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सारे दुख हमारे अंदर का संसार देता है

एक संसार बाहर है एक अन्दर .. हम कह देते है संसार ने हमें बहुत दुख दिया है ये ग़लत है, सारे दुख हमारे अंदर का संसार देता है।
तकलीफ़ निंदा जब हमें मिलती है तो प्रतिक्रिया अन्दर होती है। हम दुखी होते हैं।क्रोध अग्नि में जलते है।बदला लेने की भावना होती है। कोई इन्सान ऐसी प्रतिक्रिया से आनन्द महसूस कर ही नहीं सकता। हालात कोई भी हो अगर हम शान्ति से स्वीकार कर लेते हैं।किसी का कुछ भी किया और कहा माफ़ कर उसे भूल जाते है तो प्रतिक्रिया पाजिटिव होगी ..साकारातमक होगी ,जो हमे आनन्द का अहसास करवायेंगी और मन सुखी होगा। दुख या सुख हमारा अपना रचा हुआ है ..दुख सुख तो संसार है दुख हमें इतना दुखी नहीं करता जितनी हमारी अपनी ही प्रतिक्रिया।सो कोशिश करें ,हम प्रतिक्रिया न दे कर हालातों को बैलेंस करने की कोशिश करे।कोई आप के साथ ग़लत करता है, तो शान्त रहे, ख़ामोशी से सह जाये वक़्त ख़ुद ही फ़ैसला कर देता है।खुद लाठी न उठाये।वक़्त को अपना काम करने दे।जब हम दुख सुख से निकलते हैं। हम और भी निखर कर बाहर आते हैं।अगर किसी ने ग़रीबी को झेला हो,वो ही इक गरीब की व्यथा को समझ सकता है।जब हम हमेशा सुख में रहते हैं तो हम किसी की तकलीफ़ को नहीं समझ सकते।ये कटु अनुभव ही हमें बेहतर इन्सान बनाते है।इक फूल का पौधा तब ही सुन्दर ख़ुशबूदार फूल दे पाता।जब वो कड़ी धूप ,बारिश,आँधी तूफ़ान, कभी गर्मी सर्दी सहता है,तो ही पौधों के तने में जान आती हैं।तब वो समय आने पर बहुत ही शानदार फूलों से बाग को भर देते है।ये पौधों की फूल देने की क्षमता किस ने बड़ाई. ये विपरीत मौसम ने।पौधों को अगर इन विपरीत मौसमों से न गुजरना पड़े तो फूल भी बड़े और सुन्दर न हो पायेंगे। कई बार हमें स्थितियाँ हालात बेहद विपरीत दुख देने वाले दिखते हैं मगर हमें और शक्तिशाली बनाने के लिये ही आते है। दुख तकलीफ़ हमें अपने कर्मों से मिलता है।हर कोई अपना रोल जो उन्हें विधाता की तरफ़ से मिला है,निभा रहे हैं।हम यूँही कह देते हैं कि उसने मेरे साथ ऐसा किया वैसा किया .. कई बार वो नहीं कर रहा होता ,हमारे ही क्रम हमें दुखी या सुखी कर रहे होते हैं। इक बार बहुत बड़ा सेठ गाँव में रहता था .. दूसरे गाँव में मेला लगा।सारा गाँव मेला देखने चला गया ..घर में कोई नहीं था .. वो अकेला ही था। उसका इक गुरू था।अपने गुरू को बहुत याद किया करता था।ख़ूब मन लगा कर भक्ति किया करता था।उस रात जब वो अकेला था..चार चोर आ गये।उसका सब कुछ लूटने लगे।सेठ को मारा कूटा।सेठ बहुत गिड़गिड़ाया मगर चोरों ने उसके हाथ पैर मुहं बाँध दिये।गाँव के और घरों में भी चोरों ने चोरी की।जाने से पहले कहने लगे ! ये सेठ इस गाँव का जाना माना व्यक्ति है।इस की गवाही पर हम पकड़े भी जा सकते है।इस को मार कर ही जाते हैं ताकि कोई गवाह बचे ही नही।जैसे ही उसे मारने लगे।सेठ ने कहा मेरे हाथ पैर खोल दो। मरना तो है ही मुझे।मरने से पहले मुझे अपने रब को याद करने दो।सेठ कहने लगा !सिर्फ़ इक घंटा मुझे अपने रब को याद करने दो।चोरों ने सोचा अभी रात बहुत पड़ी है,तब तक हम भी कुछ खा पी लेते हैं।थोड़ा सुस्ता लेते हैं।गाँव वाले भी तो दिन चढ़ने पर ही आयेंगे।वो मान गये।अब सेठ को खोल दिया ।सेठ आँखें बंद कर अपने गुरू से बातें करने लगा ..कहता है गुरू जी मैंने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा तो ये सब मेरे साथ क्या हो रहा है।फिर चुपचाप ध्यान मग्न हो गया। घंटे बाद उठा तो बढ़ा ख़ुश।कहने लगा चोरों से !अब आप मुझे मार सकते हो।मैं तैयार हूँ मरने के लिए।सब चोर हैरान हो कर सोचने लगे।कुछ देर पहले तो गिड़गिड़ा रहा था।अपने जीवन की भीख माँग रहा था।अचानक से ऐसा क्या हो गया। उन्होंने पूछा! ऐसा क्या हुआ कि इतनी विपरीत हालात में भी तुम ख़ुश हो।क्या राज है बता।कहता है कि मेरे गुरू ने मुझे बताया है कि ये तेरा ही करम है जो तुम हिसाब दे रहे हो। गुरू ने कहा ये सारे चोर अलग अलग जन्म में तेरे भाई ही थे तुमने इनको तरह तरह से इनका धन लूटा फिर इनके गले भी काट दिये।गुरू कहते है कि तुम चाहो तो चार जन्म ले कर इनके हाथों से मारे जाओ, या आज इन चारों के हाथ से मर कर ..एक ही बार में इन चारों का हिसाब पूरा कर दो।सेठ कहने लगा मैंने फ़ैसला किया है कि आप चारों मुझे मार कर अपना हिसाब पूरा करे। चोर सोच में पड गये और पूछने लगे क्या ऐसा भी होता है।इस हिसाब से तो हम आज तुम्हें मारेंगे कल या किसी जन्म में तुम हमें मारोगे।ऐसे तो सिलसिला चलता ही रहेगा।पूछने लगे कौन है तेरा गुरू?हमें उसके पास ले चल।सुबह हुई पाँचों गुरू के पास पहुँच गये।चारों चोर गुरू से बहुत प्रभावित हुये और गुरू से गुरू दिक्षा भी ले ली। और अच्छे इन्सानों की तरहा जीवन जीने लगे। यहाँ उन्हें मौक़ा मिला अपना बदला ,अपना हिसाब ..पूरा करने का ,मगर उन्होंने बदला न ले कर पुराने किये गये करम को माफ़ करने का रास्ता चुन लिया।ऐसे ही करमो से आत्मा में बल बढ़ता है। दोस्तों! दुख जब आते हैं किसी की भी तरफ़ से तो माफ़ कर दे।इसमें फ़ायदा ही फ़ायदा है हम क्रोध और बुराई से बचे रहते हैं।किसी और के लिए नहीं बल्कि हमें अपनी मन की शांति के लिए ही माफ़ करना है।माफ़ करना कमजोरी नहीं ..बहुत बड़ी ताक़त है जो हमारी आत्मा को और भी बलवान बना देती है। अगर हम उम्मीद रखते है कि रब हमे हमारी ग़लतियों के लिए माफ़ कर दे,तो पहले हमे ही दूसरों को माफ़ करने का सलीका सीखना होगा।🙏 स्मिता 

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जिलाधिकारी ने होली को देखते हुए कानून व्यवस्था की समीक्षा की

होली को देखते हुए जिलाधिकारी ने रूप रेखा तय की
◆ नगर निगम शहरी क्षेत्रों में जहां जहां होलिका दहन का कार्यक्रम होना है वहा पर मिट्टी डालने का कार्य करे तथा आयोजकगण भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए नगर निगम से संपर्क कर मिट्टी डाललवाने का कार्य करवाए ।

◆शहरी क्षेत्र में केस्को एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दक्षिणाचल लटकते बिजली के तारों को कसवा ले । सभी सब स्टेशन में गैंग उपस्थित रहे यह सुनिश्चित कराया जाए ।
◆ हाई स्पीड से होली एवं गंगा मेले वाले दिन पानी की सप्लाई करायी जाए तथा सभी जलापूर्ति स्टेशनों में बैकअप में जनरेटर की व्यवस्था भी कर लिया जाए ।

◆ स्वास्थ्य विभाग सभी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी तथा एंबुलेंस को एक्टिव मोड पर रखें।

◆ हटिया गंगा मेले के रूट में लटकते बिजली के तारों को कसा जाए तथा जुलूस के साथ साथ बिजली गैंग तथा एम्बुलेंस भी रहे यह सुनिश्चित किया जाए।
◆ नगर निगम अभियान चलाकर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।

◆ सरसैया घाट में आयोजित होने वाले होली मिलन समारोह तथा शहर में आयोजित होने वाले अन्य होली मिलन समारोह में यातायात व्यवस्था एवं प्रकाश व्यवस्था आदि सुनिश्चित की जाए।

◆ त्वरित प्रतिक्रिया निस्तारण हेतु अभी विभागों के सदस्यों की टीम का गठन किया जाए ।

उक्त निर्देश आज जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार में होली तथा गंगा मेला की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक में समस्त संबंधित अधिकारियों को दिए।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त विभाग अपनी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए दिए गए निर्देशों का पालन समय से सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने बैठक में उपस्थित समस्त उप जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वे सभी अपनी उपस्थिति में थानों में होने वाली बैठकों का आयोजन कराए तथा की जाने वाली व्यवस्थाओं कोसुनिश्चित कराए ।
बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर श्री अतुल कुमार, समस्त उप जिलाधिकारी , नगर निगम ,केस्को ,जल निगम आदि सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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होली का महत्व

 योग का नियमित अभ्यास किसी भी मनुष्य को प्रह्लाद बना सकता है – वही प्रह्लाद, जिसकी कथाएँ पुराणों में निहित हैं और जिसे हिरण्यकश्यप ने फाल्गुन मॉस की पूर्णिमा को, होलिका दहन में जलाकर मारने का प्रयास किया था। किन्तु उस रात की शक्ति ही कुछ ऐसी थी कि प्रह्लाद बिना जले आग से बाहर आ गया और होलिका , जिसे न जलने का वरदान प्राप्त था, फिर भी जलकर राख़ हो गयी।

पुराणों में निहित कथाएँ केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं बल्कि ज्ञान का भंडार हैं। एक साधारण मनुष्य उन्हें सिर्फ कहानियाँ ही मानता है। सीमित बुद्धि के कारण उसमें इन कथाओं में निहित ज्ञान को जानने की जिज्ञासा ही नहीं होती। और यही इन कथाओं का उद्देश्य भी है कि उनमें छिपे ज्ञान और रहस्यपूर्ण शक्तियों तक एक योग्य साधक ही पहुँच सके।

ज्ञान की प्राप्ति और दैविक शक्तियों का अनुभव गुरु द्वारा निर्धारित क्रियाओं और साधनाओं के नियमित अभ्यास से ही संभव हैं।

यह सृष्टि पांच तत्वों के संयोजन और सम्मिश्रण से उत्पन्न हुई है। जब शरीर में कोई दोष होता है तभी ये तत्व मिलकर उस शरीर की संरचना करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त और कफ ही शरीर के दोष हैं तथा वेदानुसार कोई नकारात्मक विचार या स्वार्थ की भावना ही शरीर में दोष का कारण है।

यही दोष, एक मनुष्य की मूल प्रकृति को निर्धारित करते हैं। तत्वों की शुद्धता और अशुद्धता का स्तर ही एक व्यक्ति की विचार धारा को निर्धारित करता है। अगर तत्व शुद्ध हैं तो विचार उच्चकोटि के होंगे, परमार्थ के होंगे और यदि तत्व अशुद्ध है तो मनुष्य के विचार, स्वार्थ भावना और स्थूल स्तर के होंगे।

पञ्च तत्वों में अग्नि तत्व का उल्लेख, विशेष महत्त्वपूर्ण है क्योंकि केवल इसी तत्व को दूषित नहीं किया जा सकता। यही एक ऐसा तत्व है जो गुरुत्वाकर्षण के बावजूद ऊपर की ओर उठता है। इसके संपर्क में जो कुछ भी आता है वह शुद्ध और पवित्र हो जाता है। यही अग्नि, मनुष्य का उत्थान करने की क्षमता रखती है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ऋग वेद का पहला शब्द अग्नि ही है।

अग्नि की शक्ति को प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं जिसमें होली भी एक है। इस दिन होलिका, प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गयी थी किन्तु वह एक साधिका थी और अग्नि द्वारा उसके पवित्र होने का समय आ चुका था,इसलिए वरदान होते हुए भी अग्नि ने उसे स्वीकार कर लिया और प्रह्लाद , जो पहले से ही पवित्र और विशुद्ध था, बिना जले बाहर आ गया। जो शरीर पूर्ण रूप से शुद्ध होता है, अग्नि उसको प्रभावित नहीं करती। अग्नि से तात्पर्य स्थूल अग्नि तो है ही साथ ही हमारे जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता, अशांति या विघ्न से भी है।

एक पवित्र देह उच्च लोकों में जाने योग्य है जहाँ उसका संपर्क दैविक शक्तियों से रहता है और ऐसी आत्मा सदैव आनन्द की स्थिति में होती है वहीँ एक अशुद्ध शरीर इस सँसार के भोगों को भोगने में व्यस्त रहता है,भोग जो क्षणभंगुर तो हैं ही साथ ही उस प्राणी को रोग की ओर भी ले जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को लगता है कि उसका मनोरंजन हो रहा है और उसका समय सही व्यतीत हो रहा है, किन्तु वास्तव में समय ही उसे व्यतीत कर रहा है और रोगों की ओर ले जा रहा है क्योंकि रोग ही तो भोग का विपरीत है। सृष्टि स्वयं भी तो एक दूसरे के विपरीत पहलुओं का ही परिणाम है।

सनातन क्रिया में भी होली के दिन करने के लिए कुछ शुद्दिकरण प्रक्रियाएं दी गयी हैं। इसमें साधक अपने चारों और अग्नि चक्र बना कर, गुरु द्वारा दिए गए मन्त्रों का जाप करते है जिससे तुरंत ही उनमे आत्मिक शुद्धि की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

योगी अश्विनी – ध्यान आश्रम के योगी अश्विनी से सम्पर्क करने के लिए dhyanashram.ya@gmail.com पर लिखें । गुरुवार 17 मार्च को दुनिया भर में ध्यान फाउंडेशन केंद्रों पर विशेष होली यज्ञ। भाग लेने के लिए www.dhyanfoundation.com पर रजिस्टर करें  09318451205

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज की एन एस एस इकाई कोदोमबनी द्वारा गोद लिए गए गांव काकोरी में पोषक आहार वितरण

कानपुर 8 मार्च, भारतीय स्वरूप संवाददाता, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एस एन सेन बी वी पी जी कॉलेज की एन एस एस इकाई कोदोमबनी द्वारा गोद लिए गए गांव काकोरी में पोषक आहार वितरण कार्यक्रम किया गया कार्यक्रम के प्रारंभ में एन एस एस प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने महिला दिवस के इस अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत कर महिलाओं को जागरूक किया इस अवसर पर डॉ मोनिका शुक्ला एवं श्रीमती रीता आदि शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं, एन एस एस यूनिट से लगभग 30 वालंटियर ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया , एन एस एस प्रभारी डॉ चित्रा सिंह तोमर के व्याख्यान के उपरांत महिलाओं को पोषक आहार का वितरण किया गया तदोपरांत उन्हें स्वास्थ एवं स्वच्छता से संबंधित शपथ दिलाई गई कार्यक्रम में काकोरी की सभी महिलाओं एवं बच्चों ने भाग लिया

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दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजाजीपुरम , लखनऊ में वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता, लखनऊ 3 मार्च को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजाजीपुरम , लखनऊ में वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य महोदया प्रोफेसर अर्चना राजन जी ने की कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में श्री नरेंद्र शंकर पांडे  (सलाहकार,गृह मंत्रालय, भारत सरकार )एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती मीरा पांडे जी उपस्थित रहे सर्वोच्च अंक प्राप्त मेधावी छात्राओं को सम्मानित किया गया साथ ही वर्ष पर्यंत आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजई प्रतिभागियों को भी मुख्य अतिथि के कर कमलों से प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए गए इस अवसर पर महाविद्यालय की समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नेहा जैन की पुस्तक “कार्यशील महिलाओं का समाजशास्त्रीय अध्ययन “का विमोचन किया गया महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका एवं इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रियंका शर्मा की पुस्तक “social history in modern india”का भी विमोचन कार्यक्रम संपन्न हुआ  इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे

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मजबूत लोकतंत्र

लोकतंत्र मतलब जनता द्वारा जनता के लिए निर्धारित व्यवस्था। जनता द्वारा निर्धारित व्यक्ति संरक्षक की भूमिका निभाता है। अच्छा बुरा सोच कर उनके हितों को ध्यान में रखता है। इस चुनावी बयार में ही लोकतंत्र की मजबूती का भान होता है। एक वक्त था जब नेता शब्द सम्मानजनक माना जाता था। वो देश – समाज के लिए समर्पणभाव रखता था लेकिन जैसे-जैसे सत्ता में नेताओं की पकड़ मजबूत होती गई वैसे वैसे उनकी सोच, समझ, सलीका और शैली भी बदलती गई। आज के नेता अपने वैचारिक स्तर से नीचे गिर गए हैं। चुनाव, घोषणा – पत्र और सभाओं में दिए के प्रलोभनों द्वारा जनता को बरगलातें हैं लेकिन जनता भी इनको समझ चुकी है। फ्री की चीजों को लेने के बाद वो भी नेताओं जैसा ही व्यवहार करने लगी है। नेताओं के वादों पर से अब लोगों का भरोसा उठ गया है। आज नेताओं को दल बदलने में जरा भी वक्त नहीं लगता। जो नेता पहले अन्य दल की बुराई कर रहे थे दल बदलते ही पुराने दल का विरोध करने लगते हैं। निजी हितों के लिए व्यापारियों की तरह खुलेआम सौदेबाजी खरीद-फरोख्त करते हैं। इनका मकसद अच्छा बुरा सोचे बिना जैसे भी बने सिर्फ अपना कार्य सिद्ध करना होता है।
गौरतलब है कि कोरोना काल में जो भी नियम कानून बने वह बस जनता के लिए ही थे। चुनावी रैलियों पर यह नियम नहीं लागू हुये। तो सरकार कौन सी सोशल डिस्टेंसिंग की बात कर रही थी। जहां लोगों को मरने के लिए आमंत्रित किया जा रहा था। शादी समारोहों में लोगों की उपस्थिति पर संख्या निर्धारित कर दी गई, स्कूल – कॉलेज बंद कर दिए गए लेकिन चुनावी क्षेत्रों में कोरोना का कहीं असर नहीं दिखाई देता था। सरकारी घोषणाएं, मंत्रियों के मुस्कुराते चेहरे और अखबार के विज्ञापनों में आंकड़ों में विकास नजर आ जाता है तो फिर आज का युवा रोजगार क्यों मांग रहा है? वो क्यों परेशान है? यदि समस्याएं खत्म हो गई है तो आंदोलन क्यों हो रहे हैं? जनता का पैसा चुनाव प्रचार, रैलियों और विज्ञापनों में खर्च हो जाता है और बचा कुचा घपला कर भगोड़े ले जाते हैं और जनता को मुफ्त नाम का लॉलीपॉप थमा दिया जाता है।
हम सरकार चुनते हैं तो यह जरूरी नहीं हो जाता कि सरकार के हर निर्णय का समर्थन किया  जाये। हमारे घर का मुखिया पिता होता है और उसके द्वारा लिया हुआ निर्णय अंतिम निर्णय होता है। मगर जब वह गलत निर्णय या तानाशाही करता है तो पुत्र, पुत्री और पत्नी द्वारा विरोध के स्वर उठने लगते हैं। उसे चेताया जाता है कि आपका यह निर्णय सही नहीं है। कुछ यही बात लोकतंत्र के प्रतिनिधि पर भी लागू होती है सरकारें आयेंगी और जायेंगी लेकिन जनता को सही गलत का फर्क समझ में आना चाहिए और आज लोकतंत्र की यही मांग भी है। –प्रियंका वर्मा महेश्वरी

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स्मार्ट सिटी कानपुर द्वारा शहर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पानी और बिजली की बचत के लिए जल आपूर्ति स्काडा की 21 करोड़ रूपये की परियोजना शुरू

भारतीय स्वरूप संवाददाता, स्मार्ट सिटी कानपुर द्वारा शहर में पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पानी और बिजली की बचत के लिए जल आपूर्ति स्काडा (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) की 21 करोड़ रूपये की परियोजना शुरू की गई है

इस परियोजना के माध्यम से शहर में अधिक से अधिक ‘‘जल आपूर्ति’’ और ’’जल संरक्षण’’ संभव होगा और उसका बेहतर उपयोग हो सकेगा। आज आयुक्त ने जल संस्थान, बेनाझाबर में स्थापित नए कन्ट्रोल रूम और नियंत्रण कक्ष के द्वारा (वाटर फिल्ट्रेशन बेड) में जल आपूर्ति स्काडा परियोजना का निरीक्षण किया और कंट्रोल रूम के कार्यप्रणाली की समीक्षा कीl

इस कंट्रोल रूम के द्वारा जल आपूर्ति प्रणाली का प्रभावी और कुशल संचालन और बेहतर रखरखाव किया जा सकेगा।

निरीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदु और परियोजना के तथ्य इस प्रकार हैं-

1. यह स्मार्ट सिटी द्वारा शुरू की गई एक विशेष परियोजना है जो कानपुर शहर में अधिक से अधिक ‘‘जल आपूर्ति’’ ’’जल संरक्षण’’ सुनिश्चित करने में मदद करेगीl

2. यह परियोजना प्रदेश की पहली ऐसी परियोजना है जिसमें सभी प्लांटस को एक ही स्थान से संचालित व मॉनीटर किया जा सकता है जिससे किसी भी समस्या या खराबी का संज्ञान लेकर तत्काल मरम्मत किया जा सकता है।

3. पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (SCADA) एक नियंत्रण प्रणाली है जिसमें उच्च स्तरीय प्रक्रिया पर्यवेक्षी प्रबंधन के लिए कंप्यूटर, नेटवर्क डेटा संचार और ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई) शामिल हैं। जिनसे जल प्रवाह का मापन भी सम्भव है।

4. परियोजना में 100 एम0एल0डी0 का एक व 200 एम0एल0डी0 का रॉ वाटर पम्प हाउस बनाया गया है जिसकी 06 जोनल पम्पिंग स्टेशन से आपूर्ति की जायेगी।

5. गंगा बैराज पर 200 एम0एल0डी0 के तीन वाटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किये गये है। तीनो प्लांटस के रॉ वाटर पम्प से पानी निर्गत होने के बाद पानी की बड़ी से बड़ी अशुद्धियों को रोक कर साफ किया जाता है। साफ पानी को ‘‘क्लीयर वाटर पम्प हाउस’’ में भेजा जाता है। ‘‘क्लीयर वाटर पम्प हाउस’’ से पम्पिंग के माध्यम से पूरे शहर में जलापूर्ति की जायेगी, जिसका बेनाझाबर जल-कल बिल्डिंग स्थित कन्ट्रोल रूम से नियंत्रण किया जा सकता है। बेनाझाबर स्थित 200 व 80 एम0एल0डी0 प्लांटस में नये प्रकार के वाल्वस का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। अन्य प्लांटस व जोनल पम्पिंग स्टेशन का कार्य भी जल्दी ही पूर्ण कर लिया जायेगा।

6. SCADA परियोजना कार्यान्वयन के लिए IIT कानपुर मुख्य सलाहकार/पर्यवेक्षण है।

7. इस परियोजना से बड़ी मात्रा में पेयजल संरक्षण और उसकी बेहतर और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी तथा बिजली की खपत में काफी हद तक कमी हो जायेगीl

8. इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी जल निगम और जल संस्थान है तथा डेवलपर योकोगावा इण्डिया लि0 कंपनी हैl

9. आयुक्त ने एजेंसी को पहले चरण का कार्य मार्च अन्त तक, द्वितीय चरण के कार्य सितम्बर-2022 तक तथा तृतीय चरण के कार्य को मार्च-2023 तक पूरा करने के निर्देश दिये गये।

आयुक्त ने स्मार्ट सिटी, जल निगम, जल संस्थान, आईआईटी कानपुर टीम के नोडल अधिकारी और निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को साप्ताहिक आधार पर एक साथ बैठने और कार्य प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

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एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन

कानपुर 24 फरवरी एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज कानपुर में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ वीएलसीसी से आए हुई हेड ऑफ इंस्टीट्यूट कु. प्राची , स्किन एक्सपर्ट कु.आस्था, मेक अप आर्टिस्ट कु.अनामिका, श्री गौतम जी, प्रबंध समिति के सचिव श्री पी के सेन, प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल तथा कार्यक्रम प्रभारी डॉ.गार्गी यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया, वीएलसीसी से आई हुई टीम ने छात्राओं को मेकअप, हेयर कटिंग, न्यूट्रीशन के क्षेत्र में किस तरह से अपना करियर बनाए इस बारे में विस्तार से बताया। साथ ही छात्राओं को कैंपस में ही हेयरकट और मेकअप का डेमो भी दिया। वीएलसीसी से आई हुई वहां की हेड ऑफ इंटीट्यूट, प्राची जी ने कन्वेंशनल और नॉन कन्वेंशनल करियर के बारे में विस्तार से बताया। प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत महाविद्यालय में स्थापित ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा छात्राओं के ज्ञानवर्धन, विकास और रोजगार से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहेगा जिससे छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके। कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की प्रभारी डॉ. गार्गी यादव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निशा वर्मा ने किया। कार्यक्रम में प्लेसमेंट सेल की सदस्य डॉ. कोमल सरोज व समस्त प्रवक्ताए और छात्राएं उपस्थित रही।

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केन्द्रीय गृह मंत्रीअमित शाह ने आज नई दिल्ली में एक बैठक में जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में एक बैठक में जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल तथा जम्मू और कश्मीर प्रशासन और सेना सहित भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की जिससे पिछले कुछ वर्षों में जम्मू और कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। आतंकी घटनाएँ 2018 में 417 से घटकर 2021 में 229 हो गई हैं, जबकि सुरक्षा बलों के शहीद हुए कर्मियों की संख्या 2018 में 91 से कम होकर 2021 में 42 हो गई है।

गृह मंत्री ने सुरक्षा ग्रिड को और अधिक मज़बूत करने के निर्देश दिये ताकि सीमा-पार घुसपैठ शून्य हो और आतंकवाद का उन्मूलन हो सके।

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प्रधानमंत्री ने अफगानिस्‍तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सुबह 7 लोक कल्‍याण मार्ग पर अफगानिस्‍तान के सिख-हिंदू प्रतिनिधिमंडल के सदस्‍यों से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को सम्मानित किया और अफगानिस्तान से सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित रूप से भारत लाने के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया।

प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल का स्‍वागत किया और कहा कि वे अतिथि नहीं है बल्कि अपने ही घर में हैं, उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत उनका घर है। उन्‍होंने अफगानिस्‍तान में उनके सामने आने वाली अत्‍यधिक कठिनाइयों तथा उन्‍हें सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार द्वारा उपलब्‍ध कराई गई सहायता के बारे में चर्चा की। इस आलोक में, उन्‍होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम के महत्‍व तथा समुदाय के लिए इसके लाभ के बारे में भी बात की। उन्‍होंने उन्‍हें भविष्‍य में भी निरंतर सहायता करने के साथ-साथ उनके सामने आने वाली सभी समस्‍याओं और कठिनाइयों को हल करने का भरोसा दिलाया।

प्रधानमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब के सम्‍मान की परम्‍परा के महत्‍व के बारे में भी चर्चा की। जिसके आलोक में गुरु ग्रंथ साहिब के स्‍वरूप को अफगानिस्‍तान से वापस लाने के लिए विशेष व्‍यवस्‍था की गई थी। उन्‍होंने पिछले कुछ वर्षों में अफगानिस्‍तान के नागरिकों से प्राप्‍त अपार प्रेम की भी चर्चा की तथा काबुल की अपनी यात्रा का स्‍मरण किया।

श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने समुदाय को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत से सहायता भेजने के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया और कहा कि जब कोई भी उनके साथ नहीं खड़ा था तो प्रधानमंत्री ने निरंतर समर्थन तथा समय पर सहायता सुनिश्चित की। प्रतिनिधि मंडल के अन्‍य सदस्‍यों ने भी संकट के समय उनके लिए खड़े होने के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने कहा कि उनकी आंखों में आंसू आ गए थे जब उन्होंने उन्हें समुचित सम्मान के साथ गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप को अफगानिस्तान से भारत वापस लाने के लिए विशेष व्यवस्था के बारे में सुना। उन्‍होंने सीएए लाने के लिए भी उन्‍हें धन्‍यवाद दिया, जो उनके समुदाय के सदस्‍यों के लिए अत्‍यधिक मददगार होगा। उन्‍होंने कहा कि वह केवल भारत के प्रधानमंत्री नहीं है बल्कि दुनिया के प्रधानमंत्री हैं, क्‍योंकि वह दुनियाभर में विशेष रूप से हिंदुओं और सिखों के सामने आने वाली कठिनाइयों को समझते हैं तथा ऐसे सभी मामलों में तत्‍काल सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। इस अवसर पर केन्‍द्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी तथा केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री सुश्री मीनाक्षी लेखी भी उपस्थित थीं।

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