डी जी कॉलेज में व्याख्यानमाला के अंतर्गत “बिहेवियरल अप्रोच इन सोशल साइंसेज” विषय पर व्याख्यान अयोजित
कानपुर 29 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज, कानपुर के तथा भूगोल विभाग तथा मनोविज्ञान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही व्याख्यानमाला के अंतर्गत आज दिनांक 29 अप्रैल, 2023 को “बिहेवियरल अप्रोच इन सोशल साइंसेज” विषय पर एक व्याख्यान प्रो. जावेद हसन खान, सीनियर प्रोफेसर, भूगोल विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के द्वारा दिया गया। उन्होंने अपने व्याख्यान में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि व्यवहारवाद, सीखने का एक सिद्धांत है जो बताता है कि सभी व्यवहारों को कंडीशनिंग नामक प्रक्रिया के द्वारा मानव-पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों के माध्यम से सीखा जाता है। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा जी ने दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रो जाबिर हसन खान के द्वारा अनुसंधान एवं अकादमिक कार्यों के उन्नयन हेतु किए जा रहे प्रयास एवं उनके बौद्धिक व सामाजिक सोच निश्चित ही भूगोल विषय तथा समाज को एक नई दिशा प्रदान करेगी।
कार्यक्रम का संयोजन भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता सिरोही, धन्यवाद प्रस्ताव मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुषमा शर्मा व संचालन डॉ अंजना श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समस्त प्रवक्ताये, डॉ शशि बाला सिंह, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, डॉ वंदना द्विवेदी, डॉ श्वेता गोंड़, डी ए वी कॉलेज से प्रो. अस्थाना, कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत सभी शोधार्थियों व छात्राओं की उपस्थिति सराहनीय रहा।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम के दौरान द्वारा 24 अप्रैल 2023 को संयुक्त प्रगति (समावेशी विकास) अभियान का शुभारंभ करेंगे
भारत अगस्त, 2023 तक आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) मना रहा है। इस अवसर को उत्साहपूर्वक मनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न विषयों पर आधारित कई कार्यक्रम/अभियान आयोजित किए जा रहे हैं, इस पहल में राज्य सरकारों और आम जनता का सहयोग भी लिया जा रहा है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत एक मूल विषय संयुक्त प्रगति (समावेशी विकास) रखा गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) इस पहल के लिए अग्रणी मंत्रालय की भूमिका निभा रहा है, जिसमें भारत सरकार के चार अन्य सहायक मंत्रालयों/विभागों की भी सहायता ली जा रही है। इस विषय के तहत नौ अभियानों में से पांच ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन हैं, (i) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत समग्र आवास, (ii) जिला स्तर पर वित्तीय साक्षरता, (iii) ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना और (iv) स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) नेटवर्क में पात्र ग्रामीण महिलाओं का सामाजिक जुड़ाव, (v) महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत नदी के किनारों पर वृक्षारोपण अभियान।
इनके अलावा, सहयोगी मंत्रालयों/विभागों द्वारा चार अन्य अभियानों का संचालन किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं (i) स्वस्थ महिला-समृद्ध समाज (एसएमएसएस)- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, (ii) आकांक्षी जिलों में पशुधन जागृति अभियान गहन जागरूकता अभियान-पशुपालन एवं डेयरी विभाग, (iii) सवामित्व, मेरी संपत्ति, मेरा हक- पंचायती राज मंत्रालय तथा (iv) प्राकृतिक खेती के साथ स्वयं सहायता समूह महिला अभियान – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय।
संयुक्त प्रगति विषयवस्तु के तहत, स्वीकृत अभियानों का चयन उन्नत प्रभाव मूल्य और उच्च जन-भागीदारी क्षमता पर केंद्रित है। इन अभियानों को “पूरे सामाजिक दृष्टिकोण” के साथ तैयार किया गया है, जिससे अभियानों के लाभार्थियों तक शत प्रतिशत पहुंच सुनिश्चित हो जाती है। पूरे अभियान को “समावेशी विकास” कहा गया है, जो अपनी बुनियाद को “अभिसरण” और “अंतिम छोर तक पहुंचने” की अवधारणा में निहित करता है, इसका लक्ष्य सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों, जिलों तथा ग्राम पंचायतों के माध्यम से योजनाबद्ध कार्यक्रम आयोजित करना है, जिसमें चयनित अभियानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कार्यक्रम में शामिल हो रहे सभी मंत्रालयों/विभागों द्वारा रोजगार सृजन, स्वास्थ्य, सामाजिक समावेशन, सामाजिक सुरक्षा और आजीविका सृजन के क्षेत्र में प्रयास किये जा रहे हैं।
इन अभियानों की प्रगति को देखने और इनकी निगरानी करने की दृष्टि से https://akam-samveshivikaas.nic.in नाम से एक वेबसाइट तैयार की गई है, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा 24 अप्रैल, 2023 को मध्य प्रदेश के रीवा में एक समारोह में पंचायती राज दिवस के दिन राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च करने का प्रस्ताव किया गया है। यह जीवंत और सक्रिय वेबसाइट समग्री विकास अभियानों के तहत विभिन्न गतिविधियों की वास्तविक समय पर उनकी स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करेगी और प्रमुख प्रदर्शन संकेतक, आयोजनों का कैलेंडर, कार्यक्रम से संबंधित तस्वीरें एवं वीडियो, अखबार की कतरनें तथा जनता की राय को भी संदर्भ में इस्तेमाल करेगी। वेबसाइट तकनीकी उपकरणों के माध्यम से विभाग को रिपोर्ट तैयार करने और अभियानों की प्रगति का आकलन तथा निगरानी करने में सक्षम बनाएगी।
जनभागीदारी और लोक सहभागिता के दस्तावेज़ीकरण को सुनिश्चित करने के लिए “समावेशी विकास” नामक एक सरल तथा उपयोगकर्ता के अनुकूल मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। इसके माध्यम से, आम जनता इन अभियानों पर तस्वीरों के साथ इन अभियानों के प्रभाव एवं लाभों के बारे में अपने अनुभव व राय/फीडबैक साझा कर सकती है।
अलग-अलग अभियानों के बारे में संक्षिप्त सी जानकारी:
(1) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना–ग्रामीण के तहत समग्र आवास–अभिसरण: इस अभियान में, पहले से स्वीकृत 2.50 करोड़ से अधिक के अतिरिक्त भी 45 लाख प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना-ग्रामीण घरों की मंजूरी सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही बिजली, एलपीजी, पानी प्रदान करने वाली योजनाओं के साथ कार्यक्रम के तहत प्रदान किए जा रहे लाभों की पूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना-ग्रामीण घरों में नल से जल का कनेक्शन और शौचालय उपलब्ध होगा। यह अभियान अप्रैल, 2023 में शुरू हो रहा है और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
(2) जिला स्तर पर वित्तीय साक्षरता: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वित्तीय जागरूकता उत्पन्न करना है और विभिन्न बैंकिंग एवं वित्तीय सेवाओं तथा सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पहुंच बढ़ाना है। यह अभियान 500 जिलों में चलाया जाएगा और 2 करोड़ स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण देने तथा जागरूकता बढ़ाने की उम्मीद है। ग्राम-स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 2.5 करोड़ स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और 3 करोड़ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत नामांकित किया जाएगा। इस अभियान की अवधि के दौरान, वित्तीय जागरूकता, सेवा वितरण एवं बुनियादी शिकायतों के निवारण के उद्देश्य से एक ही स्थान पर समाधान उपलब्ध कराने के लिए राज्यों में 750 सक्षम केंद्र स्थापित किए जाएंगे। यह अभियान 11 जनवरी, 2023 से शुरू हो चुका है और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
(3) ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लेन–देन को बढ़ावा देना: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूह सदस्यों और उनके परिवारों के बीच लेनदेन के विभिन्न डिजिटल तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करना तथा उनकी पहुंच का विस्तार करना है। 3 करोड़ लेनदेन के साथ 50,000 ग्राम पंचायतों में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा और 20,000 स्वयं सहायता समूह सदस्यों को व्यवसाय प्रतिनिधि सखी / डिजीपे सखी / पेपॉइंट के रूप में सेवा देने लिए लगाया जाएगा। इसके अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर भी जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। यह अभियान 1 फरवरी, 2023 से शुरू हुआ और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
(4) स्वयं सहायता समूह नेटवर्क में पात्र ग्रामीण महिलाओं का सामाजिक जुड़ाव: इस अभियान का उद्देश्य पात्र ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह नेटवर्क में शामिल होने के लिए प्रेरित करना है। पात्र स्वयं सहायता समूह को वीओ (ग्राम संगठनों) में जोड़ना, पात्र ग्राम संगठनों को क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) में लाना और पात्र स्वयं सहायता समूह को पूंजी का सहयोग उपलब्ध कराना इसका एक लक्ष्य है। इस अभियान का मकसद वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक कुल 10 करोड़ ग्रामीण परिवारों को जोड़ना है। इसका उद्देश्य सभी कमजोर एवं सीमांत ग्रामीण परिवारों को स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत लाना और सरकार की इस पहल के माध्यम से प्रदान किए गए लाभों को आकर्षित कराना है। उम्मीद है कि इस अवधि के दौरान 20 लाख छूटे हुए परिवारों को इससे जोड़ा जाएगा और 60,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह तैयार किये जाएंगे।
(5) नदी तटों पर वृक्षारोपण अभियान: इस अभियान के तहत नदी तटों पर महात्मा गांधी नरेगा कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। इसकी कार्य अवधि के दौरान, नदी के किनारों पर लगभग 20,000 किलोमीटर के दायरे में करीब 4 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। अभियान 1 मार्च, 2023 को शुरू हुआ था और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
(6) स्वस्थ महिला समृद्ध समाज: इस अभियान का नेतृत्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएएंडएफडब्ल्यू) कर रहा है, जो ‘बेहतर स्वास्थ्य’ को एक जन आंदोलन बनाने के लिए गांवों में महिला स्वयं सहायता समूह के बीच क्रेडिट-प्लस गतिविधि के रूप में स्वास्थ्य को बढ़ावा दे रहा है और यह महिलाओं में कैंसर की रोकथाम तथा नियंत्रण पर जोर देने के उद्देश्य से- स्तन कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर की जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अभियान की अवधि के दौरान, देश भर में कार्यान्वित स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र पर पीआरआई/एनआरएलएम इकाइयों द्वारा 10 लाख कैंसर जांच/जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। यह भी उम्मीद है कि 2.5 करोड़ महिलाओं की स्तन कैंसर तथा सर्वाइकल कैंसर के लिए जांच की जाएगी (25 सर्वाइकल कैंसर के लिए व 25 स्तन कैंसर के लिए प्रति शिविर * 10 लाख कैंप) और आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों में महिलाओं की देखभाल में अभियान अवधि के अंत तक कुल आठ करोड़ लोगों की उपस्थिति दर्ज होगी। यह अभियान 14 जनवरी, 2023 को शुरू हुआ और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
(7) स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के साथ प्राकृतिक खेती: इस अभियान का नेतृत्व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएंडएफडब्ल्यू) कर रहा है। इस अभियान में मिट्टी के स्वास्थ्य की बहाली सुनिश्चित करना, जिसमें जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए वायुमंडलीय कार्बन पर नियंत्रण, खेत तथा स्थानीय इकोसिस्टम के स्तर पर जैव विविधता के नुकसान को कम करना और दुर्लभ कृषि संसाधनों को बनाए रखना / पुनर्चक्रण करना शामिल है। अभियान अवधि के दौरान, कम से कम 10 महिला किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन / सहायता देना (एक एफपीओ में न्यूनतम दस की सदस्यता है, जो सदस्यों की उपलब्धता के आधार पर 2000 तक जा सकती है) और साथ ही राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवसों पर विशेष अभियान आयोजित करना सुनिश्चित किया जायेगा। लगभग 440 (प्रगतिशील महिला किसानों/एफपीओ/आरसी/एसएचजी के सदस्यों तथा एनआरएलएम/एसआरएलएम/महिला कृषि-उद्यमियों की कृषि सखियों) को शामिल करते हुए एक जागरूकता अभियान पहले ही आयोजित किया जा चुका है। यह अभियान 11 फरवरी 2023 से शुरू हुआ और अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
(8) पशुधन जागृति अभियान– आकांक्षी जिलों में गहन जागरूकता: इस अभियान का नेतृत्व पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीओएएचएंडडी) द्वारा किया जा रहा है। इस अभियान में उद्यमिता तथा विभाग की अन्य योजनाओं, रोग के वैज्ञानिक प्रबंधन एवं पशु स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने वाले आकांक्षी जिलों में लगभग 16,000 ग्राम-स्तरीय शिविरों का आयोजन करके देश भर के 112 सबसे कम विकसित जिलों को प्रभावी ढंग से बदलने का प्रयास किया जाएगा। सभी आकांक्षी जिलों में प्रति जिला दो पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे और प्रत्येक स्वास्थ्य शिविर में 100 किसान भाग लेंगे। वर्चुअल शिविरों को विभाग के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया जाएगा और राज्य एएच जिला संस्थान किसानों को पशु स्वास्थ्य शिविरों के लिए जुटाएंगे। इसके अलावा सभी आकांक्षी जिलों में 224 पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिससे लगभग 22,400 किसान लाभान्वित होंगे। अभियान 22 फरवरी, 2023 से शुरू हुआ था और यह अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा।
(9) स्वामित्व–मेरी संपत्ति, मेरा हक: यह अभियान पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के नेतृत्व में आयोजित हो रहा है। इस अभियान का उद्देश्य स्वामित्व योजना के तहत नवीनतम ड्रोन-आधारित सर्वेक्षण तकनीक के उपयोग से एक गांव के बसे हुए क्षेत्र (आबादी) में संपत्ति के मालिकों को ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’ प्रदान करना है। इसका लक्ष्य अगस्त 2023 तक स्वामित्व योजना के अंतर्गत 1.50 करोड़ “मालिकाना अधिकारों के रिकॉर्ड”/ संपत्ति कार्ड बनाना है। अभियान 18 अप्रैल, 2023 से शुरू हुआ और 30 जून, 2023 तक जारी रहेगा।
कानपुर समाचार
रावतपुर में शोहदै के हौसले बुलंद।
छेड़छाड़ का विरोध करने पर किया हमला।
रावतपुर में छेड़छाड़ का विरोध करने पर दबंगों ने एक युवक के सिर और गर्दन पर लोहे की रॉड से ताबड़तोड़ हमला कर दिया।
भाई को खून से लथपथ देख बहन के शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने हमलावरों को खदेड़ दिया।
रावतपुर थाने में दर्ज की गई हत्या के प्रयास समेत कई संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज।
बहन के साथ शोरूम से स्कूटी लेकर आ रहा था युवक।
रास्ते में दबंगों ने दोनों को घेरा।
घायल युवक का प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रहा है इलाज।
युवक आईसीयू में है भर्ती ।
पूरा मामला रावतपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत
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थाना रावतपुर क्षेत्र के अंतर्गत चिल्ड्रन केयर स्कूल के पास
कबाड़ीयो का दबदबा आने जाने वालों को होती है
दिक्कत आसपास के लोग करते हैं मना तो कबाड़ी दिखाते हैं दारू पीकर के अपनी दबंगई और लोगों पर
लिखवाते छेड़खानी और लूट का मुकदमा फुल रूप से रोड पर कर रखा है कब जा
जिसमें की एक कबाड़ी का लड़का है एसडीएम के यहां है
सफाई कर्मचारी एसडीएम के नाम पर फुल रूप से करता है दबंगई
Read More »नगर निगम महापौर पद हेतु बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती अर्चना निषाद ने नामांकन कराया
नगर निगम महापौर पद हेतु बहुजन समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी श्रीमती अर्चना निषाद ने नामांकन कराया।
Read More »मां से… मायका
मायके से लगाव ताउम्र रहता है। कहीं भी घूम आओ मगर जब तक मायके ना घूम आओ तब तक घूमना अधूरा रहता है। मैं भी मायके जाने के लिए उल्लासित थी। सोचा भाभी को खबर तो कर ही दूं आने की और फोन लगा दिया भाभी को।
मैं:- “भाभी मैं होली के बाद आने वाली हूं लेकिन अभी तारीख तय नहीं है।
भाभी:- “अए बच्ची होली यहीं मना लेती हमरे पास। आ जाओ ईहां।” भाभी बोली
मैं:- “होली में ही नहीं आ सकती, बच्चों के एग्जाम हैं उसके बाद ही आना हो पाएगा। बाद में तारीख बताती हूं आपको।” फोन रख कर मैं कैलेंडर देखने लगी कि कौन सी तारीख निश्चित करना उचित रहेगा।
मैं भी सोच रही थी कि बहुत समय हो गया है पीहर गये हुए। पहले कोविड में नहीं जा पाई फिर लॉकडाउन के चलते कैंसिल हो गया और अब व्यस्तता के कारण टलता जा रहा था मायके जाने का प्रोग्राम और वैसे भी बहुत मन लगा हुआ था कि एक बार घूम कर आ जाऊं वहां से। आखिरकार होली के बाद का प्रोग्राम बना ही लिया।
जाने की खुशी तो थी ही लेकिन सब से मिलने की उत्सुकता ज्यादा थी। कपड़ों की पैकिंग भी शुरू कर दी जबकि जाने में अभी एक हफ्ते का समय था। क्या ले जाना क्या नहीं, खरीदारी की लिस्ट, क्या खाना क्या बनवाना भाभियों से, कहाँ घूमना सब दिमाग में घूमने लगा। पूरे हफ्ते भर का प्लान दिमाग में सेट हो गया था। एक सवाल यह भी दिमाग में कौंध रहा था कि पहली बार घर पर मम्मी पापा नहीं होंगे तो पता नहीं कैसा माहौल होगा, कैसा लगता होगा घर बिना मम्मी पापा के, यह सोच कर ही मन भर आया। हालांकि भाभी से रोज बात करते हुए यह आभास हो गया था कि सब अपना सामान्य जीवन जी रहे हैं जैसा कि आमतौर पर सभी घरों में होते आया है।
खैर वो दिन भी आ ही गया जब घर की दहलीज पर पैर रखा। घर जरा बदला हुआ सा लगा। भैया जरा प्रौढ़ता ओढ़े हुये से दिखे। भाभी भी घर का दायित्व उठाती कुछ बड़ी सी नजर आईं। लेकिन फिर भी आंखे़ कुछ और ढूंढ रही थी। दरवाजे पर बाट जोहती मां नहीं दिखी, इंतजार करते पापा नहीं दिखे, पानी लाओ चाय बनाओ कहती आवाज नहीं सुनाई दी, बिट्टू थक गई होगी आओ बैठो कहीं सुनाई नहीं दे रहा था। यह भाव किसी पर इल्जाम नहीं बस मां की कमी अखर रही थी। नजर तलाश रही थी उसे जिससे मैं जोर से गले लग जाया करती थी और किसी की कमी तो कमी ही होती है जो उसके नहीं रहने पर ज्यादा महसूस होती है। इन भावों से मुझे भाभी ने उबार लिया जब उन्होंने मुझे गले लगाया और बोली, “रिशी बहुत राह दिखाती हो”। भाभी के गले लगने पर एहसास हुआ कि अभी मेरा मायका है और मेरा इंतजार भी।
घर को निहारते हुए दीवार पर लगी मम्मी पापा की तस्वीर को देखकर मन उदास हो गया। अभी कुछ समय पहले की बात थी कि हम साथ में बैठकर बातें करते थे, खाना खाते थे और आज उन्हें तस्वीर में देख रही हूं। हालांकि जीवन का सत्य है यही है पर स्वीकार मुश्किल से होता है।
मैं:- “भाभी सर में बहुत दर्द है, चाय पीनी है”।
भाभी:- ” हां! बन गई है बस लाई। एक दिन में आना मतलब भागदौड़ तो हो ही जाता है।”
मैं:- “हां! बहुत थक गई हूं”।
भाभी:- “और रिशी कहां कहां जाने का प्रोग्राम है तुम्हारा?”
मैं:- ” बस भाभी अपनी दौड़ तो वहीं तक है बाजार दौड़ेंगे, चाट खाएंगे” और हम दोनों हंस पड़ते हैं।
अगले दिन सुबह भाभी ने पूछा, “अच्छा रिशी क्या बना दूं तुम्हारे लिए?”
मैं:- “भाभी मुझे तो कढ़ी चावल, कटहल की सब्जी फरे और चाट खाना है और गुझिया भी। यहां आने वाली थी इसलिए मैंने गुझिया नहीं बनाई। मुझे आपके हाथ की खानी थी।”
भाभी;- “लो सबसे पहले गुजिया ही खाओ। बहुत अच्छी बनी है।” और भाभी मेरा मनपसंद खाना बनाने में लग गई।
दिनभर दौड़भाग के बाद रात में जब हम बैठे तब भाभी बोली, “तुम्हारा घर है ये, बेटियों को सोचना नहीं पड़ता मायके आने के लिए और मम्मी पापा नहीं हैं तो क्या हुआ हम तो हैं, हम तुम्हारा इंतजार करते हैं।” माहौल जरा सा बोझिल हो गया था।
एकबारगी एहसास हुआ कि मां की तरह दुलराने वाली भाभी है फिर सामान्य होकर हंसते हुए कहने लगी मैं,” कि आप इंतजार करते हो, बुलाते हो, इतना प्यार देते हो तभी तो दौड़ी हुई आ गई मैं।”
परिचितों से मिलते जुलते, बाजार में घूमते, खरीदी करते हुए समय कब निकल गया मालूम नहीं पड़ा और घर वापसी का समय आ गया।
मैं:; “चलो भाई अब फिर से घर की ओर और वही रूटीन।”
भाभी:- “हां! वह तो है ही मगर अब इतना समय नहीं लगाना। घर जल्दी आना।”
मैं:- “कोशिश रहेगी।” और हंस देती हूं।
विदा लेकर मैं घर वापसी के लिए रवाना हो गई।
स्त्रियां अपना मायका कभी नहीं भुला पाती चाहे वो बूढ़ी ही क्यों ना हो जायें। : प्रियंका वर्मा महेश्वरी
अरुणाचल प्रदेश में कल दो सौ चौवन 4जी मोबाइल टावर राष्ट्र को समर्पित किए गए
भारत सरकार ने इन्हीं प्रयासों के हिस्से के रूप में 2,675 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अरुणाचल प्रदेश में 3,721 से अधिक गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से 2,605, 4जी मोबाइल टावरों को स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की है।
ये 254, 4जी मोबाइल टावर 22 अप्रैल, 2023 को संचार, रेलवे तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा राष्ट्र को समर्पित किए जाएंगे। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू; संचार राज्य मंत्री श्री देवू सिंह चौहान और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू तथा केंद्र व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उनके साथ उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन समारोह राजधानी ईटानगर में राज्य विधान सभा परिसर में आयोजित किया जाएगा।
ये टावर बेहतरीन कनेक्टिविटी से अब तक वंचित रहे गांवों में 4जी सेवाएं प्रदान करेंगे, जिससे अरुणाचल के 336 गांवों को डिजिटल कनेक्टिविटी आसानी से मिलेगी। इन गांवों में कई ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जो आजादी के बाद से अब तक बिना कनेक्टिविटी के रहे हैं। उम्मीद है कि इस पहल से 70,000 से अधिक ग्राहक लाभान्वित होंगे और अपेक्षित डाटा उपयोग हर महीने 40 टीबी को पार कर सकता है।
विभिन्न योजनाओं एवं परियोजनाओं के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश के लिए हाई-स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी तक पहुंच सुनिश्चित की जा रही है, जैसे कि ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विस्तृत दूरसंचार विकास योजना (सीटीडीपी-एनईआर), ‘अरुणाचल प्रदेश के दूर-दराज के बिना डाटा कनेक्टिविटी वाले गांवों और असम के 2 जिलों में मोबाइल सेवाओं का प्रावधान’ तथा 4जी परिपूर्णता परियोजना।
भारत, देश भर में डिजिटल और मोबाइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने और देश के अंतिम छोर तक डिजिटल क्रांति तथा मोबाइल एवं डिजिटल सेवाओं के तेजी से प्रसार के माध्यम से आम नागरिकों को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है।
मानकों को ताक पर रखकर सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ कर रही कैब कम्पनी ओला
देश के लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है कैब कम्पनी ‘‘ओला’’
-मानकों को ताक पर रखकर सुरक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ कर रही ओला कैब कम्पनी
-बिना बीमा, बिना फिटनेश, बिना टैक्स जमा किये गाड़ियों पर की जा रही बुकिंग
-देशहित में अन्य कैब कम्पनियों की भी जाँच करने की जरूरत है
कानपुर 23 अप्रैल, भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने कहा, कानपुर महानगर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था की कमान जब से पुलिस उपायुक्त यातायात आई0 पी0 एस0 रवीना त्यागी ने संभाली है, तब से उनके द्वारा अनेक प्रयास किये गये हैं और अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। परिणामतः शहर की सड़कों पर चलने वाले वाहन सवारों को पहले की अपेक्षा बहुत राहत मिली है और शहर की सड़कों पर गुजरने वाले लोगों को काफी हद तक सुरक्षा का अहसाह हो रहा है। किन्तु शहरवासियों की ही नहीं अपितु कानपुर महानगर में आने वाले सभी व्यक्तियों की सुरक्षित यात्रा और उनकी सुरक्षा को लेकर किये जा रहे प्रयासों को देश की एक कैब कम्पनी ओला (ओ0 एल0 ए0) कमीशन के लालच में जमकर पलीता लगा रही है। ऐसे नजारे सामने आ चुके हैं जिनसे स्पष्ट है कि कैब कम्पनी ओला (ओ0 एल0 ए0) के द्वारा बुकिंग कर यात्रा करना सुरक्षित कतई नहीं माना जा सकता है और अपने कमीशन के लालच में यह कम्पनी लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है, इतना ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिये एक बड़ा खतरा साबित हो सकती है! बताते चलें कि ओला (ओ0 एल0 ए0) कैब कम्पनी से हुण्डई कम्पनी की एक कार नम्बर यू0पी0 78 एफ0 एन0 5980 सम्बद्ध है। कैब कम्पनी के अभिलेखों में इस गाड़ी को चलाने हेतु विजय कुमार नामक व्यक्ति अधिकृत है। दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कई महीनों से उपरोक्त कार, जी0-1 टी/17, अर्मापुर स्टेट कानपुर नगर के पते पर खड़ी है। इस गाड़ी का फिटनेश 16 जनवरी 2021 तक, टैक्स 31 दिसम्बर 2019 तक व इन्श्योरेन्स 15 जनवरी 2020 तक वैध है और उपरोक्त गाड़ी के नाम पर ओला (ओ0 एल0 ए0) कैब कम्पनी, लोगों को बुकिंग दे कर कमीशन के लालच में उनकी जानमाल की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है। ऐसे में आशंका है कि ऐसा ही अनेक मामलों में और भी हो सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि देश की अन्य कैब कम्पनियों में भी क्या ऐसा नहीं हो रहा होगा और लोगों की जानमाल की सुरक्षा के साथ अन्य कम्पनियों द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा होगा ?
लोगों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए और लोगों के साथ घटित हो सकने वाली वाली किसी भी तरह की अनहोनी को देखते हुए एवं ओला कैब कम्पनी के रीजनल सेल्स मैनेजर उप्र अंकुर त्रिपाठी व विधिक सलाहकार एडवोकेट संजय जायसवाल की मौजूदगी में थाना गुजैनी परिसर में जब ओला कैब कम्पनी के द्वारा निर्धारित किये गये सुरक्षा मानकों जैसे-कम्पनी से सम्बद्ध होने वाली गाड़ी का मेकअप, गाड़ी में लिखा जाने वाला विवरण (मालिक का नाम, ड्राईवर का नाम, हेल्पलाइन नम्बर आदि) ड्राईवर की ड्रेस, गाड़ी में लगने वाला सुरक्षात्मक बटन, प्रथम दृष्टया चिकित्सकीय बॉक्स, आग लगने केे दौरान बचाव हेतु रखा जाने वाला सिलेण्डर, उपभोक्ता द्वारा ओटीपी बताने के बाद वेरीफाई करने वाला ध्वनि सूचक यन्त्र, बुकिंग के अनुसार यात्रा का नियत किये गये मानचित्र पर ही यात्रा करवाना, गाड़ी की फिटनेश, टैक्स, इन्श्योरेन्स, चालक का चरित्र सत्यापन आदि जरूरी तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो अंकुर त्रिपाठी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टिगत सभी जरूरी मानक होने ही चाहिये, इसके अलावा समय-समय पर उनका भौतिक परीक्षण/सत्यापन भी ओला कैब कम्पनी की टीम द्वारा होना चाहिये।
तत्पश्चात ओला कैब एप के माध्यम से शुक्रवार को कई लोगों के मोबाइलों ओला एप के माध्यम से बुकिंग कर कई गाड़ियाँ, गुजैनी थाना के निकट कारगिल पेट्रोल पम्प की लोकेशन पर भौतिक परीक्षण/सत्यापन हेतु बुलवाईं और सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में गाड़ियों का भौतिक परीक्षण/सत्यापन श्री त्रिपाठी से करवाया तो पाया गया कि गाड़ियाँ सुरक्षा की दृष्टि के कतई फिट नहीं थीं, एक बुकिंग में जो चालक गाड़ी को लेकर आया था, वह अभिलेख पर दर्ज नहीं था, बल्कि उसके स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति चालक बना था।
ऐसे में इससे कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि ओला कैब कम्पनी से सम्बद्ध गाड़ियों की फिटनेश, बीमा, टैक्स, रजिस्ट्रेशन, डाईवर के चरित्र, ड्राईवर की वर्दी, सुरक्षा हेतु नियत मानकों की जाँच सहित अन्य बिन्दुओं पर ओला कैब कम्पनी कतई ध्यान नहीं दे रही है और अपने कमीशन के लालच में भोली भाली जनता की ही नहीं अपितु हर आम-औ-खास हर व्यक्ति की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है।
रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी की मानें तो ओला कैब कम्पनी देश के लोगों की सुरक्षा के साथ ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के साथ भारी खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने स्वयं देखा कि कैब कम्पनी में अटैच अनेेक गाड़ियां जो चलन में नहीं उनके एप दूसरी गाड़ियों में धड़ल्ले से प्रयोग किये जा रहे हैं और जो गाड़ियां चलने लायक ही नहीं हैं उनके द्वारा बुकिंग धड़ल्ले से की जा रही है।
ओला कम्पनी के रीजनल सेल्स मैनेजर अंकुर त्रिपाठी ने लिखित रूप में स्वीकार किया है कि ओला की गाड़ियों में यात्रा करना लोगों के लिये सुरक्षित नहीं है। उन्होंने यह तक लिख कर दिया है कि ओला कैब की गाड़ी से कोई भी अपराध हो सकता है, आतंकवादी हमला हो सकता है।
ऐसे में क्या कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस उपायुक्त यातायात रवीना त्यागी (आई0 पी0 एस0) व सभी राज्य सरकारों सहित भारत सरकार को इस बारे में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है, क्यों यह सिर्फ कानपुर महानगर के लोगों की ही नहीं बल्कि देश के सभी लोगों की जानमाल की सुरक्षा से जुड़ा गम्भीर विषय है ? ऐसे में जिम्मेदारों को चाहिये कि सिर्फ ओला कैब कम्पनी ही नहीं बल्कि सभी कैब कम्पनियों की जाँच गहनता से करवायें जिससे कि देश के लोगों की जानमाल की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को सबक मिल सके।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान 5.0 का शुभारंभ किया
उड़ान 5.0 की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- उड़ान का यह चरण, श्रेणी-2 (20-80 सीटों) और श्रेणी-3 (>80 सीटों) पर केंद्रित है।
- पहले चरण की 600 किमी की सीमा को समाप्त कर दिया गया है और उड़ान के मूल और गंतव्य के बीच की दूरी के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है।
- प्रदान की जाने वाली व्यावहारिक अंतर वित्तीय सहायता (वायबिलिटी गैप फंडिंग -वीजीएफ) को प्राथमिकता और गैर-प्राथमिकता वाले दोनों क्षेत्रों के लिए ऊपरी सीमा 600 किमी की दूरी पर निर्धारित की जायेगी, जबकि पहले ऊपरी सीमा 500 किमी थी।
- कोई पूर्व निर्धारित रूट पेश नहीं किया जाएगा। केवल एयरलाइंस द्वारा प्रस्तावित नेटवर्क और व्यक्तिगत रूट के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
- एयरलाइनों को एलओए जारी होने के 2 महीने बाद एक कार्य/व्यवसाय योजना प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें वे तकनीकी प्रस्ताव के समय अपनी विमान अधिग्रहण योजना/विमान की उपलब्धता, चालक दल, स्लॉट आदि प्रस्तुत करेंगे।
- एक रूट, एक एयरलाइन को एक से अधिक बार नहीं दिया जाएगा, चाहे वह अलग-अलग नेटवर्क में हो या एक ही नेटवर्क में।
- एक रूट पर एकाधिकार को रोकने के लिए, यदि चार लगातार तिमाहियों में औसत तिमाही पीएलएफ 75% से अधिक है, तो विशिष्टता वापस ले ली जाएगी।
- त्वरित संचालन को और प्रोत्साहित करने के लिए 4 महीने तक की देरी होने पर, प्रत्येक महीने के लिए प्रदर्शन गारंटी का 25% भुना लिया जाएगा।
- एयरलाइंस को रूट दिए जाने के 4 महीने के भीतर परिचालन शुरू करना होगा। पहले यह समय सीमा 6 महीने थी।
- हवाई अड्डों की एक सूची – जो संचालन के लिए तैयार हैं, या जल्द ही संचालन के लिए तैयार होंगे – को योजना में शामिल किया गया है, ताकि योजना के तहत मार्गों के त्वरित संचालन को सुविधाजनक बनाया जा सके।
- एक ऑपरेटर द्वारा रूट को दूसरे ऑपरेटर को दिए जाने से जुड़ी नवीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और इसे प्रोत्साहित किया गया है।
उड़ान 5.0 के लॉन्च के अवसर पर नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “उड़ान कई क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है, जो अब देश भर के स्थानों से अच्छी तरह से जुड़ गई हैं। योजना का यह नया और मजबूत संस्करण गति को बढ़ाएगा, नए मार्गों को जोड़ेगा और हमें निकट भविष्य में 1000 मार्गों तथा 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और जल हवाई अड्डों के संचालन के लक्ष्य के करीब लाएगा। अब उड़ेगा देश का हर आम नागरिक!”
उड़ान योजना ने हितधारकों के एक विविध समूह को लाभान्वित किया है। यात्रियों को हवाई संपर्क का लाभ मिला है, एयरलाइनों को क्षेत्रीय मार्गों के संचालन के लिए रियायतें मिली हैं, हवाई संपर्क से जुड़े नए क्षेत्रों को उनके आर्थिक विकास के लिए हवाई संपर्क का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिला है। किफायती और रियायती हवाई किराए पर आम आदमी हवाई यात्रा करे– इस बात से जुड़े प्रधानमंत्री के विजन की दिशा में यह एक और कदम है।
सेल-बीएसएल ने टेलीकम्युकेशंस कंसल्टैंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएल) के साथ समझौता ज्ञापन किया
सेल-बीएसएल ने टीसीआईएल की मदद से एक समर्पित 5जी नेटवर्क स्थापित करने की पहल करने वाला देश का पहला पीएसयू बनने की दिशा में कदम उठाया है, जिससे इस्पात निर्माण में 5जी/ आईटी/ दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग का मार्ग प्रशस्त होगा। इस्पात संयंत्र के अलावा, यह साझेदारी झारखंड में सेल खानों और कोयला खदानों, स्मार्ट शहरों आदि में नवीन समाधान प्रदान करने में भी उपयोगी साबित होगी। कार्यकारी निदेशक (आईटी और दूरसंचार) सुश्री अलका सेलोट ने कहा कि टीसीआईएल के पास सेल-बीएसएल के लिए 5जी/ आईटी/ दूरसंचार प्रौद्योगिकियों को प्रसारित करने, परीक्षण, स्थापना और रखरखाव के लिए टर्नकी समाधान प्रदान करने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता, अनुभव और संसाधन हैं।