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वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, अगस्त, 22 के अंत तक अब तक 216 मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग (समपारों) को हटाया गया

भारतीय रेलवे में समपारों को हटाए का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है। अब तक, भारतीय रेलवे ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानव रहित समपारों को हटा दिया गया है। मानव रहित समपारों को हटाने की गति 2009-14 के दौरान प्रति वर्ष 1137 से बढ़कर 2014-19 के दौरान अब औसतन 1884 प्रति वर्ष हो गई है।वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, 1000 के लक्ष्य के मुकाबले अगस्त-22 के अंत तक अब तक 216 मानवयुक्त समपारों को हटा दिया गया है, जो कि इसी अवधि में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान हासिल प्रगति की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2009-14 की अवधि के दौरान 199 मानवयुक्त समपारों को बंद कर दिया गया जिनकी संख्‍या 2014-22 के दौरान प्रति वर्ष 676 हो गई।

मानवयुक्त समपारों को समाप्त करने के कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से पुलों के ऊपर/नीचे सड़कों का निर्माण और रेलवे के संचालन (विशेषकर स्वर्णिम चतुर्भुज/डायगनल मार्गों और पहचाने गए मार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे) में सुधार के लिए प्राथमिकताएं तय करके उन्मूलन कार्यों के 100 प्रतिशत निधियन के लिए नीति में परिवर्तन जैसे उपाय किए गए हैं। हालांकि आरओबी/आरयूबी के निर्माण की लागत रेलवे और संबंधित राज्य सरकार द्वारा समान रूप से साझा की जा रही थी, हाल ही में वित्त पोषण प्रतिमान में बदलाव ने किसी भी पक्ष को अपनी आवश्यकता के आधार पर निर्माण की पूरी लागत वहन करने की अनुमति दे दी है। प्रगति में तेजी लाने के लिए राशि का आबंटन पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के 4500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6500 करोड़ रुपये (44% की वृद्धि) कर दिया गया है।

पुलों के ऊपर/नीचे सड़कों का निर्माण (आरओबी/आरयूबी):

समपारों को हटाने के तहत समपारों के स्थान पर पुलों के ऊपर/नीचे सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। 2014-22 की अवधि के दौरान पुलों के ऊपर/नीचे सड़कों के निर्माण की प्रगति 1225 संख्या प्रति वर्ष है जो कि 2009-14 के दौरान 763 की तुलना में 61 प्रतिशत अधिक है। वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, अगस्‍त 2022 तक 250 सड़कों का पुल के ऊपर/नीचे निर्माण किया गया है जो इसी अवधि के लिए वित्‍त वर्ष 2021-22 की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक है।

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असम में 14 लोकसभा क्षेत्रों के 33 जिलों के कुल 306 बच्चों को स्वस्थ बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है

असम के मुख्यमंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्री ने 5वें राष्ट्रीय पोषण माह के उद्घाटन समारोह में 1 सितंबर, 2022 को 10 बच्चों को राज्य स्तर पर स्वस्थ बाल पुरस्कार प्रदान किये।

पूरे भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में कुपोषण एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण की पहल को ध्यान में रखते हुए, असम ने “कुपोषण मुक्त असम” के लक्ष्य को साझा किया। आंगनबाडी केन्द्रों के 20 स्वस्थ बच्चों को लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के स्तर पर “स्वस्थ बालक” पुरस्कार के रूप में सम्मानित किया जाना था। 6 माह से 3 वर्ष तथा 3 से 5 वर्ष आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों की पहचान करने के क्रम में पोषण पखवाड़ा-2022 के तहत 21 मार्च से 27 मार्च के दौरान वजन और ऊंचाई की माप के लिए पूरे राज्य में बच्चों के विकास की निगरानी की गई और बच्चों के विकास की माप के लिए जागरूकता पैदा करने के साथ अभियान चलाया गया। पोषण पखवाड़ा के दौरान संबंधित जिले से सभी आईसीडीएस परियोजना को कवर करने वाले प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीस स्वस्थ बच्चों की पहचान की गई। यह असम के मुख्यमंत्री द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य सामाजिक जागरूकता में वृद्धि करने के माध्यम से पोषण में सुधार करना है।

स्वस्थ बाल पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य है:

1) 6 माह से 3 वर्ष तथा 3 से 5 वर्ष आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों की पहचान करना तथा बच्चों के विकास की माप के लिए जागरूकता पैदा करना और अभियान चलाना।

2) माता-पिता के बीच अपने बच्चे के स्वास्थ्य और भलाई के लिए रचनात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना, स्वस्थ बच्चों के माता-पिता को प्रोत्साहित करना।

3) बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में समुदाय को संवेदनशील बनाना और आहार विविधता एवं उम्र के अनुकूल भोजन का महत्व जैसी सामाजिक जागरूकता के माध्यम से शिशुओं / बच्चों के पोषण में सुधार करना।

4) राज्य में स्वास्थ्य और पोषण कल्याण के लिए सामुदायिक भागीदारी को संगठित करना।

स्वस्थ बच्चे की पहचान करने की विधि

आंगनबाडी कार्यकर्ता (एडब्ल्यूडब्ल्यू)/सहायिका (एडब्ल्यूएच) द्वारा तौल पैमाना और स्टेडियोमीटर या शिशुमापी की सहायता से लक्षित समूह में बच्चों का वजन और ऊंचाई/लंबाई मापना।

बच्चों का वजन मापने के बाद डब्ल्यूएचओ की विकास सारणी में सही तरीके से अंकित करके स्वस्थ बच्चों की पहचान करना।

संबंधित पर्यवेक्षकों/ब्लॉक पोषण टीम ने पूरी प्रक्रिया में एडब्ल्यूडब्ल्यू/ एडब्ल्यूएच का मार्गदर्शन किया।

पहचान किये गए स्वस्थ बच्चों के विवरण को निर्धारित प्रारूप में सूचीबद्ध किया गया।

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केन्‍द्रीय खेल और युवा कार्यक्रम मंत्री अनुराग ठाकुरअमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू) के खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगे

केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री श्री अनुराग ठाकुर गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू), अमृतसर के वार्षिक खेल पुरस्कार वितरण समारोह में 20 सितम्‍बर को विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों का अभिनंदन/सम्मानित करेंगे।

केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्री श्री अनुराग ठाकुर 20 सितंबर, 2022 को 52वें वार्षिक खेल पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान अंतर्राष्ट्रीय स्‍तर पर, खेलो इंडिया और अखिल भारतीय अंतर विश्‍वविद्यालय स्‍तरों पर विभिन्न खेल विधाओं में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू), अमृतसर को ख्याति दिलाने वाले खिलाड़ियों का अभिनंदन/सम्मानित करेंगे। उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाले एथलीटों को नकद पुरस्कार और विश्वविद्यालय स्तर पर समग्र रूप से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कॉलेजों को ट्राफियां प्रदान की जाएंगी।

इस अवसर पर श्री अनुराग ठाकुर मुख्य अतिथि होंगे और पंजाब के खेल और युवा सेवा विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री गुरमीत सिंह मीत हेयर अध्यक्षीय भाषण देंगे। इसके अलावा, कुलपति प्रो. जसपाल सिंह संधू इस अवसर पर खिलाड़ियों और मेहमानों को संबोधित करेंगे।

गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने खेल के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और भारत की प्रतिष्ठित मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी 23 बार जीती है। इसने 35 अर्जुन पुरस्कार विजेता, 6 पद्म श्री पुरस्कार विजेता और 2 द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता दिए हैं। प्रत्‍येक वर्ष शारीरिक शिक्षा विभाग (संबद्ध शिक्षण) 90 से अधिक गुरु नानक देव विश्वविद्यालय इंटर-कॉलेज (पुरुष और महिला) चैंपियनशिप आयोजित करता है और विश्वविद्यालय की 70 से अधिक टीमों (पुरुषों और महिलाओं) को अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालय चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए भेजता है। भारतीय खेल प्राधिकरण ने खेल विषयों हॉकी और हैंडबॉल में खेलो इंडिया केन्‍द्रों की तथा तलवारबाजी (फेन्सिंग) और तीरंदाजी में खेलो इंडिया अकादमियों की स्थापना की है।

विश्वविद्यालय हर साल वार्षिक खेल पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित करता है, जिसमें लगभग 250 खिलाड़ियों (अंतर्राष्ट्रीय/खेलो इंडिया/अंतर-विश्वविद्यालय स्तरों) को लगभग 2.00 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।

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राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश में आरंभ

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का तीन दिवसीय सम्मेलन आज एक प्रेस-वार्ता के साथ आरंभ हुआ, जिसकी अध्यक्षता श्री जी. किशन रेड्डी ने की। राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य है पर्यटन विकास और उन्नति पर सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के विविध नजरियों और परिप्रेक्ष्यों को जानना; उनके साथ योजनाओं व नीतियों पर सीधे संवाद करना तथा भारत में समग्र पर्यटन विकास में राष्ट्रीय स्तर पर पहल करना भी इसमें शामिल है। राष्ट्रीय सम्मेलन का यह भी ध्येय है कि इसे उत्कृष्ट व्यवहारों को साझा करना, सफल परियोजनाओं और पर्यटन उत्पाद अवसरों की जानकारी देना। प्रेस-वार्ता के दौरान पर्यटन राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट व श्री श्रीपाद नाईक, एफएआईटीएच के अध्यक्ष श्री नकुल आनन्द और पर्यटन महानिदेशक श्री जी. कमल वर्धन राव भी उपस्थित थे। प्रेस-वार्ता के दौरान पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में भारत पर्यटन, आध्यात्मिकता, परिवर्तन, संस्कृति और विविधता का पर्याय बन चुका है। यह बहुत गौरव की बात है कि है कि हम विस्तार के नित-नये आयाम जोड़ते जा रहे है और भारत को विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। इसी क्रम में पर्यटन सेक्टर के महत्त्व को पहचानते हुये पर्यटन मंत्रालय ने विभिन्न पहलें की हैं तथा चतुष्कोणीय विकास रणनीति बनाई है, जो वायु, रेल और सड़क द्वारा कनेक्टीविटी में सुधार करने, पर्यटन अवसंरचना तथा सम्बंधित सेवाओं को बढ़ाने, ब्रांडिंग व प्रोत्साहन को दुरुस्त करने तथा संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने से जुड़ी है।

प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये ध्येय-वाक्य “विकास भी विरासत भी” को रेखांकित करते हुये श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि परामर्श और चर्चाओं की लंबी प्रक्रिया के बाद, राष्ट्रीय पर्यटन नीति को बजट सत्र में पेश किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न पर्यटन सर्किटों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और एक नवीन “अम्बेडकर सर्किट” को जल्द शुरू किया जायेगा। पर्यटन सर्किटों की विकास सम्बंधी कार्य-योजना के तहत हिमालय सर्किट को भी प्रोत्साहन दिये जाने की जानकारी श्री जी. किशन रेड्डी ने दी। पर्यटन मंत्री ने जानकारी दी कि राज्यों के पर्यटन मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मेलन इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है कि वह भारत की जी-20 की अध्यक्षता के सामयिक संदर्भों से जुड़ा है। उन्होंने बताया कि विश्व के समक्ष भारत की पर्यटन क्षमता प्रस्तुत करने के लिये जी-20 के मंच का लाभ उठाया जायेगा। वायु संपर्कता के महत्त्व पर जोर देते हुये श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि देश में हवाई अड्डों की संख्या वर्ष 2014 में 74 थी, जो अब बढ़कर 140 हो गई है। इसकी संख्या को और बढ़ाने का प्रस्ताव है, जिसके तहत 2025 तक हवाई अड्डों की संख्या 220 तक कर दी जायेगी। श्री रेड्डी ने कहा कि भारतवंशियों और प्रवासी भारतीयों को पर्यटन से जोड़ने के लिये प्रधानमंत्री की परिकल्पना के मद्देनजर इन्हें पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिये प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने भारतीय समुदाय से आग्रह किया कि विदेश में रहने वाला प्रत्येक भारतीय हमारे प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप कम से कम पांच विदेशियों को भारत आने के लिये प्रेरित करे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का सबसे ज्यादा नुकसान पर्यटन सेक्टर को उठाना पड़ा था; इसलिये उसे दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया है। पर्यटन सेक्टर ने 2-18 में 16.91 लाख करोड़ रुपये (240 अरब यूएसडी) या भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 9.2 प्रतिशत सृजित किया था तथा उसने लगभग 42.67 मिलियन रोजगार या कुल रोजगार का 8.1 प्रतिशत मुहैया कराया था। सम्मेलन को पर्यटन अवसंरचना विकास तथा सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और विरासत पर्यटन, हिमालय क्षेत्र में पर्यटन, दायित्वपूर्ण व सतत पर्यटन, पर्यटन गंतव्यों के प्रोत्साहन व प्रचार के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका, भारतीय सत्कार सेक्टर में होम-स्टे का उभरता महत्त्व, आयुर्वेद, आरोग्य व औषधि केंद्रित पर्यटन तथा वन व वन्यजीवन पर्यटन की विषयवस्तु सम्बंधी सत्रों में बांटा गया है।

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मंत्रालय ने देशभर में पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिये 7000 करोड़ रुपये आंवटित किये हैं। विभिन्न विषयों को दृष्टिगत रखते हुये 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वदेश दर्शन योजना के तहत 76 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। प्रसाद योजना का लक्ष्य है आध्यात्मिक स्थलों के आसपास पर्यटन सुविधाओं को मजबूत करना। इसके तहत 24 राज्यों में 39 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन पर्यटन, तीर्थ और विरासत गंतव्यों/शहरों का अवसंरचना विकास स्वच्छता, सुरक्षा, सुगमता, सेवा आपूर्ति, कौशल विकास और स्थानीय समुदायों की आजीविका पर केंद्रित है। मंत्रालय ने हाल में स्वदेश दर्शन 2.0 योजना आरंभ की है, जिसका उद्देश्य है सतत और दायित्वपूर्ण गंतव्यों का विकास तथा तदनुसार पर्यटक व गंतव्य केंद्रित पहल। यह पूर्व की योजनाओं का विकास है, जिस पर आगे भी काम चलता रहेगा। इन योजनाओं का लक्ष्य सतत और दायित्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के विकास के लिये समग्र अभियान का क्रमिक विकास करना है। इसके तहत पर्यटन व सम्बंधित अवसंरचना, पर्यटन सेवायें, मानव पूंजी विकास तथा नीतिगत व संस्थागत सुधारों के आधार पर गंतव्य प्रबंधन और प्रोत्साहन किया जायेगा।

राष्ट्रीय सम्मेलन का यह भी ध्येय है कि पर्यटन के बारे में एक साझा नजरिया तैयार किया जाये तथा इंडिया@ 2047 की तरफ कदम बढ़ाते हुये इस नजरिये का विकास किया जाये। आने वाले 25 वर्ष अमृतकाल हैं, इसलिये सम्मेलन का लक्ष्य वर्ष 2047 के दृष्टिगत भारत में पर्यटन की परिकल्पना तैयार करने के लिये राज्यों तथा केंद्र सरकार के बीच साझा संवाद शुरू करना है। कार्यक्रम में पर्यटन और रक्षा राज्यमंत्री श्री अजय भट्ट, पर्यटन, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री श्री श्रीपाद नाईक, पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव श्री राकेश कुमार वर्मा तथा अन्य वरिष्ठ गणमान्य उपस्थित थे। प्रेस-वार्ता के बाद कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर भी सम्मिलित हुये।

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कानपुर में शुरू हुआ मदरसों का सर्वे

कानपुर में शुरू हुआ मदरसों का सर्वे ।

शासन के निर्देश पर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की 12 बिंदु पर होगी जांच ।

टीम ने प्रदेश के बड़े मदरसों में शुमार जाजमऊ स्थित DTS मदरसे से हुई शुरुआत ।

आज होंगे कई मदरसों के सर्वे एस डी एम सदर और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी टीम का कर रहे नेतृत्व ।

अधिकारियों ने मदरसे के बच्चों से भी की बात , बिल्डिंग के कमरे का भी किया मुआयना।

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कानपुर पुलिस का खेल शराब मामले में खुद को दी क्लीनचिट

परचून की दुकान से शराब बिकने के मामले में पुलिस को दी क्लीनचिट

बिना पुख्ता जांच अधिकारियों ने वीडियो को बताया बताया फर्जी

वीडियो बनाने वालों पर कार्रवाई नहीं करने पर उठ रहे सवाल

पुलिस को बदनाम करने के लिए फर्जी वीडियो बनाने वाले पर क्यों नहीं की कार्रवाई?

थानेदार को बचाने के लिए गढ़ी रही फर्जी वीडियो की कहानी

महाराजपुर थाना क्षेत्र का वायरल हुआ था वीडियो

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पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने कानपुर के नौबस्ता उपकेंद्र पर आयोजित समाधान शिविर का किया निरीक्षण

*पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने कानपुर के नौबस्ता उपकेंद्र पर आयोजित समाधान शिविर का किया निरीक्षण*

*शिकायत रजिस्टर में दर्ज नंबर पर उपभोक्ताओं से बात कर लिया फीड बैक*

*उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के साथ उपकेंद्रों को प्रॉफिट सेंटर बनाने पर दिया जोर*

*कानपुर की विद्युत व्यवस्था को आदर्श बनाने के दिए निर्देश*

कानपुर नगर- 18 सितंबर (सू0वि0)*उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम0 देवराज ने विगत 02 दिनों से बुंदेलखंड में उपभोक्ता समाधान शिविरों के निरीक्षण एवं विद्युत व्यवस्था की समीक्षा करने के पश्चात कानपुर पहुंचे। उन्होंने नौबस्ता स्थित 220 केवी उपकेंद्र एवं 33/11 केवी उपकेंद्रों का निरीक्षण किया। यहां आयोजित उपभोक्ता समाधान शिविरों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने उपभोक्ताओं से फोन पर बात की तथा समस्याओं के समाधान का फीडबैक भी लिया।

शिकायत रजिस्टर में दर्ज उपभोक्ता राधेश्याम यादव से पूछने पर उन्होंने बताया कि मेरा बिल गलत बना दिया गया था। इस पर उन्होंने अवर अभियंता सतीश चंद से उपभोक्ताओं को गलत बिल देने पर नाराजगी व्यक्त की।
शिविर में शिकायत रजिस्टर पर उपभोक्ताओं की समस्या और उसके निस्तारण के संबंध में विस्तृत विवरण दर्ज न होने पर भी उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए उपभोक्ताओं की समस्या और की गई कार्रवाई का पूर्ण विवरण दर्ज करने के निर्देश दिए। विद्युत उपभोक्ता के0पी0 श्रीवास्तव से भी फोन मिलाकर उन्होंने बात की। उनसे पूछा कि मीटर आपका कब जला था। मीटर बदलवाने का कोई अतिरिक्त शुल्क तो नहीं लिया गया। उपभोक्ता द्वारा कार्य के प्रति संतोष व्यक्त किया गया।
उपभोक्ता अर्पणा दास का मीटर रिचार्ज नहीं हो पा रहा था। विगत 02 महीने से उन्हें परेशानी हो रही थी। इस पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई तथा मीटर रिचार्जिंग समस्या को तत्काल निस्तारित करने के निर्देश दिए। बातचीत में उन्हें पता चला कि कानपुर में लगभग 06 हज़ार उपभोक्ताओं को मीटर रिचार्जिंग की समस्या है।
पिपौरी ग्राम के उपभोक्ता रितेश सिंह सेंगर ने 05 महीने से विद्युत कनेक्शन न मिल पाने की शिकायत की। अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मौके पर जाकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान करें और उपभोक्ताओं को शीघ्र कनेक्शन दें। अधिकारियों ने बताया कि इस गांव में बिल्डर ने अवैध रूप से कॉलोनी विकसित किया है। किसी योजना के तहत यह क्षेत्र कवर नहीं हो पा रहा है। कालोनी वासी स्टीमेट जमा नहीं करना चाहते हैं। इसीलिए वहा समस्या बनी हुई है।
अध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कानपुर केस्को को आदर्श क्षेत्र बनाएं, यहां कि विद्युत व्यवस्था दूसरों के लिए आदर्श बने, इसके प्रयास हो। यहां उपभोक्ताओं को अपनी समस्या हल कराने के लिए भटकना न पड़े,ऐसी कार्यशैली कार्मिकों की हो।
अध्यक्ष ने बकाएदारों से बकाया बिल वसूली हेतु और तेज प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर अवर अभियंता को अपने-अपने क्षेत्रों में बकायेदारों की लिस्ट बनाकर बकाया राजस्व वसूलना है, जो अपना बिल ना दे, उनका कनेक्शन भी विच्छेदन करना है।
अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक 33/11 उपकेंद्र को प्रॉफिट सेंटर के रूप में विकसित करना है। यह तभी संभव है, जितना बिजली बिल दें, उतना ही राजस्व वसूली करे, साथ ही अपने क्षेत्रों में विद्युत चोरी एवम् लाइन लॉस को भी कम करें।
इस अवसर पर प्रबंध निदेशक केस्को सहित निगम के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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थाना कल्याणपुर के अंतर्गत चुंगी चौकी तथा इंदिरा नगर चौकी बना उगाही का अड्डा

कानपुर 19 सितंबर संवाद सूत्र सुभाष मिश्र, कल्याणपुर पुलिस का रात में बेवस व्यक्ति के परिवार पर तांडव

मामला बीरू बाबा भोजनालय बारा सिरोही का है!बीते दिनों चौकी क्षेत्र में मोबाइल चोरी की घटना में गिरफ्तार हुए.युवक ने पुलिसिया कार्रवाई पर कुछ नाम कबूले तथा होली के दौरान चोरी की मोटरसाइकिल भी बरामद की!
जिसमें वीरू बाबा का नाबालिक लड़का आकाश कुशवाहा उम्र 14 वर्ष को चाऊमीन खाते वक्त पुलिस ने जबरदस्ती गाड़ी में खींच कर चौकी ले गई छात्र हाई स्कूल का छात्र भी है! इंदिरा नगर चौकी में पुलिस ने रौद्र रूप धारण कर नाबालिक बच्चे को पट्टे से पीटा और गाल में भी चोट के निशान भी हैं! तथा यह जुर्म कबूल करवाने की कोशिश की कि आपके पिता गाजा बेचते हैं!और होटल पर शराब भी बेचते हैं!और मैंने मोटरसाइकिल भी चोरी की है!जिस पर छात्र ने विरोध किया और कोई भी जुर्म नहीं कबूला बच्चे की मां रामा देवी ने कानपुर पुलिस आयुक्त सहित मुख्यमंत्री से भी मिलकर मदद की लगाई गुहार!

होटल पर उपस्थित भोजन कर रहे संत महंत अवतार दास ने थाने जाकर पुलिस से वार्ता भी की और पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज भी हुए उन्होंने मीडिया से कानपुर पुलिस आयुक्त तथा योगी जी से मुलाकात कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात भी कही संत काफी नाराज भी दिखे!

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उन्नाव के इस मदरसे में भ्रष्टाचार “गुलजार” है

उन्नाव के इस मदरसे में भ्रष्टाचार “गुलजार” है.
जिस जिले और मंडल का मदरसा, वहीं की एक भी भर्तियां नहीं!

कानपुर 17 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, उन्नाव/शुक्लागंज। जिला उन्नाव में यूं तो दर्जनों मदरसे हैं, लेकिन केवल दो ही मदरसे सरकार की ग्रांट-इन-ऐड की लिस्ट पर हैं। इनमें से एक बांगरमऊ में, तो दूसरा शुक्लागंज में है। दुख की बात ये कि उन्नाव के इन दोनों ही अनुदानित मदरसों में अनियमितताओं का अंबार है। शुक्लागंज स्थित “मदरसा गुलजार-ए-हिंद तालीमी मरकज” के प्रबंधक तो संचालन से लेकर शिक्षकों की भर्तियों तक में जबरदस्त अनियमितताएं बरतने के बावजूद बचते आ रहे हैं। इस कारण खुद को नियम-कानून और संविधान से ऊपर समझने की गलतफहमी पाल बैठे हैं। वो पूर्व सरकारों द्वारा दी गई “भ्रष्टाचार और लूट की खुली छूट” वाली मानसिकता से उबर नहीं पा रहे हैं, ओवर कॉन्फिडेंट हैं। दरअसल कानपुर के जूही निवासी प्रबंधक के इस मदरसे में केवल “भ्रष्टाचार ही गुलजार” है। जानकारों के अनुसार कानपुर के एक मदरसा माफिया और दामाद का शुक्लागंज के इस मदरसे की भर्तियों में बड़ा रोल है। माफिया और इनके दामाद ने अपने कन्नौज के रिश्तेदारों को यहां पर भर्ती करवाया है। बाद में “म्यूचुअल ट्रांसफर” करेंगे।
“मदरसा गुलजार-ए-हिंद तालीमी मरकज” में शिक्षकों व कर्मचारियों के लगभग 14 अनुदानित पदों पर भर्तियां में नियम कानून की धज्जियां उड़ा दी गईं। जिस उन्नाव जिले में ये मदरसा स्थित है, उस जिले को तो छोड़िए…पूरे लखनऊ मंडल का एक भी कैंडिडेट भर्ती नहीं किया गया। हैरतंगेज ढंग से मदरसे के 14 अनुदानित पदों में से 7 पदों पर जिला कन्नौज के और 5 पदों पर कानपुर नगर जिले के कैंडिडेट्स को नियम विरुद्ध भर्ती कर लिया गया। बड़ी हैरत है कि मदरसा संचालकों को उन्नाव सहित पूरे लखनऊ मंडल में एक भी ऐसा कैंडिडेट नहीं मिल पाया जो ठीक से उर्दू, अरबी पढ़ा सके! इसपर भी बड़ी हैरत की बात ये है की प्रबंधक ने “उर्दू एवं अरबी मदरसा भर्ती, मान्यता एवं सेवा नियमावली 1987” के पृ. 3, नियम संख्या 21 की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी पत्नी को ही मदरसे का प्रिंसिपल बना डाला। बाकी की भर्तियों की प्रक्रिया में भी भारी अनियमितताएं बरती गईं, जिनका उल्लेख अगली खबरों में करेंगे।
मदरसा गुलजार ए हिंद में अनियमिततायें उजागर करने को जब उन्नाव जिला अल्पसंख्यक कार्यालय में आरटीआई दाखिल करके नियुक्ति पत्रावलियां मांगी गईं तो विभाग ने विचित्र जवाब दिया। लिखा कि “आवेदक खुद मदरसे से ही शिक्षकों की नियुक्ति पत्रावलियां ले लें, उनको निर्देशित कर दिया गया है..”। अब भला भ्रष्टाचारी खुद अपनी पोल क्यों खोलेगा..? सवाल ये खड़ा हुआ कि हर महीने मदरसे के शिक्षकों व स्टाफ की लाखों रुपए सैलरी और ग्रांट अनुमोदित करने वाले अल्पसंख्यक विभाग के पास मदरसे की नियुक्ति पत्रावलियां और रिकॉर्ड तक नहीं है क्या..? इसपर एक आरटीआई रिमाइंडर देकर विभाग से फिर से कहा गया की नियुक्ति पत्रावलियां नहीं हैं तो लिख कर दें…रिमाइंडर का जवाब विभाग से आने के बजाए मदरसे से आया कि ” नियुक्ति पत्रावलियां और शिक्षक व स्टाफ की डिटेल बेहद निजी मसला है, नहीं दे सकते..”। मतलब मदरसे ने खुद नया कानून बना कर नियुक्तियों को निजी मामला बता दिया, जिसके उसने विज्ञापन तक प्रकाशित नहीं किए थे।
स्पष्ट सरकारी नियम है कि मदरसों के अनुदानित पदों पर भर्ती के लिए प्रबंधन को एक जिला या मंडल स्तर के और एक राज्य स्तर के अखबार में वेकेंसी का विज्ञापन जारी करना पड़ेगा, जिससे कि भर्ती की सूचना उस जिले और मंडल के हर जिले के उपयुक्त और क्वालीफाइंग कैंडिडेट्स तक पहुंच पाए। सही युवाओं को सरकारी नौकरी पाने का मौका मिले और मदरसे में पढ़ाई का स्तर भी बेहतर रहे। लेकिन उन्नाव के इस मदरसे ने इस सरकारी नियम की धज्जियां उड़ाई। कोई पारदर्शिता नहीं बरती।

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एसएन सेन महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के परामर्श केंद्र द्वारा आत्महत्या रोकथाम सप्ताह ” के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता एवं व्याख्यान का आयोजन

कानपुर 17 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसएन सेन महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के परामर्श केंद्र द्वारा दिनांक 16.09.22 को एक भाषण प्रतियोगिता एवं व्याख्यान का आयोजन “आत्महत्या रोकथाम सप्ताह ” के अंतर्गत किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन से हुआ दीप प्रज्वलन के पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सुमन ने अपने आशीर्वचन से कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान समय में आत्महत्या एक गंभीर समस्या है इस तरह के कार्यक्रमों द्वारा हम छात्राओं को जागरूक करते हैं इसके दुष्परिणामों से ताकि वह आत्महत्या करने का कदम कभी ना उठाएं l इसके बाद मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मोनिका सहाय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि आत्महत्या एक अभिशाप है और हम छोटे-छोटे प्रयासों के द्वारा इस समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं,

इसके उपरांत डॉक्टर आभा सक्सेना जो मनोवैज्ञानिक है pious vision मैं ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमारे आस पास कोई व्यक्ति असामान्य व्यवहार करता दिखे या स्वयं के लिए ऐसा महसूस करें तो वह किसी परामर्शदाता से ,दोस्तों से, या परिवार के सदस्यों को इस बात को जरूर बताएं जिससे कि उनकी इस समस्या का समाधान हो सके और आत्महत्या के लिए वे प्रेरित ना हो जाए, इसके बाद प्रतियोगिता के विजेताओं का नाम घोषित किया गया जो निम्न प्रकार से हैं:-
प्रथम स्थान सुरभि श्रीवास्तव

द्वितीय स्थान अदिति साहू

तृतीय स्थान अंशिका पाल

सांत्वना पुरस्कार 1 भूमिका सिंह

सांत्वना पुरस्कार 2 शिवानी यादव

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभाग की प्रवक्ता असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति यादव ने किया कार्यक्रम का सफल संचालन मनोविज्ञान विभाग की प्रवक्ता डॉ अंजना गुप्ता द्वारा किया गया, मनोविज्ञान विभाग की अन्य प्रवक्ताओं सुश्री सौम्या श्रीवास्तव एवं सुश्री मयूरिका गुप्ता का भी कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग रहा, कार्यक्रम में सभी शिक्षिकाएं एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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