“अगले दशक के लिए भूविज्ञान: चुनौतियां और समाज” विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय भूविज्ञान कार्यक्रम-36वीं अंतर्राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक कांग्रेस कल यहां संपन्न हुई।
कांग्रेस के तीसरे दिन, सत्र की वार्ता में भूवैज्ञानिक प्रक्रियाएं और सबडक्शन इनिशीएशन का समय, ओपियोलाइट अबडक्शन और हिमालय में क्रस्टल थिकनिंग और मेटामोरफिज्म होना, भूवैज्ञानिक कार्बन भंडारण: CO2 भंडारण के प्राकृतिक एनालॉग पर अवलोकन से द्वितीयक ट्रैपिंग तंत्र का महत्व पता करना, एक एलियन वर्ल्ड पर माइक्रोबियल लाइफ: अर्ली अर्थ में जीवन का निवास स्थान” जैसे विषय शामिल थे, जो माइक सियरल, माइकल बिकल, मार्टिन वैन क्रैनेंडोंक, कैथी कैंपबेल द्वारा पेश किए गए।
22 मार्च 2022 को “विश्व जल दिवस” मनाते हुए, मशहूर भू-वैज्ञानिक प्रोफेसर मिहिर शाह, शिव नादर विश्वविद्यालय और एसीडब्ल्यूएडीएएम की उमा असलेकर द्वारा “ब्रिंगिग द साइंस बैक इंटो वाटर: भारत में स्थायी भूजल प्रबंधन की चुनौतियां” पर एक व्याख्यान दिया गया। वार्ता में भूजल संसाधनों के प्रबंधन पर जोर दिया गया। उन्होंने जल प्रबंधन और संरक्षण के लिए प्राकृतिक खेती की पुरजोर वकालत करने की आवश्यकता का भी उल्लेख किया।
समापन टिप्पणी प्रो. डी.एम. बनर्जी, एफएनए ने 36वीं आईजीसी आयोजन समिति समेत भारत के सभी भागीदारों को धन्यवाद देते हुए किया।
पैनल चर्चा में एक सुरक्षित और स्वस्थ ग्रह बनाने के लिए पृथ्वी की गतिशीलता को समझने, लगातार विकास को बढ़ावा देने, पृथ्वी विज्ञान के क्षेत्र में लैंगिक असमानताओं को कम करने, भू-विज्ञान की बेहतर समझ, जलवायु परिवर्तन और भू-खतरों की भविष्यवाणी और शमन के बारे में थी।
दुनिया के प्रसिद्ध भूवैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न विषयों जैसे डेटा संचालन के जरिये पृथ्वी विज्ञान को सीखना और खोज करना, हेडियन अर्थ से एक रहने योग्य ग्रह तक, एंथ्रोपोसीन भूवैज्ञानिक समय पैमाने की एक संभावित इकाई के रूप में: क्रेटेशियस लवणता संकट की प्रगति और उच्च दबाव रिकॉर्ड पर एक अद्यतन आदि पर विस्तृत चर्चा की गई।
चर्चा का अंत प्रोफेसर रोलैंड ओबेरहेन्सली, पूर्व अध्यक्ष आईयूजीएस, प्रोफेसर, पोस्टडैम विश्वविद्यालय, जर्मनी के व्याख्यान “हाई प्रेसर रिकॉर्ड ऑफ ए क्रेटेशियस सलिनिटी क्राइसिस” के साथ हुआ।
तीन दिवसीय कार्यक्रम में दुनिया भर से लगभग 7000 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के उद्घाटन दिवस पर 20 मार्च को केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी, कोयला, खान और रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे, संचार राज्य मंत्री श्री देवूसिंह चौहान और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान एवं एमओएस पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस को संबोधित किया। उन्होंने भूविज्ञान के ओलंपिक के रूप में इसे वर्णित किया।
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के तकनीकी और वैज्ञानिक समर्थन के साथ, खान मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से 20-22 मार्च 2022 तक 36वीं अंतर्राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक कांग्रेस (आईजीसी) को आयोजित किया गया था। भारत ने 58 वर्षों के बाद बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के समर्थन से कांग्रेस की मेजबानी की है। इस आयोजन ने दुनिया भर के भू-वैज्ञानिकों को लगातार विकास के क्षेत्र में अधिक प्रभावी उपकरण तैयार करने के लिए सही मंच प्रदान किया।