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राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण आरंभ, भारत का कुल टीकाकरण कवरेज 15.68 करोड़ से अधिक

भारत सरकार ने ‘समग्र सरकार’दृष्टिकोण के साथ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिल कर देश में कोविड-19 महामारी की रोकथाम, नियंत्रण तथा प्रबंधन के लिए एक पांच सूत्री रणनीति आरंभ की है। टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट तथा कोविड समुचित बर्ताव के साथ टीकाकरण पांच सूत्री रणनीति का एक अंतरंग घटक है।

कोविड-19 टीकाकरण की उदार और त्वरित चरण-3 रणनीति कल (1 मई, 2021) से प्रभावी हुई है। नए पात्र जनसंख्या समूहों के लिए पंजीकरण 28 अप्रैल से आरंभ हुआ।

राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान का तीसरा चरण आरंभ होने के साथ देश में लगाये गए कोविड 19 के कुल टीकों की संख्या आज 15.68 करोड़ से पार हो गई।

11 राज्यों में 18-44 आयु समूह के 86,023 लाभार्थियों ने कोविड-19 टीके की अपनी पहली खुराक प्राप्त की। ये राज्य हैं-छत्तीसगढ़ (987), दिल्ली (1,472), गुजरात (51,622), जम्मू एवं कश्मीर (201), कर्नाटक (649), महाराष्ट्र (12,525), ओडिशा (97), पंजाब (298), राजस्थान(1853), तमिलनाडु (527) तथा उत्तर प्रदेश (15,792)।

आज सुबह 7बजे की अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार,22,93,911 सत्रों के जरिये कुल मिलाकर 15,68,16,031 टीके लगाये जा चुके हैं। इनमें 94,28,490 एचसीडब्ल्यू शामिल हैं जिन्होंने पहली खुराक ली है जबकि 62,65,397 एचसीडब्ल्यू ने दूसरी खुराक प्राप्त की है,1,27,57,529 एफएल्डब्ल्यू (पहली खुराक)69,22,093 एफएल्डब्ल्यू (दूसरी खुराक)18-45 आयु समूह के नीचे के 86,023 लाभार्थियों ने पहली खुराक, 60 वर्ष से अधिक आयु के 5,26,18,135 लाभार्थियों ने पहली खुराक तथा 1,14,49,310 लाभार्थियों ने दूसरी खुराक और 45 से 60 वर्ष की आयु के बीच के 5,32,80,976 लाभार्थियों ने पहली खुराक तथा 40,08,078 लाभार्थियों ने दूसरी खुराक प्राप्त की है।

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भारत का व्यापारिक निर्यात अप्रैल 2021 में 30.21 बिलियन डॉलर था, जो अप्रैल 2020 के 10.17 बिलियन डॉलर की तुलना में 197.03 प्रतिशत अधिक तथा अप्रैल 2019 के 26.04 बिलियन डॉलर की तुलना में 16.03 प्रतिशत अधिक है

भारत का व्यापारिक निर्यात अप्रैल 2021 में 30.21 बिलियन डॉलर था, जो अप्रैल 2020 के 10.17 बिलियन डॉलर की तुलना में 197.03 प्रतिशत अधिक तथा अप्रैल 2019 के 26.04 बिलियन डॉलर की तुलना में 16.03 प्रतिशत अधिक है।

भारत का व्यापारिक आयात अप्रैल 2021 में 45.45 बिलियन डॉलर था, जो अप्रैल 2020 के 17.09 बिलियन डॉलर की तुलना में 165.99 प्रतिशत अधिक तथा अप्रैल 2019 के 42.38 बिलियन डॉलर की तुलना में 7.22 प्रतिशत अधिक है।

इस प्रकार भारत 15.24 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे के साथ अप्रैल 2021 में शुद्ध आयातक है जिसमें अप्रैल 2020 के 6.92 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे की तुलना में 120.34 प्रतिशत वृद्धि हुई तथा अप्रैल 2019 के 16.35 बिलियन डॉलर से अधिक के व्यापार घाटे की तुलना में 6.81 प्रतिशत की गिरावट आई।

अप्रैल 2021 में गैर-पेट्रोलियम निर्यात का मूल्य 26.85 बिलियन डॉलर था जो अप्रैल 2020 के 8.93 बिलियन डॉलर की तुलना में 200.62 प्रतिशत तथा अप्रैल 2019 के 22.48 बिलियन डॉलर की तुलना में 19.44 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित करता है।

अप्रैल 2021 में गैर-तेल, गैर-जीजे (गैर-सोना, चांदी तथा बेशकीमती धातु) का मूल्य 26.05 बिलियन डॉलर था जो अप्रैल 2020 के 12.33 बिलियन डॉलर की तुलना में 111.3 प्रतिशत तथा अप्रैल 2019 के 24.46 बिलियन डॉलर की तुलना में 6.48 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित करता है। अप्रैल 2021 में गैर-पेट्रोलियम एवं गैर-रत्न तथा आभूषण निर्यात का मूल्य 23.51 बिलियन डॉलर था जो अप्रैल 2020 के 8.90 बिलियन डॉलरकी तुलना में 164.28 प्रतिशत तथा अप्रैल 2019 के 19.61 बिलियन डॉलर की तुलना में 19.89 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित करता है।

अप्रैल 2021 में, तेल आयात का मूल्य 10.8 बिलियन डॉलर था जो अप्रैल 2020 के 4.65 बिलियन डॉलर की तुलना में 132.26 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि तथा अप्रैल 2019 के 11.56 बिलियन डॉलर की तुलना में 6.62 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित करता है।

अप्रैल 2021 में, गैर-तेल आयात का मूल्य 34.65 बिलियन डॉलर आंका गया जो अप्रैल 2020 के 12.44 बिलियन डॉलर की तुलना में 178.6 प्रतिशत की वृद्धि तथा अप्रैल 2019 के 30.82 बिलियन डॉलर की तुलना में 12.42 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करता है।

अप्रैल 2021 में गैर-तेल, गैर-जीजे (गैर-सोना, चांदी तथा बेशकीमती धातु) आयातों का मूल्य 26.05 बिलियन डॉलर था जो अप्रैल 2020 के 12.33 बिलियन डॉलर की तुलना में 111.3 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि तथा अप्रैल 2019 के 24.46 बिलियन डॉलर की तुलना में 6.48 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित करता है।

अप्रैल 2020 की तुलना में अप्रैल 2021 के दौरान सभी प्रमुख कमोडिटी ने सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित की है अर्थात रत्न एवं आभूषण (9158.63 प्रतिशत), फ्लोर कवरिंग सहित जूट मैन्यूफैक्चरिंग (1556.39 प्रतिशत), कालीन (1351.48 प्रतिशत), हैंडमेड कालीन छोड़कर हस्तशिल्प (1207.98 प्रतिशत), चमड़ा तथा चमड़ा विनिर्माता (1168.96 प्रतिशत), सभी कपड़ों का आरएमजी (920.52 प्रतिशत), कॉटन यार्न/फैब्रिक्स/मेडअप्स, हस्तकरघा उत्पाद आदि (583.53 प्रतिशत), सेरामिक उत्पाद तथा ग्लासवेयर (441.57 प्रतिशत), अन्य मोटे अनाज (441.46 प्रतिशत), इलेक्ट्रोनिक वस्तुएं (362.86 प्रतिशत), ऑयल मील (275.91 प्रतिशत), काजू (252.46 प्रतिशत), अभ्रक, कोयला और अन्य अयस्क, प्रोसेस सहित खनिज अवयव (234.63 प्रतिशत), तंबाकू (183.86 प्रतिशत), लौह अयस्क (175.15 प्रतिशत), पेट्रोलियम उत्पाद (171.11 प्रतिशत), अनाज तैयारियां एवं विविध प्रसंस्कृत मदें (170.86 प्रतिशत), तिलहन (166.24 प्रतिशत), मांस, डेयरी तथा पोल्ट्री उत्पाद (148.6 प्रतिशत), चाय (143.04 प्रतिशत), समुद्री उत्पाद (107.59 प्रतिशत), मसाले (102.32 प्रतिशत), कॉफी (73.83 प्रतिशत), कार्बनिक तथा अकार्बनिक रसायन (69.39 प्रतिशत), चावल (60.29 प्रतिशत), प्लास्टिक एवं लिनोलियम (47.49 प्रतिशत), फल एवं सब्जी (21.82 प्रतिशत) तथा ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल्स (20.68 प्रतिशत)।

अप्रैल 2019 की तुलना में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित कर रहे प्रमुख कमोडिटी समूह हैं- लौह अयस्क (219.55 प्रतिशत), अन्य मोटे अनाज (206.43 प्रतिशत), ऑयल मील (86.59 प्रतिशत), फ्लोर कवरिंग सहित जूट मैन्यूफैक्चरिंग (66.19 प्रतिशत), चावल (49.45 प्रतिशत), अनाज तैयारी तथा विविध प्रसंस्कृत मदें (40.34 प्रतिशत),इलेक्ट्रोनिक वस्तुएं (35.81 प्रतिशत), अभ्रक, कोयला तथा अन्य अयस्क, प्रोसेस सहित खनिज अवयव (33.17 प्रतिशत), मसाले (32.72 प्रतिशत), कॉटन यार्न/फैब्रिक्स/मेडअप्स, हस्तकरघा उत्पाद आदि (25.27 प्रतिशत),सेरामिक उत्पाद एवं ग्लासवेयर (22.57 प्रतिशत), ड्रग्स एवं फार्मास्यूटिकल्स (22.55 प्रतिशत), कालीन (22.38 प्रतिशत), इंजीनियरिंग वस्तुएं (18.61 प्रतिशत), काजू (16.57 प्रतिशत), रत्न एवं आभूषण (16.38 प्रतिशत), समुद्री उत्पाद (16.34 प्रतिशत), हैंड-मेड कालीन छोड़कर हस्तशिल्प (14.33 प्रतिशत), प्लास्टिक एवं लिनोलियम (13.31 प्रतिशत), फल एवं सब्जियां (11.66 प्रतिशत), मैन-मेड यार्न/ फैब्रिक्स/मेडअप्स आदि (8.35 प्रतिशत) तथा ऑयल सीड्स (1.30 प्रतिशत)।

अप्रैल 2019 की तुलना में नकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित कर रहे प्रमुख कमोडिटी समूह हैं- चाय (-23.66 प्रतिशत), चमड़ा एवं चमड़ा विनिर्माता (-13.27 प्रतिशत), तंबाकू (-9.86 प्रतिशत), सभी कपड़ों का आरएमजी (-8.01 प्रतिशत), पेट्रोलियम उत्पाद (-5.5 प्रतिशत), कॉफी (-2.56 प्रतिशत), कार्बनिक तथा अकार्बनिक रसायन (-2.21 प्रतिशत) तथा  मांस, डेयरी तथा पोल्ट्री उत्पाद (-1.38 प्रतिशत)।

पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में अप्रैल 2021 के दौरान सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित कर रहे आयात के प्रमुख कमोडिटी समूहों में शामिल हैं- सोना (215906.91 प्रतिशत), मोती, बहुमूल्य एवं अर्ध-बहुमूल्य पत्थर (119500.48 प्रतिशत), सल्फर तथा अनरोस्टेड आयरन पाइराइट्स (1525.05 प्रतिशत), इलेक्ट्रोनिक्स वस्तुएं (213.59 प्रतिशत), गैर-फेरस धातु (193.89 प्रतिशत), परिवहन उपकरण (170.95 प्रतिशत), प्रोफेशनल इंस्ट्रूमेंट, ऑप्टिकल वस्तुएं आदि (163.13 प्रतिशत), आर्टिफिसियल रेसिन, प्लास्टिक्स मैटेरियल्स आदि (138.18 प्रतिशत), मेटालीफेरस अयस्क तथा अन्य खनिज अवयव (133.17 प्रतिशत), पेट्रोलियम, क्रूड तथा उत्पाद (132.26 प्रतिशत), मशीनरी, इलेक्ट्रिकल तथा गैर इलेक्ट्रिकल (113.73 प्रतिशत), टेक्सटाइल यार्न फैब्रिक, मेड-अप आर्टिकल्स (111.7 प्रतिशत), वुड एवं वुड उत्पाद (101.01 प्रतिशत), मशीन टूल्स (100.93 प्रतिशत), वनस्पति तेल (97.57 प्रतिशत), प्रोजेक्ट गुड्स (91.79 प्रतिशत), चमड़ा तथा चमड़ा उत्पाद (91.59 प्रतिशत), डाइंग/टैनिंग/कलरिंग मैटेरियल्स (88.10 प्रतिशत), कैमिकल मैटेरियल एवं उत्पाद (84.57 प्रतिशत), लोहा एवं इस्पात (73.19 प्रतिशत), कार्बनिक तथा अकार्बनिक रसायन (72.73 प्रतिशत), फल एवं सब्जियां (70.0 प्रतिशत), कोयला, कोक तथा ब्रिकेट आदि (65.98 प्रतिशत), मेडिसिनल तथा फार्मास्यूटिकल उत्पाद (56.92 प्रतिशत), पल्प तथा वेस्ट पेपर (46.35 प्रतिशत), कॉटन रॉ तथा वेस्ट (11.68 प्रतिशत) तथा फर्टिलाइजर्स, क्रूड एवं मैन्यूफैक्चर्ड (7.75 प्रतिशत) शामिल हैं।

पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में अप्रैल 2021 के दौरान नकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित कर रहे आयात के प्रमुख कमोडिटी समूहों में शामिल हैं- चांदी (-88.55 प्रतिशत), न्यूजप्रिंट(-46.07 प्रतिशत) तथा दलहन (-42.46 प्रतिशत)।

अप्रैल 2019 की तुलना में अप्रैल 2021 में आयात में सकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित कर रहे प्रमुख कमोडिटी समूह हैं- वनस्पति तेल (75.85 प्रतिशत), सोना (54.17 प्रतिशत), कैमिकल मैटेरियल एवं उत्पाद (41.68 प्रतिशत), आर्टिफिसियल रेसिन, प्लास्टिक्स मैटेरियल्स आदि (36.69 प्रतिशत), मेटालीफेरस अयस्क तथा अन्य खनिज अवयव (29.60 प्रतिशत), सल्फर तथा अनरोस्टेड आयरन पाइराइट्स (25.23 प्रतिशत), मेडिसिनल तथा फार्मास्यूटिकल उत्पाद (22.23 प्रतिशत), फल एवं सब्जियां (18.95 प्रतिशत), इलेक्ट्रोनिक्स वस्तुएं (17.01 प्रतिशत), मोती, बहुमूल्य एवं अर्ध-बहुमूल्य पत्थर (15.39 प्रतिशत), गैर-फेरस धातु (13.51 प्रतिशत), कार्बनिक तथा अकार्बनिक रसायन (12.46 प्रतिशत), प्रोफेशनल इंस्ट्रूमेंट, ऑप्टिकल वस्तुएं आदि (6.78 प्रतिशत), डाइंग/टैनिंग/कलरिंग मैटेरियल्स (5.54 प्रतिशत) एवं वुड एवं वुड उत्पाद (2.63 प्रतिशत)।

अप्रैल 2019 की तुलना में अप्रैल 2021 में आयात में नकारात्मक वृद्धि प्रदर्शित कर रहे प्रमुख कमोडिटी समूह हैं- चांदी (-95.25 प्रतिशत), न्यूजप्रिंट (-59.63 प्रतिशत), कॉटन रॉ तथा वेस्ट (-50.42 प्रतिशत), दलहन (-46.98 प्रतिशत), प्रोजेक्ट वस्तुएं (-37.47 प्रतिशत), चमड़ा तथा चमड़ा उत्पाद (-33.10 प्रतिशत), परिवहन उपकरण (-24.49 प्रतिशत), मशीन टूल्स (-23.40 प्रतिशत), पल्प एवं वेस्ट पेपर (-18.09 प्रतिशत), लोहा एवं इस्पात (-17.93 प्रतिशत), कोक तथा ब्रिकेट आदि (-14.84 प्रतिशत), फर्टिलाइजर्स, क्रूड एवं मैन्यूफैक्चर्ड (-11.44 प्रतिशत), पेट्रोलियम, क्रूड तथा उत्पाद (-6.62 प्रतिशत), मशीनरी, इलेक्ट्रिकल तथा गैर इलेक्ट्रिकल (-1.55 प्रतिशत) तथा टेक्स्टाइल यार्न फैब्रिक, मेड-अप आर्टिकल्स (-0.37 प्रतिशत)।

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सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान में 2 मई, 2021 को 10वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया

सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान में रविवार, 2 मई, 2021 को वर्चुअल दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। यह दिन इसलिए भी खास रहा क्‍योंकि महान फिल्म शख्सियत श्री सत्यजीत रे के साल भर चलने वाले जन्म शताब्‍दी समारोह का शुभारंभ भी आज ही के दिन हुआ है। संस्थान के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर अमरेश चक्रबर्ती ने कहा, ‘यह दिन हमारे लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्‍योंकि सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान ने सर्वथा नए फिल्म निर्माताओं के एक प्रतिभाशाली समूह से राष्ट्र को रू-ब-रू कराया है।’

फिल्म प्रकोष्‍ठ के तेरहवें बैच, इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया प्रकोष्‍ठ के पहले बैच और एनीमेशन सिनेमा के पहले बैच के स्नातकों ने अलग-अलग अहम विशेषज्ञता हासिल करने और अपनी-अपनी पहली फिल्मों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अपना ‘पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट’ प्राप्त किया।

श्री सत्यजीत रे की फिल्म निर्माण शैली में अत्‍यंत उत्‍कृष्‍ट ढंग से जो सादगी एवं सरलता रही है उससे भी इन युवा फिल्म निर्माताओं को एकदम शुरुआत में ही रू-ब-रू करा दिया जाता है। इस संस्थान द्वारा तैयार एवं प्रस्‍तुत की गई विशिष्‍ट थीम वाली कुल 21 फिल्मों और उनके छात्र दलों को सम्मानित किया गया जिनमें एनिमेशन सिनेमा की छह फिल्में, इलेक्ट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया प्रकोष्‍ठ की पांच फिल्में और फिल्म प्रकोष्‍ठ की दस फिल्में शामिल हैं। अभिनव गाथाओं को बयां करने वाली इन फिल्मों में शरण वेणुगोपाल की एक विशिष्‍ट थीम वाली फिल्म ‘लाइक ए मिडनाइट ड्रीम (ओरु पाथिरा स्वप्नम पोल)’  भी शामिल है जिसे हाल ही में भारत सरकार के फिल्म समारोह निदेशालय द्वारा आयोजित 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के दौरान ‘पारिवारिक मूल्यों पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म’ का पुरस्कार दिया गया है।

इस समारोह की मुख्य अतिथि सुश्री अपर्णा सेन, जो एक प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं फिल्म निर्माता हैं और जिन्‍हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, ने स्नातकों को सिनेमा और संबद्ध दृश्य-श्रव्य माध्यम के विभिन्न विषयों में अपनी औपचारिक शिक्षा पूरी कर लेने के लिए बधाई दी।

समापन भाषण में उन्होंने श्री सत्यजीत रे से जुड़ी अपनी यादों को भी साझा किया। उन्‍होंने कहा, ‘यह दोगुना शुभ दिन है क्‍योंकि आज ही इस महान शख्सियत के जन्‍म शताब्‍दी समारोह का शुभारंभ भी हुआ है।’ सुश्री अपर्णा सेन ने कहा कि श्री सत्यजीत रे मेरे गुरु थे और उनकी फिल्मों में काम करना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। उन्‍होंने कहा, ‘मेरी पहली स्क्रिप्ट, जो मैंने लिखी थी, को पढ़ने के बाद श्री सत्यजीत रे ने मुझे शशि कपूर को पत्र लिखने और एक निर्माता के रूप में उनसे संपर्क करने के लिए प्रेरित किया।’ सुश्री सेन ने एक अभिनेत्री के रूप में सिनेमा जगत में अपने कैरियर की शुरुआत श्री सत्यजीत रे की फि‍ल्‍म ‘तीन बेटियां (किशोर कन्या, 1961)’ में अहम किरदार निभा कर की।

प्रतिष्ठित प्रोफेसरों और उद्योग विशेषज्ञों, जिन्होंने कार्यशालाओं एवं अंतर-विषयक सत्रों का संचालन किया, ने स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले 83 विद्यार्थियों को बधाई दी। प्रसेनजीत गांगुली (एनिमेशन फिल्म निर्माता), हितेंद्र घोष (साउंड मिक्सिंग इंजीनियर), केदारनाथ अवाती (भूतपूर्व प्रोफेसर, एफटीआईआई), उमेश विनायक कुलकर्णी (फिल्म निर्माता), जवाहर सिरकार (भूतपूर्व सीईओ, प्रसार भारती) और अनिल मेहता (सिनेमेटोग्राफर) ने इन सभी विद्यार्थियों के पहले उद्यम के लिए उनकी काफी सराहना की और उनके भावी उद्यमों एवं सिने जगत में उनकी सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।

यह संस्‍थान, जिसका नाम प्रख्‍यात फिल्म शख्सियत श्री सत्यजीत रे के नाम पर रखा गया है, एक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उभर कर सामने आया है जहां सिनेमैटिक और टेलीविज़न अध्ययन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रस्‍तुत किए जाते हैं। सही मायनों में एक कलाकार श्री सत्यजीत रे ने ही भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार उसकी ओर दुनिया भर के लोगों का ध्‍यान गंभीरता से खींचा। चूंकि सिनेमा दरअसल एक ऐसी भाषा है जो जीवन की गाथाओं को अत्‍यंत नव-यथार्थवादी तरीके से प्रस्तुत करती है, इसलिए सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के स्नातकों को अपनी विश्वदृष्टि विकसित करने और उसी को स्क्रीन पर चित्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

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फिर से इम्तिहान की घड़ी आई है

माना ग़मों का शोर है हर तरफ़ ..मगर यक़ीन मानो ..ख़ुशियाँ भी जल्द ही लौट आयेंगी दोस्तों ..थोड़ा सा सबर रखना .. थोड़ा सा सँभल कर रहना ..
फिर से इम्तिहान की घड़ी है खुद भी हिफ़ाज़त से रहना .. और सब की ख़ैरियत भी पूछते रहना ..इक बार तो हराया है हमने अब फिर से मात देगें इसे ..
ग़मों का दौर है दोस्तों जल्द ही निकल जायेगा …

नमस्कार दोस्तों ..मैं समिता इंग्लैंड मे बहुत सालों से रह रही हूँ यहाँ मौसम हमेशा ठण्डा रहता है और यहाँ सीलन भी बहुत रहती है हम लोग यहाँ घरेलू उपायों से अपने परिवारों को बचाने का प्रयास करते है भारत का मौसम यहाँ से अलग है वहाँ की धूप इक तरहा का वरदान है
इस वक़्त भारत के ऊपर करोना का प्रहार दोबारा से हुआ है .. घबराये बिलकुल नही .. हम लोग पहले भी इससे बच कर निकल आये है .. और अब फिर निकल जायेंगे.. दोस्तों ….हुआ यू कि हम सब लाकडाउन खुलने पर बहुत बेपरवाह हो गये .वैकसीन आने पर निश्चिंत हो गए … जगह जगह भीड़ मे जाने लगे .. रैलिया होने लगी ..लोग बाहर भागने लगे ..होटलों मे खाना लगे जैसे कुछ हुआ ही नही था इसीलिये हम इस की लपेट मे फिर आ गये .. जब की हमे ६ फ़ुट की दूरी बना के रखनी थी थोड़े समय के लिये ..दोस्तों इसके होने के कुछ संकेत है जैसे खांसी ,गले मे दर्द भोजन सुवाद न आना ..सूँघने की ताकत चली जाना ..और तेज़ बुखार .. साँस का फूलना ..आज मैं कुछ बातें कुछ सुझाव आप के साथ बाँटूँगी ..

भारत मे धूप बहुत रहती है .. कोशिश करे धूप के ज़रिये विटामिन डी हमारे अन्दर जाती रहे ..

अनमोल बलोम और .. कपालभाती करते रहे व्यायाम ..सैर .. खुली हवा मे लम्बे लम्बे सांसे भरे .. ये फेफड़ों को मज़बूत बनायेगा

तली चीज़ें न खाये ..तली चीज़ों को तो वैसे भी नही खाना चाहिये .. मिठाई.. मिरच मसाले .. तेज़ करारी चटनियाँ और को न खाये .

कोई भी गैसिये पेय जैसे कोका कोला ..और भी जो गैस वाली पेय है उनका सेवन न करे .. केवल करोना से बचने के लिये ही नही बलिक हमेशा इनसे दूर रहने मे ही हम सब की भलाई है

दिन मे दो बार भाप ज़रूर ले और भाप वाले पानी मे कुछ बूँदे
बादाम या कोई भी तेल की डाल ले इससे नाक और गला मे ख़ुशकी न रहेगी ..

ठण्डी चीज़ें जैसे आइसक्रीम न खाये ..हमेशा गरम गरम भोजन करे ..और कम नमक वाला भोजन ही करे ..

जब भी पानी पीये गुनगुना ही पीये
और घूँट घूँट थोड़ी देर के बाद पीते रहे
विटामिन सी का प्रयोग बहुत करे जिसमें निंबू का रस .. संगतरा ..आवंला .. गिलोये .. आनार और जो फल विटामिन सी की कमी को पूरा करे वही ले ..सुबह नाश्ते से २० मिनट पहले फल ज़रूर खाये ..जैसे सटरोबरी पपीता ,सेब ,नाशपाती ,कीवी ,
ब्लूबेरी ..जितना हो सके विटामिन सी पूरी ले …

सालाद हर रोज खाये ..और अच्छे से धो कर सालाद खाये सालाद के ऊपर सिर्फ़ निंबू ही डाले ..

सफ़ाई का ख़ास धयान रखे ..बार बार साबुन से हाथ धोये ..दरवाज़ों के हैंडलों को अच्छे से सेनेटाईस करे .. अपने हाथो को मुँह आँखों और चेहरे से दूर ही रखे ..

मन को शांत रखे क्योंकि डर और बैचेनी से शरीर मे ऐसिड बनता है जो हमारे लिये अच्छा नही .. ख़ूब हँसे ,ख़ुश रहे ,पूरी नींद ले ..नींद लेने से हार्मोन ठीक रहते है

कुछ घरेलू उपाय है जिन्हें इस्तेमाल कर आप करोना से बच सकते है

इक चमच सौंठ का पाउडर
इक चमच मुललठी पाउडर
इन दोनों को शहद के साथ मिला कर पेस्ट बना ले ..इसको सुबह शाम लेने से पुरानी से पुरानी कफ झड़ती है .. बलगम बनने नही पाती .

प्याज़ को काट ले हो सके तो मोटा मोटा .. उसका सीधा सेवन से तुरन्त करोना को क़ाबू मे लाया जा सकता है

अदरक का रस ..शहद को मिला कर दिन मे बार बार चाटने से करोना से बचा जा सकता है

आनार का जूस रोज ले सकते है

हल्दी दूध थोड़ा घी डाल कर पीये इससे भी फ़ायदा होता है

पानी मे ज़ीरा ,अजवाइन ,सौफ धनिया ,अदरक डाल कर उबाले इसको थर्मस मे रख ले ..दो जो घंटे के बाद इसे लेते रहे ..

तुलसी की पतियां पुदीने के पत्ते उबाल कर ले ..

नीम के पत्तों का पानी उबाल कर पीये .. और भी कई बिमारियो से बचायेगा

तुलसी के पत्ते ,लौग ,काली मिर्च को पानी मे उबाल कर पीये ..

नमक और हल्दी के गरारे बहुत फ़ायदेमंद होते है

कपूर ,लोंग ,अजवाइन तीनों को इक सूती कपड़े पोटली मे बाँध ले .. दिन मे बार बार सूघंते रहे ..

दालचीनी का पानी उबाल कर पीये

चवयनपराश का सेवन हमेशा करे ..
सुना है कि करोना गरमी मे जीवित नही रह सकता ..सो जो भी उपायो का ज़िक्र मैं कर रही हूँ वो सब गरम चीज़ें है .. मगर दोस्तों आप को इस बात का धयान रखना है कि आप अपने शरीर के अन्दर बहुत गरमी न बढ़ा ले .. बैलेंस ही रखे
ज़्यादा गरमी से और बीमारियों के उत्पन्न होने का डर रहता है

इनमें जो आप कर सकते है करे .. अपने परिवार को बचाये ..अस्पतालों के ख़र्चो से बचे .. हम सब कर सकते है .. सिगरेट तम्बाकू शराब से दूर ही रहे ..

आकसीजन लेबल किसी का गिर रहा हो तो .. आकसीजन मिलने का इन्तज़ार न करे .. Aspidosperma Q की २० बूँदे एक कप पानी मे देने से आकसीजन लेबल तुरंत से सामान्य हो जायेगा ..जो हमेशा बना भी रहेगा .. ये होमियोपैथी मेडिसन है …

दोस्तों मेरी रब से यही दुआ है कि हर कोई सकुशल रहे .. निरोगी रहे और हम सब दोबारा से पहले की तरहा इक सामान्य जीवन जा सके …गंभीर मामलों मे ..जल्द से जल्द डाक्टर से सम्पर्क करे 🙏

करोना चला तो जायेगा ही .. मगर आप को हमेशा इन नियमों का पालन करते रहना चाहिये .. छोटे मोटे वायरस से भी बचे रहेंगे ..

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प्रत्याशियों व समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया नामांकन के दौरान निकाल रहे थे जुलूस

कानपुर देहात। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के दौरान विकास खण्ड कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। अंतिम दिन नामांकन के दौरान प्रशासन पूरी तरह बंदोबस्त के साथ मौजूद रहा। नामांकन के दौरान जुलूस निकाल रहे प्रत्याशियों व समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है उपजिलाधिकारी राम शिरोमणि ने सोशल डिस्टेंसिंग की प्रत्यासियो से अपील की साथ ही मास्क लगाने वाले प्रत्याशियों का नामांकन किया गया।
शिवली कोतवाली क्षेत्र के विकास खण्ड कार्यालय मैथा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन प्रत्यासी काफी संख्या में नामांकन कराने पहुंचे साथ ही उपजिलाधिकारी राम शिरोमणि ने प्रत्यासी व प्रस्तावकों को मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नामांकन कराने की अपील की। लेकिन विकास खण्ड कार्यालय में नामांकन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही किया गया। मैथा ब्लॉक कार्यालय के कुछ ही दूरी पर ग्राम मांडा मैथा प्रत्यासी भारी संख्या में जुलूस के साथ नामांकन कराने जा रहे थे तभी मौके पर पहुंची पुलिस ने प्रत्यासियो व समर्थकों को हिरासत में ले लिया वही हिरासत में लिए गए प्रत्यासी के महिला सर्मथकों पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे, हंगामा बढ़ते देख पुलिस बल ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को इतर बितर कर दिया। कोतवाल प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया कि नामांकन के दौरान जुलूस निकाल रहे लोगों को हिरासत में लेकर जांच की जा रही है।

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जिलाधिकारी के निरीक्षण में पाये गये दोषी फार्मासिस्ट को CMO ने किया निलम्बित

कानपुर देहात। चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सन्दलपुर एट हवासपुर कानपुर देहात में जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा दिनांक 15 अप्रैल को निरीक्षण किया गया। औषधि वितरण कक्ष में ड्यूटी पर उपस्थित फार्मासिस्ट विकास कुमार द्वारा एण्टीबायोटिक टेबलेट सिफेक्जिम 10 के स्थान पर 08 तथा टेबलेट पैरासीटामाॅल 15 के स्थान पर 10 दी गयी जिसकी शिकायत मरीज ने चिकित्सालय में औचक निरीक्षण हेतु आये जिलाधिकारी से की, जिस पर जिलाधिकारी द्वारा औषधि वितरण कक्ष में डेली मेडिसिन कन्जेप्सन रजिस्टर का भौतिक सत्यापन किया गया जिसमें एण्टीबाॅयोटिक टेबलेट सिफेक्जिम 10 तथा पैरासीटामाॅल 15 टेबलेट खारिज की गयी थी। इस सम्बन्ध में फार्मास्टि कोई संतोषजनक उत्तर नही दे सके, इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्ति करते हुए सम्बन्धित फार्मासिस्ट के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही किये जाने हेतु चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया। जिस पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा0 राजेश कटियार ने उक्त फार्मासिस्ट विकास कुमार को अपने कार्य दायित्वों के प्रति लापरवाही/उदासीनता बरतने क प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर तत्कालिक प्रभाव से निलम्बित कर दिया हैं तथा फार्मासिस्ट विकास कुमार के विरूद्ध आरोपों की विभागीय जांच हेतु उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 ए0पी0 वर्मा व वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी शिवम कुमार तिवारी को संयुक्त रूप से जांच अधिकारी नामित किया है।

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स्पेक्ट्रम नीलामी 2021: दूरसंचार विभाग ने सफल बोली लगाने वालों को फ्रीक्वेंसी का आवंटन किया

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने आज (16 अप्रैल 2021) स्पेक्ट्रम नीलामी-2021 के सफल बोली लगाने वालों के लिए फ्रीक्वेंसी आवंटन के कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। सफल बोली लगाने वालों को फ्रीक्वेंसी आवंटन पत्र जारी किए गए।

फ्रीक्वेंसी आवंटन की प्रक्रिया एक फ्रीक्वेंसी सामंजस्य अभ्यास के साथ की गई थी, जिसके द्वारा मौजूदा स्पेक्ट्रम नीलामी में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को स्पेक्ट्रम ब्लॉक प्रदान किए गए। मौजूदा स्पेक्ट्रम नीलामी में विभिन्न बैंड में कई लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्र (एलएसए) में जहां तक संभव हो, उनके द्वारा पहले से ही अधिग्रहित स्पेक्ट्रम ब्लॉक के साथ शामिल कर दिया गया है।

स्पेक्ट्रम का सामंजस्य 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 19 एलएसए, 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 8 एलएसए, 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 21 एलएसए,  2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में 3 एलएसए और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में 16 एलएसए पूरा किया गया। व्यवस्थित प्रक्रिया से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा अधिग्रहित स्पेक्ट्रम का उपयोग उपभोक्ताओं के लिए सेवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किया जाएगा।

फ्रीक्वेंसी आवंटन के एक हिस्से के रूप में, सरकार ने एक ही बैंड में स्पेक्ट्रम ब्लॉक के स्थान पर तुरंत उपलब्ध बिना बिक्री किए गए स्पेक्ट्रम ब्लॉकों के आवंटन को बाद की तारीखों से आवंटन के लिए दो टीएसपी मैसर्स भारती और मैसर्स रिलायंस जियो के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया है। सरकार को 2306.97 करोड़ रुपये (मैसर्स भारती से 157.38 करोड़ रुपये और मैसर्स रिलायंस जियो से 2149.59 करोड़ रुपये) अगस्त/सितंबर, 2021 की बजाय तुरंत प्राप्त हुए हैं।

यहां पर यह उल्लेखनीय है कि 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में 855.60 मेगाहर्ट्ज का कुल स्पेक्ट्रम 1 और 2 मार्च, 2021 को आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा अधिग्रहित किया गया था। कुल प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए सफल बोली लगाने वालो द्वारा कुल देय राशि 77,820.81 करोड़ रुपये है। इसमें से 21,918.47 करोड़ रुपये की राशि 18 मार्च, 2021 को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से अग्रिम भुगतान के रूप में प्राप्त हुई थी, जो कि आवेदन प्राप्त करने के नोटिस के नियम और शर्तों के अनुसार है।

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मिशन कोविड सुरक्षा के तहत कोवैक्सिन उत्पादन की निर्माण क्षमता का विस्तार

भारत सरकार ने आ‍त्‍म निर्भर भारत मिशन 3.0 कोविड सुरक्षा के तहत स्वदेशी कोविड टीकों के विकास और उत्पादन में तेजी लाने की घोषणा की थी। इसे भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

मिशन के तहत भारत सरकार का जैव प्रौद्योगिकी विभाग उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए वैक्सीन बनाने की सुविधाओं के लिए अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। स्वदेशी रूप से विकसित कोवैक्सिन की वर्तमान उत्पादन क्षमता मई-जून 2021 तक दोगुनी हो जाएगी और फिर जुलाई – अगस्त 2021 तक लगभग 6-7 गुना बढ़ जाएगी यानी अप्रैल, 2021 की 1 करोड़ वैक्सीन खुराक को बढ़ाकर जुलाई-अगस्‍त में 6-7 करोड़ वैक्सीन खुराक/महीना तक ले जाया जाएगा। सितम्‍बर 2021 तक इसके प्रति माह बढ़कर लगभग 10 करोड़ खुराक तक पहुंचने की उम्मीद है।

 

कुछ हफ़्ते पहले, अंतर-मंत्रालय टीमों ने भारत में 2 मुख्य वैक्सीन निर्माताओं के कार्यस्‍थलों का दौरा किया था, ताकि वे इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें कि उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है। इस अवधि में, टीका निर्माताओं के साथ चर्चा की जा रही योजनाओं पर व्यापक समीक्षा और व्यवहार्यता अध्ययन किए गए हैं।

इस वृद्धि योजना के तहत, भारत बायोटेक लिमिटेड, हैदराबाद के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य निर्माताओं की क्षमताओं को आवश्यक बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी के साथ उन्नत किया जा रहा है। भारत बायोटेक की नई बंगलौर सुविधा के लिए भारत सरकार द्वारा करीब 65 करोड़ रुपये की सहायता के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिसे टीके के उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न उद्देश्‍यों के लिए इस्‍तेमाल किया जा रहा है।

वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की 3 कंपनियों का भी सहयोग किया जा रहा है।

• महाराष्ट्र राज्य के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम- हाफकीन बायोफार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, मुंबई। इसके तैयार करने के लिए करीब 65 करोड़ रुपये की सहायता के रूप में भारत सरकार से अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। हाफकीन बायोफार्मास्युटिकल लिमिटेड ने इस कार्य को पूरा करने के लिए लगभग 12 महीने का समय मांगा था। हालांकि, केंद्र सरकार ने उन्हें काम में तेजी लाने और 6 महीने के भीतर तेजी से काम पूरा करने को कहा। एक बार चालू हो जाने पर इस स्‍थान में प्रति माह 2 करोड़ (20 मिलियन) डोज की क्षमता होगी।

• राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अंतर्गत एक सुविधा- इंडियन इम्युनोलॉजिकल लिमिटेड (आईआईएल), हैदराबाद और भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक सीपीएसई –भारत इम्‍यूनोलॉजिकल्‍स एंड बॉयोलॉजिकल्‍स लिमिटेड (बीआईबीसीओएल), बुलंदशहर  को भी अगस्‍त-सितम्‍बर 2021 तक प्रति माह 10-15  मिलियन डोज  प्रदान करने के लिए उनकी सुविधा तैयार करने में सहयोग किया जाएगा।

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ओडिशा में धामरा नदी पर बनेगी 110 करोड़ रुपये की रोपेक्स जेटी परियोजना

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने सागरमाला पहल के तहत ओडिशा के भद्रक जिले के कनिनली और केंद्रपाड़ा जिले के तलचुआ को जोड़ने की के लिये हर मौसम में काम करने वाले रोपेक्स (रोल-ऑन/रोल-ऑफ पैसेंजर) जेटी और उससे जुड़े बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए 50.30 करोड़ रुपये की मंजूरी को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। ओडिशा सरकार परियोजना की लागत का बाकी 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करेगी।

परियोजना की कुल पूंजी लागत 110.60 करोड़ रुपये है जिसमें कनिनली और तलचुआ में रोपेक्स जेट्टी का निर्माण, पार्किंग क्षेत्र का विकास, नौवहन संबंधी सहायता और ड्रेजिंग जैसे उपयोगी बुनियादी ढांचे शामिल हैं।

यह परियोजना, सड़क मार्ग के छह घंटे के सफर को जलमार्ग से कम कर एक घंटा कर देगी। हर मौसम में काम करने वाले रोपेक्स जेटी के साथ मौजूदा घाट का विकास नौकाओं, लांच (बड़ी नौकाओं पर चढ़ने-उतरने के लिए बने पट्टे) और अन्य जहाजों के साथ-साथ, 10 हल्के मोटर वाहनों,  20 मोटरसाइकिलों के साथ-साथ एक समय में 60 यात्रियों को ले जाने की क्षमता वाले जहाज के लिए मददगार ढांचा तैयार के साथ किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सभी यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह परियोजना धामरा नदी के आसपास रहने वाले लोगों को रोजगार के अप्रत्यक्ष अवसरों की सुविधा प्रदान करेगी और तलचुआ से धामरा तक सड़क की दूरी को 200 किलोमीटर कम कर देगी।

भद्रक जिले में कनिनली और केंद्रपाड़ा जिले में तलचुआ, क्रमशः धामरा नदी के उत्तरी और दक्षिणी तट पर स्थित हैं। तलचुआ और आसपास के गांवों के लोग अपनी आजीविका के लिए ज्यादातर धामरा बंदरगाह पर निर्भर हैं, जो कि कनिनली घाट से लगभग चार किलोमीटर दूर है। चूंकि सड़कों के माध्यम से कोई संपर्क नहीं है, स्थानीय आबादी नदी (सात किलोमीटर की दूरी) पार करने के लिए कनिनली और तलचुआ के घाटों पर यात्री नौकाओं पर निर्भर करती है। इस समय बहुत सारे यात्री वाहन बिना सुरक्षा के निजी नौकाओं के माध्यम से चलते हैं और यात्रियों को हर दिन एक छोर से दूसरे छोर पर नौका से उतरने-चढ़ने में दिक्कतें आती हैं। यह परियोजना अत्याधुनिक उपयोगिता बुनियादी ढांचे के साथ यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा को बढ़ाएगी। इस संपर्क से वाणिज्यिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और आसपास के क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।

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वायुसेना कमांडरों का सम्मेलन 2021

माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना मुख्यालय में दिनांक 15 अप्रैल 21 को द्विवार्षिक भारतीय वायु सेना कमांडरों सम्मेलन (एएफसीसी-21) को संबोधित किया। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, पीवीएसएम एवीएसएम वीएम एडीसी चीफ ऑफ एयर स्टाफ (सीएएस) ने सम्माननीय रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत किया।

अपने संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सम्मेलन मार्शल ऑफ द एयर फोर्स अर्जन सिंह की जयंती के मौके पर आयोजित किया गया है । रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में अचानक हुए घटनाक्रम का समय पर एवं समुचित जवाब सुनिश्चित करने के लिए भारतीय वायुसेना को बधाई दी। उन्होंने कमांडरों को भविष्य के खतरों का मुकाबला करने के लिए क्षमता बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक योजनाएं और रणनीतियां तैयार करने की सलाह दी। उन्होंने भविष्य के लिए वायुसेना को तैयार करने की दिशा में भारतीय वायु सेना के फोकस की सराहना की ।

इन दिनों जारी कोविड-19 महामारी के बारे में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना द्वारा अपने कार्य में अन्य सरकारी एजेंसियों की सहायता करने में निभाई गई भूमिका की सराहना की। बदलती अंतरराष्ट्रीय भूराजनीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में ट्रांस अटलांटिक से ट्रांस पैसिफिक तक फोकस का प्रत्यक्ष बदलाव और अधिक स्पष्ट हो गया है । युद्ध के बदलते आयामों में अब उन्नत प्रौद्योगिकियां, असममित क्षमताएं और सूचना के क्षेत्र में दबदबा शामिल होंगे और यह बहुत महत्वपूर्ण था कि भविष्य के लिए भारतीय वायुसेना इन आयामों को अवश्य शामिल करे।

‘आत्मनिर्भरता’ के माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दोहराते हुए रक्षा मंत्री ने रक्षा से जुड़े बुनियादी ढांचे में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) के लिए भारतीय वायुसेना के आदेश से घरेलू रक्षा उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा और यह स्वदेशीकरण के नजरिए से गेम चेंजर साबित होगा। उन्होंने कमांडरों से स्वदेशी रक्षा उत्पादन और विमान रखरखाव के क्षेत्र में और भी अधिक परिणाम प्राप्त करने के लिए अपने प्रयास जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास राष्ट्रीय नीति के पूरक पहलू हैं। स्वदेशी उद्योग के लिए भारतीय वायुसेना के समर्थन से इस क्षेत्र में एमएसएमई का विकास होगा जो एक साथ देश के आत्मनिर्भरता और सामाजिक-आर्थिक विकास को पूरा करने में मददगार होगा।

उन्होंने कमांडरों से आग्रह किया कि वे संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के दौरान माननीय प्रधानमंत्री द्वारा जारी सभी निर्देशों का जायजा लें और उन्हें लागू करें। उन्होंने वर्तमान में चल रही एकीकरण प्रक्रिया, संयुक्त लॉजिस्टिक्स योजना के कार्यान्वयन और संयुक्त योजना और संचालन के क्षेत्रों में तालमेल बढ़ाने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करते रहने की ज़रूरत पर जोर दिया।

अपने समापन भाषण में रक्षा मंत्री ने वायुसेना के कमांडरों को एक शक्तिशाली रणनीतिक एयरोस्पेस बल होने के लक्ष्य को प्राप्त करने में रक्षा मंत्रालय से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि सम्मेलन के दौरान लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों से भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता बढ़ेगी।

कमांडरों का सम्मेलन दिनांक 16 अप्रैल 21 को समाप्त होगा। वर्तमान युद्धक क्षमताओं को बेहतर बनाने एवं भारतीय वायुसेना को भविष्य के लिए तैयार एक युद्धक सेना बनाने की कार्ययोजना का परीक्षण किया जाएगा।  सभी क्षेत्रों में प्रणालियों, सुधारों और पुनर्गठन से संबंधित विषयों एवं अधिक कुशल प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने पर भी चर्चा की जाएगी।

 

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