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तीसरी ई-नीलामी के दौरान खुले बाजार में 18.05 लाख मीट्रिक टन गेहूं बिका

भारत सरकार ने गेहूं और आटे की तेजी से बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचकर बाजार में गेहूं की आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया किया था। सरकार द्वारा 25 जनवरी 2023 को इस निर्णय को लिए जाने के बाद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने देशभर के उपभोक्ताओं के लिए खुले बाजार में 18.05 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की है। उल्लेखनीय है कि सफल बोलीदाताओं द्वारा लगभग 11 लाख मीट्रिक टन गेहूं उठाया जा चुका है, जो बाजार में उपलब्ध कराया गया है। केंद्र सरकार द्वारा सही समय पर नीतिगत उपाय किये जाने से देश भर के बाजारों में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार सभी हितधारकों का कल्याण करने के लिए प्रतिबद्ध है और देश के विभिन्न हिस्सों से प्राप्त फीडबैक की समीक्षा के बाद सरकार द्वारा आरक्षित कीमतों को कम किया जा रहा है। रोलर आटा मिलर्स और व्यापारियों ने विचार-विमर्श के दौरान यह आश्वासन दिया है कि खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) यानी ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की अत्यधिक सब्सिडी वाली बिक्री का लाभ उपभोक्ताओं को पर्याप्त रूप से दिया जाएगा। इसके साथ ही, एफसीआई ने अपनी तीसरी ई-नीलामी में 5.07 लाख मीट्रिक टन गेहूं 23 राज्यों में 620 स्थानों के माध्यम से 1269 बोलीदाताओं को 2172 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर विक्रय किया है। एफसीआई ने तीसरी नीलामी में 22 फरवरी 2023 को 11.79 लाख मीट्रिक टन गेहूं को खुले बाजार में बिक्री के उद्देश्य से क्रमशः 2150 रुपये प्रति क्विंटल तथा 2125 रुपये प्रति क्विंटल उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) और विशेष विनिर्देशों के अंतर्गत (यूआरएस) आने वाले गेहूं के लिए बिक्री का प्रस्ताव किया है। गेहूं की उपलब्धता बढ़ाने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के प्रयास में ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं की खुली बिक्री 15 मार्च 2023 तक प्रत्येक बुधवार को आयोजित की जाएगी।

पहली नीलामी 1 और 2 फरवरी 2023 को आयोजित हुई थी, जिसमें 9.13 लाख मीट्रिक टन 1016 बोलीदाताओं को 2474 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर बेचा गया था। इसी तरह से 15 फरवरी 2023 को आयोजित हुई दूसरी नीलामी में 3.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं 1060 बोलीदाताओं को 2338 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत मूल्य पर बेचा गया था। बोलीदाताओं की अधिकतम संख्या ने 100 मीट्रिक टन से लेकर 500 मीट्रिक टन की सीमा के बीच में गेहूं खरीदा, जो छोटे तथा मध्यम व्यापारियों और मिलरों की सक्रिय भागीदारी एवं रुचि को दर्शाता है ताकि गेहूं व आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र ने कहा, भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2030 तक 300 अरब डॉलर को छूने की ओर अग्रसर

भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2030 तक 300 अरब डॉलर छूने को तैयार है और अपने बढ़ते नवाचार और वैज्ञानिक प्रकृति के साथ, भारत एक नई औद्योगिक क्रांति की वैश्विक लहर में शामिल होने के लिए तैयार है। यह बात आज यहां केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने “जैव-विनिर्माण पर मसौदा नीति ढांचा बनाने के लिए जैव-विनिर्माण पर राष्ट्रीय परामर्श बैठक” में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन के दौरान कही।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/B15ZB8.jpgमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार देश में ‘उच्च प्रदर्शन वाले जैव-विनिर्माण’ को आगे बढ़ाकर सर्कुलर-जैव-अर्थव्यवस्था को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) हरित, स्वच्छ और समृद्ध भारत के लिए बायोई3 (यानी अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) के विभाग के एक प्रमुख लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को एक साथ लाने की परिकल्पना करता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आगामी ‘अमृतकाल’ में “हरित विकास” की कल्पना करता है और इसके लिए हमारे राष्ट्र के चल रहे आर्थिक विकास को और बढ़ावा देने के लिए मजबूत अभिनव जैव-आधारित पर्यावरण-अनुकूल समाधानों के कार्यान्वयन के लिए एक व्यवस्थित रूपरेखा योजना की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 20 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुभारंभ किया गया “मिशन लाइफ” यानी ‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (लाइफ)’ हमें जलवायु और ऊर्जा लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने के लिए जीवन के हर पहलू में हरित और अनुकूल पर्यावरणीय समाधानों को आगे बढ़ाने का आग्रह करता है।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/B22Y2K.jpgडॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम घरेलू विनिर्माण (उद्योग 4.0) का समर्थन करके ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूत करेगा, क्योंकि यह देश भर में जैव-विनिर्माण के लिए हरित बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहायता करेगा। इसके अलावा, यह जैव-विनिर्माण के क्षेत्र में एक कुशल कार्यबल के विकास, विशेष रूप से दो और तीन-स्तरीय शहरों में रोजगार सृजन और उद्यमिता में वृद्धि और बाजार के अवसरों का विस्तार करने के लिए बायोजेनिक उत्पादों के लिए नीतियों और विनियमों को कारगर बनाने का भी काम करेगा। मंत्री ने बताया कि यह नवीकरणीय संसाधनों से उच्च गुणवत्ता, पुनर्चक्रण योग्य वस्तुओं का निर्माण करके रासायनिक व्यवसायों को राजस्व सृजन के नए अवसर प्रदान करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव-विनिर्माण नवोन्मेष, ऊर्जा कुशल और कम प्रदूषण के कारण एक बड़ी क्षमता प्रदान करता है, क्योंकि यह व्यावसायिक रूप से प्रासंगिक उत्पादों का उत्पादन करने के लिए रोगाणुओं, पौधों की कोशिकाओं और एंजाइमों सहित जैविक प्रणालियों को नियोजित करता है। उन्होंने बताया कि इस पहल की मुख्य चीज में जैव प्रौद्योगिकी के उन्नत उपकरण शामिल हैं जिनमें सिंथेटिक बायोलॉजी, जीनोम एडिटिंग, माइक्रोबियल बायो-रिसोर्सेज, मेटाबोलिक इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।

डीबीटी के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने अपने संबोधन में कहा कि भारत कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक और तरलीकृत प्राकृतिक गैस का चौथा सबसे बड़ा आयातक है, जिसका एक बड़ा हिस्सा रासायनिक औद्योगिक निर्माण में उपयोग किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जीवाश्म ईंधन के प्रमुख घटक हाइड्रोकार्बन को जलाने से सीओ2 एक प्रमुख उप-उत्पाद के रूप में निकलती है, जो ग्लोबल वार्मिंग में महत्वपूर्ण योगदान देती है। डॉ. गोखले ने कहा कि 2027 तक भारत को ‘नेट जीरो’ कार्बन इकोनॉमी’ बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के संदर्भ में, हम बायो-मैन्युफैक्चरिंग के एक एकीकृत और समावेशी दृष्टिकोण को अपनाकर बायो-बेस्ड सर्कुलर कार्बन इकोनॉमी की ओर एक आदर्श बदलाव की उम्मीद करते हैं।

डॉ. गोखले ने बताया कि विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में रासायनिक उत्पादों के विकल्प के रूप में जैव-आधारित उत्पादों के निर्माण के लिए पायलट-स्केल आधारित जैव-विनिर्माण इकाइयां उन्नत माइक्रोबियल सेल कारखानों (और चीनी/बायोमास/अपशिष्ट-आधारित कच्चे माल) का उपयोग करके किण्वन को नियोजित करेंगी। इनमें से कुछ क्षेत्रों में खाद्य योजक, बायोफार्मास्यूटिकल्स, बायोजेनिक डाई, थोक रसायन, पशु चारा उत्पाद, स्वाद/सुगंध, जैव सामग्री, कृषि-जैव उत्पाद आदि शामिल हैं।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अलका शर्मा ने रेखांकित किया कि इस दृष्टिकोण के माध्यम से उद्योग 4.0 के लिए विनिर्माण का एक अभिनव ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल प्रस्तावित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, इस पहल के केंद्र में बायोटेक्नोलॉजी के उन्नत उपकरण शामिल हैं जिनमें सिंथेटिक बायोलॉजी, जीनोम एडिटिंग, मेटाबोलिक इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं।

डीबीटी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वैशाली पंजाबी ने “बायोमेन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम का अवलोकन” प्रस्तुत करते हुए कहा कि इसमें बायोजेनिक उत्पादों जैसे कि खाद्य योजक, बायोफार्मास्यूटिकल्स, बायोजेनिक के निर्माण के माध्यम से पारंपरिक पेट्रोकेमिकल-आधारित विनिर्माण का विकल्प प्रदान करने की क्षमता है। शुगर आधारित माइक्रोबियल किण्वन और अन्य टिकाऊ बायोमास/अपशिष्ट संसाधन-आधारित निर्माण विधियों का उपयोग करके रंजक, थोक रसायन, पशु चारा उत्पाद, स्वाद/सुगंध, जैव सामग्री, कृषि-जैव उत्पाद, आदि इसमें शामिल हैं

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विश्व का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ 28 फरवरी को डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 13 जनवरी को वाराणसी से रवाना किया गया विश्व का सबसे लंबा रिवर क्रूज ‘एमवी गंगा विलास’ 28 फरवरी को डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा का समापन करेगा। उसी दिन डिब्रूगढ़ में भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा एक स्वागत समारोह आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ-साथ अन्य केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, राजनयिक और आईडब्ल्यूएआई तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे। भारत में बने क्रूज जहाज ‘एमवी गंगा विलास’ ने 13 जनवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा झंडी दिखाने के बाद वाराणसी से अपनी यात्रा आरंभ की। 28 फरवरी को पटना साहिब, बोधगया, विक्रमशिला, ढाका, सुंदरबन और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान होते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचने से पहले क्रूज 50 दिनों में 3,200 किमी की दूरी तय करेगा। एक अनूठे डिजाइन और भविष्योनमुखी विजन से निर्मित, क्रूज में 36 पर्यटकों की क्षमता के साथ तीन डेक और 18 सुइट हैं। यह अगले दो वर्षों के लिए आने-जाने के लिए पहले से ही बुक है। सोनोवाल ने कहा कि ‘एमवी गंगा विलास’ ने विश्व के नदी क्रूज के मानचित्र पर भारत और बांग्लादेश की उपस्थिति दर्ज कराई है और इस प्रकार भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन और माल ढुलाई के लिए एक नया क्षितिज और कार्यक्षेत्र खोल दिया है। आध्यात्मिकता चाहने वाले पर्यटकों को काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब जैसे स्थलों की यात्रा करने का अवसर मिलेगा और जो प्राकृतिक विविधता को देखने के इच्छुक हैं वे सुंदरबन और काजीरंगा जैसे स्थलों का अवलोकन करेंगे। यह मार्ग भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से माल ढुलाई के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत करता है। अब इस यात्रा के माध्यम से, पर्यटकों को एक विशाल अनुभवशील यात्रा पर जाने और पूरे मार्ग के साथ भारत व बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का पता लगाने का अवसर मिलता है। उत्तर पूर्व में राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडब्ल्यू) के माध्यम से माल ढुलाई की प्रचुर संभावना है। ये राष्ट्रीय जलमार्ग असम, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों को भी भीतरी इलाकों से जोड़ते हैं और इन राज्यों को भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के माध्यम से मुख्य भूमि भारत और कोलकाता और हल्दिया के समुद्री बंदरगाहों से जोड़ते हैं। अंतर्देशीय जल परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई परियोजनाएं जैसे कि फेयरवे, टर्मिनल और नेविगेशन संबंधी सहायता को उत्तर पूर्व क्षेत्र में आईडब्ल्यूएआई द्वारा पूरा किया गया है और उनमें से कुछ प्रगति पर हैं। वर्ष 2017 में किए गए आईडब्ल्यूएआई के एक आंतरिक अध्ययन के अनुसार, 49 एमएमटीपीए कार्गो उत्तर पूर्व क्षेत्र के भीतर और बाहर तथा ~30 एमएमटीपीए कार्गो उत्तर पूर्व क्षेत्र के भीतर चलता है।

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डॉक्टर सुधीर अटल फिजियोथेरेपी सेवा अवार्ड से सम्मानित

कानपुर 24 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, फिजियो कनेक्ट 3 इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में सम्मानित हुए डॉ सुधीर कुमार द्विवेदी
मानव रचना यूनिवर्सिटी फरीदाबाद में फिजियो कनेक्ट 3 इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ जिसमें कानपुर शहर के माने जाने जिला अस्पताल डफरिन के फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार द्विवेदी को अटल फिजियोथेरेपी सेवा अवार्ड से सम्मानित किया गया साथ में ही डॉक्टर पूजा आनंद डीन (श्री गुरु गोविंद सिंह ट्राईसेंट्री यूनिवर्सिटी गुरुग्राम) का स्पोर्ट्स फिजियोथैरेपिस्ट एवं उनके कार्यों के विषय पर विस्तृत चर्चा हुई जिसको डॉक्टर द्विवेदी ने चेयर पर्सन के रूप में सेशन चेयर किया एवं डॉ पूजा आनंद डीन (एसजीटी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम) को स्मृति चिन्ह अवार्ड के रूप में देकर उनको सम्मानित किया जिसके उपरांत सेशन चेयर पर्सन के रूप में डॉक्टर द्विवेदी को कार्यक्रम के चेयरमैन डॉक्टर सर्वोत्तम चौहान एवं डॉक्टर सौरभ त्यागी ने सम्मान देकर सम्मानित किया फिजियो कनेक्ट 3 के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री और भारी उद्योग भारत सरकार श्री कृष्ण पाल गुर्जर एवं इंटरनेशनल फिटनेस मॉडल मिस जापान मेगुमी साइटों एवं देश के मशहूर शायर अजहर इकबाल ने भी अपनी टीम के साथ आय एवं कांफ्रेंस के चेयरमैन डॉक्टर सर्वोत्तम चौहान ने आए हुए मुख्य अतिथियों के साथ मिलकर डॉक्टर सुधीर कुमार द्विवेदी को अटल फिजियोथैरेपी सेवा अवार्ड से सम्मानित किया कार्यक्रम के चेयरमैन डॉक्टर सर्वोत्तम चौहान ने बताया कि फिजियोथेरेपी आज के जीवन की एक मॉडर्न मेडिसिन है जो कि सब की जरूरत है एडवांस फिजियोथैरेपी &रिहैबिलिटेशन सेंटर के डायरेक्टर डॉ सुधीर कुमार द्विवेदी ने बताया कि फिजियथेरेपी मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि फिटनेस एवं खेलकूद और लाइफस्टाइल का भी अभिन्न अंग है फिजियोथेरेपी आज के समय में आधुनिक होती जा रही है आधुनिक तकनीकों को कांफ्रेंस के जरिए प्रदेश देश के कोने कोने तक पहुंचाने का ही हमारा उद्देश्य है कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि श्री कृष्ण पाल गुर्जर केंद्रीय राज्य मंत्री और भारी उद्योग भारत सरकार ने बताया कि फिजियोथेरेपी का स्तर आज के समय में बहुत ऊपर जा रहा है और यह हर घर की आम जरूरत बनती जा रही है पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी फिजियोथेरेपी और फिजियोथेरेपी के डॉक्टर की काफी सराहना की थी श्री गुर्जर ने बताया कि फिजियोथेरेपी कनेक्ट 3 को द मायरा फाउंडेशन के सौजन्य से आयोजित किया गया है इसके सहयोगी मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च एंड स्टडीज रहे जिसमें करीब 800 प्रतिभागियों ने भाग लिया और इसी के साथ करीब 30 यूनिवर्सिटी ने भी भाग लिया
कांफ्रेंस के चेयरमैन डॉक्टर सर्वोत्तम चौहान को चेयरमैन डॉक्टर सौरभ त्यागी सचिव डॉ नितेश मल्होत्रा डॉक्टर के के शर्मा मानव रचना यूनिवर्सिटी की ओर से एन सी वाधवा डीजीएल खन्ना डॉक्टर रिजवी ने कांफ्रेंस में सभी भागीदारों एवं आयोजन की काफी सराहना की

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सिटिजन फैसिलिटेशन (नगरीय सुविधा केन्द्र) सेन्टर का जिलाधिकारी द्वारा निरीक्षण

कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अन्तर्गत कानपुर नगर निगम मुख्यालय के भूमितल पर बन रहे सिटिजन फैसिलिटेशन (नगरीय सुविधा केन्द्र) सेन्टर का आज जिलाधिकारी श्री विशाख जी0 द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान, श्री शिवशरणप्पा जी.एन. (नगर आयुक्त), श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी (अपर नगर आयुक्त प्रथम), श्री आर.के. सिंह (नोडल अधिकारी, केएससीएल), एस.पी.वी कर्मचारी तथा आई.टी-पी.एम.यू टीम उपस्थित रहे ।

यह सिटीजन फैसिलिटेशन सेन्टर में नगर निगम के माध्यम से प्रदान की जा रही विभिन्न प्रकार की सुविधाओं एवं नागरिकों की समस्याओं के समाधान हेतु जोनवानर/विभागवार अलग-अलग काउन्टर/पटल निर्धारित किये जायेगा एवं आम जन की समस्याओं को इन पटलो के माध्यम से प्राप्त कर निर्धारित समय-सीमा में निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा। प्रत्येक सेवा/समस्या के निस्तारण हेतु समय-सीमा निर्धारित किया जायेगा एवं इस निर्धारित समय-सीमा के तहत समस्या का समाधान व सेवा को प्रदान किया जाना, इन नगर निगम के पटलो द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा।
जिलाधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित निर्देश दिए गए:-
1- सिटीजन फैसिलिटेशन सेन्टर के माध्यम से शिकायतों को प्राप्त किया जाना एवं उसकी प्रोसेसिंग हेतु साफ्टवेयर भी तैयार किया जाए ताकि समस्त प्रकार की अभिलेखों का परीक्षण एवं आख्याओं का प्रेषण भी इस साफ्टवेयर के माध्यम से किया जा सके।
2- अभिलेखों की स्कैनिंग/डिस्पैंच इत्यादि हेतु सिटीजन फैसिलिटेशन सेन्टर के अन्दर ही जोनवार पटल बनाया जाए ताकि प्रतिदिन प्राप्त हो रहे आवेदनों को उसी दिन प्रोसेस किया जा सके।
3- जिन प्रकरणों में प्रमाण पत्र/परमिट इत्यादि निर्गत होना है, उसे निर्धारित समय-सीमा के उपरान्त प्राप्त किये जाने हेतु कलेक्शन काउन्टर भी प्रथक से तैयार किया जाए।

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कानपुर समाचार

कल्याणपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत संदिग्ध परिस्थितियों में युवक ने लगाई फांसी.

पत्नी से विवाद होने के बाद पत्नी अपने मायके चली गई थी जिसके कारण युवक था डिप्रेशन में।

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*ओवरलोडिंग वाहनों से एआरटीओ प्रवर्तन की मोटी डील, तभी तो हजारों वाहनों को राजधानी में घुसने की दे दी गई ढील*

*- एआरटीओ प्रवर्तन की लाखों की अवैध वसूली का शुरू हुआ सिलसिला, किस- किसको कितना- कितना हिस्सा मिला?*

*- सड़क पर उतर कर एआरटीओ प्रवर्तन की टीमें ओवरलोडिंग वाहनों से कर रही डील, फर्राटा मारने की मिली पूरी ढील*

*- गंगा पुल पर चेकिंग के नाम पर एआरटीओ प्रवर्तन की जारी है लूट, ओवरलोडिंग वाहनों को मिली खुली छूट ?

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कानपुर कमिश्नरेट में तैनात पुलिस कर्मियों पर लगे लूट के आरोप

दो दरोगा और एक सिपाही ने लूट की वारदात को दिया अंजाम

पीड़ित की तहरीर पर दरोगा और सिपाही पर सुसंगत धराओं में मुकदमा दर्ज

पुलिस कर्मियों ने पीड़ित से जबरन छीने पांच लाख तीस हजार रुपए

सचेंडी थाना में तैनात है आरोपी दरोगा रोहित

पश्चिम जोन मुख्यालय में तैनात है आरोपी दरोगा यतीस और सिपाही

लूट के आरोपी दरोगा और सिपाही को हिरासत में लिया गया

डीसीपी पश्चिम विजय ढुल ने दी जानकारी

दरोगा रोहित और यतीस समेत सिपाही निलंबित

कानपुर कमिश्नरेट सचेंडी थाना क्षेत्र का मामला

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पर्यावरण संस्कृति एवं संरक्षण में तकनीकी का प्रयोग विषय पर व्याख्यान आयोजित

कानपुर 24 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज द्वारा पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए *पर्यावरण संस्कृति एवं संरक्षण में तकनीकी का प्रयोग* विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा जी ने तथा संचालन डॉ अंजना श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ अनिता निगम ने छात्राओं को अपना व्याख्यान देते हुए उन्हें ‘इको मित्रम’ ऐप डाउनलोड कराया एवम् बीजारोपण का महत्व व संस्कृति तथा पर्यावरण संरक्षण से संबंधित अति महत्वपूर्ण जानकारियां दी। विभागाध्यक्ष, भूगोल , डॉ. संगीता सिरोही ने बताया कि इस अवसर पर एक “इको क्लब” भी बनाया गया जिसमें छात्राओं को “पर्यावरण मित्र” के रूप में नियुक्त किया गया है। आज इस अवसर पर 25 पौधे भी इको क्लब के द्वारा लगाए गए। धन्यवाद प्रस्ताव डॉ शशि बाला सिंह के द्वारा दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर श्वेता, कृष्णेंद्र श्रीवास्तव, आकांक्षा अस्थाना,  रामचंद्र, पारस व शिवनाथ, लक्ष्मी, पूनम और कु. पवित्रा का विशेष योग योगदान रहा। सभी छात्राओं ने सक्रियता के साथ व्याख्यान में भाग लिया।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में विश्व चिंतन दिवस(वर्ल्ड थिंकिंग डे )मना

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज की वैष्णवी रेंजर टीम ने विश्व चिंतन दिवस(वर्ल्ड थिंकिंग डे )मनाया जो कि प्रत्येक वर्ष विश्व भर में 22 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन स्काउटिंग एवं गाइडिंग के संस्थापक ल लॉयड पावेल एवं उनकी बहन लेडी ऑलवे पावेल की जन्मदिवस के रूप में उनकी याद में मनाया जाता है। 2023 इस वर्ष की थीम है “हमारी दुनिया हमारा शांतिपूर्ण भविष्य”। इस समारोह में विशिष्ट अतिथि माननीय श्री संतोष दिक्षित ( लीडर ट्रेनर ) एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर सुमन (लीडर ट्रेनर ) रहे। श्री संतोष दिक्षित जी ने रेंजर्स को प्रत्येक दिन सेवा भाव में कार्य करने के लिए प्रेरित किया एवं उससे होने वाली खरी कमाई को एक नोटबुक में एकत्र कर उसका विश्लेषण करने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया। प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने रेंजर्स को एडवांस कोर्स करने के लिए एवं राज्यपाल और राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए आगे बढ़े और रेंजर्स में सेवा भाव के साथ देश की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ प्रीति पांडे जोकि महाविद्यालय की रेंज टीम की प्रभारी हैं ने पूरे कार्यक्रम को आयोजित एवं संचालित किया एवं उनकी सहयोगी डॉक्टर रोली मिश्रा भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। वर्ल्ड थिंकिंग डे पर भारी संख्या में छात्राएं एवं रेंजर्स उपस्थित रहे और इस समारोह को खुशी और उल्लास के साथ वर्चुअल प्लेटफार्म पर मनाया गया।

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डी जी कॉलेज में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

कानपुर 21 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज में आज सेंचुरी क्लब कोऑर्डिनेटर डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में छात्राओं को अवगत कराया कि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है। UNESCO द्वारा यह दिवस फरवरी, 2000 से प्रतिवर्ष भाषायी और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ही कानपुर विजन @2047 तथा G-20 के अंतर्गत यह दिवस मनाया गया। इस अवसर पर छात्राओं के द्वारा एक भाषण व पोस्टर प्रेजेंटेशन का आयोजन भी किया गया। कु. दीपांशु धीमान ने कहा कि आजादी के 100 सालों में अपने कानपुर में ‘वसुधैव कुटुंबकम्’, ‘सर्वधर्म समभाव’ व ‘विविधता में एकता’ हम सभी का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। डॉ अर्चना दीक्षित ने बताया कि महाविद्यालय में छात्राओं के व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास करने के लिए समय-समय पर राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय दिवस और समसामयिक मुद्दों पर निबंध लेखन, भाषण, संगोष्ठी व सेमिनार, कविता पाठ, रैली आदि का आयोजन इनके व्यापक प्रचार-प्रसार एवम् जन-जागरूकता को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में चीफ प्रॉक्टर प्रो अर्चना श्रीवास्तव, प्रो सुगंधा तिवारी, प्रो वंदना निगम, प्रो अलका श्रीवास्तव, डॉ मंजुला, डॉ अंजना श्रीवास्तव, डॉ स्वेता तथा डॉ कृष्णेंद्र समेत महाविद्यालय की समस्त प्रवक्ताओं व छात्राओं का सराहनीय योगदान रहा।

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बेलगावी (कर्नाटक), शमशाबाद (तेलंगाना), बारामती (महाराष्ट्र), किशनगढ़, अजमेर (राजस्थान), बालेश्वर (ओडिशा), कुरनूल (आंध्र प्रदेश) और ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नए अस्पताल स्थापित करने की घोषणा

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने बेलगावी (कर्नाटक), शमशाबाद (तेलंगाना), बारामती (महाराष्ट्र), किशनगढ़, अजमेर (राजस्थान), बालेश्वर (ओडिशा), कुरनूल (आंध्र प्रदेश) और ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के नए अस्पताल स्थापित करने की घोषण की केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज चंडीगढ़ में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की 190वीं बैठक की अध्यक्षता की। श्रम एवं रोजगार, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली भी इस बैठक में सम्मिलित हुए। कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 190वीं बैठक में श्री यादव ने प्रधानमंत्री मोदी की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए श्रम जीवियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई निर्णयों की घोषणा की।

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कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम ने बैठक के दौरान बेलगावी (कर्नाटक), शमशाबाद (तेलंगाना), बारामती (महाराष्ट्र), किशनगढ़, अजमेर (राजस्थान) और बालेश्वर, (ओडिशा) में 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों, कुरनूल (आंध्र प्रदेश) में 30 बिस्तरों वाला ईएसआई अस्पताल और ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में 350 बिस्तरों वाला कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम अस्पताल की स्थापना के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की।

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इनके अलावा, सिक्किम के रंगपो में नए स्वीकृत 30 बिस्तरों वाले कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम अस्पताल को 100 बिस्तरों वाले अस्पताल में अपग्रेड करने और राज्य से कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम अस्पताल, गुनाडाला, विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) और मैथन, रांची (झारखंड) सरकार का भी अधिग्रहण करने का भी निर्णय लिया गया। कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को बेहतर चिकित्सा देखभाल और सुविधाएं प्रदान करने के लिए नए अधिग्रहीत अस्पतालों को सीधे कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम द्वारा संचालित किया जाएगा।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003S83B.jpgकम आबादी वाले उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, निजी अस्पतालों/औषधालयों/नर्सिंग होम आदि की भारी कमी और पूर्वोत्तर राज्यों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए, कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई निगम ने पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम को ईएसआई योजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना जारी रखने का फैसला किया। उत्तर पूर्वी राज्यों (असम को छोड़कर) के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 से लागू होने वाले अधिकतम सीमा तक का पूरा खर्च कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा वहन किया जाएगा, इसके अलावा, अतिरिक्त वित्तीय सहायता जिसके अंतर्गत राज्य सरकार को 40 लाख रुपये प्रति डिस्पेंसरी (10 लाख रुपये तिमाही) उपलब्ध करायी जाती है, उसे भी शुरू किया जायेगा। यह मानक चिकित्सा देखभाल के अंतर्गत नियमित फंड आवंटन के अलावा एक अतिरिक्त लाभ होगा। यह नए औषधालयों के लिए भी उपलब्ध रहेगा, यदि वे मौजूदा निर्देशों के अनुसार खोले जाते हैं।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने बैठक में कोविड-19 महामारी के दौरान बेरोजगार हुए बीमित श्रमिकों को राहत देने के लिए अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभों को दो और वर्षों के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की।

अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई) आकस्मिक बेरोजगारी में कार्यकर्ता के जीवनकाल में 90 दिनों तक नकद मुआवजे के रूप में एक कल्याणकारी उपाय है।

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श्री भूपेंद्र यादव ने सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 के लागू होने के बाद कर्मचारी राज्य बीमा-ईएसआई योजना के दायरे में आने वाले बीमित श्रमिकों और उनके आश्रितों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी को बहु-आयामी रणनीतियों को अपनाकर चिकित्सा सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आईपी और उनके लाभार्थियों को प्राथमिक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए विस्तार करने का निर्देश दिया।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी ने 31.03.2024 तक कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी अस्पताल और चिकित्सा महाविद्यालय, अलवर (राजस्थान) और बिहटा (बिहार) में आम जनता के लिए मुफ्त चिकित्सा देखभाल सुविधाओं के विस्तार के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी के अंतर्गत दवा/ड्रेसिंग और उपभोग्य सामग्रियों की सुविधा भी उन्हें निःशुल्क प्रदान की जाएगी। इससे आस-पास के क्षेत्रों में लाखों आम जनता परेशानी मुक्त गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल मुफ्त में प्राप्त कर सकेगी।

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इनके अलावा, कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआई निगम के वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमान, वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान और वर्ष 2023-24 के प्रदर्शन बजट पर विचार-विमर्श किया गया और अन्य कार्यसूची मदों के साथ इसे अनुमोदित किया गया।

केंद्रीय श्रम मंत्री की अध्यक्षता में क्षेत्रीय चिकित्सा आयुक्तों, चिकित्सा आयुक्तों, बीमा आयुक्तों और कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी के क्षेत्रीय निदेशकों के साथ एक अलग बैठक में रेफरल प्रणाली में सुधार, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में संसाधनों का अधिकतम उपयोग, पहुंच से बाहर तक पहुंचने जैसे मुद्दे (असंगठित क्षेत्र के श्रमिक) और व्यावसायिक रोगों पर विचार-विमर्श किया गया और कार्रवाई बिंदुओं की पहचान की गई,

बैठक में सुश्री डोला सेन, सांसद, श्री खगेन मुर्मु, सांसद, सचिव, श्रम और रोजगार मंत्रालय, सुश्री आरती आहूजा, और महानिदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ईएसआईसी, डॉ. राजेंद्र कुमार ने भाग लिया। बैठक के दौरान राज्य सरकारों के प्रधान सचिव/सचिव, नियोक्ताओं के प्रतिनिधि, कर्मचारी और चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।

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