राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों एवं अन्य कर्मियों के लिए 311 रक्षा सम्मान पदकों को भी मंजूरी दी है। इनमें 31 परम विशिष्ट सेवा पदक; चार उत्तम युद्ध सेवा पदक; अति विशिष्ट सेवा पदक के लिए दो बार; 59 अति विशिष्ट सेवा पदक; 10 युद्ध सेवा पदक; सेना मेडल (कर्तव्य के प्रति समर्पण) हेतु आठ बार; 38 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); 10 नौसेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); 14 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); विशिष्ट सेवा पदक के लिए पांच बार और 130 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 19,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया
एकत्रित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने बुलंदशहर के लोगों, विशेषकर भारी संख्या में उपस्थित माताओं और बहनों द्वारा दिखाए गए स्नेह और विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया। श्री मोदी ने 22 जनवरी को भगवान श्री राम के दर्शन और आज उत्तर प्रदेश के लोगों की उपस्थिति को अपनी खुशकिस्मती बताते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने रेलवे, हाईवे, पेट्रोलियम पाइपलाइन, पानी, सीवेज, मेडिकल कॉलेज और औद्योगिक टाउनशिप जैसे क्षेत्रों में आज 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के लिए बुलंदशहर और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने यमुना और राम गंगा नदियों के स्वच्छता अभियान से जुड़ी परियोजनाओं के उद्घाटन का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र ने देश को कल्याण सिंह जैसा सपूत दिया है, जिन्होंने अपना जीवन राम काज और राष्ट्र काज दोनों के लिए समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि देश ने श्री कल्याण सिंह और उनके जैसे लोगों का अयोध्या धाम का सपना पूरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”एक मजबूत राष्ट्र और सच्चे सामाजिक न्याय के उनके सपने को साकार करने के लिए हमें और गति हासिल करनी होगी।”
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समापन पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्र प्रतिष्ठा’को प्राथमिकता देने और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर जोर दिया। श्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित भारत में बदलने के सरकार के संकल्प पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमें देव से देश और राम से राष्ट्र के मार्ग को आगे बढ़ाना चाहिए।” उच्च लक्ष्यों को पूरा करने के बारे में, प्रधानमंत्री ने सबका प्रयास की भावना के साथ आवश्यक संसाधनों को इकट्ठा करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, विज्ञान, शिक्षा, उद्योग और उद्यम के क्षेत्रों को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए कहा, “विकसित भारत के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश का तेज गति से विकास जरूरी है।” उन्होंने कहा, “आज का अवसर इस दिशा में एक बड़ा कदम है।”
प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद के भारत में विकास के क्षेत्रीय असंतुलन का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने ‘शासक’मानसिकता, और पूर्व में सत्ता की खातिर सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने की की आलोचना की, जिसके परिणामस्वरूप राज्य और देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी। प्रधानमंत्री ने सवाल किया, “अगर देश का सबसे बड़ा राज्य कमजोर था, तो देश कैसे मजबूत हो सकता था?”
उत्तर प्रदेश में 2017 मेंडबल इंजन की सरकार के गठन के साथ, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य ने पुरानी चुनौतियों से निपटने के नए तरीके खोजे हैं और आर्थिक विकास को गति प्रदान की है और आज का अवसर सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल के विकास का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत में दो रक्षा गलियारों में से एक के विकास और कई नए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक एक्सप्रेसवे के माध्यम से यूपी के सभी हिस्सों में कनेक्टिविटी बढ़ाने, पहली नमो भारत ट्रेन परियोजना की शुरुआत, कई शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी और राज्य को पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल गलियारों का केन्द्र बनाने पर सरकार विशेष रूप से जोर दे रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “ये विकास परियोजनाएं आने वाली सदियों तक प्रभावशाली रहेंगी।”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के पूरा होने से इस क्षेत्र को नई ताकत और उड़ान मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”सरकार के प्रयासों से आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश देश में प्रमुख रोजगार प्रदाता क्षेत्रों में से एक बन रहा है।”प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार 4 विश्वस्तरीय औद्योगिक स्मार्ट शहरों पर काम कर रही है। इनमें से एक शहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में है, प्रधानमंत्री ने आज इस महत्वपूर्ण टाउनशिप का उद्घाटन किया। इससे क्षेत्र के उद्योग और लघु एवं कुटीर व्यवसायों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टाउनशिप कृषि आधारित उद्योग के लिए नए रास्ते खोलेगी और स्थानीय किसानों और श्रमिकों को अत्यधिक लाभ प्रदान करेगी।
पहले के समय में कनेक्टिविटी की कमी के कारण कृषि पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका समाधान नए हवाई अड्डे और नए समर्पित माल गलियारे में देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी और मंडी में उपज बिकने के बाद सीधे किसानों के खाते में त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए डबल इंजन सरकार की सराहना की। इसी तरह, इथेनॉल पर ध्यान देना गन्ना किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है।
श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “किसानों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने भारतीय किसानों के लिए कम लागत वाले उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाने का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि भारत के बाहर यूरिया का एक थैला जिसकी कीमत 3,000 रुपये है, किसानों को 300 रुपये से भी कम कीमत में उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नैनो यूरिया के निर्माण के बारे में भी बात की, जिसकी एक छोटी बोतल उर्वरक की एक बोरी के बराबर काम करती है। इससे खपत कम और पैसे की बचत होती है। श्री मोदी ने बताया कि सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में 2.75 लाख करोड़ रुपये भेजे हैं।
प्रधानमंत्री ने कृषि और कृषि-अर्थव्यवस्था में किसानों के योगदान को रेखांकित करते हुए, सहकारी समितियों के दायरे के निरंतर विस्तार का उल्लेख किया। उन्होंने छोटे किसानों को मजबूत करने के उपायों के रूप में पीएसी, सहकारी समितियों और एफपीओ को गिनाया। बिक्री-खरीद, ऋण, खाद्य प्रसंस्करण या निर्यात के लिए सहकारी संस्थाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्री मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण संबंधी योजनाओं का भी जिक्र किया जिसके तहत पूरे देश में कोल्ड स्टोरेज का नेटवर्क बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को दोहराया और इस तथ्य को रेखांकित किया कि नारी शक्ति इसका एक बड़ा माध्यम बन सकती है। उन्होंने नमो ड्रोन दीदी योजना का उल्लेख किया जहां महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “नमो ड्रोन दीदी भविष्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि के लिए एक बड़ी ताकत बनने जा रही है।”
छोटे किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु पिछले 10 वर्षों के दौरान शुरू की गई लोक कल्याण योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने करोड़ों पक्के मकानों, शौचालयों, नल के पानी के कनेक्शन, किसानों एवं मजदूरों के लिए पेंशन सुविधाओं, पीएम फसल बीमा योजना जिसके तहत फसल बर्बाद होने की स्थिति में किसानों को 1.5 लाख करोड़ रुपये दिए जाते हैं, मुफ्त राशन योजना और आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, “सरकार का प्रयास है कि कोई भी लाभार्थी सरकारी योजना से वंचित न रहे और इसके लिए मोदी की गारंटी वाहन हर गांव तक पहुंच रहे हैं और उत्तर प्रदेश में भी लाखों लोगों का नामांकन कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह मोदी की गारंटी है कि हर नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। आज देश मोदी की गारंटी को किसी भी गारंटी के पूरा होने की गारंटी मानता है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हम यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि सरकारी योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे। इसीलिए मोदी संतृप्ति की गारंटी दे रहा है। मोदी शत प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने पर जोर दे रहा है।” इससे भेदभाव या भ्रष्टाचार की कोई भी संभावना नहीं रह जाती है। उन्होंने कहा, “यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय है।” उन्होंने कहा कि किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं के सपने हर समाज में एक जैसे होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के वास्तविक प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया।
अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरे लिए आप ही मेरा परिवार हैं। आपका सपना ही मेरा संकल्प है।” उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि देश के सामान्य परिवारों के सशक्तिकरण ही मोदी की संपत्ति बनी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि चाहे गांव हों, गरीब हों, युवा हों, महिलाएं हों या किसान हों, सभी को सशक्त बनाने का अभियान जारी रहेगा।
इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक और भारत के केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मालगाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर न्यू खुर्जा-न्यू रेवाड़ी के बीच 173 किलोमीटर लंबी डबल लाइन विद्युतीकृत खंड को राष्ट्र को समर्पित किया। यह नया डीएफसी खंड काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पश्चिमी और पूर्वी डीएफसी के बीच अहम संपर्क स्थापित करता है। इसके अलावा, यह खंड इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए भी जाना जाता है। इसमें ‘उच्च विद्युतीकरण के साथ एक किलोमीटर लंबी डबल लाइन रेल सुरंग’ है, जो दुनिया में अपनी तरह की पहली सुरंग है। इस सुरंग को डबल-स्टैक कंटेनर ट्रेनों को निर्बाध रूप से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मालगाड़ियां अब इस नए डीएफसी ट्रैक पर चलेंगी जिससे यात्री ट्रेनों के संचालन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने मथुरा-पलवल खंड और चिपियाना बुजुर्ग-दादरी खंड को जोड़ने वाली चौथी लाइन भी राष्ट्र को समर्पित की। ये नई लाइनें राष्ट्रीय राजधानी की दक्षिणी पश्चिमी और पूर्वी भारत तक रेल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी।
प्रधानमंत्री ने कई सड़क विकास परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में अलीगढ़ से भदवास फोर-लेन कार्य पैकेज-1 (एनएच-34 के अलीगढ़-कानपुर खंड का हिस्सा); शामली (एनएच-709ए) के माध्यम से मेरठ से करनाल सीमा का चौड़ीकरण; और एनएच-709 एडी पैकेज-II के शामली-मुजफ्फरनगर खंड को चार लेन का बनाना शामिल हैं। 5000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से विकसित ये सड़क परियोजनाएं कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी और क्षेत्र में आर्थिक विकास में मदद करेंगी।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल की टूंडला-गवारिया पाइपलाइन का भी उद्घाटन किया। करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह 255 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन परियोजना तय समय से काफी पहले पूरी हो गई है। यह पाइपलाइन परियोजना मथुरा और टूंडला में पंपिंग सुविधाओं और टूंडला, लखनऊ और कानपुर में डिलीवरी सुविधाओं के साथ बरौनी-कानपुर पाइपलाइन के टूंडला से गवारिया टी-पॉइंट तक पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को ‘ग्रेटर नोएडा में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप’ (आईआईटीजीएन) भी समर्पित किया। इसे पीएम-गतिशक्ति के तहत बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप विकसित किया गया है। इस परियोजना पर 1,714 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह परियोजना 747 एकड़ में फैली हुई है। यह दक्षिण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और पूर्व में दिल्ली-हावड़ा ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के साथ पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल गलियारों के चौराहे के पास स्थित है। आईआईटीजीएन का रणनीतिक स्थान अद्वितीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है क्योंकि मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए अन्य बुनियादी ढांचे जैसे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (5 किमी), यमुना एक्सप्रेसवे (10 किमी), दिल्ली एयरपोर्ट (60 किमी), जेवर एयरपोर्ट (40 किमी), अजायबपुर रेलवे स्टेशन (0.5 किमी) और न्यू दादरी डीएफसीसी स्टेशन (10 किमी) इस परियोजना के आसपास मौजूद हैं। यह परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक विकास, आर्थिक समृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग 460 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण सहित पुनर्निर्मित मथुरा सीवरेज योजना का उद्घाटन किया। इस कार्य में मसानी में 30 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, ट्रांस यमुना में मौजूदा 30 एमएलडी और मसानी में 6.8 एमएलडी एसटीपी का पुनर्वास और 20 एमएलडी टीटीआरओ प्लांट (तृतीयक उपचार और रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट) का निर्माण शामिल है। उन्होंने मुरादाबाद (रामगंगा) सीवरेज प्रणाली और एसटीपी कार्यों (चरण I) का भी उद्घाटन किया। लगभग 330 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना में 58 एमएलडी एसटीपी, लगभग 264 किमी लंबा सीवरेज नेटवर्क और मुरादाबाद में रामगंगा नदी के प्रदूषण निवारण के लिए नौ सीवेज पंपिंग स्टेशन शामिल हैं।
युवा संगम (चरण- IV) में हिस्सा लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया गया
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच एक निरंतर और सुव्यवस्थित सांस्कृतिक जुड़ाव का विचार रखा था। इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए ईबीएसबीको 31 अक्टूबर, 2016 को लॉन्च किया था।
ईबीएसबी के तहत शुरू किया गया युवा संगम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020 से प्रेरित है और अनुभवात्मक शिक्षा व प्रत्यक्ष आधार पर भारत की समृद्ध विविधता के ज्ञान को आत्मसात करने पर ध्यान केंद्रित है।विविधता का उत्सव मनाने पर केंद्रित यह एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान है, जिसमें प्रतिभागियों को जीवन के विविध पहलुओं, प्राकृतिक भू-आकृतियों, विकास संबंधित वहालिया उपलब्धियों और मेजबान राज्य के युवाओं से जुड़ने का व्यापक अनुभव प्राप्त होता है। युवा संगम के चौथे चरण के लिए पूरे भारत में 22 प्रतिष्ठित संस्थानों की पहचान की गई है। युवा संगम-IV के दौरान इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिभागीक्रमशः राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के नोडल एचईआई के नेतृत्व मेंअपने जोड़े वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश का दौरा करेंगे।
युवा संगम भारत सरकार की एक पहल है, जो ऑन-कैंपस और ऑफ-कैंपस छात्रों सहित युवाओं के लिए एक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश से दूसरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश तक शैक्षणिक-सह-सांस्कृतिक पर्यटन आयोजित करने पर केंद्रित है। इन दौरों के दौरान प्रतिभागियों कोपांच व्यापक क्षेत्रों- पर्यटन, परंपरा, प्रगति, परस्पर संपर्क और प्रौद्योगिकी के तहत बहुआयामी एक्सपोजर प्रदान किया जाता है।विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के युवा 5-7 दिनों (यात्रा के दिनों को छोड़कर) के लिए अपने समकक्षों से मिलेंगे।इस दौरान उन्हें राज्य के विभिन्न पहलुओं का गहन अनुभव होगा और स्थानीय युवाओं के साथ बातचीत करने व उनके साथ गहराई से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
ईबीएसबी के प्रतिभागी मंत्रालय/विभाग/एजेंसी ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के उदाहरण हैं। इनमें शिक्षा, गृह, संस्कृति, पर्यटन, युवा कार्यक्रम व खेल, सूचना व प्रसारण मंत्रालय और रेल मंत्रालय के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास विभाग शामिल हैं।इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए हर एक प्रतिभागी हितधारकों की अलग-अलग भूमिकाएं और जिम्मेदारियां हैं। इसके तहत प्रतिनिधियों का चयन और युवा संगम दौरों का संपूर्ण कार्यान्वयन नोडल उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) द्वारा किया जाता है,जो इस पहल को संचालित करता है।
युवा संगम के पिछले चरणों में युवाओं की ओर से अच्छी भागीदारी देखी गई है और तीन चरणों में क्रमशः 16767, 21380 तथा 29151 पंजीकरण हुए थे। युवा संगम को काशी तमिल संगमम् (केटीएस) के मॉडल पर सहयोगात्मक रूप से आयोजित किया गया और इसे भारत के सभी हिस्सों से व्यापक प्रतिक्रिया एवं भागीदारी प्राप्त हुई है। पूरे भारत में 2,870 से अधिक युवाओं ने युवा संगम के विभिन्न चरणों के तहत 69 दौरों में हिस्सा लिया है।इसने देश के युवाओं में स्वयंसेवा की भावना का संचार किया है और युवा संगम के प्रतिनिधियों ने एनईपी समारोह और जुलाई 2023 में दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम, आजादी का अमृत महोत्सव समारोह, मेरी माटी मेरा देश अभियान और राष्ट्र निर्माण की कई अन्य गतिविधियों में गहन योगदान दिया है।
गणतंत्र दिवस-2024 के अवसर पर पुलिस, अग्निशमन सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवा के 1132 कर्मियों को वीरता/सेवा पदक से सम्मानित किया गया
सरकार ने हाल के वर्षों में विभिन्न पुरस्कारों की संपूर्ण पुरस्कार व्यवस्था प्रणाली को तर्कसंगत बनाने और इसमें बदलाव लाने के लिए कई पहल की हैं। इस संबंध में, सोलह वीरता/सेवा पदकों (पुलिस, अग्निशमन सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवा के लिए) को तर्कसंगत बनाया गया है और निम्नलिखित चार पदकों में शामिल कर दिया गया है:
- वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी)
- वीरता पदक (जीएम)
- विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम)
- सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम)
हाल ही में पदकों के पुनर्गठन के बाद, पुलिस, अग्निशमन सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवा के कुल 1132 कर्मियों को गणतंत्र दिवस, 2024 के अवसर पर वीरता/सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। विवरण इस प्रकार है: –
वीरता पदक – पुलिस सेवा
पदकों के नाम
|
प्रदान किये गये पदकों की संख्या |
वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी) | 02 |
वीरता पदक (जीएम) | 275 |
वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी) और वीरता के लिए पदक (जीएम) क्रमशः जीवन और संपत्ति को बचाने, या अपराध को रोकने अथवा अपराधियों को गिरफ्तार करने में अदम्य साहसपूर्ण वीरता कार्य और वीरता के विशिष्ट कार्य के आधार पर प्रदान किए जाते हैं, जिससे संबंधित अधिकारी के दायित्वों और कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए होने वाले जोखिम का अनुमान लगाया जाता है।
277 वीरता पुरस्कारों में से अधिकांश में, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के 119 कर्मियों, जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के 133 कर्मियों और अन्य क्षेत्रों के 25 कर्मियों को उनकी वीरतापूर्ण कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है।
वीरता पदक प्राप्त करने वाले कर्मियों में से बीएसएफ कर्मियों को 02 पीएमजी बुटेम्बो में मोरक्कन रैपिड डिप्लॉयमेंट बटालियन (एमओआरडीबी) कैंप में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (मोनुस्को) में 15वें सदस्य के रूप में बीएसएफ के कांगो दल के तौर पर संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन के हिस्से के अंग के रूप में शांति स्थापना के प्रतिष्ठित कार्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किए गए हैं।
277 वीरता पदकों में से, 275 जीएम जम्मू-कश्मीर पुलिस के 72 कर्मियों, महाराष्ट्र के 18 कर्मियों, छत्तीसगढ़ के 26 कर्मियों, झारखंड के 23 कर्मियों, ओडिशा के 15 कर्मियों, दिल्ली के 08 कर्मियों, सीआरपीएफ के 65 कर्मियों, एसएसबी के 21 कर्मियों और शेष अन्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और सीएपीएफ के सुरक्षा कर्मियों को प्रदान किए गए हैं।
विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) और सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम)
विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) सेवा में विशेष विशिष्ट रिकॉर्ड के लिए प्रदान किया जाता है और सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) संसाधन और कर्तव्य के प्रति समर्पण की विशेष सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।
विशिष्ट सेवा के लिए 102 राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) में से 94 पुलिस सेवा को, 04 अग्निशमन सेवा को और 04 नागरिक सुरक्षा एवं होम गार्ड सेवा को प्रदान किए गए हैं। सराहनीय सेवा (एमएसएम) के लिए 753 पदकों में से 667 पुलिस सेवा को, 32 अग्निशमन सेवा को, 27 नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड सेवा को और 27 सुधार सेवा को प्रदान किए गए हैं।
प्रदान किए गए पदकों का सेवा-वार विवरण
पदक का नाम | पुलिस सेवा
|
अग्निशामक सेवा | नागरिक सुरक्षा एवं होम गार्ड सेवा | सुधारात्मक सेवा |
विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) ( कुल दिए गए पदक: 102 ) | 94 | 04 | 04 | — |
सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम)
( कुल दिए गए पदक: 753 )
|
667 | 32 | 27 | 27 |
कुल |
761 |
36 |
31 |
27 |
पुरस्कार विजेताओं की सूची का विवरण नीचे दिया गया है:
क्रमांक | विषय
|
व्यक्तियों की संख्या | अनुलग्नक
|
1 | वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी) | 02 | सूची-1 |
2 | वीरता पदक (जीएम) | 275 | सूची-11 |
3 | विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) | 102 | सूची-III |
4 | सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम) | 753 | सूची– IV |
5 | पदक प्राप्तकर्ताओं की राज्यवार/बलवार सूची | सूची के अनुसार | सूची- V |
“वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरुर डालेंगे हम” विषय पर निबंध एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज द्वारा 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 की थीम “वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरुर डालेंगे हम” विषय पर राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी एवं इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब की प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में निबंध प्रतियोगिता तथा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन कर शपथ एवं रैली का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा ने छात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए, यही मजबूत लोकतंत्र की नींव है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सेल्फ फाइनेंस की डायरेक्टर प्रो वंदना निगम, भूगोल विभाग से डॉक्टर अंजना श्रीवास्तव एवं श्वेता गोंड, हिंदी विभाग से डॉ मंजुला श्रीवास्तव, रसायन शास्त्र विभाग से डॉ अंजली शुक्ला, कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत महाविद्यालय की समस्त छात्राओं का योगदान सराहनीय रहा।
Read More »एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में श्रीराम जी का सांकेतिक पदार्पण
भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में श्रीराम जी का सांकेतिक पदार्पण किया गया जिसमें राम सीता और लक्ष्मण के रूप में महाविद्यालय की शारीरिक शिक्षा विभाग की छात्राओं ने अद्वितीय छवि दिखाते हुए श्री राम सीता मैया और श्री लक्ष्मण जी के रूप में महाविद्यालय सभागार में प्रवेश किया। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कानपुर खो खो संघ सचिव एवं रोटरी क्लब के क्रीड़ा विभाग के अध्यक्ष अजय शंकर दीक्षित द्वारा किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया साथी उन्हें एक रामायण उपहार के रूप में भेद करते हुए उनका स्वागत और अभिनंदन किया। सभी आगंतुकों ने राम सीता लक्ष्मण जी की आरती उतारी तदुपरांत उनके ऊपर फूलों की वर्षा की गई और सभी ने ईश्वर के रूप को अपने हृदय में उतारा। अजय ने छात्राओं को श्री राम के द्वारा किए गए त्याग और समर्पण के साथ-साथ उनके पुरुषोत्तम होने की विशेषताओं और व्यक्तित्व गुडों को अपनाने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने बताया पूरे कार्यक्रम को संचालित और आयोजन शारीरिक शिक्षा विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर प्रीति पांडे के द्वारा किया गया महाविद्यालय में सभी शिक्षिका, छात्राएं एवं शिक्षक कर्मचारियों ने कार्यक्रमों में कार्यक्रम में सहभागिता की ।
Read More »प्रधानमंत्री आज लाल किले में पराक्रम दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे
प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान भारत पर्व का भी शुभारंभ करेंगे, जो 23 से 31 जनवरी तक चलेगा। यह गणतंत्र दिवस झांकी और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के साथ देश की समृद्ध विविधता को दिखाएगा। इसमें 26 मंत्रालयों और विभागों के प्रयास शामिल होंगे। इसमें नागरिक केंद्रित पहलों पर प्रकाश डाला जाएगा, वोकल फॉर लोकल, विविध पर्यटक आकर्षण को विशिष्ट रूप से दिखाया जाएगा। यह लाल किले के सामने राम लीला मैदान और माधव दास पार्क में होगा।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत 1 करोड़ परिवारों को अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा मिलेगी
प्रधानमंत्री मोदी ने सूर्यवंशी भगवान श्री राम की प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर अपनी अयोध्या यात्रा के तुरंत बाद, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापित करने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” शुरू करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि सूर्य की ऊर्जा का उपयोग छत वाले प्रत्येक घर द्वारा अपने बिजली के बिल को कम करने और उन्हें अपनी बिजली की जरूरतों के लिए वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का लक्ष्य निम्न और मध्यम आय वाले व्यक्तियों को रूफटॉप सौर ऊर्जा की स्थापना के माध्यम से बिजली उपलब्ध करना है, साथ ही अतिरिक्त बिजली उत्पादन के लिए अतिरिक्त आय का अवसर उपलब्ध करना है।
प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि आवासीय क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बड़ी संख्या में रूफटॉप सौर ऊर्जा अपनाने को लेकर प्रेरित करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाना चाहिए। इस योजना अंतर्गत देश के 1 करोड़ परिवारों को अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आज अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा संकल्प और भी दृढ हुआ है कि भारत के लोगों के घर की छत पर उनका स्वयं का सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।
अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय यह लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों की छत पर रूफटॉप सोलर प्रणाली लगाने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” का शुभारंभ करेगी।
इससे न केवल गरीबों और मध्यम वर्ग के बिजली के बिल में कमी आएगी, बल्कि इससे भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया:
“सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।
अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” प्रारंभ करेगी।
इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।
तीर्थ से प्रगति तक: अयोध्यावासियों की नजरों में अयोध्या का कायाकल्प
अयोध्या के एक दुकान के मालिक राजेश कुमार गुप्ता ने राम मंदिर निर्माण के बाद समृद्धि की अपनी कहानी साझा की। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण से पहले उनके सामान की मांग न के बराबर थी और आय भी बहुत कम थी. हालाँकि, हाल के दिनों में, अयोध्या तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का केन्द्र बन गया, जिससे उनके सामान की मांग बढ़ गई और बाद में उनकी आय में वृद्धि देखने को मिली। श्री गुप्ता कहते हैं कि वह प्रतिदिन केवल ₹300-400 कमाते थे, लेकिन भव्य राम मंदिर की घोषणा के बाद उनकी आय प्रतिदिन ₹1000-1500 हो गई।
राजेश कुमार गुप्ता, स्थानीय दुकानदार
अयोध्या का कायाकल्प मंदिर परियोजना से भी आगे तक फैला हुआ है। जैसा कि अयोध्या निवासी श्री श्याम लाल दास ने बताया, अयोध्या स्वच्छता का प्रतीक बन गया है। श्री दास ने कहा, पहले के समय की तुलना में, अब, आप स्वयं चमचमाती साफ-सुथरी सड़कें और साफ-सुथरे कूड़ेदान देख सकते हैं, इसके लिए सतर्क अयोध्या नगर निगम कर्मचारियों को धन्यवाद”। वह गर्व से पास के सुलभ शौचालय परिसर की ओर भी इशारा करते हैं, जो बेहतर स्वच्छता के प्रति अयोध्या की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
पलटू दास अखाड़े के एक संत, श्री आर.के. नाथ योगी, पवित्र सरयू नदी पर घाटों के परिवर्तन का वर्णन करते हैं। उन्होंने कहा कि पहले अच्छे निर्मित घाट नहीं थे। लोगों को नदी तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन अब हालात बेहतर हो गए हैं और नदी के आसपास एक मजबूत बुनियादी ढांचा बनाया जा रहा है। आर.के. नाथ योगी ने भावुक होकर कहा, “यह स्थान अब स्वर्ग है।”
आर.के. नाथ योगी, पलटू दास अखाड़े के संत
जैसा कि शहर ऐतिहासिक उद्घाटन का गवाह बनने के लिए तैयार हो रहा है, ये साक्ष्य उस समुदाय की भावनाओं को प्रतिबिंबित करते हैं जिसने बेहद उत्साह से परिवर्तनों को अपनाया है। राम मंदिर केवल एक स्मारक या पूजा स्थल के रूप में नहीं, बल्कि अयोध्या और उसके लोगों की संयुक्त परिवर्तनकारी यात्रा के प्रतीक के रूप में खड़ा है।
भारत-किर्गिस्तान संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर हिमाचल प्रदेश में प्रारंभ
20 कर्मियों वाले भारतीय सेना के दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है और किर्गिस्तान दल में 20 कर्मियों का प्रतिनिधित्व स्कॉर्पियन ब्रिगेड द्वारा किया जाता है।
इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय-VII के अंतर्गत निर्मित क्षेत्र तथा पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद विरोधी और विशेष बलों के संचालन में अनुभवों एवं श्रेष्ठ व्यवहारों का आदान-प्रदान करना है। यह अभ्यास विशेष बल कौशल, प्रवेशन और निष्कर्षण की उन्नत तकनीकों को विकसित करने पर बल देगा।
यह अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद तथा चरमपंथ की साझी समस्याओं का समाधान करते हुए दोनों पक्षों को रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करेगा। इस अभ्यास से साझे सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के अतिरिक्त अत्याधुनिक स्वदेशी रक्षा उपकरणों की क्षमताओं को दिखाने का अवसर भी मिलेगा।