भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पहाड़ी और मैदानी दोनों क्षेत्रों में प्रभावी समाधान प्रदान करने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाते हुए बाढ़/भूस्खलन प्रभावित स्थानों पर मशीनरी और जनशक्ति को शीघ्रता से पहुंचाने के लिए अन्य निष्पादन एजेंसियों, स्थानीय अधिकारियों और प्रशासन के साथ निकट समन्वय में काम कर रहा है। इसके अलावा, प्रभावी आपदा राहत तैयारियों के लिए संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) समय पर तैनाती के लिए प्रमुख मशीनरी की उपलब्धता की मैपिंग कर रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर जल भाराव या बाढ़ जैसी स्थिति से बचने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) राज्य सिंचाई विभाग के साथ संयुक्त निरीक्षण कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी चालू चैनल/धारा का प्रवाह नवनिर्मित राजमार्ग से बाधित न हो। हाल ही में दिल्ली-काटरा एक्सप्रेसवे और अन्य परियोजनाओं पर सिंचाई विभाग के परामर्श से विशेष अभियान चलाया गया।
इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर, जहां भी जल भाराव की संभावना है, वहां पर्याप्त पंपिंग की व्यवस्था की जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं तक किसी भी बाधा के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ लेते हुए उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) के साथ-साथ राजमार्ग यात्रा ऐप का उपयोग किया जाएगा।
पहाड़ी क्षेत्रों में, जिला प्रशासन के साथ निकट समन्वय में प्रत्येक भूस्खलन संभावित स्थल पर पर्याप्त जनशक्ति और मशीनरी से सुसज्जित समर्पित आपातकालीन राहत दल तैनात किया गया है। इससे चौबीसों घंटे और सातों दिन संपर्क को सक्षम बनाने और यातायात की सुरक्षित और सुचारू आवाजाही प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग से गंदगी को तुरंत हटाने में सहायता मिलेगी। सुरक्षित यातायात संचालन की सुविधा के लिए प्रत्येक भूस्खलन संभावित क्षेत्र में अस्थायी अवरोध और चेतावनी संकेत स्थापित किए गए हैं।
निवारक उपायों के कार्यान्वयन के लिए, संवेदनशील स्थानों की पहचान की जाती है जिनके गंभीर रूप से प्रभावित होने की संभावना है जैसे बाढ़/भूस्खलन/चट्टान गिरने की संभावना वाले क्षेत्र, धंसने वाले क्षेत्र आदि। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी विभिन्न संरचनाओं जोड/ पुलों के खम्भे आदि का भी निरीक्षण कर रहे हैं जिनका बाढ़ का इतिहास रहा है ताकि तटबंधों पर क्षति की पहचान की जा सके। सड़क उपयोगकर्ताओं को सावधान करने के लिए संवेदनशील स्थानों पर चेतावनी संकेत लगाए जाएंगे।
जिन स्थानों पर भारी भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हो सकता है, वहां जिला प्रशासन के साथ एक वैकल्पिक मार्ग परिवर्तन योजना तैयार की गई है। इसके अलावा, कुछ कमजोर ढलानों और सुरंगों पर वास्तविक समय की निगरानी सहित भू-तकनीकी उपकरण को प्रयोग के रूप में लागू किया गया है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पूरे भारत में मानसून की प्रगति के साथ बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने की तैयारी सुनिश्चित करने और आपातकालीन राहत को सक्षम करने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं। ये उपाय मानसून के मौसम के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को निर्बाध यात्रा की सुविधा प्रदान करने में काफी सहायता करेंगे।