रक्षा मंत्रालय ने 25 मार्च, 2022 को मेसर्स लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के साथ “खरीदें-भारतीय” श्रेणी के तहत 887 करोड़ रुपये की कुल लागत से भारतीय नौसेना के लिए दो बहुउद्देश्यीय पोतों (एमपीवी) के अधिग्रहण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे और अतिरिक्त सचिव व महानिदेशक (अधिग्रहण) श्री पंकज अग्रवाल की उपस्थिति में इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। नौसेना को मई, 2025 से इन पोतों को सौंपे जाने का समय तय किया गया है।
एमपीवी अपनी तरह का पहला पोत होगा, जिसका निर्माण भारतीय नौसेना की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने को लेकर लागत प्रभावी समाधान प्रदान करने के लिए किया जाएगा। मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड इन जहाजों का निर्माण कट्टुपल्ली (चेन्नई) में करेगी। यह गनरी/एएसडब्ल्यू फायरिंग अभ्यासों के लिए समुद्री निगरानी व गश्ती, टारपीडो की लॉन्चिंग/रिकवरी और विभिन्न प्रकार के हवाई, सतह व जल के नीचे के लक्ष्यों के परिचालन जैसे विविध भूमिकाओं में सहायता करने का काम करेगा। ये पोत जहाजों को खींचने और सीमित अस्पताल जहाज क्षमता के साथ मानवीय सहायता व आपदा राहत (एचएडीआर) समर्थन प्रदान करने में भी सक्षम होंगे। इसके अलावा ये पोत विकास के तहत नौसेना के हथियारों व सेंसर के परीक्षण मंच, आईएसवी व बचाव कार्यों के लिए समर्थन मंच और हमारे द्वीपीय क्षेत्रों में लॉजिस्टिक (रसद) सहायता प्रदान करने का भी काम करेंगे। यह अनुबंध भारत सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” पहल के अनुरूप भारतीय पोत निर्माण उद्योग की सक्रिय भागीदारी को और अधिक बढ़ावा देगा व प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा अधिकांश उपकरण व प्रणाली स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त होने के चलते ये पोत रक्षा मंत्रालय की “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” पहल के एक गौरवशाली ध्वजवाहक होंगे।