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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में 68वें फिल्म समारोह में विभिन्न श्रेणियों के तहत वर्ष 2020 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। इस मौके पर प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भी प्रदान किया गया। समारोह में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री  श्री अनुराग सिंह ठाकुर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अपूर्व चंद्रा, जूरी के अध्यक्ष और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने दादा साहेब फाल्के पुरूस्कार की विजेता सुश्री आशा पारेख को सिनेमा की दुनिया में उनके विशेष योगदान के लिए बधाई दी और कहा कि उनका यह पुरस्कार महिला सशक्तिकरण को मान्यता प्रदान करता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सभी कला रूपों में फिल्मों का प्रभाव सबसे व्यापक होता है और फिल्में न केवल एक उद्योग हैं बल्कि हमारी मूल्य प्रणाली की कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम भी हैं। सिनेमा राष्ट्र निर्माण का भी एक प्रभावी उपकरण है।

श्रीमती मुर्मु ने कहा कि जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो भारतीय दर्शकों द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों-ज्ञात औए गुमनाम दोनों- की जीवन से जुड़ी कहानियों से संबंधित फीचर और गैर-फीचर फिल्मों का स्वागत किया जाएगा। दर्शक ऐसी फिल्मों के निर्माण की इच्छा रखते हैं, जो समाज में एकता को बढ़ावा दें, राष्ट्र के विकास को गति प्रदान करें और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को मजबूत करें।

विदेशों में भारतीय संगीत को मिली मान्यता पर प्रकाश डालते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह भारत की सॉफ्ट-पावर को वैश्विक स्तर पर फैलाने का एक बड़ा माध्यम रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई में, शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक उज्बेकिस्तान में आयोजित की गई थी। इस बैठक के समापन समारोह में एक विदेशी बैंड द्वारा 1960 के दशक की एक हिन्दी फिल्म का एक लोकप्रिय गीत बजाया गया था।

उन्होंने आगे कहा कि इस सॉफ्ट-पावर का अधिक कारगर इस्तेमाल करने के लिए, हमें अपनी फिल्मों की गुणवत्ता को बेहतर करना होगा। उन्होंने कहा, “अब हमारे देश के किसी एक क्षेत्र में बनी फिल्में अन्य सभी क्षेत्रों में भी बेहद लोकप्रिय हो रही हैं। इस तरह भारतीय सिनेमा सभी देशवासियों को एक सांस्कृतिक सूत्र में बांध रहा है। इस फिल्म समुदाय का भारतीय समाज में बहुत बड़ा योगदान है।”

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इस अवसर पर बोलते हुए, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि सिनेमा चित्रों में पिरोई एक कविता है जो उन सभी किस्म के जादू, चमत्कार और जुनून को दर्शाती है जिससे हमें जीवंत और मानवीय होने का एहसास होता है। सिनेमा ने हमारे देश की अंतरात्मा, समुदाय और संस्कृति को सहेजा है और उसे उकेरा है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग के उभरते कलाकारों, पेशेवरों और दिग्गजों ने एक सदी से भी अधिक समय से हमारे दिल एवं दिमाग को गुदगुदाया और छुआ है।

कोविड-19 महामारी के दौरान ओटीटी प्लेटफार्मों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज सिनेमा थिएटर की सीमाओं से परे निकल गया है और ओटीटी के आगमन के साथ वह हमारे घरों और मोबाइल फोन तक पहुंच गया है। केन्द्रीय मंत्री ने महामारी के दौरान भारत के फिल्मी सितारों को उनके योगदान के लिए श्रेय दिया और कहा कि कोविड की गंभीर हकीकत और नाजुक वैश्विक आर्थिक स्थितियों के बीच, आपके द्वारा प्रदान किया गया मनोरंजन और संदेश ही हमारे लिए उम्मीद की किरण थी।

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अनुराग ठाकुर ने पांच साल में दूसरी बार मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट अवार्ड जीतने के लिए मध्य प्रदेश की राज्य सरकार की सराहना की। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमारो के माध्यम से चुने जा रहे मूवी मैजिक के भविष्य के रचनाकारों का मार्गदर्शन करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि युवाओं को प्रेरित करने और सलाह देने की इस अनूठी पहल के माध्यम से उनका समर्थन मिलने से पुरस्कार विजेताओं की अगली पीढ़ी तैयार होगी।

भारत भाषायी विविधता का देश है और इस विविधता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से बेहतर प्रदर्शन किसी दूसरे रूप में नहीं हो सकता है। देश भर के प्रतिभाशाली विजेताओं के बारे में बात करते हुए, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि एक बार फिर पुरस्कारों ने देश की क्षेत्रीय ताकत को सामने ला दिया है और हमें याद दिलाया है कि भारतीय सिनेमा किस तरह मेधा और प्रतिभा के साथ खिलकर निखर रहा है। उन्होंने कहा कि कार्बी भाषा में कचिचिनिथु, डांगी में एना की गवाही और दीमासा में सेमखोर जैसी फिल्में हमारी भाषायी संपदा का असाधारण प्रदर्शन हैं। श्री ठाकुर ने आज 4 बाल कलाकारों को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार मिलने पर अपार प्रसन्नता व्यक्त की और एक दिव्यांग बालक एवं पुरस्कार विजेताओं में शामिल दिव्येश इंदुलकर के बारे में विशेष रूप से चर्चा की। श्री ठाकुर ने  इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार से सम्मानित नानजियाम्मा एक लोक गायिका हैं और वह केरल के एक छोटे आदिवासी समुदाय से हैं, जिसकी कोई पेशेवर फिल्म की पृष्ठभूमि से नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे कहानी कहने की शक्ति के साथ-साथ हमारी प्रतिभा को दर्शाता है।

समारोह के दौरान एना की गवाही को सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार दिया गया, जबकि सोरारई पोट्रु को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म से सम्मानित किया गया। सूर्या और अजय देवगन को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला, जबकि अपर्णा बालमुरली को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। सच्चिदानंदन के.आर को मलयालम फिल्म एके अय्यप्पनम कोशियुम के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया और तन्हाजी: द अनसंग वॉरियर को संपूर्ण मनोरंजन प्रदान करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार मिला। पुरस्कार विजेताओं की पूरी सूची यहां देखी जा सकती है।

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भारतीय रेलवे “रेलगाड़ियां एक नजर में(टीएजी)” के रूप में जानी जाने वाली अपनी नई अखिल भारतीय रेलवे समय सारणी जारी करेगा, जो 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होगी

रेल मंत्रालय “रेलगाड़ियां एक नजर में (टीएजी)” के रूप में जानी जाने वाली अपनी नई अखिल भारतीय रेलवे समय सारणी जारी करेगा, जो 1अक्टूबर, 2022 से लागू होगी। नई ‘रेलगाडि़यां एक नज़र में ‘1 अक्टूबर, 2022 से भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट अर्थात www.indianrailways.gov.in पर भी उपलब्ध होगी।

नई समय सारिणी की मुख्य विशेषताएं निम्‍नलिखित हैं:

  1. भारतीय रेलवे लगभग 3,240 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन करता है, जिनमें वंदे भारत एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, हमसफ़र एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, अंत्योदय एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, युवा एक्सप्रेस, उदय एक्सप्रेस, जनशताब्दी एक्सप्रेस और अन्य प्रकार की रेलगाडि़यां शामिल हैं। इसके अलावा, भारतीय रेलवे नेटवर्क पर लगभग 3,000 यात्री रेलगाडि़यों और 5,660 उपनगरीय रेलगाडि़यों  का भी परिचालन किया जाता है। इन पर प्रतिदिन यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या लगभग 2.23 करोड़ है।
  • II. अतिरिक्त भीड़भाड़ को कम करने और यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए, 2021-22 के दौरान 65,000 से अधिक विशेष ट्रेन यात्राएं संचालित की गईं। रेलगाडि़यों की वहन क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 566 कोचों को स्थायी रूप से संवर्धित किया गया।

III. ट्रेन के इंजन और डिब्‍बों का अधिकतम उपयोग करना:

  1. रेकस के लाइ ओवर की समीक्षा के दौरान पाया गया कि मौजूदा सेवाओं के विस्तार या आवृत्ति बढ़ाने के लिए इन रेक का बेहतर उपयोग किया जा सकता है। यह इंजन और डिब्‍बों के उपयोग को अधिकतम करेगा और यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
  • ii. वर्ष 2021-22 के दौरान, 106 नई सेवाएं शुरू की गईं, 212 सेवाओं का विस्तार किया गया और 24 सेवाओं की आवृत्ति बढ़ाई गई।
  1. प्रीमियम ट्रेनों का प्रसार:
  1. वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें नई दिल्ली-वाराणसी और नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बीच चलाई जा रही हैं। एक और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गांधीनगर कैपिटल और मुंबई सेंट्रल के बीच 30.09.2022 से शुरू की गई है। भारतीय रेलवे नेटवर्क पर और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को शुरू करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • ii. मनोरंजन, स्थानीय व्यंजन, वाईफाई आदि जैसी ऑनबोर्ड सेवाओं की पेशकश करने वाली तेजस एक्सप्रेस सेवाओं का भी भारतीय रेलवे नेटवर्क पर प्रसार किया जा रहा है। वर्तमान में भारतीय रेलवे में 7 जोड़ी तेजस एक्सप्रेस सेवाएं परिचालित की जा रही हैं।
  1. मंडलों की कार्यशील समय-सारणी में कॉरिडोर ब्लॉक का प्रावधान:

पटरियों की संरचना, सिग्नलिंग गियर, ओवरहेड उपकरण आदि जैसे स्थिर बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के लिए, फिक्स्ड कॉरिडोर ब्लॉक का प्रावधान  सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है। इन कॉरिडोर ब्लॉकों की अवधि प्रत्येक खंड में 3 घंटे से होगी। इससे न केवल इन परिसंपत्तियों की विश्वसनीयता में सुधार होगा बल्कि यात्रियों की सुरक्षा में भी वृद्धि होगी।

  1. आईसीएफ डिजाइन के रेक का एलएचबी में रूपांतरण:

यात्री सुरक्षा में सुधार लाने और बेहतर सवारी की सुविधा के साथ तेज पारगमन प्रदान करने के लिए आईसीएफ डिजाइन के रेक के साथ परिचालित की जाने वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का रूपांतरण किया जा रहा है। भारतीय रेलवे ने वर्ष 2021-2022 की अवधि के लिए आईसीएफ के 187 रेक एलएचबी में परिवर्तित किये।

  1. विलंब से चलने वाली रेलगाडि़यों के समयपालन में सुधार लाने के प्रयास:

समय की पाबंदी में सुधार लाने के लिए समय सारिणी में आवश्यक परिवर्तन शामिल किए गए हैं। ठोस प्रयासों की बदौलत मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के समयपालन में कोविड से पूर्व (2019-20) की समय की पाबंदी की तुलना में लगभग 9 प्रतिशत सुधार हुआ है।

  1. रेकों का मानकीकरण:

विभिन्न रखरखाव डिपो में रेक लिंक के एकीकरण द्वारा रेकों को मानकीकृत किया गया है, ताकि परिचालन में बेहतर लचीलेपन लाया सके और इस प्रकार समयपालन में सुधार लाने में भी मदद मिलती है।

  1. पारंपरिक यात्री ट्रेनों का एमईएमयू/डीईएमयू से प्रतिस्‍थापन

वर्ष 2021-22 में, 60 पारंपरिक यात्री सेवाओं को एमईएमयू द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है, जिससे प्रणाली की समग्र गतिशीलता में वृद्धि हुई है।

X. ‘रेलगाडि़यां एक नज़र में’ की ई-बुक‘ के रूप में उपलब्धता:

ट्रेन समय सारणी के डिजिटलीकरण के अंग के रूप में, ‘रेलगाडि़यां एक नज़र में’(टीएजी) अब ‘ई-बुक’ के  रूप में भी उपलब्ध होगी, जिसे आईआरसीटीसी की वेबसाइट (www.irctc.co.in & www.irctctourism.com) से डाउनलोड किया जा सकता है।

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उपराष्ट्रपति ने उद्योगों से अंदरूनी क्षेत्रों में उद्यमशील उपक्रम लगाने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ ने जीवंत सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम (एमएसएमई) के माध्यम से देश के भीतरी इलाकों में जड़ें जमा रही उद्यमी संस्कृति का पूरी तरह से लाभ उठाने का व्यापार और उद्योग निकायों से आह्वान किया है। उन्होंने इन नए उद्यमियों को सहारा देने और उन्हें अपनी क्षमता को विकसित करने में सहायता प्रदान करने का भी आह्वान किया है।

आज नई दिल्ली में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के 117वें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने उन्‍नतिशील भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र की सराहना करते हुए कहा कि 75,000 से अधिक की संख्या के साथ भारतीय व्यापार परिदृश्य में अब कई गेम चेंजर स्टार्टअप हैं।

गौरतलब है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था में एक युगांतरकारी परिवर्तन का साक्षी बन रहा है। श्री धनखड़ ने पर्याप्त कौशल उन्नयन द्वारा भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का पूरी तरह से उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब हम सभी की पूरी क्षमता और प्रतिभा को सामने लाने में मदद करते हैं तो यह सामाजिक हितों की सबसे बेहतर सेवा होती है।

सत्र के विषय “इंडिया@75: सेलिब्रेटिंग इंडियाज परसूट फॉर सेल्फ रिलायंस”  का उल्लेख करते हुए  श्री धनखड़ ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत एक तरह से हमारे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक सदी पहले स्वदेशी आंदोलन का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के लिए भारत की खोज आत्म-केंद्रित होने की नहीं है, अपितु यह विश्व समावेशी है और कोविड महामारी के दौरान 100 से अधिक देशों को चिकित्सा आपूर्ति इसका मात्र एक उदाहरण है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सरकार के साथ-साथ उद्योगों का भी दायित्व है कि वह मानव संसाधनों विशेष रूप से युवा जनसांख्यिकी का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ‘न्यू इंडिया’ का मंत्र “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” केवल सरकार तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके लिए व्यापक प्रयासों का आह्वान किया गया है।

हाल ही में विश्‍व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह भारतीय उद्योग, हमारे मेहनती किसानों, हमारे श्रमजीवी श्रमिकों, कारीगरों और हमारे प्रर्वतक वैज्ञानिक के लिए एक गौरव का विषय है।

इस अवसर पर पीएचडीसीसीआई के अध्‍यक्ष श्री प्रदीप मुल्तानी,  पीएचडीसीसीआई के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष श्री साकेत डालमिया, पीएचडीसीसीआई के उपाध्यक्ष श्री संजीव अग्रवाल, पीएचडीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल और विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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भारतीय प्रकाशक संघ द्वारा प्रस्तुत पुस्तक रचना 2022 में प्रकाशन विभाग ने उत्कृष्टता के लिए नौ पुरस्कार जीते

भारतीय प्रकाशकों के शीर्ष निकाय, द फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स (एफआईपी) के 42वें वार्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार कार्यक्रम का आज नई दिल्ली में आयोजन किया गया। पुस्तक रचना 2022 में उत्कृष्टता के मामले में प्रकाशन विभाग निदेशालय ने अपने शीर्षकों के लिए विभिन्न श्रेणियों में नौ पुरस्कार जीते हैं।

डीपीडी ने ‘बैलेंसिंग द विजडम ट्री’ के लिए जनरल और ट्रेड बुक्स (अंग्रेजी), ‘भारत विभाजन की कहानी’ के लिए जनरल और ट्रेड बुक्स (हिंदी), ‘कोर्ट्स ऑफ इंडिया (मराठी) के लिए आर्ट एंड कॉफी टेबल बुक्स (क्षेत्रीय भाषा), ‘इंडिया 2022’ के लिए संदर्भ पुस्तकें (अंग्रेजी), ‘कोविड-19: वैश्विक महामारी’ के लिए वैज्ञानिक/तकनीकी/चिकित्सा पुस्तकें (हिंदी) और ‘कुरुक्षेत्र’ के लिए पत्रिकाएं और घरेलु पत्रिकाएं (हिंदी) की श्रेणियों में छह प्रथम पुरस्कार जीते।

‘लोकतंत्र के स्वर’ के लिए जनरल और ट्रेड पुस्तकें (हिंदी) की श्रेणी में एक द्वितीय पुरस्कार और ‘पिनुशी’ के लिए बाल पुस्तकें (सामान्य रुचि) (0-10 वर्ष) (हिंदी) और ‘अजकल (उर्दू)’ के लिए पत्रिकाओं और घरेलू पत्रिकाओं (क्षेत्रीय भाषाओं) की श्रेणियों में प्रभाग को दो तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।

पिछले वर्ष, प्रकाशन विभाग ने विभिन्न श्रेणियों में अपने विभिन्न प्रकाशनों के लिए दस पुरस्कार जीते थे। डीपीडी राष्ट्रीय महत्व के विषयों और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पाठकों के समक्ष लाने वाली पुस्तकों और पत्रिकाओं का भंडार है। 1941 में स्थापित, प्रकाशन विभाग भारत सरकार का एक प्रमुख प्रकाशन गृह है जो विभिन्न भाषाओं में पत्रिकाओं और इतिहास, कला, साहित्य, संस्कृति, वित्त, विज्ञान और खेल, गांधीवादी साहित्य, बच्चों के साहित्य के साथ-साथ राष्ट्रीय नेताओं के भाषणों और प्रसिद्ध हस्तियों की आत्मकथाओं सहित विविध विषयों पर किताबें और पत्रिकाएँ प्रदान करता है। यह प्रभाग पाठकों और प्रकाशकों के बीच न सिर्फ विश्वसनीयता को सिद्ध करता है अपितु विषय सामग्री की प्रामाणिकता के साथ-साथ अपने प्रकाशनों के उचित मूल्य के लिए बेहतर रूप से अपनी पहचान भी रखता है।

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एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. में मनाए जाने वाले सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तीसरे दिन स्मार्ट फोन का वितरण

कानपुर 29 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में 27/09/2022 से दिनांक 02/10/2022 तक मनाए जाने वाले सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के तीसरे दिन आज 29/09/2022 को डिजिटलाइजेशन के द्वारा बालिका सशक्तिकरण हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदत्त स्मार्टफोन वर्ष 2022 में स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं को वितरित किया गया। वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या, आज के वितरण कार्यक्रम की प्रभारी प्रोफेसर अलका टंडन द्वारा किया गया। आज लगभग 210 छात्राओं को स्मार्टफोन प्रदान किए गए। इसी क्रम में आज ही महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. सुमन के निर्देशन में अंग्रेजी विभाग द्वारा मॉल रोड स्थित छोटी बीबी का हाता में स्वास्थ्य एवम् स्वच्छता विषय पर समुदाय को जागरूक किया गया तथा सैनिटरी नैपकिन का वितरण भी किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में प्रोफेसर अलका टंडन, श्रीमती कोमल सरोज, डॉ. पूजा गुप्ता का विशेष सहयोग रहा। स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम में प्रभारी कैप्टन ममता अग्रवाल, श्रीमती ऋचा सिंह, डॉ. संगीता सिंह, डॉ. अनामिका, श्रीमती रेशमा, सुश्री श्वेता रानी, डॉ. निशा सिंह, डॉ. कीर्ति पांडेय, श्री गौरांग (ऑफिस) तथा एन. सी. सी. छात्राओं ने सक्रिय योगदान दिया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की उपस्थिति छात्राओं के लिए प्रेरणादायक रही।

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मजबूत कदम जरूरी

काफी समय बाद कांग्रेस खेमे में फिर से काफी हलचल दिखाई दे रही है कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर और घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहे हैं। हालांकि राहुल गांधी की “भारत छोड़ो यात्रा” ने जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है और एक सकारात्मक नजरिया भी उनके प्रति पनपने लगा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस दल के अंदरूनी कलह का असर उनके मिशन पर पड़ सकता है।

विदित है कि अध्यक्ष पद के लिए गहलोत सूची में सबसे आगे हैं लेकिन आपसी विवाद के चलते फैसला निर्णायक नहीं हो पा रहा है। अध्यक्ष पद की लाइन में कांग्रेस नेतृत्व का विरोध करने वाले शशि थरूर भी आगे हैं। सचिन पायलट का मौन क्या असर दिखाएगा अभी गर्भ में है। शुरू शुरू में गहलोत और शशि थरूर का नाम आगे था लेकिन राजस्थान में मचे राजनीतिक बवाल से कई और नाम भी सामने आ रहे हैं- मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल, मुकुल वासनिक है। यह सभी नाम और चेहरे गांधी परिवार के खास माने जाते हैं। यह सभी लोग चुनावी राजनीति से दूर हैं और इनकी अपनी पहचान है।
शायद यह पहली बार है जब कांग्रेस पार्टी को गैर गांधी परिवार का अध्यक्ष मिलेगा और यही वक्त है जब राजशाही व्यवस्था को दरकिनार कर आपसी कलह को मिटाकर संगठन को मजबूत किया जाए। राहुल गांधी की “भारत छोड़ो यात्रा” कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व के लिए डूबते को तिनके का सहारा है।

~ प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

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प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के अन्तर्गत एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में बालिका सशक्तिकरण हेतु संगोष्ठी का आयोजन

कानपुर 28 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस पर सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम के अन्तर्गत एस.एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में आज दिनांक 27/09/2022 को बालिका सशक्तिकरण हेतु एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि माननीय सांसद श्री सत्यदेव पचौरी, विशिष्ट अतिथि श्री मनोज सिंह, महाविद्यालय प्रबंध तंत्र के अध्यक्ष श्री पी.के. मिश्रा, सचिव श्री पी. के. सेन, प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन एवम् सदस्या श्रीमती दीपाश्री सेन के द्वारा दीप प्रज्वलन से किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में सभी छात्राओं को डिजिटलाइजेशन के लिए प्रोत्साहित किया। श्री सत्यदेव पचौरी जी ने महाविद्यालय की छात्राओं हेतु 30 स्मार्ट क्लासेज देने का संकल्प करते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की तथा प्राचार्या के बालिका हित में किए गए कार्यों की सराहना की। विशिष्ट अतिथि ने छात्राओं को प्रगति के पथ पर बढ़ने का शुभाशीष दिया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर सुमन ने छात्राओं को विविधता में एकता का संदेश देते हुए उन्हें प्रगति पथ पर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया तथा मुख्य अतिथि को स्मार्ट क्लासेज का अनुरोध स्वीकार करने हेतु उनका शत शत आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश शासन की स्मार्टफोन वितरण योजना के अंतर्गत बी. ए. अंतिम वर्ष की 2022 में उत्तीर्ण छात्राओं को मुख्य अतिथि एवम विशिष्ट अतिथि के द्वारा स्मार्टफोन का वितरण किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में कैप्टन ममता अग्रवाल, प्रोफेसर गार्गी यादव, डॉ. प्रीति सिंह, डॉ. संगीता सिंह एवम् उनकी टीम ने सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया। इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय परिवार की उपस्थिति तथा योगदान सराहनीय रहा।

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श्याम नगर में शारदे द्वितीय ब्रह्मचारिणी देवी का भव्य जागरण संपन्न

कानपुर 28 सितंबर भारतीय स्वरूप, संवाद सूत्र सुभाष मिश्र, नवरात्रि के दिनों में माता की चौकी और माता रानी का भव्य जागरण देखने को तो हर जगह जगह होता है मां शारदे द्वितीय ब्रह्मचारिणी देवी का विगत कई वर्षों से भव्य जागरण श्याम नगर के सी ब्लॉक चौबे चौराहा स्थिति मैं आयोजित किया जाता आ रहा है जिसमें की माता रानी की दरबार के अलावा उनकी गुफा के अंदर माता के रूप में उनकी पिंडी के रूप में विराजमान थी जन जागृति युवा समिति के अध्यक्ष एडवोकेट धर्मेंद्र पांडे ने बताया कि करो ना काल के 2 वर्ष के बाद इस वर्ष माता रानी मनमोहक झांकियों की सजावट देखने को मिली सेवादार अतुल दिक्षित ( संपादक) संदीप तिवारी, कैलाश मिश्र, वरुण यादव, आशीष गुप्ता, सौरभ शुक्ला सूबेदार पांडे, आनंद पांडे, संतोष गुप्ता ने मंच का संचालन किया

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आरोग्य धाम का संकल्प, डेंगू से ना हो किसी की मौत

कानपुर 28 सितंबर संवाद सूत्र सुभाष मिश्र, आज डेंगू के बीच प्रकोप से बचने के लिए मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा वेंटिलेटर पर होम्योपैथिक दवाएं ही कर रही है चमत्कार अब नहीं होगी किसी की करो ना डायरिया एवं वायरल फीवर से मौत डॉ हेमंत मोहन एवं डॉ आरती मोहन का कहना है कि डेंगू और चिकनगुनिया के दौरान होम्योपैथिक दवाई लेने से मजबूत होते हैं! लीवर फेफड़े किडनी एवं हृदय होम्योपैथी दवाएं रोग का उपचार करती हैं! आरोग्य धाम का संकल्प है!अब किसी की नहीं होगी मौत आरोग्य धाम ग्वालटोली से उमड़े डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीज दिखाने आ रहे हैं! आरोग्य धाम के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर में हेमंत मोहन ने बताया डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीज के पेन किलर ले लेता है! तो उसकी सायनोवियल में ब्रेन में सूजन आ जाती है आज एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें बोलते हुए आरोग्यधाम के वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन एवं आरोप धाम की वरिष्ठ होम्योपैथिक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डॉक्टर आरती मोहन ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा विगत कुछ दिनों में मौसम में बदलाव के डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगियों की वृद्धि देखी गई है शहर ही नहीं आसपास के जिलों में आरोग्यधाम में डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीज दिखाने आ रहे है! ऐसे में जब मरीज पेन किलर लेना बंद करता है तब उसके जोड़ों में जकड़न आ जाती है तथा उसका चलना फिरना दुबर हो जाता है इस स्थिति में लक्षणों पर आधारित उच्च गुणवत्ता वाली होम्योपैथिक दवाई लेने से इस दर्द का एवं चिकनगुनिया का समूल नाश किया जा सकता है! डेंगू हेमोरेजिक फीवर की कंडीशन में जब सोडियम एवं पोटेशियम का बैलेंस शरीर में बिगड़ जाता है एवं मरीज का दिमाग संतुलन से बाहर हो जाता है तब भी होम्योपैथिक दवाएं चमत्कारिक परिणाम देती हैं यह जानकारी जनहित में डॉक्टर हेमंत मोहन व डॉक्टर आरती मोहन ने दी!

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज एनएसएस इकाई फिर से सर्वश्रेष्ठ

कानपुर 25 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संगीता सिरोही को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा पीएसआईटी में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के 54वें स्थापना दिवस समारोह में उनके द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट एवं सकारात्मक कार्यों तथा कुशल नेतृत्व हेतु गौरवमयी सम्मान *’गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार’* कांस्य पदक से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें सांसद राज्यसभा, डॉ सुधांशु त्रिवेदी व कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के कर-कमलों से प्राप्त हुआ। महाविद्यालय को यह पुरस्कार निरंतर दूसरे वर्ष प्राप्त हुआ है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक, प्रो. के एन मिश्रा व महाविद्यालय प्राचार्या, प्रो. सुनंदा दुबे तथा प्रबंधतंत्र कैथवास नवीन एनएसएस वॉलिंटियर्स को दिया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रुप में आयुर्वेदाचार्य डॉ वंदना पाठक एवं अन्य गणमान्य लोगों में प्रति कुलपति प्रो अवस्थी जी, निदेशक, महाविद्यालय विकास परिषद, प्रो. आर के द्विवेदी जी कुलसचिव, डॉ अनिल यादव जी, एनएसएस के सहायक कार्यक्रम समन्वयक डॉ श्याम मिश्रा एवम् PSIT प्रबंधतंत्र से वाइस प्रेसिडेंट श्री अभिजीत जी व समस्त महाविद्यालयों के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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