Breaking News

रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न का दर्जा मिला

रेल मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न कंपनी का दर्जा हासिल हो गया है।

आरवीएनएल को 24 जनवरी, 2003 को पीएसयू के रूप में निगमित किया गया था, जिसका उद्देश्य फास्ट ट्रैक आधार पर रेलवे के बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के निर्माण और वृद्धि से संबंधित परियोजनाओं का कार्यान्वयन और एसपीवी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों को जुटाना था। निदेशक मंडल की नियुक्ति के साथ 2005 में कंपनी का परिचालन शुरू हुआ था। कंपनी को सितंबर, 2013 में मिनी रत्न का दर्जा दिया गया था। कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 3000 करोड़ रुपये है, जिसकी चुकता शेयर पूंजी 2085 करोड़ रुपये है।

आरवीएनएल को निम्नलिखित काम सौंपे गए हैं :

  1. पूर्ण परियोजना जीवन चक्र को कवर करने वाली परियोजना के विकास और कार्यों का निष्पादन करना।
  2. यदि आवश्यक हो, तो व्यक्तिगत कार्यों के लिए परियोजना केंद्रित एसपीवी बनाना।
  3. आरवीएनएल द्वारा एक रेलवे परियोजना पूरी किए जाने पर, संबंधित क्षेत्रीय रेलवे इसका संचालन और रखरखाव करेगा।

आरवीएनएल को “नवरत्न” का दर्जा मिलने से उसके अधिकार, परिचालन स्वतंत्रता और वित्तीय स्वायत्तता में बढ़ोतरी हो गई है, जिससे आरवीएनएल की प्रगति को पर्याप्त प्रोत्साहन मिलेगा। यह विशेष रूप से इसलिए भी अहम है, क्योंकि आरवीएनएल रेलवे से परे और यहां तक कि विदेश स्थित परियोजनाओं में भी अपना विस्तार कर रही है।

Read More »

पिछले पांच वर्षों के दौरान घरेलू कोयले का उत्पादन लगभग 23 प्रतिशत बढ़ा

वित्त वर्ष 2018-2019 में 728.72 मिलियन टन की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के कुल कोयला उत्पादन में लगभग 22.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 893.08 मिलियन टन का उत्पादन हुआ। प्रतिस्थापन योग्य कोयले के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाना कोयला मंत्रालय की प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षों में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन वित्त वर्ष 2018-2019 में 606.89 मिलियन टन की तुलना में 15.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 703.21 मिलियन टन बढ़ा है। एससीसीएल ने वित्त वर्ष 2018-19 में 64.40 मिलियन टन से 4.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में 67.14 मिलियन टन उत्पादन कर प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है। कैप्टिव और अन्य खदानों ने भी 113.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में 122.72 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 57.43 मिलियन टन था।


कोयला मंत्रालय ने सभी क्षेत्रों की मांग को पूरा करने और ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित कर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए घरेलू कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। कोयला उत्पादन में असाधारण वृद्धि ने देश की ऊर्जा सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त किया है। वित्त वर्ष 2023- 2024 के लिए निर्धारित वार्षिक कोयला उत्पादन का लक्ष्य 1012 मिलियन टन है। इसके अलावा, कोयला मंत्रालय पर्यावरण संरक्षण, संसाधन संरक्षण, सामाजिक कल्याण और हमारे वनों और जैव विविधता को संरक्षित करने के उपायों पर जोर देकर कोयला उत्पादन के साथ सतत विकास को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से कार्यरत है।  मंत्रालय ने खानों में कोयले के सड़क से ढुलाई को समाप्त करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एक रणनीति तैयार की है और ‘फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी’ परियोजनाओं के तहत मशीनीकृत कोयला ढुलाई और लोडिंग सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए कदम

Read More »

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के 4400 कर्मियों के नियमितीकरण पर नियुक्ति पत्र वितरित किए और विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया

अमित शाह ने विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना, केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने फैसले लेने की अपनी क्षमता के कारण कई क्षेत्रों में अनिश्चितताओं का अंत करने में सफलता प्राप्त की है और उसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण आज का ये कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि देश का हर बुज़ुर्ग, बच्चा और युवा यही कहता है कि मोदी है तो मुमकिन है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं भारत सरकार के हर मंत्रालय में नौकरी की शर्तों और भर्ती के नियमों में समयानुकूल बदलावों पर बहुत थ्रस्ट दिया है और उसी का नतीजा है कि आज एक मायने में सिर्फ 4400 कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि आने वाले समय में कई कर्मचारियों के लिए भी सुविधा देने का काम मोदी जी ने किया है।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी जी के इस निर्णय के कारण आज समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को गौरव, सम्मान और भविष्य की सुनिश्चितता भी प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में आज जब भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है, उस वक्त आपका बढ़ा हुआ उत्साह दिल्ली को संवारने में बहुत काम आएगा। श्री शाह ने कहा कि NDMC का क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां देश की नीतियों का निर्धारण होता है, विदेशी मेहमान आते हैं और पूरे विश्व में भारत के संदेश और सुगंध को फैलाने के लिए ये क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि NDMC के 43 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लाखों लोगों के लिए मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना एनडीएमसी के ज़िम्मेदारी है।

अमित शाह ने कहा कि NDMC का काम देशभर की अपनी समकक्ष इकाईयों में सबसे अच्छा माना जाता है और AA+ क्रेडिट रेटिंग के साथ आर्थिक रूप से भी NDMC आत्मनिर्भर है। इसका विकास मिनिमम इकोलॉजिकल इम्पैक्ट के साथ करने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि NDMC की 13,000 कर्मयोगियों की इस टीम में 4400 लोग आज अधिकृत रूप से जुड़ गए हैं, उससे ये परिवार बड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इन 4400 कर्मयोगियों का परिचय नाम से अधिक काम से होता है। चाहे सफाई हो, क्षेत्र को हरा-भरा बनाना हो, निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई हो, हर वाहवाही के मूल में इन 4400 कर्मयोगियों का पसीना और एनडीएमसी के प्रति इनकी निष्ठा और मेहनत दिखाई देते है। उन्होंने कहा कि अब तक इन लोगों को अपनी मेहनत से नाम मिला था लेकिन आज मोदी जी ने इन्हें नाम के साथ सम्मान और सुरक्षा भी दी है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भर्ती के नियमों में ज़रूरी बदलाव करने और इन लोगों को रेग्युलर करने में आ रही एडमिनिस्ट्रेटिव बाधाओं को दूर करने में गृह मंत्रालय के अधिकारियों और DoPT ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि लगभग 900 अतिरिक्त पद सृजित किए गए जिसके बाद 4400 लोगों को नियमित किया जा सका है। उन्होंने कहा कि नियमित होने के बाद औसतन 32000 रूपए का वेतन सुनिश्चित हो जाएगा और कुछ लोगों को इससे ऊपर का लेवल भी मिलेगा, एनडीएमसी की कैशलैस स्वास्थ्य योजना, एलटीसी, पदोन्नति के अवसर और एनडीएमसी के सरकारी मकानों पर भी इनका अधिकार सुनिश्चित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ये सभी लोग इन सुविधाओं के हकदार काफी पहले से थे लेकिन मोदी जी के इस फैसले के कारण इन्हें अपना हक आज मिल रहा है। अमित शाह ने कहा कि आज पुष्प विहार हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में 120 नए फ्लैट्स का भी लोकार्पण हो रहा है। इसके अलावा रंजीत सिंह फ्लाईओवर और सफदरजंग फ्लाईओवर का अपग्रेडेशन और सौंदर्यीकरण भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी कई क्षेत्रों में विकास की नींव डालने वाले व्यक्ति हैं। श्री शाह ने कहा कि 2014 से पहले अर्बन डेवलपमेंट के क्षेत्र में सरकार की कोई नीति ही नहीं थी, लेकिन 2014 के बाद मोदी जी ने हर क्षेत्र में विकास करने के लिए आगे बढ़कर ज़िम्मेदारी उठाई और विस्तृत, परिणामलक्षी और एकीकृत अर्बन डेवलपमेंट की नीति बनाई, जो 5 स्तंभों पर आधारित है, जिसके तहत शहर के गवर्नेंस को सुधारने का बीड़ा उठाया, ई-गवर्नेंस, स्मार्ट सिटी मिशन, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और सीसीटीवी नेटवर्क के माध्यम से शहर के शासन को सुधारने का काम किया। इसके साथ ही शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी कई योजनाओं के अंतर्गत भारत सरकार ने कई बदलाव किए, जैसे, अमृत मिशन, रेरा कानून, मेट्रो के जाल और इलेक्ट्रिक बसों से शहरों के इन्फ्रास्ट्रक्चर और वातावरण में बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि शहर की स्वच्छता पर भी ध्यान दिया गया, ग्रीन एनर्जी, स्वच्छ भारत अभियान और पब्लिक शौचालयों का निर्माण, क्लीन एनर्जी, सोलर रूफटॉप और एलईडी लाइट्स के माध्यम से शहर की स्वच्छता को अड्रेस करने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया। श्री शाह ने कहा कि शहरी गरीबों के कल्याण के लिए लगभग 1 करोड़ 50 लाख शहरी गरीबों के लिए घर बनाने का काम किया, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया और डिजिटल लेनदेन के माध्यम से उन्हें आसानी से बैंकिंग सुविधा मिल सके, इस प्रकार का काम किया और राज्यों और शहरों के बीच एक स्वस्थ स्पर्धा बढ़ाने का काम भी किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी जी की परिणामदायी शहरी विकास की नीति के कारण आज देश के शहर बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में एनडीएमसी को और मज़बूत करना है, सेवाओं को स्पेसिफिक और विस्तृत बनाना है और स्वच्छता को परम धर्म मानकर पूरे एनडीएमसी क्षेत्र में स्वच्छता के संस्कार को रोपित करना है। श्री शाह ने कहा कि आज मोदी जी के एक महत्वपूर्ण निर्णय के कारण 4400 कर्मचारियों के जीवन में उत्साह, उमंग और नई आशा की किरण आई है।

 

Read More »

पूर्वोत्तर का विकास भारत की विकास गाथा का अभिन्न अंग है- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को ‘लुक ईस्ट’ नीति से अपग्रेड करके पूर्वोत्तर क्षेत्र को गति दी गई है और इसके समग्र विकास के लिए रास्ता बनाया है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर का विकास भारत की विकास गाथा का अभिन्न अंग है। उपराष्ट्रपति के रूप में मणिपुर राज्य की अपनी पहली यात्रा पर श्री धनखड़ ने धनमंजुरी विश्वविद्यालय, मणिपुर और बाद में मणिपुर विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। धनमंजुरी विश्वविद्यालय में बोलते हुए, श्री धनखड़ ने उन्नत रेल कनेक्टिविटी, हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि, अन्य पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की संस्कृति, विविधता, नृत्य और प्राकृतिक वनस्पति दुनिया में अद्वितीय हैं। उन्होंने कहा कि वह मणिपुरी लोगों की गर्मजोशी और आतिथ्य से प्रभावित हुए हैं और इससे स्पष्ट तौर पर पता चलता है कि राज्य का खुशी सूचकांक वास्तव में उच्च है।

छात्रों को 2047 के अगुआ बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को न केवल बड़े सपने देखने चाहिए बल्कि उन्हें वास्तविकता बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्हें विकास के अवसरों का उपयोग करना चाहिए और नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी सृजक बनना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक नीति- 2020 एक दूरदर्शी दस्तावेज और एक गेम चेंजर है क्योंकि यह कल्पना करता है कि शिक्षा को एक डिग्री तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि कौशल में सुधार और मूल्यों को स्थापित करना चाहिए।

मणिपुर विश्वविद्यालय में उपराष्ट्रपति

मणिपुर विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें विभिन्न विचारों के साथ प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि ‘डर नवाचार के लिए सबसे घातक’ है। उन्होंने इच्छा जताई कि सभी बच्चे अपने सपनों को साकार करें।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भारत के विकास को देख रही है, जो इसके फलते-फूलते स्टार्टअप इकोसिस्टम के जरिए सबके सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसी जगह के रूप में देखा जा रहा है जहां अवसरों की भरमार है। दुनिया में हर निवेशक भारत के समृद्ध मानव संसाधन और तेजी से पारदर्शी होती सरकारी प्रक्रियाओं के कारण भारत पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने छात्रों से राष्ट्र को हमेशा पहले रखने और इसकी उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान किया।

मणिपुर की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके, मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बिरेन सिंह, भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री विदेश एवं शिक्षा डॉ. राजकुमार रंजन सिंह, मणिपुर के शिक्षा मंत्री श्री बसंत सिंह, धनमंजुरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. राजमुहोन सिंह, मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन लोकेंद्र सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति इन कार्यक्रमों में उपस्थित थे।

Read More »

मप्र में पत्रकार पर किये गये कातिलाना हमले पर प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया ने लिया संज्ञान

मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, जिला अधिकारी रायसेन, डीजीपी मध्य प्रदेश और पुलिस अधीक्षक रायसेन से दो हफ्ते के अन्दर मांगा जवाब
भोपाल/कानपुर। मप्र के जिलेे के मंडीदीप थाना क्षेत्र में पत्रकार व उसके परिजनों पर दबंगों द्वारा किये कातिलाना हमले के मामले को प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया ने संज्ञान लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात को रायसेन जिला अन्तर्गत औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप निवासी पत्रकार अरविन्द सिंह जादौन और उनके परिवार के ऊपर दबंगों द्वारा लाठी डंडों और छूरी चाकू से कातिलाना हमला किया गया जिसमें उनको और परिजनों को गम्भीर रूप से चोटें आई हैं और सभी अस्पताल में भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है।
सूत्रों द्वारा यह भी पता चला है कि नगरपालिका चुनाव से सम्बन्धित प्रत्याशी नारायण साहू के भ्रष्टाचार आदि से जुड़ी खबरों का प्रकाशन उनके द्वारा किया गया था जिसके चलते अरविन्द सिंह जादौन उनके परिजनों पर नारायण साहू व उसके समर्थकों द्वारा कातिलाना हमला किया गया है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर कोई पत्रकार किसी के विरोध में खबर लिखता है तो क्या हमला करना ही एक विकल्प है? कानून व्यवस्था का कोई मतलब नहीं रह गया ? सवाल यह भी उठता है कि क्या शासन की लचर कानून व्यवस्था के चलते ही अपराधियों एवम माफियाओं के हौसलें लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। सुशासन की डींगे हांकने वालों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है क्या ?
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्याम सिंह पंवार की जानकारी में जैसे ही मामला सामने आया तत्काल ही उन्होंने प्रेस काउंसिल के संबंधित अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करवाया।
मामले से अवगत होते ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, जिला अधिकारी रायसेन, डीजीपी मध्य प्रदेश और पुलिस अधीक्षक रायसेन से दो हफ्ते के अन्दर जवाब मांगा है।

Read More »

भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधानसभा के लिए चल रहे आम चुनाव में प्रचार-प्रसार के गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए सभी स्टार प्रचारकों, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक दलों के लिए चेतावनी जारी की

भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधान सभा में चल रहे आम चुनाव के दौरान अभियान के स्तर में गिरावट को गंभीरता से लेते हुए सभी राष्ट्रीय और राज्य के दलों और उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान अपने बयानों में सावधानी और संयम बरतने और चुनाव के माहौल को खराब न करने की सलाह जारी की है। आयोग का ध्यान हाल ही में व्यक्तियों द्वारा, विशेष रूप से स्टार प्रचारक के रूप में वैधानिक दर्जा वाले लोगों द्वारा चल रहे अभियान के दौरान उपयोग की जाने वाली अनुचित शब्दावली और बोली के मामलों की ओर दिलाया गया है। इस तरह के मामलों ने विभिन्न शिकायतों, एक दूसरे के प्रति शिकायतों को जन्म दिया है और नकारात्मक मीडिया का ध्यान भी आकर्षित किया है।

उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, सभी राजनीतिक दलों को सख्त अनुपालन के लिए जारी की गई एक चेतावनी में, आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय दलों और स्टार प्रचारकों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के भीतर अतिरिक्त सक्षमता का अधिकार मिलता है। चेतावनी में कहा गया है, “सभी पार्टियों और हितधारकों के लिए चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता और उनके बयानों में कानूनी ढांचे के दायरे में रहना अनिवार्य है ताकि राजनीतिक संवाद की गरिमा को बनाए रखा जा सके और चुनावी अभियान के माहौल को खराब न किया जा सके।” इस प्रकार उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे “मुद्दे” पर आधारित बहस के स्तर को बनाए रखने और बढ़ाने में योगदान दें, अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करें, स्थानीय संवाद को गहराई प्रदान करें और निर्वाचकों के सभी वर्गों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में पूरी तरह से और निडर होकर भाग लेने के लिए आश्वस्त करें। ”

चेतावनी में, भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों का ध्यान आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और अन्य वैधानिक प्रावधानों की ओर आकृष्ट किया है जो क्षेत्र में सक्रिय हैं और अपेक्षित अभियान भाषण की रूपरेखा तय करते हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने नोट किया कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के अनुसार, उकसावा और भड़काऊ बयानों का उपयोग, शालीनता की सीमा का उल्लंघन करने वाली असंयमित और अपमानजनक भाषा का उपयोग और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के व्यक्तिगत चरित्र और आचरण पर हमले से सबके लिए समान अवसर की परंपरा को दूषित करते हैं। आदर्श आचार संहिता की भावना केवल प्रत्यक्ष उल्लंघन से बचना नहीं है, बल्कि यह विचारोत्तेजक या अप्रत्यक्ष बयानों या आक्षेपों के माध्यम से निर्वाचन के माहौल को दूषित करने के प्रयासों पर भी रोक लगाती है।

आदर्श आचार संहिता (एमसीसीके प्रावधान:

(ए) खंड 3.8.2 (ii) में कहा गया है, “किसी को भी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए या ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जो किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन पर हमला करने के लिए हो या ऐसे बयान , जो दुर्भावनापूर्ण या शालीनता और नैतिकता को ठेस पहुंचा सकता है।”

(बी) खंड 4.3.1 में कहा गया है, “राजनीतिक दल और उम्मीदवार निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना से दूर रहेंगे, जो अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़ा नहीं है। इसमें यह भी प्रावधान है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है या आपसी नफरत पैदा कर सकती है या तनाव पैदा कर सकती है।”

(सी) खंड 4.3.2 में बताया गया है, “चुनाव अभियान के उच्च स्तर को बनाए रखें।”

(डी) खंड 4.3.2 (ii) में कहा गया है, “निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक खुलासों के उत्तरोत्तर गिरते स्तर पर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए, राजनीतिक दलों को नोटिस दिया कि आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन उनके खिलाफ कार्रवाई को आमंत्रित कर सकता है।”

(ई) खंड 4.4.2 (बी) (iii) में कहा गया है, “कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी घृणा पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई के बीच तनाव पैदा कर सकता है।”

(एफ) खंड 4.4.2 (बी) (वी) में कहा गया है, “अन्य पार्टियों या उनके कार्यकर्ताओं की असत्यापित आरोपों या विकृतियों के आधार पर आलोचना नहीं की जाएगी।”

आईपीसी के प्रावधान

(ए) आईपीसी की धारा 171 जी- “एक चुनाव के संबंध में झूठा बयान।”

(बी) आईपीसी की धारा 499 में कहा गया है कि “मानहानि। जो कोई भी, बोले गए या पढ़े जाने के लिए आशयित शब्दों द्वारा, या संकेतों द्वारा या दृश्य अभ्यावेदन द्वारा किसी भी व्यक्ति के संबंध में कोई लांछन बनाता या प्रकाशित करता है, जो किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता है या जानता है या यह मानने का कारण है कि इस तरह के लांछन से ऐसे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा, इसके बाद उस व्यक्ति को बदनाम करने की संभावना के मामलों को छोड़कर कहा जाता है।

(सी) धारा 500 आईपीसी में कहा गया है कि “मानहानि के लिए सजा- जो कोई भी दूसरे को बदनाम करता है, उसे साधारण कारावास से दंडित किया जाएगा जो दो साल तक बढ़ सकता है, या जुर्माना, या दोनों के साथ।”

(डी) आईपीसी की धारा 504 – “जो कोई भी जानबूझकर अपमान करता है, और इस तरह किसी भी व्यक्ति को उकसाता है, यह इरादा या यह जानने की संभावना है कि इस तरह के उकसावे से सार्वजनिक शांति भंग होगी, या कोई अन्य अपराध होगा, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।”

आयोग, सभी हितधारकों, विशेष रूप से, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के सहयोग और परामर्श से, सभी हितधारकों को प्रचार के दौरान राजनीतिक संवाद के स्तर को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों में लगाया गया है, जो दुनिया भर में भारतीय लोकतंत्र की व्यापक प्रशंसा और प्रतिष्ठा के अनुरूप है।

आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस चेतावनी का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें और इसका अनुपालन न करने पर मौजूदा नियामक और कानूनी ढांचे के अनुसार उचित कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।

Read More »

एनटीपीसी ने कैप्टिव माइन्स से कोयला उत्पादन में 148 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, अप्रैल, 2023 के दौरान 2.95 एमएमटी का ये उत्पादन अब तक का सबसे अधिक मासिक उत्पादन है

भारत के सबसे बड़े एकीकृत बिजली उत्पादक एनटीपीसी लिमिटेड ने अप्रैल, 2023 में अपनी कैप्टिव खदानों से पिछले साल अप्रैल में दर्ज उत्पादन की तुलना में 148 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। एनटीपीसी ने अप्रैल 2023 के महीने के दौरान 2.75 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कोयला उत्पादन दर्ज किया, जबकि अप्रैल 2022 के महीने में ये उत्पादन 1.11 एमएमटी रिकॉर्ड किया गया था।

भारत के सबसे बड़े बिजली उत्पादक ने अप्रैल 2023 में 2.95 एमएमटी का सबसे ज्यादा मासिक कोयला उतपादन हासिल किया, अप्रैल 2022 के महीने में 1.23 एमएमटी के कोयला निकालने की मात्रा में 140 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कीअपनी चार परिचालन कोयला खदानों-एनटीपीसी पकरी-बरवाडीह (झारखंड), एनटीपीसी चट्टी बरियातु (झारखंड), एनटीपीसी दुलंगा (ओडिशा) और एनटीपीसी तलाईपल्ली (छत्तीसगढ़)

से एनटीपीसी ने वित्त वर्ष 2023 में 23.2 मिलियन टन का कोयला उत्पादन दर्ज किया, जो एक साल पहले 14.02 मिलियन टन के मुकाबले 65 प्रतिशत अधिक है।
कोयला खनन टीमों द्वारा डिजिटलीकरण की पहल ने खनन कार्यों को करने में उत्कृष्टता बढ़ाने में मदद की है। बेहतर प्रक्रियाओं ने खनन कार्यों में सुरक्षा बढ़ाने में सहायता की और ई-एसएमपी,जो कि एक डिजिटल सुरक्षा प्रबंधन योजना है,तथा सुरक्षा के लिए बनाए गए मोबाइल ऐप, सचेतन को अपनाने में भी पहल की है।
एनटीपीसी समूह की स्थापित क्षमता 71,644 मेगावाट है।

Read More »

भारत और इजराइल इनोवेशन और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाएंगे और गहन द्विपक्षीय सहयोग के एक नए चरण की शुरुआत करेंगे-केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

भारत और इजराइल इनोवेशन और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाएंगे और गहन द्विपक्षीय सहयोग के एक नए चरण की शुरुआत करेंगे। यह बात आज यहां केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान, एमओएस पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ. जितेंद्र सिंह ने इजरायल के रक्षा मंत्रालय के डीडीआर एंड डी के प्रमुख डॉ. डेनियल गोल्ड के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय इज़राइल प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां मुलाकात के दौरान कही।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image004RRFY.jpg

इस अवसर पर, भारत और इजराइल ने एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन, सिविल, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग, इकोसिस्टम, पर्यावरण, पृथ्वी और महासागर विज्ञान और जल, खनन, खनिज, धातु और सामग्री, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, ऊर्जा (पारंपरिक और गैर-पारंपरिक) और ऊर्जा उपकरण, कृषि, पोषण और बायोटेक और हेल्थकेयर जैसे कई प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए औद्योगिक अनुसंधान और विकास सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

नई दिल्ली के सीएसआईआर-विज्ञान केंद्र में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में सीएसआईआर और रक्षा अनुसंधान और विकास निदेशालय (डीडीआर एंड डी), इजराइल के रक्षा मंत्रालय के बीच बहु-क्षेत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने समझौते पर हस्ताक्षर का स्वागत करते हुए कहा कि 2023 देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। यह वह वर्ष भी है जब भारत और इजराइल सफल राजनयिक संबंधों के 30 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे आशावान हैं कि यह समझौता नवाचार, प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों में भारत-इजरायल साझेदारी में एक नया चरण खोलेगा।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image002SWGZ.jpg

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत-इजराइल न केवल द्विपक्षीय साझेदार हैं, बल्कि जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा क्षेत्रों में संयुक्त निवेश और नई पहलों के माध्यम से हमारी दुनिया के सामने मौजूद कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान भारत, इज़राइल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका के समूह- “आई2यू2” के माध्यम से करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार जमीनी स्तर पर कार्रवाई करने के लिए आवश्यक नीति और बजटीय सहायता प्रदान करके हमारे देश में एस एंड टी विकास और हैंडहोल्डिंग स्टार्ट-अप इनोवेशन को बढ़ावा दे रही है। विज्ञान और तकनीक हमेशा से भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय विज्ञान को विशेष रूप से उभरते परिदृश्य और प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था में वृद्धि और विकास के सबसे शक्तिशाली उपकरणों में से एक माना जाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष, स्वास्थ्य, खाद्य, कृषि, ऊर्जा, एयरोस्पेस, स्मार्ट सिटीज, पर्यावरण, बुनियादी ढांचा, सामग्री आदि और सतत विकास हमारी वर्तमान सरकार के प्रमुख स्तंभ और केंद्रित क्षेत्र हैं।

इजरायल के रक्षा मंत्रालय के डीडीआर एंड डी के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. डेनियल गोल्ड ने कहा कि यह देखकर खुशी हो रही है कि, 2022-23 में, भारत और इजरायल ने सफल राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे होने का जश्न मनाया। उन्होंने कहा कि भारत और इजरायल बहुत अच्छे दोस्त हैं और उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग करने की बहुत संभावनाएं हैं।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003EMNC.jpg

केंद्रीय मंत्री को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारत और इज़राइल के पास जल, कृषि, आतंकवाद का मुकाबला और रक्षा सहित सभी सहयोग क्षेत्रों में द्विपक्षीय परामर्श तंत्र हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा विशेष रूप से इजरायल के साथ सहयोग की प्राथमिकता रही है और नवंबर 2021 में, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और डीडीआरएंडडी ने दोहरे उपयोग वाली तकनीकों के विकास के लिए दोनों देशों के स्टार्टअप और एमएसएमई में नवाचार को बढ़ावा देने और त्वरित आरएंडडी को बढ़ावा देने के लिए एक द्विपक्षीय नवाचार समझौते  पर हस्ताक्षर किए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विशेष रूप से प्रौद्योगिकी विकास और कार्यान्वयन के लिए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना आवश्यक है। सीएसआईआर औद्योगिक अनुसंधान और विकास पर अपने मजबूत ध्यान के साथ, एक दूसरे के घरेलू औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करने के साथ-साथ उनके संयुक्त विकास को अन्य देश तक भी आगे ले जाने के लिए अपने इजरायली समकक्षों के साथ काम कर सकता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि हेल्थकेयर में संयुक्त गतिविधियां पहले ही शुरू हो चुकी हैं, और एयरोस्पेस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, लेजर, ग्रीन हाइड्रोजन, इंस्ट्रुमेंटेशन और पानी जैसे अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आगे की राह बनाई गई है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने रिश्ते को मजबूत करने के प्रयासों के लिए डीजी, सीएसआईआर और प्रमुख डीडीआरएंडडी को बधाई दी।

Read More »

रक्षा मंत्री ने अपनी यात्रा के दूसरे दिन मालदीव को एक तेज गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट आक्रमण जहाज सौंपा

मालदीव की अपनी 3 दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 02 मई, 2023 को मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) को एक तेज गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट आक्रमण जहाज सौंपा। फास्ट पेट्रोल वेसल उच्च गति पर तटीय और अपतटीय निगरानी में सक्षम है और उसे एमएनडीएफ के तट रक्षक जहाज ‘हुरवी’ के रूप में कमीशन किया गया। इस अवसर पर मालदीव के राष्ट्रपति श्री इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और रक्षा मंत्री सुश्री मारिया अहमद दीदी उपस्थित थे।2.jpg

इस अवसर पर बोलते हुए, श्री राजनाथ सिंह ने समझाया कि दोनों ‘मेड इन इंडिया’ प्लेटफार्मों का सौंपा जाना हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में शांति और सुरक्षा के प्रति भारत और मालदीव की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत ने एक मजबूत रक्षा इकोसिस्‍टम के माध्यम से भागीदार देशों की क्षमता निर्माण को और ज्यादा समर्थन देने के लिए अपनी विनिर्माण क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि की है। रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत हाल के वर्षों में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है। एक रक्षा निर्माण इकोसिस्‍टम बनाया गया है जिसे प्रचुर मात्रा में तकनीकी मानवशक्ति का लाभ मिला है। हम न केवल अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए, बल्कि निर्यात के लिए भी विश्व स्तरीय उपकरणों का उत्पादन करते हैं। भारत मैत्रीपूर्ण देशों को एक बेहतर रक्षा साझेदारी प्रदान करता है, जो उनकी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और क्षमताओं के अनुरूप है। हम सहजीवी संबंध बनाना चाहते हैं जहां हम एक-दूसरे से सीख सकें, एक साथ बढ़ सकें और सभी के लिए विजय की स्थिति का निर्माण कर सकें। मालदीव को समर्थन देने की भारत की प्रतिबद्धता समय के साथ और मजबूत होती जाएगी।”

मालदीव के साथ भारत के मजबूत रक्षा सहयोग पर, श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आपसी संबंध ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की दो नीतियों पर आधारित हैं। उन्होंने जून 2019 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की मालदीव की यात्रा को याद किया, जिसके दौरान उन्होंने जोर देकर कहा था कि “‘पड़ोसी प्रथम’ हमारी प्राथमिकता है और पड़ोस में, ‘मालदीव प्राथमिकता है’।”3.jpg

रक्षा मंत्री ने क्षेत्र के समक्ष मौजूद आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हिंद महासागर हमारा साझा क्षेत्र है। क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की प्राथमिक जिम्मेदारी उन लोगों की है जो इस क्षेत्र में रहते हैं। एक क्षेत्र की शांति और सुरक्षा क्षेत्रीय शक्तियों के सहयोग और सहकार से सबसे अच्छी तरह से सुनिश्चित होती है।”

राजनाथ सिंह ने ध्यान दिलाया कि हिंद महासागर क्षेत्र द्वारा सामना की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण आम चुनौती संसाधनों का सतत समुपयोग और जलवायु परिवर्तन को बताया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सहयोगी प्रयासों का आह्वान किया कि हिंद महासागर का समुद्री विस्तार शांतिपूर्ण है और संसाधनों का क्षेत्रीय समृद्धि के लिए इष्टतम उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि समुद्री संसाधनों का सतत समुपयोग हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रों के निरंतर वृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है।

जलवायु परिवर्तन पर रक्षा मंत्री ने कहा कि इसका समुद्री पर्यावरण पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है और इसके प्रभाव राष्ट्रीय और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में चुनौतियां पैदा कर सकते हैं। यह इंगित करते हुए कि मालदीव विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन की अनियमितताओं से जुड़ी असुरक्षितता का सामना करता है, उन्होंने अनुकूलन और शमन के लिए अपने पड़ोसी देशों के साथ काम करने की भारत की इच्छा पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत पिछले कई वर्षों में इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) आवश्यकताओं में प्रमुखता से मदद पहुंचता रहा है। हम सहयोगी संबंधों से एक दूसरे की विशेषज्ञता का निर्माण करने के लिए तत्पर हैं।”

इससे पहले दिन में,  राजनाथ सिंह ने मालदीव के राष्ट्रपति श्री इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से मुलाकात की। इस दौरान, चल रही परियोजनाओं और रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई। मालदीव के राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में मालदीव को भारत की निरंतर सहायता और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह राष्ट्र के लिए नई दिल्ली के विशेष सम्मान का एक वसीयतनामा है। उन्होंने इस संबंध को मजबूत करने की दिशा में मालदीव की प्रतिबद्धता से भी अवगत कराया। रक्षा मंत्री ने मालदीव में भारत द्वारा शुरू की गई विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की प्रगति के बारे में बात की और निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

राजनाथ सिंह 01 मई, 2023 को माले पहुंचे। अपने कार्यक्रमों के पहले दिन उन्होंने मालदीव के अपने समकक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री  अब्दुल्ला शाहिद के साथ बातचीत की।

Read More »

डीआरडीओ और भारतीय नौसेना ने गोवा तट पर आईएल-38एसडी विमान से स्वदेशी एयर ड्रॉपेबल कंटेनर ‘एडीसी-150’ का पहला सफल परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने 27 अप्रैल, 2023 को गोवा के तट से आईएल 38एसडी विमान से ‘एडीसी-150’ का सफल पहला परीक्षण परीक्षण किया। ‘ एडीसी -150’ स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया 150 किलो पेलोड क्षमता वाला एयर ड्रॉपेबल कंटेनर है। इसका परीक्षण समुद्री तट से 2,000 किमी से अधिक की दूरी पर तैनात जहाजों को संकट के क्षणों में महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग स्टोर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए नौसेना परिचालन रसद क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किया गया है। इससे पुर्जों और भंडार को प्राप्त करने के लिए जहाजों को तट के करीब आने की आवश्यकता को कम किया जा सकेगा।

‘एडीसी-150’ कंटेनर का निर्माण डीआरडीओ की तीन प्रयोगशालाओं- नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम; एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (एडीआरडीई), आगरा और वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई), बेंगलुरु द्वारा किया गया हैं। सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस एंड सर्टिफिकेशन (सीईएमआईएलएसी), बेंगलुरु के नेतृत्व में रीजनल सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थनेस (आरसीएमए), कानपुर द्वारा इसे महत्वपूर्ण उड़ान निकासी प्रमाणन प्रदान किया गया।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने एडीसी-150 के सफल परीक्षण के लिए वैज्ञानिकों और भारतीय नौसेना को बधाई दी है।

Read More »