वक्ता, डॉo सूज़न वर्गीज, विभागाध्यक्ष, रसायन विज्ञान विभाग, सेंट जॉन्स कॉलेज, आगरा थीं। उन्होंने कहा कि विज्ञान में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले मुद्दों और चुनौतियों जैसे शिक्षा में अंतराल, नौकरी और दोहरी भूमिका के कारण पदोन्नति से इंकार करना उल्लेखनीय हैं| इन भूमिकाओं में एक बेटी, पत्नी, मां और एक गैर-महत्वाकांक्षी वृत्ति शामिल हैं। उन्होंने विज्ञान में उन महिलाओं पर भी प्रकाश डाला जिन्होंने अपनी उत्कृष्टता साबित की और विज्ञान के क्षेत्र में सफल हुईं। इस तरह के सेमिनार महिलाओं को विज्ञान और जीवन में सफल होने के लिए और अधिक जागरूकता और प्रेरणा प्रदान करेंगे।

दूसरी वक्ता, प्रोo सुधा जैन, पूर्व अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स (एसीटी) थीं। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय महिला वैज्ञानिकों के योगदान को मान्यता और सम्मान देना चाहिए। उन्होंने युवा लड़कियों को अपनी कड़ी मेहनत और केंद्रित दृष्टिकोण के साथ उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
वक्ताओं का परिचय डॉo श्वेता चंद और डॉo अनिंदिता भट्टाचार्य ने दिया।
रसायन विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉo अनिंदिता भट्टाचार्य ने पूरे सत्र का संचालन किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया|

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ब्‍याज सहित आय और पेंशन प्राप्‍त करने वाले 75 वर्ष की आयु से ऊपर के वरिष्‍ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से छूट

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने वरिष्‍ठ नागरिकों को आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की है। उन्‍होंने आयकर दाखिल करने की प्रक्रिया में लगने वाले समय में कमी लाने का जिक्र किया। वित्त मंत्री ने लिए विवाद समाधान समिति और फेसलेस (उपस्थिति रहित) आयकर अपीलीय ट्रिब्‍यूनल -आईटीएटी के गठन की घोषणा की। उन्‍होंने अप्रवासी भारतीयों को कर राहत प्रदान करने की बात कही और लेखा परीक्षा में छूट तथा लाभांश आय में राहत की घोषणा की। श्रीमती सीतारमण ने विनिर्माण के क्षेत्र में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का उल्‍लेख किया। इसके अलावा, सस्‍ते मकानों और किराये के घरों की परियोजना को भी अतिरिक्‍त राहत प्रदान की। वित्त मंत्री ने आईएफएससी में कर प्रोत्‍साहन राशि और छोटे चैरिटेबल न्‍यासों के लिए राहत की घोषणा की। उन्‍होंने देश में स्‍टार्ट-अप्‍स को बढ़ावा देने में प्रोत्‍साहन के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया।

श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि कोविड महामारी के बाद एक नया विश्‍व हम सभी के सामने आएगा और भारत ऐसे में अग्रणी देश की भूमिका निभाएगा। उन्‍होंने कहा कि ऐसे परिप्रेक्ष्‍य में हमारी कर प्रणाली पारदर्शी और समर्थ होनी चाहिए, साथ ही यह निवेश को बढ़ावा देने वाली तथा देश में रोजगार उपलब्‍ध कराने वाली होनी चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि इन सभी के अलावा हमारी कर प्रणाली को करदाताओं के बोझ को कम-से-कम करना चाहिए। उन्‍होंने कहा‍ कि अर्थव्‍यवस्‍था और करदाताओं को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सुधारों की एक विस्‍तृत श्रृंखला शुरू की है। इन महत्‍वपूर्ण सुधारों में कॉरपोरेट टैक्‍स दर में कमी लाना, लाभांश वितरण कर को समाप्‍त करना और छोटे करदाताओं को अधिकतम छूट तथा राहत प्रदान करना शामिल है। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में आयकर दाखिल करने वालों की संख्‍या 6.48 करोड़ रही, जबकि 2014 में यह संख्‍या 3.31 करोड़ थी।

वरिष्‍ठ नागरिकों को राहत

स्‍वतंत्रता के 75वें साल के बजट में 75 वर्ष की आयु और उससे अधिक के वरिष्‍ठ नागरिकों को ज्‍यादा राहत प्रदान की गई है। ऐसे वरिष्‍ठ नागरिक जिन्‍हें पेंशन और ब्‍याज सहित आय प्राप्‍त होती है, उन्‍हें आयकर दाखिल करने से राहत प्रदान की गई है। उन्‍हें भुगतान करने वाला बैंक ही उनकी आय से आवश्‍यक कर की कटौती करके राशि अंतरित कर देगा।

अप्रवासी भारतीयों को कर राहत और लाभांश में छूट

स्‍वदेश लौटने वाले अप्रवासी भारतीयों के लिए आयकर से जुड़े कठिन प्रावधानों को सरल बनाने और विदेश से उनकी सेवानिवृत्ति होने के बाद भारत लौटने पर आय से संबंधित मुद्दों को आसानी से सुलझाने के लिए सरल नियमों का प्रावधान बजट में किया गया है। इनके अनुसार टीडीएस मुक्‍त लाभांश भुगतान आरईआईटी/आईएनवीआईटी को करने का प्रस्‍ताव किया गया है। विदेशी पोर्टफोलियो वाले निवेशकों के लिए बजट में कम संधि दर पर लाभांश आय में कर कटौती का प्रस्‍ताव किया गया है। बजट में यह भी प्रावधान है कि लाभांश आय पर अग्रिम कर की देयता लाभांश का भुगतान या उसकी घोषणा के बाद ही उत्‍पन्‍न होती है। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा पाया गया है कि शेयरधारकों द्वारा अग्रिम कर भुगतान करने के लिए लाभांश आय की सही गणना नहीं की जा सकती।

सस्‍ते और किराये के घर

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि सस्‍ते घर खरीदने के लिए मिलने वाले ऋण के ब्‍याज में 1.5 लाख रुपये तक की छूट का प्रावधान 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दिया जाएगा। सरकार द्वारा लोगों को सस्‍ते घर उपलब्‍ध कराने के लिए विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्‍होंने सस्‍ते घर की योजना के तहत कर छूट का दावा करने के लिए पात्रता की समय-सीमा एक वर्ष और बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी है। प्रवासी मजदूरों के लिए किराये के सस्‍ते मकान उपलब्‍ध कराने के प्रावधान में वित्त मंत्री ने सस्‍ते किराये वाली आवासीय परियोजनाओं के लिए कर राहत की नई घोषणा की है।

स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए कर लाभ

देश में स्‍टार्ट-अप्‍स को बढ़ावा देने और उन्‍हें लाभ पहुंचाने के लिए श्रीमती सीतारमण ने स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए कर छूट का दावा करने की समय-सीमा एक वर्ष और 31 मार्च, 2022 तक बढ़ा दी है। इस आदेश के अनुसार स्‍टार्ट-अप्‍स के लिए संदर्भित कोष में निवेश की पूंजी पर नियम आधारित छूट को प्राप्‍त करने के लिए समय-सीमा एक वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दी गई है।

श्रम कल्‍याण निधियों में नियोक्‍ता का अंशदान समय पर जमा करना

वित्त मंत्री ने कहा कि विभिन्‍न कल्‍याण निधियों में नियोक्‍ताओं का अंशदान जमा करने में हुई देरी के कारण कर्मचारियों को ब्‍याज/आय की स्‍थायी हानि होती है। नियोक्‍ता द्वारा इन निधियों में कर्मचारी का अंशदान समय पर जमा करने के लिए वित्त मंत्री ने यह घोषणा की कि कर्मचारी का अंशदान देरी से जमा करने के बारे में नियोक्‍ता को कभी भी कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी।

आयकर कार्यवाही दोबारा शुरू करने के समय में कटौती

इस वर्ष का बजट अनुपालन का भार कम करने के लिए आयकर कार्यवाही मौजूदा छह साल से तीन साल करने के लिए समय-सीमा में कटौती का प्रावधान करता है। कर प्रवंचना के गंभीर मामलों में जहां एक वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को छुपाने के सबूत मिलते हैं। ऐसे मामलों में संबंधित आकलन को 10 साल तक दोबारा खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए प्रधान मुख्‍य आयुक्‍त का अनुमोदन प्राप्‍त करना आवश्‍यक है।

विवाद समाधान समिति एवं राष्‍ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्‍यूनल केन्‍द्र

कराधान प्रणाली में वाद कम करने के लिए सरकार द्वारा लिए गए संकल्‍प का उल्‍लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित प्रत्‍यक्ष कर ‘विवाद से विश्‍वास’ योजना को अच्‍छी तरह अपनाया गया है। 30 जनवरी, 2021 तक 1 लाख 10 हजार से अधिक करदाताओं ने इस योजना के तहत 85,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर विवाद को निपटाने का विकल्‍प चुना है। छोटे करदाताओं के वाद और कम करने के लिए श्रीमती सीतारमण ने एक विवाद समाधान समिति स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव किया है। इसके अनुसार 50 लाख रुपये तक की कर योग्‍य आय और 10 लाख रुपये तक की विवादग्रस्‍त आय के साथ कोई भी व्‍यक्ति इस समिति में पहुंचने के लिए हकदार होगा और उसे दक्षता, पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए समिति के सामने उपस्थित नहीं होना पड़ेगा। वित्त मंत्री ने राष्‍ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्‍यूनल केन्‍द्र स्‍थापित करने की घोषणा की।

डिजिटल लेन-देन के लिए कर लेखापरीक्षा सीमा बढ़ाई गई

डिजिटल लेन-देन करने को प्रोत्‍साहन देने और ज्‍यादातर लेन-देन को डिजिटल माध्‍यम से करने वाले व्‍यक्ति पर अनुपालन का भार कम करने के लिए बजट में कर लेखापरीक्षा की सीमा को बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इससे ऐसे व्‍यक्ति लाभान्वित होंगे जो 5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक का 95 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल माध्‍यम से करते हैं।

विदेशी निवेशकों के लिए प्रोत्‍साहन राशि

विनिर्माण के क्षेत्र में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए बजट में निजी निधि के व्‍यय से जुड़ी स्थितियों, वाणिज्यिक गतिविधियों के प्रतिबंधों और विनिर्माण में सीधे निवेश से जुड़े नियमों को सरल बनाकर राहत प्रदान की गई है। आदेश के अनुसार विनिर्माण के लिए कोष इकट्ठा करने में जीरो कूपन बॉन्‍ड शुरू किया जाएगा। बजट में कर के तौर पर एक सक्षम जीरो कूपन बॉन्‍ड जारी करके धन जुटाने के तहत अधिसूचित बुनियादी ऋण निधि के लिए पात्र बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है।

अंतर्राष्‍ट्रीय वित्त सेवा केन्‍द्र के लिए कर प्रोत्‍साहन राशि

अंतर्राष्‍ट्रीय वित्त सेवा केन्‍द्र (आईएफएससी) को बढ़ावा देने के लिए बजट में कर प्रोत्‍साहन राशि की घोषणा की गई है। बजट के उपायों में एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों की आय से पूंजी इकट्ठा करने में कर की छूट, इस क्षेत्र के विदेशी व्‍यवसायियों को विमानों के लिए दिए जाने वाले किराये में कर की राहत, आईएफएससी में विदेशी निधियों के निवेश पर प्रोत्‍साहन राशि और आईएफएससी में स्थित विदेशी बैंक की शाखाओं में निवेश करने पर कर राहत प्रदान करना शामिल है।

छोटे न्‍यासों को राहत

शैक्षणिक संस्‍थान और अस्‍पताल चलाने वाले छोटे चैरिटेबल न्‍यासों पर आयकर का भार कम करने के लिए बजट में राहत की घोषणा की गई है। इसके तहत एक करोड़ रुपये से लेकर 5 करोड़ रुपये तक की वार्षिक लेखा प्रविष्टियों पर राहत की सीता बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।

फेसलेस (उपस्थिति रहित) आईटीएटी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर अपीलीय ट्रिब्‍यूनल फेसलेस की घोषणा की है। उन्‍होंने राष्‍ट्रीय फेसलेस आयकर अपीलीय ट्रिब्‍यूनल केन्‍द्र बनाने की घोषणा की है, जिसमें ट्रिब्‍यूनल और अपील करने वाले के बीच सभी संवाद इलेक्‍ट्रॉनिक माध्‍यम से होंगे।

पूर्ववर्ती आयकर दाखिला

आयकर दाखिल करने को और आसान बनाने के लिए बजट में समय से पूर्व आयकर दाखिल करने की घोषणा की गई है। पूंजीगत निवेश की कमाई जैसे प्रतिभूतियों से आय, लाभांश आय, बैंकों और पोस्‍ट ऑफिस से मिलने वाला ब्‍याज इत्‍यादि इसमें शामिल हैं। मासिक आय, कर का भुगतान और स्रोत पर कर कटौती पहले से ही आयकर दाखिले में शामिल होते हैं।

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‘एक राष्‍ट्र एक राशन कार्ड’ योजना का कार्यान्‍वयन 32 राज्‍यों एवं केन्‍द्र शासित प्रदेशों में, 69 करोड़ लोग लाभान्वित : वित्त मंत्री

आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास उन महत्‍वपूर्ण स्‍तम्‍भों में से एक है जिस पर केन्‍द्रीय बजट 2021-22 आधारित है और इसके साथ ही इसमें असंगठित कामगारों, विशेषकर प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के लिए आवश्‍यक प्रस्‍तावों को पेश करने के लिए सरकार का मार्गदर्शन किया गया है। आज संसद में केन्‍द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एक राष्‍ट्र एक राशन कार्ड और श्रम संहिताओं को लागू करने पर विशेष बल दिया और इसके साथ ही असंगठित कामगारों से संबंधित सूचनाओं को एकत्रित करने के लिए एक पोर्टल की घोषणा की।

एक राष्‍ट्र एक राशन कार्ड

वित्त मंत्री ने सदन को बताया, ‘एक राष्‍ट्र एक राशन कार्ड योजना 32 राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों मे कार्यान्वित की जा रही है जिसका फायदा लगभग 69 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंच रहा है, अर्थात 86 प्रतिशत ला‍भार्थियों को इसमें कवर किया जा चुका है।’ वित्त मंत्री ने इसके साथ ही आने वाले कुछ महीनों में शेष चार राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों को भी इसमें एकीकृत करने के बारे में आश्‍वस्‍त किया। इस योजना के तहत लाभार्थी, विशेषकर प्रवासी श्रमिक पूरे देश में कहीं भी अपना राशन पाने का दावा कर सकते हैं। इसके तहत प्रवासी श्रमिक आंशिक राशन पाने का दावा उस स्‍थान पर कर सकते हैं जहां वे मौजूदा समय में रह रहे हैं, जबकि शेष राशन पाने का दावा उनके परिवार अपने-अपने मूल स्‍थानों पर कर सकते हैं।

असंगठित कामगारों के लिए पोर्टल

प्रवासी श्रमिकों पर विशेष रूप से फोकस करते हुए असंगठित कामगारों के हित में किए जा रहे सरकारी प्रयासों को और आगे बढ़ाते हुए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने एक पोर्टल लॉन्‍च करने की घोषणा की जो गिगभवन निर्माण एवं निर्माण कामगारों, इत्‍यादि से संबंधित सूचनाओं को एकत्र करेगा। इसके साथ ही यह प्रवासी श्रमिकों के लिए स्‍वास्‍थ्‍य, आवास, कौशल, बीमा, ऋण एवं खाद्य योजनाएं तैयार करने में भी मददगार साबित होगा।

श्रम संहिताओं को लागू करना

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार कामगारों की सभी श्रेणियों में न्‍यूनतम पारिश्रमिक को लागू करते हुए गिग एवं प्‍लेटफॉर्म कामगारों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के लिए चारों श्रम संहिताओं को कार्यान्वित करने का काम पूरा करेगी। कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम के तहत मिलने वाली कवरेज इन कामगारों के लिए भी सुनिश्चित की जाएगी। महिलाओं को सभी श्रेणियों में काम करने की इजाजत दी जाएगी। इसके साथ ही महिलाओं को पर्याप्‍त संरक्षण के साथ रात्रि‍कालीन पालियों में भी काम करने की अनुमति दी जाएगी।

एकल पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग की सुविधा के साथ-साथ ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने की सुविधा से भी नियोक्‍ताओं पर अनुपालन का बोझ घट जाएगा।

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लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती ने सेना उप प्रमुख का कार्यभार संभाला

लेफ्टिनेंट जनरल चंडी प्रसाद मोहंती, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम ने आज 1 फरवरी 2021 को सेना उप प्रमुख का कार्यभार संभाला। राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज, देहरादून, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र रहे लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती को 12 जून, 1982 को राजपूत रेजिमेंट में नियुक्त किया गया था।

चार दशक के करियर में उन्होंने कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल नियुक्तियों की मेजबानी की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और बाद में उत्तर पूर्व में नियंत्रण रेखा पर एक बटालियन की कमान संभाली।

लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती के पास ब्रिगेडों की कमान के दो अलग-अलग अनोखे अनुभव हैं- पहला वास्तविक नियंत्रण रेखा पर और बाद में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में बहुराष्ट्रीय यूएन ब्रिगेड में शामिल होकर। इन्हें दो प्रशासनिक संरचनाओं के साथ-साथ जोधपुर उप क्षेत्र को एक मेजर जनरल के रूप में और उत्तर भारत क्षेत्र को एक लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में कमांड करने का एक अनूठा गौरव प्राप्त है। उन्होंने बाद में रंगिया स्थित डिविजन में जवाबी कार्यवाही के माहौल में और डोकलाम घटना के बाद सिक्कम स्थिर त्रिशक्ति कोर की कमान भी संभाली।

वेलिंगटन के डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, सिकंदराबाद के हायर डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स और नई दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र रहे जनरल ऑफिसर के स्टाफ और निर्देशात्मक पदभारों में एनडीए में निर्देशात्मक कार्यकाल के साथ साथ एक सशस्त्र ब्रिगेड में ब्रिगेड मेजर, सेशेल्स में सैन्य सलाहकार, कर्नल सैन्य सचिव (चयन), ईस्टर्न थिएटर कोर में ब्रिगेडियर जनरल स्टाफ (ऑपरेशन्स) और महानिदेशक, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और स्ट्रैटेजिक मूवमेंट भी शामिल रहे हैं।

 

लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती ने लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी के सेवानिवृत्त होने पर ये जिम्मेदारी संभाली है।  लेफ्टिनेंट जनरल सैनी सेना में चार दशक का शानदार करियर पूरा करने के बाद 31 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त हुए हैं।

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डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 से लड़ाई में भारत की सफलता पर आयोजित ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजीन (बीएपीआईओ) वेल्स के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बीती कल रात को डिजिटल माध्यम के जरिए निर्माण भवन से ब्रिटिश एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन्स ऑफ इंडियन ओरिजीन (बीएपीआईओ) वेल्स के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया। उनके इस संबोधन को ‘भारत में कोविड- एक सफल कहानी’ शीर्षक दिया गया।

अपने संबोधन की शुरूआत में डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड-19 महामारी की शुरूआत के बाद से भारत की एक साल की लड़ाई को याद किया। उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी दिसंबर, 2019 में सामने आई और फिर पूरे विश्व में फैल गई। ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण के साथ अन्य देशों की तुलना में हम इस महामारी से लड़ने में कहीं अधिक सक्षम थे। जब डब्ल्यूएचओ ने इसे एक महामारी घोषित किया, उसके एक घंटे के भीतर प्रतिक्रिया देने वाला पहला देश भारत था। आठ जनवरी को योजना शुरू हुई, संपूर्ण देश के लिए दिशानिर्देशों के मसौदे को 17 जनवरी तक तैयार किया गया, विश्व में सूक्ष्म संपर्क पर नजर रखने के साथ उसी दिन व्यापक निगरानी की शुरूआत हुई। भारत उन अग्रणी देशों में एक था, जिसने वायरस को अलग किया था। स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित कर हमने आज प्रयोगशाला सुविधाओं की संख्या को एनआईवी (राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान- पुणे) स्थित एकमात्र प्रयोगशाला से बढ़ाकर 2,362 कर लिया है। कोविड की गंभीरता के आधार पर विभिन्न स्तरों पर लोगों की सेवा करने वाले 15,000 से अधिक सुविधाओं के लिए 19 लाख से अधिक बिस्तरों के प्रावधान तैयार किए गए, आसानी से अलगाव करने के लिए 12,000 क्वारांटीन सेंटर्स का निर्माण किया गया। देश ने प्रतिदिन पांच लाख पीपीई किटों को बनाने के साथ आत्मनिर्भर होने का साहसिक निर्णय लिया। इसके अलावा हमने जैव-भंडारगृह का भी निर्माण किया है, जबकि जीनोम अनुक्रमण भी छह महीने पहले शुरू हुआ था।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, “22 मार्च को जनता कर्फ्यू के लिए प्रधानमंत्री के आह्वाहन पर ध्यान दिया और स्वयं, अपने परिवार और संपूर्ण समाज को इस वायरस से बचाने के लिए खुद इसे लागू किया। इस ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण ने विश्व की सर्वोच्च रिकवरी रेट के पीछे निर्णायक अंतर पैदा किया।” उन्होंने यह भी विस्तार से बताया कि कैसे सरकार ने प्रभावित वर्गों के लिए अगले छह से सात महीनों के लिए भोजन और अन्य सभी बुनियादी जरूरतों का प्रबंध सुनिश्चित कर उनके दर्द को समाप्त करने का काम किया। इसके अलावा विशेष रेलगाड़ियों के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक स्थान पर वापस भेजने के भी प्रावधान किए गए।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे सरकार के प्रत्येक और सभी अंगों ने महामारी को नियंत्रित करने का काम किया है। डॉ. हर्षवर्धन ने आगे बताया, “सभी प्रयासों के साथ, कोविड को लेकर उपयुक्त व्यवहार सीखाना महत्वपूर्ण था, जिसके के लिए हमारे प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत तौर पर राष्ट्र को आठ से नौ बार संबोधित किया, कोविड उपयुक्त व्यवहार की जानकारी देने के लिए कॉलर ट्यून सेट किया गया, नजदीक स्थित संक्रमित व्यक्ति के बारे में चेतावनी देने का काम आरोग्य सेतु एप ने किया, 16 करोड़ लोगों ने इसे डाउनलोड किया।”

केंद्रीय मंत्री ने देश द्वारा सामना किए गए निरंतर पूर्वाग्रहों को भी सामने लाया। उन्होंने कहा कि शीर्ष विश्वविद्यालयों से जुड़े कई आलोचकों ने 30 से 40 करोड़ मामले और 60 लाख मौत के अनुमान के साथ देश के लिए कयामत की आंशका जाहिर की थी। इसके विपरित भारत में कुल मामलों की संख्या एक करोड़ 70 हजार (इनमें एक करोड़ 40 हजार स्वस्थ हो चुके हैं) है, सक्रिय मामलों की संख्या कुल मामलों का 1.58 फीसदी है। वहीं रिकवरी रेट 97 फीसदी पहुंच चुका है, जबकि मृत्यु दर कुल मामलों का 1.44 फीसदी है, जो विश्व में सबसे कम है।

डॉ. हर्षवर्धन ने टीके के विकास और परीक्षण में अमूल्य योगदान के लिए वैज्ञानिक समुदाय के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हमारे सभी वैज्ञानिक इस अवसर पर सामने आकर टीके के विकास को लेकर अथक प्रयास किए हैं। वास्तविक समय सूचना के साथ टीकाकरण गतिविधि को सहायता देने के लिए अद्वितीय डिजिटल प्लेटफॉर्म- कोविन (कोविड पर जीत) को विकसित किया गया है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि टीका सही लोगों को सही समय पर दिया जा रहा है। देश में विकास के विभिन्न चरणों के तहत कई टीकों में से दो टीकों को जनवरी, 2021 में भारतीय नियामकों द्वारा आपातकालीन उपयोग प्राधिकार दिया गया था।” उन्होंने आगे कहा, “भारत टीकों के सबसे बड़े वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं में से एक है और विश्व के लगभग 60 फीसदी टीकों का उत्पादन करता है। अपने स्वास्थ्यकर्मियों को कवर करने के लिए और वैश्विक स्तर पर टीके के निर्यात के लिए इसके उत्पादन में बढ़ोतरी की गई है। जल्द ही भारत अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों के टीकाकरण का काम शुरू करेगा।” टीकाकरण एवं संचार और राष्ट्रीय मीडिया त्वरित प्रतिक्रिया समूह की स्थापना के लिए रणनीतिक कोविड-19 संचार रणनीति की व्याख्या करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “टीकाकरण के लिए कोविड-19 संचार रणनीति को स्पष्ट, सुसंगत और पारदर्शी संदेश के माध्यम से टीके को लेकर विश्वास निर्मित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार किया गया और कोविड-19 टीकों के बारे में सही जानकारी प्रदान करने, टीके को लेकर दुविधा एवं टीका उत्सुकता को संबोधित करने और कोविड उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। लोगों द्वारा आम तौर पर पूछे जाने वाले सवालों के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में एक राष्ट्रीय मीडिया त्वरित प्रतिक्रिया समूह का गठन और स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों की जानकारी को मंत्रालय की वेबसाइट पर विकसित और अपलोड किया गया। मीडिया चैनल्स, रेडियो जॉकी, प्रोड्यूसर्स एवं प्रोग्रामिंग प्रमुख, क्षेत्री पीआईबी प्रमुख कोविड-19 टीकाकरण पर उन्मुख थे। कोविड-19 टीकाकरण अभियान अब तक का विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है, जिसकी शुरूआत 16 जनवरी, 2021 को प्रधानमंत्री ने की। पहले दिन 68,000 से अधिक सत्रों में 35,00,027 स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया। यह पूरे विश्व में पहले दिन पर टीका लगाने वाले लाभार्थियों की सबसे अधिक संख्या है।”

डॉ. हर्षवर्धन ने इस अभ्यास के समन्वय के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसके लिए राज्य संचालन समिति, राज्य कार्य बल, जिला कार्य बल, प्रखंड/शहरी कार्य बल के माध्यम से शासन और निगरानी तंत्र स्थापित करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं। वहीं मंत्रालयों/विभागों, पेशेवर निकायों, मेडिकल कॉलेजों, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), नागरिक समाज संगठन (सीएसओ), मीडिया हाउस, निजी क्षेत्र, युवा और महिला नेटवर्क को कार्यान्वय में ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण के साथ एक जनभागीदारी आंदोलन के रूप में शामिल किया गया।

कोविड के साथ अपने प्रयासों के दौरान भारत द्वारा प्राप्त की गई सफलताओं जैसे; ई-संजीवनी टेलिमेडिसिन प्रोजेक्ट और महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के सारे पहलू पर समय की कमी के बीच डॉ. हर्षवर्धन ने विस्तार से बताया कि आजादी के 75वें वर्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया के दृष्टिकोण के साथ वे कैसे योग्य हैं। नया भारत बनाने का आह्वाहन उन श्रोताओं के साथ गूंजता है, जिनकी जड़ें भारत में हैं। इस महामारी के समाप्त होने के बाद इन परिवर्तनकारी नीतियों के विस्तृत अध्ययन करने के लिए आयोजकों ने डॉ. हर्षवर्धन को शारीरिक रूप से आमंत्रित करने का वचन दिया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में व्याख्यान श्रंखला ऑन केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ कार्यक्रम आयोजित

क्राइस्ट चर्च कॉलेज में आज एक व्याख्यान श्रंखला ऑन केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ कार्यक्रम का दूसरे लेक्चर का आयोजन किया गया

कार्यक्रम में सभी छात्रों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता ने किया।इस कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रार्थना से जैस्मीन मैम द्वारा की गई। क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल ने छात्रों को रसायन विज्ञान की श्रंखला की अहमियत बताई। इसमें शामिल रही श्रद्धा सिन्हा जो कि नॉर्थ जोन के वाइस प्रेसिडेंट है। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ श्वेता चंद्र ने किया, इस श्रंखला का आयोजन कार्यक्रम संयोजिका डॉ मीत कमल के संरक्षण में किया गया। इस कार्यक्रम में हमारे अतिथि वक्ता रहे डॉ रोहित सिंह चौहान जो रसायन विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं केजेएस कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स जिन्होंने रसायन के महत्वपूर्ण विषय ट्रांजिशन मेटल के बारे में जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में रसायन विज्ञान की शिक्षिका डॉ ज्योत्स्ना लाल व अन्य शिक्षक डॉ सौरभ सिंह, डॉ अवधेश, डॉ मनोज इत्यादि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक छात्र मौजूद थे, अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ ए के नैथेनियल द्वारा किया गया।

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शिक्षा शास्त्र विभाग, एस.एन.सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज द्वारा अभिविन्यास् कार्यक्रम आयोजित

शिक्षा शास्त्र विभाग, एस.एन.सेन बी.वी.पी.जी.कॉलेज द्वारा आज दिनांक 02/02/2021 को परास्नातक प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए ‘अभिविन्यास कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का औपचारिक आरंभ प्राचार्य डॉ.निशा अग्रवाल, मुख्य अतिथि डॉ.नूतन वोहरा एवं संयोजिका डॉ चित्रा सिंह तोमर ने दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया। तत्पश्चात एम. ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा हिना भारती ने गणेश वंदना पर नृत्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की मुख्य श्रृंखला में एम. ए. प्रथम वर्ष की छात्राओं को बैज एवं उपहार प्रदान कर विभाग एवं महाविद्यालय परिवार में उनका स्वागत किया गया। इसके पश्चात छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी । अर्शी अख्तर,चिया यादव ने भाषण एवं पारुल गुप्ता ने अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत कर शिक्षा शास्त्र विभाग को भेंट की। छात्राओं ने ‘कोरोना के समय शिक्षा को जारी रखने पर जागरूकता हेतु एक एकांकी’ प्रस्तुत की साथ ही अर्शी, हिना ,साक्षी और अर्चना के समूह नृत्य ने सभा को भावविभोर कर दिया। इसके पश्चात मुख्य अतिथि डॉ नूतन वोहरा ने छात्राओं को संबोधित कर आशीर्वचन दिए एवं उन्होंने आत्म सम्मान एवं अपने ‘स्व’ को स्वीकार करने के विषय पर छात्राओं को प्रोत्साहित किया। तत्पश्चात कार्यक्रम संयोजिका डॉ चित्रा सिंह तोमर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कर कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की।

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