कानपुर 14 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, हिंदी अपने चरित्र में लोकतांत्रिक है. इसका लचीलापन ही इसे अन्य भाषाओं से जुड़ने में मदद करता है और वही इसकी सबसे बड़ी ताकत है. यह विचार युवा आलोचक जगन्नाथ दुबे ने क्राइस्ट चर्च कॉलेज में हिंदी दिवस के अवसर पर बोलते हुए व्यक्त किया. क्राइस्ट चर्च कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 14 सितंबर को हिंदी दिवस का आयोजन विभागीय पुस्तकालय “बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुस्तकालय में उत्साह से किया गया.
इस अवसर पर एक वैचारिक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. उक्त गोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर जोसेफ डेनियल ने की. मुख्य अतिथि के रूप में राजकीय महाविद्यालय खैर अलीगढ़ में हिंदी के सहायक अध्यापक और चर्चित युवा आलोचक जगन्नाथ दुबे उपस्थित रहे. इस अवसर पर हिंदी के प्रखर आलोचक और हिंदी विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के एसोसिएट प्रोफ़ेसर अवधेश मिश्र ने अपने आधार वक्तव्य में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी प्रतिरोध की भाषा तो है ही साथ ही स्वतंत्रता की चेतना की वाहक भी है.
हिंदी विभाग की प्रभारी प्रोफेसर सुजाता चतुर्वेदी ने औपचारिक स्वागत भाषण देते हुए विभाग की गतिविधियों के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि हिंदी की उन्नति के बिना न राष्ट्र की उन्नति हो सकती है न व्यक्ति की.
प्रोफेसर डेनियल ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में हिंदी विभाग को बढ़िया आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि प्रति वर्ष हिंदी दिवस के आयोजन द्वारा छात्रों में निश्चय ही हिंदी भाषा के प्रति चेतना और जागरूकता का प्रसार हो रहा है. अतः ऐसे आयोजन बहुधा होने चाहिए.
इस अवसर पर हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता व स्केच प्रतियोगिता में पुरस्कृत छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए.
कार्यक्रम का सफल संचालन एम.ए. हिंदी प्रथम सेमेस्टर के छात्र सहस्रांशु मिश्र द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन बी.ए. प्रथम सेमेस्टर के छात्र विख्यात दुबे द्वारा किया गया. कार्यक्रम में कॉलेज के विभिन्न विभागों के छात्र एवं शिक्षक उपस्थित रहे.