पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सभी सरकारी विभागों में सबसे कठिन होती है और पुलिसकर्मी एकमात्र ऐसा सरकारी कर्मचारी होता है जिसके ड्यूटी के घंटे निश्चित नहीं होते हैं होली, रक्षाबंधन, दीपावली, लोहड़ी के दिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी कई गुना बढ़ जाती है और उन्हें अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने का मौक़ा नहीं मिलता हाऊसिंग सेटिस्फ़ेक्शन रेश्यो देशभर के पुलिसकर्मियों की दक्षता बढ़ाने के सभी प्रयासों में ना केवल एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू बल्कि एक चुनौती भी है और जब तक इसे आप नहीं बढ़ाते तब तक पुलिसकर्मी से अपनी ड्यूटी के अच्छे निर्वहन की आप आशा नहीं कर सकते जब तक तकनीक का उपयोग इन्वेस्टिगेशन, डेटा स्टोरेज और इसके एनालिसिस के लिए नहीं करेंगे तब तक अपराध पर नियंत्रण असंभव है और ये सारी चीज़ें भारत सरकार ने आईसीजेएस (ICJS) के माध्यम से देशभर की पुलिस के लिए रखी हैं इसके अंतर्गत सीसीटीएनएस में देश के 98 प्रतिशत से ज़्यादा थानों को जोड़ लिया गया है, ई-कोर्ट, ई-प्रिज़न, ई-फ़ॉरेन्सिक और ई-प्रॉसीक्यूशन का एक मॉडल बनाया गया है और आईसीजेएस के माध्यम से इन सबको जोड़कर इन्हें थाने तक उपलब्ध कराने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने किया है इन सभी योजनाओं और डेटा का क्या फ़ायदा इनका एनालिसिस तो राज्य या संघ प्रदेश के स्तर पर होना है और इसके आधार पर पुलिस की वार्षिक रणनीति बनानी है ये सब राज्यस्तर पर बल्कि पुलिस स्टेशन स्तर पर तय करने की ज़रूर है क्योंकि हर पुलिस स्टेशन में अपराधों का प्रकार, प्रवृत्ति और संख्या अलग-अलग होती हैं और ये सब तभी हो सकता है जब पुलिस थाने के स्तर तक हम आईसीजेएस को पहुंचाएंगे जब तक फॉरेंसिक एविडेंस के आधार पर प्रॉसीक्यूशन की प्रक्रिया नहीं होती तब तक दोष सिद्धि की दर को आप सुधार नहीं सकते आने वाले दिनों में हम आईपीसी, सीआरपीसी एविडेंस एक्ट में सुधार करने जा रहे हैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की है और यह सभी राज्यों में अपने एफीलिएटेड कॉलेज खोलने वाला है और तब एक बहुत बड़ी संख्या में मैनपावर उपलब्ध होगी तब हम कानूनन यह कर सकेंगे कि 6 साल से ज्यादा जिस भी दफा में सजा है उस सबमें साइंटिफिक एविडेंस को कंपलसरी करें चंडीगढ़ पुलिस का कलेवर बदलने के लिए मोटरसाइकिल और गाड़ियों का आधुनिक संचार सुविधाओं से लैस दस्ता आज दिया गया है और जब यह दस्ता शहर में घूमेगा तब चंडीगढ़ के लोगों में विश्वास का वातावरण बनेगा लगभग सवा सौ करोड़ रूपए से ज्यादा राशि चंडीगढ़ पुलिस को अपग्रेड करने के लिए खर्च हुई है जिसमें हाउसिंग के प्रोजेक्ट, फॉरेंसिक साइंस को अपग्रेड करने की व्यवस्था और कई सारे ई-इनीशिएटिव लिए गए हैं आज एक मानवता का काम हमारे प्रशासक श्री बनवारीलाल पुरोहित के तत्वाधान में हुआ है,जिन भी कर्मियों ने असमय जान गंवाई है उन सारे परिवारों की चिंता करते हुए उनको धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है और उनके परिजनों को नौकरी देने का काम भी हो रहा है यह बहुत जरूरी है क्योंकि जो जवान ड्यूटी पर तैनात है उसे यह विश्वास होना चाहिए कि प्रशासन चट्टान की तरह मेरे पीछे खड़ा है आज से चंडीगढ़ प्रशासन के सभी कर्मचारियों की सेवा की शर्तों को केंद्रीय सिविल सेवाओं के साथ जोड़ने का निर्णय भारत सरकार ने लिया है, इससे सबसे सेवा निवृत्ति की आयु बढ़ कर 58 की जगह 60 वर्ष हो जाएगी महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर के लिए 1 साल की जगह 2 साल की छुट्टी भी मिलेगी बहुत समय से यह मांग चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारी, अधिकारियों की थी और आज मोदी जी ने यह बहुत बड़ा फैसला लिया है और लोगों को नए वित्तीय वर्ष से इसका फायदा मिलना शुरू हो जाएगा जब से नरेंद्र मोदी जी की सरकार केन्द्र में बनी है तब से अनेक क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन की शुरुआत हुई है देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत और समस्याविहीन बनाने के लिए और कई दशकों से चली आई समस्याओं को ख़त्म करने के लिए पिछले 7 सालों में जितना काम हुआ है उतना सात दशकों में कभी नहीं हुआ चाहे नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र हो, कश्मीर हो, चाहे नॉर्थ ईस्ट थिएटर हो, सभी जगह पर जो आतंकवादी समूहों के साथ झड़पों की घटनाओं पर हमारे सुरक्षाबलों ने एक प्रभावशाली नियंत्रण स्थापित किया है हमारे सुरक्षाबलों ने यह संदेश कड़ाई के साथ भेजा है कि देश के नागरिक चाहे नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में रहते हो, कश्मीर में रहते हो, चाहे उत्तर पूर्व में रहते हों, उनकी जिंदगियों के साथ खिलवाड़ करने का किसी को अधिकार नहीं है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा इसके परिणामस्वरूप नक्सलवादी घटनाओं में बहुत कमी आई है, उत्तर पूर्व में कई उग्रवादी संगठनों ने भारत सरकार के प्रोएक्टिव स्टेप को स्वीकार करते हुए भारत सरकार के साथ समझौते किए हैं नौ हजार से ज्यादा उग्रवादियों ने सरेंडर कर अपने आप को कानून के हवाले किया है और इन परिवारों ने आज कानून पर भरोसा कर सरेंडर किया है कश्मीर में भी आतंकवादी घटनाओं पर नकेल कसने में सुरक्षा बलों ने एक प्रभावशाली नियंत्रण स्थापित किया है और इसके आंकड़ों को विरोधी भी नकार नहीं सकते मोदी जी के नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा की जितनी भी चुनौतियां है इन सभी को न केवल एड्रेस किया गया है, बल्कि इसका परिणाम लाने का काम भी किया गया है कश्मीर से लेकर चंडीगढ़ और हरियाणा तक नारकोटिक्स से पूरी जनता परेशान है मोदी सरकार ने अभियान चलाया है जिसके अंतर्गत वर्ष 2021 में 75 साल में रिकॉर्ड नारकोटिक्स और इनके रैकेट चलाने वालो को पकड़ने का काम हुआ है मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले दो-तीन सालों में हम नारकोटिक्स के ख़िलाफ़ लड़ाई चरम सीमा पर ले जाएंगे और नरेंद्र मोदी सरकार का यह दृढ़ निश्चय है कि किसी को भी हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने और आने वाली नस्लों को नशे के गर्त में डुबाने की इजाजत नहीं होगी पुलिस कल्याण के बारे में, चाहे कोई भी सशस्त्र बल हो या संघ प्रदेश के सभी पुलिस बलों के कल्याण की बात हो, नरेंद्र मोदी जी ने बहुत अच्छे तरीके से एक मानवीय दृष्टिकोण के साथ पुलिस कल्याण को गृह विभाग का एक महत्वपूर्ण अंग बनाया है यह साल हमारा आजादी का 75वां साल है, इसीलिए आजादी के संघर्ष से युवा पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए मोदी जी ने तय किया है कि यह वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के रूप में मनाया जाएगा आजादी प्राप्त करने के लिए हमारे पुरखों ने जो कड़ा संघर्ष किया है उससे देशभर के युवाओं को परिचय कराया जाए आजादी ऐसे ही नहीं मिली,नामी-बेनामी कई लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है,कई लोग अपने ओजस्वी कैरियर को समाप्त कर आजादी के आंदोलन की लड़ाई के अंदर कूद पड़े और कई लोगों ने अनेक प्रकार के जनजागृति के काम कर कर देश को आजाद कराने के लिए एक बहुत बड़ा आंदोलन किया और तब जाकर यह देश अंग्रेजों की गिरफ्त से बाहर आया
देश के लिए मरने का मौका भले ना मिला हो, देश के लिए जीने का मौका ईश्वर ने हमें दिया है और आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से इसे हर युवा तक पहुंचाने का लक्ष्य है
मोदी जी ने हर क्षेत्र में आजादी के अमृत महोत्सव में इसे संकल्प वर्ष का नाम दिया है और हर क्षेत्र अपने संकल्प तय करेगा, हर व्यक्ति अपने संकल्प तय करेगा और देश की आज़ादी की जब शताब्दी बनाई जा रही होगी, तो करोड़ों संकल्पों का यह संपुट देश को महान बनाकर दुनिया के अंदर गौरवपूर्ण स्थिति में स्थापित करेगा हम सब भारतीयों का परिश्रम भारत माता को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर बैठाए, इस प्रकार के भारत की कल्पना हमें करनी चाहिए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज चंडीगढ़ में चंडीगढ़ पुलिस आवासीय परिसर, धनास के प्रथम चरण का लोकार्पण व तीसरे चरण का शिलान्यास किया। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल और चण्डीगढ़ के प्रशासक श्री बनवारीलाल पुरोहित, चण्डीगढ़ की महापौर सुश्री सरबजीत कौर और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सभी सरकारी विभागों में सबसे कठिन होती है। पुलिसकर्मी एकमात्र ऐसा सरकारी कर्मचारी होता है जिसके ड्यूटी के घंटे निश्चित नहीं होते हैं। उसे लगातार, दिन-रात समस्या के साथ जूझना पड़ता है और अनेक प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। क़ानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने की ज़रूरत उस वक़्त सबसे ज़्यादा होती है जब पूरा देश आनंद और उत्साह के साथ अपने परिवार के साथ त्यौहार मना रहा होता है। होली, रक्षाबंधन, दीपावली, लोहड़ी के दिन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी कई गुना बढ़ जाती है और उनिहें अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने का मौक़ा नहीं मिलता। काम के घंटे विपरीत होने के कारण उनकी सेहत पर भी असर पड़ता है, खान-पान और व्यायाम नियमित नहीं हो पाती। ऐसे समय में अपने परिवार के साथ जितना भी समय एक अच्छे माहौल में पुलिसकर्मी बिता सके, वो बहुत महत्वपूर्ण है। आज अलग-अलग स्तर पर लगभग 1560 परिवारों में से 350 परिवारों को उनका निवास भी मिल गया है। उन्होंने कहा कि हाऊसिंग सेटिस्फ़ेक्शन रेश्यो देशभर का पुलिसकर्मियों की दक्षता बढ़ाने के सभी प्रयासों में ना केवल एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू बल्कि एक चुनौती भी है। जब तक इसे आप नहीं बढ़ाते तब तक पुलिसकर्मी से अपनी ड्यूटी के अच्छे निर्वहन की आप आशा नहीं कर सकते।
श्री अमित शाह ने कहा कि जब तक तकनीक का उपयोग इन्वेस्टिगेशन, डेटा स्टोरेज और इसके एनालिसिस के लिए नहीं करेंगे तब तक अपराध पर नियंत्रण असंभव है। जब तक क्लासीफ़ाइड डेटा नहीं होता है, इसके एनालिसिस के बिना अपराध नियंत्रण की कोई रणनीति नहीं बन सकती। जब तक अन्वेषण को आप स्पीड के साथ नहीं कर सकते, तब तक अपराध पर नियंत्रण नहीं हो सकता। जब तक प्रॉसीक्यूशन की प्रक्रिया साइंटिफ़िक सुबूत के आधार पर नहीं करते हो, तब तक अपराध पर नियंत्रण नहीं पा सकते हो। जब तक प्रॉसीक्यूशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन मॉनीटर नहीं कर सकते हो, तब तक आप जल्दी न्याय नहीं दिला सकते हो। ये सारी चीज़ें भारत सरकार ने आईसीजेएस (ICJS) के माध्यम से देशभर की पुलिस के लिए रखी हैं। इसके अंतर्गत सीसीटीएनएस में देश के 98 प्रतिशत से ज़्यादा थानों को जोड़ लिया गया है। ई-कोर्ट, ई-प्रिज़न, ई-फ़ॉरेन्सिक और ईप्रॉसीक्यूशन का एक मॉडल बनाया गया है और आईसीजेएस के माध्यम से इन सबको जोड़कर इन्हें थाने तक उपलब्ध कराने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने किया है। लेकिन इन सभी योजनाओं और डेटा का क्या फ़ायदा क्योंकि इनका एनालिसिस तो राज्य या संघ प्रदेश के स्तर पर होना है और इसके आधार पर पुलिस की वार्षिक रणनीति बनानी है, कि हमारे प्रदेश में किस अपराध पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है, किस अपराध की मॉडस ऑपरेंडी क्या है। ये सब राज्यस्तर पर तय करने की ज़रूरत है और बल्कि पुलिस स्टेशन स्तर पर तय करने की ज़रूर है क्योंकि हर पुलिस स्टेशन में अपराधों का प्रकार, प्रवृत्ति और संख्या अलग-अलग होती हैं। ये सब तभी हो सकता है जब पुलिस थाने के स्तर तक हम आईसीजेएस को पहुंचाएंगे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि एक एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली भी आज जारी की गई है। ई-एफ़आईआर रजिस्टर करने की शुरूआत तो हो गई लेकिन जब तक लोगों को पता नहीं चलेगा कि थाने जाए बिना एफ़आईआर रजिस्टर हो सकती है। उन्होंने कहा कि नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ पुलिस के बीच एक एमओयू हुआ है और मैंने पुलिस कांग्रेस में कई बार कहा है कि जब तक फॉरेंसिक एविडेंस के आधार पर प्रॉसीक्यूशन की प्रक्रिया नहीं होती तब तक दोष सिद्धि की दर को आप सुधार नहीं सकते। इसके लिए बहुत जरूरी है कि 6 साल से ज्यादा जिसमें सजा है, आने वाले दिनों में हम आईपीसी, सीआरपीसी एविडेंस एक्ट में सुधार करने जा रहे हैं। इसमें इसका प्रोविजन करेंगे परंतु मैन पावर कहां से आएगी, ना देश के पास इतना फॉरेंसिक के क्षेत्र का ट्रेंड मैन पावर है, ना इसकी सुविधाएं हैं। परंतु जब कभी भी शुरुआत करते हैं, दिक्कतें तो आती ही है और दिक्कतों का रास्ता ढूंढना होता है, दिक्कतों से रास्ता बंद हो गया है, अगर ऐसा सोचते हैं तो कभी आगे नहीं बढ़ सकते। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की है और यह सभी राज्यों में, क्षेत्रों में अपने एफीलिएटेड कॉलेजों को खोलने वाला है और तब एक बहुत बड़ी संख्या में मैन पावर उपलब्ध होगी और फिर हम कानूनन यह कर सकेंगे कि 6 साल से ज्यादा जिस भी दफा में सजा है उस सबमें साइंटिफिक एविडेंस को हम कंपलसरी करेंगे। अभी चंडीगढ़ प्रशासन ने नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत एक ट्रेंड मैनपावर चंडीगढ़ पुलिस को मिलेगा। जो बच्चे वहां से पास आउट होंगे बीएससी, एमएससी होंगे, कोई फॉरेंसिक के क्षेत्र में एक्सपर्ट होंगे वह चंडीगढ़ पुलिस के साथ सहयोगी बनेंगे और चंडीगढ़ पुलिस अपनी एफ़आईआर, इन्वेस्टिगेशन और प्रशिक्षण में इसका उपयोग करेगी। मुझे विश्वास है कि इससे चंडीगढ़ पुलिस की दोष सिद्धि की दर में बहुत बड़ी मात्रा में चंडीगढ़ पुलिस को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि आज चंडीगढ़ पुलिस का कलेवर बदलने के लिए मोटरसाइकिल और गाड़ियों का आधुनिक संचार सुविधाओं से लैस दस्ता आज दिया गया है। चंडीगढ़ जैसे एक छोटे से संघ प्रदेश के अंदर यह दस्ता जब घूमेगा तब मुझे विश्वास है कि चंडीगढ़ के लोगों में विश्वास के वातावरण बनेगा और इससे पुलिस बल पर भरोसा भी बढ़ेगा और पुलिस को अप्रोच करने का विश्वास भी बढ़ेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा का राजधानी क्षेत्र भी है। यहां की कानून और व्यवस्था की स्थिति का असर एक संघ प्रदेश और दो राज्यों, यानी तीनों जगह पर पड़ता है। अगर यहां पर चंडीगढ़ पुलिस कोई मॉडल खड़ा करती है तो स्वाभाविक रूप से हरियाणा और पंजाब पुलिस को भी इसका फायदा होता है। आज ये जो नई शुरुआत हुई है इससे न केवल चंडीगढ़, इसके साथ-साथ हरियाणा और पंजाब पुलिस को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर लगभग सवा सौ करोड़ रूपए से ज्यादा राशि चंडीगढ़ पुलिस को अपग्रेड करने के लिए खर्च हुई है और उन सभी का आज लोकार्पण किया गया है। 125 करोड़ रूपए की राशि जिसमें हाउसिंग के प्रोजेक्ट भी है, फॉरेंसिक साइंस को अपग्रेड करने की व्यवस्था भी है और कई सारे ई-इनीशिएटिव भी लिए गए हैं। इससे आने वाले दिनों में बहुत बड़ा फायदा इस संघ प्रदेश को होने वाला है। श्री अमित शाह ने कहा कि आज एक मानवता का काम हमारे प्रशासक महोदय बनवारीलाल पुरोहित के तत्वाधान में हुआ है। जिन भी कर्मियों ने असमय अपनी जान गंवाई है उन सारे परिवारों की चिंता करते हुए उनको धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है और उनके परिजनों को नौकरी देने का काम भी हो रहा है। यह बहुत जरूरी है क्योंकि जो जवान ड्यूटी पर तैनात है उसे यह विश्वास होना चाहिए कि प्रशासन चट्टान की तरह मेरे पीछे खड़ा है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने घोषणा की कि आज से चंडीगढ़ प्रशासन के सभी कर्मचारियों की सेवा की शर्तों को केंद्रीय सिविल सेवाओं के साथ जोड़ने का निर्णय भारत सरकार ने लिया है। उन्होंने कहा कि इससे आप लोगों को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है। सबसे पहले तो आपकी सेवा निवृत्ति की आयु बढ़ कर 58 की जगह 60 वर्ष हो जाएगी। महिला कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर के लिए 1 साल की जगह 2 साल की छुट्टी भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि बहुत समय से यह मांग चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारी, अधिकारियों की थी और आज मोदी जी ने यह बहुत बड़ा फैसला लिया है। कल ही इसका नोटिफिकेशन भी निकल जाएगा और आप लोगों को नए वित्तीय वर्ष से इसका फायदा मिलना शुरू हो जाएगा। श्री अमित शाह ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी जी की सरकार केन्द्र में बनी है और मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से अनेक क्षेत्रों में आमूलचूल परिवर्तन होने की शुरुआत हुई है। परंतु देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत और समस्याविहीन बनाने के लिए और कई दशकों से चली आई समस्याओं को ख़त्म करने के लिए 7 सालों में जितना काम हुआ है, इतना सात दशकों में कभी नहीं हुआ। चाहे नक्सल प्रभावित क्षेत्र हो, कश्मीर हो, चाहे नॉर्थ ईस्ट थिएटर हो, सभी जगह पर जो आतंकवादी समूहों के साथ झड़पों की घटनाओं पर एक प्रभावशाली नियंत्रण हमारे सुरक्षाबलों ने स्थापित किया है। उन्होंने यह संदेश कड़ाई के साथ भेजा है कि देश के नागरिक चाहे नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र में रहते हो, कश्मीर में रहते हो, चाहे उत्तर पूर्व में रहते हों, इनकी जिंदगियों के साथ खिलवाड़ करने का किसी को अधिकार नहीं है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप नक्सलवादी घटनाओं में बहुत कमी आई है, उत्तर पूर्व में कई उग्रवादी संगठनों ने भारत सरकार के प्रोएक्टिव स्टेप को स्वीकार करते हुए भारत सरकार के साथ समझौते किए हैं। नौ हजार से ज्यादा उग्रवादियों ने सरेंडर कर अपने आप को कानून के हवाले किया है। 9,000 से ज्यादा परिवारों ने आज कानून पर भरोसा कर सरेंडर किया है। कश्मीर में भी आतंकवादी घटनाओं पर नकेल कसने में सुरक्षा बलों ने एक प्रभावशाली नियंत्रण स्थापित किया है। इसके आंकड़ों को विरोधी भी नकार नहीं सकते। मोदी जी के नेतृत्व में आंतरिक सुरक्षा की जितनी भी चुनौतियां है इन सभी को न केवल एड्रेस किया गया है, बल्कि इसका परिणाम लाने का काम भी किया गया है केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर से लेकर चंडीगढ़ और हरियाणा तक नारकोटिक्स से पूरी जनता परेशान है। मैं आप सभी को एक बात कहना चाहता हूं कि जो मोदी सरकार ने अभियान चलाया है, 2021 में 75 साल में रिकॉर्ड नारकोटिक्स और इनके रैकेट चलाने वालो को पकड़ने का काम नरेंद्र मोदी सरकार ने किया है। मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले दो-तीन सालों में नारकोटिक्स के ख़िलाफ़ लड़ाई हम चरम सीमा पर ले जाएंगे और किसी को इजाजत नहीं होगी हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने की और आने वाली नस्लों को नशे के गर्त में डुबाने की किसी को इजाजत नहीं होगी, यह नरेंद्र मोदी सरकार का एक दृढ़ निश्चय है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस कल्याण के बारे में, चाहे कोई भी सशस्त्र बल हो या संघ प्रदेश के सारे पुलिस बलों के कल्याण के बारे में बात हो, नरेंद्र मोदी जी ने बहुत अच्छे तरीके से एक मानवीय दृष्टिकोण के साथ पुलिस कल्याण को गृह विभाग का एक महत्वपूर्ण अंग बनाया है। उन्होंने कहा कि यह साल हमारा आजादी का 75वां साल है। आप जब पैदा हुए हैं तब आजादी का माहौल भी नहीं है। हमारी युवा पीढ़ी को इतिहास को पढ़ना चाहिए और इसीलिए आजादी के संघर्ष से युवा पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए मोदी जी ने तय किया है कि यह वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। हमारे देश भर के युवाओं को आजादी प्राप्त करने के लिए जो कड़ा संघर्ष हमारे पुरखों ने किया है उनसे परिचय कराया जाए। आजादी ऐसे ही नहीं मिली, नामी- अनामी कई लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है, कई लोग अपने ओजस्वी कैरियर को समाप्त कर आजादी के आंदोलन की लड़ाई के अंदर कूद पड़े और कई लोगों ने अनेक प्रकार के जनजागृति के काम कर कर देश को आजाद कराने के लिए एक बहुत बड़ा आंदोलन किया और तब जाकर यह देश अंग्रेजों की गिरफ्त से बाहर आया। आज जो युवा स्वाभाविक रूप से अनेक प्रकार के अधिकारों के लिए सोच रहा है, हम इसलिए सोच रहे हैं कि हम आजाद भारत के अंदर सांस ले रहे हैं। हमारे संविधान ने आपको यह अधिकार दिया हैं। परंतु यह अधिकार आपको मिला है, इसके लिए कितनी कड़ी मशक्कत, कड़ा संघर्ष, बड़ा त्याग और बलिदान करना पड़ा है, वह हम सबको जरूर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें आजादी के लिए लड़ने का मौका ईश्वर ने नहीं दिया, क्योंकि हम सबका जन्म ही आजादी के बाद हुआ है। देश के लिए मरने का मौका भले ना मिला हो, देश के लिए जीने का मौका ईश्वर ने हमें दिया है और वह आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से हर एक युवा तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके साथ-साथ मोदी जी ने हर क्षेत्र में आजादी के अमृत महोत्सव में इसे संकल्प वर्ष का नाम दिया है। हर क्षेत्र अपने संकल्प तय करेगा, हर व्यक्ति अपने संकल्प तय करेगा और देश की आज़ादी की जब शताब्दी बनाई जा रही होगी, तो करोड़ों संकल्पों का यह संपुट देश को महान बनाकर दुनिया के अंदर गौरवपूर्ण स्थिति में स्थापित करेगा। उन्होंने उदाहरण दिया कि कई लोग मुझे कहते हैं कि हम व्यक्ति के नाते क्या कर सकते हैं, नागरिक के नाते क्या कर सकते हैं। आप कल्पना कर सकते हो कि 130 करोड़ लोग अगर संकल्प लेते हैं तो 130 करोड़ संकल्पों का यह संपुट हमारे देश को कितना आगे ले जा सकता है। यह कल्पना लेकर यह संकल्प के वर्ष में हमें संकल्प लेकर देश के लिए जीने की शुरुआत करनी चाहिए। इसी तरह से हर प्रशासनिक इकाई, छोटी सी नगरपालिका हो, या मुनीसिपल कॉरपोरेशन हो या चंडीगढ़ प्रशासन हो हर क्षेत्र के अंदर अपने लक्ष्य तय करने चाहिए। 25 साल में हम कहां होंगे। अगर यह लक्ष्य तय कर लेते हैं तो जब आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी तब यह सभी इकाइयां जब संकल्प सिद्धि करेगी तो यह आजादी का अमृत काल है 75 से 100 साल का, यह हमारे लिए परिश्रम की पराकाष्ठा का एक समय होना चाहिए। हम सब भारतीयों का परिश्रम भारत माता को विश्व में सर्वोच्च स्थान पर बैठाए, इस प्रकार के भारत की कल्पना हमें करनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि मैं चंडीगढ़ प्रशासन को कहना चाहता हूं कि हर क्षेत्र में प्रशासन द्वारा 25 साल का एक संकल्प बनाया जाए। 5-5 साल की कार्य योजना बनाई जाए और इसके सालाना रिव्यू की एक योजना बनाई जाए तो 100 साल के बाद जब देश की शताब्दी के समय, लोगों को एक उन्नत मस्तक के साथ विश्व में खड़ा रहने का मौका मिलेगा। मैं आशा करता हूं कि आप सभी लोग कानून और व्यवस्था को सुधारने की इस प्रक्रिया से जुड़े हैं वह सभी लोग एक संकल्प लेकर अपने व्यक्तिगत जीवन में भी हमारे समाज में, हमारे देश में एक नई ऊंचाई प्राप्त हो इसके लिए प्रयासरत बनेंगे।
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