हमने कहा तुम्हें ग़रूर तो है कि तुम्हें चाहने वाले बहुत है मगर नाज़ हमें भी है कि हमारे जैसा सादगी वाला दिल न होगा
हर किसी के पास हाँ जिस्म चाहते होगे लोग तेरा पर बता तो सही है ऐसा कोई जो तेरी रूह का ख़रीदार हो पहले तो लोगों को रूह का ही नही पता तेरे शहर मे अगर पता चल भी जाये तो लोग तेरी रूह की क़ीमत न लगा पायेंगे कहाँ है आज इतनी शिद्दत इतनी सादगी तेरे शहर में ? बता तो सही रूह और जिस्म में बहुत फ़र्क़ है साहेब रूह हर किसी की साफ़ पाक इक बच्चे की ही तरहा है ये जिस्म ही है जिस पर दुनिया की सोच का रंग चढ़ता है सादगी कोई कमजोरी नहीं बहुत बड़ी ताक़त होती हैं सादगी का अपना ही शृंगार होता है उसे कहा पड़ती है ज़रूरत किसी आईने की रूह की सादगी को पहचानने वाली आँख भी कोई कोई ही होती है सादगी से अछूता कोई नहीं रह सकता ये तो बिन छूये ही किसी की रूह को छूने की ताक़त रखती हैं सादगी वो बेशक़ीमती गहना है जो तुम से कोई छीन नही सकता ये वो लिबास है ख़ूबसूरत तो सब को लगता है मगर पहन कोई कोई ही पाता है ये तो वो शय है जो ख़ुदा अपनी रहमत से किसी किसी को ही इससे नवाज़ता है, दोस्तों दुनिया के साथ नई सोच के साथ चलना बहुत अच्छी बात है चलना भी चाहिये मगर ये कहना “सब चलता है आजकल“ ये सोच हमारे आने वाली पीड़ियो को सही दिशा नहीं दिखा पायेगी, दोस्तों लिबास की सादगी से ज़्यादा हम यहाँ मन की सादगी की बात कर रहे है जो आज के दौर मे बहुत कम देखने को मिलती है बहुत ख़ास लोग है जो इस बेशक़ीमती सोच को अपनाये हुए हैं सादगी की भीड़ नहीं मिलेगी ये कहीं कहीं ही मिलेगी ये तो वो ब्रांड है जो हर कोई इसे ख़रीद नहीं पाता और ये ब्रांड पैसो से तो ख़रीदा भी नही जा सकता सोचें दोस्तों आप इक आम सोच जो कहती है सब चलता है आजकल की भीड़ का हिस्सा बनना चाहेंगे, या कुछ अलग सा, कुछ ऐसा, जो बहुत प्रभावशाली हो, चुम्बकीय हो, जो अतुलनीय हो, सादगी से जीने के लिये केवल मन को साधना पड़ता है, अपनी जीवन शैली नहीं बदलनी पड़ती ज़रूर वक़्त के साथ चले नई सोच नये तरीक़े अपनाये मगर बेहद सादगी से इक सादा सा मन सादा तन इक दैविक आकर्षण रखता है इस की भी अपनी ही आभा इक मोहनी होती है ये एक ऐसी खुशबू हैं जिसकी महक हर कोई महसूस कर सकता है