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प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। खेल विश्वविद्यालय लगभग 700 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किया जाएगा और सिंथेटिक हॉकी मैदान, फुटबॉल मैदान, बास्केटबॉल / वॉलीबॉल / हैंडबॉल / कबड्डी मैदान, लॉन टेनिस कोर्ट, जिमनैजियम हॉल, सिंथेटिक रनिंग स्टेडियम, स्विमिंग पूल, बहुउद्देशीय हॉल और एक साइकिलिंग वेलोड्रोम सहित आधुनिक और अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे से लैस होगा। इस विश्वविद्यालय में निशानेबाजी, स्क्वॉश, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, तीरंदाजी, कैनोइंग और कयाकिंग सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। विश्वविद्यालय में 540 महिला और 540 पुरुष खिलाड़ियों सहित 1080 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता होगी।

एक जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरठ और आसपास के इस क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को भी नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्ररक्षा के लिए सीमा पर बलिदान हों या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान, राष्ट्रभक्ति की अलख को इस क्षेत्र ने प्रज्ज्वलित रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारतीय इतिहास में मेरठ सिर्फ एक शहर नहीं बल्कि संस्कृति और शक्ति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।” स्वतंत्रता संग्रहालय, अमर जवान ज्योति और बाबा औघर नाथ जी के मंदिर की भावना को महसूस करने पर प्रधानमंत्री ने अपनी खुशी का इजहार किया।

प्रधानमंत्री ने मेरठ में सक्रिय रहे मेजर ध्यानचंद को याद किया। उन्होंने कहा कि मेरठ, देश की एक और महान संतान, मेजर ध्यान चंद जी की भी कर्मस्थली रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज मेरठ की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यान चंद जी को समर्पित की जा रहीहै।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य में लोकाचार में बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी अपना खेल खेलते थे, माफिया अपना खेल खेलते थे। उन्होंने उस दौर को याद करते हुए कहा कि पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे। उन्होंने पहले के समय की असुरक्षा और अराजकता को याद किया। हमारे मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि लोगों के घर जला दिए जाते थे और पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी। पहले की सरकारों के खेल का ही नतीजा था कि लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे। उन्होंने कहा कि अब योगी जी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है।पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं। इस बदलाव से बेटियों में पूरे देश का नाम रौशन करने का विश्वास पैदा हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा नए भारत का कर्णधार भी है, विस्तार भी है। युवा नए भारत का नियंता भी है, नेतृत्वकर्ता भी है। हमारे आज के युवाओं के पास प्राचीनता की विरासत भी है, आधुनिकता का बोध भी है। और इसलिए, जिधर युवा चलेगा उधर भारत चलेगा। और जिधर भारत चलेगा उधर ही अब दुनिया चलने वाली है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले कुछ वर्षों में, उनकी सरकार ने भारतीय खिलाड़ियों को चार उपकरण प्राप्त करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को चाहिए- संसाधन, खिलाड़ियों को चाहिए- ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधाएं, खिलाड़ियों को चाहिए- अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर, खिलाड़ियों को चाहिए- चयन में पारदर्शिता, हमारी सरकार ने बीते वर्षों में भारत के खिलाड़ियों को ये चार शस्त्र जरूर मिलें, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश में खेलों के लिए जरूरी है कि हमारे युवाओं में खेलों को लेकर विश्वास पैदा हो, खेल को अपना प्रॉफ़ेशन बनाने का हौसला बढ़े। यही मेरा संकल्प भी है, और सपना भी! मैं चाहता हूँ कि जिस तरह दूसरे प्रॉफ़ेशन्स हैं, वैसे ही हमारे युवा स्पोर्ट्स को भी देखें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार खेलों को रोजगार से जोड़ती है। लक्ष्य ओलंपिक पोडियम (टॉप्स) जैसी योजनाएं शीर्ष खिलाड़ियों को उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी सहायता प्रदान कर रही हैं। खेलो इंडिया अभियान बहुत जल्दी प्रतिभा को पहचान रहा है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने के लिए सभी समर्थन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ओलंपिक और पैरा-ओलंपिक में भारत का हालिया प्रदर्शन, खेल के मैदान में एक नए भारत के उदय का प्रमाण है। गांवों और छोटे शहरों में खेल के बुनियादी ढांचे के आगमन के साथ, इन शहरों से खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जो नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो रही है, उसमें भी खेल को प्राथमिकता दी गई है। स्पोर्ट्स को अब उसी श्रेणी में रखा गया है, जैसे साईंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई हो। पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब स्पोर्ट्स स्कूल में बाकायदा एक विषय होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पोर्टिंग इको-सिस्टम में शामिल स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्स प्रबंधन खेल लेखन, खेल मनोविज्ञान आदि नई संभावनाएं पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे समाज में विश्वास पैदा होता है कि खेलों की ओर बढ़ना सही फैसला है। उन्होंने कहा कि संसाधनों से खेल संस्कृति आकार लेती है और खेल विश्वविद्यालय इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा। मेरठ की खेल संस्कृति के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि शहर 100 से अधिक देशों में खेल के सामान का निर्यात करता है। प्रधानमंत्री ने उभरते खेल समूहों के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस तरह, मेरठ न केवल लोकल फॉर वोकल यानी स्थानीय के लिए मुखर है, बल्कि लोकल फॉर ग्लोबल यानी स्थानीय को वैश्विक में बदल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन वाली सरकार कई विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही है। उन्होंने गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, प्रयागराज में डॉ. राजेंद्र प्रसाद विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ में राज्य फोरेंसिक विज्ञान संस्थान, अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, सहारनपुर में मां शाकुंबरी विश्वविद्यालय और मेरठ में मेजर ध्यानचंद विश्वविद्यालय को सूचीबद्ध किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य स्पष्ट है। युवाओं को न केवल रोल मॉडल बनना चाहिए, बल्कि अपने रोल मॉडल को भी पहचानना चाहिए।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत 75 जिलों में 23 लाख से अधिक कागजात (घरौनी) दी जा चुकी हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत राज्य के किसानों के खाते में करोड़ों रुपये आ चुके हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान से राज्य के किसानों को भी फायदा हुआ है। इसी तरह उत्तर प्रदेश से 12 हजार करोड़ रुपये का एथेनॉल खरीदा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारों की भूमिका अभिभावक की तरह होती है। योग्यता होने पर बढ़ावा भी दे और गलती होने पर ये कहकर ना टाल दे कि लड़कों से गलती हो जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज योगी जी की सरकार, युवाओं की रिकॉर्ड सरकारी नियुक्तियां कर रही है। आईटीआई से ट्रेनिंग पाने वाले हजारों युवाओं को बड़ी कंपनियों में रोज़गार दिलवाया गया है। नेशनल अप्रेंटिसशिप योजना हो या फिर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, लाखों युवाओं को इसका लाभ दिया गया है। श्री मोदी ने कहा कि मेरठ गंगा एक्सप्रेसवे, रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम और मेट्रो से कनेक्टिविटी का हब भी बनता जा रहा है।

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‘काशी फ़िल्म महोत्सव’ की रंगारंग शुरुआत हुई

सदियों से अपनी समृद्ध परंपराओं और संस्कृति के लिए विख्यात रही नगरी काशी में इस सप्ताह तीन दिवसीय काशी फ़िल्म महोत्सव की शुरुआत के साथ एक नया अध्याय लिखा जाएगा।

ये महोत्सव न केवल हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और नृत्य की झलक दिखाएगा, बल्कि प्रसिद्ध दार्शनिक कवियों, लेखकों, संगीतकारों और बनारस घराने की यादों को भी ताजा करेगा।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से लोग इस अद्भुत शहर की संस्कृति को और करीब से जानेंगे।

उन्होंने कहा कि पुर्नोद्धार के बाद काशी विश्वनाथ धाम लोगों को समर्पित करके प्रधानमंत्री ने काशी के प्रति अपना स्नेह दिखाया। ये उनके बहुत से दूसरे प्रयासों में से ही एक था जैसे कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सुविधाएं और गरीबों के लिए विभिन्न योजनाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह के महोत्सव वाराणसी की सांस्कृतिक विरासत को और प्रदर्शित करेंगे।

मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने कहा कि प्रस्तावित फ़िल्म सिटी उनके जैसी नई और पुरानी प्रतिभाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी। बाद में उन्होंने अपने लाइव परफॉर्मेंस के जरिए संपूर्णानंद स्टेडियम में मौजूद जनता को खूब गुदगुदाया, वहीं प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने अपने गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी की प्रस्तुतियां भी इस महोत्सव को यादगार बनाएंगी। ये पहली बार है कि भगवान शिव की इस नगरी में इस तरह का फ़िल्म महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव का आयोजन फ़िल्म बंधु, उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।

वाराणसी के अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र में मनोज जोशी की प्रस्तुति भी आकर्षण का केंद्र रही।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर 28 दिसंबर को वाराणसी में काशी फ़िल्म महोत्सव के मुख्य अतिथि होंगे। इस दौरान सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक “वाराणसी – एक सांस्कृतिक, पौराणिक और ऐतिहासिक विरासत से एक आधुनिक शहर तक की यात्रा” विषय पर एक पैनल चर्चा का आयोजन किया जाएगा। दूसरे पैनल की चर्चा का विषय “संगीत और गीत – बनारस की विरासत” होगा जिसका समय दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 02 बजे तक होगा।

शाम 4 बजे समापन समारोह के साथ ही सब्सिडी का भी वितरण किया जाएगा। गुरुवार शाम को मशहूर फ़िल्म स्टार हेमा मालिनी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी। ये कार्यक्रम वाराणसी के अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र में ही होगा।

29 दिसंबर को “फ़िल्म निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र और क्षेत्रीय सिनेमा की संभावना के तौर पर उत्तर प्रदेश” विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी। और शाम को काशी में गायक रवि त्रिपाठी तथा अभिनेता रवि किशन की पेशकश के साथ इस पहले फ़िल्म महोत्सव का समापन होगा।

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समर्थनारी संगठ द्वारा संजय वन में नववर्ष के साथ नयी चेतना जागृत हुई

कानपुर 4 जनवरी, संजय वन में नववर्ष के साथ नयी चेतना भी जागृत हुई। समर्थनारी संगठक की कानपुर अध्यक्ष रेनू चतुर्वेदी जी ने 3 जनवरी को स्व.सावित्रीबाई फुले जी की जयंती में अपने संगठन की प्रमुख महिलाओं के साथ स्व०सावित्रीबाई फुले जी के जयन्ती पर उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनीषा रोहतगी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नीरा सिन्हा वर्षा जी के साथ सावित्रीबाई फूले जैसी महान भारत की शक्शियत जिन्होंने नारी शिक्षा,की दिशा मे विद्यालय उस समय खुलवाये जब स्त्री को शिक्षा और दलित को शिक्षा अपराध मानते थे शिक्षा सिर्फ उच्च जाति के पुरुषों की धरोहर मानी जाती थी।आपने 19वीं सदी मे अशिक्षा, सतिप्रथा, छूआछूत,बाल और विधवा विवाह, जैसी कुरीतियों पर आवाज़ उठाने वाली भारत की पहली महिला थी।साथ ही नीरा जी ने समस्त महिलाओं को जागरूक करते हुवे कहा की न हम दहेज लेगे न हम दहेज़ देगें।क्योंकि दहेज जहाँ वायलेंस वहां । वहीं कोविड 19 के चलते कई परिवार बेरोजगार हो गये उनको परिवार की सहयोगी स्वरोजगार निर्मित होने की राह दी।
बैठक में उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मनीषा शुक्ला जी,शिक्षा संयोजिका डा०नीना श्रीवास्तव जी ,कानपुर अध्यक्ष रेनू चतुर्वेदी जी,डा०श्वेता श्रीवास्तव गुप्ता जी काउंसलर और फिजिकल ट्रेनर,इकबाल कौर महाराजपुर विधानसभा संयोजिका ,तृप्ति शुक्ला दक्षिण विधानसभा संयोजिका,रोटी से रोजगार की कानपुर संयोजिका अर्चना गुप्ता जी,अनुराधा श्रीवास्तव जी,और नीलम मैसी मिश्रा जी,पूजा जायसवाल जी बैठक में मौजूद रहीं।
बैठक में अमृत वर्ष पर भी चर्चा हुई और स्थाना दिवस की तैयारी पर चर्चा हुई।साथ ही आनेवाले मकरसंक्रान्ति त्यौहार पर संगठन की बहनो के साथ पुराने वस्त्र वितरण ,और खिचडी भोजन करने जैसे धार्मिक कार्यों को बल दिया।कल्याण मंत्र के साथ बैठक सम्पन्न हुई

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15 वर्ष से 18 वर्ष की आयु वाले युवाओं को जनपद के 24 सेंटरों पर वैक्सीनेशन

 भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 3 जनवरी, आज से 15 वर्ष से 18 वर्ष की आयु वाले युवाओं को जनपद के 24 सेंटरों पर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जिसके दृष्टिगत जिलाधिकारी द्वारा उर्सला अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण किया।जिलाधिकारी ने बताया कि आज से 15 से 18 वर्ष की आयु के युवाओं का वैक्सिनेशन किया जा रहा है। जिसके लिए जनपद में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के 24 वैक्सीनेशन सेंटरों में वैक्सीनेशन किया जा रहा। जनपद के समस्त विद्यालयों के प्राचार्यो के साथ पूर्व में बैठक कर उनके विद्यालयों में पढ़ने वाले 15 से 18 वर्ष की आयु के छात्र/ छात्राओं की सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ऑनसाइट भी वैक्सीनेशन सेंटर बनाकर बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा सके। जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करें । सभी लोग मास्क की अनिवार्यता का पालन सुनिश्चित करें। सैनेटाइजर का प्रयोग करें ।किसी भी प्रकार का लक्षण प्रदर्शित होने पर स्वास्थ्य टीम से संपर्क कर अपनी जांच अवश्य कराएं। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नेपाल सिंह उपस्थित रहे।

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ख्वाहिशों के दौर में सुकून कहां

भारतीय स्वरूप 3 january, वक़्त बहुत तेज़ी से भाग रहा है और हम सब वक़्त के साथ भाग रहे है ,अपनी अपनी आकांक्षाओं के पीछे।
ये बात इश्क़ की हो, मोह की हो,या कोई दुनियावी लगाव,या हो सकता है कोई ख़ास इच्छा जिसको पाने के लिए हम सब पल पल मर रहे होते ख़ुवाईशो के इस दौर में ,कौन है ? जो आज ख़ुशी से रह पा रहा है।सुकून से जी पा रहा है।इतनी भागदौड़ करने के बाद भी सन्तोष ..तो कहीं भी नहीं नज़र नही आता। जैसे बाज़ार तो लगा हुआ हैअभिलाषाओं का, ख़ुवाईशो का ,आकांक्षाओं का..मगर उन्हें ख़रीद पाना..हर किसी के बस मे नहीं। जो होता है हमारे पास,उसकी क़दर नहीं ,कुछ और ,कहीं और ,ख़ुशी ढूँढने में लगे हैं सभी। दोस्तों !अगर कुछ और मिल भी जाये तो भी ख़ुवाईशे कहाँ ख़त्म होगी।हम सब रोज़ देख ही रहे हैं अपने आसपास।बहुत कुछ टूटा बहुत कुछ रूठा बहुत मिले ..बहुत गये .,बहुत बिछड़े भी ,इस गुजरते हुये सालों मे।वक़्त ने करवट ली और बहुतो के घर बने और बहुतों के उजड़ भी गये वक़्त है साहेब बदलेगा भी। हर हाल मे हमे मुस्कुराना है ..हर पल हमे ज़िन्दादिली से निभाना है।दोस्तों नया साल ,नया आग़ाज़ होगा, नया अंदाज़ होगा ,हर हाल मे ख़ुश रहने का नया अंदाज़ अपनाना होगा ,हर बात मे शुक्र करे क्यूँकि बहुत लोग तरसते है वो जीवन जीने के लिए,जो आप जी रहे है ..
दुनिया की कोई भी ताक़त आप को परेशान नही कर सकती ।किसी को खोने का दर्द ,किसी चीज़ को न पा सकने का गम।अगर दिल से ये दर्द ही निकल जाये तो यक़ीनन ज़िन्दगी बहुत ख़ुशनुमा हो सकती है बहुत कुछ हालात हमने ही खुद अपने लिए चुने होते है
दुख या डिप्रेशन के अहसास को अपनी इजाज़त के बग़ैर,अपने दिल मे कभी भी न पनपने दे .. “दिल “आप के बस मे हो ,न की “आप “दिल के बस मे हो ..कभी कभी दिल बहुत तकलीफ़ में होता है और तकलीफ़ देने वाला भी कोई और नही हमारे ही दिल मे होता है।वो कोई भी हो सकता है हमारे हालात ,हमारी खुवाईशे हमारी कमज़ोरियाँ ,हमारी खुद की आदतें।वो सब चीजे जो हमे तंग करती है उनमे से आप खुद ही,खुद को बाहर निकाल सकते है दूसरा और कोई नही।
दोस्तों कभी कभी खुद से बात किया करें अपने आप से भी हमें माफ़ी माँगनी चाहिए क्योंकि हम ही अक्सर खुद अपना दिल दुखा देते हैं किसी और को ख़ुश करते करते।कई रिश्तों को निभाते निभाते हम खुद ही टूट रहे होते है ।तो क्या बेहतर नही उन रिश्तों का टूट जाना,जिनसे आप अन्दर ही अन्दर टूट रहे होते है।
ख़ुद के लिये हम ही ऐसे हालात पैदा कर लेते हैं जिसकी वजह से हम अपनी ख़ुशी के मालिक हम न रह कर ..दूसरे के हाथों में दे देते हैं और फिर कोई भी हमारे लिये सजाये मुक़र्रर कर देता है। हमारी हंसी ,हमारी गमी ,दूसरों के व्यावहार पर निर्धारित हो जाती
है।ये कोई और नहीं करता हम ख़ुद ही उसे ऐसा करने की इजाज़त देते हैं।
आने वाले नये वर्ष में विचारे और सोचे कि आप को क्या करना है ।छोटी छोटी बातों के लिये उदास या डिप्रेशन मे जाना है या इक फ़ौजी की तरह हर हालात मे आगे बढ़ना है अपने दिल और दिमाग मे जो अव्यवस्था या हलचल है उसे परखे उसे शान्त करे या बाहर निकाल फेंके ।खुद मे नई ऊर्जा से भरीये।हँसिये हसांये..कुछ नये संकल्प ,कुछ नये लक्ष्य, कुछ नया ,कुछ अलग से जिससे आप भी सकून से रहे और दूसरे भी।हर समस्या का हल हमारे ही पास है आज नये साल मे हम सब को अपनी नाकारातमक ऊर्जाओं को सकारात्मक ऊर्जाओं मे बदलना है अपनी सकारात्मक ऊर्जा सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड मे भेजनी है यही इस वक़्त सारे विश्व के कल्याण के लिये आवश्यक है नये वर्ष की ढेरों शुभ कामनाओं के साथ आप की अपनी दोस्त 🙏 स्मिता

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राज्यपाल आनंदीबेन द्वारा जिला कारागार में महिला बन्दियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गर्मशाल, गर्म वस्त्र, पुस्तकें खिलौने, फल, चिप्स, चाकलेट, बिस्कुट वितरित

कानपुर 29 दिसम्बर, 2021(सू0वि0) महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में जिला कारागार में महिला बन्दियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गरमशाल, गरम वस्त्र, पुस्तकें खिलौने, फल, चिप्स, चाकलेट, बिस्कुट इत्यादि का वितरण किया गया। इस अवसर पर महिला बन्दियों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि यह हमारे जो बच्चें है जिन्होंने कोई काम नही किया है फिर भी जो सजा भुगत रहे है। उनकी शिक्षा व पढाई के लिये पर्याप्त अवसर मिले इसी लिये यह कार्यक्रम किया गया है। सरकार ने बच्चों के शिक्षा के लिये पर्याप्त प्रबंध किया है। उन्होंने महिला बन्दियों का आवहन किया कि जेल में रहकर भी थोडा सा समय निकाल कर अपने बच्चों को अवश्य पढायें। उन्होंने कहा कि सभी महिला बन्दी समय को फिजूल की बातों में मत विताये। बच्चों को अच्छा संस्कार दीजिये। घर पर जो संस्कार मिलता है वह जेल में नही मिलता, ऐसा वातावरण बनाये जिससे बच्चे अच्छा संस्कार प्राप्त करके आगे बढे।
महामहिम राज्यपाल ने महिला बंदियो को नसीहत देते हुये कहा कि वह मन से बदला लेने की भावना निकाल दें। कोई ऐसा काम न करे जिससे फिर से उन्हें यहॉ न आना पडे, यह संकल्प ले कर जायें। उन्होंने कहा कि जेल में जो काम आप लोगो को सिखाया जाता है वह काम दिल लगाकर सीखे। उन्होंने कहा कि देश में पहले महिलाओं को घर से निकलने नही देते थे। सरकार ने महिलाओं के हित में ऐसी योजना बनायी कि आज महिलायें अपना घर का काम करके बाहर निकल कर भी पैसा कमा रही है। जो महिलाये पढ नही पायी है वे अपने बच्चों को आगे बढा रही है। उन्होंने कहा कि जेल में जो भी कार्य आपसे लिया जाता है उसे परिश्रम से सीखे ताकि घर जाने पर पॉच-दस हजार रुपये कमा सके। उन्होंने कहा कि महिला बंदियो एवं उनके बच्चों के लिये पॉच कम्प्यूटर सीखने के लिये दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिलाई मशीन व जेल में उपलब्ध संसाधनों से जो आप तैयार करोगे बिक्री होने पर आपकी धनराशि बैंक एकाउन्ट में जमा होती है। जेल से छूटने पर घर वापस जाने पर चेक मिलता है। उन्होंने महिला बंदियो से कहा कि वह सुबह प्रार्थना करे, शाम को भजन र्कीतन करे व बच्चों को अवश्य पढाये। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिये सेवा का अवसर है। सरकार द्वारा समाज में जागृति लाने के लिये पूरा प्रयास किया जा रहा है। पिंक बूथों के माध्यम से भी महिलाओं की सुरक्षा, स्वाभिमान की रक्षा की जा रही है। उन्होंने इस मौके पर चीफ बालंटियर डा0 सोहेब अहसन द्वारा महिला बंदियो एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गरम वस्त्र एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराने में बधाई देते हुये प्रसन्शा की। उन्होंने इस मौके पर महिला बन्दियो के बच्चों को दुलारा व पुचकारा भी।
इस मौके पर उन्होंने महिला बैरक जिला करागार में महिला बंदी हेतु पुनर्वास कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रयोगशाला कम्प्यूटर कक्ष का उद्घाटन किया। उन्होंने कम्प्यूटर प्रशिक्षण ले रही प्रिया सिंह एवं वेदिका से उनकी पढाई एवं प्रशिक्षण संबंधित आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने आगे पढते रहने के लिये प्रेरित किया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार, अपर जिलाधिकारी नगर श्री अतुल कुमार, जेल अधीक्षक कारागार श्री आर0के0 जायसवाल, उप महानिरीक्षक कारागार श्री शैलेन्द्र मैत्रेय, समाजसेवी डा0 सोहेबे अहसन आदि उपस्थित रहे।

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छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का 36वां दीक्षांत समारोह रंगारंग कार्यक्रम के साथ सम्पन्न

कानपुर 29 दिसम्बर (सू0वि0) छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का 36वां दीक्षांत समारोह राज्यपाल/कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में एवं मुख्य अतिथि  सांसद राज्यसभा डा0 सुधांशु त्रिवेदी तथा विशिष्ट अतिथि प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री नीलिमा कटियार की उपस्थित में सम्पन्न हुआ।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये मा0 राज्यपाल/कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर गर्व महसूस कर रही हूॅ। आपके इस विश्वविद्यालय को छत्रपति शाहू जी महाराज नाम दिया गया है, छत्रपति शाहू जी महाराज को इतिहास में सामाजिक विषमताओं के खिलाफ संघर्ष करने और समाज में सामाजिक समानता को स्थापित करने के लिये जाना जाता है। वह समाज उत्थान के लिये महिला शिक्षा के उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने पर विशेष जोर देते थे। उन्होंने इस अवसर पर उनको कोटि-कोटि प्रणाम करते हुये एवं उपाधि प्राप्त करने वाले एवं पदक विजेताओं, उनके शिक्षकों एवं अभिभावकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस दीक्षांत समारोह में दो लाख पैंतीस हजार दो सौ छप्पन विद्यार्थियों को उपाधियॉ प्रदान की जा रही है जिसमें एक लाख छब्बीस हजार आठ सौ पन्चानवें छात्राओं को उपाधियॉ दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटिया उच्च शिक्षा की ओर आगे बढ रही है, आज प्रत्येक क्षेत्र में हमारी बेटियों ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की है। समान अवसर मिलने पर हमारी बेटिया लडकों से आगे निकल चुकी है। इससे हमारे समाज में हो रहे परिर्वतन की झलक और नये भारत की तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि आज पचास प्रतिशत से भी ज्यादा मेडल लेकर आगे बढ रही है।
दीक्षांत समारोह में मा0 राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों एवं कालेजो में जो बालिकाये शिक्षा ग्रहण कर रही है उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये उनका हीमोग्लोबिन चेक कराना होगा। उन्होंने कहा कि हम एक ओर बालिकाओं को शिक्षित करें दूसरी ओर उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखें। भारत सरकार महिलाओं को दो डिलवरी तक पौष्टिक भोजन व आहार के लिये पॉच हजार रुपये देती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के साथ देश का भविष्य उज्जवल एवं सशक्त होना चाहिए तभी देश आगे बढेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के विषय में स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि जो शिक्षा साधारण व्यक्ति को जीवन संग्राम में समर्थ नही बना सकती जो मनुष्य में चरित्रबल व परहित भावना नही ला सकती वह भी कोई शिक्षा होती है, वास्तव में जिस शिक्षा के द्वारा जीवन में अपने पैरों पर खडा होना चाहता है वही शिक्षा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा के उद्देश्य में ऐसी ही परिकल्पना की गयी है, जिसमें कहा गया है कि शिक्षा से चरित्र निर्माण होना चाहिये, विद्यार्थियों में नैतिकता, तार्कितता, करुणा और संवेदनशीलता विकसित की जानी चाहिये और इसके साथ ही विद्यार्थियों को रोजगार के लिये सक्षम बनाना चाहिये। इसका उद्देश्य शिक्षा नीति में सुधार करना और छात्रों में मौलिक दायित्व एवं समाजिक मूल्यों एवं देश के साथ जुडाव होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अनुरुप कौशल विकास को शामिल कर इस दिशा में आगे बढ रहा है। विश्वविद्यालय नित नये अनुप्रयोगों के लिये प्रयत्नशील है। विश्वविद्यालय में शोद्य व नवाचार को बढावा दिया जा रहा है तथा श्री रमन लघु शोद्य परियोजना की शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्वरोजगार को बढावा देना बहुत महत्वपूर्ण हो रहा है। इस विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार परक बनाने के लिये इनोवेशन, स्टार्टअप हेतु प्रेरित करने के लिये एक सेन्टर की स्थापना की है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को सुलभ रोजगार के लिये केन्द्रीय पलेस्मेन्ट सेल की स्थापना की। उन्होंने कहा कि मुझे प्रशन्नता है कि विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक उत्थान एवं पुनर्वास में सक्रिय भूमिका का निर्वान्ह किया जा रहा है। इस दिशा में ग्रामीण अंचलो के आंगनबाडी केन्द्रों में सामग्री वितरित की है। विश्वविद्यालय द्वारा महिला ग्राम प्रधान को जागरुक करने के लिये कई प्रशिक्षण कार्यक्रम, सामाजिक कुरीतियों को हटाने के लिये आयोजित किये है। उन्होंने कहा कि हर प्रधान अपने गांव को टीवी मुक्त व कुपोषण मुक्त करने का कार्य करे।
इस अवसर पर मा0 राज्यपाल ने सर्वप्रथम मा0 सांसद राज्यसभा डा0 सुधांशु त्रिवेदी को डिलीट की मानद उपाधि प्रदान की इसके पश्चात उन्होंने विश्वविद्यालय की छात्र-छात्राओं को उपाधियॉ प्रदान की, जिसमें गुलिस्तानाज को विश्वविद्यालय के समस्त संकायों को सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के लिये कुलाधिपति स्वर्ण पदक, रजत पदक सहित पॉच पदक, इसिका सिंह, इसानी द्विवेदी एवं सायनावानों को कुलाधिपति कास्य पदक प्रदान किये। विश्वविद्यालय के चिकित्सा संकाय में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के लिये साक्षी त्रिपाठी, उच्चतर सामाजिक विज्ञान संकाय में अंकित कुमार को कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसी क्रम में उन्होंने विभिन्न संकायों के 47 छात्र-छात्राओं को विभिन्न पदक प्रदान किये। कार्यक्रम में कला संकाय के 27, विज्ञान संकाय के 06, वाणिज्य संकाय के 04, शिक्षा प्रशिक्षण संकाय के 04, जीव विज्ञान व कृषि संकाय के एक-एक, व्यवसाय एवं प्रबंधन संकाय के 02 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि कुलपति द्वारा प्रदान की गयी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि मा0 सांसद राज्यसभा डा0 सुधांशु त्रिवेदी ने संबोधित करते हुये कहा कि भारत की परम्परा में दीक्षा का महत्व शिक्षा के महत्व से अधिक है, शिक्षा तो निरन्तर प्राप्त की जा सकती है। शिक्षा आपके बुद्धि व मस्तिस्क का विकास करती है, जबकि दीक्षा आपकी चेतना का विकास करती है। इस अवसर पर राज्यमंत्री उच्च शिक्षा विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी श्रीमती नीलिमा कटियार ने अपने उद्बोधन में कहा कि वोकल फॉर लोकल के साथ छात्र छात्राओं को आगे बढ़ना चाहिए। जिन मूल्यों आदर्शों और परम्पराओं को पूरे विश्व ने स्वीकारा है, हमें उन्हें लेकर ही आगे बढ़ना है और भारत को विश्वगुरू के रूप में स्थापित करना है।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने नई शिक्षा नीति 2020 का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया। साथ ही उन्होंने बताया कि यहां पर 26 नए वोकेशनल कोर्स भी शुरू किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को राज्य सांसद सुधांशु त्रिवेदी द्वारा 50 लाख की धनराशि दी गई है उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेंटर के लिए सरकार द्वारा डेढ़ करोड़ की धनराशि दी गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि 30 टी.बी से ग्रसित बच्चों को गोद लिया है और उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी ली है।
विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 45 पीएचडी छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा उपाधि दी गयी जिसमें 25 छात्र (55.56प्रतिशत) तथा 20 (44.44 प्रतिशत) छात्राएं हैं। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों में स्थित परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया । कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा कुल 86 पदक 55 छात्र-छात्राओं को दिए गए। पदक पाने वालों में 19 छात्र(34.55प्रतिशत) और 36 छात्राएं (65.45प्रतिशत) हैं।
विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं के अंकतालिका, प्रमाणपत्र, उपाधि पत्र, माइग्रेशन प्रमाणपत्र इत्यादि को डिजिटली सुरक्षित रखने के लिए “डिजिलॉकर” एप को भी लांच किया गया। इस सुविधा का उपयोग करते हुए छात्र-छात्राएं अपने विविध डॉक्यूमेंट्स को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकेगें। इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने अपने पहले प्रकाशन के रूप में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अधिकांश व्यक्तियों का परिचय करवाने वाली एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक में विगत 3 वर्षाे के विजेताओं के बारे में जानकारी संकलित की गई।
दीक्षांत समारोह में सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक रहेगा। इस ऐप के लिए वि.वि. कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक द्वारा छात्रों को 20 हजार की धनराशि दी गई थी, जिसके लिए छात्रों ने कुलपति महोदया को धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सीडीसी डॉ0 आर0के0 द्विवेदी, पी0एस0 चौधरी (वित्त अधिकारी), प्रो0 संजय कुमार स्वर्णकार, कुलसचिव डॉ0 अनिल यादव, प्रो0 सुधीर अवस्थी, प्रो0 नंदलाल, प्रो0सुधांशु पांडिया, डॉ0राशि अग्रवाल, सहायक मीडिया प्रभारी विवेक सचान, प्रो0सुविज्ञा अवस्थी, डॉ0 जितेंद्र डबराल, सुरक्षा प्रभारी डॉ0 आर0पी0सिंह, डॉ0प्रवीन कटियार, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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भूतपर्व सैनिक के आश्रितों/शहीद सैनिकों की वीर नारियों को कम्प्यूटर फैशन डिजाइंनिग प्रशिक्षण वित्तीय वर्ष 2021-2022 में निःशुल्क संचालित किया जाएगा

कानपुर  24 दिसम्बर, (सू0वि0) जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी, कर्नल बी0एस0 शुक्ला के अनुसार, निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, उ0प्र0, लखनऊ के माध्यम से जनपद- कानपुर नगर के भूतपर्व सैनिक के आश्रितों/शहीद सैनिकों की वीर नारियों को कम्प्यूटर फैशन डिजाइंनिग प्रशिक्षण वित्तीय वर्ष 2021-2022 में निःशुल्क संचालित किया जाना है। कृपया इच्छुक पूर्व सैनिक आश्रितों/शहीद सैनिकों की वीर नारियों को यह अवगत कराना है कि प्रशिक्षण हेतु अपना नाम जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय, कानपर नगर मे माह जनवरी 10 तक अपना नाम दर्ज कराने की कृपा करें।

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कानपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट के निदेशक मण्डल की बैठक में नागरिकों को अच्छी सुविधायें व प्रदूषणमुक्त वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से सुझाव दिए गए

कानपुर 24 दिसंबर, मण्डलायुक्त, कानपुर मण्डल, की अध्यक्षता में कानपुर सिटी ट्रान्सपोर्ट के निदेशक मण्डल की 14वीं बैठक में कानपुर शहर के नागरिकों को अच्छी सुविधायें व प्रदूषणमुक्त वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से निम्नलिखित बिन्दुओं पर निर्णय लिया गया, जिसमे जिलाधिकारी, कानपुर, नगर आयुक्त, नगर निगम, कानपुर के अतिरिक्त अपर नगर आयुक्त, कानपुर, सम्भागीय परिवहन अधिकारी, सचिव, केडीए व प्रबन्ध निदेशक, केसीटीएसएल द्वारा भी प्रतिभाग किया गया-

1. कानपुर शहर के नागरिकों को इन बसों में “QR आधारित स्मार्ट कार्ड मन्थ्ली पास (मासिक पास)” के माध्यम से यात्रा करने की सुविधा जल्द ही प्रारम्भ की जाएगाी, जिसमे दैनिक यात्रा करने पर जो किराया दिया जाता है उससे भी रियायती दरों पर मासिक यात्रा किया जाना सम्भव होगा।
विद्यार्थियों और श्रमिकों को बड़ी सहायता मिलेगी।

2. आम नागरिकों को चार्टर्ड दरो पर निजी आवश्यकताओं हेतु बसों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्णय लिया गया।

3. इलेक्ट्रिक बसों को जीपीएस बेस्ड बनाते हुए यात्रियों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण एवं बस आवागमन की सही जानकारी देने हेतु केसीटीएसएल की बसों हेतु टोल फ्री आधारित कण्ट्रोल रूम की स्थापना का निर्णय लिया गया।

4. यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए एवं बस स्टेशन इत्यादि के विकास हेतु “यात्री सुविधा निधि” विकसित करने के लिए बैठक में निर्णय लिया गया।

5. ३६ पुरानी बसों को नीलाम करने के लिए भी निर्णय लिये गये।

6. बैठक के दौरान निदेशक मण्डल को अवगत कराया गया कि केसीटीएसएल के लिए बेहतर स्लोगन प्राप्त करने हेतु एवं सुगम यातायात, पर्यावरण संरक्षण के साथ 2030 में कानपुर शहर की धारणा पर अवधारित दिनांक 25.12.2021 को अटल घाट पर प्रातः 10ः00-12ः00 बजे के मध्य चित्रकारी हेतु आयोजित प्रतियोगिता से अवगत कराया गया जिस पर निदेशक मण्डल द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गयी और सफल आयोजन की शुभकामनायें भी दी गयी।

7. निदेशक मण्डल को अवगत कराया गया कि केसीटीएसएल के लिए लोगो बनाये जाने की प्रतियोगिता हेतु दैनिक जागरण एवं टाइम्स ऑफ इण्डिया समाचार पत्रों में दिनांक 10.12.2021 को विज्ञापन प्रकाशित कराया जा चुका है। इस प्रतियोगिता की अन्तिम तिथि 05.01.2022 है तथा सफल प्रतियोगी को धनराशि रू0 11,000.00 से पुरस्कृत किया जाएगा।

8. निदेशक मण्डल द्वारा प्रबन्धक(संचालन/विषय विशेषज्ञ) की नियुक्ति के उपरान्त कोरोना काल के बाद संचालन प्रतिफलों की समीक्षा करने पर प्रतिफलों में सुधार पाये जाने पर (जून में 85 लाख प्रति माह से November में 1.20 करोड़ प्रति माह) प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मार्च 2022 तक लक्षित प्रतिफलों को प्राप्त करने हेतु निर्देशित किया गया।

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क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज में वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव ‘अभिव्यक्ति’ आयोजित

 

कानपुर 24 दिसंबर, क्राइस्ट चर्च डिग्री कॉलेज में वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव ‘अभिव्यक्ति’ के समापन दिवस पर नृत्य एवं गायन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ ।सांस्कृतिक परिषद की संयोजिका डॉ विभा दीक्षित ने जीवन में ललित कलाओं का महत्व बताते हुए निर्णायक मंडल में उपस्थित डॉ राजेश्वरी ढौंडियाल , डॉ वंदना देबोराय , रवि जी एवं कार्यवाहक प्रधानाचार्य डॉ आशुतोष सक्सेना का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया। नृत्य एवं गायन प्रतियोगिताप का आयोजन डॉ विभा दीक्षित, डॉ अपराजिता शुक्ला , डॉ मीतकमल, डॉक्टर शालिनी कपूर के निर्देशन में हुआ। आलोक कमल व आयुषी पाठक ने सभी को अपनी खास पेशकश से ऊर्जा से भर दिया दिया। नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर जूही सिंह रही, द्वितीय स्थान पर स्वीकृति एवम आंशिका शुक्ला, तीसरे स्थान पर विवेक पॉल व खुशी मल्होत्रा एवम सांत्वना पुरस्कार राखी पॉल व अर्चना सिंह रहे । गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कशिश तिवारी द्वितीय स्थान पर शेरोन यादव व पीटर एवं तृतीय स्थान फ़राज़ अहमद व गौरव मिश्र एवम सांत्वना पुरस्कार ऋषभ पांडे व सौम्य बैनर्जी को मिला। प्रतियोगिताओं में 42 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और कत्थक ,भांगड़ा ,बंगाली, पहाड़ी ,हरियाणवी नृत्य के माध्यम से अपना हुनर दिखाया।कार्यक्रम का संचालन राईना एवं सहस्रांशु, अभिषेक एवं विकास , नमन एवं वेदांत ने किया। प्रतियोगिता में छात्र प्रतिनिधि इश्तिका कुशवाहा, उदित कुमार वर्मा, ख़ुशी होटवानी , नबा खान उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन अनन्य चौधरी द्वारा दी गयी ।

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