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18वां मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 15 से 21 जून, 2024 तक आयोजित किया जाएगा

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव प्रसारण संजय जाजू ने आज (7 जून 2024) घोषणा की कि मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 18वां संस्करण मुंबई में 15 जून से 21 जून, 2024 तक आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का आयोजन स्थल एफडी-एनएफडीसी कॉम्प्लेक्स, मुंबई होगा और एमआईएफएफ की स्क्रीनिंग दिल्ली (सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम), चेन्नई (टैगोर फिल्म सेंटर), पुणे (एनएफएआई ऑडिटोरियम) और कोलकाता (एसआरएफटीआई ऑडिटोरियम) में भी होगी।

इस मौके पर अपर सचिव सुश्री नीरजा शेखर, प्रधान महानिदेशक, पीआईबी सुश्री शेफाली बी. शरण और प्रबंध निदेशक, एनएफडीसी श्री पृथुल भी उपस्थित थे

एमआईएफएफ फिल्म प्रोग्रामिंग

1. इस वर्ष प्रतियोगिता खंडों के लिए 38 देशों से 65 भाषाओं में 1018 फिल्मों की रिकॉर्ड प्रविष्टियां।

2. अंतर्राष्ट्रीय (25) और राष्ट्रीय (77) प्रतियोगिता खंडों के लिए प्रतिष्ठित फिल्म विशेषज्ञों की तीन चयन समितियों द्वारा 118 फिल्मों का चयन किया गया। चयन समिति ने सर्वसम्मति से यह भी कहा कि इस वर्ष बहुत उच्च गुणवत्ता वाली फिल्में प्राप्त हुई हैं, जिससे चयन कठिन हो गया।

3. इस वर्ष एमआईएफएफ प्रोग्रामिंग में कुल 314 फिल्में।

4. 8 विश्व प्रीमियर, 6 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर, 17 एशिया प्रीमियर और 15 भारत प्रीमियर होंगे।

5. इस संस्करण में विशेष पैकेज तैयार किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:

ए. ऑस्कर और बर्लिनले के पुरस्कार विजेता फिल्मों का पैकेज (प्रत्येक में 12 लघु फिल्में)।

बी. 7 देशों- रूस, जापान, बेलारूस, इटली, ईरान, वियतनाम और माली के साथ सहयोग से ‘विशेष देश फोकस पैकेज’।

सी. 4 देशों- फ्रांस, स्लोवेनिया, अर्जेंटीना और ग्रीस से तैयार एनिमेशन पैकेज।

डी. देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों की छात्र फिल्में (45 फिल्में)।

ई. एनएफडीसी-नेशनल फिल्म आर्काइव्स ऑफ इंडिया से पुनर्स्थापित क्लासिक्स पैकेज।

एफ. अमृत काल में भारत की विशेष थीम पर देश की प्रगति, विकास और समृद्धि को प्रदर्शित करने वाली प्रतियोगिता फिल्में।

जी. दिव्यांगजन पैकेज में, दृष्टिबाधित लोगों के लिए ऑडियो विवरण और सांकेतिक भाषा विवरण के साथ तथा श्रवण बाधितों के लिए क्लोज़ड कैप्शन के साथ फिल्में शामिल हैं।

एच. फिल्मों के चयनित पैकेज निम्नलिखित पर भी हैं-

i. वन्यजीव

ii. मिशन लाइफ

iii. एशियाई महिला फिल्म निर्माताओं की फिल्में

एमआईएफएफ की उद्घाटन और समापन फिल्म

6. 18वें एमआईएफएफ की उद्घाटन फिल्म “बिली एंड मौली, एन ऑटर लव स्टोरी” होगी, जो 15 जून, 2024 को मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, पुणे और चेन्नई में स्क्रीनिंग के साथ महोत्सव की शुरुआत करेगी।

7. महोत्सव की समापन फिल्म वह फिल्म होगी, जो गोल्डन कॉन्च जीतती है और इसे 21 जून, 2024 को प्रदर्शित किया जाएगा।

ज्यूरी और पुरस्कार

8. अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी में दुनिया भर की प्रतिष्ठित फिल्म हस्तियां केइको बैंग, बार्थेलेमी फौगा, ऑड्रियस स्टोनिस, भारत बाला और मानस चौधरी शामिल हैं, जो सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र फिल्म के लिए गोल्डन कॉन्च, सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय लघु कथा फिल्म और सर्वश्रेष्ठ एनिमेशन फिल्म के लिए सिल्वर कॉन्च और सबसे नवीन/प्रयोगात्मक फिल्म के लिए प्रमोद पति पुरस्कार प्रदान करेंगे।

  1. 9. 18वें एमआईएफएफ के लिए राष्ट्रीय ज्यूरी में एडेल सीलमन-एगबर्ट, डॉ. बॉबी शर्मा बरुआ, अपूर्व बख्शी, मुंजाल श्रॉफ और अन्ना हेन्केल-डॉन नेर्समार्क जैसे उल्लेखनीय नाम शामिल हैं, जो सर्वोत्तम भारतीय वृत्तचित्र, लघु फिल्म, एनिमेशन, सर्वोत्तम डेब्यू फिल्म पुरस्कार (महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रायोजित) और सर्वोत्तम छात्र फिल्म पुरस्कार (आईडीपीए द्वारा प्रायोजित) के अलावा कई तकनीकी पुरस्कार और “अमृत काल में भारत” पर सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म के लिए एक विशेष पुरस्कार प्रदान करेंगे।

10. इसके अलावा, 1) छायांकन, 2) संपादन और 3) साउंड डिजाइन के लिए तीन तकनीकी पुरस्कार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता से साझे आधार पर दिए जाएंगे।

11. फेडरेशन इंटरनेशनेल द ला प्रेसे सिनेमाटोग्राफिक– द इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म क्रिटिक्स (फिपरेस्की)- ज्यूरी के 3 प्रतिष्ठित फिल्म समीक्षक राष्ट्रीय प्रतियोगिता वृत्तचित्र के लिए भी पुरस्कार प्रदान करेंगे।

12. कुल पुरस्कार राशि 42 लाख रुपये है।

महोत्सव में सुगमता

13. दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए ऑडियो विवरण और सांकेतिक भाषा विवरण के साथ तथा श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए क्लोज्ड कैप्शन के साथ फिल्में।

14. दिव्यांगजनों के लिए विशेष फिल्मों के अलावा, एनएफडीसी ने ‘स्वयम्’ नामक एक गैर-लाभकारी संगठन के साथ भागीदारी की है, ताकि एनएफडीसी-एफडी परिसर में एमआईएफएफ महोत्सव स्थल को दिव्यांगजनों तथा विशेष आवश्यकताओं वाले व्यक्तियों के लिए पूरी तरह से सुगम बनाया जा सके। सुगमता भागीदारी यह भी सुनिश्चित करेगी कि कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों को सुगमता वंचित प्रतिनिधियों की सुविधा के लिए संवेदनशील बनाया जाए, ताकि आने वाले प्रतिनिधियों को बेहतर अनुभव हो सके।

भव्य उद्घाटन/समापन समारोह और रेड कार्पेट

15. भव्य उद्घाटन और समापन समारोह एनसीपीए, नरीमन पॉइंट, मुंबई में आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का कलात्मक मिश्रण देखने को मिलेगा, जिसमें भारतीय एनिमेशन की यात्रा को दर्शाने वाला एक कार्यक्रम, उद्घाटन समारोह में श्रीलंका और समापन समारोह में अर्जेंटीना का सांस्कृतिक प्रदर्शन और एफटीआईआई छात्र लघु फिल्म “सनफ्लावर वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो” का प्रदर्शन शामिल होगा, जिसने इस वर्ष 77वें कान फिल्म समारोह में ला सिनेफ पुरस्कार जीता था।

16. पन्द्रह जून को उद्घाटन फिल्म से शुरू होकर हर दिन मुंबई में एनएफडीसी-एफडी परिसर में गाला रेड कार्पेट स्क्रीनिंग आयोजित की जाएगी। प्रतिष्ठित फिल्म हस्तियों के साथ अन्य रेड कार्पेट की योजना बनाई जा रही है, जिसमें पोचर, इनसाइड आउट-2, द कमांडमेंट्स शैडो, माई मर्करी, श्रीकांत, ब्रांड बॉलीवुड आदि शामिल हैं।

17. फिल्म उद्योग की प्रतिष्ठित हस्तियों की भागीदारी के साथ दिल्ली (17 जून), चेन्नई (18 जून), कोलकाता (19 जून) और पुणे (20 जून) में विशेष रेड कार्पेट का भी आयोजन किया जाएगा।

मास्टरक्लास और पैनल चर्चाएं:

18. अठारहवें एमआईएफएफ में फिल्म निर्माताओं संतोष सिवन, ऑड्रियस स्टोनीस, केतन मेहता, रिची मेहता, टी.एस. नागभरण, जॉर्जेस श्विज़गेबेल और कई अन्य दिग्गजों के साथ 20 मास्टरक्लास, इन-कन्वर्सेशन और पैनल चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।

19. फिल्म उद्योग की प्रतिष्ठित हस्तियों के साथ रंगारंग एम्फीथिएटर स्थल पर हर दिन भारतीय वृत्तचित्र निर्माता संघ (आईडीपीए) के सहयोग से ओपन फोरम चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।

20. पंजीकृत प्रतिभागियों के लिए एनिमेशन और वीएफएक्स विषय आधारित एक क्रैश कोर्स आयोजित किया गया है।

डॉक फिल्म बाज़ार:

21. फिल्म निर्माताओं को अपनी परियोजनाओं के लिए खरीदार, प्रायोजक और सहयोगी खोजने के लिए एक मंच प्रदान करके फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए पहली बार डॉक फिल्म बाज़ार का आयोजन किया जा रहा है।

22. दस देशों से 27 भाषाओं में करीब 200 परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं।

23. डॉक फिल्म बाज़ार में 3 क्यूरेटेड वर्टिकल आयोजित किए जाएंगे– ‘को-प्रोडक्शन मार्केट’ (16 परियोजनाएं), ‘वर्क इन प्रोग्रेस (डब्ल्यूआईपी) लैब’ (6 परियोजनाएं) और ‘व्यूइंग रूम’ (106 परियोजनाएं)।

24. चयनित परियोजनाओं के लिए इन अवसरों के अलावा, एक ‘ओपन बायर-सेलर मीट’ भी आयोजित होगा, जो फिल्म निर्माताओं को उत्पादन, सिंडिकेशन, अधिग्रहण, वितरण और बिक्री के क्षेत्र में खरीदारों और कॉर्पोरेट जगत के साथ सहयोग करने में मदद करेगा।

25. वृत्तचित्र फिल्म निर्माण और कॉर्पोरेट ब्रांडिंग के बीच आपसी संबंध की संभावना तलाशने के लिए एक समर्पित सत्र। फिक्की जैसे विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ, ब्रांड वृद्धि के लिए कारगर उपायों और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव के प्रेरक के रूप में वृत्तचित्रों के सीएसआर वित्तपोषण की संभावना देखी जाएगी।

एमआईएफएफ के लिए समर्पित पोर्टल और मोबाइल ऐप

26. एमआईएफएफ की एक इंटरैक्टिव वेबसाइट www.miff.in विकसित की गई है, जो महोत्सव में निर्धारित फिल्मों, कार्यक्रमों और गतिविधियों के बारे में विवरण प्रदान करती है।

27. विभिन्न गतिविधियों जैसे फिल्म स्क्रीनिंग की पूर्व बुकिंग, मास्टरक्लास में भाग लेना, खुले मंच आदि में प्रतिनिधियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए एक समर्पित मोबाइल ऐप विकसित किया गया है। यह महोत्सव को प्रतिनिधियों से मूल्यवान प्रतिक्रिया प्राप्त करने में भी मदद करेगा।

प्रतिनिधि पंजीकरण

28. वेबसाइट या एमआईएफएफ की प्रचार सामग्री में दिए गए क्यूआर कोड के माध्यम से महोत्सव में भाग लेने के लिए प्रतिनिधि पंजीकरण सरल लेकिन अनिवार्य है।

29. प्रतिनिधि पंजीकरण की सुविधा ‘बुक माई शो’ के माध्यम से भी उपलब्ध की जा रही है।

30. किसी भी संख्या में फिल्म स्क्रीनिंग या मास्टरक्लास या डॉक फिल्म बाजार में भाग लेने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है।

31. प्रतिनिधि पंजीकरण शुल्क-

अ. मुंबई – पूरे महोत्सव में भाग लेने के लिए 500 रुपये

ब. दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और पुणे- निःशुल्क

स. छात्र और प्रेस- निःशुल्क

द. अगले तीन दिनों के लिए सभी प्रतिनिधि पंजीकरण ‘निशुल्क’ हैं।

भागीदारी

32. इस वर्ष पहली बार, एमआईएफएफ को महोत्सव में 20 से अधिक ब्रांडों से कॉर्पोरेट सहयोग प्राप्त हुआ है। ब्रांडों ने महोत्सव के साथ विभिन्न स्तरों पर सहयोग किया है, यानी महोत्सव के विभिन्न पहलुओं को प्रायोजित करने से लेकर महोत्सव को मजबूत बनाने के लिए विशेषज्ञता लाने तक।

पृष्ठभूमि

एमआईएफएफ दक्षिण एशिया में गैर-फीचर फिल्मों (वृत्तचित्र, लघु कथात्मक चित्र और एनिमेशन) के लिए सबसे पुराना और सबसे बड़ा फिल्म महोत्सव है। वर्ष 1990 में शुरू होने के बाद से वृत्तचित्र फिल्म जगत का एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है। यह एक द्विवार्षिक आयोजन है।

एमआईएफएफ दुनिया भर के वृत्तचित्र निर्माताओं से मिलने, विचारों का आदान-प्रदान करने, वृत्तचित्र, लघुचित्र और एनिमेशन फिल्मों के सह-निर्माण तथा विपणन की संभावनाओं का पता लगाने और फिल्म निर्माताओं के विश्व सिनेमा के दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह महोत्सव वृत्तचित्र, एनिमेशन और लघु फिल्मों के लिए संवाद करने  व चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जिसका उद्देश्य कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देना तथा फिल्म निर्माताओं और उपस्थित लोगों के लिए एक रचनात्मक प्रेरणा के रूप में काम करना है।

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रक्षा मंत्रालय ने देशभर में 1,128 शाखाओं में स्पर्श सेवा केंद्र खोलने के लिए चार बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

रक्षा मंत्रालय के रक्षा लेखा विभाग (डीएडी) ने देश भर में चार बैंकों की 1,128 शाखाओं में स्पर्श [पेंशन प्रशासन प्रणाली (रक्षा)] सेवा केंद्र के रूप में उन्हें शामिल करने के लिए नई दिल्ली में बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू पेंशनभोगियों को बाधा रहित कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, खासकर दूरदराज के क्षेत्रों में जहां उनके पास स्पर्श पर लॉग ऑन करने के लिए तकनीकी साधन नहीं हैं।

ये सेवा केंद्र स्पर्श के लिए पेंशनभोगियों के लिए एक इंटरफेस बन जाएंगे, जो उनके प्रोफाइल को अपडेट करने, शिकायत दर्ज करने, डिजिटल वार्षिक पहचान, डेटा सत्यापन के अलावा उनकी मासिक पेंशन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी माध्यम प्रदान करेंगे। इन केंद्रों तक पहुंच मुफ्त प्रदान की जाएगी, जिसमें मामूली सेवा शुल्क डीएडी द्वारा वहन किया जाएगा।

इन समझौता ज्ञापनों के साथ, स्पर्श सेवाएं अब देश भर में कुल 15 बैंकों की 26,000 से अधिक शाखाओं में उपलब्ध होंगी। यह रक्षा विभाग के 199 समर्पित सेवा केंद्रों और देश भर में 3.75 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटरों के अतिरिक्त है।

उल्लेखनीय है कि स्पर्श रक्षा मंत्रालय की एक पहल है जिसका उद्देश्य रक्षा पेंशनभोगियों को व्यापक समाधान प्रदान करना है। यह रक्षा पेंशन के प्रबंधन में एक मौलिक बदलाव है क्योंकि यह दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता लाने पर केंद्रित है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का शुभारंभ किया। श्री मोदी ने दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में एक पीपल का पेड़ लगाया। उन्होंने सभी देशवासियों से हमारे ग्रह को बेहतर बनाने में योगदान देने का भी अनुरोध किया है और कहा कि पिछले दशक में भारत ने कई सामूहिक प्रयास किए हैं, जिनसे पूरे देश के वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। श्री मोदी ने कहा कि सतत विकास की दिशा में हमारे प्रयासों के लिए यह बहुत अच्छा है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;

“आज विश्व पर्यावरण दिवस पर, मुझे #एक_पेड़_माँ_के_नाम, अभियान शुरू करने पर बहुत प्रसन्‍नता हो रही है। मैं देशवासियों के साथ ही दुनिया भर के लोगों से यह आग्रह करता हूं कि वे आने वाले दिनों में अपनी मां को श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में एक पेड़ जरूर लगाएं और #Plant4Mother या #एक_पेड़_माँ_के_नाम का उपयोग करते हुए अपनी एक तस्वीर साझा करें।”

“आज प्रात:, मैंने प्रकृति मां की रक्षा करने और सतत जीवनशैली अपनाने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप एक पेड़ लगाया। मैं आप सभी से यह आग्रह करता हूं कि आप भी हमारे ग्रह को बेहतर बनाने में योगदान दें। #Plant4Mother #एक_पेड़_माँ_के_नाम”

“आप सभी को यह जानकर बहुत खुशी होगी कि पिछले दशक में भारत ने कई सामूहिक प्रयास किए हैं, जिनके कारण पूरे देश में वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। यह सतत विकास की दिशा में हमारे प्रयास के लिए बहुत अच्‍छा है। यह भी सराहनीय है कि स्थानीय समुदायों ने इस अवसर पर आगे आकर इसमें अग्रणी भूमिका निभाई है।”

“आज विश्व पर्यावरण दिवस पर मुझे #एक_पेड़_माँ_के_नाम अभियान शुरू कर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं देशवासियों के साथ ही दुनियाभर के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अपनी माँ के साथ मिलकर या उनके नाम पर एक पेड़ जरूर लगाएं। ये आपकी तरफ से उन्हें एक अनमोल उपहार होगा। इससे जुड़ी तस्वीर आप #Plant4Mother, #एक_पेड़_माँ_के_नाम के साथ जरूर साझा करें।”

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भारत और कतर ने ‘निवेश पर संयुक्त कार्यदल’ की प्रथम बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित की

भारत गणराज्य और कतर के नेतृत्व के विजन के अनुरूप एवं निवेश सहयोग को और ज्‍यादा बढ़ाने के उद्देश्य से भारत व कतर के बीच ‘निवेश पर संयुक्त कार्यदल (जेटीएफआई)’ की प्रथम बैठक आज भारत के नई दिल्ली में आयोजित की गई। संयुक्त कार्यदल की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव श्री अजय सेठ और कतर सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अवर सचिव माननीय मोहम्मद बिन हसन अल- मल्की ने की।

पारस्परिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने की भावना से ‘निवेश पर संयुक्त कार्यदल’ ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और अवसंरचना एवं ऊर्जा से लेकर प्रौद्योगिकी और नवाचार तक विविध क्षेत्रों में त्वरित विकास, निवेश के अवसरों और रचनात्‍मक सहयोग हेतु सामूहिक क्षमता का लाभ उठाने के लिए इन दोनों ही देशों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।

जेटीएफआई ने भारत और कतर के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों के महत्व को रेखांकित किया है जो कि साझा मूल्यों, साझा उद्देश्यों, एवं समावेशी विकास के लिए साझा विजन या दृष्टिकोण में निहित हैं।

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ट्राई के नाम पर धोखाधड़ी

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के संज्ञान में यह बात लाई गई है कि नागरिकों को धोखाधड़ी वाले व्हाट्सएप संदेश, एसएमएस और वॉयस कॉल भेजे जा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि वे ट्राई से हैं। अपराधी जाली नोटिस का उपयोग कर रहे हैं, जो ट्राई के वरिष्ठ अधिकारियों की और से भेजे गए आधिकारिक संचार जैसा दिखता है।

ये नोटिस प्राप्तकर्ता के मोबाइल नंबर से जुड़ी अवैध गतिविधि का झूठा आरोप लगाते हैं और उन्हें कानून प्रवर्तन से संपर्क करने का दबाव डालते हैं या फिर सेवा बंद करने की धमकी देते हैं। नागरिकों को यह भी धमकी दी जाती है कि अगर वे नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो मोबाइल नंबर काट दिए जाएंगे। कई बार, ये अपराधी लोगों को मैलवेयर इंस्टॉल करने या फ़िशिंग लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं ताकि उनके साथ वो धोखाधड़ी कर सकें।

इस पर ट्राई ने लोगों को सावधान करते हुए कहा है कि ट्राई मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने के बारे में संदेशों या आधिकारिक नोटिस के माध्यम से कोई बात शुरू नहीं करता है। ट्राई ने किसी भी तीसरे पक्ष की एजेंसी को ऐसे उद्देश्यों के लिए ग्राहकों से संपर्क करने के लिए अधिकृत नहीं किया है। इसलिए, ट्राई से होने का दावा करने वाले और मोबाइल नंबर डिस्कनेक्ट करने की धमकी देने वाले किसी भी प्रकार के संचार (कॉल, संदेश या नोटिस) को संभावित धोखाधड़ी का प्रयास माना जाना चाहिए।

साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए, नागरिकों को दूरसंचार विभाग के संचार साथी प्लेटफॉर्म पर चक्षु सुविधा के माध्यम से संदिग्ध धोखाधड़ी वाले संचार की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म को https://sancharsaathi.gov.in/sfc/ पर एक्सेस किया जा सकता है। साइबर अपराध के पुष्ट मामलों के लिए, पीड़ितों को निर्दिष्ट साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ पर या आधिकारिक वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ के माध्यम से घटना की रिपोर्ट करनी चाहिए।

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एसईसीएल के कार्पोरेट सामाजिक दायित्‍व कार्यक्रम ने 39 प्रतिभाशाली छात्रों को नीट 2024 में सफलता दिलाई

छत्तीसगढ़ स्थित कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के नीट कोचिंग सहायता कार्पोरेट सामाजिक दायित्‍व (सीएसआर) कार्यक्रम “एसईसीएल के सुश्रुत” ने असाधारण परिणाम दिए हैं। हाल ही में घोषित नीट 2024 के परिणामों में, कार्यक्रम में नामांकित 40 छात्रों में से 39 ने कट-ऑफ को पार कर लिया है और परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस तरह 98 प्रतिशत की उल्लेखनीय सफलता दर प्राप्त हुई है। कार्यक्रम को कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन और समर्थन से शुरू किया गया था, जिसके कारण इसका सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित हुआ।

मध्य प्रदेश के जनजातीय जिले उमरिया के योग्य छात्रों में से एक महेंद्र नायक ने इस कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया है। नायक ने कहा कि उनके पिता किसान हैं और वे नीट परीक्षा के लिए कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते थे। ‘एसईसीएल के सुश्रुत’ कार्यक्रम ने उन्हें शीर्ष कोचिंग सुविधाएं दिलाने में मदद की।

2023 में लॉन्च की गई “एसईसीएल के सुश्रुत” पहल को आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के कक्षा 12 के छात्रों को निःशुल्क आवासीय चिकित्सा कोचिंग प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था, विशेष रूप से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कोयला पट्टी क्षेत्र में। छात्रों का चयन नीट पैटर्न पर आधारित एक प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से किया गया था, और बिलासपुर में एक निजी कोचिंग संस्थान के साथ साझेदारी में कोचिंग प्रदान की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत नियमित राष्ट्रीय स्तर की टेस्ट सीरीज़, सलाह देने तथा आवास‍ीय सुविधाएं शामिल हैं। इन सभी सुविधाओं के लिए एसईसीएल आर्थिक सहायता प्रदान करता है। यह कार्यक्रम अविकसित जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों के लिए जीवन रेखा साबित हुआ है, जो कोचिंग सुविधाओं का खर्च नहीं उठा सकते थे। अब, ये छात्र डॉक्टर बनने, देश की सेवा करने, अपने परिवारों की देखभाल करने और आत्मनिर्भरता हासिल करने के अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हैं।

यह पहल कोयला क्षेत्र में समुदायों को बेहतर शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने के एसईसीएल के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गुणवत्तापूर्ण कोचिंग और सहायता प्रदान करके, एसईसीएल आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने में मदद कर रहा है, जिससे वे अपने सपनों को पूरा करने और समाज में योगदान करने में सक्षम हो सकें।

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भारतीय रेलवे ने “हमारी भूमि, हमारा भविष्य” विषय के अनुरूप विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

भारतीय रेलवे ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 5 जून, 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया, जो इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस के विषय “हमारी भूमि, हमारा भविष्य” के अनुरूप है। विश्व पर्यावरण दिवस 2024 का‍ विषय भूमि बहाल करना, मरुस्थलीकरण को रोकना और सूखे से निपटने के उपायों पर केंद्रित है। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ श्रीमती जया वर्मा सिन्हा और रेलवे बोर्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की इस कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थित रही। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ ने रेलवे अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

भारतीय रेलवे इस वर्ष, जून महीने के दौरान पर्यावरण पर व्यवहार संबंधी परिवर्तन के प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए और ‘मिशन लाइफ’ से लोगों को जोड़ने के उद्देश्‍य से प्रमुख आउटरीच और जागरूकता संबंधी गतिविधियों का भी आयोजन कर रही है। भारतीय रेलवे में अब तक 249 जागरूकता और 147 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें 4921 प्रतिभागियों ने भाग लिया है। रेलवे ने कुल 4395 ‘मिशन लाइफ’ शपथ भी दिलाई हैं।

रेलवे पर्यावरण अनुकूल परिवहन का एक बड़ा साधन है। पर्यावरण संरक्षण के लिए य‍ह लगातार ऐसी पहल कर रहा है जिसका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिनमें प्रदूषण/जीएचजी उत्सर्जन को कम करना, संसाधनों और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना और स्थिरता में योगदान देना शामिल हैं। सतत प्रयास के लिए रेलवे द्वारा की गई कुछ प्रमुख नीतिगत पहल इस प्रकार हैं:

  • भारतीय रेलवे ने अप्रैल 2024 तक 63,456 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है, जो भारतीय रेलवे के कुल ब्रॉड-गेज नेटवर्क का 96 प्रतिशत से अधिक है।
  • कुल 2637 स्टेशनों और सेवा भवनों में सौर रूफटॉप संयंत्र लगाए गए हैं, जिनकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 177 मेगावाट है।
  • रेलवे स्टेशनों और अन्य भवनों के पुनर्विकास के लिए ऊर्जा दक्षता दिशा-निर्देशों को सुपर-ईसीबीसी अनुपालन के साथ जारी किया गया है। इन सुपर ईसीबीसी दिशा-निर्देशों को जलवायु अनुकूल भवन डिजाइन और ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ऊर्जा की मांग को कम करने के लक्ष्य के साथ विकसित किया गया है।
  • प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए भारतीय रेलवे ने पर्यावरण प्रबंधन योजना के रूप में दिशा-निर्देश प्रदान किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का क्षेत्रीय रेलवे में अनुपालन किया जाएगा, ताकि आस-पास के क्षेत्रों में निर्माण के प्रभाव को कम किया जा सके।
  • नीतिगत पहल के रूप में, भारतीय रेल ने अपने मालभाड़ा ग्राहकों के लिए कार्बन सेविंग पॉइंट्स आवंटित करने की अवधारणा शुरू की है, जिन्हें “रेल ग्रीन पॉइंट्स” कहा जाता है, जो कार्बन उत्सर्जन की अपेक्षित बचत का विवरण देते हैं। पर्यावरणीय प्रभाव का सृजन करने में ग्राहकों की भागीदारी की यह पहल भविष्य में रेल द्वारा अधिक से अधिक परिवहन प्रेरित करेगी।
  • भारतीय रेलवे ने व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों को लागू किया है जो रीसाइक्लिंग, न्‍यूनीकरण और इसके जिम्मेदार निपटान पर जोर देती है। हरित क्षेत्र का निर्माण, खतरनाक अपशिष्ट पदार्थों का उचित निपटान और जलवाही स्‍तर को रिचार्ज करने से भूक्षरण को रोका जा सकता है।
  • भारतीय रेलवे ने अपनी उत्पादन प्रक्रिया में ऊर्जा दक्षता के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं। वर्तमान में सभी 8 इकाइयां और 44 कार्यशालाएं आईएसओ-50001 प्रमाणित हैं, जो ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के प्रति रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
  • पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए लगभग 700 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को आईएसओ 14001 प्रमाणित किया गया है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे ने लगभग 65 अपशिष्ट उपचार संयंत्र, 86 जल रीसाइक्लिंग संयंत्र, 90 सीवेज उपचार संयंत्र, 18 अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र, 186 अपशिष्ट से खाद और 32 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित किए हैं। लगभग 208 स्टेशनों में कम्पोस्ट खाद बनाने वाले संयंत्र हैं और 193 रेलवे स्टेशनों पर सामग्री रिकवरी सुविधाएं उपलब्‍ध हैं।
  • प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लगभग 826 प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनें लगाई गई हैं।
  • स्वच्छ भारत अभियान के एक हिस्‍से के रूप में, भारतीय रेलवे ने स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए कई पहल की हैं:
  1. भारतीय रेलवे ने अपने सभी कोचों में बायो-टॉयलेट लगाना सुनिश्चित किया है, जिससे ट्रेनों से मानव मल के सीधे डिस्‍चार्ज  होने की समस्या समाप्‍त हो गई है। शौचालयों में पानी की खपत को कम करने के उद्देश्य से एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेलवे ने नए कोचों में बायो-वैक्यूम शौचालय लगाना शुरू कर दिया है।
  2. वर्ष 2023-24 में रेलवे द्वारा लगभग 76 लाख पौधे लगाए जाएंगे।

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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने “राष्ट्रीय नंबरिंग योजना का संशोधन” पर परामर्श पत्र जारी किया

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज ‘राष्ट्रीय नंबरिंग योजना का संशोधन’ पर अपना परामर्श पत्र जारी किया है। देश का दूरसंचार परिदृश्य वर्तमान समय में अत्याधुनिक नेटवर्क संरचना और सेवाओं से संचालित होकर एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की दौर से गुजर रहा है। 5जी नेटवर्क का आगमन अभूतपूर्व संभावनाओं को प्रस्तुत करता है, जिसमें अल्ट्रा-हाई-स्पीड संपर्क, न्यूनतम विलंबता और व्यापक उपकरण एकीकरण शामिल हैं। इस परस्पर जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र में, दूरसंचार पहचानकर्ता (टीआई) कुशल संचार और नेटवर्क प्रबंधन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टीआई सार्वभौमिक पहुंच के आधार पर कार्य करता है, जो विभिन्न संचार प्रौद्योगिकियों में उपभोक्ताओं, व्यवसायों और उद्योगों को विश्वसनीय सेवा वितरण की सुविधा प्रदान करता है।

राष्ट्रीय संख्यांकन योजना का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सर्वोत्तम पद्धतियों के अनुरूप टीआई संसाधनों के आबंटन और उपयोग के लिए एक संरचित दृष्टिकोण सुनिश्चित करना है। यह मुख्य रूप से वर्तमान और संभावित सेवाओं के लिए नंबरिंग स्पेस और इसके विकास को परिभाषित करता है, जिसका लक्ष्य सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को समायोजित करना और समय से पहले कमी के बिना कुशल विस्तार की सुविधा प्रदान करना है।

दूरसंचार विभाग (डीओटी), आईटीयू के दूरसंचार मानकीकरण क्षेत्र (आईटीयू-टी) सिफारिशों की ई.164 श्रृंखला के बाद, फिक्स्ड और मोबाइल नेटवर्क दोनों के लिए दूरसंचार पहचानकर्ताओं का प्रबंधन करता है। वर्ष 2003 में, दूरसंचार विभाग ने उपभोक्ताओं की तीव्र वृद्धि को समायोजित करने के लिए राष्ट्रीय संख्या योजना की व्यापक समीक्षा और संशोधन किया। यह दूरदर्शी योजना, जिसे राष्ट्रीय नंबरिंग योजना 2003 कहा जाता है, देश भर में 750 मिलियन टेलीफोन कनेक्शनों के लिए नंबरिंग संसाधन आवंटित करने के लिए तैयार की गई थी। हालांकि, 21 वर्षों के बाद, सेवाओं के विस्तार और कनेक्शनों की संख्या में वृद्धि के कारण नंबरिंग संसाधनों की उपलब्धता अब खतरे में है। 31 मार्च, 2024 तक वर्तमान कुल 1,199.28 मिलियन टेलीफोन ग्राहकों और 85.69 प्रतिशत के टेली-घनत्व के साथ, दूरसंचार पहचानकर्ताओं (टीआईएस) के उपयोग का आकलन करना और दूरसंचार सेवाओं के निरंतर विकास के लिए एक स्थायी जलाशय सुनिश्चित करने के लिए विवेकपूर्ण नीतिगत निर्णय लेना बहुत महत्वपूर्ण है।

ट्राई को डीओटी से 29 सितंबर 2022 को एक संदर्भ प्राप्त हुआ, जिसमें ट्राई अधिनियम 1997 की धारा 11(1) (ए) के अंतर्गत संशोधित राष्ट्रीय नंबरिंग योजना पर ट्राई की सिफारिशें मांगी गई थी।  दूरसंचार विभाग ने तीव्र विकास के कारण पर्याप्त फिक्स्ड लाइन नंबरिंग संसाधनों की उपलब्धता से संबंधित वर्तमान एवं संभावित भविष्य की बाधाओं को समाप्त करने का भी अनुरोध किया है।

इस परामर्श पत्र (सीपी) का उद्देश्य दूरसंचार पहचानकर्ता (टीआई) संसाधनों के आवंटन और उपयोग को प्रभावित करने वाले सभी कारकों का आकलन करना है। यह आवंटन नीतियों और उपयोग प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए संभावित संशोधनों का भी प्रस्ताव देता है, जिससे टीआई संसाधनों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित होता है।

साझेदारों से इनपुट प्राप्त करने के लिए परामर्श पत्र ट्राई की वेबसाइट https://trai.gov.in/release-publication/consultation पर दिया गया है। राष्ट्रीय नंबरिंग योजना के संशोधन पर हितधारकों से 04 जुलाई, 2024 तक लिखित टिप्पणियां और 18 जुलाई, 2024 तक जवाबी टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।

टिप्पणियां और प्रति-टिप्पणियां, इलेक्ट्रॉनिक रूप में, सलाहकार (बीबीएंडपीए), भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण advbbpa@trai.gov.in jtadvbbpa-1@trai.gov.in को ईमेल पर भेजी जा सकती हैं। किसी भी स्पष्टीकरण/जानकारी के लिए, सलाहकार (बीबीएंडपीए) से दूरभाष संख्या +91-11- 20907757 पर संपर्क किया जा सकता है।

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तापमान में वृद्धि को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के साथ भीषण गर्मी से जुड़ी तैयारियों तथा गर्मी के महीनों में अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं को रोकने संबंधी उपायों पर समीक्षा बैठक की

तापमान में वृद्धि को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के साथ भीषण गर्मी से जुड़ी तैयारियों तथा गर्मी के महीनों में अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं को रोकने संबंधी उपायों पर समीक्षा बैठक की

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के डीजीएचएस डॉ. अतुल गोयल ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भीषण गर्मी की स्थिति से जुड़ी तैयारियों और देश भर में विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केन्द्रों द्वारा अपनाए गए अग्नि और विद्युत सुरक्षा उपायों का आकलन करने के लिए एक वर्चुअल बैठक की।

27 मई 2024 को आईएमडी द्वारा जारी दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि जून 2024 में दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों, जहां तापमान सामान्य या सामान्य से कम रहने की संभावना है, के अलावा देश के अधिकांश हिस्सों में मासिक अधिकतम तापमान, सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। जून के दौरान, उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों और मध्य भारत के आसपास के क्षेत्रों में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है।

राज्य स्वास्थ्य विभागों को निम्नलिखित निर्देश भेजे गए हैं:

· राज्य स्वास्थ्य विभागों के लिए परामर्श, गर्मी से संबंधित बीमारियों (एचआरआई) के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी को मजबूत करने पर दिशा-निर्देश।

· क्या करें और क्या न करें तथा आईईसी पोस्टर टेम्पलेट के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य परामर्श।

· भीषण गर्मी से संबंधित बीमारियों के लिए आपातकालीन शीतलन पर दिशा-निर्देश।

· देश भर के सभी एम्स और मेडिकल कॉलेजों में गर्मी से हुई मौतों में शव परीक्षण निष्कर्षों पर दिशा-निर्देश प्रसारित किए गए।

· सचिव (स्वास्थ्य), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और एनडीएमए के द्वारा संयुक्त संचार तथा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के द्वारा स्वास्थ्य सुविधा केंद्र अग्नि सुरक्षा उपायों पर संचार।

· गर्मी के स्वास्थ्य प्रभावों को रोकने और प्रबंधित करने के लिए स्वास्थ्य सुविधा और एम्बुलेंस की तैयारी के आकलन के लिए सूची।

23 मार्च 2024 को भेजे गए एक पत्र के माध्यम से, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से भीषण गर्मी के कारण होने वाली विनाशकारी घटनाओं को रोकने के लिए सक्रिय उपाय करने का अनुरोध किया गया है। इसके बाद 29 मई 2024 को अग्नि सुरक्षा के संबंध में सभी निवारक उपाय करने के लिए एक और पत्र भेजा गया है।

बैठक में राज्य/संघ शासित प्रदेशों द्वारा उठाए जाने वाले निम्नलिखित कदमों और उपायों को दोहराया गया:

· हीट हेल्थ एक्शन प्लान का क्रियान्वयन।

· भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी भीषण गर्मी की प्रारंभिक चेतावनी का प्रसार।

· एचआरआई की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केंद्रों और एम्बुलेंस की तैयारियों का आकलन

· आईएचआईपी पर भीषण गर्मी से संबंधित बीमारी और मृत्यु निगरानी व्यवस्था को मजबूत करना।

· सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केन्द्रों में समर्पित हीट स्ट्रोक रूम।

· स्वास्थ्य सलाह जारी करना और आईईसी गतिविधियों की योजना बनाना।

· एचआरआई लक्षणों, मामले की पहचान, नैदानिक प्रबंधन, आपातकालीन शीतलन और निगरानी रिपोर्टिंग पर स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों के चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को संवेदनशील बनाना और उनका क्षमता निर्माण करना।

· अत्यधिक गर्मी के खिलाफ स्वास्थ्य सुविधा सुदृढ़ता।

· एचआरआई-केंद्रित सामूहिक सभा/खेल आयोजन की तैयारी।

· संभावित रूप से कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने के लिए नियमित रूप से निवारक अग्नि जोखिम मूल्यांकन अभ्यास आयोजित करना।

· अग्नि रोकथाम के सटीक उपायों को लागू करना, जैसे ज्वलनशील पदार्थों का उचित भंडारण और विद्युत सर्किट व प्रणालियों का नियमित और बेहतर निवारक रखरखाव।

· अग्नि सुरक्षा दिशानिर्देश, निकासी प्रक्रियाओं और अग्निशमन उपकरणों के उपयोग पर कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना।

· धुआं उठने पर चेतावनी, अग्निशामक यंत्र और स्प्रिंकलर सहित अग्नि का पता लगाने और रोकने की प्रणालियों की स्थापना और इष्टतम रखरखाव।

· आग लगने की अप्रिय घटना में रोगियों, कर्मचारियों और आगंतुकों को निकालने के लिए एसओपी के साथ एक आपातकालीन उपाय योजना की स्थापना।

· सबसे महत्वपूर्ण बात, बिना किसी लापरवाही के नियमित रूप से आपातकालीन स्थिति से संबंधित पूर्वाभ्यास का संचालन।

राज्य स्तरीय तैयारी:

यह जानकारी दी गयी कि सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के उच्चतम स्तर के अधिकारी स्थिति की कड़ी निगरानी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा दुर्घटनाओं पर पूर्वाभ्यास किये हैं। अग्नि सुरक्षा के बारे में पूर्वाभ्यास आयोजित करने के लिए शहरी प्रशासन और इंजीनियरिंग विभागों का समन्वय किया गया है। कोड रेड प्रोटोकॉल भी जारी किया गया है। ओडिशा में पूरे राज्य में हीट वेव कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में लोगों की जागरूकता बढ़ाने के लिए दस्तक (घर-घर जाकर) अभियान चलाया जा रहा है। राज्य में लगभग सभी स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों में अग्नि सुरक्षा अधिकारियों की पहचान की गई है। हरियाणा ने सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधा केन्द्रों में आवश्यक दवाओं और लॉजिस्टिक्स सुनिश्चित करने के लिए समर्पित वित्तीय आवंटन किया है। राजस्थान में 104 और 108 से जुड़ी एंबुलेंस सेवाओं में कूलिंग उपकरण लगाए गए हैं। पश्चिम बंगाल में अग्निशमन विभाग से अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र सुनिश्चित किए जा रहे हैं और मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। बिहार में स्वास्थ्य सेवा सुविधा केन्द्रों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ समन्वय जारी है। दिल्ली ने भी सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अग्निशमन व्यवस्था के लिए निर्देश और एसओपी जारी किए हैं। यदि छोटे सुविधा केन्द्रों में अग्नि एनओसी उपलब्ध नहीं है, चाहे वह सरकारी हो या निजी संस्थान, तो अग्नि निकासी योजना और अग्निशमन व्यवस्था को बनाए रखना अनिवार्य कर दिया गया है।

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तीसरी भारतीय विश्लेषणात्मक कांग्रेस (आईएसी) का उद्घाटन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद- भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (सीएसआईआर-आईआईपी) देहरादून में हुआ

तीसरी भारतीय विश्लेषणात्मक कांग्रेस (आईएसी) का बुधवार को देहरादून में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (सीएसआईआर-आईआईपी) में उद्घाटन हुआ। यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी आईएसी-2024 है। इसका आयोजन सीएसआईआर-आईआईपी और इंडियन सोसाइटी ऑफ एनालिटिकल साइंटिस्ट (आईएसएएस-दिल्ली चैप्टर) की ओर से संयुक्त रूप से किया जा रहा है । सम्मेलन का विषय ‘हरित परिवर्तनों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका’ है। लद्दाख विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस. के. मेहता ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये लद्दाख में नव विकसित शैक्षणिक बुनियादी संरचना की भूमिका का अवलोकन प्रस्तुत किया । उन्होंने डीएसटी, डीबीटी और अन्य वित्त पोषण एजेंसियों से प्राप्त अनुसंधान निधि के माध्यम से लद्दाख विश्वविद्यालय में हाल ही में विकसित उन्नत अनुसंधान सुविधाओं का भी प्रदर्शन किया ।

प्रोएस.केमेहताकुलपतिलद्दाख विश्वविद्यालय

सीएसआईआर आईआईपी के निदेशक डॉ हरिंदर सिंह बिष्ट ने नयी उन्नत विश्लेषणात्मक सुविधाओं के महत्व और ऊर्जा परिवर्तन में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान , मद्रास के प्रोफेसर प्रो. रजनीश कुमार ने एसएसबी पुरस्कार विजेता और “ सीओ2 कैप्चर और सीक्वेस्ट्रेशन कार्बन कैप्चर उपयोग और सीक्वेस्ट्रेशन और भारत में नेट जीरो लक्ष्यों के लिये इसकी प्रासंगिकता ” पर एक पूरा व्याख्यान दिया । ऊर्जा और ऊर्जा उपकरणों (ईईडी) में सीएसआईआर की पहल और विषयगत उपलब्धियों को ‘ वन वीक वन थीम ’ (ओडब्ल्यूओटी) कार्यक्रम के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। ईईडी सत्र पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों, नवीकरणीय और गैर-पारंपरिक ऊर्जा / ऊर्जा प्रणालियों और ऊर्जा भंडारण और उपकरणों पर केंद्रित था ।

तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन विश्लेषणात्मक विज्ञान में उद्योगों, शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के लिये इस क्षेत्र में प्रचलित और आगामी समाधानों को प्रस्तुत करने के लिये एक मंच प्रदान करेगा । सम्मेलन में पांच तकनीकी सत्र होंगे, जिनमें प्रख्यात वक्ताओं की वार्ता, शोधकर्ताओं की प्रस्तुतियां और विशेष और पूर्ण सत्र शामिल होंगे ।

उद्घाटन समारोह के दौरान इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स – दिल्ली चैप्टर के अधिकारी डॉ. जी. एस. कपूर, डॉ. जे. क्रिस्टोफर, डॉ. रवीन्द्र कुमार और डॉ. राजकुमार सिंह मौजूद थे। सम्मेलन में इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कारपाेरेशन लिमिटेड और एचएमईएल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – रुड़की, यूपीईसी, दून विश्वविद्यालय, बार्क, पंजाब विश्वविद्यालय आदि जैसे संस्थानों के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।

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