मध्य प्रदेश के जनजातीय जिले उमरिया के योग्य छात्रों में से एक महेंद्र नायक ने इस कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया है। नायक ने कहा कि उनके पिता किसान हैं और वे नीट परीक्षा के लिए कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते थे। ‘एसईसीएल के सुश्रुत’ कार्यक्रम ने उन्हें शीर्ष कोचिंग सुविधाएं दिलाने में मदद की।
2023 में लॉन्च की गई “एसईसीएल के सुश्रुत” पहल को आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के कक्षा 12 के छात्रों को निःशुल्क आवासीय चिकित्सा कोचिंग प्रदान करने के लिए तैयार किया गया था, विशेष रूप से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कोयला पट्टी क्षेत्र में। छात्रों का चयन नीट पैटर्न पर आधारित एक प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से किया गया था, और बिलासपुर में एक निजी कोचिंग संस्थान के साथ साझेदारी में कोचिंग प्रदान की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत नियमित राष्ट्रीय स्तर की टेस्ट सीरीज़, सलाह देने तथा आवासीय सुविधाएं शामिल हैं। इन सभी सुविधाओं के लिए एसईसीएल आर्थिक सहायता प्रदान करता है। यह कार्यक्रम अविकसित जनजातीय क्षेत्रों के छात्रों के लिए जीवन रेखा साबित हुआ है, जो कोचिंग सुविधाओं का खर्च नहीं उठा सकते थे। अब, ये छात्र डॉक्टर बनने, देश की सेवा करने, अपने परिवारों की देखभाल करने और आत्मनिर्भरता हासिल करने के अपने सपनों को पूरा करने के लिए तैयार हैं।
यह पहल कोयला क्षेत्र में समुदायों को बेहतर शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने के एसईसीएल के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गुणवत्तापूर्ण कोचिंग और सहायता प्रदान करके, एसईसीएल आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने में मदद कर रहा है, जिससे वे अपने सपनों को पूरा करने और समाज में योगदान करने में सक्षम हो सकें।