भारतीय सीमा शुल्क ने आज यहां करीब एक करोड़ रुपये मूल्य के विदेशी मूल के ‘जेरम ब्लैक’ ब्रांड की सिगरेट के कुल 7,10,000 नग जब्त किए हैं।
इनके अलावा, भारतीय ब्रांड सिगरेट के विदेशी मूल के पैकेटों में कुल 30,21,500 सिगरेट के नग भी मिले हैं। इनमें ‘गोल्ड फ्लेम, गोल्ड क्लॉक, फ्लेम, फन गोल्ड, इम्प्रेशन, पेलिकन्स और गोल्ड फाइटर’ ब्रांड शामिल थे।
इन सामानों के मालिक द्वारा ऐसे सामानों की खरीद के बारे में कोई दस्तावेज नहीं दिखाया जा सका। उक्त परिसर को किराए पर लेने वाले इन सामानों के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की पूछताछ जारी है।
दिल्ली सीमा शुल्क (निवारक) के मुख्य आयुक्त, श्री सुरजीत भुजबल, आई.आर.एस, ने कहा “इस देश में सिगरेट की तस्करी बिल्कुल असहनीय है। इसके अलावा, सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध और व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति तथा वितरण के विनियमन) अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के अनुरूप सख्त उपायों का पालन किया जा रहा है। तस्करी का हमारी अर्थव्यवस्था पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।”
भारतीय सीमा शुल्क भारत में सिगरेट की अवैध तस्करी से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। दिल्ली सीमा शुल्क निवारक आयुक्तालय के अधिकारियों ने विदेशी ब्रांड की प्रतिबंधित सिगरेट के अवैध भंडारण और जीएसटी के भुगतान के बिना देशी सिगरेट की अवैध आपूर्ति के बारे में एक विशिष्ट खुफिया जानकारी प्राप्त होने पर दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक गोदाम के परिसर की तलाशी ली थी।
आमतौर पर आयात व निर्यात पर करों एवं अन्य प्रतिबंधों को दरकिनार करने के उद्देश्य से सिगरेट की तस्करी के क्रम में विभिन्न महाद्वीपों, देशों और प्रांतों के बीच हवाई या समुद्री परिवहन के माध्यम से सिगरेट का अवैध परिवहन होता है। यह तस्करों को इस उत्पाद को कम कीमत पर फिर से बेचने और/या उस लागत की भरपाई करने में समर्थ बनाता है जो आमतौर पर सीमा शुल्क के रूप में राज्य को भुगतान की जाती है।
वर्तमान में, भारतीय बाजार दुनिया भर से अंतरराष्ट्रीय तस्करी के जरिए लाए जाने वाले 100 से अधिक सिगरेट के ब्रांडों से पटे हैं। सीमा शुल्क अदा कर लाए जाने वाली सिगरेट की तुलना में तस्करी वाली सिगरेट लगभग पांच गुना सस्ती है। उदाहरण के लिए, वैधानिक रूप से शुल्क का भुगतान कर लाए जाने वाली सिगरेट की कीमत 330 रुपये प्रति दस सिगरेट और तस्करी वाली सिगरेट की कीमत 60 रुपये या 80 रुपये प्रति दस सिगरेट होगी।
दिल्ली सीमा शुल्क (निवारक) भारत में सिगरेट के अवैध आयात को रोकने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। पिछले दो वर्षों के दौरान जब्त किए गए सिगरेट का विवरण नीचे दिया गया है-
वर्ष | सिगरेट | ||
मामलों की संख्या | सिगरेट की मात्रा (संख्या लाख में) | मूल्य (लाख रुपये में) | |
2021-22 | 16 | 84.63 | 1526 |
2022-23 (10.06.2022 तक) | 3 | 84.64 | 1595 |
भारत में लगभग हर दिन प्रवर्तन अधिकारी देश में ऐसी अवैध सिगरेट की बरामदगी कर रहे हैं। भारत में तस्करी कर लाए जाने वाले विदेशी ब्रांड की सिगरेट का विवरण इस प्रकार है-
क्र. सं | भारत में उपलब्ध तस्करी वाले ब्रांड | निर्माता का नाम एवं पता | देश |
1. | विन, आदि | होंग्यूनहोन्घे टोबैको
181 होंगजिन रोड, कुनमिंग 650202 चीन |
चीन |
2. | गुडांग
गरम |
पी.टी. सूर्या मैडिस्ट्रिंडो
एचओ- जी. जेंड. अहमद यानी 75-79 जकार्ता पुसैट, 10510 इंडोनेशिया |
इंडोनेशिया |
3. | ब्लैक | पीटी जरुम
28 जी, अहमद यानि कुदुस, 59317 इंडोनेशिया |
इंडोनेशिया |
4. | पाइन,एस्से, आदि | केटी एंड जी71, बेओटकोट-गिल, डेडियोक्गु, डाइजॉन कोरिया गणराज्य | दक्षिण कोरिया |
5. | मोंड, आदि |
गुलबहार टोबैको इंटरनेशनल एफजेडई. गुलबहार समूह पी.ओ.बॉक्स.61401-मोड. 447/448, आर/ए नंबर 13-जेबेल अली फ्री जोन, दुबई-संयुक्त अरब अमीरात |
संयुक्त अरब अमीरात |
उपरोक्त के अलावा, दिल्ली सीमा शुल्क निवारक आयुक्तालय ने नकली/जाली भारतीय मूल के सिगरेट निर्माण से संबंधित जब्ती को सीजीएसटी अधिकारियों को सौंप दिया है। विवरण नीचे दिया गया है-
जब्ती की तिथि | सिगरेट की मात्रा (संख्या लाख में) |
27.12.2021 | 110 |
07.03.2022 | 3.07 |
सामाजिक प्रभाव और उसका प्रतिकार:
- उल्लेखनीय है कि तस्करी की गतिविधियां आपराधिक हैं और सीमा शुल्क अधिनियम, जीएसटी कानूनों, कोफेस्पोसा, एलएमए आदि सहित विभिन्न भारतीय कानूनों का उल्लंघन करती हैं और कठोर दंडात्मक कार्रवाई की हकदार हैं।
- यह स्पष्ट है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, लेकिन तस्करी वाली सिगरेट का सेवन अधिक घातक हो सकता है क्योंकि इस तरह की सिगरेट में सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोप्टा अधिनियम) के अनुरूप स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी नहीं होती है और शायद घटिया/विषाक्त सामग्री यानी धूल आदि द्वारा तैयार की जाती है।
- कानून का प्रवर्तन कराने वाली भारतीय एजेंसियों अर्थात पुलिस, स्थानीय प्रशासन को अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में ऐसी विदेशी निर्मित सिगरेट की बिक्री की किसी भी घटना की सूचना नजदीकी सीमा शुल्क/जीएसटी कार्यालय को तुरंत देने के लिए जागरूक बनाया जा सकता है। संबंधित कॉइन फार्मेशन के कर्मचारियों से यह अनुरोध किया जा सकता है कि वे भारत में सिगरेट की तस्करी में शामिल इसके विदेशी निर्माता की संभावित भूमिका का पता लगाने में उचित सहायता प्रदान करें।
दिल्ली सीमा शुल्क (निवारक) के प्रधान आयुक्त श्री एस.के. रहमान ने कहा कि हमारा विभाग हमेशा सतर्क रहता है और किसी भी तरह की सूचना पर तत्काल कार्रवाई करता है। हमारे आर्थिक क्षेत्र की रक्षा करने और कर चोरी से संबंधित मामलों एवं सीमा शुल्क अधिनियम के उल्लंघन को रोकने के लिए निरंतर निगरानी रखी जा रही है।
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