भारतीय स्वरूप संवाददाता, स्मार्ट सिटी कानपुर द्वारा शहर में पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पानी और बिजली की बचत के लिए जल आपूर्ति स्काडा (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) की 21 करोड़ रूपये की परियोजना शुरू की गई है
इस परियोजना के माध्यम से शहर में अधिक से अधिक ‘‘जल आपूर्ति’’ और ’’जल संरक्षण’’ संभव होगा और उसका बेहतर उपयोग हो सकेगा। आज आयुक्त ने जल संस्थान, बेनाझाबर में स्थापित नए कन्ट्रोल रूम और नियंत्रण कक्ष के द्वारा (वाटर फिल्ट्रेशन बेड) में जल आपूर्ति स्काडा परियोजना का निरीक्षण किया और कंट्रोल रूम के कार्यप्रणाली की समीक्षा कीl
इस कंट्रोल रूम के द्वारा जल आपूर्ति प्रणाली का प्रभावी और कुशल संचालन और बेहतर रखरखाव किया जा सकेगा।
निरीक्षण के महत्वपूर्ण बिंदु और परियोजना के तथ्य इस प्रकार हैं-
1. यह स्मार्ट सिटी द्वारा शुरू की गई एक विशेष परियोजना है जो कानपुर शहर में अधिक से अधिक ‘‘जल आपूर्ति’’ ’’जल संरक्षण’’ सुनिश्चित करने में मदद करेगीl
2. यह परियोजना प्रदेश की पहली ऐसी परियोजना है जिसमें सभी प्लांटस को एक ही स्थान से संचालित व मॉनीटर किया जा सकता है जिससे किसी भी समस्या या खराबी का संज्ञान लेकर तत्काल मरम्मत किया जा सकता है।
3. पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (SCADA) एक नियंत्रण प्रणाली है जिसमें उच्च स्तरीय प्रक्रिया पर्यवेक्षी प्रबंधन के लिए कंप्यूटर, नेटवर्क डेटा संचार और ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई) शामिल हैं। जिनसे जल प्रवाह का मापन भी सम्भव है।
4. परियोजना में 100 एम0एल0डी0 का एक व 200 एम0एल0डी0 का रॉ वाटर पम्प हाउस बनाया गया है जिसकी 06 जोनल पम्पिंग स्टेशन से आपूर्ति की जायेगी।
5. गंगा बैराज पर 200 एम0एल0डी0 के तीन वाटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किये गये है। तीनो प्लांटस के रॉ वाटर पम्प से पानी निर्गत होने के बाद पानी की बड़ी से बड़ी अशुद्धियों को रोक कर साफ किया जाता है। साफ पानी को ‘‘क्लीयर वाटर पम्प हाउस’’ में भेजा जाता है। ‘‘क्लीयर वाटर पम्प हाउस’’ से पम्पिंग के माध्यम से पूरे शहर में जलापूर्ति की जायेगी, जिसका बेनाझाबर जल-कल बिल्डिंग स्थित कन्ट्रोल रूम से नियंत्रण किया जा सकता है। बेनाझाबर स्थित 200 व 80 एम0एल0डी0 प्लांटस में नये प्रकार के वाल्वस का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है। अन्य प्लांटस व जोनल पम्पिंग स्टेशन का कार्य भी जल्दी ही पूर्ण कर लिया जायेगा।
6. SCADA परियोजना कार्यान्वयन के लिए IIT कानपुर मुख्य सलाहकार/पर्यवेक्षण है।
7. इस परियोजना से बड़ी मात्रा में पेयजल संरक्षण और उसकी बेहतर और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी तथा बिजली की खपत में काफी हद तक कमी हो जायेगीl
8. इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी जल निगम और जल संस्थान है तथा डेवलपर योकोगावा इण्डिया लि0 कंपनी हैl
9. आयुक्त ने एजेंसी को पहले चरण का कार्य मार्च अन्त तक, द्वितीय चरण के कार्य सितम्बर-2022 तक तथा तृतीय चरण के कार्य को मार्च-2023 तक पूरा करने के निर्देश दिये गये।
आयुक्त ने स्मार्ट सिटी, जल निगम, जल संस्थान, आईआईटी कानपुर टीम के नोडल अधिकारी और निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को साप्ताहिक आधार पर एक साथ बैठने और कार्य प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।