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केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी, असम में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गुवाहाटी, असम में ‘मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। इसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र में मादक पदार्थों के परिदृश्य और इसे कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

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बैठक में श्री अमित शाह ने कहा कि ड्रग्स की तस्करी का प्रचार-प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक होता है। किसी आतंकी घटना का नुकसान सीमित मात्रा में होता है लेकिन समाज में ड्रग्स का प्रसार पीढ़ियों को बर्बाद कर देता है। वह दीमक की तरह हमारे समाज और देश की युवा शक्ति को खोखला करने का काम करता है। उन्होने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के‘नशा-मुक्त भारत के आह्वान को अपना दृढ़ संकल्प बनाने का फैसला किया है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने मादक पदार्थों, ड्रग तस्करी की‘डर्टी मनी और‘संगठित माफिया द्वारा देश के अर्थतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुँचाने की हर कोशिश को नाकाम करने के लिए जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय मादक पदार्थो के खतरे को रोकने के लिए कटिबद्ध है। मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान के तहत आज पूरे पूर्वोत्तर में लगभग 40 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट किया गया। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान 75 हज़ार किलोग्राम मादक पदार्थों को नष्ट करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अब तक कुल डेढ़ लाख किलोग्राम से ज़्यादा मादक पदार्थों को नष्ट किया जा चुका है, जो लक्ष्य के दोगुने से भी अधिक है।

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श्री अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी एक सीमारहित अपराध है और इससे निपटने के लिए सभी ड्रग लॉ एनफोर्समेंट और इंटेलिजेंस एजेंसियों के साथ-साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के सीमावर्ती ज़िलों के बीच बेहतर समन्वय और सामंजस्य बहुत जरूरी है। उन्होने कहा कि पिछले वर्षों में गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर यह सुनिश्चित किया है कि प्रधानमंत्री जी के दृढ़ नेतृत्व में नारकोटिक्स प्रतिबन्ध कानूनों और नियमों का सख्ती से क्रियान्वयन हो। साथ ही इसमें  आधुनिक तकनीक का उपयोग हो और सभी एजेंसियों में समन्वय स्थपित किया जाये। गृह मंत्री ने कहा कि देश में नशीले पदार्थों की आपूर्ति नेटवर्क को ध्वस्त करने की रणनीति की सफलता के अल्पावधि में ही परिणाम दिखाई दे रहे हैं। उन्होने कहा कि 2014 के बाद मादक पदार्थो की पकड़ और जब्ती इसका प्रमाण है। श्री शाह ने बताया कि 2006-2013 के बीच कुल 1257 मामले दर्ज़ किए गए थे जो 2014-2022 के बीच 152 प्रतिशत बढ़कर 3172 हो गए। इसी अवधि में कुल गिरफ्तारी की संख्या 1362 के मुक़ाबले 260 प्रतिशत बढ़कर 4888 हो गई। 2006-2013 के दौरान 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच दोगुना बढ़कर 3.30 लाख किलोग्राम हो गई। 2006-2013 के दरम्यान 768 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स जब्त की गई थी जो 2014-2022 के बीच 25 गुना बढ़ोतरी के साथ 20 हज़ार करोड़ रुपये हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में आयोजित इस क्षेत्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य इस विषय के प्रति भारत सरकार की गंभीरता को पूर्वोत्तर राज्यों के समक्ष रखना है। साथ ही इस लड़ाई में राज्यों को साथ लेकर एक सिनर्जी लाना, नारकोटिक्स से सम्बंधित सभी एजेंसीयों को एक प्लेटफार्म पर लाना और राष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश देना कि अब देश ने अब इस समस्या की जड़ में जाकर इसका समाधान करने का मन बना लिया है। श्री शाह ने कहा कि उनका यह स्पष्ट मानना है कि ड्रग या मादक पदार्थों का सेवन करने वाला क्रिमिनल नहीं होता बल्कि वह इसका विक्टिम और पीड़ित होता  है। गृह मंत्री ने कहा कि हमें किसी जब्ती में शामिल ‘चेहरों’ और ड्रग सेवन तथा वितरित करने वालों को पकड़ने से आगे जाना होगा और इनके पीछे सीमा के बाहर से भारत में ड्रग्स भेजने वाले मास्टरमाइंड तक पहुंचना होगा। साथ ही  देश के अन्दर फैले नेटवर्क को ध्वस्त करना होगा। उन्होने कहा कि हमारा प्राइम फोकस नेटवर्क और सीमा पार से होने वाली तस्करी रोकने पर होना चाहिए।

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अमित शाह ने कहा कि देश का उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र चार देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाएं साझा करता है और अफीम उत्पादक क्षेत्र म्यांमार के निकट है जो दुनिया में अफगानिस्तान के बाद अफीम का दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक है। उन्होने कहा कि पूर्वोतर भारत में ड्रग्‍स सेवन एक गंभीर समस्‍या है। सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रकाशित मैग्नीट्यूड ऑफ सब्सटेंस रिपोर्ट, 2019 के अनुसार, पूर्वोतर के सात राज्‍यों में अफीम और गांजे का सेवन का खतरनाक स्‍तर पर है देश में इनके सेवन के औसत से अधिक है। गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोतर में इसके कुछ नए ट्रेंड्स सामने आए हैं। ड्रग सिंडिकेट उत्तर पूर्वी भारत से संबंधित बैंक खातों और डाक पते का फायदा उठाते हैं। मणिपुर में कुछ भारतीय बैंकों में म्यांमार के नागरिकों के बैंक खाते हैं। पूर्वोतर के ड्रग तस्करों की नाइजीरियाई लोगों के साथ मिलीभगत। ड्रग्‍स की तस्करी में उत्‍तर पूर्व में रहने वाले दक्षिण भारतीयों की संदिग्ध संलिप्तता भी देखी गई है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दिशा निर्देश पर गृह मंत्रालय ने नारकोटिक्स पर नकेल कसने के लिए संस्थागत संरचना की मजबूती, सभी नार्को एजेंसियों का सशक्तिकरण एवं समन्वय और विस्तृत जागरूकता अभियान का त्रिसूत्रीय फार्मूला अपनाया है। उन्होने कहा कि एंटी ड्रग्स अभियान में विभिन्न स्तर पर काम कर रहे संस्थानों के लचर रवैय्ये और कानूनों के लचीले क्रियान्वयन में कमी की वजह से पहले अपेक्षित परिणाम नहीं आ पाते थे। परन्तु 2014 के बाद परिस्थितिया बदली हैं, प्रधानमंत्री मोदी की व्यवस्था को मजबूत करने और जवाबदेही पर जोर दिये जाने के कारण गृह मंत्रालय ने नार्को कंट्रोल के लिए भी संस्थागत रिस्ट्रक्चरिंग और कानूनी प्रावधानों को मजबूती देने के सतत प्रयास किये हैं। सरकार की परफॉरमेंस को प्रभावी बनाने के लिए मोदी सरकार ने ‘Whole of Government Approach’ के तहत अंतर विभागीय समन्वय पर निरंतर जोर दिया है। गृह मंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एनकॉर्ड की बैठकों को नियमित रूप से आयोजित करने के साथ-साथ इसे नीचे तक पहुंचाने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स संबंधित मामलों की जांच स्रोत से गंतव्य तक की जानी चाहिए जिससे इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। अमित शाह ने कहा कि सरकार ने उत्तर पूर्व राज्यों के लिए कई नई पहल की हैं। गुवाहाटी में NCB के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना कर दी गई है। आगामी वर्षों में NCB चार क्षेत्रों अर्थात असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में कार्य करेगा। त्रिपुरा के अगरतला और अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट/लोअर सियांग में नए क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए जाने का भी प्रस्ताव है। इसके अलावा, सिक्किम से सटे क्षेत्र के बेहतर कवरेज के लिए न्यू जलपाईगुड़ी में जोनल कार्यालय भी शुरू किये जाने का प्रस्ताव है। गृह मंत्री ने बताया कि उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में गांजा और अफीम पोस्त की अवैध खेती के खिलाफ कई उपाय किए गए हैं। गृह मंत्रालय किसानों को नुकसान पहुंचाए बिना बड़े पैमाने पर ड्रोन और नवीनतम तकनीक का उपयोग करके पहाड़ी और कठिन इलाकों में अवैध खेती को नष्ट करने के लिए एक अध्ययन समूह का गठन कर रहा है।अवैध फसलों की खेती में लगे किसानों के लिए वैकल्पिक आजीविका व्यवस्था पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है। साथ ही एनसीबी उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र में अफीम पोस्त की अवैध खेती को नष्ट करने के लिए उपग्रह इमेजरी साझा कर रहा है। श्री शाह ने कहा कि नारकोटिक्स से संबंधित सभी मुद्दों के लिए एकल नोडल बिंदु के रूप में सभी उत्‍तर पूर्वी राज्यों ने एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया है। NCB ने पूर्वोतर क्षेत्र सहित देश भर में प्रवर्तन गतिविधियों पर कई विशेष अभियान भी चलाए हैं जिनमें शीर्ष 100 नशीली दवाओं के तस्करों की पहचान करना और हिरासत में लेना शामिल है। अमित शाह ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी केंद्र या राज्य का नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मुद्दा है और इससे निपटने के प्रयास भी राष्ट्रीय और एकीकृत होने चाहिए। उन्होने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधिओं से एनकॉर्ड (NCORD) पोर्टल एवं निदान प्लेटफॉर्म्स का ड्रग तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हेतु समुचित प्रयोग करने का अनुरोध किया। साथ ही राज्यों में गठित एंटी नार्कोटिक्स टास्क फ़ोर्स को सशक्त किया करने को कहा जिससे ड्रग्स के विरुद्ध युद्ध में निर्णायक कार्यवाही की जा सके। उन्होने कहा कि मादक पदार्थों की आय के वित्तीय साधनों की विस्तार से जांच और बैंकिंग प्राधिकरणों के समन्वय से धन के पलायन को रोकने के लिए उपयुक्त उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही NDPS अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। त्‍वरित ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए फास्‍ट ट्रैक कोर्ट्स स्‍थापित करने पर भी विचार किया जा सकता है। गृह मंत्री ने बैठक में उपस्थित सभी पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधिओं से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नशा मुक्त भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने की अपील की।

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मिथक बनाम तथ्य

एक राष्ट्रीय दैनिक में हाल ही में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट ने देश भर में न्यूमोकोकल (पीसीवी) टीके की कमी होने का दावा किया है। यह (एसआईओ, महाराष्ट्र सहित) राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को उद्धृत करते हुए बताती है कि निविदा की प्रक्रिया में देरी के कारण देश भर में एक महीने से अधिक समय तक लाखों बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हुई है।

यह समाचार रिपोर्ट भ्रामक एवं असत्य होने के साथ ही गलत जानकारी भी प्रदान करती है।

कल 7 अक्टूबर 2022 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार न्यूमोकोकल (पीसीवी) वैक्सीन की पर्याप्त खुराक उपलब्ध है। अभी पीसीवी की कुल 70,18,817 (70.18 लाख) खुराकें सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं। इसमें महाराष्ट्र राज्य के पास ही पीसीवी की 3,01,794 (3.01 लाख) खुराकें शामिल हैं।

इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य प्रबन्धन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 से सितंबर 2022 की अवधि में, केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आपूर्ति की गई पीसीवी की कुल 3,27,67,028 (3.27 करोड़) खुराकों का उपयोग किया गया है। इसमें महाराष्ट्र राज्य में उपयोग की जाने वाली पीसीवी की 18,80,722 (18.80 लाख) खुराकें भी शामिल हैं।

वर्ष 2022-23 के लिए पीसीवी की खरीद में से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इसकी आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है।

निमोनिया रोग बाल मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है और भारत सरकार ने इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सक्रियता से कदम उठाए हैं।

न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) को वर्ष 2017 में भारत के सबसे अधिक प्रभावित पांच राज्यों जैसे बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद से ही सार्वभौम प्रतिरक्षण कार्यक्रम (यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम–यूआईपी) के तहत पीसीवी का पूरे देश में विस्तार किया गया है।

पीसीवी अब भारत के सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है और 02 करोड़ 71 लाख शिशुओं के पूरे जन्म समूह के लिए निशुल्क उपलब्ध है। इसे तीन खुराक के कार्यक्रम (6 सप्ताह,14 सप्ताह और 9-12 महीने में बूस्टर डोज) के रूप में दिया जाता है।

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स्मृति चिन्हों की नीलामी इस महीने की 12 तारीख तक बढ़ाई गई

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया है कि प्रधानमंत्री के स्मृति चिन्हों 2022 की नीलामी इस महीने की 12 तारीख तक बढ़ा दी गई है।

संस्कृति मंत्रालय के एक ट्वीट थ्रेड का जवाब देते हुए, प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया:

“ये उन विशेष उपहारों में से है, जो मुझे वर्षों से मिले हैं। लोगों की इच्छा का सम्मान करते हुए स्मृति चिन्हों की नीलामी 12 तारीख तक बढ़ा दी गई है। इसमें अवश्य भाग लें।”

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प्रधानमंत्री 9 से 11 अक्टूबर तक गुजरात दौरे पर रहेंगे

प्रधानमंत्री मोदी 9 से 11 अक्टूबर तक गुजरात का दौरा करेंगे और वे इसके बाद 11 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर जाएंगे।

प्रधानमंत्री 9 अक्टूबर को मेहसाणा के मोढेरा में शाम लगभग साढ़े पांच बजे विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद वे शाम लगभग 6:45 बजे मोधेश्वरी माता मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे, इसके बाद वे शाम लगभग 7:30 बजे सूर्य मंदिर जाएंगे।

प्रधानमंत्री भरूच के आमोद में 10 अक्टूबर को लगभग 11 बजे विभिन्न परियोजनाओं का राष्ट्र को समर्पित एवं उद्घाटन करेंगे और दोपहर करीब 3:15 बजे अहमदाबाद में मोदी शैक्षणिक संकुल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद श्री मोदी शाम साढ़े पांच बजे जामनगर में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को दोपहर 2:15 बजे सिविल अस्पताल असरवा, अहमदाबाद में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे, जिसके बाद वे उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर जाएंगे, जहां वे शाम लगभग 5 बजे दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद वे शाम करीब साढ़े छह बजे श्री महाकाल लोक को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और शाम 7 बजकर 15 मिनट पर उज्जैन में सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री मेहसाणा में

प्रधानमंत्री एक जनसभा की अध्यक्षता करेंगे और मोढेरा, मेहसाणा में 3900 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं का लोकार्पण और आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री मोढेरा गांव को भारत का पहला चौबीसों घंटे सौर ऊर्जा से संचालित गांव घोषित करेंगे। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जो मोढेरा शहर के सूर्य-मंदिर का सौर ऊर्जा से संचालन करने के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करती है। इसमें ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा संयंत्र तथा आवासीय और सरकारी भवनों पर 1300 से अधिक रूफटॉप सोलर सिस्टम विकसित करना शामिल है। ये सभी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के साथ एकीकृत हैं। यह परियोजना इस बात का प्रदर्शन करेगी कि भारत का नवीकरणीय ऊर्जा कौशल किस प्रकार लोगों को जमीनी स्तर पर सशक्त बना सकता है।

प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जा रही इन परियोजनाओं में अहमदाबाद-मेहसाणा गेज परिवर्तन परियोजना साबरमती-जगुदान खंड का गेज परिवर्तन; तेल और प्राकृतिक गैस निगम की नंदसन भूवैज्ञानिक तेल उत्पादन परियोजना; खेरावा से शिंगोडा झील तक सुजलम सुफलम नहर परियोजना; धरोई बांध आधारित वडनगर खेरालू और धरोई समूह सुधार योजना; बेचाराजी मोढेरा-चनास्मा राज्य राजमार्ग के एक खंड को चार लेन का बनाने की परियोजना; उंजा-दसज उपेरा लाडोल (भांखर एप्रोच रोड) के एक खंड का विस्तार करने की परियोजना; सरदार पटेल लोक प्रशासन संस्थान (एसपीआईपीए) मेहसाणा के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नया भवन और मोढेरा में सूर्य मंदिर की प्रोजेक्शन मैपिंग और अन्य योजनाएं शामिल हैं।

प्रधानमंत्री विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे जिनमें पाटन से गोजरिया तक राष्ट्रीय राजमार्ग-68 के एक खंड को चार लेन का बनाना; मेहसाणा जिले के जोताना तालुका के चलसन गांव में जल शोधन संयंत्र का निर्माण; दूधसागर डेयरी में नया स्वचालित मिल्क पाउडर प्लांट और यूएचटी मिल्क कार्टन प्लांट की स्थापना; जनरल अस्पताल मेहसाणा का पुनर्विकास और पुनर्निर्माण; तथा मेहसाणा और उत्तरी गुजरात के अन्य जिलों के लिए पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) सहित अन्य योजनाएं शामिल हैं।

सार्वजनिक कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोधेश्वरी माता मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना भी करेंगे। प्रधानमंत्री सूर्य मंदिर भी जाएंगे जहां वे सुंदर प्रोजेक्शन मैपिंग शो देखेंगे।

प्रधानमंत्री भरूच में

प्रधानमंत्री भरूच के आमोद में 8000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखेंगे। वर्ष 2021-22 में इन ड्रग्स का दवाइयों के कुल आयात में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान था। यह परियोजना आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और बल्क ड्रग्स के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री दहेज में ‘डीप सी पाइपलाइन परियोजना’ की आधारशिला भी रखेंगे, इससे औद्योगिक संपदाओं से शोधित अपशिष्ट जल के निपटान में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री जिन अन्य परियोजनाएं की आधारशिला रखेंगे उनमें अंकलेश्वर हवाई अड्डे का पहला चरण और अंकलेश्वर एवं पनोली में बहुस्तरीय औद्योगिक शेड का विकास शामिल है, जिससे एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री विभिन्न औद्योगिक पार्कों के विकास का शिलान्यास भी करेंगे। इनमें चार जनजातीय औद्योगिक पार्क शामिल हैं जो वालिया (भरूच), अमीरगढ़ (बनासकांठा), चकालिया (दाहोद) और वानर (छोटा उदयपुर) में स्थापित होंगे; मुडेथा (बनासकांठा) में एग्रो फूड पार्क; काकवाड़ी दांती (वलसाड) में सी फूड पार्क; और खांडिवाव (महिसागर) में एमएसएमई पार्क का निर्माण शामिल है।

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री कई परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे जिनसे रसायन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। वह दहेज में 130 मेगावाट के सह उत्पादन विद्युत संयंत्र के साथ एकीकृत 800 टीपीडी कास्टिक सोडा संयंत्र का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ-साथ वे दहेज में मौजूदा कास्टिक सोडा संयंत्र के विस्तार का भी लोकार्पण करेंगे, जिसकी क्षमता 785 एमटी/दिन से बढ़ाकर 1310 एमटी/दिन की दी गई है। प्रधानमंत्री दहेज में एक लाख एमटी प्रति वर्ष से अधिक क्लोरोमेथेन के निर्माण के लिए एक परियोजना का भी लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जाने वाली अन्य परियोजनाओं में दहेज स्थित हाइड्राज़ीन हाइड्रेट संयंत्र शामिल है जो उत्पाद के आयात प्रतिस्थापन में मदद करेगा। इसके अलावा आईओसीएल दहेज-कोयली पाइपलाइन परियोजना, भरूच भूमिगत जल निकासी और एसटीपी कार्य तथा उमला आसा पनेथा सड़क का चौड़ीकरण एवं मजबूत बनाना शामिल है।

प्रधानमंत्री अहमदाबाद में

प्रधानमंत्री 10 अक्टूबर को मोदी शैक्षणिक संकुल के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे, जो जरूरतमंद छात्रों के लिए एक शैक्षिक परिसर है। यह परियोजना छात्रों के समग्र विकास के लिए सुविधाएं प्रदान करने में सहायता प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री 11 अक्टूबर को सिविल अस्पताल असरवा, अहमदाबाद में लगभग 1300 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी सुविधाओं का लोकार्पण करेंगे और आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं में निर्माण और यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में हृदय देखभाल के लिए नई एवं बेहतर सुविधाओं तथा एक नये छात्रावास भवन का लोकार्पण; गुर्दा रोग और अनुसंधान केंद्र संस्थान का नया अस्पताल भवन; गुजरात कैंसर और अनुसंधान संस्थान के नये भवन का लोकार्पण शामिल है। प्रधानमंत्री गरीब मरीजों के परिवारों को आवास सुविधा प्रदान करने वाले आश्रय गृह की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रधानमंत्री जामनगर में

प्रधानमंत्री जामनगर में 1460 करोड़ रुपये से अधिक लागत की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। ये परियोजनाएं सिंचाई, विद्युत, जलापूर्ति और शहरी बुनियादी ढांचे से संबंधित हैं।

प्रधानमंत्री सौराष्ट्र अवतारण सिंचाई (एसएयूएनआई) योजना लिंक 3 (उंड बांध से सोनमती बांध तक), के पैकेज 7, एसएयूएनआई योजना लिंक 1 (उंड-1 बांध से एसएएनआई बांध तक) के पैकेज 5  और हरिपार 40 मेगावाट सौर पीवी परियोजना का लोकार्पण करेंगे।

जिन परियोजनाओं की प्रधानमंत्री द्वारा आधारशिला रखी जाएगी उनमें कलावड़/जामनगर तालुका मोरबी-मालिया-जोडिया समूह की कलावद ग्रुप ऑगमेंटेशन जल आपूर्ति योजना, लालपुर बाईपास जंक्शन फ्लाईओवर ब्रिज, हापा मार्केट यार्ड रेलवे क्रॉसिंग और सीवर संग्रह पाइपलाइन तथा पंपिंग स्टेशन का नवीनीकरण शामिल हैं।

प्रधानमंत्री उज्जैन में

प्रधानमंत्री श्री महाकाल लोक राष्ट्र को समर्पित करेंगे। श्री महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण तीर्थयात्रियों को विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के अनुभव को स्मरणीय बनाने में सहायता प्रदान करेगा। इस परियोजना का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करना और विरासत संरचनाओं के संरक्षण एवं बहाली पर विशेष बल देना है। परियोजना के तहत मंदिर परिसर का करीब सात गुना विस्तार किया जाएगा। पूरी परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है। मंदिर के मौजूदा तीर्थयात्रियों की संख्या, जो लगभग 1.5 करोड़ प्रति वर्ष है, दोगुना होने की उम्मीद है। इस परियोजना के विकास की योजना दो चरणों में बनाई गई है।

महाकाल पथ में 108 स्तंभ (खंभे) हैं जो भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप (नृत्य रूप) को दर्शाते हैं। महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव के जीवन को दर्शाने वाली कई धार्मिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं। पथ के साथ भित्ति दीवार चित्र शिव पुराण की कहानियों पर आधारित हैं जिनमें सृजन कार्य, गणेश का जन्म, सती और दक्ष कहानियां आदि शामिल हैं। 2.5 हेक्टेयर में फैला प्लाजा क्षेत्र कमल के तालाब से घिरा हुआ है और इसमें फव्वारे के साथ शिव की मूर्ति भी स्थापित है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों की मदद से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा इस पूरे परिसर की चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी।

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अरेंज मैरिज

“हेलो मिसेज पाटिल कैसीं हैं?”

मिसेस पाटिल :- “अच्छी हूं ! चाय पीने आ जाइए आप भी, साथ में पिएंगे।”

(फोन पर दूसरी ओर से) अरे कहां ! अभी विकी को ट्यूशन छोड़ने जाना है और फिर उसे डांस क्लास भी छोड़ना है। पूरा वक्त तो इन बच्चों में ही बीत जाता है।

मिसेस पाटिल:- “कभी वक्त निकाला करो हमारे लिए भी और थोड़ा आराम खुद को भी दिया करो।

(फोन पर ) जी जरूर आऊंगी फुर्सत में! आपके यहां का जो माली है उसे मेरे यहां भेजेंगीं क्या ?

मैिसेज पाटील:- जी जरूर! कल आएगा तब भेजती हूं।

जी! अच्छा नमस्ते !

आभा पाटिल! इस नाम से को जीते हुए मुझे 30 साल हो गए हैं। मैं अब आभा रह ही नहीं गई। आभा पाटिल में अब बहू, बीवी, मां और जिम्मेदार औरत ही रह गई है। जिंदगी ऐसे ही कुछ उलझती और कुछ सुलझती सी रही, मैं भी कुछ इसी तरह अपने घर संसार को आगे बढ़ाती रही। शादी हो कर आई थी तभी बड़े प्यार से जिम्मेदारियों की चाबी मेरे हाथ में थमा दी गई और धीरे-धीरे मैं जिम्मेदारी की चाबी से जिंदगी के ताले खोलते चली गई और खुद उसी में कैद होती गई। ऐसा नहीं था कि इस जिम्मेदारी को उठाने मे मुझे कुछ दिक्कत महसूस हो रही था या कुछ घुटन महसूस हो रही थी बल्कि मैं खुशी खुशी जिम्मेदारियां उठा रही थी।
भार्गव पाटिल मेरे पति बड़े ही जिंदादिल आदमी है, मुझे कैसे खुश रखना है वो उन्हें बहुत अच्छे से आता है। वो शुरू से ही वह मेरा बहुत ध्यान रखते आए हैं। कहीं भी जाना हो या बीमारी हो हमेशा मेरे साथ रहते। कभी समयाभाव रहा हो तो बता देते थे। इसी तरह धीरे धीरे हम दोनों अपनी गृहस्थी में व्यस्त होते जा रहे थे। रिंकी और चिकी के आने के बाद दस पंद्रह साल किस तरह निकल गए मालूम ही नहीं पड़ा। मैं इन बच्चों और घर में ऐसी रम गई कि बाहर की दुनिया और खुद को भूल गई। पूजा-पाठ, रिश्तेदार, बच्चे घर बस यही जीवन बन गया था। भार्गव ने भी अपने आपको काम में धीरे-धीरे व्यस्त कर लिया था, आखिर हमारी जिम्मेदारियां जो बढ़ रही थी।

यूं तो हम दोनों आदर्श पति पत्नी थे। एक दूसरे के सुख दुख में साथ रहते थे। घूमना फिरना साथ-साथ, एक-दूसरे की केयर, कभी अकेलापन नहीं लगता था। कुछ सोचने के लिए समय ही नहीं था, बस कभी – कभार मन कुछ खाली खाली सा लगता था और वह खालीपन कैसे पूरा हो यह भी नहीं मालूम था। प्यार क्या होता है यह मैंने कभी जाना ही नहीं। जब प्यार करने की उम्र थी तब मैं किताबों में डूबी रहती थीं और पढ़ाई पूरी होते ही शादी हो गई। जिस उम्र में लोगों को मोहब्बत होती है उस उम्र में मैं गृहस्थी की दुनिया में आ गई थी। जब कभी भी भार्गव से झगड़ा हो जाता था तो बात करने की पहल मुझे ही करनी पड़ती थी। सॉरी या मनाने – बोलने का जिम्मा मेरा ही होता था। नाराजगी में मैं अकेले ही रोधो कर खुद को मना कर काम में व्यस्त हो जाती थी। कभी मन होता था कि कोई मुझे भी मनाए, प्यार भरी बातें करें, भविष्य की चिंताओं को छोड़कर सिर्फ अपनी बातें करें, पर यह कोरा ख्याल ही रहा। बच्चों के भविष्य की चिंताएं ऐसा सोचने नहीं देती थी।
रिवाज है हमारे यहां कि प्यार पति को ही करना पड़ता है फिर चाहे प्यार हो या ना हो। ऐसा भी नहीं है कि प्यार नहीं होता क्योंकि कुछ वक्त अगर जानवर भी साथ रह ले तो उससे भी प्यार हो जाता है फिर हम तो इंसान हैं। प्यार के अंकुर फूट ही पड़ते हैं और बढ़ती उम्र के साथ यह प्यार भी बढ़ते ही जाता है। अरेंज मैरिज मतलब समझौते के साथ-साथ शादी के बाद का प्यार। साथ ही एक परिपक्व प्रेम और सहारा ~ प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज की एनएसएस इकाई द्वारा महाविद्यालय प्रांगण में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्वच्छता अभियान चलाया

कानपुर 8 अक्टूबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की एनएसएस इकाई द्वारा महाविद्यालय प्रांगण में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्वच्छता अभियान चलाया गया जिसका प्रारंभ कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा के निर्देशन में हुआ।
इसके साथ ही एनएसएस स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय में एकत्रित अनावश्यक घास,पत्तियां,पॉलिथीन व प्लास्टिक के पैकेट को साफ कर पौधो की निराई,गुड़ाई कर उन में पानी दिया और स्वच्छता का उदाहरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का समापन डॉ सुनीता वर्मा ने अपनी एनएसएस इकाई के सह प्रमुख विलायत फातिमा तथा मोमिन अली ने अपनी टीम जिनमे जरीन,इरम,सोनल,मुस्कान,अंजली,रितेश,कांची,हर्षिता,सौम्या,अंचल तथा वेदिका के साथ मिल के कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन किया।

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रक्षा मंत्री ने उत्तराखंड में सशस्त्र बलों एवं आईटीबीपी के जवानों के साथ विजयदशमी मनाई

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज उत्तराखंड के औली में सशस्त्र बलों एवं आईटीबीपी के जवानों के साथ विजयदशमी मनाई। रक्षा मंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान शास्त्र पूजा की तथा राष्ट्र की सुरक्षा और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने में सशस्त्र बलों एवं अर्धसैनिक बलों के योगदान की सराहना की।

जवानों को तुरंत संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वर्दीधारण किए हुए पुरुषों एवं महिलाओं के साथ बातचीत करना हमेशा प्रेरणा का स्रोत होता है। उन्होंने दोहराया कि पूरे देश को हमारे जवानों की क्षमताओं और देश की सुरक्षा में उनके योगदान पर गर्व व विश्वास है। रक्षा मंत्री ने देश को बाहरी खतरों से बचाने में हमारे बलों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस सुरक्षित वातावरण ने भारत को आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और प्रगति की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने में सक्षम बनाया है ।”

रक्षा मंत्री ने गलवान में हुई घटना के दौरान हमारे जवानों की अद्वितीय बहादुरी एवं साहस की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत “पूरी दुनिया एक परिवार है” के सिद्धांत में विश्वास करता है, लेकिन अगर कोई बाहरी देश बुरी नजर डालता है तो वह मुंहतोड़ जवाब देता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की बहादुरी के कारण पूरी दुनिया ने भारत के बढ़ते कद को स्वीकार किया और भारत अंतरराष्ट्रीय महत्व के सभी मुद्दों पर निर्णय निर्धारित करने वाले प्रमुख देशों में से एक के रूप में उभरा। भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सम्मान के साथ सुना जाता है।

श्री राजनाथ सिंह ने शास्त्र पूजा के महत्व के बारे में भी बताया और भारतीय संस्कृति की परंपराओं एवं विशिष्टता पर प्रकाश डाला, जो सभी चीजों की एकता पर जोर देती है। उन्होंने हमें सिखाया कि हमें उन सभी चीजों के योगदान को स्वीकार करना चाहिए, दोनों जीवित और निर्जीव, जो हमारे जीवन में योगदान करती हैं, जिसमें “शस्त्र” (हथियार) शामिल हैं, जो हमें अपनी रक्षा करने में सहायता करते हैं।

इसके बाद रक्षा मंत्री ने उन जवानों से बातचीत की, जिन्होंने उत्साहपूर्वक विजयदशमी मनाई और समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर जवानों ने देशभक्ति के गीत भी गाए।

इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, जीओसी-इन-सी सूर्य कमान लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी, सशस्त्र बल एवं आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारी और जवान मौजूद थे।

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नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोल्हापुर और मुंबई के बीच सीधी उड़ानों का उद्घाटन किया

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य मंत्री जनरल विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) के साथ आज कोल्हापुर से मुंबई के लिए एक सीधी उड़ान का उद्घाटन किया। इस उड़ान को नागर विमानन मंत्रालय की महत्वाकांक्षी आरसीएस उड़ान योजना के तहत टियर-2 और टियर-3 शहरों को हवाई संपर्क प्रदान करने और सभी के लिए सस्ती हवाई यात्रा उपलब्‍ध कराने के लिए लॉन्च किया गया है। यह उड़ान निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार सप्ताह में तीन बार मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को कोल्हापुर तथा मुंबई के बीच संचालित होगी:

 

फ्लाइट नं. कहां से

 

कहां तक

 

फ्रीक्‍वेंसी

 

प्रस्‍थान का समय   आगमन का समय प्रभावी तिथि
एस5 161 मुम्‍बई

 

कोल्‍हापुर

 

2,4,6 1030 बजे

 

  1125 घंटे 4 अक्टूबर 2022

 

एस5 162 कोल्‍हापुर

 

मुम्‍बई

 

2,4,6 1150 बजे

 

  1245 घंटे

 

4 अक्टूबर 2022

अपने उद्घाटन संबोधन में श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उड़ान योजना देश के आम नागरिक के लिए हवाई यात्रा सस्ती बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार कर रही है। इस योजना के तहत अब तक 433 नए रूट शुरू किए गए हैं और एक करोड़ से अधिक यात्री इससे लाभान्वित हुए हैं। श्री सिंधिया ने यह भी आश्वासन दिया कि कोल्हापुर हवाई अड्डे के एप्रन का विस्तार नवंबर में शुरू किया जाएगा और मार्च 2023 में घरेलू टर्मिनल भवन का भी उद्घाटन किया जाएगा।

नागर विमानन राज्‍य मंत्री जनरल विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त) ने कोल्हापुर और मुंबई के लोगों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि इस उड़ान से न केवल यात्रा में आसानी होगी बल्कि कई क्षेत्रों में व्यापार और वाणिज्य गतिविधियों को भी काफी बढ़ावा मिलेगा।

इस उद्घाटन कार्यक्रम में श्री संजय मांडलिक सांसद (कोल्हापुर), श्री धैर्यशील माने, सांसद (हटकानगले), श्री धनंजय महादिक, सांसद (राज्यसभा), श्री चंद्रकांत पाटिल कैबिनेट मंत्री (महाराष्ट्र सरकार) की गरिमामयी उपस्थिति रही। इसके अलावा श्रीमती उषा पाधी अपर सचिव, नागर विमानन मंत्रालय, श्री संजय घोड़ावत अध्यक्ष – स्टार एयर, कैप्टन सिमरन सिंह तिवाना, सीईओ, स्टार एयर और नागर विमानन मंत्रालय, एएआई तथा स्टार एयर के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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राष्ट्रपति ने दीनदयाल बंदरगाह, कांडला, गुजरात में 280 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने गुजरात के कांडला में दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण की 280 करोड़ रुपये से अधिक की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं की आधारशिला रखी। ये परियोजनाएं समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह के लॉजिस्टिक प्रदर्शन को बढ़ाने के साथ उसके संपूर्ण भीतरी इलाकों के विकास के साथसाथ बंदरगाह अवसंरचना को बढ़ाएगी। इन परियोजनाओं से जहाजों के टर्नअराउंड समय में और सुधार और कार्गो की तेजी से निकासी के साथसाथ बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता में भी सुधार होगा।

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69.51 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर नए गुंबद के आकार के गोदामों के निर्माण की परियोजना से ऊंचाई बढ़ जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक कार्गो हैंडलिंग होगी, जो पांचवीं पीढ़ी के ट्रकों परिवहन वाहनों द्वारा हाइड्रोलिक सिस्टम के माध्यम से बल्क कार्गो को उतारने के लिए उपयुक्त है।
80 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर 66 हेक्टेयर क्षेत्र में प्लॉट्स और स्टॉर्म वाटर ड्रेन का उन्नयन कंक्रीट रोड, स्टॉर्म वाटर ड्रेन नेटवर्क, विद्युत केबलों के लिए पाइप नाली, फ़र्श और श्रमिकों की सुविधा, पेयजल, शौचालय और श्रमिकों के लिए विश्राम गृह जैसी सुविधाएं होंगी। 47 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ कार्गो जेट्टी क्षेत्र के अंदर अन्य 40 हेक्टेयर क्षेत्र में भूखंडों, सड़कों और तूफानी जल नालियों के उन्नयन से कस्टम बॉन्डेड क्षेत्र के अंदर हैंडलिंग और भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी और 8.8 लाख मीट्रिक टन की क्षमता के साथ ड्राई कार्गो के आयात निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। 87.32 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ टूना रोड को टू लेन से फोर लेन में अपग्रेड करने की परियोजना के परिणामस्वरूप तेजी से कार्गो निकासी होगी, जिससे पोर्ट पर ट्रैफिक हैंडलिंग में वृद्धि होगी और भविष्य में पोर्ट ट्रैफिक को निर्बाध रूप से समायोजित किया जा सकेगा। यह राष्ट्रीय राजमार्ग से बंदरगाह को बहुत वांछित कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और गति शक्ति के अनुरूप बंदरगाह तक पहुंचने वाली सड़कों को एक नया रूप प्रदान करेगा। परियोजना से पीपीपी पर डीपीए द्वारा विकसित की जाने वाली प्रस्तावित जेटी को भी लाभ होगा।

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राष्ट्रपति ने माल ढुलाई के मामले में देश का नंबर एक बंदरगाह होने के लिए दीनदयाल बंदरगाह की उपलब्धि को स्वीकार किया और सराहना की कि गुजरात के बंदरगाहों ने पूरे देश के लगभग 40 प्रतिशत माल ढुलाई को संभालता है। उन्होंने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की उपलब्धियों और इन परियोजनाओं के माध्यम से दीनदयाल बंदरगाह की कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाने के लिए इसके विभिन्न प्रयासों की भी प्रशंसा की, जो पूरे क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा।

दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटीकांडला (डीपीएने चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में 70.14 एमएमटी कार्गो को संभाल कर पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 17.22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। जुलाई 2022 में 12.04 एमएमटी कार्गो जो एक महीने में अब तक का सबसे अधिक संचालन है। बंदरगाह ने वर्ष 2021-22 के लिए अब तक का सबसे अधिक 127.1 एमएमटी कार्गो का संचालन किया था। बंदरगाह ने बंदर बेसिन जेट्टी एरियाकांडला में 4 सुपर ओवर डायमेंशन पैकेज कार्गो के रोल ऑफ को भी संभाला था। डीपीए, कांडला ने मेसर्स सीईएल के साथ साझेदारी में पोर्ट पर गेट संचालन के पूर्ण स्वचालन को भी बढ़ाया है और मेसर्स एनआईएसजी के मार्गदर्शन में आरएफआईडी आधारित एक्सेस कंट्रोल सिस्टम दृष्टि” शुरू किया है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भारत में बंदरगाह क्षेत्र के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के तहत गुजरात राज्य में सागरमाला कार्यक्रम के तहत 57,000 करोड़ रुपये की 74 परियोजनाओं की पहचान की है। जिनमें से 9,000 करोड़ रुपये की 15 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की 33 परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है और 22,700 करोड़ रुपये की 26 परियोजनाओं का विकास कार्य चल रहा है। इन परियोजनाओं को केंद्रीय मंत्रालयों, प्रमुख बंदरगाहों, राज्य समुद्री बोर्ड और अन्य राज्य एजेंसियों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। राष्ट्रपति ने अपनी गुजरात यात्रा के दौरान अस्पताल भवनों, सिंचाई परियोजनाओं, सड़क संपर्क और बंदरगाहों से संबंधित 1300 करोड़ रुपये से अधिक की कुल विभिन्न परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया है और उनकी आधारशिला रखी है। कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत; श्री गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ; भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाईक; गुजरात सरकार में स्वास्थ्य मंत्री श्री ऋषिकेश पटेल; गुजरात सरकार में जनजातीय विकास मंत्री श्री नरेश पटेल; राज्य के जनजातीय विकास और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती निमिषाबेन सुथार; पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री भूषण कुमार और दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटीकांडला के अध्यक्ष श्री एस.केमेहता उपस्थित थे।

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नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बिलासपुर से इंदौर के बीच सीधी उड़ान सेवा का उद्घाटन किया

नागरिक विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ आज दिनांक 3 अक्टूबर, 2022 को बिलासपुर से इंदौर के लिए सीधी उड़ान सेवा का उद्घाटन किया। बिलासपुर-इंदौर-बिलासपुर के बीच संचालित उड़ान सेवा 3 अक्टूबर 2022 (आज) से प्रभावी होगी। इस मार्ग पर यह उड़ान सेवा प्रत्येक सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार को संचालित होगी।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने संबोधन में कहा, “यह नई हवाई संपर्क सेवा दोनों राज्यों के लोगों को सुविधा प्रदान करेगी और इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में योगदान देगी।” नागरिक विमानन मंत्री महोदय ने आगे कहा कि मंत्रालय वर्ष 2026 तक हेलिपोर्ट और वाटर एयरोड्रोम सहित 200 गंतव्यों के संचालन के लिए काम कर रहा है। श्री सिंधिया ने कहा कि केंद्र सरकार नागरिक विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और देश के हर हिस्से में हवाई संपर्क सेवा में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।

बिलासपुर छत्तीसगढ़ राज्य का और इंदौर मध्य प्रदेश राज्य का प्रमुख शहर है। इन शहरों के बीच बेहतर हवाई संपर्क सेवा से इस क्षेत्र में पर्यटन और व्यापार की गतिविधियों को बढ़ावा देने और उनके समग्र आर्थिक विकास में योगदान करने में मदद मिलेगी।

Imageएलायंस एयर की उड़ान संख्या 9आई 691 बिलासपुर से 11 बजकर 35 मिनट पर प्रस्थान करेगी। और 13 बजकर 25 मिनट पर इंदौर पहुंचेगी। इस विमान सेवा के लिए प्रारंभिक किराया 2,847 रुपये रखा गया है, जिसमें सभी कर शामिल हैं। उड़ान संख्या 9आई 692 इंदौर से 13 बजकर 55 मिनट पर प्रस्थान करेगी और 15 बजकर 45 मिनट पर बिलासपुर पहुंचेगी। इस उड़ान सेवा का प्रारंभिक किराया 3,218 रुपये रखा गया है, जिसमें सभी कर शामिल हैं।

उद्घाटन समारोह के दौरान मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, जिला बिलासपुर के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, श्री अरुण साव, सांसद (लोकसभा) बिलासपुर, श्री. शंकर लालवानी, सांसद (लोकसभा) इंदौर, श्री शैलेश पांडे, विधायक बिलासपुर, श्री धर्मलाल कौशिक, विधायक बिल्हा, श्री रामचरण यादव, महापौर नगर निगम, बिलासपुर, श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, संसदीय सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार मौजूद थे। इसके अलावा, श्रीमती उषा पाधी, नागर विमानन मंत्रालय के अपर सचिव श्री विक्रमदेव दत्त, मुख्य प्रबंध निदेशक-सीएमडी, एआईएएचएल, श्री विनीत सूद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ, एलायंस एयर, और एमओसीए, एएआई, एलायंस एयर और बिलासपुर और इंदौर के स्थानीय प्रशासन के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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