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शिक्षा

शिक्षक दिवस के अवसर पर सेंटर फॉर प्रोफेशनल एडवांसमेंट द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरस्कार आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के अवसर पर सेंटर फॉर प्रोफेशनल एडवांसमेंट (IMRF Regd with Govt of India NITI Aayog) की एक इकाई, द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पुरस्कार का आयोजन किया गयाl इस अवसर पर शिक्षक और अनुसन्धान के क्षेत्र मे शिक्षाविद, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ प्रीति को राजनीति विज्ञान और दलित व वनवासी अधिकारों के क्षेत्र में निरंतर महत्वपूर्ण योगदान व दलित और वनवासी अधिकारों की आवाज़ बुलंद करने के लिए डॉ. राधाकृष्णन बेस्ट फैकल्टी अवार्ड इन सोशल इशूज एंड दलित राइट्स से सम्मानित किया गया l इस सन्दर्भ मे बात करते हुए डॉ. प्रीति ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानती है कि उन्हें शिक्षा के साथ साथ दलित और वनवासियों की आवाज़ उठाने के लिए शिक्षक दिवस जैसे अवसर पर डॉ राधाकृष्णन अवार्ड से सम्मानित किया गया, डॉ प्रीति का मानना है की भारत के विकास मे समाज के पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करना और राजनीती मे उनके योगदान को समाज के समक्ष लाना वास्तव मे ना सिर्फ दिलचस्प है अपितु आवश्यक भी है l

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लखनऊ जनपद के 75 शिक्षाविद सम्मानित

लखनऊ 5 सितंबर, शिक्षक दिवस के उपलक्ष पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ जनपद के 75 शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखनऊ से डॉ0अखिलेश सिंह विभागाध्यक्ष भौतिक विज्ञान, डॉ0 सील धर दुबे विभागाध्यक्ष शारीरिक शिक्षा ,डॉ प्रज्ञा मिश्रा विभागाध्यक्ष,गणित विभाग एवं डॉ नेहा जैन विभागाध्यक्षसमाज शास्त्र विभाग शिक्षक सम्मान 2021 प्रदान किया गया कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री एवं उप मुख्यमंत्री के रूप में माननीय दिनेश शर्मा जी, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे

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एस ऍन सेन बालिका विद्यालय पोस्ट ग्रेजुएशन कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति के तहत बालिकाओं के स्वास्थ्यवर्धन एवम पोषण के प्रति जागरूकता पर व्याख्यान आयोजित

 कानपुर 5 सितंबर, एस ऍन सेन बालिका विद्यालय पोस्ट ग्रेजुएशन कॉलेज द्वारा मिशन शक्ति – फेज ३ अभियान में प्रथम शनिवार को बालिकाओं के स्वास्थ्यवर्धन एवम पोषण के प्रति जागरूकता पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया साथ ही परामर्श सत्र को भी आयोजन किया गया। महाविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग को असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मोनिका शुक्ला ने बालिकाओं को पोषण के सम्बन्ध में जागरूक करते हुए बताया की किस प्रकार वे अपने तथा अपने आस-पास के व्यक्तियों के खान-पान के प्रति जागरूक रह सकती हैं और उन्हें संतुलित भोजन के लाभ भी बता सकती है। साथ ही साथ परामर्श सत्र में छात्रों को उनकी अनेक आशंकाओं के निवारण के लिए भी उत्साहित किया गया। इस कारिक्रम में महाविद्यालय में मिशन शक्ति प्रभारी एवम ऍन एस एस प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने छात्राओं को खान-पान के प्रति जागरूक रहने के सम्भन्ध में निर्देशित किया।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने किया खिलाड़ियों का अभूतपूर्व प्रोत्साहन

कानपुर 02 सितम्बर, खेल प्रतियोगिताओं में ओलंपिक खेलों का अहम स्थान है। इस बार ओलंपिक खेलों का आयोजन टोक्यो में किया गया। टोक्यो ओलंपिक में प्रदेश और देश के खिलाड़ियों ने बहुत ही उम्दा प्रदर्शन किया। भारत ने इस ओलंपिक मंे एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदकांे पर कब्जा किया। खेलों में खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए उनके प्रोत्साहन की अहम भूमिका होती है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेताओं के प्रोत्साहन में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रादेशिकता की भावना को दरकिनार कर भारत के लिए मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में पदक विजेताओं के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उनके साथ राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल भी मौजूद रहीं। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया है कि वे जान लगाकर देश के लिए खेलते हैं। ये खिलाड़ी एक प्रदेश का नहीं बल्कि समूचे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस सम्मान समारोह में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण जीतने वाले नीरज चोपड़ा को दो करोड़ रूपये दिए गए। रजत पदक विजेता वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और पहलवान रवि दहिया को डेढ़-डेढ़ करोड़ दिए गए। कांस्य जीतने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी पी0वी0 सिंधु, बॉक्सर लवलीना, पहलवान बजरंग पुनिया को एक-एक करोड़ का पुरस्कार दिया गया। कांस्य पदक जीतने वाली पुरूष हॉकी टीम के सभी खिलाड़ियों को एक-एक करोड़, मुख्यकोच को पच्चीस लाख और सहयोगी स्टाफ के अन्य सभी सदस्यों को दस-दस लाख रूपये के चेक दिये गये। महिला हॉकी टीम के सभी सदस्यों को पचास-पचास लाख, मुख्यकोच को पच्चीस लाख एवं स्टॉफ को दस-दस लाख रूपये के चेक दिये गये। चौथे स्थान पर रहे पहलवान दीपक पूनिया एवं गोल्फर अदिति अशोक को पचास-पचास लाख रूपये, चानू के प्रशिक्षक को भी दस लाख रूपये का पुरस्कार दिया गया। प्रदेश सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी का पद प्रदान करने की व्यवस्था की है। साथ ही खिलाड़ियों को मिलने वाली अनुदान राशि में भी वृद्धि की घोषणा की गई है।
प्रदेश सरकार ने कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए इस खेल को दस साल के लिए गोद लेने का फैसला भी किया है। इसके अलावा खेल छात्रावासों में खिलाड़ियों की प्रतिदिन खुराक राशि 250 रूपये से बढ़ाकर 375 रूपये कर दी गयी है। लखनऊ में कुश्ती अकादमी की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों के कारण खेलों के प्रति युवाओं का रूझान बढ़ा है। न केवल ओलंपिक खेलों में बल्कि अन्य अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए पुरस्कारों की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की गयी है। इसके लिए एशियन गेम्स और कॉमन वेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीवने वाले खिलाड़ी को तीस लाख रूपये और कांस्य पदक जीवने वाले को पन्द्रह लाख रूपये देने की व्यवस्था की गयी है।
यदि समग्ररूप से विचार किया जाए तो प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की नीति निश्चित रूप से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन को शीर्ष पर ले जाएगी।

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खो खो एसोसिएशन कानपुर नगर द्वारा ” राष्ट्रीय खेल दिवस” अयोजित

कानपुर 29 अगस्त, भारतीय स्वरूप संवाददाता :-खो खो एसोसिएशन कानपुर नगर द्वारा ” राष्ट्रीय खेल दिवस” का अयोजन हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी के जन्म दिन पर केo के o कॉलेज किदवई नगर पर भिन्न भिन्न खेलो का अयोजन किया गया।
प्रतियोगिता का उदघाटन कॉलेज की प्रधानाचार्या पूनम सिंह एवम जिला विधायलयी क्रीड़ा समिति के कोषाध्याश श्री नन्द किशोर मिश्रा ( प्रिंसिपल डी पी एस आजाद नगर), विशिष्ठ अतिथि के रुप मे उपास्थित रहें।
खिलाड़ियों से परिचय खो-खो एसोसिएशन कानपुर नगर के अध्यक्ष डॉ सुरेंद्र सिंह रैयत ने प्राप्त किया एवम मुख्य अतिथियों का स्वागत किया अयोजन सचिव निशा तोमर व मोनिका सिंह ने किया।
कानपुर ओलंपिक संघ के अध्यक्ष रजत आदित्य दीक्षित भी उपस्थित रहें।
भूपेन्द्र सचान ने इस अवसर पर आयोजित प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार प्रदत्त किए।
हॉकी गर्ल्स इंदु स्पोर्ट्स क्लब विजेता
केके गर्ल्स इंटर कॉलेज उप विजेता।
वॉलीबॉल बालक: विजेता शिवाजी स्पोर्ट्स क्लब
बालिका वर्ग के के गर्ल्स इंटर कॉलेज विजेता।
टेबल टेनिस सीनियर बालक सुघर सिंह अकैडमी कोयला नगर विजेता।
टेबल टेनिस जूनियर बालक वर्ग टेबल टेनिस अकैडमी गोविंद नगर। कबड्डी बालिका वर्ग के के गर्ल्स इंटर कॉलेज विजेता इंदु स्पोर्टिंग क्लब उपविजेता।
इस अवसर पर अमरेश सिंह महेश प्रताप सिंह, राजेंद्र सिंह टेनी, निशा, क्षमा सिंह, मनीषा शुक्ला , फरीन, ज्योति, अतुल पटेल, संजय चौरसिया, , सुनील शर्मा, वीर सिंह गहलोत, ज्योति कुमारी, आदि उपस्थिति रहे

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राष्‍ट्रपति भवन ने केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों के संकाय सदस्‍यों और छात्रों से आगंतुक पुरस्‍कार 2021 के लिए आवेदन आमंत्रित किए

राष्‍ट्रपति भवन ने केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों के संकाय सदस्‍यों और छात्रों से आगंतुक पुरस्‍कार 2021 के लिए विभिन्‍न श्रेणियों में आवेदन आमंत्रित किए हैं। इन श्रेणियों में 1. नवाचार के लिए आगंतुक पुरस्‍कार, 2. (अ) मानविकी, कला और सामाजिक विज्ञान (ब) भौतिक विज्ञान और (स) जैविक विज्ञान में शोध के लिए आगंतुक पुरस्‍कार, 3. प्रौद्योगिकी विकास के लिए आगंतुक पुरस्‍कार।

आवेदक इसके लिए वेबसाइट www.presidentofindia.nic.in और ‘7वें विजिटर्स अवार्ड 2021’ लिंक पर क्लिक कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्‍टूबर, 2021 है और इसके लिए विस्‍तृत जानकारी https://rb.nic.in/visitorawards से ली जा सकती है।

इन पुरस्‍कारों की स्‍थापना 2014 में केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों के बीच स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा को बढ़ावा देने और उत्‍कृष्‍टता हासिल करने की दिशा में विश्‍व भर की बेहतर पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्‍य से की गई थी।

भारत के राष्‍ट्रपति केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों के विजिटर के रूप में इन पुरस्‍कारों को प्रदान करते हैं।

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अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि पर योगी की सर्जिकल स्टाइक

उत्तरप्रदेश मे योगी सरकार द्वारा दो ही बच्चे अच्छे नारे के साथ लाये गए जनसंख्या नियंत्रण कानून ने मानों अराजक तत्वों और धर्म की राजनीति करने वाले सभी आकाओं की नींद उड़ा दी l आये दिन इस कानून को मुस्लिम विरोधी बता कर एक समूह को न सिर्फ विकास से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि उन्हें वास्तविकता से भी दूर रखने का पूरा प्रयास किया जा रहा है l परन्तु वास्तव में ये भारत में रहने वाला प्रत्येक नागरिक जानता है कि बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाना कितना जरूरी है
इसी विषय पर उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री मोहिसन रजा ने कहा कि ‘ जनसंख्या नियत्रंण कानून से समाज कल्याण होगा’। हमें एक देश एक कानून एक बच्चा पर काम करना चाहिए
“हम मुस्लिम समाज को ऊपर बढ़ाना चाहते हैं टोपी से टाई तक ले जाना चाहते है, लेकिन बाकि विरोधी दल ये चाहते हैं कि ये लोग पंक्चर लगाते रह जाए। इनका विकास न हो, जब से हम सरकार में आए है तब से ही शिक्षा के क्षेत्र में काम किया जा रहा है, अलग-अलग जगह पर स्कूल खोले जा रहे है। शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। जनता तक बेहतर सुविधाए पंहुचाने के लिए जनसख्या कानून जरूरी है”
मोहिसन रज़ा द्वारा कही गई ये बात उस वास्तविकता को बताती है जिसे नज़रअंदाज़ ना तो किया जा सकता है और न ही किया जाना चाहिए l लेकिन जब कभी सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर कोई कानून बनाती है तो अक्सर देश में इस मुददे पर प्रारंभ होने वाले वैचारिक विमर्श को कुछ लोगों द्वारा एक हक छीनने जैसी प्रतिक्रिया मिलती है। ऐसा लगता है जैसे उनके निजी जीवन पर हमला किया गया हो। कुछ बुद्धिजीवी वर्ग इसे धार्मिक रंग चढ़ाने से भी पीछे नहीं हटते और जरूरी मुददों के प्रति जागरूकता को लेकर समाज को भटकाने का प्रयास करते है।
जनसंख्या की द्ष्टि से भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है, एवं जनघनत्व के मामले में भी भारत काफी उपर है। भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण भूमि एवं अन्य संसाधनों पर काफी दबाव महसूस किया जाता रहा है। मसलन जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव किस तरह पड़ता है इसे समझना जरुरी है l किसी भी देश की जनसंख्या को घटाने या बढ़ाने में मुख्यतः दो कारक प्रमुख होते है, जब जन्म दर, मुत्यु दर से अधिक हो तो जनसंख्या में वृद्धि आती है। दूसरा यदि दूसरे देशों से आने वालों की संख्या विदेश जाने वाले लोगों की संख्या से अधिक होगी तो जनसंख्या में वृद्धि होगी एवं विपरीत स्थिति में जनसंख्या में कमी आएगी।
संयुक्त राष्ट्र की द वल्र्ड पापुलेशन प्रोस्पोट्स 2019 हाईलाइट्स नामक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2027 तक चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत की कुल आबादी 1.64 बिलियन के आंकड़े को पार कर जाएगी एवं वैश्विक जनसंख्या में 2 बिलियन हो जाएगी। रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि इस अवधि में भारत में युवाओं की बड़ी संख्या मौजूद होगी l लेकिन आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों के अभाव में इतनी बड़ी आबादी की आधारभूत आवश्यकताओं जैसे- भोजन, आश्रय, चिकित्सा और शिक्षा को पूरा करना भारत के लिये सबसे बड़ी चुनौती होगी l बढ़ती आबादी किसी देश के विकास के लिए कितनी घातक होंगी इसका भान शायद गाँधी जी को पहले से ही पता था इसी लिए उन्होंने कहा था कि प्रकृति के पास लोगो की अवश्यक्ताओ को पूरा करने के लिए परिपूर्ण संसाधन है परन्तु बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण संसाधनों की कमी से बचने का एकमात्र तरीका है ताकि भावी पीढ़ी को संसाधनों की कमी ना हो l
किसी भी देश कि स्थिरता उस देश की आर्थिक स्थिति के द्वारा सुनिश्चित होती है, परन्तु एक अन्य वास्तविकता यह भी है कि जनसंख्या वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिससे बेरोजगारी, पर्यावरण का अवनयन, आवासों की कमी, निम्न जीवन स्तर जैसी समस्याए जुड़ी रहती है। इसका उदहारण यह है कि वर्तमान में भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है। यह गरीबी और अभाव, अपराध, चोरी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी व तस्करी जैसी समस्याओं को जन्म देती है। पर्यावरण की दृष्टि से भी जनसंख्या वृद्धि हानिकारक है। बढ़ती आवश्यकताओं के कारण प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहने किया जा रहा है जिसके परिणाम विनाशकारी सिद्ध हो रहे है। जनसंख्या वृद्धि को जल-प्रदूषण, वायु प्रदूषण एवं मृदा प्रदूषण के लिये भी दोषी माना जा रहा है l ऐसा इसलिए क्योंकि जनसंख्या वृद्धि का सबसे गंभीर प्रभाव पर्यावरण पर ही देखा गया है l
यूपी की जनसंख्या पर योगी प्लान
विगत कई वर्षो से भारत में जनसंख्या नियंत्रण एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक मुददा रहा है। देश में एक बड़ा वर्ग जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग लम्बे समय से कर रहा है। पिछले वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी जी ने लाल किले की प्राचीर से बढ़ती हुई जनसंख्या तथा इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया था। उसके बाद न्यायालयों में याचिकाएं दर्ज होनी शुरू हुई तथा प्रधानमंत्री को पत्र लेखन द्वारा विभिन्न सगंठनों तथा प्रभुद्ध लोगों ने इससे संबधित अधिनियम पारित करने की पेशकश की। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में दर्ज याचिका में कहा गया है, कि 42 वे संविधान संशोधन 1976 के द्वारा समवर्ती सूची में जनसंख्या नियंत्रण एवं परिवार नियोजन विषय जोड़ा गया l
इसलिए केंद्र तथा राज्य सरकारों का यह कर्तव्य बनता है कि वे इससे संबधित अधिनियम पारित करें। जिसक अंतर्गत हालही में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर यूपी की योगी सरकार ने नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट पेश किया l इस ड्राफ्ट के अंतर्गत अब यूपी में 2 से ज्यादा बच्चों के होने पर उत्तरप्रदेश के किसी भी निवासी को किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिलेगा l सरकारी नौकरियों में मौका भी नहीं मिलेगा, स्थानीय निकाय, पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक होंगी और राशन कार्ड में चार से अधिक सदस्य नहीं होंगे।
यूपी विधि आयोग ने कहा कि पास होने के 1 साल बाद कानून लागू होगा। कानून से प्रोत्साहन ज्यादा और हत्सोत्साहन नहीं होगा। सभी जाति धर्म को देखते हुए मसौदे पर काम किया जाएगा किसी विशेष जाति को टारगेट नहीं किया जाएगा।
बच्चा एक फायदे अनेक
कानून में यह सुनिश्चित किया गया है कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को अनेक फायदे मिल पांएगें l 1 बच्चे के बाद नसबंदी कराने पर स्वास्थ्य सुविध होगी. एकल बच्चा लड़का है तो 80 हजार रूपये की मदद मिलेगी और अगर एकल बच्चा लड़की है तो 1 लाख रूपए दिए जाएंगे, साथ ही बच्चे के 20 साल का होने तक बीमा कवरेज होगा और उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले पर बच्चे को फायदा मिलेगा। सरकारी नौकरियों में एकल बच्चे को प्राथमिकता मिलेगी और एक बच्चा लड़की हो तो ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्ष दी जाएगी। सबसे ज्यादा आबादी का राज्य की जनसंख्या 23 करोड़ है l यूपी में जन्म दर राष्ट्रीय औसत से अभी 2.2 प्रशित अधिक है। आखिरी बार जनसंख्या नीति साल 2000 में पारित हुई थी जिसमें जन्म दर 2.7 प्रशित का 2026 तक 2.1 प्रतिशत लाने का लक्ष्य था। 2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी l
विरोधजीवियों के द्वारा इस प्रगतिशील कानून पर हल्ला उठाना वास्तव में उनकी निम्न मानसिकता और त्रुटिपूर्ण राजनीति का उदाहरण है l बाहरहाल हमें यह समझना होगा कि जनसंख्या वृद्धि किसी एक राज्य की समस्या ना होकर संपूर्ण भारत की समस्या है जिसका निवारण भी राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए  – प्रीती राठौर

लेखिका शिवाजी कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं

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प्रधानमंत्री ने एग्जाम वारियर्स के अद्यतन संस्करण की घोषणा की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एग्जाम वारियर्स के अद्यतन संस्करण की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि एग्जाम वारियर्स के नए संस्करण को छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से प्राप्त मूल्यवान जानकारी से समृद्ध किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि नए भागों को जोड़ा गया है, जो विशेष रूप से माता-पिता और शिक्षकों के लिए रुचिकर सिद्ध होंगे।

उन्होंने कहा, “हम सभी को अपने नौजवानों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि वे परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं!”

ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा, “चूँकि परीक्षा सत्र शुरू हो रहे हैं, मुझे यह साझा करने में खुशी हो रही है कि #ExamWarriors का अद्यतन संस्करण अब उपलब्ध है।

पुस्तक में नए मंत्र और कई रोचक गतिविधियाँ हैं। पुस्तक परीक्षा से पहले तनाव मुक्त रहने की आवश्यकता की पुष्टि करती है।

परीक्षा की तैयारी को मजेदार कैसे बनाएं?

क्या कुछ दिलचस्प चीज़ें है, जो हम तैयारी के दौरान घर पर बैठकर कर सकते हैं?

इसका एक समाधान है … नमो (NaMo)  एप पर एक नया #ExamWarriors मॉड्यूल।

इसमें छात्रों और अभिभावकों के लिए कई संवाद आधारित गतिविधियाँ हैं।

#ExamWarriors के नए संस्करण को छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के प्राप्त बहुमूल्य इनपुट से समृद्ध किया गया है।

नए भागों को जोड़ा गया है, जो विशेष रूप से माता-पिता और शिक्षकों को रुचि प्रदान करेंगे।

हम सभी को अपने नौजवानों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि वे परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं!”

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महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप ने एक अभिनव वायरलेस उत्पाद विकसित किया है जो ग्रामीण क्षेत्रों में कम लागत में विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा

महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप एस्ट्रम ने एक अभिनव वायरलेस उत्पाद विकसित किया है जो टेलीकॉम ऑपरेटरों को उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में कम लागत वाली विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं देने में मदद करेगा। यह फाइबर की कीमत के कुछ हिस्से में ही फाइबर की बैंडविड्थ प्रदान करता है।

भारत जैसे देशों में दूरदराज के स्थानों तक इंटरनेट पहुंचना मुश्किल है क्योंकि फाइबर बिछाना बहुत महंगा है। वायरलेस बैकहॉल उत्पादों की आवश्यकता है जो कम लागत, उच्च डेटा क्षमता और व्यापक पहुंच प्रदान कर सकें। वर्तमान में उपलब्ध, वायरलेस बैकहॉल उत्पाद या तो पर्याप्त डेटा गति या आवश्यक सीमा प्रदान नहीं करते हैं या उन्हें लगाना बहुत महंगा है।

गीगा मेश नामक वायरलेस उत्पाद दूरसंचार ऑपरेटरों को 5 गुना कम लागत पर गुणवत्ता, उच्च गति वाले ग्रामीण दूरसंचार बुनियादी ढांचे को तैनात करने में सक्षम बना सकता है। ग्रामीण संपर्क ग्राहक और रक्षा क्षेत्र के ग्राहक जिन्होंने पहले ही इस उत्पाद के लिए साइन अप कर लिया है, जल्द ही एस्ट्रम द्वारा इस उत्पाद के प्रदर्शन का गवाह बनेंगे।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर में इस स्टार्टअप को तैयार किया गया है और इसे भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के डीएसटी-एबीआई महिला स्टार्टअप प्रोग्राम द्वारा समर्थन प्राप्त है। इस स्टार्टअप ने अपने मिलीमीटर-वेव मल्टी-बीम टेक्नोलॉजी को 2018 में लैब में प्रमाणित किया था जिसके लिए कंपनी को भारत और अमेरिका में पेटेंट दिया गया है। तब सेप्रौद्योगिकी को गीगा मेश नामक एक शक्तिशाली और स्केलेबल उत्पाद में बदल दिया गया है, जो हमारे देश के आखिरी छोर तक कनेक्टिविटी टेलीकॉम जरूरतों का बहुत कुछ हल कर सकता है। उत्पाद ने खुद को अपने क्षेत्र में साबित किया है और इसके आगामी व्यावसायीकरण के लिए भागीदार उत्पादों के साथ भी एकीकृत किया गया है।

 

एस्ट्रम में सह-संस्थापक और सीईओ डॉ. नेहा साटक ने कहा, “भारतीय विज्ञान संस्थान ने निवेशकों के साथ जुड़ने में मदद करने, व्यावसायिक सलाह प्रदान करने और हमारे उत्पाद क्षेत्र के परीक्षणों को संचालित करने के लिए हमें जगह देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”  उन्होंने यह बात डीएसटी-एबीआई महिला स्टार्टअप पहल के तहत सप्ताह भर की यात्रा के अनुभव को याद करते हुए की जिसने अमेरिकी बाजार में लॉन्च के लिए तैयार करने के लिए यूएस वीसी इकोसिस्टम से बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।

एस्ट्रम को कनेक्टिविटी में मोस्ट प्रॉमिसिंग इनोवेटिव सॉल्यूशन के लिए आईटीयू एसएमई अव़ॉर्ड भी मिला। यह इस उत्पाद के लिए इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन से मिली एक प्रमुख पहचान है। उन्हें ईवो नेक्सस नामक एक प्रतिष्ठित 5-जी त्वरक कार्यक्रम (क्वालकॉम द्वारा प्रायोजित) द्वारा भी चुना गया जो उन्हें वैश्विक बाजार में अपने उत्पाद को लॉन्च करने में मदद करेगा।

मल्टी-बीम ई-बैंड उत्पाद गीगा मेश, एक में 6 पॉइंट-टू-पॉइंट ई-बैंड रेडियो पैक करता है जिससे डिवाइस की लागत कई लिंक पर वितरित होती है और इसलिए पूंजीगत व्यय कम हो जाता है। रेडियो प्रत्येक लिंक पर लंबी दूरी और मल्टी-जीबीपीएस डेटा थ्रूपुट प्रदान करता है। स्वचालित लिंक अलाइनमेंट, लिंक के बीच गतिशील बिजली आवंटन, और दूरस्थ लिंक गठन जैसी विशेषताएं ऑपरेटरों को महत्वपूर्ण परिचालन व्यय लागत में कमी लाने में मदद करती हैं।

एस्ट्रम वर्तमान में भारतीय विज्ञान संस्थान (विश्वविद्यालय परिसर) में एक क्षेत्र परीक्षण कर रहा है। इस फील्ड ट्रायल में कंपनी ने पहले ही कैंपस में मल्टी-जीपीएस स्पीड पर डेटा स्ट्रीमिंग हासिल कर ली है।

अधिक जानकारी के लिए डॉ. नेहा साटक (neha@astrome.co) से संपर्क किया जा सकता है।

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एस्ट्रोम सीईओ और इंजीनियरिंग निदेशक आईईईई टेक्नॉलजी स्टार्टअप अव़ॉर्ड 2020 प्राप्त करते हुए।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के कैंपस में कनेक्टिविटी ट्रायल्स के लिए लगे गीगा मेश की तस्वीर।

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“क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर त्रिदिवसीय व्याख्यान कार्यशाला के अंतिम दिन का कार्यक्रम आयोजित 

क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर आयोजित कार्यशाला का तीसरा दिन भौतिक विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, भारतीय विज्ञान अकादमी बंगलुरू, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी दिल्ली एवं राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में “क्वांटम सूचना के तत्व” विषय पर  त्रिदिवसीय व्याख्यान कार्यशाला  के अंतिम दिन

के पांचवे तकनीकी सत्र में मुंबई विश्वविद्यालय की भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोo अनुराधा मिश्रा FNA ने दो व्याख्यानों में क्वांटम भौतिकी के मूल सिद्धांतों जैसे द्विविमीय निकाय के लिए विविधता विधि (Variation methods for 2-D system), अनहार्मोनिक दोलित्र, बेल असमानता आदि महत्वपूर्ण विषयो को विस्तार में बताया जिसके बिना क्वांटम प्रौद्योगिकी के विशिष्ट अनुप्रयोगों को समझना असंभव है।

छठे और अंतिम तकनीकी सत्र के प्रथम एवम द्वितीय दोनो व्याख्यानो में JIIT नोएडा के प्रोo अनिर्बान पाठक, FNA ने क्वांटम क्रिप्टोग्राफी तथा उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस विधा में अभेद्य क्रिप्टोसिस्टम के विकास के लिये कुछ विशेष कणों या प्रकाश तरंगों (फोटोन) तथा उनकी मूलभूत क्वांटम विशेषताओं का प्रयोग किया जाता है। यह तकनीक काफी व्यावहारिक है क्योंकि किसी प्रणाली की क्वांटम अवस्था का मापन उस पूरी प्रणाली में अवरोध उत्पन्न किये बिना असंभव है।क्वान्टम क्रिप्टोग्राफी को प्रयोगशाला में कैसे किया जाए तथा अभी हम कहां पर है, का विस्तार में वर्णन किया। कार्यशाला के सभी सत्रों की अध्यक्षता क्रमश डाo सत्य प्रकाश सिंह, मनीष कपूर एवम मीतकमल ने की। कार्यशाला के समापन सत्र में IISER, भोपाल के डाo तेजस टैंक, सैंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली की डाo संजू एo, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एमएससी की छात्राएं कुo भाव्या भट्ट तथा कुo हिमांशी त्रिवेदी ने कार्यशाला के विषय में अपने विचार व्यक्त किए तथा इस महत्वपूर्ण विषय और देश के प्रमुख संस्थानो के द्वारा अपने अनुसंधान को इस प्लेटफार्म पर सरल तरीके से समझाने पर आभार व्यक्त किया। कार्यशाला पर विस्तृत रिपोर्ट समन्वयक डाo राजेश कुमार द्विवेदी, तथा धन्यवाद प्रस्ताव व संचलन उप समन्वयक डाo सत्य प्रकाश सिंह द्वारा किया गया। कालेज के प्राचार्य डॉo जोजेफ डेनियल द्वारा तीनों विज्ञान अकादमी, कार्यशाला निदेशक, सभी रिसोर्स पर्सन्स तथा भौतिक विज्ञान विभाग का इस कार्यशाला के सफल संचालन पर आभार व्यक्त किया गया। तकनीकी संचालन श्री अतहर रशीद द्वारा किया गया।

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