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भारत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम और यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है: डॉ. जितेंद्र सिंह

भारत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम और यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में 105 यूनिकॉर्न हैं जिनमें से 44 यूनिकॉर्न 2021 में और 19 यूनिकॉर्न 2022 में स्थापित हुए हैं। यह बात आज केंद्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान (स्वतंत्र प्रभार); पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित “डीएसटी स्टार्टअप उत्सव” के अवसर पर मुख्य भाषण देते हुए कही। उन्होंने कहा कि 2021-30 के दशक में भारतीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) के लिए परिवर्तनकारी बदलाव होने की उम्मीद है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कह कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान अनुसंधान और विकास पर सकल व्यय (जीईआरडी) में तीन गुना से अधिक वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत में 5 लाख से अधिक अनुसंधान एवं विकास कर्मी हैं,  इस संख्या में पिछले 8 वर्षों में 40-50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में बाहरी अनुसंधान एवं विकास में महिलाओं की भागीदारी भी दोगुनी हो गई है और अब अमेरिका और चीन के बाद विज्ञान और इंजीनियरिंग में पीएचडी प्राप्त करने वालों की संख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। बदलती वैश्विक शक्तियों और प्रौद्योगिकी के कारण अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव और नियम बनाने का केंद्र बनने के साथ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक मानकों की कसौटी पर खरा उतर रहा है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2015 में लाल किले की प्राचीर से स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत होने का जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में अब 75,000 से अधिक स्टार्टअप का केंद्र बन गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का विशेष फोकस विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर है, जिसमें देश के युवाओं में नए विचारों के साथ समस्याओं को हल करने और नवाचार करने की कल्पना को जागृत किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के स्टार्टअप केवल महानगरों या बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि 49 प्रतिशत स्टार्ट-अप टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास आईटी, कृषि, विमानन, शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप उभर रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रौद्योगिकी बिजनेस इन्क्यूबेटर (टीबीआई) के प्रमुख कार्यक्रम और 51 सीएडब्ल्यूएसीएच वित्त पोषित स्टार्ट-अप की एक कॉफी टेबल बुक सहित निधि के विभिन्न घटकों के तहत होनहार स्टार्ट-अप की विशेषता वाले 4 प्रकाशन भी जारी किए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत विश्व में प्रौद्योगिकी लेनदेन के लिए सबसे आकर्षक निवेश गंतव्यों के मामले में तीसरे स्थान पर है क्योंकि भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर एक मजबूत फोकस है। उन्होंने कहा भारत वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है और यह अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र के शीर्ष पांच देशों में शामिल है। यह क्वांटम प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बौद्धिकता जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ भी सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वार विद कोविड-19 हेल्थ क्राइसिस (सीएडब्ल्यूएसीएच) कार्यक्रम को डीएसटी द्वारा रिकॉर्ड समय में तब तैयार किया गया था जब कोविड फैल रहा था। यह भारत सरकार का पहला कार्यक्रम था जिसका उद्देश्य कोविड उत्पाद और समाधानों पर कार्य करने वाले स्टार्टअप की मदद करना था। उन्होंने कहा डीएसटी के कार्यक्रम का समग्र प्रभाव और परिणाम नवाचार और उद्यमिता पर बहुत महत्वपूर्ण रहा है। इससे 160 इन्क्यूबेटरों को बढ़ावा दिया, 12,000 स्टार्टअप को पोषित किया, जिसमें 1627 स्टार्टअप महिलाओं के नेतृत्व वाले थे और इससे 1,31,648 नौकरियों का सृजन हुआ।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) की वैश्विक रैंकिंग में लम्बी छलांग लगाई है। यह वर्ष 2015 में 81वें स्थान पर था जो 2021 में 46वें स्थान पर आ गया। उसने यह उपलब्धि दुनिया की 130 अर्थव्यवस्थाओं में हासिल की है। भारत 34 निम्न मध्यम-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे स्थान पर है और जीआईआई के मामले में 10 मध्य और दक्षिणी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में पहले स्थान पर है। जीआईआई रैंकिंग में लगातार सुधार विशाल ज्ञान पूंजी, जीवंत स्टार्ट-अप इकोसिस्टम और सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संगठनों द्वारा किए गए कुछ उत्कृष्ट कार्यों के परिणाम स्वरूप हुआ है।

डीएसटी सचिव, डॉ. एस चंद्रशेखर ने कहा कि भारत ने हाल के 7-8 वर्षों में एसटीआई क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है और कई प्रकाशनों के मामले में देश के समग्र प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि भी देखी गई है। राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन डेटाबेस के आधार पर यह प्रकाशन के मामले में वैश्विक रूप से अब तीसरे स्थान पर है और 2013 में छठें स्थान पर था। पेटेंट (रेजिंडेंट पेटेंट फाइलिंग के मामले में विश्व स्तर पर 9वें स्थान पर) और शोध प्रकाशनों की गुणवत्ता (2013 में 13वें स्थान पर विश्व स्तर पर 9वें स्थान पर) के मामले में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने बताया कि डीएसटी के निधि कार्यक्रम ने स्टार्ट-अप्स के लिए बहुत आवश्यक समर्थन को तेजी से संसाधित किया है, जो बिजनेस इनक्यूबेटर और अन्य व्यावसायिक सहायता प्रदाताओं के सक्रिय समर्थन को बढ़ावा देता है।

विभिन्न क्षेत्रों से देश भर से निधि के तहत समर्थित 75 प्रभावशाली इनक्यूबेटेड स्टार्टअप्स को डीएसटी स्टार्टअप एक्सपो में 50 वस्तुगत के साथ-साथ 25 डिजिटल मोड में प्रदर्शित किया गया (एनएम-आईसीपीएस टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब से 5 स्टार्टअप भी स्टार्टअप के 50 स्टालों का हिस्सा थे)।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आयोजकों, टीम डीएसटी, देश भर से नवाचार के चैंपियनों- स्टार्टअप, इनक्यूबेटर, इनक्यूबेटर एसोसिएशन आईएसबीए को बधाई दी और उन्हें इस महान देश की विकास कहानी को उत्प्रेरित करने और डीएसटी स्टार्टअप बनाने के उनके निरंतर प्रयासों के लिए सफलता की कामना की तथा उन्हें इस उत्सव को सफल बनाने के लिए बधाई दी।

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आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश में छापेमारी की

आयकर विभाग ने 03.08.2022 को सार्वजनिक अनुबंध और रियल एस्टेट डेवलपमेंट के कारोबार में लगे झांसी स्थित एक समूह के ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी अभियान चलाया। यह तलाशी अभियान झांसी, दिल्ली, लखनऊ, कानपुर और गोवा स्थित लगभग 30 परिसरों में चलाया गया।

तलाशी अभियान के दौरान, विभिन्न तीसरे पक्षों की कई अचल संपत्तियों के दस्तावेजी साक्ष्य सहित कई आपत्तिजनक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है।

लोक अनुबंध के कारोबार में साक्ष्य के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चला है कि समूह हर वर्ष के अंत में अपने नियमित बही खातों में हेरफेर के माध्यम से अपने मुनाफे को कम दिखा कर बड़े पैमाने पर कर चोरी कर रहा था। ये हेर-फेर फर्जी खर्चों और फर्जी विविध लेनदारों आदि के दावे की प्रकृति के थे। इन विविध लेनदारों को अनुपस्थित और असत्यापित पाया गया था। 250 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के फर्जी खर्च और फर्जी विविध लेनदारों का दावा जब्त किए गए सबूतों से आंका गया है। तलाशी के दौरान शामिल किए गए प्रमुख व्यक्ति ने स्वेच्छा से उपरोक्त में से 150 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त आय होना स्वीकार किया है।

रियल एस्टेट के कारोबार में लगी कंपनियों द्वारा अपनाई गई एक अन्य कार्यप्रणाली में स्टांप शुल्क मूल्य से अधिक धन की प्राप्ति शामिल थी जिसके परिणामस्वरूप कर चोरी हुई। इसके अतिरिक्त, ये कम्पनियाँ पर्याप्त निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद भी लेखांकन मानकों के अनुसार कर के लिए आय की घोषणा नहीं कर रही थीं। अब तक, तलाशी के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्यों की जांच में बेहिसाब प्राप्तियों की मात्रा का पता चला है, जो कुल मिलाकर 150 करोड़ रुपये है।

तलाशी अभियान में अब तक 15 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाबी नकदी और जेवरात भी बरामद हुए हैं। मामले में आगे की जांच जारी है।

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क्राइस्टचर्च डिग्री कॉलेज में अमृत महोत्सव के अन्तर्गत कॉलेज के पूर्व छात्रों के सहयोग से भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

कानपुर 13 अगस्त, भारतीय स्वरूप संवाददाता, आजादी की 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में बड़ा चौराहा स्थित क्राइस्टचर्च डिग्री कॉलेज में अमृत महोत्सव के अन्तर्गत कॉलेज के पूर्व छात्रों के सहयोग से भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम ध्वजारोहण किया गया और मुख्य अतिथि प्रीती जैन दास के करकमलों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया, तत्पश्चात उपस्थित जनों द्वारा राष्ट्रगान गाया गया एवं राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। इसके बाद मुख्य अतिथि का परिचय सभी के समक्ष दिया गया।
इस मौके पर कॉलेज के वर्तमान एवं पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा आजादी से जुड़ी मनमोहक साँस्कृतिक झलकियाँ प्रस्तुत की गयीं। मनमोहक झलकियों को देखकर उपस्थित समस्त जनों ने जमकर तालियाँ बजायीं और प्रतिभागी छात्र- छात्राओं की सराहना की।प्रिंसिपल डॉ जोसेफ डेनियल ने डॉ0 प्रीति जैन दास का स्वागत किया। उन्होंने सभी पूर्व छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि आप लोग मेरे लिए व कॉलेज के लिए अमूल्य धरोहर हैं आप लोगों के सहयोग से कॉलेज को कई तरह की राहत मिलती है।
वहीं मुख्य अतिथि प्रीती जैन दास ने अपने कॉलेज के दिनों के किस्से सुनाने के साथ साथ उस वक्त के अपने गुरुजनों डॉ आशुतोष सक्सेना, डॉ0 आर. के. वर्मा को सम्मानित किया।
साथ ही डॉ0 आर0 के0 जुनेजा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि.आजादी की धरोहर को सुरक्षित बनाये रखना हम सबका कर्त्तव्य है।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा पौधारोपण कर पर्यावरण को संरक्षित व सुरक्षित बनाये रखने का संदेश दिया गया।
कार्यक्रम में मुख्यरूप से रवि महलवाला रवि महलवाला ने स्वागत भाषण में कई नई पुरानी यादें ताजा करते हुए आजादी प्राप्ति के बारे में विचार व्यक्त किये। इस मौके पर मुख्यरूप से नलिन कुमार श्रीवास्तव, हिमांशु दीक्षित, मनीष मेहरोत्रा, आशुतोष सक्सेना, विभा दीक्षित, मीत कमल द्विवेदी, अतुल दीक्षित सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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डाक विभाग अपने 1.5 लाख डाकघरों के सर्वव्यापी नेटवर्क के साथ देश के हर एक नागरिक के लिए “हर घर तिरंगा” कार्यक्रम को कार्यान्वित कर रहा है

डाक विभाग अपने 1.5 लाख डाकघरों के सर्वव्यापी नेटवर्क के साथ देश के हर एक नागरिक के लिए “हर घर तिरंगा” कार्यक्रम को कार्यान्वित कर रहा है। भारतीय डाक ने 10 दिनों की छोटी अवधि के भीतर डाकघरों के साथ-साथ ऑनलाइन के माध्यम से नागरिकों को 1 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री की है। विभाग ने 25 रुपये की बेहद कम कीमत पर इसकी बिक्री की है। वहीं, विभाग ने ऑनलाइन बिक्री के लिए पूरे देश में किसी भी पते पर राष्ट्रीय ध्वज को नि:शुल्क पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है। अब तक नागरिकों ने ई-पोस्ट ऑफिस सुविधा के माध्यम से 1.75 लाख से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की ऑनलाइन खरीदारी की है।

पूरे देश के 4.2 लाख डाक कर्मचारियों ने शहरों, कस्बों व गांवों में, सीमावर्ती क्षेत्रों में, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों (एलडब्ल्यूई) और पहाड़ी व जनजातीय क्षेत्रों में “हर घर तिरंगा” के संदेश का उत्साहपूर्वक प्रचार किया है। भारतीय डाक ने प्रभात फेरी जैसे कि बाइक रैली व चौपाल सभाओं के माध्यम से समाज के हर वर्ग में “हर घर तिरंगा” का संदेश पहुंचाया है। इसके अलावा डिजिटल रूप से जुड़े नागरिकों के बीच कार्यक्रम के संदेश को प्रचारित करने के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंच का भी व्यापक रूप से उपयोग किया गया है।

डाकघरों के जरिए राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री 15 अगस्त 2022 तक खुली है। नागरिक अपने नजदीकी डाकघरों में जा सकते हैं या ई-डाकघर (epostoffice.gov.in) के जरिए अपना राष्ट्रीय ध्वज प्राप्त कर सकते हैं और “हर घर तिरंगा” अभियान का हिस्सा बन सकते हैं। वहीं, नागरिक ध्वज के साथ एक सेल्फी भी ले सकते हैं और इसे www.harghartirang.com पर अपलोड कर सकते हैं और नए भारत के सबसे बड़े उत्सव में अपनी भागीदारी दर्ज करा सकते हैं।

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जगदीप धनखड़ ने भारत के 14वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में शपथ ली

जगदीप धनखड़ ने आज भारत के चौदहवें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में पदभार ग्रहण किया। एक प्रख्यात वकील और पश्चिम बंगाल के पूर्व-राज्यपाल श्री धनखड़ को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक शपथ-ग्रहण समारोह में पद की शपथ दिलाई गई।

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शपथ-ग्रहण से पहले श्री धनखड़ ने आज सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “पूज्य बापू को शांत एवं गौरवशाली राजघाट में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारत की सेवा में हमेशा रहने के लिए धन्य, प्रेरित और उत्साहित महसूस किया।”

 जगदीप धनखड़ के बारे में संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है –

1. शैक्षिक और पेशेवर पृष्ठभूमि

श्री धनखड़ ने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा किठाना गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने सरकारी मिडिल स्कूल, घरधाना और सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में अध्ययन किया। अपनी कॉलेज की शिक्षा के लिए, श्री धनखड़ ने महाराजा कॉलेज, जयपुर में प्रवेश लिया और बी.एससी. (ऑनर्स) भौतिकी में उत्तीर्ण हुए। उसके बाद, उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से विधि में डिग्री हासिल की।

श्री जगदीप धनखड़ ने एक वकील के रूप में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की, और पहली पीढ़ी के पेशेवर होने के बावजूद, वे देश के शीर्ष कानूनी विशेषज्ञों में से एक बन गए। 1990 में, उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। तब से, श्री जगदीप धनखड़ मुख्य रूप से सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे हैं और उनका मुख्य कार्य क्षेत्र स्टील, कोयला, खनन और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता से जुड़े मुकदमे हैं। वे देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में पेश हुए हैं और 30 जुलाई, 2019 को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का पद ग्रहण करने तक राज्य के सबसे वरिष्ठ नामित वरिष्ठ अधिवक्ता थे। अपने कानूनी करियर के दौरान, श्री धनखड़ 1987 में राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष के रूप में चुने गए सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। एक साल बाद, वे 1988 में राजस्थान बार काउंसिल के सदस्य भी बने।

2. संसदीय और सार्वजनिक जीवन

श्री जगदीप धनखड़ 1989 में झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से भारत की संसद के लिए चुने गए थे। इसके बाद, उन्होंने 1990 में संसदीय कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया। 1993 में, वे अजमेर जिले के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधानसभा के लिए चुने गए। एक विधायक के रूप में, श्री धनखड़ ने लोकसभा और राजस्थान विधानसभा में महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य के तौर पर कार्य किया। केंद्रीय मंत्री के रूप में, वे यूरोपीय संसद में एक संसदीय समूह के उपनेता के रूप में एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी रहे हैं।

जुलाई 2019 में, श्री धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था।

3. व्यक्तिगत विवरण

नाम : श्री जगदीप धनखड़

पिता का नाम : स्व. श्री गोकल चंद

माता का नाम : स्व. श्रीमती केसरी देवी

जन्म तिथि: 18 मई, 1951

जन्म स्थान : ग्राम किठाना, जिला झुंझुनू, राजस्थान

वैवाहिक स्थिति : विवाहित (वर्ष, 1979)

जीवनसाथी का नाम : डॉ. सुदेश धनखड़

संतान : एक  पुत्री (श्रीमती कामना)

पुस्तकों के उत्साही पाठक, श्री धनखड़ एक खेल प्रेमी भी हैं और वे राजस्थान ओलंपिक संघ व राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। संगीत सुनना और यात्रा करना उनके अन्य शौक हैं। उन्होंने अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, इटली, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, हांगकांग, सिंगापुर आदि सहित अनेक देशों की यात्रा की है।

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थल सेना प्रमुख ने 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल होने वाले भारतीय सेना के प्रतिभागियों को सम्मानित किया

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हाल ही में संपन्न हुए XXII राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में भारतीय सेना के एथलीटों ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीतकर बेहद शानदार प्रदर्शन किया। व्यक्तिगत पदक विजेताओं में भारोत्तोलन में नायब सूबेदार जेरेमी लालरिनुंगा (स्वर्ण) और हवलदार अचिंत शेउली (स्वर्ण), कुश्ती में सूबेदार दीपक पुनिया (स्वर्ण) और भर्ती हवलदार दीपक नेहरा (कांस्य), बॉक्सिंग में सूबेदार अमित पंघाल, वीएसएम (स्वर्ण) एवं सूबेदार मोहम्मद हुसामुद्दीन (कांस्य) तथा एथलेटिक्स में नायब सूबेदार अविनाश साबले (रजत) और सूबेदार संदीप कुमार (कांस्य)शामिल हैं।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/IMG-20220810-WA0019LZ3F.jpg

यह वास्तव में एक सराहनीय उपलब्धि है कि राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाले दल में भारतीय सेना के 18 प्रतिभागियों में से आठ खिलाड़ियों ने भारत के लिए पदक जीते हैं। ये पदक भारतीय सेना द्वारा सावधानीपूर्वक नियोजित और लगातार चल रहे “मिशन ओलंपिक कार्यक्रम” का ही परिणाम हैं, जिसकी परिकल्पना वर्ष 2001 से की गई थी और इसे बेहतर प्रदर्शन प्राप्त करने के लिए लागू किया गया।

दल के भारत लौटने पर थल सेना प्रमुख (सीओएएस) जनरल मनोज पांडेय और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने 10 अगस्त 2022 को दिल्ली कैंट में आयोजित एक विशेष समारोह में खिलाड़ियों को बधाई दी और उनके साथ चर्चा की।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/IMG-20220810-WA00209VJ9.jpg

सेना प्रमुख ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि खेलों में भाग लेने वाले भारतीय सेना के प्रतिभागी राष्ट्र के लिए वास्तविक रोल मॉडल हैं। सेनाध्यक्ष ने कहा कि उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन ने भारतीय सेना के साथ ही पूरे देश को भी गौरवान्वित किया है। जनरल मनोज पांडेय ने उन्हें आगामी सभी खेल प्रतियोगिताओं के लिए शुभकामनाएं भी दीं। सेना प्रमुख ने प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और नकद प्रोत्साहन देकर सम्मानित किया। पदक विजेताओं को प्रचलित नीति के अनुसार बारी-बारी से पदोन्नति भी मिलेगी।

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कैबिनेट ने “प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) – ‘सभी के लिए आवास’ मिशन” को 31 दिसंबर 2024 तक जारी रखने को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू)’ को 31 दिसंबर 2024 तक जारी रखने के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी है जिसके तहत पहले से ही स्वीकृत 122.69 लाख आवासों को 31 मार्च, 2022 तक पूर्ण करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है।

‘पीएमएवाई-यू : सभी के लिए आवास’ भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से देश के शहरी क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों को बारहमासी पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए कार्यान्वित किए जा रहे प्रमुख कार्यक्रमों में से एक अहम कार्यक्रम है। यह योजना देश के संपूर्ण शहरी क्षेत्र, अर्थात वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सभी सांविधिक कस्बों और अधिसूचित नियोजन/विकास क्षेत्रों सहित बाद में अधिसूचित कस्बों को कवर करती है। इस योजना को इन चार कार्यक्षेत्रों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है: लाभार्थी के नेतृत्व में निर्माण/संवर्धन (बीएलसी), साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी), इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर) और क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस)। जहां एक ओर भारत सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारें/ केंद्र शासित प्रदेश लाभार्थियों के चयन सहित योजना को लागू करते हैं।

2004-2014 की अवधि के दौरान शहरी आवास योजना के तहत 8.04 लाख आवासों का निर्माण पूरा किया गया था। मोदी सरकार के कार्यकाल में सभी पात्र शहरी निवासियों को अधिक-से-अधिक संख्‍या में आवास उपलब्ध कराने के मुद्दे पर फोकस किया गया और ‘पीएमएवाई-शहरी’ योजना की परिकल्पना की गई। वर्ष 2017 में मूल अनुमानित मांग 100 लाख आवासों की थी। इस मूल अनुमानित मांग के मुकाबले 102 लाख मकानों का शिलान्‍यास किया गया/निर्माणाधीन बना दिया गया है। इसके अलावा, इनमें से 62 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कुल स्वीकृत 123 लाख आवासों में से 40 लाख आवासों के प्रस्ताव राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से देर से (योजना के अंतिम 2 वर्षों के दौरान) प्राप्त हुए थे, जिन्हें पूरा करने के लिए और दो साल की आवश्यकता है। अत: राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोधों को ध्‍यान में रखकर  केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘पीएमएवाई-यू’ के कार्यान्वयन की अवधि को 31.12.2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।

2004-2014 के 20,000 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2015 से लेकर अब तक स्वीकृत केंद्रीय सहायता 2.03 लाख करोड़ रुपये है। 31 मार्च 2022 तक 1,18,020.46 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता/सब्सिडी पहले ही जारी की जा चुकी है और 31 दिसंबर 2024 तक 85,406 करोड़ रुपये केंद्रीय सहायता/सब्सिडी के रूप में जारी किए जाएंगे।

राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोधों को ध्‍यान में रखकर  31 दिसंबर 2024 तक इस योजना को जारी रखने से बीएलसी, एएचपी और आईएसएसआर कार्यक्षेत्रों के तहत पहले से ही स्वीकृत आवासों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत विभान्शु वैभव की नाट्य कार्यशाला तथा अन्य रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन

क्राइस्ट चर्च कॉलेज में विभाशु वैभव द्वारा रंगमंच कार्यशाला के साथ इंडिया@75 आजादी का अमृत महोत्सव की शुरुआत की गई। श्री वैभव एक प्रसिद्ध रंगकर्मी, लेखक, अभिनेता, निर्देशक, नाटककार हैं जो टेलीविजन और सिनेमा से बीस वर्षों से भी अधिक समय से जुड़े हैं। उनका कॉलेज में आकर छात्रों से संवाद करने की अनुमति मिलने से छात्रों में एक अलग ही जोश था.

इस नाट्य कार्यशाला का आरम्भ नाबा और समूह द्वारा वंदे मातरम के गायन के साथ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. प्राचार्य डॉ. जोसेफ डेनियल ने विशिष्ट अतिथि का स्वागत गुलदस्ते के साथ किया और छात्रों को संबोधित किया। श्री वैभव जी ने रंगमंच के उन्नत पहलुओं की मूल बातों पर बहुत ही ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने अभिनय, लेखन और इसे ओटीटी, सिनेमा और टेलीविजन जैसे विभिन्न माध्यमों पर प्रस्तुत करने की कई उभरती तकनीकों और बारीकियों पर चर्चा की। छात्र उनकी उपस्थिति और विषय पर ज्ञान की गहराई से प्रभावित थे। सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और थिएटर और सिनेमा के कुछ आवश्यक कौशल सीखे।
प्रो. आशुतोष सक्सेना, डीसी श्रीवास्तव, अरविंद सिंह, शिप्रा श्रीवास्तव सहित अन्य सभी शिक्षक समुदाय उपस्थित था । डॉ. विभा दीक्षित और डॉ. मीतकमल ने इस कार्यशाला का आयोजन किया। डॉ विभा दीक्षित सांस्कृतिक समिति समन्वयक और डॉ मीत कमल मिशन शक्ति की संयोजक हैं। आयोजक मंडल में मानवी, अभिषेक, उदित, प्रीति, वैशाली, उज्जवल व अन्य छात्र शामिल थे।
इससे पहले छात्रों की महोत्सव गतिविधियों की शुरुआत India@75 पर निबंध लेखन प्रतियोगिता से हुई। कार्यक्रम में लगभग 56 छात्रों ने भाग लिया। संचालन हिना अजमत और साक्षी अग्रवाल ने किया।
आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मनाने के लिए छात्रों और शिक्षकों में “जोश बहुत ज्यादा है”। इस विशेष अवसर को चिह्नित करने के लिए कॉलेज में 11 से 17 अगस्त तक वृक्षारोपण, समाज सेवा, तिरंगा सेल्फी, नाटक संगीत और नृत्य जैसे विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम छात्रों के लिए छात्रों द्वारा आयोजित किए जायेंगे।

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भारतीय प्रेस परिषद की बैठक में प्रेस से सम्बंधित मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। लोधी रोड सूचना भवन स्थित सी जी ओ काम्प्लेक्स में भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) के सभागार में सोमवार को एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता परिषद की अध्यक्ष न्यायमूर्ति माननीय रंजना प्रकाश देसाई जी ने की।
बैठक में “नेशनल प्रेस डे” की तैयारियों सहित प्रेस / मीडिया से सम्बंधित कई प्रस्तावों व मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार, बलदेव राज गुप्ता, सुमन गुप्ता, अंकुर दुआ, आरती त्रिपाठी, सुधाकर नायर, जय शंकर गुप्ता, विनोद कोहली, गुरबीर सिंह, शैलेंद्र दुबे, जे एस राजपूत, प्रकाश दुबे, डॉ खैदम अथोवा मीतेई, अंशु चक्रवर्ती, प्रजनानंद चौधरी, एल सी भारतीय, सचिव नुंग सैंग लेम्बा आओ व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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पिया का साथ है और नैनों में अंजुरी भर सपनों की सौगात है

जिन्दगी कभी कभी नीम के पेड़ जैसी है
जरा सी धूप, जरा सी छांव की तरह है
कभी सावन के झूलों जैसी राहें हैं
कभी ऊपर कभी नीचे…. ऊंची ऊंची पेंगे
और कभी मंझधार में अटकती राह है

मेंहदी के रंग से सजी मोहब्बत
हाथों से आती सोंधी खुशबू
यूं ही इश्क़ बयां कर देती है
चूड़ी बिंदिया काजल और कंगन
ये तो यूं ही जलाती हैं

राह देखता मायका कुछ अपनों का
जहाँ बहू बेटियों की बात ही निराली है
संग सहेलियों के कुछ पल बिताने
सावन की बात ही निराली है

तीजों का त्यौहार,
भाई बहनों का प्यार
मांओं का दुलार
झूले पर खेलता बचपन
सावन की यह हरियाली बड़ी मतवाली है

पिया का साथ है और
नैनों में अंजुरी भर
सपनों की सौगात है
देखो वो आया परदेसी
कि अब मिलन की आस है

~ प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

 

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