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जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन” विषय पर 15 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स (पुनश्चर्या पाठ्यक्रम) का समापन

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-मानव संसाधन विकास केंद्र, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर (UGC-HRDC,JNVU) एवं क्राइस्टचर्च कॉलेज, कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में “जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन” विषय पर आयोजित 15 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स का आज विधिवत् समापन हुआ एचआरडीसी जेएनवीयू (HRDC JNVU) के डायरेक्टर प्रोफेसर राजेश कुमार दुबे के कुशल,प्रभावी एवं प्रेरक निर्देशन तथा प्रोफेसर मीतकमल(क्राइस्टचर्च कॉलेज,कानपुर) के सहभागी संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में संपूर्ण भारतवर्ष के 12 से अधिक राज्यों से 91 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की संयोजिका प्रोफेसर मीतकमल ने बताया की कार्यक्रम का शुभारंभ 27 जनवरी 2023 को प्रोफेसर के.एल.श्रीवास्तव (कुलपति जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय,जोधपुर), प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल (कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर), प्रोफेसर संजीव जैन (कुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय ,जम्मू), डॉ. सबीना बोदरा (उप प्राचार्या क्राइस्टचर्च कॉलेज, कानपुर), प्रो.संजय कुमार (कुलपति अमिटी विश्वविद्यालय,कोलकाता),शिवसिंह राठौड़ (पूर्व अध्यक्ष आरपीएससी) के गरिमामयी आतिथ्य में हुआ तत्पश्चात विभिन्न सत्रों में देश-विदेश के प्रख्यात विद्वानों एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा अपने प्रभावी,प्रेरक,ज्ञानवर्धक एवं सरस व्याख्यानों द्वारा प्रतिभागियों को नवीन तकनीकों,नवाचारों एवं अवधारणाओं से अवगत करवाया गया ।
कार्यक्रम में डॉ अशोक कुमार शर्मा (जम्मू विश्वविद्यालय) द्वारा लर्निंग मशीन सिस्टम के प्रयोग द्वारा नवीन शिक्षा नीति-2020 की भावना के अनुरूप ऑनलाइन शिक्षण को प्रभावी एवं प्रेरक बनाने के बारे में सारवान जानकारी प्रदान की गई,डॉ बी. एस. बालाजी (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय,नई दिल्ली) द्वारा ई-कंटेन्ट निर्माण की सहज,सरस तकनीक से प्रतिभागियों को अवगत करवाकर उन्हें ई-कंटेन्ट निर्माण में दक्ष बनाया गया, डॉ.के.किशोर द्वारा द्वारा अनुसंधान क्रियाविधि एवं साहित्यिक चोरी से बचाव के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान की गई ,प्रोफेसर अनिल दत्त मिश्रा (आईआईपीए,नई दिल्ली) द्वारा सतत् विकास हेतु भारतीय लोक परंपराएं विषय पर भारतीय संस्कृति के पर्यावरण संरक्षी अनछुए पहलुओं को उजागर कर प्रतिभागियों का ज्ञानवर्धन किया गया, श्री वी.के.आर्य द्वारा HAM(ऐमेच्योर) रेडियो के बारे मे रोचक जानकारी प्रदत कर इसके आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया गया और इसके प्रचार-प्रसार के लिए सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया गया ।
कर्नल गौरव भाटिया द्वारा आपदा प्रबंधन में सेना के योगदान के बारे में अत्यंत प्रभावोत्पादक जानकारी प्रदान की गई, प्रोफेसर चंदन घोष (HOD-NIDM) द्वारा जलवायु परिवर्तन हेतु तकनीकी नवाचारों के उपयोग के प्रति जागरूकता प्रदान की गई,डॉ मणिमाला शर्मा (सहायक आचार्य राजकीय महाविद्यालय,रोहट) द्वारा जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन में हमारी जिम्मेदारियों पर व्याख्यान द्वारा प्रतिभागियों को जागरुक किया गया ।
कार्यक्रम की सहसंयोजिका डॉ अनिन्दिता भट्टाचार्य ने बताया कि कार्यक्रम में वर्तमान समय की दो महत्वपूर्ण चुनौतियों जलवायु परिवर्तन एवम् आपदा प्रबंधन पर अत्यंत सारगर्भित एवं प्रासंगिक व्याख्यानों में सभी प्रतिभागियों ने अग्रसक्रिय सहभागिता निभाई तथा अपने विभिन्न लेखों,शोध प्रबंधनों तथा संगोष्ठी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से इन विषयों पर नवीन ज्ञान व शोध का मार्ग प्रशस्त किया ।
कार्यक्रम के समापन सत्र में सभापति प्रोफेसर के.एल.श्रीवास्तव (कुलपति जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय,जोधपुर),मुख्य अतिथि डॉ.निलॉय खरे (सलाहकार पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय,भारत सरकार) विशिष्ट अतिथि प्रो. आनंद प्रकाश (कुलपति महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय,मोतीहारी),प्रो.जोसेफ डेनियल (प्राचार्य क्राइस्टचर्च कॉलेज, कानपुर), प्रो.सुधीर गुप्ता (विभागाध्यक्ष रसायन विज्ञान क्राइस्टचर्च कॉलेज कानपुर),प्रो.आर.के.द्विवेदी (सी.एस.जे.एम,विश्वविद्यालय,कानपुर), एवं डॉ.निधि संदल (सहायक निदेशक,यूजीसी-एचआरडीसी) ने अपने विद्वतापूर्ण उद्बोधन से सभी प्रतिभागियों को लाभान्वित किया ।
विश्वविद्यालय, अनुदान आयोग-मानव संसाधन विकास केंद्र, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर राजेश कुमार दुबे ने आशा जताई कि सभी प्रतिभागी इस कार्यक्रम से अर्जित ज्ञान,तकनीकी एवं नवाचारों का अपने आगामी अध्ययन,अध्यापन व शोध कार्यों में उपयोग कर न केवल अपने विद्यार्थियों एवं संस्थानों बल्कि संपूर्ण राष्ट्र को लाभान्वित करेंगे ।