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भारतीय दवा और चिकित्सा उपकरण उद्योग में निवेश करने के लिए जापानी कंपनियों को आमंत्रित किया गया

कोविड – 19 के बाद के परिदृश्य में भारत और जापान के बीच व्यापार सहयोग के लिए “चिकित्सा उपकरण और एपीआई सेक्टर: चुनौतियाँ तथा उभरते अवसर” विषय पर 22 मई, 2020 को सुबह 11.30 बजे एक वेबिनार आयोजित किया गया। इस वेबिनार को औषध विभाग, रसायन और उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से भारत के दूतावास, टोक्यो द्वारा आयोजित किया गया किया गया था।

जापान में भारत के राजदूत श्री संजय कुमार वर्मा ने कोविड – 19 संकट के संदर्भ में आपसी संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए भारत और जापान के लिए मौजूद इस सुनहरे अवसर पर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। फार्मास्यूटिकल्स विभाग के सचिव डॉ. पी डी वाघेला ने भारत में दवा और चिकित्सा उपकरण उद्योग पर तथा क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर प्रस्तुति दी। उन्होंने देश में व्यापार और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को भी प्रस्तुत किया। फार्मास्यूटिकल्स विभाग के संयुक्त सचिव श्री नवदीप रिणवा ने बल्क ड्रग और चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभाग की योजनाओं जैसे उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजनाएँ, बल्क ड्रग / चिकित्सा उपकरण पार्कों को प्रोत्साहन आदि के बारे में बताया। उन्होंने प्रतिनिधियों से योजनाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया।

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फार्मास्यूटिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन और जापान फेडरेशन ऑफ मेडिकल डिवाइसेस एसोसिएशन ने कोविड – 19 के बाद की स्थिति में दवा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र की चुनौतियों एवं अवसरों तथा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर इसके प्रभाव के बारे में विचार – विमर्श किया। दोनों संगठनों ने सुझाव दिया कि दोनों देशों के बीच सहयोग आपूर्ति-श्रृंखला विशेष रूप से एपीआई और चिकित्सा उपकरणों को स्थिरता प्रदान करने में योगदान दे सकता है। जेईटीआरओ, चेन्नई के प्रतिनिधि ने एपीआई क्षेत्र और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में चुनौतियों और उभरते अवसरों पर अपने विचार व्यक्त किये।

सुश्री मोना के सी खानधर, मंत्री (आर्थिक और वाणिज्य), ईओआई, टोक्यो ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती के बारे में उल्लेख किया और कोविड -19 संकट को दूर करने और निवेश में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित प्रोत्साहन और सुधार पैकेजों पर विस्तृत जानकारी दी। भारतीय अर्थव्यवस्था में लाभ, एफडीआई पारितंत्र और जापान के लिए विशिष्ट सुविधाओं का भी उल्लेख किया गया।

जापानी सहायक कंपनियों, निप्रो इंडिया कॉर्प और ईसाइ फार्मास्यूटिकल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने मेक इन इंडिया ’कार्यक्रम के बारे में एक विस्तृत प्रस्तुति दी और अपने अनुभव साझा किये।

प्रमुख भारतीय फार्मास्यूटिकल और मेडिकल डिवाइस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने भारत में दवा और चिकित्सा उपकरण उद्योग में भविष्य के अवसरों पर अपने विचार साझा किये।

​गुजरात, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश और गोवा की राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों में निवेश के अवसरों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किये, जिसमें प्रोत्साहन पैकेज और टैक्स लाभ, कारोबार शुरू करने में आसानी, भूमि उपलब्धता, ढांचागत सुविधाएं, नियामक ढांचा आदि शामिल थे। प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों में निवेश के लिए जापानी कंपनियों को आमंत्रित किया।

वेबिनार में जी2बी और बी2बी नेटवर्किंग के हिस्से के रूप में आंध्र प्रदेश मेडटेक ज़ोन, वॉकहार्ट, सन फार्मा, पैनासिया बायोटेक और बड़ी संख्या में जापानी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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गृह मंत्रालय ने देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत में फंसे उन लोगों की आवाजाही के लिए भी ‘एसओपी’ जारी किया है जो जरूरी कारणों से विदेश यात्रा करने के इच्छुक हैं

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने देश के बाहर फंसे भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत में फंसे उन लोगों की आवाजाही के लिए भी एक मानक परिचालन प्रोटोकॉल (एसओपी) जारी किया है जो जरूरी कारणों से विदेश यात्रा करने के इच्छुक हैं। यह आदेश इसी विषय पर एमएचए के 05 मई, 2020 के आदेश का अधिक्रमण करेगा यानी उसका स्‍थान लेगा। ये एसओपी भूमि सीमाओं के जरिए आने वाले यात्रियों पर भी लागू होंगे।

कोविड-19 महामारी के फैलाव को रोकने के उद्देश्‍य से लॉकडाउन उपायों के तहत यात्रियों की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर पाबंदी लगा दी गई है। उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार, ऐसे कई भारतीय नागरिक हैं जो रोजगार, अध्ययन/इंटर्नशिप, पर्यटन एवं व्यवसाय (बिजनेस) जैसे विभिन्न उद्देश्यों से लॉकडाउन लागू किए जाने से पहले ही अलग-अलग देशों में गए थे और अब वे विदेश में फंसे हुए हैं। लंबे समय तक विदेश में रहने के कारण वे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और तत्काल भारत लौटने के इच्छुक हैं। उपर्युक्त लोगों के अलावा भी ऐसे कई अन्य भारतीय नागरिक हैं जिनके लिए चिकित्सकीय आपात स्थिति या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के कारण भारत आना अत्‍यंत आवश्यक है। इसी तरह भारत में भी ऐसे कई लोग फंसे हुए हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों से तत्‍काल विदेश यात्रा करने के इच्छुक हैं।

विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों की यात्रा के लिए, ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो भारी संकट से जूझने के कारण स्‍वदेश आने के लिए विवश हो गए हैं। इनमें ये लोग शामिल हैं- प्रवासी कामगार/श्रमिक जिनकी छंटनी कर दी गई है;  वीजा की अवधि की समाप्ति की समस्‍या से जूझ रहे अल्पकालिक वीजा धारक; आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत वाले लोग/गर्भवती महिलाएं/बुजुर्ग;  परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु के कारण भारत लौटने के इच्‍छुक लोग; और विद्यार्थी।

इस तरह के व्यक्तियों को उस देश में स्थित भारतीय मिशन में विदेश मंत्रालय द्वारा निर्धारित आवश्यक विवरण के साथ खुद को पंजीकृत कराना होगा जहां वे फंसे हुए हैं। ये लोग नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अनुमति के अनुसार गैर अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों और सैन्य कार्य विभाग (डीएमए)/शिपिंग मंत्रालय की अनुमति के अनुसार जहाज से भारत की यात्रा करेंगे। यात्रा का खर्च यात्रियों को ही वहन करना होगा। इसके अलावा, केवल उन्‍हीं लोगों को भारत की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी जिनमें कोविड बीमारी का कोई भी लक्षण नहीं है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) इस तरह के सभी यात्रियों के प्रासंगिक विवरण सहित उड़ान/जहाज वार डेटाबेस तैयार करेगा और इसे संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के साथ अग्रिम रूप से साझा करेगा। इसके अलावा, विदेश मंत्रालय हर राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के लिए अपने प्रमुख (नोडल) अधिकारियों को निर्दिष्‍ट करेगा, जो संबंधित राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा इस उद्देश्य के लिए निर्दिष्‍ट किए गए नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्‍थापित करेंगे। आने वाली उड़ान/जहाज की समय-सारणी (आगमन का दिन, स्थान और समय) को विदेश मंत्रालय द्वारा अपने ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कम से कम दो दिन के नोटिस पर दर्शाया जाएगा।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ‘क्‍वारंटाइन व्यवस्था सहित अंतर्राष्ट्रीय आगमन से जुड़े दिशा-निर्देश’ भी गृह मंत्रालय के एसओपी के साथ नीचे दिए गए लिंक में संलग्न किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी यात्रियों को विमान/जहाज पर सवार होने से पहले 14 दिनों के लिए अनिवार्य क्‍वारंटाइन का वचन देना होगा जिसमें स्व-भुगतान पर 7-दिवसीय संस्थागत क्‍वारंटाइन और इसके बाद अपने घर पर 7-दिवसीय  आइसोलेशन शामिल है।

भारत में फंसे ऐसे लोगों के लिए, जो विदेश यात्रा करने के इच्छुक हैं, उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) या इस प्रयोजन के लिए एमओसीए द्वारा निर्दिष्ट किसी भी एजेंसी के यहां प्रस्थान और आगमन के स्थानों सहित आवश्यक विवरणों के साथ आवेदन करना होगा, जैसा कि एमओसीए द्वारा निर्दिष्‍ट किया गया है। भारत से इनकी यात्रा गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों के जरिए होगी जिन्हें एमओसीए द्वारा विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए अनुमति दी गई है। यात्रा का खर्च यात्रियों को ही वहन करना होगा।

उन लोगों को गंतव्य देशों की यात्रा करने की अनुमति होगी जो उस देश के नागरिक हैं; जिनके पास उस देश का कम से कम एक वर्ष की अवधि वाला वीजा है; और ग्रीन कार्ड या ओसीआई कार्ड धारक हैं। चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति या परिवार में किसी की मृत्यु होने की स्थिति में छह माह का वीजा रखने वाले भारतीय नागरिकों को भी अनुमति दी जा सकती है। ऐसे व्यक्तियों के टिकट के कन्फर्म होने से पहले ही एमओसीए यह सुनिश्चित करेगा कि गंतव्य देश अपने यहां ऐसे व्यक्तियों के प्रवेश की अनुमति अवश्‍य देगा।

ऐसे भारतीय समुद्री नाविक/चालक दल, जो विदेश में जहाजों पर अपनी सेवाएं देने के लिए अनुबंध स्वीकार करने के इच्‍छुक हैं, वे वंदे भारत मिशन के तहत भारत से प्रस्थान करने वाली गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों या अपने नियोक्ताओं द्वारा व्यवस्‍था की गई अन्य उड़ानों के जरिए यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए शिपिंग मंत्रालय की मंजूरी आवश्‍यक होगी।

विमान पर सवार होते समय एमओसीए यह सुनिश्चित करेगा कि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग अवश्‍य हो। विमान पर केवल ऐसे ही यात्रियों को सवार होने की अनुमति होगी जिनमें कोविड का कोई भी लक्षण नहीं होगा। विमान पर सवार होते ही सभी यात्रियों को मास्क लगाने, पर्यावरणीय स्वच्छता, श्वसन स्वच्छता एवं हाथ की स्वच्छता जैसी आवश्यक सावधानियां अवश्‍य बरतनी होंगी।

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मिशन सागर – मॉरीशस के पोर्ट लूइस पर आईएनएस केसरी

मिशन सागर के तहत भारतीय नौसेना पोत केसरी ने 23 मई 2020 को मॉरीशस के पोर्ट लुइस में प्रवेश किया। भारत सरकार कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए मित्रवत देशों को सहायता प्रदान कर रही है और उसी इस दिशा में आगे बढ़ते हुए भारतीय नौसेना पोत केसरी मॉरीशस के लोगों के लिए कोविडसे संबंधित आवश्यक दवाओं और आयुर्वेदिक दवाओं की एक विशेष खेप के साथ पहुंचा है।

Mission Sagar: INS Kesari से 580 tonnes के खाद्य ...

इसके अलावा एक 14-सदस्यीय विशेषज्ञ मेडिकल टीम को भी इस जहाज के जरिये भेजा गया जो मॉरीशस में अपने समकक्षों के साथ काम करेगी और कोविड-19 से संबंधित आपात स्थितियों से निपटने में सहायता करेगी। इस मेडिकल टीम में भारतीय नौसेना के डॉक्टर और पैरामेडिक्स शामिल हैं।इसके अलावा इस टीम में एक सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ, एक पुल्मोनोलॉजिस्ट और एक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट भी शामिल हैं।

      भारत सरकार की ओर से मॉरीशस सरकार को दवाइयां सौंपने के लिए23 मई 2020 को एक आधिकारिक समारोह आयोजित किया गया। मॉरीशस सरकार की ओर से माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कैलाश जगतपाल ने उस खेप को प्राप्‍त किया। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व मॉरीशस में भारत के उच्चायुक्त महामहिम श्री तन्मय लाल ने किया। मंत्री ने इस समारोह के दौरान भारतीय नौसेना पोत केसरी के कमांडिंग ऑफिसर कमांडर मुकेश तायल से भी बातचीत की।

मॉरीशस को दी जा रही सहायता कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर भारत सरकार के आउटरीच कार्यक्रम का हिस्‍सा है। मिशन सागर ‘सागर’ के पूरे क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

यह मिशन भारत द्वारा आईओआर देशों के साथ संबंधों के महत्व को रेखांकित करता है और कोविड-19वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई मं दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट संबंधों का निर्माण करता है। इस अभियान को विदेश मंत्रालय और भारत सरकार की अन्य एजेंसियों के साथ करीबी समन्वय के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।   

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कानपुर नही हो पा रहा करोना मुक्त

कोरोना मुक्त नही हो पा रहा कानपुर

2 नए केस मिले पॉजिटिव

एक केस बर्रा और दूसरा डिप्टी पड़ाव का है

कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या है 325

कानपुर में कुल एक्टिव केस 28

कानपुर में अब तक ठीक होकर डिस्चार्ज हुए मरीजों का संख्या 288

9 लोगो की हो चुकी है मौत

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अफवाह


अफवाह तो अफवाह ही सच कहाँ होती है।
अफवाहो पर ही हकीकत में तौबा या वाह !होती है।

यथार्थ का ऐहसास होते ही छू-मन्तर हवा होती है।
अक्स दिखता है बेहतरीन जब धुँध फना होती है।

जिन्दगी जीना नही हर किसी के बस में यहां।
जिन्दगी जीना भी एक खूबसूरत कला होती है।

दर्द में कट जाती है कभी तमाम जिन्दग़ानि।
कभी-कभी दर्द ही इसकी महफूज़ दवा होती है।

सुधा भारद्वाज”निराकृति”
विकासनगर उत्तराखण्ड

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प्रवासी श्रमिकों की सुव्यवस्थित आवाजाही हेतु कई और ट्रेनें चलाने के लिए राज्यों एवं रेलवे के बीच सक्रिय समन्वय आवश्यक

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने राज्‍यों को भेजे पत्र में यह बात रेखांकित की है कि मुख्‍यत: कोविड-19 के संक्रमण के भय और आजीविका छिनने की आशंका की वजह से ही विभिन्‍न स्‍थानों पर फंसे श्रमिक अपने-अपने घरों की ओर अग्रसर होने के लिए व्‍याकुल हैं। प्रवासी श्रमिकों की कठिनाइयों को कम करने के लिए इस पत्र में उन उपायों या कदमों पर विशेष जोर दिया गया है जिन्‍हें राज्य सरकारों को केंद्र के साथ सक्रियतापूर्वक समन्वय कर उठाना चाहिए। ये कदम निम्‍नलिखित हैं:

  • राज्यों एवं रेल मंत्रालय के बीच सक्रिय समन्वय सुनिश्चित कर कई और स्‍पेशल ट्रेनें चलाएं;
  • प्रवासियों की आवाजाही के लिए अधिक बसें चलाएं; प्रवासियों को ले जाने वाली बसों को अंतर-राज्य सीमा पर प्रवेश की अनुमति दें;
  • ट्रेनों/बसों के प्रस्थान के बारे में और भी अधिक स्पष्टता सुनिश्चित करें, क्योंकि अफवाहों और अस्पष्टता के कारण श्रमिकों का मन अशांत हो जाता है;  
  • स्वच्छता, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के पर्याप्त इंतजाम के साथ निर्दिष्ट विश्राम स्थलों की व्यवस्था उन मार्गों पर राज्यों द्वारा की जा सकती है जहां प्रवासियों के पैदल यात्रा करने की सूचना है;
  • जिला अधिकारी परिवहन की व्यवस्था करके पैदल चल रहे श्रमिकों का मार्गदर्शन कर उन्‍हें निर्दिष्ट स्थानों, पास के बस टर्मिनलों या रेलवे स्टेशनों पर ले जा सकते हैं;  
  • प्रवासी श्रमिकों के बीच महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की विशिष्ट आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है; 
  • विश्राम स्थलों पर दीर्घकालिक क्‍वारंटाइन की आशंका को दूर करने के लिए जिला प्राधिकरण विश्राम स्थलों, इत्‍यादि पर गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों की सेवाएं ले सकते हैं। श्रमिकों को उन्‍हीं स्थानों पर बने रहने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा सकता है जहां अभी वे हैं;
  • प्रवासियों के पते और संपर्क नंबर एक सूची में नोट किए जा सकते हैं। यह उचित समय पर उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में सहायक हो सकता है।

इस पत्र में यह बात दोहराई गई है कि जिला अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी प्रवासी श्रमिक को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए विवश होकर सड़कों या रेलवे पटरियों पर चलने की जरूरत ही न पड़े। वे आवश्यकतानुसार रेलगाड़ियों को चलाने के लिए रेल मंत्रालय से अनुरोध कर सकते हैं।

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पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा तटों के लिए तूफान की चेतावनी:

सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और आसपास के मध्य क्षेत्रों में: पश्चिम बंगाल और उत्तर ओडिशा तटों के लिए तूफान की चेतावनी

भारतीय मौसम विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग द्वारा जारी ताजा विज्ञप्ति (भारतीय मानक समय 2100 बजे) के अनुसार:

NBT

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की कुल 19 टीमें पश्चिम बंगाल में सहायता के लिए तैनात।

सुपर चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ (उच्चारण यूएम-पीयूएन) दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य और आसपास के मध्य क्षेत्र के ऊपर बीते 6 घंटे के दौरान करीब 11 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की तरफ बढ़ा है। यह आज 18 मई 2020 को 1730 बजे आईएसटी पर 14.0 डिग्री उत्तर अक्षांश और 86.3 डिग्री पूर्व देशांतर में पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर पारादीप (ओडिशा) के दक्षिण में करीब 700 किमी, दीघा (पश्चिम बंगाल) के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 860 किमी और खेपूपुरा (बांग्लादेश) के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में 980 किमी दूर स्थित है।

इसके उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ते हुए उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी की तरफ पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों दीघा (पश्चिम बंगाल) और हटिया द्वीप समूह (बांग्लादेश) के बीच सुंदरबन के करीब से 20 मई 2020 को दोपहर/शाम में गुजरने की संभावना है। यह भयानक चक्रवाती तूफान तटीय क्षेत्रों से 165-175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टकरा सकता है। हवाओं की अधिकतम रफ्तार 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।

तूफान के रास्ते का पूर्वानुमान और तीव्रता निम्न तालिका में दी गई है:

तिथि/समय (भारतीय मानक समय) स्थिति (अक्षांश डिग्री उत्तर/ देशांतर डिग्री पूर्व)निरंतर सतह पर हवा की अधिकतम गति (किमी प्रति घंटे)  चक्रवातीय विक्षोभ का वर्ग 
18.05.20/1730   14.0/86.3230 से 240 किमी प्रति घंटे की गति से 265 तकसुपर चक्रवाती तूफान
18.05.20/2330   15.2/86.5240 से 250 किमी प्रति घंटे की गति से 275 तकसुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/0530   15.9/86.7240 से 250 किमी प्रति घंटे की गति से 275 तकसुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/1130   17.1/87.0230 से 240 किमी प्रति घंटे की गति से 265 तकसुपर चक्रवाती तूफान
19.05.20/1730   17.7/87.2200 से 210 किमी प्रति घंटे की गति से 230 तकअत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान 
20.05.20/053019.6/87.7180 से 190 किमी प्रति घंटे की गति से 210 तकअत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान 
20.05.20/1730   21.8/88.5135 से 145 किमी प्रति घंटे की गति से 160 तककाफी गंभीर चक्रवाती तूफान 
20.05.20/0530   23.8/89.180 से 90 किमी प्रति घंटे की गति से 100 तकचक्रवाती तूफान
21.05.20/1730   25.9/89.840 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से 60 तकदबाव

(1) भारी बारिश की चेतावनी:

ओडिशा

ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में आज 18 मई 2020 को रात से ही हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो सकती है। तटीय ओडिशा (गजपति, गंजम, पुरी, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा जिलों में) में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं। बारिश ज्यादातर क्षेत्रों में लेकिन उत्तरी तटीय ओडिशा (जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, बालासोर, भद्रक और मयूरभंज जिलों में) में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। 19 मई को खोरधा और पुरी जिलों में भारी बारिश और उत्तरी ओडिशा (भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और क्योंझर जिलों) में 20 मई 2020 को भारी बारिश की संभावना है।

पश्चिमबंगाल

पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय जिलों (पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना) में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी वर्षा का अनुमान है। 20 मई को अधिकांश स्थानों पर वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा तथा पश्चिम बंगाल में गंगा के आसपास (पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता एवं समीपवर्ती जिलों) में बहुत भारी वर्षा हो सकती है एवं 21 मई 2020 को अंदरूनी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।

उप-हिमालयी पश्चिमबंगाल एवं सिक्किम

20 मई को ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा माल्दा एवं दिनाजपुर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है और 21 मई 2020 को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम के अधिकांश जिलों में भारी वर्षा का अनुमान है।

असम एवं मेघालय

21 मई को असम एवं मेघालय के पश्चिमी जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

(2) वायु चेतावनी

पश्चिमबंगालऔरओडिशा

  • 18 मई की शाम से दक्षिण ओडिशा के तट के साथ एवं आसपास के क्षेत्रों में हवा 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति (जो बढ़कर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है) से चलने का अनुमान है, जो  19 मई की सुबह से उत्तर ओडिशा तट के साथ एवं आसपास और 19 मई की दोपहर से पश्चिम बंगाल तट के साथ एवं आसपास बढ़कर 55 से 65 किमी प्रति घंटे तथा आगे 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
  • उत्तरी ओडिशा (जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक एवं मयूरभंज जिलों) तथा पश्चिम बंगाल (पूर्वी एवं पश्चिमी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, कोलकाता जिलों) के तटीय जिलों में हवाओं की गति 20 मई की सुबह से धीरे-धीरे बढ़कर आंधी के रूप में तब्दील हो जाएगी और 75 से 85 किमी प्रति घंटे तथा आगे 95 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। धीरे-धीरे यह बढ़कर उत्तर ओडिशा के उपरोक्त उल्लिखित जिलों में 110 से 120 किमी प्रति घंटे तथा आगे बढ़कर 135 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी।
  • जमीन पर वर्षा के पहुंचने के दौरान (20 मई की दोपहर से रात तक) 165 से 175 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने वाली आंधी वाली हवाओं के पूर्वी मेदिनीपुर एवं उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों तथा 100 से 110 किमी प्रति घंटे तथा आंधी वाली हवाओं के पश्चिमी बंगाल के कोलकाता, हुगली एवं पश्चिम मेदिनीपुर में बढ़कर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने का अनुमान है।
  • 20 मई 2020 को ओडिशा के पुरी, खोरधा, कटक, जाजपुर जिलों में 55 से 65 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 75 किमी प्रति घंटे तक चक्रवाती हवाओं के चलने की संभावना है।

गहरा समुद्री क्षेत्र

  • पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 230 से 240 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 265 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी वाली हवाओं के चलने का अनुमान है। आज रात से 19 मई की सुबह तक मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों तथा आसपास के उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 230 से 240 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 265 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
  • 200 से 210 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 230 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने वाली आंधी के 19 मई की सुबह तक उत्तर बंगाल की खाड़ी के ऊपर चलने का अनुमान है और फिर धीरे-धीरे घटकर 20 मई की शाम तक 165 से 175 किमी प्रति घंटे तथा बढ़कर 195 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है।

(3) समुद्र की स्थिति

पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति असाधारण हैं और अगले 24 घंटों तक ऐसे ही बनी रह सकती है। यह 19 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों तथा आसपास के उत्तरी बंगाल की खाड़ी में जबकि 20 मई 2020 को उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर असाधारण बन जाएगी।

(4) मछुआरों के लिए चेतावनी

  • मछुआरों को अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य एवं समीपवर्ती मध्य भागों, 19 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी एवं 19 से 20 मई 2020 के दौरान उत्तर बंगाल की खाड़ी में न जाने का सुझाव दिया गया है।
  • इसके साथ ही मछुआरों को 18 से 20 मई के दौरान उत्तर बंगाल की खाड़ी एवं उत्तर ओडिशा, पश्चिम बंगाल और समीपवर्ती बांग्लादेश के तटों एवं क्षेत्रों में भी न जाने का सुझाव दिया गया है।

(5) तूफान बढ़ने के आसार

  • तटीय क्षेत्रों में तूफान के टकराने के दौरान करीब 3-4 मीटर तक खगोलीय ज्वार के कारण पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के निचले इलाकों में पानी भरने और 4-6 मीटर खगोलीय ज्वार के कारण दक्षिण और उत्तर 24 परगना के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। (चित्र संलग्न है)

(6) नुकसान की आशंका एवं सुझाई गई कार्रवाई

(पश्चिमबंगाल (पूर्वमेदिनीपुरदक्षिणएवंउत्तर 24 परगनाहावड़ाहुगलीकोलकाताजिलोंमें)

अपेक्षित नुकसान:

  • सभी प्रकार के कच्चे मकानों को भारी नुकसान, पुराने ठीक से रखरखाव न किए गए पक्के ढांचों को भी कुछ नुकसान, उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा।
  • संचार और बिजली के खंभों का बड़ी संख्या में उखड़ना।
  • कई स्थानों पर रेल/सड़क संपर्क में बाधा।
  • खड़ी फसलों, बागानों, उद्यानों को व्यापक नुकसान।
  • ताड़ एवं नारियल के पेड़ों को नुकसान।
  • बड़े झाड़ी वाले पेड़ों का उखड़ना।
  • बड़ी नौकाओं और जहाजों के लंगर को नुकसान।

मछुआरों को चेतावनी और सुझाए गए कदम:

  • 18 से 20 मई 2020 तक मछली पकड़ने का काम पूरी तरह स्थगित।
  • रेल और सड़क यातायात का डायवर्जन या स्थगन।
  • प्रभावित क्षेत्रों के लोग घरों के भीतर रहें। निचले इलाकों से लोगों की निकासी करना।
  • मोटर बोट और छोटे जहाजों में आवाजाही उचित नहीं।

(ओडिशा (जगतसिंहपुरकेंद्रपाड़ाभद्रकबालासोरजाजपुरएवंमयूरभंज)

नुकसान का खतरा:

  • छप्पर वाले मकानों को पूरा नुकसान/कच्चा घरों को व्यापक नुकसान। उड़ने वाली वस्तुओं से संभावित खतरा।
  • बिजली और संचार के खंभों का मुड़ना/उखड़ना।
  • कच्ची एवं पक्की सड़कों को भारी नुकसान। रेलवे, ओवरहेड पावर लाइनों एवं सिगनलिंग प्रणालियों में कुछ नुकसान।
  • खड़ी फसलों, बागों, उद्यानों को व्यापक नुकसान, हरे नारियल के पेड़ों के गिरने और ताड़ के पत्तों के फटने की आशंका, आम जैसे बड़ी झाड़ी वाले पेड़ों को नुकसान।
  • छोटी नौकाएं, कंट्री क्राफ्ट लंगर से अलग हो सकते हैं।

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ख़बरे कानपुर से

कानपुर के लिए अच्छी खबर, प्रदेश में मरीज ठीक होने के मामले में कानपुर अव्वल स्थान पर पंहुचा
आज कोरोना संक्रमित 26 मरीज ठीक होकर हुए डिस्चार्ज ।
कानपुर में ठीक होने का आंकड़ा 85 .12 प्रतिशत पंहुचा ।
अब तक ठीक होकर डिस्चार्ज हुए मरीज 269
कानपुर में अब तक कुल केस 316
एक्टिव केस की संख्या पहुँची 39
अब तक 8 लोगो की हो चुकी है मौत।

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कानपुर पुलिस का मानवीय चेहरा।
विवादों में रहने वाली कानपुर पुलिस ने जीता जनता का दिल।
मासूम बच्ची के जन्मदिन पर केक लेकर घर पहुंची पुलिस।
अधिवक्ता रुद्र प्रताप सिंह की बेटी का केक पुलिस ने कटवाया।
कोरोना महामारी संकट के समय पुलिस ने दिखाई दरियादिली।
चकेरी थाना क्षेत्र के श्याम नगर का मामला

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प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने भी संभाला मोर्चा
बारा टोल प्लाजा पर विधायक सुरेंद्र मैथानी ने प्रवासी मजदूरों की मदद की,
प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रवासी मजदूरों को वितरित किया भोजन व फल
कल रात रामादेवी में महापौर प्रमिला पांडे ने भी अधिकारियों संग लिया था जायाजा ।
प्रवासी मजदूरों को दी जाने वाली सामग्री को भी देखा था ,
कानपुर के सभी इंट्री प्वाइंट पर प्रवासी मजदूरों की व्यवस्थाओं के लिए डटे है अधिकारी ।

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पूंछ रहा बचपन

नन्हें पांव राह पथरीली थामे है बस माँ की उंगली मुरझाए फूलों सा बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गांव है कितनी दूर।

पांवों के तलवे है जलते गर्म हवा के झोंके खलते कुम्हलाये होंठोँ से बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गाँव है कितनी दूर।
कुछ छूटा कुछ साथ बटोरा, थाली चम्मच और कटोरा, घर की याद में खोया बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गाँव है कितनी दूर।
कल से रोटी मिली नहीं है पानी की बोतल टूट गई है पेट की आग समेटे बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गाँव है कितनी दूर।
बाप के काँधे बोझ है भारी बहन बिमारी से है हारी, मैं किस ओर निहारूं बचपन पूँछ रहा है बार बार माँ अभी गाँव है कितनी दूर।

पहले दूरी इतनी ना थी गाँव की राहें मुश्किल ना थी, पोर पोर तक टूटा बचपन, पूँछ रहा है बार बार मां अभी गाँव है कितनी दूर।

गाँव में प्यारा घर है अपना देखा है ये सुन्दर सपना इसको सच मैं मानूँ?? बचपन पूँछ रहा है बारबार माँ अभी गांव है कितनी दूर?

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घर पर ईद की नमाज़ बा जमात न पढ़ें- खालिद रसीद महली फिरंगी

ईद और अलविदा जुमे को लेकर खालिद रसीद महली फरंगी लखनऊ से एलान।

मुफ्ती इरफ़ान मियां फिरंगीमहली ने जारी किया फ़तवा।

ईदगाह या जामा मस्जिद के अलावा किसी भी जगह ईद की नमाज़ मुमकिन नहीं है।

अपने घर पर ईद की नमाज़ बा जमात ना पढ़ें।

घर पर जमाअत बनाकर नमाज़ का हुकुम नहीं है, ऐसी सूरत में किसी भी किस्म की जगह पर किसी भी तरह के लोग इकट्ठा करने की कोई ज़रूरत नहीं है।

ईद उल फितर की नमाज़ वाजिब है इसलिए इसकी कज़ा मुमकिन नहीं है।

नमाज़ सुबह 6:30 बजे से लेकर 11: 30 बजे दिन से पहले ही अदा करनी है।

घरों में ही अलविदा और जुमे की नमाज़ अदा करें।

ईद मनाने के लिए नए कपड़ों की ज़रूरत नही है, जो कपड़ा आपके पास बेहतर हो वही पहनकर ईद मनाए।

दुआ करे की कोरोना जल्द ही देश और दुनिया से खत्म हो जाए- मौलाना इरफ़ान मियां फिरंगीमहली।

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