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महिला जगत

बच्चों का रखे विशेष ध्यान, बहुत बुरी आदत है धूम्रपान

कानपुर 17 दिसम्बर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज की एनएसएस यूनिट ने एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन का महत्वपूर्ण विषय “से नो टू टोबैको” पर ध्यान केंद्रित करना था, जिसमें लगभग 50-60 एनएसएस स्वयंसेवकों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम की शुरुआत स्वयंसेवकों ने तम्बाकू सेवन के सभी तथ्यों को आत्मसात करने के साथ की और यह कैसे धीरे-धीरे धूम्रपान करने वाले को मौत के रास्ते पर ले जाता है समझा। प्रधानाचार्य *डॉ. जोसेफ डेनियल* ने सभी स्वयंसेवकों को तंबाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी। साथ ही तंबाकू के सेवन से होने वाली मौतों के आंकड़ों के बारे में सभी को दिखाए गए आंकड़ों ने सभी को अचंभित कर दिया। उन्होंने सभी को तंबाकू के किसी भी रूप में होने के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया।

छात्र एवं छात्राओं ने तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामो के बारे में अच्छी तरह से जाना और कार्यक्रम के समापन मे सभी ने अपने हाथ उठाकर तंबाकू व धूम्रपान से दूर रहने की शपथ ली। शपथ में छात्रों ने आश्वासन दिया कि वे सिगरेट, बीड़ी या गुटखा आदि किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन नहीं करेंगे और दूसरों को भी ऐसा नहीं करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

कार्यक्रम का आयोजन *एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ.सुनीता वर्मा* के मार्गदर्शन में हुआ तथा कार्यक्रम में एनएसएस इकाई के छात्रों के प्रतिनिधि *हर्षवर्धन दीक्षित* एवं *खुशी मल्होत्रा* ने अपने समन्वयकों *आयुषी पाठक* एवं *आयुष कुमार यादव* संग एनएसएस की टीम जिनमें अरबाज खान, गिरीशा माथुर, वर्षा आनंद, सय्यद मोमीन, दीपांशी, मैत्री पन्ना, आशुतोष शुक्ला, पवन श्रीवास्तव,मुस्कान मिश्रा, मानसी त्रिपाठी, वैष्णवी मिश्रा, इरम फातिमा, मुस्कान, अनन्या राठौर, दीक्षा, सुप्रिया दास, काशिफा ज़हरा, रितु राजपूत ने अपना सहयोग दिया तथा कार्यक्रम को सफल बनाया।

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निर्भया दिवस के उपलक्ष्य पर क्राइस्ट चर्च कालेज मे क्रीड़ा प्रतियोगिताआयोजित

कानपुर 16 दिसंबर निर्भया दिवस के उपलक्ष्य पर क्राइस्ट चर्च कालेज मे क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । सौ मीटर दौड़,शटल दौड़ आदि का आयोजन हुआ। सौ मीटर दौड़ में प्रथम दुर्गेश नंदिनी, द्वितीय निकिता, तृतीय सानिया रही और शटल दौड़ में प्रथम निकिता, द्वितीय तनु और विद्यांशी ,तृतीय दुर्गेश नंदिनी रही ।
यह पूरा कार्यक्रम क्राइस्ट चर्च कालेज के प्राचार्य जोसेफ डेनियल के निर्देश नेतृत्व के अंतर्गत संपन्न हुआ। वूमेन सेल की कनवीनर डाॅ शिप्रा श्रीवास्तव के दिशानिर्देश में कार्यक्रम का संचालन शक्ति मिशन प्रभारी डाॅ मीतकमल के द्वारा किया गया।डाॅ हिमांशू दीक्षित एवं देवेन्द्र ने विषेश सहयोग किया । बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप मे अनिरुद्ध,अंजली, शगुन, कांची, श्रेया, मांसी आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया ।10 दिसंबर मानवाधिकार दिवस को भी एक चर्चा का आयोजन शक्ति मिशन के अंतर्गत किया गया जिसमें मुख्य वक्ता ज्योत्सनालाल एवं डाॅ विभा दीक्षित ने छात्रों को मानवाधिकारों के विषय पर जागरूक किया ।

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एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज ने संरक्षक दिवस वार्षिकोत्सव ‘लावण्या 2021’ के रूप में मनाया।

भारतीय स्वरूप संवाददाता!

कानपुर 15 दिसंबर, एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज ने संरक्षक दिवस वार्षिकोत्सव ‘लावण्या 2021’ के रूप में मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री वीरेंद्रजीत सिंह, क्षेत्र संघ चालक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विशिष्ट अतिथि प्रो. राहुल गोयल, निदेशक, गौर हरि सिंघानिया मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, प्रो. पारुल गोयल, गौर हरि सिंघानिया मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट, विशिष्ट अथिति डॉ. शालिनी वेद, निदेशक, लक्ष्मी देवी ललित कला अकादमी, महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार मिश्रा, सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, सदस्या श्रीमती दीपा श्री सेन, समिति के गणमान्य सदस्य प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन तथा समीर सेन जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस शुभ अवसर पर संगीत विभाग की छात्राओं ने सुमधुर सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। महाविद्यालय के स्वर्णिम इतिहास से वेष्टित कुलगीत को संगीत की छात्राओं ने प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया।

प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में अतिथियों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए महाविद्यालय की वार्षिक आख्या प्रस्तुत की। वार्षिक उत्सव लावण्या 2021 का शुभारंभ शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ, जिसमें मां दुर्गा की स्तुति “ऐ गिरी नंदिनी..” से की गई जिसमें नव देवियां अवतरित होकर सभागार में शक्ति और भक्ति का संचार करा गईं। उपस्थित दर्शकों ने अपने भीतर दैवीय ऊर्जा का अनुभव किया।दूसरी प्रस्तुति गृह विज्ञान विभाग के कालबेलिया नृत्य की हुई, जिसके बोल थे “काॾ़ॊपूत पड्यो मेले में।” तीसरे स्थान पर कव्वाली श्रृंखला संगीत विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई। चतुर्थ प्रस्तुति में हिंदी विभाग द्वारा ज्ञानपीठ पुरस्कार से पुरस्कृत दिनकर की ‘उर्वशी’ का मंचन किया गया। इसमें छात्राओं ने मूल कृति के पद्यात्मक संवादों को उसी शैली में प्रस्तुत कर दर्शकों के मन को आनंद से भर दिया। पांचवें स्थान पर पंजाबी मेडले नृत्य बी.एस.सी. की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया, इसमें विभिन्न गीतों को संयुक्त रूप से जोड़ा गया। इसके पश्चात बी.कॉम. की छात्राओं द्वारा विषय आधारित नृत्य और बाल श्रम पर अभिनय करते हुए एक लघु नाटिका प्रस्तुत की गई। सातवीं प्रस्तुति अर्थशास्त्र विभाग द्वारा प्रस्तुत गुजराती नृत्य गरबा ने लोगों को आह्लादित कर दिया। अंतिम प्रस्तुति शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा रामायण से सीता स्वयंवर के अंश को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया।

मुख्य अतिथि श्री वीरेंद्रजीत सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्राओं में ऊर्जा का संचार करते हैं। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राहुल गोयल ने कहा कि इस कार्यक्रम में भारतीय जीवन के अनेक रंग देखने को मिले तथा प्रोफेसर पारुल गोयल ने छात्राओं की प्रतिभा की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि शालिनी वेद ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम से युवा पीढ़ी न केवल भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों से परिचित होती है अपितु उनकी प्रतिभा भी तराशी जाती है।

संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ छात्राएं पाठ्येत्तर गतिविधियों में भी अपनी प्रतिभा को निखारने में सफल रहीं। आज के आयोजन के लिए सभी छात्राओं व शिक्षिकाओं को बधाई दी तथा स्वर्गीय समीर सेन जी को याद करते हुए ऐसे ही कार्यक्रम होते रहे ऐसी शुभकामना दी। वार्षिकोत्सव समारोह में डॉ. निशी प्रकाश, डॉ. रेखा चौबे, डॉ. अलका टंडन, सांस्कृतिक प्रभारी डॉ. चित्रा सिंह तोमर, डॉ. मोनिका सहाय, डॉ. रचना शर्मा, डॉ. शुभा बाजपेई, डॉ. मीनाक्षी व्यास, डॉ. रश्मि गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से शारीरिक शिक्षा विभाग की डॉ. प्रीति पांडे एवं रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. गार्गी यादव द्वारा किया गया। डॉ. गार्गी यादव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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खुद को जानना हो तो अकेले में जानें

”अकेले मे हम वो होते हैं जो हम असल में होते है”इन्सान वही है जो बाहर और अंदर से एक ही हो।खुद को जानना हो तो अकेले में जानें।तब अपने दिल दिमाग़ और विचारों को ध्यान दे और देखे,क्या वाक़ई में हम वो दिखाई देते हैं जो हम असल में हैं।कई बार सामाज और वक़्त के साथ चलने की चाह में हम असलीयत से कोसो दूर हो जाते है।
अकेलापन अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है, मगर बहुत लोग अकेलेपन से घबराते भी हैं।सोच अपनी अपनी है।अकेलेपन मे या तो हम उदास ग़ुस्सा या डिप्रेशन में चले जाये और अपने किये फ़ैसलों पर रोये या पछताये।
कई बार सारी उम्र ज़िम्मेदारियों को निभाते निभाते हम ख़ुद को वक़्त ही नहीं दे पाते।यही तो वक़्त होता है जब हम कुछ नया करें नया सोचें,खुद को पहचाने,खुद को निखारे।कहते है “अकेलेपन और ख़ाली मन “शैतान का घर होता है बस हमें वही नहीं होने देना।हमे यहाँ पर इक कड़ी नज़र रखनी है “इक पैनी नज़र”
दोस्तों ये ज़रूरी नहीं कि हम किसी की मदद पैसों से ही कर सकते है।किसी की बात सुनना ,हौसला देना और कई बार हमारी दी गई सलाह दूसरे की ज़िन्दगी का मुख ही मोड़
कर रख देती हैं।
दोस्तों ! इक आंटी शायद उनकी उम्र लगभग 70 के आसपास रही होगी।मैं हालाँकि उनको जानती नहीं थी मगर अक्सर पार्क में देखा करती थी।कई बार मैंने उन्हें अपने दुपट्टे से अपनी आँखों की कोरो को साफ़ करते देखा था।उनको ऐसे देख कर,मैं घर जा कर भी बेचैनै रहती। इक रोज़ मैं पार्क में सैर कर रही थी तो आंटी को बैंच पर बैठे देखा,रोज़ की तरह उतरा सा चेहरा,जैसे रात भर सोई ही न हो।बाल भी ढंग से नहीं बनाये हुए और आज आँसुओं को दुपट्टे से छुपाने की भरसक कोशिश भी उनकी नाकाम हो रही थी।शाम हो चुकी थी और अन्धेरा भी बढ़ रहा था मैं खुद को रोक न पाई और उनके पास धीरे से बैठ कर पूछ ही लिया। क्या आप ठीक है? पहले तो वो थोड़ा हिचकिचाई ,फिर मेरी तरफ़ देख कर कहने लगी !अब क्या बताऊँ तुम्हें।तीन बेटे हैं मेरे।तीनों को मुश्किलों से पढ़ा कर शादी भी कर दी।दो तो पहले से ही अलग रह रहे है।जब कभी पार्टी वारटी पर जाना होता है तो ले जाते हैं अपने घर बच्चों की देख रेख के लिये।इसी बहाने से मैं अपने पोता पोती को मिल पाती हूँ।मैं छोटे बेटे बहू के साथ रहती हूँ ।जब बच्चे ऊँचा नीचा या ग़लत बोलते हैं तो मन बहुत दुखी होता है।हर वक़्त लड़ाई कलह में जरा भी सकून नहीं मिलता।ये बेटा बहू भी अब अलग रहने चाहते हैं और वो कहती जा रही थी ,पति की मौत बहुत साल पहले हो चुकी थी ।अब पैंशन पर गुज़ारा कर रही हूँ।
जैसे ही मैंने उनका हाथ अपने हाथ में लिया वो मेरे गले लग कर बच्चों की तरह रोने लगी।उस वक़्त दिल तो मेरा भी भर आया कि इक माँ का हृदय कितना विशाल होता है।कैसे बच्चों की गलती को माफ़ कर देती है।माँ जो ज़िन्दगी की सारी ज़िम्मेदारी पूरी कर के इक थोड़ा सा सकून ही तो चाह रही है।जब माँ बाप को सबसे ज़्यादा ज़रूरत बच्चों की होती हैं ,तो कैसे वो ऐसा बर्ताव कर सकते है।क्या वो भूल जाते कि इक दिन वो भी बुजुर्ग होंगे, उन्हें भी इक दिन ऐसे ही अपने बच्चों का सहारा चाहिए होगा।
मैंने कहा आंटी आप कयूं सह रहे हो ये सब।कह दीजिये बेटे से कि वो अलग से घर ले ले। कहने लगी मैं अकेले नहीं रह सकती।कैसे काटूँगी ज़िन्दगी।मैंने कहा आप कब तक दूसरे का सोचेंगी ,अब अपने लिए सोंचे।अगर आप खुद अपनी इज़्ज़त करोगे तो सब भी आपकी इज़्ज़त करेंगे।मैंने कहा !आप का घर तो है।पैशन लगी हुई है।तो क्यों नहीं किसी को किराए पर रख लेती।आमदनी भी हो जायेगी और आप को अकेलापन भी नहीं लगेगा।उस दिन तो वो अपने घर चली गई मगर मै उनसे मिलने के बहाने हर रोज़ सैर पर जाने लगी और इस तरह मेरे बहुत समझाने पर उन्होंने अपना मन बना लिया और बेटे से कह दिया कि वो अलग हो सकता है।फिर एक पति पत्नी और उनकी बच्ची को ,दो कमरे किराये पर दे दिये।इस तरह दिन पर दिन महीने निकलते गये।इस दौरान मैं अपनी ज़िन्दगी मे व्यस्त हो गई।इक रोज़ मैं आंटी के घर उनसे मिलने चली गई।आंटी मुझे देख बहुत ख़ुश हुई।गले लगा कर कहने लगी ! तुम्हारी बात मान कर अब ज़िन्दगी को बड़ी सकून से जी रही हूँ।रोज मन्दिर चली जाती हूँ।वहाँ कितनी सहेलियाँ बन गई हैं।सब हंसते है योगा करते है।आंटी को यूँ ख़ुश देख कर मन को सकून मिल रहा था।वो कहती जा रही थी !अब बेटे भी आ जाते है मिलने कभी कभार।बहू भी खुश है।मैंने कहा आंटी कभी कभी अपनी सहेलियों के साथ बाहर घूमने चले ज़ाया करे इससे आपकी रोज सैर भी हो ज़ाया करेंगी।मुझे यक़ीन नही था वो ऐसा कर पायेंगी,मगर वो करने लगी।मैंने उनमे इक शक्ति का आवाहन होते हुये देखा।बताने लगी कि मुझे लगता है जैसे मैं फिर से जवान हो गई हूँ और शरीर से भी मज़बूत महसूस करती हूँ क्योंकि अब मुझे पता हैं कि सब मुझे ही करना है।

दोस्तों आंटी को भी अकेलापन मिला।वो चाहती तो उदास बीमार या डिप्रेशन मे चली जाती,मगर सोच पाजीटिव होने की वजह से ज़िन्दगी को अच्छे ढंग से जी रही थी।
दोस्तों मेरी कहानी की पात्र “आंटी वास्तविक मे शक्तिशाली मानसिकता वाली औरत थी”मगर हालातो ने उन्हें कमजोर बना दिया था।थोड़ी हिम्मत की और तो
अब सकून से ज़िन्दगी जी रही है।
यही है जीवन दोस्तों!
मुश्किलें तो आती है घबराये नही,रास्ता ढूँढे ,अगर सोच बुलन्द है तो वजूद पर भी इसका असर ज़रूर होता है।खुद को बदलना हमारे ही हाथ में है।खुद को बदल कर हालात ही बदल डालें मगर 🙏”बदलाव” बशर्ते पाजीटिव ही हो। *स्मिता

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मुद्दा

चुनाव जिन मुद्दों पर लड़े जाते हैं वो मुद्दे सत्ता में आने के बाद ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। आज धर्म को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर चुनावी फसलें लहलहाई जाती है और मंहगाई, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे कई मूलभूत मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। यूं भी सत्ता हासिल करने के लिए साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल किया जाता है।

धीरे-धीरे विधानसभा चुनाव करीब आते जा रहे हैं सभी दल आश्वासनों का लालीपॉप लेकर जनता को लुभाने का सिलसिला शुरू कर चुके हैं। फिर चाहे वह पेट्रोल के दाम कम किए गए हो या कृषि कानून को वापस लेना हो दल कोई भी हो मगर कोई भी दल मंहगाई, स्वास्थ्य, शिक्षा रोजगार जैसे मुद्दे पर बात नहीं कर रही है। सरकारों द्वारा किये गए पुराने वादे ही अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। नोटबंदी करके काला धन कहां जमा हो गया अभी तक उसका खुलासा नहीं हुआ। साल में दो करोड़ रोजगार देने की वादा खोखला साबित हुआ। सड़कें, यातायात व्यवस्था, रेलवे, शिक्षा ऐसे कई मूलभूत मुद्दे हैं जिन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नोटबंदी के वक्त बहुतेरे परिवार बिखर गए, कैशलैस इकोनामी के चक्कर में दिहाड़ी और छोटे व्यापारियों के हाल हो गये। कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्था सही ना होने के कारण उसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ा। निजीकरण द्वारा ही समस्याओं का समाधान  क्या एकमात्र विकल्प है?
2014 के पहले जो दल डीजल पेट्रोल के बढ़ते दाम, गैस के बढ़ते दामों को लेकर, खाद्य पदार्थ के बढ़ते दाम दामों को लेकर बहुत मुखर था आज इन्हीं मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए है। आज महिला सुरक्षा की बात नहीं की जाती, गिरता रूपया, जीडीपी पर कोई बहस नहीं होती। 2014 के पहले की सरकारें भी इन्हीं मुद्दों पर चुनाव लड़तीं थी लेकिन सत्ता में आने के बाद वो ठंडे बस्ते में चली जाती थीं। आखिर ये दल चुनाव के समय ही क्यों सक्रिय होते हैं और क्यों जनता का विश्वास जीत कर उन्हें “वोट” बनाने पर तुले रहते हैं। क्या ये जरूरी नहीं कि राजनीति के साथ जनता की समस्याओं का भी समाधान हो? आम आदमी परेशान है और उसे विकल्प चाहिए ताकि उनकी जरूरतों और समस्याओं का निदान हो सके।

:# प्रियंका वर्मा महेश्वरी

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एसएन सेन बा.वि.पी.जी कॉलेज के विज्ञान संकाय द्वारा युवा महोत्सव 2021 के अंतर्गत अंर्तमहाविद्यालय प्रतियोगिता ऑन स्पॉट पोस्टर मेकिंग कंपटीशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

कानपुर 9 दिसंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस एसएन सेन बा.वि.पी.जी कॉलेज कानपुर के विज्ञान संकाय द्वारा युवा महोत्सव 2021 के अंतर्गत अंर्तमहाविद्यालय प्रतियोगिता ऑन स्पॉट पोस्टर मेकिंग कंपटीशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रबंध समिति के सचिव श्री पी. के .सेन संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन , प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल तथा युवा महोत्सव की प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने मां सरस्वती का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन द्वारा किया। कार्यक्रम प्रभारी रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ गार्गी यादव ने प्रतियोगिता के नियम बताएं। अतिथियों का स्वागत जंतु विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ पूनम अरोड़ा ने किया।
निर्णायक मंडल के रूप में डॉक्टर गोवर्धन लाल, साइंटिस्ट डी.एम.एस.आर.डी.ई. कानपुर एवं डॉ अशोक कुमार गौतम, साइंटिस्ट डी.एम.एस.आर.डी.ई. कानपुर रहे।
कानपुर महानगर के 15 महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।
प्रथम ,द्वितीय ,तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार निम्नलिखित रहे-
प्रथम- वारिशा लाइक एस.एन. सेन कॉलेज
द्वितीय-कौशिकी दीक्षित जागरण कॉलेज
तृतीय- दिव्या शुक्ला जागरण कॉलेज
सांत्वना- ऊषारा सिद्दीकी डी. जी. कॉलेज
विशेष पुरस्कार- मारिया इमरान पी.पी.एन कॉलेज, अगम शुक्ला पी.पी.एन कॉलेज एवं श्रेया द्विवेदी एस.एस.एन कॉलेज को मिला इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों से शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। अनुशासक मंडल डॉ निशि प्रकाश ,डॉ अलका टंडन, डॉ रेखा चौबे रही। डॉ शैल बाजपेई डॉ राई घोष,श्रीमती प्रतिभा मजूमदार, कु.वर्षा सिंह कु. तैयबा का विशेष योगदान रहा।

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दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजाजीपुरम ,लखनऊ में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत कविता प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज प्रतियोगिता आयोजित

लखनऊ, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विगत दिवस दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजाजीपुरम ,लखनऊ में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ. अर्चना राजन (सड़क सुरक्षा नोडल अधिकारी ,लखनऊ संभाग ) की अध्यक्षता एवं डॉ नेहा जैन (महाविद्यालय नोडल अधिकारी सड़क सुरक्षा ), डॉ. पीके मौर्य , डॉ. रिचा पांडे, डॉ.साधना सिंह यादव, डॉ. निशी मिश्रा के कुशल निर्देशन में लखनऊ संभाग स्तरीय कविता प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया l कार्यक्रम में अतिथि के रूप में डॉ.जी .एस. गुप्ता ,सेवानिवृत्त प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय ,हरख बाराबंकी ,डॉ.मीनू सक्सेना, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय गोसाई खेड़ा, उन्नाव ,डॉ .मीना श्रीवास्तव ,पूर्व प्राचार्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ ,एवं डॉ वीणा गोपाल प्राचार्य भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी उपस्थित रहे ! कार्यक्रम का शुभारंभ में मां शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन हुआ इसके उपरांत कविता प्रतियोगिता प्रारंभ की गई जिसमें प्रथम स्थान पर राजकिशोर ,राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोसाई खेड़ा ,द्वितीय स्थान पर गरिमा सिंह, नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ एवं तृतीय स्थान पर स्वाति कुरील भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी रही ! पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आरती प्रजापति ,पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ , द्वितीय स्थान प्रीति आर.एम.पी .जी कॉलेज सीतापुर एवं प्रिया गुप्ता ,नवयुग कन्या पीजी कॉलेज लखनऊ ने प्राप्त किया l सड़क सुरक्षा जागरूकता पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता में प्रथम धीरज मिश्रा ,आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग महाविद्यालय सीतापुर, द्वितीय पियूष शुक्ला, महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदोई एवं तृतीय स्थान स्वाति कुरील भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी ने प्राप्त किया ! इन प्रतियोगिताओं में जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों ने सहभागिता की जिसमें प्रमुख रुप से भगवानदीन आर्य कन्या पीजी कॉलेज लखीमपुर खीरी lमहाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,हरदोई l इंदिरा गांधी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बांगरमऊ, उन्नाव l पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,लखनऊ ! नेशनल पीजी कॉलेज ,लखनऊ ! नवयुग कन्या महाविद्यालय ,लखनऊ! आर. एम. पी. जी .कॉलेज, सीतापुरl आचार्य नरेंद्र देव टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज सीतापुर, महाराजाबिजली पासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ,लखनऊ , नारीशिक्षा निकेतन महाविद्यालय, लखनऊ !कार्यक्रम में विभिन्न जनपदों गणमान्य प्राध्यापकों ने सहभागिता की! कार्यक्रम में मंच संचालन करते हुए डॉ नेहा जैन ने सभी मंचासीन अतिथियों एवं आए हुए आगंतुकों का स्वागत एवं अभिनंदन किया ! कार्यक्रम की अगली कड़ी में पवन कुमार मौर्या जी ने सड़क सुरक्षा पर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना, रेंजर एवं नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत गठित एक्टिविटी क्लब के माध्यम से महाविद्यालय में सड़क सुरक्षा जागरूकता से संबंधित कार्यक्रमों की आख्या प्रस्तुत की ! विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित डॉ. मीना श्रीवास्तव जी ने सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली क्षति और सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि इन कार्यक्रमों की सार्थकता तभी है जब हम इन के माध्यम से दिए जा रहे संदेशों को अपने जीवन में अमल में लाएं l विशिष्ट अतिथि के रुप के रूप में उपस्थित डॉ.जी .एस .गुप्ता जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए समाज में जागरूक नागरिक बनने के लिए तमाम जानकारियों को अपने व्यवहार में और अभ्यास में शामिल करने की अपील ! महाविद्यालय की प्राचार्य महोदया डॉ.अर्चना राजन ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए यह बताया कि इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से चयनित छात्र छात्राएं अपने जनपद में सड़क सुरक्षा की जानकारी से संबंधित एक ब्रांड एंबेस्डर के रूप में है और उन्हें समाज में अपने दायित्वों को पूरा करना है, वह स्वयं और अपने आसपास के लोगों को जागरूक करें कि किस प्रकार सावधानियां रखते हुए हम दुर्घटनाओं से बच सकते हैं और समाज को भी बचा सकते हैं! कार्यक्रम के अंत में डॉ .पवन कुमार मौर्या ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया! कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार के सभी सदस्य , छात्राएं एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे!

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मतदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 30 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मतदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। आज के कार्यक्रम में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ जोसेफ डेनियल, उप प्रधानाचार्य डॉ सबीना बोदरा , प्रोग्राम ऑफिसर डॉ सुनीता वर्मा एवं हमारे मुख्य अतिथि एनएसएस कोऑर्डिनेटर सीएसजेएम कानपुर डॉ के एन मिश्रा आदि मौजूद थे।

प्रधानाचार्य और मुख्य अतिथि ने एनएसएस इकाई के छात्र एवं छात्राओं को मतदान के प्रति जागरूक किया तथा उन्हें कई महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत कराया। एनएसएस के छात्र एवं छात्राओं ने आज मतदान जागरूकता के संबंध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम में एनएसएस इकाई के छात्रों के प्रतिनिधि हर्षवर्धन दीक्षित एवं खुशी मल्होत्रा ने अपनी एनएसएस की टीम जिनमें आयुष कुमार, अरबाज खान, गिरीशा माथुर, वर्षा आनंद, आयुषी पाठक, सय्यद मोमीन, दीपांशी, मैत्री पन्ना, कांची त्रिपाठी, आशुतोष शुक्ला, पवन श्रीवास्तव, सिमरन गौतम, मुस्कान मिश्रा, मानसी त्रिपाठी, बिना खातून, सृष्टि त्रिपाठी, साक्षी, शालिनी सिंह, श्रद्धा गुप्ता, संस्कृति सिंह। इन्होंने कार्यक्रम का आयोजन किया।

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज में विज्ञान संकाय ने जगदीश चंद्र बसु की जयंती मनाई

कानपुर 30 नवंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज, कानपुर में विज्ञान संकाय द्वारा श्री जगदीश चंद्र बसु की जयंती मनाई गई।

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल, जंतु विज्ञान की अध्यक्षा डॉ पूनम अरोड़ा, वनस्पति विज्ञान की अध्यक्षा डॉ संध्या सिंह और रसायन शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ गार्गी यादव ने दीप प्रज्वलित कर और श्री जगदीश चंद्र बसु के चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला।
प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने बताया कि डॉ बसु एक महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने पौधों पर अध्ययन कर सिद्ध किया कि वे भी संवेदनशील होते हैं।
डॉ गार्गी यादव ने बताया कि डॉ बसु ने विद्युत तरंगों पर शोधकार्य किए। उनको अनेक सम्मान मिले, वे बहुत सारी वैज्ञानिक संस्थानों के सदस्य रहे। बी एससी की छात्रा कु प्रेमिका पाल ने उनके वैज्ञानिक जीवन से जुड़े तथ्यों को बताया।
इस इस अवसर पर डॉ निशा वर्मा, श्रीमती किरन, डॉ शैल बाजपेई, कु वर्षा सिंह, कु तैयबा, डॉ राई घोष श्रीमती प्रतिभा समेत सभी शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहीं।

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज कानपुर, महिला जागृति संस्था व भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला आयोजित

कानपुर 30 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज कानपुर, महिला जागृति संस्था व भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय सभागार में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया
मुख्य अतिथि महापौर प्रमिला पांडेय,मुख्य अतिथि महापौर,कानपुर, महिला जागरण संस्थान की अध्यक्षा विजयता , I.N.O. की डॉ सांची टंडन, महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन प्राचार्या डॉ निशा , योग प्रशिक्षक डॉ ममता और कार्यशाला की संयोजिका डॉ गार्गी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
प्राचार्या ने अतिथियों का स्वागत करते हुए जानकारी दी कि नई शिक्षा नीति में छात्राओं को प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग में जागरूक करने हेतु इसे रोजगार परक कार्यक्रमों की श्रृंखला में शामिल किया गया है, महापौर प्रमिला पांडेय ने महाविद्यालय को ऐसी कार्यशाला आयोजित करने पर बधाई देते हुए कहा कि महामारी के समय पूरे विश्व ने देखा कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा कितनी कारगर सिद्ध हुई है l। INO की अध्यक्षा डॉ सांची टंडन, ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा में नियमित जीवन शैली व संतुलित आहार और प्राणायाम का उपयोग करते हुए शरीर को रोगमुक्त रखा जा सकता है। योग प्रशिक्षक डॉ ममता द्विवेदी और श्रीमती विजेता ने छात्राओं को योगिक आसनों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। श्री शुभ्रो सेन ने रोजगारपरक कार्यक्रमों की महत्ता के बारे में बताया।
रसायन शास्त्र की प्रवक्ता कु वर्षा ने धन्यवाद ज्ञापन किया  कार्यक्रम का संयोजन व संचालन वोकेशनल कोर्स इंचार्ज डॉ गार्गी यादव ने किया

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