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आईएनएस तबर की अभियानगत तैनाती

मित्र देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने की दिशा में भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस तबर को 13 जून, 2021 से तीन महीने से अधिक समय तक अंतरराष्ट्रीय जल के लिए तैनात किया गया था। तैनाती के दौरान उसने यूरोप और अफ्रीका के नौ देशों में लगभग 20,000 नॉटिकल मील समुद्री यात्रा करते हुए 11 पोर्ट कॉल किए। सभी बंदरगाहों पर स्थानीय अधिकारियों ने जहाज का गर्मजोशी से स्वागत किया और कई स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने इसका दौरा किया।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Pix(1)CS9G.jpeg

जहाज की बंदरगाह यात्राओं में मेजबान देशों के साथ विभिन्न सामाजिक और व्यावसायिक बातचीत हुई। जहाज ने समुद्र में विदेशी नौसेनाओं के साथ बारह समुद्री साझेदारी अभ्यास भी किए। इनमें रॉयल नेवी के साथ एक्सरसाइज कोंकण 21 और रूसी नौसेना के साथ एक्सरसाइज इंद्र-नेवी 21 जैसे प्रमुख द्विपक्षीय अभ्यास भी शामिल थे। इन अभ्यासों में विविध प्रकार के नौसैनिक अभियानों को शामिल करते हुए व्यापक और बहु-आयामी विकास शामिल थे। माना जाता है कि अभ्यासों ने भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता में वृद्धि की है और आवश्यकता पड़ने पर साझा समुद्री चिंताओं और खतरों को दूर करने के लिए वे आसानी से काम कर सकते हैं। इनमें से कुछ अभ्यास जैसे कि रॉयल नॉर्वेजियन नौसेनाअल्जीरियाई नौसेना और सूडानी नौसेना के साथ-पहली बार हुए थे ।

आईएनएस तबर ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में रूसी नौसेना की 325वीं वर्षगांठ समारोह में भी भाग लिया, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस अभियानगत तैनाती के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद आईएनएस तबर को अब एडन की खाड़ी और फारस की खाड़ी में गश्त के लिए तैनात किया गया है।

कैप्टन महेश मंगीपुडी द्वारा कमांड किए जाने वाला आईएनएस तबर एक स्टील्थ फ्रिगेट है और इसमें 300 कर्मियों का दल है। पश्चिमी बेड़े से संबंधित इस जहाज़ ने पहले एडन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी ऑपरेशन में भाग लिया था।

 

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रूढ़ियां

आज मैं कुछ जल्दी ही घर आ गई थी। बरसात का मौसम था और मौसम में घनी बदली छाई हुई थी। हवा के झोंके रह-रहकर मेरे गालों को सहला जाते थे। इस वक्त मुझे चाय की बड़ी तलब लगी हुई थी तो अपने लिए चाय बना कर मैं फिर से बालकनी में आ गई। मैं इन पलों को खोना नहीं चाहती थी। मैं बाहर भागते हुए ट्रैफिक को देख रही थी, कभी किसी को एक दूसरे से उलझते हुए देख रही थी तो कभी यूं ही नजरें इधरउधर घुमा लेती। मुझे अचानक अपनी कमर पर दो हाथ घेरते हुए से महसूस हुए। सोनू ने बाहों में जकड़ कर कहा, “क्या बात है! आज बड़ी फुर्सत में हो”।
मैं:- “अरे तुम! हां आज जल्दी फ्री हो गई तो घर आ गई। तुम कैसे जल्दी आ गए।”
सोनू:- “तुम्हारे सेंटर पर फोन किया था तो पता चला कि तुम घर चली गई हो तो मैं तुम्हें सरप्राइज करने के लिए आ गया।”
मैं:- “रुको, मैं तुम्हारे लिए चाय लेकर आती हूं।”
सोनू:-  “चाय के साथ में कुछ नमकीन भी प्लीज।”
मैं:- “भुक्खड़”!
सोनू:- “चाय के साथ कुछ मीठा वगैरह भी लेती आना।”
मैं:- “चाय के साथ कोई मीठा भी खाता है क्या? नहीं है मीठा” और मैं चाय लेने चली गई। चाय के साथ मठरी चवाड़ा लेकर बालकनी में आ गई।
सोनू:- “तुम्हारी क्लास और बच्चे कैसे चल रहे है मतलब कि तुम्हारा सेंटर कैसा चल रहा है”।
मैं:- “बस ठीक ही चल रहा है। ऑफलाइन तो कुछ ऑनलाइन काम करना पड़ रहा है। नेटवर्क प्रॉब्लम तो है ही। बस चल रहा है।”
सोनू:- “सभी टीचर आ रहे हैं क्या?”
मैं:- “अब पढ़ाना है तो आना ही पड़ेगा। घर बैठे तो सैलरी मिलेगी नहीं।”
सोनू:- “हां यह भी सही है।”
मैं:- “और तुम कहां गायब रहते हो आजकल? दिखाई नहीं दिए कई दिनों से।”
सोनू:- “घर जाने की सोच रहा था, तुम्हारे और मेरे बारे में घर में बताना भी है और शादी की बात भी कर करनी है।
मैं:- “कब जा रहे हो ?”
सोनू:- “जाऊंगा वीकेंड पर।”
मैं:- “मुझे टेंशन रहेगा जब तक तुम मुझे बता नहीं दोगे कि तुम्हारे घर वालों ने क्या कहा।”
सोनू:- “परेशान मत हो, मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला। तुमने अपनी मां से बात की।”
मैं:- “हां, वह मिलना चाह रही थी तुमसे। अगले महीने वह यहां आ रही है।”
सोनू:- “ठीक है मिल लेंगे तभी।”
मैं:- “कास्ट अलग है हमारी, पता नहीं तुम्हारे घर वाले हमारे रिश्ते को स्वीकार करेंगे या नहीं”।
सोनू:- “देखता हूं यार, सब ठीक होगा। टेंशन ना लो।” मैं हंस देती हूं।
मुझे और सोनू को रहते हुए करीब दो साल हो रहा था और अब हम इस रिश्ते को समाज की रजामंदी की मोहर लगा देना चाहते थे । मैं और मेरी मां अकेले ही रहते थे। पापा को मैंने बचपन में ही खो दिया था। मेरी परवरिश मेरी मां के कांधों पर थी। उन्होंने मेरे लिए दूसरी शादी भी नहीं की और अब उम्र के इस पड़ाव पर मैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी। हमारी जिंदगी सोनू के जवाब पर टिकी थी। इन्हीं विचारों में किचन के काम निपटाती रही। जब कमरे में आई तो देखा सोनू लेटा हुआ टीवी देख रहा है।
मैं:- अरे तुम गए नहीं अभी तक?”
सोनू:- “आज मूड नहीं हो रहा। बारिश भी देखो कितनी है, जरा हल्की हो फिर जाता हूं।” मैं सोनू की बगल में आकर बैठ गई।
मैं”:- “सुनो तुम्हारे घरवाले मान तो जाएंगे ना।”
बदले में सोनू ने मेरा हाथ अपने हाथ में दबाकर आश्वासन दिया। सोनू टीवी देखते-देखते सो गया फिर मैं भी उसी के बगल में सो गई। सुबह उठते ही सोनू बोला, “रात को कुछ खाने को नहीं दिया। बड़ी जोर की भूख लगी है, कुछ अच्छा खाने को दो”।
मैं:- “दस मिनट रुको जल्दी से पोहा बना देती हूं।”
सोनू:- “ठीक है! जल्दी से दो।”
और मैं जल्दी से किचन में जाकर पोहा बनाने की तैयारी में जुट गई। आधे घंटे के बाद सोनू नाश्ता करके जाने लगा। सोनू:- “मैं जा रहा हूं, कल सुबह ही घर के लिए निकल जाऊंगा। शायद शाम को ना आ पाऊं।” मैंने सहमति में सिर हिलाया फिर सेंटर जाने के लिए तैयारी करने लगी।
मेरे दो दिन उहापोह में बीते कि सोनू के माता पिता ने क्या जवाब दिया होगा। ट्यूशन में भी काम का प्रेशर बढ़ रहा था, बच्चों के एग्जाम करीब आ रहे थे सो उनके लिए पेपर बनाने का भी टेंशन था लेकिन दिमाग में यही चल रहा था कि सोनू जल्दी से जवाब दे दे तो सर से बोझ हल्का हो। तभी फोन बजता है स्क्रीन पर देखा तो मां का फोन था। मै:- “हेलो! कैसी हो मां ? सब ठीक तो है ना ?
मां:- “हां.. हां सब ठीक है। तुम कैसी हो? आज अपने सेंटर नहीं गई क्या?”
मैं:- “बस कुछ देर हुआ मैं घर पहुंची हूं।”
मां:- “अच्छा सुन मैं तेरे पास आ रही हूं। मन नहीं लग रहा था। तेरी चिंता हो रही थी। कुछ दिन के लिए आ जाती हूं तेरे पास।”
मै:- “ऐसे तो सब ठीक है मां यहां पर लेकिन तुम आना चाहती हो तो आ जाओ। तुम्हें भी चेंज मिल जाएगा।”
मां:- “ठीक है, दो दिन बाद निकलूंगी। कुछ लाना है तो बोल देना।”
मैं:- “नहीं किसी चीज की जरूरत नहीं है। ठीक है। बाय मां।”
मां को सोनू से मिलवाने का समय आ रहा था लेकिन सब कुछ सोनू के जवाब पर निर्भर था। मुझे कुछ भूख सी महसूस हुई और मैं किचन में मैगी बनाने लगी।
चार दिन बाद सोनू वापस आया। उसका मुंह उतरा हुआ था। उसे देखकर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई।
मैं:- “क्या हुआ ? ऐसे क्यों हो? मां पिताजी ने क्या कहा?” सोनू:- “कुछ नहीं जिसका डर था वही हुआ उन्होंने मना कर दिया, बोले कि अपने समाज में ही शादी करेंगे। बहुत समझाया लेकिन नहीं मानते वो।”
मैं कुछ बोल नहीं पायी। आज के वक्त में जब समय इतना बदल गया है, स्त्री पुरुष के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है तब ऐसी मानसिकता पर गुस्सा आने लगता है लेकिन मैं कुछ कर नहीं सकती थी। मैं रोआंसी हो गई।
सोनू:- “कोई बात नहीं हम कोर्ट मैरिज कर लेंगे।
मैं:- ” नहीं घरवालों को नाराज करके शादी नहीं करनी है हमें। मैं उन्हें मनाने की कोशिश करूंगी।”
सोनू :- “कोई फायदा नहीं। मैं बहुत कोशिश कर चुका हूं।” मैं:- “फिर भी मैं एक बार और कोशिश करूंगी। मम्मी आने वाली है सोच रही हूं तुमको मिलाऊं या नहीं।”
सोनू:- “क्यों मम्मी से मिलने में क्या हर्ज है?”
मैं:- “हर्ज तो कुछ नहीं लेकिन कहूंगी क्या तुम्हारे बारे में। तुम्हारे मम्मी पापा से मिलने के बाद ही मैं तुम्हारे बारे में मम्मी से बात करूंगी।”
सोनू:- “जैसा ठीक लगे तुम्हें।”
मैं:- “मम्मी को जाने दो फिर तुम्हारे मम्मी पापा से बात करती।
अगले दिन सुबह-सुबह बस स्टाप पर मां को लेने पहुंची। उन्हें लेकर घर आई और ऑनलाइन क्लासेस लेने के लिए लैपटॉप के सामने बैठ गई। घंटे भर बाद देखा कि मां चाय के लिए मेरी राह देख रही है।
मां:- “चलो जल्दी! चाय तैयार है। हर काम धीरे करती हो। पता नहीं ससुराल में कैसे सब संभालोगी?  मुझे बाजार भी जाना है। किचन में सब अस्त-व्यस्त पड़ा है। कुछ जरूरत का सामान भी लाना है।”
मैं:- “आ रही हूं मां! आते ही शुरू हो गई। बाजार कल चलेंगे। कल मैं जल्दी फ्री हो जाऊंगी तब बाजार चलेंगे। आज बहुत बिजी शेड्यूल है।”
मां:- “ठीक है तेरी पसंद के आलू के पराठे बनाने वाली हूं। खाएगी ना?”
मैं:- “हां तुम्हारे हाथ का आलू का पराठा क्यों नहीं खाऊंगी मैं। रोज-रोज थोड़े ही मिलता है मुझे”। और मां की गोद में सर रख दिया
मां:- “क्या बात है कुछ परेशान लग रही हो? सब ठीक तो है?
मैं:- “नहीं बस ऐसे ही। सेंटर की परेशानी रहती है एग्जाम करीब आ रहे हैं तो काम का प्रेशर भी ज्यादा हो गया है।”
चार दिन बाद मां चली गई तब मैंने सोनू से उनके मम्मी पापा से बात करने के लिए कहा।
शाम में जब वह घर आया तो साथ में खाने का पार्सल भी लेता आया।
मैं:- “यह क्यों ले आए मैं घर में ही कुछ बना लेती थी।
सोनू:- “आ रहा था तो गरमा गरम समोसे दिखे तो ले लिया।”
मैं:- “फोन लगाओ अपनी मम्मी को।”
सोनू:-  “हूं” और नंबर मिलाने लगता है। कुछ देर बाद उसकी मां फोन उठाती है।
सोनू की मां:- “हेलो बेटा! बोलो।”
मैं:- “आंटी नमस्ते! मैं रितिका सोनू की दोस्त बोल रही हूं।” आंटी:- “बोलो बेटा।”
मैं:- “आंटी आपसे कुछ बात करनी थी। सोनू ने मेरे और अपने बारे में आपको बताया होगा।
आंटी:- “हां! बताया था और उसने तुम्हें हमारा जवाब भी बता दिया होगा।”
मैं:- “जी क्या सिर्फ एक उसी वजह से आप मुझे और सोनू को दूर कर देना चाहती हैं?  मैं पूरी कोशिश करूंगी कि मैं आपके परिवार में पूरी तरह ढल जाऊं। मुझे एक मौका तो मिलना ही चाहिए। हम दोनों काफी वक्त से साथ में हैं और एक दूसरे को खोना नहीं चाहते। आप एक बार सोचिए तो सही।”
आंटी:- “नहीं बेटा! मेरा एक ही बेटा है और उसकी शादी मैं अपने समाज में ही करना चाहती हूं। कल को कोई ऊंच-नीच हो गई तो मैं समाज में कहाँ मुंह दिखाऊंगी। बेहतर होगा कि तुम सोनू को छोड़ दो।”
मैं कुछ कह नहीं पायी। आंखों में से आंसू टपकने लगे।
सोनू:- “मैंने कहा था कि वो नहीं मानेंगी पर तुम भी जिद लेकर बैठी थी। हो गई तसल्ली।”
मैं:- “अच्छा एक बात बताओ। क्या शादी के बाद मुझे तुम्हारे घर में प्रेम और सम्मान मिल पायेगा? क्या हम दोनों शांति से जीवन बिता पायेंगे? मेरे और तुम्हारी मां के बीच तुम अपना व्यवहार कितना न्यायसंगत कर पाओगे? और मैं मेरी मां का ध्यान सही तरीके से रख पाऊंगी क्या ऐसी स्थिति में?”
मैंने सोनू से कहा कि, “तुम जाओ।”
सोनू कुछ बोलने जा रहा था कि मैंने उसके होंठों पर हाथ रख दिया और कहा कि जाओ बाद में मिलना।”
बाद में सोनू ने मुझसे मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन मैं उससे नहीं मिली। कुछ समय बाद मैं मां के पास अपने शहर इंदौर वापस आ गई।
मैं कह नहीं पा रही थी यह रूढ़ियाँ अक्सर कितनी तकलीफ दे जाती है जीवन में। क्या मैं किसी और को आसानी से अपना पाऊंगी? क्या सोनू किसी दूसरी के साथ खुश रह पाएगा? समाज में इतनी जड़ता क्यों है आखिर? आखिर चाहतें भी तो कुछ मायने रखती हैं। सोनू का नंबर मैंने ब्लॉक कर रखा था और अकेलेपन के सफर को अकेली ही तय करना शुरू कर दिया था। ;~ प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

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मिशन शक्ति के अंतर्गत “उत्तम आहार उत्तम विचार” कार्यक्रम संपन्न

कानपुर 24 सितंबर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर के मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत पोषण संबंधी वेबिनर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की उप प्राचार्या डॉ सबीना बोदरा द्वारा प्रार्थना से की गई। डॉ विभा दीक्षित ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ बी एन आचार्य जी का परिचय देकर उनका स्वागत किया।
इस वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ बी एन आचार्य (निर्देशक : आरोग्य भारती कानपुर महानगर ) ने सभी को “उत्तम आहार उत्तम विचार” की मानसिकता के प्रति जागरूक कर पोष्टिक आहार से जीवन को सहज बनाने को प्रेरित किया एवं स्वास्थ्य संबंधित बातों पर जोर देते हुए संतुलित पोषण को निरोगी जीवन का आधार बताया ।
मिशन शक्ति की प्रभारी डॉ मीतकमल ने बताया कि पोषड़ का ये कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण हैं और साथ ही साथ उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव द्वारा कार्यक्रम की समाप्ति की। कार्यक्रम का संचालन खुशी मल्होत्रा द्वारा किया गया। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयं सेवक के रूप में शफक नाज़ , वेदांत मिश्रा ,नमन अग्रवाल ,अनिरुद्ध द्विवेदी, आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया । यह पूरा कार्यक्रम प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के निर्देश नेतृत्व में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में १०० से भी अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

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शक्ति कानपुर प्रांत, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं क्राइस्टचर्च कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान अल्जाइमर नामक बीमारी के बारे में महिलाओं को एनएसएस यूनिट द्वारा इसके बचाव व रोकथाम की जानकारी दी गई

कानपुर 21 सितंबर, शक्ति कानपुर प्रांत एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं क्राइस्टचर्च कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान द्वारा जूम प्लेटफार्म पर ऑनलाइन अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है जिसमें अल्जाइमर नामक बीमारी के बारे में महिलाओं को एनएसएस यूनिट द्वारा इसके बचाव व रोकथाम और कैसे यह बीमारी होती है इसके बारे में जानकारी दी जा रही है इस प्रोग्राम में क्राइस्टचर्च कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुनीता वर्मा एनएसएस प्रोग्राम आफिसर, डॉ के.एन. मिश्रा, डॉ. उमेश पालीवाल, डॉ. राज लक्ष्मी त्रिपाठी, डॉ जोसेफ डेनियल डॉ सबीना बोदरा एवं शक्ति कानपुर से मीडिया प्रभारी संध्या सिंह एवं मिथिलेश अवस्थी अर्चना सपना निषाद संजू शर्मा आज सभी लोग शामिल हुए

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स्वामित्व योजना की ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी- गिरिराज सिंह

केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्ली में स्कोप कॉम्प्लेक्स के स्कोप सम्मेलन केंद्र में स्वामित्व योजना: ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान की ओर एक कदम पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री ने इस योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए डैशबोर्ड (https://svamitva.nic.in/) भी लॉन्च किया।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री गिरिराज सिंह ने सभी राज्यों से 2024 तक समय सीमा से पहले ही स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन को पूरा करने का आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करने के लिए कहा और आश्वासन दिया कि इस लक्ष्य का पूरा करने हेतु केंद्र सरकार जल्द से जल्द सभी को आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।

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श्री गिरिराज सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है और स्वामित्व योजना गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण में स्वमित्व योजना के उल्लेख का ज़िक्र करते हुए श्री सिंह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही दूरदृष्टि है जो उन्होंने ग्रामीण भारत की बेहतरी के लिए प्रौद्योगिकी एवं डेटा का उपयोग करने का आह्वान किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तकनीक तथा डेटा के इस्तेमाल से ग्रामीण भारत और अधिक पारदर्शी बनेगा। श्री गिरिराज सिंह ने राज्यों से स्वामित्व योजना के कार्यान्वयन में पंचायतों की भूमिका बढ़ाने का भी आग्रह किया।

स्वामित्व योजना के महत्व के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना से ग्रामीण लोगों में स्वामित्व की भावना उत्पन्न होगी और वे स्वामित्व कार्ड की मदद से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। श्री सिंह ने योजना के तहत उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वामित्व योजना आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

इस मौके पर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ने ड्रोन के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया, जो योजना के वांछित परिणामों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं और राज्यों से प्रतिदिन कम से कम 5 गांव प्रति ड्रोन टीम उपलब्ध कराने का आह्वान किया। केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ने जमीनी स्तर पर वास्तविकता को परखने के लिए फीचर एक्सट्रैक्टेड मैप उपलब्ध कराने हेतु 15 दिनों की समयसीमा का पालन करने पर भी जोर दिया। इसी तरह, राज्यों को भी सर्वे ऑफ इंडिया को जमीनी हकीकत वाले नक्शे वापस उपलब्ध कराने के लिए 30 दिनों की समय-सीमा का पालन करना चाहिए।

हरियाणा राज्य को दिसंबर 2021 तक लाल-डोरा क्षेत्रों में टाइटल डीड वितरण कार्य पूरा करना है। ड्रोन सर्वेक्षण को दमन और दीव, पुद्दुचेरी एवं लक्षद्वीप जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में पूरा किया जाना है तथा कम से कम 75 जिलों में दिसंबर 2021 तक इस कार्य को ड्रोन सर्वेक्षण के साथ पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में ड्रोन सर्वेक्षण युद्ध स्तर पर पूरा किया जाना है। राज्यों में ड्रोन टीमों को बढ़ाने के लिए सर्वे ऑफ इंडिया को प्रोत्साहित किया गया है।

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने भी समय सीमा से पहले ही लक्ष्य हासिल करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि गांवों को आत्मनिर्भर बनाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है और इसे प्राप्त करने में हमें अपना अहम योगदान देना होगा। उन्होंने ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं के राजस्व के स्रोत (ओएसआर) कर संग्रह के निम्न स्तर पर भी ध्यान आकृष्ट किया। महाराष्ट्र ने राज्य में वितरित संपत्ति कार्ड (सनद) पर मामूली शुल्क लगाकर अपने ओएसआर संपत्ति कर संग्रह में वृद्धि की है। राज्य ऐसे ओएसआर संग्रह को बढ़ाने के लिए स्वामित्व योजना का लाभ उठा सकते हैं, जहां ग्राम पंचायतों को ऐसा करने का अधिकार दिया गया है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि स्वामित्व योजना ग्रामीण विकास और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी ग्रामीण से शहरी प्रवास को कम करने में भी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने सभी राज्यों से अपने यहां इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना वंचित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम साबित होगी।

इस योजना के कार्यान्वयन में सबसे आगे रहने के लिए केंद्रीय मंत्रियों द्वारा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सराहना की गई। मध्य प्रदेश ने ड्रोन फ्लाइंग, ग्राउंड-ट्रूथिंग और प्रॉपर्टी कार्ड जनरेशन से एंड टू एंड ऑटोमेशन प्रक्रिया विकसित की है। नागरिक क्लिक करके ही योजना की प्रगति देख सकते हैं और अंतिम संपत्ति कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। नागरिक राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली (आरसीएमएस) के माध्यम से भी आपत्ति के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। इससे पारदर्शिता आई है और राज्य में योजना के कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित किया गया है। सर्वेक्षण गतिविधियों में तेजी लाने के लिए नए राज्यों को समान वेब-आधारित/मोबाइल-आधारित आईटी प्रणालियों को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

राज्यों को स्वामित्व योजना को एक मिशन मोड में लागू करने और समय पर ड्रोन सर्वेक्षण पूरा करने के लिए ड्रोन का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

इस योजना की सफलता के लिए राज्य और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के बीच घनिष्ठ समन्वय को महत्वपूर्ण बताया गया है। नए राज्यों को वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित विभिन्न मील के पत्थर लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, भारतीय सर्वेक्षण के साथ सक्रिय रूप से संपर्क करने और समयबद्ध तरीके से योजना को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।

पंचायती राज मंत्रालय में सचिव श्री सुनील कुमार, भूमि संसाधन विभाग में सचिव श्री अजय तिर्की, भारत के महासर्वेक्षक श्री नवीन तोमर सहित भारत सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस सम्मेलन में 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, भारतीय सर्वेक्षण और केंद्रीय मंत्रालयों के 60 से अधिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में भूमि संसाधन विभाग, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नीति आयोग और ग्रामीण विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

राज्य भूमि अभिलेख विभाग, सर्वेक्षण एवं निपटान विभाग, भूमि राजस्व विभाग, भारतीय सर्वेक्षण, एनआईसी, जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों तथा भारतीय बैंक संघ के अधिकारियों द्वारा राज्यों से सर्वोत्तम प्रथाओं पर विचार तथा स्वामित्व कार्यान्वयन के लिए विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं। छठी अनुसूची के क्षेत्रों में, तकनीकी आवश्यकताएं – एंड-टू-एंड प्रोसेस ऑटोमेशन और कंटीन्यूअस ऑपरेटिंग रेफरेंस सिस्टम (सीओआरएस), संपत्ति कार्ड की बैंकेबिलिटी के पहलू और स्वामित्व डैशबोर्ड की प्रमुख विशेषताएं आदि शामिल हैं।

पृष्ठभूमि:

स्वामित्व (ग्रामों का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में तात्कालिक प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण) योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल 2020 को प्रत्येक ग्रामीण गृह स्वामी को “अधिकारों का रिकॉर्ड” प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को सक्षम करने के संकल्प के साथ शुरू किया गया था। नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन तकनीक के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आबाद (आबादी) भूमि का सीमांकन करने के उद्देश्य से स्वामित्व योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभागों, राज्य पंचायती राज विभागों तथा भारतीय सर्वेक्षण विभाग का एक सहयोगात्मक प्रयास है। इस योजना में विविध पहलुओं को शामिल किया गया है। संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋण सक्षम बनाना; संपत्ति से संबंधित विवादों को कम करना; ग्राम स्तर की व्यापक योजना सही मायने में ग्राम स्वराज प्राप्त करने और ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण गृह स्वामियों को अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान करना है। अधिकारों का रिकॉर्ड मालिकों द्वारा बैंक से ऋण तथा अन्य वित्तीय लाभों का फायदा उठाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह योजना ग्राम स्तर पर विवादों के निपटारे, सटीक भूमि अभिलेखों के निर्माण और किसी भी विभाग या एजेंसी द्वारा उपयोग किए जाने वाले सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के रूप में सीओआरएस नेटवर्क की स्थापना में भी मदद करेगी।

चरण I – प्रायोगिक परियोजना (अप्रैल 2020 – मार्च 2021) में हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान राज्यों में सतत संचालन संदर्भ प्रणाली (सीओआरएस) की स्थापना शामिल है।

चरण II (अप्रैल 2021 – मार्च 2025) – 2022 तक देश भर में शेष गांवों और सीओआरएस नेटवर्क कवरेज का पूरा सर्वेक्षण।

प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर 2020 को हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों के 763 गांवों के लगभग 1.25 लाख निवासियों को संपत्ति कार्ड के वितरण का शुभारंभ किया था। इसके अलावा, राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2021 प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के राष्ट्रीय रोल-आउट का शुभारंभ किया और 5,000 गांवों में 4 लाख से अधिक लाभार्थियों को संपत्ति कार्ड/स्वामित्व कार्ड प्राप्त हुए।

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नगर आयुक्त द्वारा कानपुर दक्षिण के प्रमुख स्थलों का निरीक्षण कर जलभराव का जायजा

संवाद सूत्र जिला सूचना, कानपुर 16 सितंबर, में भारी वर्षा के दौरान नगर आयुक्त द्वारा कानपुर दक्षिण का प्रमुख स्थलों कर निरीक्षण कर जलभराव का जायजा लिया गया । यहॉ मौके पर महाप्रबन्धक जलकल, व सम्बन्धित जोन के जोनल अधिकारी, जोनल अभियन्ता, जोनल स्व0 अधिकारी आदि अधिकारी/कर्मचारीगण मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान किदवई नगर थाने के सामने, आर0बी0आई0 नाला, एच0 ब्लॉक किदवई नगर, मुख्य चौराहा, साइट नं0 01, पनकी इण्ड0 एरिया, श्याम नगर, जी0टी0 रोड, काशीराम अस्पताल, अफीम कोठी चौराहा, कम्पनी बाग चौराहा, जी0एस0वी0एम0 मेडिकल कालेज परिसर आदि जगहो पर जल जमाव को तत्काल दुरूस्त कराने के निर्देश दिये गये।

अपील
समस्त नगर वासियो से अपील है कि वर्षा के दृष्टिगत होने वाली जलभराव व सफाई समस्या के सम्बन्ध में नगर निगम कन्ट्रोल रूम 05122526004, 05122526005, 8601811111 पर किसी भी समय अवगत कराये, जिससे नगर निगम टीम त्वरित कार्यवाही करते हुये समस्याओं का गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित करा सके। नगर निगम टीम पूरी तत्परता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करेगी।

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मिशन शक्ति के अंतर्गत क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की टीम ने उच्चतम सामाजिक सोच को बढ़ावा देते हुए महिलाओं के बीच में सेनेटरी पैड का वितरण किया

कानपुर 15 सितंबर 2021 भारतिय स्वरूप संवाददाता, मिशन शक्ति के अंतर्गत क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की टीम ने उच्चतम सामाजिक सोच को बढ़ावा देते हुए महिलाओं के बीच में सेनेटरी पैड का वितरण किया। बच्चों ने पेंसिल रबड़ शार्पनर और कुछ बुक्स वितरित की, कार्यक्रम की संचालक के रूप में डॉ सूफिया सहाब ( आईसीसी संयोजक ) एवं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ( वूमेन सेल संयोजक) ने नारियों के ऊपर किए जाने वाले उत्पीड़नो को न सहने को और उसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया एवं जरूरत पड़ने पर भारत सरकार द्वारा वुमन हेल्पलाइन नंबर से भी अवगत कराया । मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीत कमल ने महिलाओं को शिक्षित होने पर एवं उनके सशक्त होने पर जोर दिया। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप में अनिरुद्ध दिवेदी , अंजली सचान , तयबा अख्तर, विवेक पटेल, मैत्री पन्ना, वेदांत मिश्रा आदि इस कार्यक्रम के प्रतिभागी बनकर अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया । यह पूरा कार्यक्रम प्रिंसिपल डॉ जोसेफ डेनियल तथा वाइस प्रिंसिपल डॉ सबीना बोदरा के सफल मार्गदर्शन एवं निर्देश नेतृत्व में संपन्न हुआ

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भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा के लिखित परीक्षा, 2021 के परिणाम

पीआईबी, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जुलाई, 2021 में आयोजित भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2021 के लिखित भाग के परिणाम के आधार पर, निम्नलिखित अनुक्रमांक वाले उम्मीदवारों ने साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षण के लिए अर्हता प्राप्‍त कर ली है।

2.    इन सभी उम्मीदवारों की उम्मीदवारी इनके हर प्रकार से पात्र पाए जाने के अध्यधीन अनंतिम है। उम्मीदवारों को व्यक्तित्व परीक्षण के समय अपनी आयु, शैक्षणिक योग्यता, समुदाय, शारीरिक अक्षमता (जिन भी मामलों में लागू हो) आदि के अपने दावे के समर्थन में मूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे। अत:, उन्हें सलाह दी जाती है कि अपने प्रमाण-पत्र तैयार रखें और व्‍यक्तित्‍व परीक्षण बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने से पहले, आयोग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध महत्‍वपूर्ण अनुदेशों के अनुसार अपने प्रमाण-पत्रों की जांच कर लें।

3.    परीक्षा की नियमावली के अनुसार, इन सभी उम्मीदवारों से यह अपेक्षित है कि वे आयोग की वेबसाइट upsconline.nic.in पर उपलब्‍ध विस्तृत आवेदन प्रपत्र (डीएएफ) को भरें। यह विस्तृत आवेदन प्रपत्र (डीएएफ) आयोग की वेबसाइट पर दिनांक 15.09.2021 से दिनांक 28.09.2021 तक शाम 6.00 बजे तक उपलब्ध रहेगा। विस्तृत आवेदन प्रपत्र (डीएएफ) भरने और उसे आयोग में ऑनलाइन जमा करने संबंधी महत्वपूर्ण अनुदेश भी वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे। सफल घोषित किए गए उम्मीदवारों को ऑनलाइन विस्तृत आवेदन प्रपत्र भरने से पहले वेबसाइट के संगत पृष्‍ठ पर अपने को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद ही वे अपनी अर्हता के समर्थन में तथा आरक्षण आदि के दावे के अनुसार संगत प्रमाण-पत्रों/दस्‍तावेजों की स्‍कैन की गई प्रतियों के साथ अपने विस्‍तृत आवेदन को ऑनलाइन जमा करेंगे। अर्हक उम्मीदवारों को भारत के ई-राजपत्र में प्रकाशित भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2021 की नियमावली का अवलोकन करने का भी परामर्श दिया जाता है।

4.  उम्‍मीदवार, साक्षात्‍कार के समय प्रस्‍तुत किए जाने वाले प्रमाण-पत्रों के संदर्भ में भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2021 की नियमावली के साथ-साथ वेबसाइट पर उपलब्‍ध विस्तृत आवेदन प्रपत्र (डीएएफ) भरने से संबंधित अनुदेशों को ध्‍यानपूर्वक पढ़ लें। उम्‍मीदवार अपनी आयु, जन्‍मतिथि, शैक्षणिक योग्‍यता, समुदाय (अ.जा./अ.ज.जा./अ.पि.व./ईडब्‍ल्‍यूएस) तथा शारीरिक विकलांगता की स्‍थिति के समर्थन में पर्याप्‍त प्रमाण (बेंचमार्क विकलांगता वाले उम्‍मीदवारों के मामले में) प्रस्‍तुत नहीं कर पाने के लिए स्‍वयं उत्‍तरदायी होंगे। लिखित परीक्षा में अर्हक हुआ कोई उम्‍मीदवार, भारतीय आर्थिक सेवा/ भारतीय सांख्यिकी सेवा परीक्षा, 2021 हेतु अपनी उम्‍मीदवारी के समर्थन में यदि कोई एक अथवा सभी मूल दस्‍तावेज लाने में विफल रहता है तो उसे व्‍यक्तित्‍व परीक्षण बोर्ड के समक्ष उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उसे यात्रा भत्‍ते(टीए) का भुगतान नहीं किया जाएगा।

 

5.    व्यक्तित्व परीक्षण के लिए अर्हक हुए उम्मीदवारों के साक्षात्कार का कार्यक्रम, आयोग की वेबसाइट पर यथासमय प्रदर्शित किया जाएगा। तथापि, साक्षात्कार की सही तारीख की सूचना उम्मीदवारों को ई-समन पत्र के माध्‍यम से प्रदान की जाएगी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि इस संबंध में आगे की जानकारी हेतु वे आयोग की वेबसाइट (www.upsc.gov.in) देखते रहें।

6.    उम्मीदवारों को व्यक्तित्व परीक्षण हेतु सूचित की गई तारीख और समय में परिवर्तन करने संबंधी अनुरोध पर सामान्‍यत: किसी भी परिस्थिति में विचार नहीं किया जाएगा।

7.    जिन उम्मीदवारों ने अर्हता प्राप्‍त नहीं की है, उनके अंक-पत्र, अंतिम परिणाम के प्रकाशन के बाद (व्यक्तित्व परीक्षण के आयोजन के बाद) आयोग की वेबसाइट पर प्रदर्शित किए जाएंगे और ये अंक-पत्र वेबसाइट पर 30 दिनों की अवधि के लिए उपलब्ध रहेंगे।

8.    उम्मीदवार अपना अनुक्रमांक और जन्म की तारीख अंकित करने के बाद अंक-पत्र प्राप्‍त कर सकते हैं। तथापि, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा उम्मीदवारों को अंक-पत्र की मुद्रित प्रतियां, उम्मीदवारों से डाक-टिकट लगे स्व-पता लिखे लिफाफे सहित उनके द्वारा विशेष अनुरोध प्राप्‍त होने पर ही भेजी जाएंगी। अंक-पत्रों की मुद्रित प्रतियां प्राप्‍त करने के इच्छुक उम्मीदवारों को ऐसा अनुरोध आयोग की वेबसाइट पर अंक-पत्रों के प्रदर्शित किए जाने के तीस दिन के अंदर करना चाहिए; इसके बाद ऐसे किसी अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा ।

9.    संघ लोक सेवा आयोग के परिसर में एक सुविधा काउंटर स्थित है। उम्मीदवार अपनी परीक्षा/परिणाम से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी/स्पष्‍टीकरण इस काउंटर से व्यक्तिगत रूप से अथवा टेलीफोन नं. (011)-23385271/23381125/23098543 पर कार्य दिवसों में प्रात: 10.00 बजे से सायं 5.00 बजे के बीच प्राप्‍त कर सकते हैं।

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हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं वरन हमारी संस्कृति भी है

प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

अक्सर मैंने अपने बड़ों को कहते सुना है कि अगर अच्छी हिंदी सीखना चाहते हो तो अखबार पढ़ो। अखबार वह माध्यम है जो आपकी भाषा का विस्तार करता है। देश-विदेश की खबरों के साथ साहित्य से भी जोड़कर रखता है। वरिष्ठ साहित्यकारों, लेखकों, कवियों की रचनाओं के द्वारा भाषा का स्तर बढ़ता है और हिंदी का विकास होता है। सबसे प्रमुख बात है कि हिंदी भाषा के विकास में हिंदी पत्रकारिता का बहुत योगदान रहा है। इसी के जरिए बड़े – बड़े लेखक, कवि, विद्वान और साहित्यकारों से लोगों को परिचय प्राप्त हुआ।
आज हिंदी विश्व में लोकप्रिय भाषा है। लोग हिंदी में बातचीत करना और उसे अपनाना पसंद करते हैं। लघु भारत कहे जाने वाले मॉरीशस में हिंदी की उच्च शिक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं हैं। डिप्लोमा कोर्स, बीए ऑनर्स हिंदी. एम. ए. हिंदी की व्यवस्था है। नेपाल, श्रीलंका, जापान में भी हिंदी की शिक्षण व्यवस्था अच्छी है। अमेरिका में हिंदी भाषा प्रचलित नहीं है लेकिन वहां हिंदी की अच्छी मांग है और वहां के कई विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षण व्यवस्था है।
यह तो रही विदेशों की बात लेकिन मौजूदा वक्त में हमारे यहां हिंदी भाषा का प्रचलन कम होता जा रहा है। समय की मांग और आधुनिकीकरण ने हिंदी भाषा के स्तर को कम कर दिया है और धीरे-धीरे उसका स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। आजकल लोग जरूरत के मुताबिक हिंदी बोलते हैं या फिर खिचड़ी भाषा का इस्तेमाल करते हैं ताकि आमजन को भाषा समझ में आ सके, लेकिन पहले भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और समझते थे। इस तरह खिचड़ी भाषा का चलन नहीं था। आज हमारा प्रयास होना चाहिए कि फिर से भाषा की उसी सभ्यता और संस्कृति को वापस लाया जाए। हिंदी भाषा ने कई विद्वानों और साहित्यकारों को जन्म दिया है, जिन्हें हम आज भी पूजते हैं। आज जरूरत है कि आज की पीढ़ी उन्हें जाने, पढ़े और समझे ताकि वह अपने साहित्य से परिचित हो।
आज सबसे बड़ी समस्या बच्चों की है जो अपने कैरियर और स्टेटस को बनाए रखने के लिए अंग्रेजियत अपनाए हुए हैं और वैसे ही समाज का निर्माण भी कर रहे हैं और उससे भी बड़ी त्रासदी यह है कि आज के शिक्षक भी अशिक्षित होते है। उन्हें ठीक ढंग से हिंदी बोलना और पढ़ना भी नहीं आता है तो वह बच्चे को क्या सिखाएंगे? किस तरह भविष्य का निर्माण करेंगे और हिंदी भाषा को किस तरह से आगे ले जाएंगे?
आज का युग तकनीकी युग है और भाषा को भी दो भागों में बांटा जा सकता है। एक भाषा वह जो जगह जगह पर देशज शब्दों और लहजों में बोली जाती है और दूसरी साहित्य की भाषा जो उच्च स्तर पर लिखी व पढ़ी जाती है। आजकल के साहित्य में क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग बढ़ गया है और वह स्वागतीय भी बन गया है ताकि भाषा की मौलिकता और  देशज शब्दावली बनी रहे। आज की तकनीक ने लोगों को भाषाई तौर पर बहुत जोड़ा है। तकनीकी शब्दावली का विकास हो रहा है मगर फिर भी आज जरूरत है हिंदी को तकनीकी तौर पर और ज्यादा विकसित किया जाए।
हिंदी एक दिवस का नाम नहीं है बल्कि यह हमारी सभ्यता और संस्कृति है और हमें अपनी मातृभाषा को सम्मान देना होगा और सबसे बड़ी बात कि हमारे हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए विद्वानों को प्रथम पंक्ति में खड़ा होना होगा।

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मंडलायुक्त ने यूपीएफसी का लिया अतिरिक्त प्रभार

कानपुर 13 सितंबर,”श्रम आयुक्त यूपी” और “एमडी उत्तर प्रदेश वित्त निगम (यूपीएफसी)” का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण करते हुए मंडलायुक्त राजशेखर_

_मंडलायुक्त राजशेखर ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के तहत विभाग को सौंपे गए कार्यों में उत्साहजनक परिणाम देने के लिए हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे_

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